कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/परमानन्ददास की रचनाएँ
दिखावट
- दान लीला
- उद्धव लीला
- ध्रुव चरित्र
- संस्कृत रत्नमाला
- दधि लीला
- परमानन्ददास जी पद
- परमानन्द सागर
उपर्युक्त ग्रन्थों में पहले पाँच ग्रन्थ उपलब्ध नहीं है छठा ग्रन्थ सातवें का ही अंगमात्र है। उनकी एक मात्र प्रामाणिक कृति परमानन्द सागर है।