जलवायु परिवर्तन/प्रभाव
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सभी पर पड़ता है। लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव जीव जन्तुओं और पेड़ पौधों पर पड़ता है। क्योंकि जलवायु परिवर्तन से कई प्राकृतिक आपदायें आने लगते हैं और ये सभी इनका सामना करने में मनुष्यों से कम समर्थ होते हैं। वे मनुष्य भी जिनका अपना पक्का मकान नहीं है और आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, उन पर भी इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
पेड़ पौधों पर
[सम्पादन]सभी पेड़ पौधे हर प्रकार के जलवायु में नहीं रह सकते हैं। सभी के लिए अलग अलग प्रकार के जलवायु की आवश्यकता होती है। इस कारण जलवायु के अधिक परिवर्तन के कारण पेड़ पौधे सुख कर मर जाते हैं। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के कारण जो तेज तूफान आता है या सूखा पड़ता है या बाढ़ आ जाता है। उसमें भी पेड़ पौधे टूट जाते है या उड़ कर कहीं दूर भी गिर जाते हैं।
जीव जन्तुओं पर
[सम्पादन]पेड़ पौधों के जैसे ही जीव जन्तुओं भी सभी प्रकार के जलवायु में नहीं रह सकते हैं। जलवायु परिवर्तन से कई बार उनके रहने के स्थान पर सूखा पड़ जाता है। शाकाहारी जीव बिना घास और पानी के मर जाते हैं और मांसाहारी जीव अन्य जीवों के मरने के कारण शिकार नहीं मिलने से मर जाते हैं। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के कारण कभी कभी सामान्य से अधिक बारिश भी हो जाती है। इस बारिश में कई छोटे जीवों की मौत भी हो जाती है।
मनुष्यों पर
[सम्पादन]इसका मुख्य रूप से प्रभाव आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर पड़ता है। क्योंकि अधिक गर्मी, बरसात या ठंड पड़ने पर इससे बचने के लिए इनके पास अधिक संसाधन नहीं होता है। इनके अलावा कभी कभी आर्थिक रूप से मजबूत होने के बाद भी जलवायु परिवर्तन का प्रभाव उन लोगों पर भी कई तरह से पड़ता है।