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  • संसारहेॅ जिह पव्वइयाइँ {प॰च॰३६,१.८} कत्थ वि णाणाविह-रुक्ख-राइ $ णं महि-कुलवहुअहेॅ रोम-राइ घत्ता॒ {प॰च॰३६,१.९} तहेॅ दण्डयवणहेॅ $ अग्गऍ दीसइ जलवाहिणि णामें...
    ५८३ KB (४४,४२४ शब्द) - ०८:३४, ४ दिसम्बर २०१७
  • सञ्झ णं वेस आय $ णं रक्खसि रत्तारत्त जाय {प॰च॰८६,१६.४} वहलन्धयार पुणु ढुक्क राइ $ मसि-खप्परु विहिउ समत्थ (?) णाइँ {प॰च॰८६,१६.५} तहिॅ कालेॅ हणुउ तणु-पह-जियक्कु...
    ३९३ KB (३०,०२४ शब्द) - ०८:४०, ४ दिसम्बर २०१७