विकिपुस्तक:तटस्थ दृष्टिकोण

विकिपुस्तक से
(विकिपुस्तक:तटस्थ से अनुप्रेषित)

विकिपुस्तक पर तटस्थ दृष्टिकोण रखने की नीति का कड़ाई से अनुपालन किया जाता है। यह हमारा आधारभूत एवं अनुलंघनीय सिद्धांत भी है।

विकिपुस्तक पर लेखन के लिये सबसे बेहतर तरीका यही है कि यथोचित रूप से तथ्यों का विवरण तटस्थ हो कर प्रस्तुत किया जाये—इनमें ऐसे तथ्य भी हो सकते हैं कि, किसी विषय पर अलग-अलग दृष्टिकोण और व्याख्यायें मौज़ूद हैं, लेकिन इनमें से कौन से दृष्टिकोण एक पाठ्यपुस्तक में उल्लेख के योग्य हैं, इसकी भी सीमाएँ हैं।

विकिपुस्तक पर किसी विशेष दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, उसे अतिरिक्त महत्त्व देने, से इस प्रकल्प के मूलभूत उद्देश्य का कतई कोई सम्वर्धन नहीं होता। परिणामतः, यहाँ पुस्तकें तटस्थ नज़रिये से लिखी जाती हैं और ऐसी पुस्तकें किसी विषय पर विविधतापूर्ण विचारों एवं दृष्टिकोणों को उचित औचित्य के साथ - पुस्तक के दायरे (विषयक्षेत्र अथवा स्कोप) के भीतर रहते हुये - प्रस्तुत भी करती हैं (यदि कुछ दृष्टिकोण भौतिकी विषय की मुख्य अकादमिक धारा के अंतर्गत एक दूसरे से अलग हैं, ऐसे मुख्यधारा में प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण, उचित वज़न देते हुये पाठ्य पुस्तक में प्रस्तुत किये जा सकते हैं, किंतु जो दृष्टिकोण मुख्यधारा के नहीं हैं वे सदैव पाठ्यपुस्तकों के लिये अप्रासंगिक होते हैं।)

"तटस्थ दृष्टिकोण से लेखन" को "किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था अथवा प्राधिकरण, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र इत्यादि, द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण" के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिये; तटस्थ लेखन के लिये यह आवश्यक है कि व्यापक रूप से मान्य और प्रतिष्ठित दृष्टिकोणों और किसी अंतर्राष्टीय तटस्थ संस्था अथवा प्राधिकरण के दृष्टिकोण में अंतर को समझा जाय। आसान शब्दों में, आप यह न मान कर चलें कि एक तटस्थ अंतर्राष्ट्रीय संस्था का यह दृष्टिकोण है, इसलिये सदैव वह तटस्थ ही है, और उसे यहाँ प्रस्तुत करना इस तटस्थता नीति का अनुपालन केवल इसलिए मान लिया जाय कि ऐसा एक तटस्थ संस्था कह रही।

पाठ्यपुस्तकें लिखने में, हमारा अंतिम एवं आदर्श लक्ष्य उन्हें तटस्थ दृष्टिकोण से लिखना है। बहुधा इस आदर्श की प्राप्ति एक ही बार में, एक लेखक द्वारा पुस्तक लिखे जाने पर, संभव नहीं। अतः इसे हासिल करना एक बारंबार, पुनरावृत्तीय (इटरेटिव), सुधार की प्रकृया है (जो आम रूप से विकि लेखन की सामान्य परंपरा भी है)। इस तरीके से, प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण - पुस्तक की सामग्री के चयन, बातों की भाषा और बातों पर वज़न तथा उनके समेकित प्रस्तुतीकरण - पर सुधार-चर्चा-सुधार की प्रकृया से गुजरते हैं ताकि एक ऐसा वर्शन लिखा जा सके जिस पर सभी सहमत हों; इसके लिए संपादकों को दूसरे पक्ष के साथ समझौता (कम्प्रोमाइज़) भी करना होता।

यह नीति और प्रकृया एक वाद-प्रतिवाद प्रणाली की तरह प्रतीत हो सकती किंतु ऐसा है नहीं, यह एक सौम्यतापूर्ण और समझदारीयुक्त नीति है। सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सामर्थ्यअनुसार यथासंभव तटस्थता का अनुपालन करे और अन्य सदस्यों के अच्छी नीयत से किये जा रहे बदलावों और सुधारों का स्वागत करें; इस व्यवस्था का विफल होना संपादन युद्ध में बदल सकता और यह विकिपुस्तक के लिए विघटनकारी स्थिति होगी।

यह भी देखें[सम्पादन]

  • Founding principles - जो यह बताता है कि यह नीति सभी विकिप्रकल्पों के लिये आधारभूत सिद्धांत है।
  • Neutral point of view - मेटा पर तटस्थता की नीति (NPOV)