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- हम वेदमंत्र बखानते । जब थे दिगम्बर रूप में वे जंगलों में घूमते, प्रासाद-केतन-पट हमारे चन्द्र को थे चूमते॥४६॥ जब मांस-भक्षण पर वनों में अन्य जन थे जी रहे...१४ KB (१,१३२ शब्द) - १७:५२, २८ नवम्बर २०२३