अक्षय ऊर्जा/सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा का मुख्य स्रोत बेशक सूर्य है। इसके अलावा पृथ्वी पर कोई दूसरे तारों की रोशनी इतनी ऊर्जा के साथ नहीं आती है, क्योंकि दूसरे तारे बहुत दूरी पर हैं। सूर्य की रोशनी स्वतः ही पृथ्वी पर आती रहती है, जिसे अगर हम सौर ऊर्जा में परिवर्तित न भी करें तो भी यह पृथ्वी में आते ही रहेगी। क्योंकि इस ऊर्जा के उपयोग से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है, इसे भी अक्षय ऊर्जा ही माना जाता है।
उपयोग
[सम्पादन]पानी उबालने में
[सम्पादन]सौर ऊर्जा का उपयोग पानी उबालने में किया जाता है। साधारणतः पानी को गर्म होने में काफी समय लग जाता है। इसके अलावा ईंधन भी काफी नष्ट हो जाता है। जबकि सौर ऊर्जा निःशुल्क मिलने के कारण दिन में कोई भी आसानी से पानी गर्म कर सकता है।
भोजन पकाने में
[सम्पादन]इसके द्वारा भोजन भी पकाया जा सकता है। इसके लिए एक अलग तरह का कुकर भी आता है, जिसे सौर कुकर कहते हैं। इसके चारों ओर काँच लगा होता है और दिन में सूर्य के प्रकाश से यह आसानी से गर्म हो कर खाना पकाने लगता है। इसके अतिरिक्त यदि रात में भोजन पकाना हो तो बैटरी का उपयोग कर सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर के उसमें संचित करने से रात में भी भोजन बनाना आदि कार्य हो जाता है।
विद्युत निर्माण में
[सम्पादन]हम सौर ऊर्जा को आसानी से विद्युत ऊर्जा में बदल सकते हैं। इसे बदल कर बैटरी में संचित रख सकते है, जिससे इसका उपयोग बाद में भी किया जा सके। इसका उपयोग भी दो अलग अलग ढंग से किया जाता है। पहले विधि में हम सीधे सूर्य से प्रकाश के रूप में ऊर्जा लेते हैं और दूसरे में ताप के द्वारा ऊर्जा लेते हैं।
हानि
[सम्पादन]इससे किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है, लेकिन अगर बादल वाला मौसम हो और सूर्य का प्रकाश न मिले तो ऊर्जा प्राप्त नहीं होगी और यह काम नहीं कर पाएगा।
इसे भी देखें
[सम्पादन]- सौर ऊर्जा - विकिपीडिया में