विकिपुस्तक:निर्णय लेना

विकिपुस्तक से

विकिपुस्तक पर निर्भीक होकर बदलाव करने की परंपरा है जिसके ज़रिये आपसी सहयोग और सहमति से पाठ्यपुस्तकें निर्मित की जा सकें। निर्णय लेने की प्रक्रिया में दो मूलभूत बातें हमेशा ध्यान में रखने योग्य हैं:

  1. विकिपुस्तक पाठ्य पुस्तकें निर्मित करने हेतु एक ऑनलाइन प्रकल्प है: - जिसमें यह अंतर्भूत है कि यहाँ पाठ्य पुस्तकें लिखने आयें हैं और इसके इतर लेखन यहाँ स्वीकार्य नहीं। यहाँ निबंध, राय, मौलिक रचनाएँ, विषयों पर शोधपरक अथवा मूल्यांकन परक विमर्श, तथ्यों का विश्लेषण अथवा संश्लेषण करके मौलिक शोध इत्यादि नहीं लिखा जा सकता और न ही जानकारी को गैर-क्रमबद्ध रूप से एकत्र मात्र कर देना उचित है। अतः सदैव ध्यातव्य है कि निर्णय लेने की चर्चा प्रक्रिया में आपकी राय से पाठ्य पुस्तक निर्माण के मूल उद्देश्य में क्या सकारात्मक सहायता मिलती है।
  2. हम यहाँ आपसी सहकार्य से पाठ्यपुस्तकें निर्मित करने के उद्देश्य से उपस्थित हैं: - हमारा उद्देश्य आपसी सहकार्य से पुस्तक निर्माण है और विकिपुस्तक यहाँ कार्य और योगदान करने वाले सदस्यों का समुदाय भी है। इस मूल उद्देश्य से भटकाव अथवा इसमें बाधा उत्पन्न करना, समुदाय के निर्णय में विश्वास न रखते हुए अपनी बात मनवाने हेतु कार्य बाधित करना अस्वीकार्य व्यवहार है। अतः निर्णय प्रक्रिया में लेते समय भी आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि सभ्यता के साथ और तार्किक रूप से अपनी राय रखें, साथ ही आपकी राय समुदाय के स्वस्थ माहौल को बनाए रखने या और बेहतर बनाने में सहायक है अथवा नहीं।

विकिपुस्तक पर किताबें लिखते समय यह बिलकुल स्वाभाविक है कि लेखक अपनी लिखी सामग्री के प्रति सुरक्षात्मक भावना रखें। अतः किसी की लिखे सामग्री को हटाना अथवा आपकी लिखित सामग्री में आगे किये जाने वाले बदलाव वापस (रिवर्ट) करना कोई सकारात्मक व्यवहार नहीं और न ही रिवर्ट आपके लिखित अवतरण को रखे जाने में कोई सहायक उपाय है। यदि आपको लगता है कि किसी अन्य द्वारा लिखित सामग्री पूर्वग्रहयुक्त अथवा संधिग्ध है, उसमें सुधार करके उसे बेहतर बनाएँ न कि उसे हटा मात्र देना विकल्प है।

उच्च प्रभाव वाले निर्णय[सम्पादन]

इनमें सदस्य समूह व्यवस्थापन, नीति निर्माण और स्थापित नीतियों में बदलाव और कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्य आते हैं, जैसे:

  • स्थापित नीतियों एवं दिशानिर्देशों में बदलाव, विस्तार अथवा नई नीतियाँ स्थापित करना, उन्हें सीमित करना इत्यादि।
  • किसी सदस्य को प्रबंधक, प्रशासक, तथा चेकयूज़र सदस्य समूह में शामिल करने का निर्णय।
  • किसी सदस्य को बॉट फ्लैग देना अथवा अंतरविकी आयातक सदस्य समूह में शामिल का निर्णय।
  • सदस्य समूहों के अधिकार और दायित्व क्षेत्र में बदलाव; अर्थात किसी सदस्य समूह का सदस्य क्या-क्या कर सकता है, इसमें बदलाव।
  • नये सदस्य समूह स्थापित करना अथवा किसी सदस्य समूह को हटाना।
  • प्रबंधकों/प्रशासकों को कुछ आवश्यक स्थानीय निर्णयों हेतु विवेकाधिकार प्रदान करना। इसमें मुख्य रूप से कुछ कम प्रभाव वाले निर्णयों में, आम सहमति न होने अथवा चर्चा के अभाव, में प्रबंधक द्वारा स्वविवेक से निर्णय लेने का अधिकार; कुछ सदस्य समूहों में किसी सदस्य को शामिल करने/हटाने का विवेकाधिकार इत्यादि शामिल हैं।
  • कुछ कम प्रभाव वाले निर्णयों हेतु निर्णयन की प्रक्रिया के नियम तथा मापदंड इत्यादि निर्धारित करना।
  • किसी पृष्ठ पर यदि अत्यल्प सामग्री नहीं है, यह निर्णय करना कि पृष्ठ की सामग्री निर्विवाद रूप से हमारे प्रकल्प शामिल किये जाने योग्य है अथवा नहीं अन्यथा पृष्ठ को हटा दिया जाय। (अर्थात किसी पृष्ठ को हटाने के अनुरोध पर निर्णय) इसके
  • प्रकल्प के मुखपृष्ठ, सभी के लिए उपलब्ध उपकरणों, रूप-रंग प्रदर्शन इत्यादि में व्यापक बदलाव (मामूली सुधारों को छोड़ कर)।

कम प्रभाव वाले निर्णय[सम्पादन]

कम प्रभाव वाले निर्णय ऐसे प्रस्तावों पर निर्णय हैं जो किसी ऐसे मुद्दे पर समुदाय की भावनाओं और पसंद मात्र को उद्घाटित करते हैं जो नीतियों और दिशानिर्देशों के स्तर से काफ़ी नीचे की चीज़ हैं। ऐसे प्रस्ताव विकिपुस्तक की दीर्घकालिक परंपरा और संरचना को प्रभावित नहीं करते। ऐसे निर्णयों के लिए विकिबुकियनों को पास कई विकल्प हैं जिसमें आम सहमति स्थापित करना भी शामिल है और आम सहमति अथवा चर्चा के अभाव में प्रबंधकों द्वारा इनपर विवेकाधिकार से निर्णय भी लिया जा सकता है यदि समुदाय ने इसके लिए सहमति दी है। तात्पर्य यह कि ऐसे निर्णयों के लिए समुदाय जिस भी सरल तरीके पर सहमत हो चुका हो उस तरीके के अनुसार निर्णय लिए जा सकते; हर एक के प्रस्ताव पर प्रत्येक बार आम सहमति स्थापित करना आवश्यक नहीं।

इनमें से कुछ के उदाहरण हैं:

  • निर्वाचित पुस्तकें चुनना (ध्यान दें कि निर्वाचित पुस्तकों हेतु मानदंड स्थापित करना और उन्हें बदलना एक उच्च प्रभाव निर्णय है जिसमें आम सहमति की आवश्यकता होती है; इसके बाद, हर पुस्तक के नामांकन पर निर्णय लेना आम सहमति का विषय नहीं और बस यही तय करना होता कि नामांकित पुस्तक मापदंडों के अनुसार है अथवा नहीं।)
  • किसी पुस्तक विशेष के विषयक्षेत्र (स्कोप) में अथवा संरचना में बदलाव करने पर निर्णय
  • किसी विकिपुस्तक परियोजना (विकिपरियोजना) अथवा किसी एक पुस्तक विशेष संबंधित साँचों में बदलाव पर निर्णय।

शब्दावली[सम्पादन]

जिस भी बदलाव को स्वीकृत करने के लिए चर्चा शुरू की जाती है उसे प्रस्ताव कहा जाता है। पूरी प्रकृया चर्चा कही जाती जिसमें विकिपुस्तक के सदस्य हिस्सा लेते हैं और प्रस्ताव पर अपना मत और विचार रखते हैं। मत का अर्थ वोट नहीं है; प्रस्तावित बिंदुओं पर अपनी राय, दृष्टिकोण और विचारों का प्रकटीकरण है जिससे एक आपसी सहमति तक पहुँचा जा सके। सकारात्मक चर्चा का आशय यह नहीं है कि किसी प्रस्तावित बिंदु का विरोध नहीं किया जा सकता; सकारात्मकता अंतिम रूप से विकिपुस्तक के सम्वर्धन से जुड़ी चीज है। अतः यदि कोई सदस्य किसी मुद्दे पर तर्कपूर्ण चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रस्ताव अथवा प्रस्तावित बिंदु पर अपना विरोध प्रकट करता है तो उसे नकारात्मक नहीं कहा जा सकता। इसी प्रकार प्रत्येक प्रस्ताव पर बिना किसी विचार के समर्थन व्यक्त कर देना भी सकारात्मकता का परिचायक नहीं माना जा सकता।

चर्चा में कौन शामिल हो सकता[सम्पादन]

कोई भी सदस्य चर्चा में भाग ले सकता है। हर व्यक्ति को एक मत रखने की अनुमति है। एक ही व्यक्ति द्वारा एकाधिक खातों के प्रयोग द्वारा मत रखने की अनुमति नहीं है और यह सदस्य को अवरोधित भी करवा सकती है। टिप्पणियों का मूल्यांकन उनकी तार्किक वैधता के आधार पर किया जाता, उनकी संख्या के आधार पर नहीं। कोई भी टिप्पणी अथवा मत, यदि यह संदेह हो कि बुरी नीयत से किया गया है, उपेक्षित किया जा सकता है। इसी प्रकार बिना खाते के, यदि आइपी मात्र से भी कोई महत्वपूर्ण बात रखी गयी हो तो उसे ध्यान में रखा जा सकता है; इसके विपरीत यदि यह संदेह हो कि कोई सदस्य खाते और आइपी दोनों का प्रयोग कर के दुहरा मत व्यक्त कर रहा है तो दोनों ही मत उपेक्षित किये जा सकते।

चर्चा कैसे चलती है?[सम्पादन]

किसी बदलाव को स्वीकृत करवाने के लिए किसी इच्छुक सदस्य द्वारा एक प्रस्ताव रखा जाता है। प्रस्ताव पर अन्य भागीदारी के इच्छुक सदस्य अपनी टिप्पणियाँ लिखते हैं और अपने हस्ताक्षर के साथ (चार टिल्ड: ~~~~ के प्रयोग द्वारा) प्रेषित करते हैं ताकि उनकी पहचान हो सके। सामान्यतः चर्चा एक सप्ताह के लिए खुली रहती है। अधिक सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चर्चा की सूचना विकिपुस्तक:चौपाल पर भी प्रेषित की जाती है।

एक सप्ताह चर्चा की न्यूनतम स्वीकृत अवधि है, आवश्यकता अनुसार यदि यह प्रतीत हो कि चर्चा अधिक अवधि के लिए खुली रखी जाय तो ऐसा भी किया जा सकता है। दूसरी तरफ़ यदि यह प्रतीत हो कि चर्चा को केवल जारी रखने के लिए अतिरिक्त टिप्पणियाँ किसी सदस्य द्वारा की जा रहीं तो ऐसी चर्चा एक सप्ताह बाद कभी भी समाप्त की जा सकती।

सामान्यतः चर्चाओं को समाप्त करने और उनमें टिप्पणियों के मूल्यांकन के उपरांत निर्णय घोषित करने का दायित्व प्रबंधकों का है; निम्न प्रभाव वाले प्रस्तावों पर कोई अन्य अनुभवी सदस्य भी निर्णय घोषित कर सकता है और आगे कोई कार्रवाई आवश्यक हो तो उसके लिए प्रबंधकों क सूचित कर सकता है।

आम सहमति[सम्पादन]

आम सहमति अथवा सामुदायिक सहमति किसी चर्चा में भाग लेने वाले सभी सकारात्मक सदस्यों के बीच आपसी सहमति है जिससे किसी निर्णय एवं समझौते तक पहुँचा जा सके। यह एक प्रकृया है जिसके ज़रिये अधिकाधिक सदस्यों की सहमति से किसी प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाय; प्रस्ताव में सदस्यों के सुझावों एवं आपत्तियों अनुसार सुधार किया जाय (सुझावों को जोड़ना एवं तार्किक आपत्तियो पाए जाने पर ऐसे हिस्सों को हटाना जिनपर आपत्ति है), यदि प्रस्ताव का कोई हिस्सा तार्किक रूप से उचित न प्रतीत हो रहा हो तो मुद्दे पर एक संयुक्त आपसी समझौते तक पहुँचा जाय।

आम सहमति स्थापित करना कोई मतदान नहीं है क्योंकि विकिपुस्तक लोकतंत्र नहीं है। हालाँकि, आम दशाओं में, प्रथम दृष्टया, ८०% अथवा इससे अधिक भागीदार सदस्यों के सहमत होने पर इसे आम सहमति माना जा सकता है; महत्त्व तर्कों की वैधता और उनके वज़न का अधिक है।

प्रक्रिया का उदाहरण[सम्पादन]

यह उदाहरण सीढ़ी-दर-सीढ़ी कैसे प्रस्तावों पर चर्चा और आम सहमति तक पहुँचना होता है इसका एक उदाहरण है। यह इस बात को स्पष्ट करता है कि कैसे समुदाय के सदस्य एक सामूहिक निर्णय अथवा समझौते तक पहुँच सकते हैं।

  1. किसी निर्णय अथवा बदलाव के लिए एक सर्वाधिक उपयुक्त चर्चा स्थल पर एक प्रस्ताव रखा जाता है; अगर वह स्थल बहुत सदस्यों की नज़र में स्वतः नहीं आने वाला तो चर्चा की सूचना चौपाल पर दी जाती है।
  2. मुद्दे और समस्याओं पर चर्चा होती है, इस दौरान सुधार सुझाए जा सकते, वैध चिंताएँ प्रकट की जा सकती हैं और प्रस्ताव में तदनुसार सुधार भी किये जा सकते हैं।
  3. सामान्यतः, एक सप्ताह बाद, यह देखा जाता कि सदस्यों की सहमति की स्थिति क्या है।
  4. अगर इस स्तर पर कोई "ऐसी आपत्ति नहीं है जिसे सुलझा न लिया गया हो तो यह स्पष्ट हो जाता कि प्रस्ताव पर आम सहमति स्थापित हो चुकी है।
  5. अगर अनसुलझी आपत्तियाँ हैं:
    • प्रस्ताव निरस्त किया जा सकता है कि कोई आम सहमति न बन पायी
    • प्रस्ताव में सुधार किये जा सकते हैं और चर्चा को पुनः आहूत किया जा सकता है।
    • प्रस्ताव के वो आपत्तिजनक हिस्से हटाये जा सकते और इसके बाद आम सहमति स्थापित हो जायेगी।
    • आम सहमति के लिए आह्वान किया जा सकता। हालाँकि, यह हलके ढंग से नहीं लिया जाना चाहिये, और प्रस्ताव एवं आपत्तियों को अच्छी नीयत से हुई चर्चा के नज़रिये से देखते हुये और ध्यान में रखते हुये होना चाहिये। इस स्तर पर समुदाय निम्नलिखित चीजें स्वीकार कर सकता:
      • प्रस्ताव निरस्त कर दिया जाय क्योंकि "आम सहमति नहीं स्थापित हुई" और यदि आवश्यक ही हो तो प्रस्ताव को दुबारा सुधार के साथ चर्चा के लिए रखा जाय।
      • सुधारे गए प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाय क्योंकि अब "आम सहमति स्थापित है"।
      • आपत्तियों के बावज़ूद प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाय और "आम सहमति स्थापित हो"।

सदस्य व्यवहार[सम्पादन]

जिन सदस्यों के समुदाय की आम सहमति पर आपत्ति है वे निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

  1. विकल्प सुझाएँ
  2. समुदाय की सहमति को स्वीकार करें
  3. अंततः, यदि आप समुदाय की सहमति को स्वीकार न कर पा रहे हों और इसे न मानने को तत्पर हों, तो प्रकल्प से जुड़े रहने और अपने योगदान करते रहने पर पुनर्विचार करें।

आम गलतियाँ[सम्पादन]

सदस्यों से किसी प्रस्ताव पर चर्चा करते समय कुछ आम ग़लतियाँ हो सकती हैं। इनसे बचें, ये यहाँ लिखित हैं:

  • विकीतर चर्चायें - न करें। चर्चा यदि विकिपुस्तक पर हो रही है, किसी अन्य माध्यम का प्रयोग करके, किसी अन्य जगह पर इससे संबंधित चर्चा करके, समर्थन अथवा विरोध हासिल करने की चेष्टा न करें।
  • प्रचार - न करें। चर्चा में शामिल होने के लिए अन्य सदस्यों को आमंत्रित करना एक सकारात्मक कार्य है अगर व्यापक दृष्टिकोण से औरों को भी भागीदार बनाना हो; लेकिन केवल अपने पक्ष से सहमति रखने वाले सदस्यों को आमंत्रित करना एक अनुचित कार्य है।
  • कठपुतली प्रयोग - न करें। एक व्यक्ति का एक मत और विचार स्वीकार्य है। एक ही व्यक्ति यदिकई खाते बना कर किसी चर्चा में हिस्सा लेता है तो ऐसा पाए जाने पर उसके सभी मत अस्वीकृत किये जा सकते और ऐसा भविष्य में न हो इसे रोकने के लिए उन सभी खातों को अवरोधित भी किया जा सकता।
  • मित्रों को आमन्त्रण - न करें। अपने सहयोगी, आप से वैचारिक समानता रखने वाले विकिबुकियन सदस्यों को केवल इसलिये आमंत्रित करना कि प्रस्ताव पर आपके पक्ष का समर्थन करें, अनुचित है। चाहे यह आप उनके वार्ता पन्ने पे करें अथवा विकि से बाहर। ऐसा संदिग्ध होने पर सभी ऐसे सदस्यों के मत उपेक्षित कर दिए जायेंगे।
  • व्यवस्था से खिलवाड़ - न करें। अपनी बात साबित करने के लिए विकिपुस्तक पर निर्णय की व्यवस्था से खिलवाड़ न करें। "यहाँ ऐसा पहले से है" अतः "यह भी हो सकता" जैसा कोई तर्क लागू नहीं होता न ही वैध होता, अगर कहीं कुछ पहले से ग़लत है तो उसे सुधारने हेतु प्रयास करें, उसे किसी चर्चा में अपने मत के पक्ष में उदाहरण न बनायें।