कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/सरसदास का जीवन परिचय

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सरसदास हरिदासी सम्प्रदाय के भक्त कवि एवं पंचम आचार्य थे। ये नागरीदास के छोटे भाई तथा बंगाल के राजा के मंत्री कमलापति के दूसरे पुत्र थे। इनका जन्म वि ० सं ० १६११ में गौड़ ब्राह्मण कुल में हुआ था। ये स्वभाव से विरक्त थे अतः अपने बड़े भाई नागरीदास के साथ ही वृन्दावन आ गए और बिहारिनदेव से दीक्षा ग्रहण की। दीक्षा के उपरान्त शेष जीवन वृन्दावन में ही व्यतीत हुआ। वि ० सं ० १६७० में अपने बड़े भाई नागरीदास के परलोक-गमन के उपरान्त ये टट्टी संस्थान की गद्दी पर बैठे। वि ० सं ० १६८३ में इनका देहावसान हो गया।