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  • है कोष पर, अब तक अतल में। कढ़ेगी तोड़कर कारा अभी धारा सुधा की, शरासन को श्रवण तक तू नहीं क्यों तानता है? [5] नया स्वर खोजनेवाले! तलातल तोड़ता जा, कदम...
    ३ KB (२७३ शब्द) - ०४:५९, ३० जुलाई २०२१