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  • अमूल्य योगदान दिया है। हिंदी व्यंग आलोचना परम्परा में सबसे पहले जी.पी श्रीवास्तव का नाम लिया जाता है जिन्होंने हास्य व्यंग्य आलोचना की प्रारंभिक अवधारणाएं...
    २३ KB (१,६१६ शब्द) - १२:०६, २७ मई २०२४
  • दृष्टि से शिवकुमार मिश्र, कर्णसिंह चौहान, मधुरेश, निर्मला जैन, परमानंद श्रीवास्तव, विश्वनाथ त्रिपाठी, अजय तिवारी एवं रेवती रमण का नाम उल्लेखनीय है। इस प्रकार...
    ३५ KB (२,२७२ शब्द) - १३:०९, १८ दिसम्बर २०२३
  • निराला, सुदर्शन, चतुरसेन शास्त्री, वृन्दावन लाल वर्मा, प्रतापनारायण श्रीवास्तव, सियारामशरण गुप्त, पांडेय बेचन शर्मा ‘उर्ग्र’, भगवती प्रसाद वाजपेयी, गोविन्दवल्लभ...
    ६७ KB (४,५११ शब्द) - १४:५९, २८ जनवरी २०२१
  • अमर्यादित एवं उच्द्दष्ंखल हैं। प्रहसनकारों में बदरीनाथ भट्ट एवं जी. पी. श्रीवास्तव के नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय हैं। भट्ट जी के ‘मिस अमेरिका’, ‘चुंगी की उम्मीदवारी’...
    १४८ KB (१०,१३७ शब्द) - १३:२३, २८ मार्च २०२३
  • मिली — 1833 ई. ‘द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी — रमेश चंद्र दत्त 1938 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुरोध पर राष्ट्रीय योजना...
    १०६ KB (७,२३८ शब्द) - ०३:३५, १ फ़रवरी २०२१
  • इतिहासकार ने शाहजहाँ के काल को मुगल शासन का स्वर्ण युग कहा था — ए. एल. श्रीवास्तव ‘जाब्ती प्रणाली’ का जन्मदाता कौन था — शेरशाह सूरी पानीपत के युद्ध में...
    १६९ KB (११,६६८ शब्द) - १४:५८, १३ जनवरी २०२०