कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/चतुर्भुजदास का जीवन परिचय

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चतुर्भुजदास की वल्लभ सम्प्रदाय के भक्त कवियों में गणना की जाती है ये कुम्भनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य थे। डा ० दीन दयाल गुप्त के अनुसार इनका जन्म वि ० सं ० १५९७ और मृत्यु वि ० सं ० १६४२ में हुई थी। (अष्टछाप और वल्लभ सम्प्रदाय ;पृष्ठ २६५-२६६ ) इनका जन्म जमुनावती गांव में गौरवा क्षत्रिय कुल में हुआ था। वार्ता के अनुसार ये स्वभाव से साधु और प्रकृति से सरल थे। इनकी रूचि भक्ति में आरम्भ से ही थी। अतः भक्ति भावना की इस तीव्रता के कारण श्रीनाथ जी के अन्तरंग सखा बनने का सम्मान प्राप्त कर सके।