दो शहरों की एक कथा

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यह चार्ल्स डिकेन्स द्वारा लिखित "अ टेल ऑफ़ टू सिटीज़" का हिंदी में भाषांतरण (ट्रांसलेशन) है। यह कहानी कई विद्यालयों के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है, इसका हिंदी अनुवाद भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। यह कहानी तीन पुस्तकों में फैली है और हर पुस्तक अध्यायों में बांटें गएँ हैं।

पहली पुस्तक ː जीवन को याद किया[सम्पादन]

अवधि[सम्पादन]

वह सबसे अच्छा समय था, वह सबसे बुरा वक्त था, वह विवेक का ज़माना था, वह मूर्खता का ज़माना था, वह भरोसे का युग था, वह अविश्वास का युग था, वह प्रकाश का मौसम था, वह अन्धकार का मौसम था, वह आशा की बसन्त थी, वह निराशा की शीत थी, हमारे सामने सबकुछ था, हमारे सामने कुछ ना था, हम सब सीधे स्वर्ग की ओर जा रहे थे, हम सब सीधे दूसरी ओर जा रहे थे - संक्षेप मे, अवधि कुछ वर्तमान जैसी थी जहाँ इसके कुछ सबसे बक्की अधिकारी, अच्छे या बुरे किसी के लिये भी सर्वोत्र दर्जे का इस्तेमाल करने के लिये जोर देते थे।