सामग्री पर जाएँ

आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20/निर्यात-विशेषज्ञता द्वारा रोजगार सृजन और विकास

विकिपुस्तक से

रोजगार-सृजन,धन सृजन और भारत की संवृद्धि के लिए एक पूर्व शर्त है,इसलिए इस अध्याय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु वर्तमान परिवेश भारत को चीन जैसे देशों के श्रम प्रधान निर्यात पथ का अनुसरण करने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है और देश में असीमित रोज़गार सृजित करने का अनन्य अवसर प्रदान करता है।

परिचय(introduction)
  • इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि वर्ष 2001-06 तक सिर्फ 5 वर्षों की अवधि में ही,चीन श्रम प्रधान निर्यात के माध्यम से केवल प्राथमिक शिक्षा प्राप्त श्रमिकों के लिये 70 मिलियन नौकरियों का सृजन करने में समर्थ रहा।
  • अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध वैश्विक मूल्य शृंखला (Global Value Chains- GVCs) में मुख्य समायोजन का कारण बन रहा है और फर्में अब अपने संचालन के लिये वैकल्पिक स्थानों की तलाश कर रही है। हालाँकि व्यापार युद्ध शुरू होने से पहले ही औद्योगिक उत्पादों की अंतिम असेंबलिंग के लिये निम्न लागत वाले स्थान के रूप में चीन की छवि श्रम की कमी और मजदूरी में वृद्धि के कारण तेजी से बदल रही थी। ये घटनाक्रम भारत के समक्ष ऐसे समान निर्यात पथ का अनुसरण करने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रस्तुत करते हैं।
  • इस समीक्षा से पता चलता है कि‘असेंबल इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ को ‘मेक इन इंडिया’ के साथ एकीकृत करके,भारत वर्ष 2025 तक अपनी निर्यात बाजार हिस्सेदारी को लगभग 3.5% और वर्ष 2030 तक 8 करोड़ उत्तम वैतनिक रोज़गार सृजित कर सकता है।