दलित आंदोलन/दलित आंदोलन : मुद्दे और चुनौतियां
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समकालीन भारत में, दलित अब फ्री छुआछूत का देश झेलते हैं और वे लगातार भयानक सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक असमानताओं का सामना करते हैं
पीढ़ियो से दलित संपत्ति, सत्ता और सामाजिक स्वीकार्यता या सामाजिक हैसियत से वंचित रहे हैं। दलित के विरुद्ध अत्याचार का सर्वाधिक हिंसक रूप देखने को मिलता है, जबकि आजाद भारत में अस्पृश्यता का वैधानिक रूप से उन्मूलन कर दिया गया है। दलित आंदोलन ऐसे ही अत्याचारों के विरुद्ध दलित और गैर दलित दोनों के प्रबल प्रतिरोध है। प्रारंभ में, दलित आंदोलन अस्पृश्यता/छुआछूत और इस प्रथा पर आधारित होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध संगठित संघर्ष रहे हैं। इसलिए दलित विद्रोह को समझने के लिए दलित शब्द के मायने को समझना अत्यंत आवश्यक है