नवंबर समसामयिकी/अंतरराष्ट्रीय संबंध
मिलन (MILAN) नौसैनिक अभ्यास 2020 की मेज़बानी भारत के द्वारा
[सम्पादन]- मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास की श्रृंखला है जिसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी।
- वर्ष 2018 तक इसका आयोजन अंडमान एवं निकोबार कमान में किया जाता था।
- दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को इसमें आमंत्रित किया गया है, जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं।
- क्षमता निर्माण,समुद्री क्षेत्र में जागरूकता,प्रशिक्षण,तकनीक,जल सर्वेक्षण और परिचालन अभ्यास आदि क्षेत्रों में सहयोग किया जाता है।
इन्फैंट्री स्कूल महू में 35वाँ इन्फैंट्री कमांडर सम्मेलन
[सम्पादन]- इस द्विवार्षिक आयोजन की अध्यक्षता थलसेना प्रमुख द्वारा की गई।
- इसके दौरान हुआ विचार-विमर्श राष्ट्र की सुरक्षा की उभरती चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिये इन्फैंट्री के योगदान को सुनिश्चित करने हेतु नवीन विचारों को व्यक्त करता है।
- इसका उद्देश्य इन्फैंट्री के संचालन,प्रशिक्षण और प्रबंधन पहलुओं की समग्र समीक्षा करना है,जो इसकी भूमिका को बरकरार रखने तथा बढ़ोतरी करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
मित्रशक्ति सैन्य अभ्यास-2019
[सम्पादन]भारत- बांग्लादेश के बीच 01-14 दिसंबर,तक के सातवें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। यह अभ्यास विदेशी प्रशिक्षण नोड (Foreign Training Node- FTN) पुणे में आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास के छठे संस्करण का आयोजन श्रीलंका में किया गया था
बोगनविली,Bougainville
[सम्पादन]23 नवंबर,2019 को होने वाले जनमत संग्रह के बाद पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर यह विश्व का नवीनतम देश बन जाएगा।
- बोगनविली का नाम 18वीं शताब्दी के फ़्राँसीसी खोज़कर्ता के नाम पर पड़ा।
- वर्ष 1975 में पापुआ न्यू गिनी को ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता मिली जिसमें इस तांबा आदि से समृद्ध (बोगनविली ) एक अलग प्रांत बनाया गया।
- पापुआ न्यू गिनी की स्वतंत्रता के समय ही बोगनविली को भी स्वतंत्र किये जाने की घोषणा की गई जिसे पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया द्वारा नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
- इसी कारण यहाँ जन असंतोष उमड़ पड़ा और वर्ष 1988 से अलगाव के लिये युद्ध चलता रहा है।
- वर्ष 1997 में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों की मदद से यह युद्ध समाप्त हो गया।
- बोगनविली शांति समझौता,2005 के तहत स्वायत्त बोगनविली सरकार का निर्माण और इसकी स्वतंत्रता हेतु एक गैर-बाध्यकारी जनमत संग्रह कराने का वादा किया गया था।
दुस्त्लिक अभ्यास-2019
[सम्पादन]भारत और उज्बेकिस्तान के बीच प्रथम संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘दुस्त्लिक 2019’ का आयोजन ताशकंद के निकट चिर्चिक प्रशिक्षण क्षेत्र में किया जा रहा है। 4 नवम्बर को शुरू यह अभ्यास नौ दिन तक चलेगा। यह अभ्यास शहरी परिदृश्य में आतंकवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित था। इसके अलावा हथियारों को चलाने की विशेषज्ञता और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिये शूटिंग तथा अनुभव साझा करना इसका उद्देश्य है। इस अभ्यास ने सेनाओं को सभी देशों की सांस्कृतिक समझ, अनुभवों को साझा करने, आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया।
ज़ायर-अल-बह्र(Za’ir-Al-Bahr)
[सम्पादन]- भारत और कतर की नौसेनाओं के मध्य पाँच दिवसीय (17 से 21 नवंबर, 2019 तक) इस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का आयोजन कतर की राजधानी दोहा में किया जा रहा है।
- भारतीय नौसेना का युद्धक जहाज़ आईएनएस त्रिकंड और गश्ती हवाई जहाज पी8-I हिस्सा लेंगे।
- कतर की नौसेना में एंटी-शिप मिसाइल बरजान क्लास फास्ट अटैक क्राफ्ट और राफेल युद्धक विमान शामिल हैं।
- यह अभ्यास तीन दिन बंदरगाह पर और दो दिन समुद्र में किया जाएगा। बंदरगाह पर होने वाले अभ्यास में विचार-गोष्ठी, पेशेवराना बातचीत, खेल, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं,जबकि समुद्र में किये जाने वाले अभ्यास में सतह पर की जाने वाली कार्रवाई,वायु सुरक्षा एवं समुद्री निगरानी,आतंकवाद विरोधी कार्रवाई,आदि शामिल हैं।
- इसके माध्यम से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग मज़बूत होगा और परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
इसके अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, आतंकवाद, समुद्री डाकुओं के आतंक का मुकाबला करने तथा समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा।