अक्षय ऊर्जा/प्रस्तावना
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार अक्षय ऊर्जा उस ऊर्जा को कहते हैं, जिसका एक बार उपयोग करने के बाद भी हम उसे दोबारा भी उपयोग कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण है पवन ऊर्जा। यह ऊर्जा अपने आप ही पवन के चलने पर हमें मिलती है, जिसे हम पवन चक्की की सहायता से कभी-भी प्रयोग में ला सकते हैं। यह पवन ऊर्जा धरती के अलग-अलग स्थानों में हुए दाब के परिवर्तन के कारण बनते हैं। यह कभी क्षय नहीं हो सकते हैं, जिस वजह से इस प्रकार के ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा कहते हैं।
अक्षय ऊर्जा का महत्व
[सम्पादन]जैसे जीवाश्म ईंधन के भंडार विलुप्त होते जा रहे हैं और पर्यावरण से जुड़ी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं, अभियांत्रिकी विभाग में अक्षय ऊर्जा काफ़ी महत्वपूर्ण होती जा रही है। यह निश्चित है कि भविष्य में जनसंख्या की बढ़ोतरी के साथ, मानवता अपने ऊर्जा की आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा केवल अक्षय ऊर्जा से ही प्राप्त करेगा।