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आर्थिक एवं सामाजिक विकास लोकसेवा अध्यायवार हल प्रश्नोत्तर/मुद्रा एवं बैंकिंग

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मर्चेंट डिस्काउंट रेट

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  • वह शुल्क जो कार्ड से भुगतान स्वीकार करने वालेव्यापारी बैंक कोचुकाते हैं।
  • मास्टरकार्ड, वीज़ा जैसा पेमेंट गेटवे और पॉइंट ऑफ सेल/कार्ड स्वाइप मशीन ज़ारी करने वाले बैंकों को MDR में मुआवज़ा/छूट प्राप्त होता है।
  • इसे बैंक और व्यापारी के बीच एक पूर्व निर्धारित अनुपात में साझा किया जाता है एवं लेन-देन के प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
  • डिजिटल भुगतान पर MDR का प्रभाव:-बैंक ज़्यादा-से-ज़्यादा पॉइंट ऑफ सेल (PoS)/कार्ड स्वाइप मशीन जारी करना चाहते हैं किंतु छोटे व्यापारियों के लिये पॉइंट ऑफ सेल/कार्ड स्वाइप मशीन रखना
  • ज़्यादा खर्चीला है क्योंकि उन्हें बैंकों को MDR के रूप में एक निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता है,जबकि नकद लेन-देन में ऐसी किसी राशि का भुगतान नहीं करना पड़ता है।
  • रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट('RTGS') एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है जिसमें बैंकों के बीच भुगतान निर्देश दिन भर में (रियल टाइम आधार पर) व्यक्तिगत रूप से और लगातार संसाधित (Processed) होते है।यह सुविधा 2 लाख रुपए या उससे ज़्यादा की राशि के लेन-देन हेतु उपलब्ध है।देश के उच्च मूल्य लेन-देन वाले 95% भुगतानइसी प्रणाली के माध्यम से किये जाते हैं।
  • नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) देश के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक धन हस्तांतरण प्रणालियों में से एक है।इसकी शुरुआत नवंबर 2005 में की गई थी।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी

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कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत पंजीकृत संस्था,जिसका प्रमुख कार्य उधार देना तथा विभिन्न प्रकार के शेयरों,प्रतिभूतियों,बीमा कारोबार तथा चिटफंड से संबंधित कार्यों में निवेश करना होता है। भारतीय वित्तीय प्रणाली में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाली यह संस्‍थाओं का विजातीय समूह है (वाणिज्यिक सहकारी बैंकों को छोड़कर) जो विभिन्‍न तरीकों से वित्तीय मध्यस्स्थता का कार्य करता है जैसे –

  1. जमा स्‍वीकार करना
  2. ऋण और अग्रिम देना
  3. प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष रूप में निधियाँ जुटाना
  4. अंतिम व्ययकर्त्ता को उधार देना
  5. थोक और खुदरा व्यापारियों तथा लघु उद्योगों को अग्रिम ऋण देना।

बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में क्या अंतर है? NBFC ऋण प्रदान करते हैं और निवेश भी करते हैं। इस प्रकार उनकी गतिविधियाँ बैंकों के समान ही होती हैं, हालाँकि उनके बीच निम्नलिखित अंतर भी होता है: NBFC मांग जमा (Demand Deposits) स्वीकार नहीं कर सकते हैं; NBFC भुगतान और निपटान प्रणाली का अंग नहीं होते हैं तथा स्वयं द्वारा भुगतेय चेक जारी नहीं कर सकते हैं; बैंकों की तरह NBFC के जमाकर्त्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की निक्षेप बीमा सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।