पउमचरिउ/कण्ड १
विज्जाहरकण्डं
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[१. पढमो संधि]
तिहुअणलग्गण-खम्भु गुरु $ परमेट्ठि णवेप्पिणु
पुणु आरम्भिय रामकह $ आरिसु जोएप्पिणु
कण्ड १, संधि १, कडवक १॒
{प॰च॰१,१.१} पणवेप्पिणु आइ-भडाराहेॅ $ संसार-समुद्दुत्ताराहेॅ
{प॰च॰१,१.२} पणवेप्पिणु अजिय-जिणेसरहेॅ $ दुज्जय-कन्दप्प-दप्प-हरहेॅ
{प॰च॰१,१.३} पणवेप्पिणु संभवसामियहेॅ $ तइलोक्क-सिहर-पुर-गामियहेॅ
{प॰च॰१,१.४} पणवेप्पिणु अहिणन्दण-जिणहेॅ $ कम्मट्ठ-दुट्ठ-रिउ-णिज्जिणहेॅ
{प॰च॰१,१.५} पणवेवि सुमइ-तित्थङ्करहेॅ $ वय-पञ्च-महादुद्धर-धरहेॅ
{प॰च॰१,१.६} पणवेप्पिणु पउमप्पह-जिणहेॅ $ सोहिय-भव-लक्ख-दुक्ख-रिणहेॅ
{प॰च॰१,१.७} पणवेप्पिणु सुरवर-साराहेॅ $ जिणवरहेॅ सुपास-भडाराहेॅ
{प॰च॰१,१.८} पणवेप्पिणु चन्दप्पह-गुरुहेॅ $ भवियायण-सउण-कप्पतरुहेॅ
{प॰च॰१,१.९} पणवेप्पिणु पुप्फयन्त-मुणिहेॅ $ सुरभवणुच्छलिय-दिव्व-झुणिहेॅ
{प॰च॰१,१.१०} पणवेप्पिणु सीयल-पुङ्गमहेॅ $ कल्लाण-झाण-णाणुग्गमहेॅ
{प॰च॰१,१.११} पणवेप्पिणु सेयंसाहिवहेॅ $ अच्चन्त-महन्त-पत्त-सिवहेॅ
{प॰च॰१,१.१२} पणवेप्पिणु वासुपुज्ज-मुणिहेॅ $ विप्फुरिय-णाण-चूडामणिहेॅ
{प॰च॰१,१.१३} पणवेप्पिणु विमल-महारिसिहेॅ $ संदरिसिय-परमागम-दिसिहेॅ
{प॰च॰१,१.१४} पणवेप्पिणु मङ्गलगाराहेॅ $ साणन्तहेॅ धम्म-भडाराहेॅ
{प॰च॰१,१.१५} पणवेप्पिणु सन्ति-कुन्थु-अरहँ $ तिण्ण मि तिहुअण-परमेसरहँ
{प॰च॰१,१.१६} पणवेवि मल्लि-तित्थङ्करहेॅ $ तइलोक्क-महारिसि-कुलहरहेॅ
{प॰च॰१,१.१७} पणवेप्पिणु मुणि-सुव्वय-जिणहेॅ $ देवासुर-दिण्ण-पयाहिणहेॅ
{प॰च॰१,१.१८} पणवेप्पिणु णमि-णेमीसरहँ $ पुणु पास-वीर-तित्थङ्करहँ
घत्ता॒
{प॰च॰१,१.१९} इय चउवीस वि परम-जिण $ पणवेप्पिणु भावें
पुणु अप्पाणउ पायडमि $ रामायण-कावें
कण्ड १, संधि १, कडवक २॒
{प॰च॰१,२.१} वद्धमाण-मुह-कुहर-विणिग्गय $ रामकहा-णइ एह कमागय
{प॰च॰१,२.२} अक्खर-वास-जलोह-मणोहर $ सु-अलङ्कार-छन्द-मच्छोहर
{प॰च॰१,२.३} दीह-समास-पवाहावङ्किय $ सक्कय-पायय-पुलिणालङ्किय
{प॰च॰१,२.४} देसीभासा-उभय-तडुज्जल $ कवि-दुक्कर-घण-सद्द-सिलायल
{प॰च॰१,२.५} अत्थ-वहल-कल्लोला-णिट्ठिय $ आसासय-समतूह-परिट्ठिय
{प॰च॰१,२.६} एह रामकह-सरि सोहन्ती $ गणहर-देवहिॅ दिट्ठ वहन्ती
{प॰च॰१,२.७} पच्छइ इन्दभूइ-आयरिएं $ पुणु धम्मेण गुणालण्करिएं
{प॰च॰१,२.८} पुणु पहवें संसाराराएं $ कित्तिहरेण अणुत्तरवाएं
{प॰च॰१,२.९} पुणु रविसेणायरिय-पसाएं $ वुद्धिऍ अवगाहिय कइराएं
{प॰च॰१,२.१०} पउमिणि-जणणि-गब्भ-संभूएं $ मारुयएव-रूव-अणुराएं
{प॰च॰१,२.११} अइ-तणुएण पईहर-गत्तें $ छिव्वर-णासें पविरल-दन्तें
घत्ता॒
{प॰च॰१,२.१२} णिम्मल-पुण्ण-पवित्त-कह- $ कित्तणु आढप्पइ
जेण समाणिज्जन्तऍण $ थिर कित्ति विढप्पइ
कण्ड १, संधि १, कडवक ३॒
{प॰च॰१,३.१} वुहयण सयम्भु पइँ विण्णवइ $ मइँ सरिसउ अण्णु णाहिॅ कुकइ
{प॰च॰१,३.२} वायरणु कयावि ण जाणियउ $ णउ वित्ति-सुत्तु वक्खाणियउ
{प॰च॰१,३.३} णउ पच्चाहारहेॅ तत्ति किय $ णउ संधिहेॅ उप्परि वुद्धि थिय
{प॰च॰१,३.४} णउ णिसुअउ सत्त विहत्तियउ $ छव्विहउ समास-पउत्तियउ
{प॰च॰१,३.५} छक्कारय दस लयार ण सुय $ वीसोवसग्ग पच्चय वहुय
{प॰च॰१,३.६} ण वलावल धाउ णिवाय-गणु $ णउ लिङ्गु उणाइ वक्कु वयणु
{प॰च॰१,३.७} णउ णिसुणिउ पञ्च-महाय-कव्वु (?) $ णउ भरहु गेउ लक्खणु वि सव्वु
{प॰च॰१,३.८} णउ वुज्झिउ पिङ्गल-पत्थारु $ णउ भम्मह-दण्डि-अलङ्कारु
{प॰च॰१,३.९} ववसाउ तो वि णउ परिहरमि $ वरि रड्डावद्धु कव्वु करमि
{प॰च॰१,३.१०} सामण्ण भास छुडु सावडउ $ छुडु आगम-जुत्ति का वि घडउ
{प॰च॰१,३.११} छुडु होन्तु सुहासिय-वयणाइँ $ गामिल्ल-भास-परिहरणाइँ
{प॰च॰१,३.१२} ऍहु सज्जण-लोयहेॅ किउ विणउ $ जं अवुहु पदरिसिउ अप्पणउ
{प॰च॰१,३.१३} जइ एम विरूसइ को वि खलु $ तहेॅ हत्थुत्थल्लिउ लेउ छलु
घत्ता॒
{प॰च॰१,३.१४} पिसुणें किं अब्भत्थिऍण $ जसु को वि ण रुच्चइ
किं छण-चन्दु महागहेॅण $ कम्पन्तु वि मुच्चइ
कण्ड १, संधि १, कडवक ४॒
{प॰च॰१,४.१} अवहत्थेॅवि खलयणु णिरवसेसु $ पहिलउ णिरु वण्णमि मगहदेसु
{प॰च॰१,४.२} जहिॅ पक्क-कलमेॅ कमलिणि णिसण्ण $ अलहन्त तरणि थेर व विसण्ण
{प॰च॰१,४.३} जहिॅ सुय-पन्तिउ सुपरिट्ठियाउ $ णं वणसिरि-मरगय-कण्ठियाउ
{प॰च॰१,४.४} जहिॅ उच्छु-वणइँ पवणाहयाइँ $ कम्पन्ति व पीलण-भय-गयाइँ
{प॰च॰१,४.५} जहिॅ णन्दणवणइँ मणोहराइँ $ णच्चन्ति व चल-पल्लव-कराइँ
{प॰च॰१,४.६} जहिॅ फाडिम-वयणइँ दाडिमाइँ $ णज्जन्ति ताइँ णं कइ-मुहाइँ
{प॰च॰१,४.७} जहिॅ महुयर-पन्तिउ सुन्दराउ $ केयइ-केसर-रय-धूसराउ
{प॰च॰१,४.८} जहिॅ दक्खा-मण्डव परियलन्ति $ पुणु पन्थिय रस-सलिलइँ पियन्ति
घत्ता॒
{प॰च॰१,४.९} तहिॅ तं पट्टणु रायगिहु $ धण-कणय-समिद्धउ
णं पिहिविऍ णव-जोव्वणऍ $ सिरेॅ सेहरु आइद्धउ
कण्ड १, संधि १, कडवक ५॒
{प॰च॰१,५.१} चउ-गोउर-चउ-पायार-वन्तु $ हसइ व मुत्ताहल-धवल-दन्तु
{प॰च॰१,५.२} णच्चइ व मरुद्धुय-धय-करग्गु $ धरइ व णिवडन्तउ गयण-मग्गु
{प॰च॰१,५.३} सूलग्ग-भिण्ण-देवउल-सिहरु $ कणइ व पारावय-सद्द-गहिरु
{प॰च॰१,५.४} घुम्मइ व गऍहिॅ मय-भिम्भलेहिॅ $ उड्डइ व तुरङ्गहिॅ चञ्चलेहिॅ
{प॰च॰१,५.५} ण्हाइ व ससिकन्त-जलोहरेहिॅ $ पणवइ व हार-मेहल-भरेहिॅ
{प॰च॰१,५.६} पक्खलइ व णेउर-णियलएहिॅ $ विप्फुरइ व कुण्डल-जुयलएहिॅ
{प॰च॰१,५.७} किलिकिलइ व सव्वजणुच्छवेण $ गज्जइ व मुरव-भेरी-रवेण
{प॰च॰१,५.८} गायइ वालाविणि-मुच्छणेहिॅ $ पुरवइ व धण्ण-धण-कञ्चणेहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१,५.९} णिवडिय-पण्णेॅहिॅ फोप्फलेॅहिॅ $ छुह-चुण्णासङ्गें
जण-चलणग्ग-विमद्दिऍण $ महि रङ्गिय रङ्गें
कण्ड १, संधि १, कडवक ६॒
{प॰च॰१,६.१} तहिॅ सेणिउ णामें णय-णिवासु $ उवमिज्जइ णरवइ कवणु तासु
{प॰च॰१,६.२} किं तिणयणु णं णं विसम-चक्खु $ किं ससहरु णं णं एक्क-पक्खु
{प॰च॰१,६.३} किं दिणयरु णं णं दहण-सीलु $ किं हरि णं णं कम-मुअण-लीलु
{प॰च॰१,६.४} किं कुञ्जरु णं णं णिच्च-मत्तु $ किं गिरि णं णं ववसाय-चत्तु
{प॰च॰१,६.५} किं सायरु णं णं खार-णीरु $ किं वम्महु णं णं हय-सरीरु
{प॰च॰१,६.६} किं फणिवइ णं णं कूर-भाउ $ किं मारुउ णं णं चल-सहाउ
{प॰च॰१,६.७} किं महुमहु णं णं कुडिल-वक्कु $ किं सुरवइ णं णं सहस-अक्खु
{प॰च॰१,६.८} अणुहरइ पुणु वि जइ सो ज्जेॅ तासु $ वामद्धु व दाहिण-अद्धु जासु
घत्ता॒
{प॰च॰१,६.९} ताव सुरासुर-वाहणेॅहिॅ $ गयणङ्गणु छाइउ
वीर-जिणिन्दहेॅ समसरणु $ विउलइरि पराइउ
कण्ड १, संधि १, कडवक ७॒
{प॰च॰१,७.१} परमेसरु पच्छिम-जिणवरिन्दु $ चलणग्गें चालिय-महिहरिन्दु
{प॰च॰१,७.२} णाणुज्जलु चउ-कल्लाण-पिण्डु $ चउ-कम्म-डहणु कलि-काल-दण्डु
{प॰च॰१,७.३} चउतीसातिसय-विसुद्ध-गत्तु $ भुवणत्तय-वल्लहु धवल-छत्तु
{प॰च॰१,७.४} पण्णारह-कमलायत्त-पाउ $ अल्लल्ल-फुल्ल-मण्डव-सहाउ
{प॰च॰१,७.५} चउसट्ठि-चामरुद्धूअमाणु $ चउ-सुरणिकाय-संथुव्वमाणु
{प॰च॰१,७.६} थिउ विउल-महीहरेॅ वद्धमाणु $ समसरणु वि जसु जोयण-पमाणु
{प॰च॰१,७.७} पायार तिण्णि चउ गोउराइँ $ वारह गण वारह मन्दिराइँ
{प॰च॰१,७.८} उब्भिय चउ माणव-थम्भ जाम $ तुरमाणें केण वि णरेॅण ताम
घत्ता॒
{प॰च॰१,७.९} चलण णवेप्पिणु विण्णविउ $ सेणिउ महराओ
"जं झायहि जं संभरहि $ सो जग-गुरु आओ"
कण्ड १, संधि १, कडवक ८॒
{प॰च॰१,८.१} जण-वयणइँ कण्णुप्पलिकरेवि $ सिंहासण-सिहरहेॅ ओयरेवि
{प॰च॰१,८.२} गउ पयइँ सत्त रोमञ्चियङ्गु $ पुणु महियलेॅ णाविउ उत्तमङ्गु
{प॰च॰१,८.३} देवाविय लहु आणन्द-भेरि $ थरहरिय वसुन्धरि जग-जणेरि
{प॰च॰१,८.४} स-कलत्तु स-पुत्तु स-पिण्डवासु $ स-परियणु स-साहणु सट्टहासु
{प॰च॰१,८.५} गउ वन्दण-हत्तिऍ जिणवरासु $ आसण्णीहूउ महीहरासु
{प॰च॰१,८.६} समसरणु दिट्ठु हरिसिय-मणेण $ परिवेढिउ वारह-विह-गणेण
{प॰च॰१,८.७} पहिलऍ कोट्ठऍ रिसि-संघु दिट्ठु $ वीयऍ कप्पङ्गण-जणु णिविट्ठु
{प॰च॰१,८.८} तइयऍ अज्जिय-गणु साणुराउ $ चउथऍ जोइस-वर-अच्छराउ
{प॰च॰१,८.९} पञ्चमेॅ विन्तरिउ सुहासिणीउ $ छट्ठऍ पुणु भवण-णिवासिणीउ
{प॰च॰१,८.१०} सत्तमेॅ भावण गिव्वाण साव $ अट्ठमेॅ विन्तर संसुद्ध-भाव
{प॰च॰१,८.११} णवमऍ जोइस णमिउत्तमङ्गु $ दहमऍ कप्पामर पुलइयङ्गु
{प॰च॰१,८.१२} एयारहमऍ णरवर णिविट्ठ $ वारहमऍ तिरिय णमन्त दिट्ठ
घत्ता॒
{प॰च॰१,८.१३} दिट्ठु भडारउ वीर-जिणु $ सिंहासण-संठिउ
तिहुवण-मत्थऍ सुह-णिलऍ $ णं मोक्खु परिट्ठिउ
कण्ड १, संधि १, कडवक ९॒
{प॰च॰१,९.१} सिर-सिहरेॅ चडाविय-करयलग्गु $ मगहाहिउ पुणु वन्दणहँ लग्गु
{प॰च॰१,९.२} " जय णाह सव्व-देवाहिदेव $ किय-णाग-णरिन्द-सुरिन्द-सेव
{प॰च॰१,९.३} जय तिहुवण-सामिय तिविह-छत्त $ अट्ठविह-परम-गुण-रिद्धि-पत्त
{प॰च॰१,९.४} जय केवल-णाणुब्भिण्ण-देह $ वम्मह-णिम्महण पणट्ठ-णेह
{प॰च॰१,९.५} जय जाइ-जरा-मरणारि-छेय $ वत्तीस-सुरिन्द-कियाहिसेय
{प॰च॰१,९.६} जय परम परम्पर वीयराय $ सुर-मउड-कोडि-मणि-घिट्ठ-पाय
{प॰च॰१,९.७} जय सव्व-जीव-कारुण्ण-भाव $ अक्खय अणन्त णहयल-सहाव"
{प॰च॰१,९.८} पणवेप्पिणु जिणु तग्गय-मणेण $ पुणु पुच्छिउ गोत्तमसामि तेण
घत्ता॒
{प॰च॰१,९.९} "परमेसर पर-सासणेॅहिॅ $ सुव्वइ विवरेरी
कहेॅ जिण-सासणेॅ केम थिय $ कह राहव-केरी
कण्ड १, संधि १, कडवक १०॒
{प॰च॰१,१०.१} जगेॅ लोऍहिॅ ढक्करिवन्तएहिॅ $ उप्पाइउ भन्तिउ भन्तएहिॅ
{प॰च॰१,१०.२} जइ कुम्में धरियउ धरणि-वीढु $ तो कुम्मु पडन्तउ केण गीढु
{प॰च॰१,१०.३} जइ रामहेॅ तिहुअणु उवरेॅ माइ $ तो रावणु कहिॅ तिय लेवि जाइ
{प॰च॰१,१०.४} अण्णु वि खरदूसण-समरेॅ देव $ पहु जुज्झइ सुज्झइ भिच्चु केंव
{प॰च॰१,१०.५} किह तियमइ-कारणेॅ कविवरेण $ घाइज्जइ वालि सहोयरेण
{प॰च॰१,१०.६} किह वाणर गिरिवर उव्वहन्ति $ वन्धेॅवि मयरहरु समुत्तरन्ति
{प॰च॰१,१०.७} किह रावणु दह-मुहु वीस-हत्थु $ अमराहिव-भुव-वन्धण-समत्थु
{प॰च॰१,१०.८} वरिसद्धु सुअइ किह कुम्भयण्णु $ महिसा-कोडिहि मि ण धाइ अण्णु
घत्ता॒
{प॰च॰१,१०.९} जें परिसेसिउ दहवयणु $ पर-णारीहिॅ समणु
सो मन्दोवरि जणणि-सम $ किह लेइ विहीसणु"
कण्ड १, संधि १, कडवक ११॒
{प॰च॰१,११.१} तं णिसुणेॅवि वुच्चइ गणहरेण $ सुणेॅ सेणिय किं वहु-वित्थरेण
{प॰च॰१,११.२} पहिलउ आयासु अणन्तु साउ $ णिरवेक्खु णिरञ्जणु पलय-भाउ
{प॰च॰१,११.३} तइलोक्कु परिट्ठिउ मज्झेॅ तासु $ चउदह रज्जुय आयामु जासु
{प॰च॰१,११.४} तेत्थु वि झल्लरि-मज्झाणुमाणु $ थिउ तिरिय-लोउ रज्जुय-पमाणु
{प॰च॰१,११.५} तहिॅ जम्वूदीउ महा-पहाणु $ वित्थरेॅण लक्खु जोयण-पमाणु
{प॰च॰१,११.६} चउ-खेत्त-चउद्दह-सरि-णिवासु $ छव्विह-कुलपव्वय-तड-पयासु
{प॰च॰१,११.७} तासु वि अब्भन्तरेॅ कणय-सेलु $ णवणवइ उवरेॅ सहसेक्क-मूलु
{प॰च॰१,११.८} तहेॅ दाहिण-भाएं भरहु थक्कु $ छक्कण्डालङ्किउ एक्क-चक्कु
घत्ता॒
{प॰च॰१,११.९} तहिॅ ओसप्पिणि-कालेॅ गऍ $ कप्पयरुच्छण्णा
चउदह-रयणविसेस जिह $ कुलयर उप्पण्णा
कण्ड १, संधि १, कडवक १२॒
{प॰च॰१,१२.१} पहिलउ पहु पडिसुइ सुयवन्तउ $ वीयउ सम्मइ सम्मइवन्तउ
{प॰च॰१,१२.२} तइयउ खेमङ्करु खेमङ्करु $ चउथउ खेमन्धरु रणेॅ दुद्धरु
{प॰च॰१,१२.३} पञ्चमु सीमङ्करु दीहर-करु $ छट्ठउ सीमन्धरु धरणीधरु
{प॰च॰१,१२.४} सत्तमु चारु-चक्खु चक्खुब्भउ $ तासु कालेॅ उप्पज्जइ विम्भउ
{प॰च॰१,१२.५} सहसा चन्द-दिवायर-दंसणेॅ $ सयलु वि जणु आसङ्किउ णिय-मणेॅ
{प॰च॰१,१२.६} "अहेॅ परमेसर कुलयर-सारा $ कोउहल्लु महु एउ भडारा"
{प॰च॰१,१२.७} तं णिसुणेवि णराहिउ घोसइ $ "कम्म-भूमि लइ एवहिॅ होसइ
{प॰च॰१,१२.८} पुव्व-विदेहेॅ तिलोआणन्दें $ कहिउ आसि महु परम-जिणिन्दें
घत्ता॒
{प॰च॰१,१२.९} णव-सञ्झारुण-पल्लवहेॅ $ तारायण-पुप्फहेॅ
आयइँ चन्द-सूर-फलइँ $ अवसप्पिणि-रुक्खहेॅ"
कण्ड १, संधि १, कडवक १३॒
{प॰च॰१,१३.१} पुणु जाउ जसुम्भउ अतुल-थामु $ पुणु विमलवाहणुच्छलिय-णामु
{प॰च॰१,१३.२} पुणु साहिचन्दु चन्दाहि जाउ $ मरुएउ पसेणइ णाहिराउ
{प॰च॰१,१३.३} तहेॅ णाहिहेॅ पच्छिम-कुलयरासु $ मरुएवि सई व पुरन्दरासु
{प॰च॰१,१३.४} चन्दहेॅ रोहिणि व मणोहिराम $ कन्दप्पहेॅ रइ व पसण्ण-णाम
{प॰च॰१,१३.५} सा णिरलङ्कार जि चारु-गत्त $ आहरण-रिद्धि पर भार-मेत्त
{प॰च॰१,१३.६} तहेॅ णिय-लावण्णु जेॅ दिण्ण-सोहु $ मलु केवलु पर कुङ्कुम-रसोहु
{प॰च॰१,१३.७} पासेय-फुलिङ्गावलि जेॅ चारु $ पर गरुयउ मोत्तिय-हारु भारु
{प॰च॰१,१३.८} लोयण जि सहावें दल-विसाल $ आडम्वरु पर कन्दोट्ट-माल
घत्ता॒
{प॰च॰१,१३.९} कमलासाऍ भमन्तऍण $ अलि-वलएं मन्दें
मुहलीहूयउ कम-जुयलु $ किं णेउर-सद्दें
कण्ड १, संधि १, कडवक १४॒
{प॰च॰१,१४.१} तो एत्थन्तरेॅ माणव-वेसें $ आइउ देविउ इन्दाएसें
{प॰च॰१,१४.२} ससि-वयणिउ कन्दोट्ट-दलच्छिउ $ कित्ति-वुद्धि-सिरि-हिरि-दिहि-लच्छिउ
{प॰च॰१,१४.३} सप्परिवारउ ढुक्कउ तेत्तहेॅ $ सा मरुएवि भडारी जेत्तहेॅ
{प॰च॰१,१४.४} का वि विणोउ किं पि उप्पायइ $ पढइ पणच्चइ गायइ वायइ
{प॰च॰१,१४.५} का वि देइ तम्वोलु स-हत्थें $ सव्वाहरणु का वि सह्ũ वत्थें
{प॰च॰१,१४.६} पाडइ का वि चमरु कम धोवइ $ का वि समुज्जलु दप्पणु ढोवइ
{प॰च॰१,१४.७} उक्खय-खग्ग का वि परिरक्खइ $ का वि किं पि अक्खाणउ अक्खइ
{प॰च॰१,१४.८} का वि जक्खकद्दमेॅण पसाहइ $ का वि सरीरु ताहेॅ संवाहइ
घत्ता॒
{प॰च॰१,१४.९} वर-पल्लङ्केॅ पसुत्तियऍ $ सुविणावलि दिट्ठी
तीस पक्ख पहु-पङ्गणऍ $ वसुहार वरिट्ठी
कण्ड १, संधि १, कडवक १५॒
{प॰च॰१,१५.१} दीसइ मयगलु मय-गिल्ल-गण्डु $ दीसइ वसहुक्खय-कमल-सण्डु
{प॰च॰१,१५.२} दीसइ पञ्चमुहु पईहरच्छि $ दीसइ णव-कमलारूढ लच्छि
{प॰च॰१,१५.३} दीसइ गन्धुक्कड-कुसुम-दामु $ दीसइ छण-यन्दु मणोहिरामु
{प॰च॰१,१५.४} दीसइ दिणयरु कर-पज्जलन्तु $ दीसइ झस-जुयलु परिब्भमन्तु
{प॰च॰१,१५.५} दीसइ जल-मङ्गल-कलसु वण्णु $ दीसइ कमलायरु कमल-छण्णु
{प॰च॰१,१५.६} दीसइ जलणिहि गज्जिय-जलोहु $ दीसइ सिंहासणु दिण्ण-सोहु
{प॰च॰१,१५.७} दीसइ विमाणु घण्टालि-मुहलु $ दीसइ णागालउ सव्वु धवलु
{प॰च॰१,१५.८} दीसइ मणि-णियरु परिप्फुरन्तु $ दीसइ धूमद्धउ धगधगन्तु
घत्ता॒
{प॰च॰१,१५.९} इय सुविणावलि सुन्दरिऍ $ मरुदेविऍ दीसइ
गम्पिणु णाहि-णराहिवहेॅ $ सुविहाणऍ सीसइ
कण्ड १, संधि १, कडवक १६॒
{प॰च॰१,१६.१} तेण वि विहसेविणु एम वुत्तु $ "तउ होसइ तिहुअण-तिलउ पुत्तु
{प॰च॰१,१६.२} जसु मेरु-महागिरि ण्हवणवीढु $ णह-मण्डउ महिहर-खम्भ-गीढु
{प॰च॰१,१६.३} जसु मङ्गल-कलस महा-समुद्द $ मज्जणय-कालेॅ वत्तीस-इन्द"
{प॰च॰१,१६.४} तहेॅ दिवसहेॅ लग्गेॅवि अद्धु वरिसु $ गिव्वाण पवरिसिय रयण-वरिसु
{प॰च॰१,१६.५} लहु णाहि-णरिन्दहेॅ तणय-गेहु $ अवइण्णु भडारउ णाण-देहु
{प॰च॰१,१६.६} थिउ गब्भब्भिन्तरेॅ जिणवरिन्दु $ णव-णलिणि-पत्तेॅ णं सलिल-विन्दु
{प॰च॰१,१६.७} वसुहार पवरिसिय पुणु वि ताम $ अण्णु वि अट्ठारह पक्ख जाम
{प॰च॰१,१६.८} जिण-सूरु समुट्ठिउ तेय-पिण्डु $ वोहन्तु भव्व-जण-कमल-सण्डु
घत्ता॒
{प॰च॰१,१६.९} मोहन्धार-विणासयरु $ केवल-किरणायरु
उइउ भडारउ रिसह-जिणु $ स इँ भु वण-दिवायरु
{प॰च॰१,१६.१०} इय एत्थ पउमचरिए $ धणञ्जयासिय-सयम्भुएव-कए
"जिण-जम्मुप्पत्ति" इमं $ पढमं चिय साहियं पव्वं
[२. विईओ संधि] ----------
जग-गुरु पुण्ण-पवित्तु $ तइलोक्कहेॅ मङ्गलगारउ
सहसा णेवि सुरेहिॅ $ मेरुहिॅ अहिसित्तु भडारउ
कण्ड १, संधि २, कडवक १॒
{प॰च॰२,१.१} उप्पण्णऍ तिहुअण-परमेसरेॅ $ अट्ठोत्तर-सहास-लक्खण-धरेॅ
{प॰च॰२,१.२} भावण-भवणेॅहिॅ सङ्ख पवज्जिय $ णं णव-पाउसेॅ णव घण गज्जिय
{प॰च॰२,१.३} विन्तर-भवणेॅहिॅ पडह-सहासइँ $ दस-दिसिवह-णिग्गय-णिग्घोसइँ
{प॰च॰२,१.४} जोइस-भवणन्तरेॅहिॅ अहिट्ठिय $ भीसण-सीहणिणाय समुट्ठिय
{प॰च॰२,१.५} कप्पामर-भवणहिॅ जय-घण्टउ $ सइँ जि गरुअ-टङ्कार-विसट्टउ
{प॰च॰२,१.६} आसण-कम्पु जाउ अमरिन्दहेॅ $ जाणेॅवि जम्मुप्पत्ति जिणिन्दहेॅ
{प॰च॰२,१.७} चडिउ तुरन्तु सक्कु अइरावऍ $ कण्ण-चमर-उड्डाविय-छप्पऍ
{प॰च॰२,१.८} मेरु-सिहरि-सण्णिह-कुम्भ-त्थलेॅ $ मय-सरि-सोत्त-सित्त-गण्ड-त्थलेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२,१.९} सुरवइ दस-सय-णेत्तु $ रेहइ आरूढउ गयवरेॅ
विहसिय-कोमल-कमलु $ कमलायरु णाइँ महीहरेॅ
कण्ड १, संधि २, कडवक २॒
{प॰च॰२,२.१} अमर-राउ संचल्लिउ जावेॅहिॅ $ धणएं किउ कञ्चणमउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२,२.२} पट्टणु चउ-गोउर-संपुण्णउ $ सत्तहिॅ पायारेहिॅ रवण्णउ
{प॰च॰२,२.३} दीहिय-मढ-विहार-देवउलेॅहिॅ $ सर-पोक्खरिणि-तलाऍहिॅ विउलेॅहिॅ
{प॰च॰२,२.४} कच्छाराम-सीम-उज्जाणेॅहिॅ $ कञ्चण-तोरणेहिॅ अपमाणेॅहिॅ
{प॰च॰२,२.५} लहु सक्केय-णयरि किय जक्खें $ परियञ्चिय ति-वार सहसक्खें
{प॰च॰२,२.६} पीण-पओहराऍ ससि-सोमऍ $ इन्द-महाएविऍ पउलोमऍ
{प॰च॰२,२.७} सव्व-जणहेॅ उवसोवणि देप्पिणु $ अग्गऍ माया-वालु थवेप्पिणु
{प॰च॰२,२.८} णिउ तिहुअण-परमेसरु तेत्तहेॅ $ सप्परिवारु पुरन्दरु जेत्तहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२,२.९} झत्ति सुरेहिॅ विमुक्क $ चरणोवरि दिट्ठि विसाला
भत्तिऍ अच्चण-जोग्गु $ णावइ णीलुप्पल-माला
कण्ड १, संधि २, कडवक ३॒
{प॰च॰२,३.१} वाल-कमल-दल-कोमल-वाहउ $ अङ्केॅ चडाविउ तिहुअण-णाहउ
{प॰च॰२,३.२} सुरवइणा ऽरुण-वाल-दिवायरु $ संचालिउ तं मेरु-महीहरु
{प॰च॰२,३.३} सत्तहिॅ जोयण-सयहिॅ तहिंतिउ $ सण्णवइहिॅ तारायण-पन्तिउ
{प॰च॰२,३.४} उप्परि दस-जोयणेॅहिॅ दिवायरु $ पुणु असीहिॅ लक्खिज्जइ ससहरु
{प॰च॰२,३.५} पुणु चऊहिॅ णक्खत्तहँ पन्तिउ $ वुह-मण्डलु वि चऊहिॅ तहिंतिउ
{प॰च॰२,३.६} असुर-मन्ति तिहिॅ तिहिॅ संवच्छरु $ तिहिॅ अङ्गारउ तिहिॅ जि सणिच्छरु
{प॰च॰२,३.७} अट्ठाणवइ सहास कमेप्पिणु $ अण्णु वि जोयण-सउ लङ्घेप्पिणु
{प॰च॰२,३.८} पण्डु-सिलोवरि सुरवर-सारउ $ लहु सिंहासणेॅ ठविउ भडारउ
घत्ता॒
{प॰च॰२,३.९} णावइ सिरेॅण लएवि $ मन्दरु दरिसावइ लोयहेॅ
"एहउ तिहुअण-णाहु $ किं होइ ण होइ व जोयहेॅ"
कण्ड १, संधि २, कडवक ४॒
{प॰च॰२,४.१} ण्हवणारम्भ-भेरि अप्फालिय $ पडहा ऽमर-किङ्कर-कर-ताडिय
{प॰च॰२,४.२} पूरिय धवल सङ्ख किउ कलयलु $ केहि मि घोसिउ चउविहु मङ्गलु
{प॰च॰२,४.३} केहि मि आढत्तइँ गेयाइ मि $ सरगय-पयगय-तालगयाइ मि
{प॰च॰२,४.४} केहि मि वाइउ वज्जु मणोहरु $ वारह-तालउ सोलह-अक्खरु
{प॰च॰२,४.५} केहि मि उव्वेल्लिउ भरहुत्तउ $ णव-रस-अट्ठ-भाव-संजुत्तउ
{प॰च॰२,४.६} केहि मि उब्भियाइँ धय-चिन्धइँ $ केहि मि गुरु-थोत्तइँ पारद्धइँ
{प॰च॰२,४.७} केहि मि लइयउ मालइ-मालउ $ परिमल-वहलउ भसल-वमालउ
{प॰च॰२,४.८} केहि मि वेणु केहिॅ वर-वीणउ $ केहि मि तिसरियाउ सर-लीणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२,४.९} जं परियाणिउ जेहिॅ $ तं तेहिॅ सव्वु विण्णासिउ
तिहुअण-सामि भणेवि $ णिय-णिय-विण्णाणु पयासिउ
कण्ड १, संधि २, कडवक ५॒
{प॰च॰२,५.१} पहिलउ कलसु लइउ अमरिन्दें $ वीयउ हुअवहेण साणन्दें
{प॰च॰२,५.२} तइयउ सरहसेण जमराएं $ चउथउ णेरिय-देवें आएं
{प॰च॰२,५.३} पञ्चमु वरुणें समरेॅ समत्थें $ छट्ठउ मारुएण सइँ हत्थें
{प॰च॰२,५.४} सत्तमउ वि कुवेर-अहिहाणें $ अट्ठमु कलसु लइउ ईसाणें
{प॰च॰२,५.५} णवमउ संभाविउ धरणिन्दें $ दसमउ कलसु लइज्जइ चन्दें
{प॰च॰२,५.६} अण्ण कलस उच्चाइय अण्णेॅहिॅ $ लक्ख-कोडि-अक्खोहणि-गण्णेॅहिॅ
{प॰च॰२,५.७} सुरवर-वेल्लि अछिण्ण रएप्पिणु $ चत्तारि वि समुद्द लङ्घेप्पिणु
{प॰च॰२,५.८} खीर-महण्णवेॅ खीरु भरेप्पिणु $ अण्णहेॅ अण्णु समप्पइ लेप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰२,५.९} ण्हाविउ एम सुरेहिॅ $ वहु-मङ्गल-कलसेॅहिॅ जिणवरु
णं णव-पाउस-कालेॅ $ मेहेॅहिॅ अहिसित्तु महीहरु
कण्ड १, संधि २, कडवक ६॒
{प॰च॰२,६.१} मङ्गल-कलसेॅहिॅ सुरवर-सारउ $ जय-जय-सद्दें ण्हविउ भडारउ
{प॰च॰२,६.२} तो एत्थन्तरेॅ हय-पडिवक्खें $ गेण्हेॅवि वज्ज-सूइ सहसक्खें
{प॰च॰२,६.३} कण्ण-जुअलु जग-णाहहेॅ विज्झइ $ कुण्डल-जुअलु झत्ति आइज्झइ
{प॰च॰२,६.४} सेहरु सीसेॅ हारु वच्छत्थलेॅ $ करेॅ कङ्कणु कडिसुत्तउ कडियलेॅ
{प॰च॰२,६.५} तिहुअण-तिलयहेॅ तिलउ थवन्तें $ मणेॅ आसङ्किउ दससयणेत्तें
{प॰च॰२,६.६} पुणु आढत्त जिणिन्दहेॅ वन्दण $ "जय तिहुअण-गुरु णयणाणन्दण
{प॰च॰२,६.७} जय देवाहिदेव परमप्पय $ जय तियसिन्द-विन्द-वन्दिय-पय
{प॰च॰२,६.८} जय णह-मणि-किरणोह-पसारण $ तरुण-तरणि-कर-णियर-णिवारण
{प॰च॰२,६.९} जय णमिएहिॅ णमिय पणविज्जहि $ अरुहु वुत्तु पुणु कहेॅ उवमिज्जहि
घत्ता॒
{प॰च॰२,६.१०} जग-गुरु पुण्ण-पवित्तु $ तिहुअणहेॅ मणोरह-गारा
भवेॅ भवेॅ अम्हह्ũ देज्ज $ जिण गुण-सम्पत्ति भडारा"
कण्ड १, संधि २, कडवक ७॒
{प॰च॰२,७.१} णाय-णरामर-णयणाणन्दहेॅ $ वन्दण-हत्ति करन्तहेॅ इन्दहेॅ
{प॰च॰२,७.२} रूवालोयणेॅ रूवासत्तइँ $ तित्ति ण जन्ति पुरन्दर-णेत्तइँ
{प॰च॰२,७.३} जहिॅ णिवडियइँ तहिॅ जेॅ पङ्गुत्तइँ $ दुव्वल-ढोरइँ पङ्केॅ व खुत्तइँ
{प॰च॰२,७.४} वामकरङ्गुट्ठउ णिद्दारेॅवि $ वालहेॅ तेत्थु अमिउ संचारेॅवि
{प॰च॰२,७.५} पुणु वि पडीवउ मयण-वियारउ $ गम्पि अउज्झहेॅ थविउ भडारउ
{प॰च॰२,७.६} सूरें मेरु-गिरि व परियञ्चिउ $ पुणु दस-सय कर करेॅवि पणच्चिउ
{प॰च॰२,७.७} सालङ्कारु स-दोरु स-णेउरु $ सच्छरु सप्परिवारन्तेउरु
{प॰च॰२,७.८} जणणिऍ जं जि दिट्ठु अहिसित्तउ $ रिसहु भणेॅवि पुणु रिसहु जेॅ वुत्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰२,७.९} कालेॅ गलन्तऍ णाहु $ णिय-देह-रिद्धि परियड्ढइ
विवरिज्जन्तु कईहिॅ $ वायरण-गन्थु जिह वड्ढइ
कण्ड १, संधि २, कडवक ८॒
{प॰च॰२,८.१} अमर-कुमारेॅहिॅ सह्ũ कीलन्तहेॅ $ पुव्वह्ũ वीस लक्ख लङ्घन्तहेॅ
{प॰च॰२,८.२} एक्क-दिवसेॅ गय पय कूवारें $ "देव देव मुअ भुक्खा-मारें
{प॰च॰२,८.३} जाहँ पसाएं अम्हे धण्णा $ ते कप्पयरु सव्व उच्छण्णा
{प॰च॰२,८.४} एवहिॅ को उवाउ जीवेवऍ $ भोयणेॅ खाणेॅ पाणेॅ परिहेवऍ"
{प॰च॰२,८.५} तं णिसुणेवि वयणु जग-सारउ $ सयल-कलउ दक्खवइ भडारउ
{प॰च॰२,८.६} अण्णह्ũ असि मसि किसि वाणिज्जउ $ अण्णह्ũ विविह-पयारउ विज्जउ
{प॰च॰२,८.७} कइहिॅ दिणेॅहिॅ परिणाविउ देविउ $ णन्द-सुणन्दाइउ सिय-सेविउ
{प॰च॰२,८.८} सउ पुत्तह्ũ उप्पण्णु पहाणहँ $ भरह-वाहुवलि-अणुहरमाणहँ
घत्ता॒
{प॰च॰२,८.९} पुव्वहँ लक्ख तिसट्ठि $ गय रज्जु करन्तहेॅ जावेॅहिॅ
चिन्ता मणेॅ उप्पण्ण $ सुरवइ-महरायहेॅ तावेॅहिॅ
कण्ड १, संधि २, कडवक ९॒
{प॰च॰२,९.१} तिहुअण-जण-मण-णयण-पियारउ $ भोयासत्तउ णिऍवि भडारउ
{प॰च॰२,९.२} मणेॅ चिन्ताविउ दससयलोयणु $ "करमि किं पि वइरायहेॅ कारणु
{प॰च॰२,९.३} जेण करइ सुहि-सत्त-हियत्तणु $ जेण पवत्तइ तित्थ-पवत्तणु
{प॰च॰२,९.४} जेण सीलु वउ णियमु ण णासइ $ जेण अहिंसा-धम्मु पयासइ"
{प॰च॰२,९.५} एम वियप्पेॅवि छण-चन्दाणण $ पुण्णाउस कोक्किय णीलञ्जण
{प॰च॰२,९.६} "तिहुअण-गुरुहेॅ जाहि ओलग्गऍ $ णट्टारम्भु पदरिसहि अग्गऍ"
{प॰च॰२,९.७} तं आएसु लहेॅवि गय तेत्तहेॅ $ थिउ अत्थाणेॅ भडारउ जेत्तहेॅ
{प॰च॰२,९.८} पाउज्जिऍहिॅ पउञ्जिउ तक्खणेॅ $ गेउ वज्जु जं वुत्तउ लक्खणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२,९.९} रङ्गेॅ पइट्ठ तुरन्ति $ कर-दिट्ठि-भाव-रस-रञ्जिय
विब्भम-भाव-विलास $ दरिसन्तिऍ पाण विसज्जिय
कण्ड १, संधि २, कडवक १०॒
{प॰च॰२,१०.१} जं णीलञ्जण पाणेॅहिॅ मुक्की $ जाय जिणहेॅ ता सङ्क गुरुक्की
{प॰च॰२,१०.२} "धिद्धिगत्थु संसारु असारउ $ अण्णहेॅ अण्णु होइ कम्मारउ
{प॰च॰२,१०.३} अण्णहेॅ अण्णु करइ भिच्चत्तणु" $ तं जि हूउ वइरायहेॅ कारणु
{प॰च॰२,१०.४} लोयन्तियहिॅ ताम पडिवोहिउ $ "चारु देव जं सइँ उम्मोहिउ
{प॰च॰२,१०.५} उवहिहिॅ णव-णव-कोडाकोडिउ $ णट्ठउ धम्मु सत्थु परिवाडिउ
{प॰च॰२,१०.६} णट्ठइँ दंसण-णाण-चरित्तइँ $ दाण-झाण-संजम-सम्मत्तइँ
{प॰च॰२,१०.७} पञ्च महव्वय पञ्चाणुव्वय $ तिण्णि गुणव्वय चउ सिक्खावय
{प॰च॰२,१०.८} णियम-सील-उववास-सहासइँ $ पइँ होन्तेण हवन्तु असेसइँ"
घत्ता॒
{प॰च॰२,१०.९} ताम विमाणारूढ $ चउ-दिसु चउ देव-णिकाया
"पइँ विणु सुण्णउ मोक्खु" $ णं जिण-हक्कारा आया
कण्ड १, संधि २, कडवक ११॒
{प॰च॰२,११.१} सिविया-जाणें सुरवर-सारउ $ जय-जय-सद्दें चडिउ भडारउ
{प॰च॰२,११.२} देवेॅहिॅ खन्धु देवि उच्चाइउ $ णिविसें तं सिद्धत्थु पराइउ
{प॰च॰२,११.३} तहिॅ उववणेॅ थोवन्तरु थाऍवि $ भरहहेॅ राय-लच्छि करेॅ लाऍवि
{प॰च॰२,११.४} "णमह परम-सिद्धाण" भणन्तें $ किउ पयागेॅ णिक्खवणु तुरन्तें
{प॰च॰२,११.५} मुट्ठिउ पञ्च भरेप्पिणु लइयउ $ चामीयर-पडलोवरेॅ थवियउ
{प॰च॰२,११.६} गेण्हेॅवि जण-मण-णयणाणन्दें $ घित्तिउ खीर-समुद्देॅ सुरिन्दें
{प॰च॰२,११.७} तेण समाणु सणेहें लइया $ रायहँ चउ सहास पव्वइया
{प॰च॰२,११.८} परिमिउ ससि जिह गह-संघाएं $ अद्धु वरिसु थिउ काओसाएं
घत्ता॒
{प॰च॰२,११.९} पवणुद्धुयउ जडाउ $ रिसहहेॅ रेहन्ति विसालउ
सिहिहेॅ वलन्तहेॅ णाइँ $ धूमाउल-जाला-मालउ
कण्ड १, संधि २, कडवक १२॒
{प॰च॰२,१२.१} जिणु अविउलु अविचलु वीसत्थउ $ थिउ छम्मासु पलम्विय-हत्थउ
{प॰च॰२,१२.२} जे णिव तेण समउ पव्वइया $ ते दारुण-दुव्वाएं लइया
{प॰च॰२,१२.३} सीउण्हेॅहिॅ तिस-भुक्खहिॅ खामिय $ जिम्भण-णिद्दालसेॅहिॅ विणामिय
{प॰च॰२,१२.४} चालण-कण्डुयणइँ अलहन्ता $ अहि-विच्छिय-परिवेढिज्जन्ता
{प॰च॰२,१२.५} घोर-वीर-तव-चरणेॅहिॅ भग्गा $ णासेॅवि सलिलु पिएवऍ लग्गा
{प॰च॰२,१२.६} केण वि महियलेॅ घत्तिउ अप्पउ $ "हो हो केण दिट्ठु परमप्पउ
{प॰च॰२,१२.७} पाण जन्ति जइ एण णिओएं $ तो किर तेण काइँ परलोएं"
{प॰च॰२,१२.८} को वि फलइँ तोडेप्पिणु भक्खइ $ "जाह्ũ भणेवि को वि काणेक्खइ
घत्ता॒
{प॰च॰२,१२.९} को वि णिवारइ किं पि $ आमेल्लेॅवि चलण जिणिन्दहेॅ
"कल्लऍ देसह्ũ काइँ $ पच्चुत्तरु भरह-णरिन्दहेॅ"
कण्ड १, संधि २, कडवक १३॒
{प॰च॰२,१३.१} तहिॅ तेहऍ पडिवन्नऍ अवसरेॅ $ दइवी वाणि समुट्ठिय अम्वरेॅ
{प॰च॰२,१३.२} "अहेॅ अहेॅ कूड-कवड-णिग्गन्थहेॅ $ कापुरिसहेॅ अणाय-परमत्थहेॅ
{प॰च॰२,१३.३} एण महारिसि-लिङ्ग-ग्गहणें $ जाइ-जरा-मरण-त्तय-डहणें
{प॰च॰२,१३.४} फलइँ म तोडहेॅ जलु मा डोहहेॅ $ णं तो णीसङ्गत्तणु छण्डहेॅ"
{प॰च॰२,१३.५} तं णिसुणेॅवि तिस-भुक्खादण्णेॅहिॅ $ उद्धूलिउ अप्पाणउ अण्णेॅहिॅ
{प॰च॰२,१३.६} अण्णेॅहिॅ अण्ण समय उप्पाइय $ तहिॅ अवसरेॅ णमि-विणमि पराइय
{प॰च॰२,१३.७} कच्छ-महाकच्छाहिव-णन्दण $ वर-करवाल-अत्थ णीसन्दण
{प॰च॰२,१३.८} वेण्णि वि विहिॅ चलणेॅहिॅ णिवडेप्पिणु $ थिय पासेॅहिॅ जिणु जयकारेप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰२,१३.९} चिन्तिउ णमि-विणमीहिॅ $ "वुत्तउ वि ण वोल्लइ णाहो
एउ ण जाणह्ũ आसि $ किउ अम्हेॅहिॅ को अवराहो
कण्ड १, संधि २, कडवक १४॒
{प॰च॰२,१४.१} जइ वि ण किं पि देहि सुर-सारा $ तो वरि एक्कसि वोल्लि भडारा
{प॰च॰२,१४.२} अण्णह्ũ देसु विहञ्जेॅवि दिण्णउ $ अम्हह्ũ किं पहु णिद्दाखिण्णउ
{प॰च॰२,१४.३} अण्णह्ũ दिण्ण तुरङ्गम गयवर $ अम्हह्ũ काइँ कियउ परमेसर
{प॰च॰२,१४.४} अण्णह्ũ दिण्णउ उत्तिम-वेसउ $ अम्हह्ũ आलावेण वि संसउ"
{प॰च॰२,१४.५} एम जाम गरहन्ति जिणिन्दहेॅ $ आसणु चलिउ ताम धरणिन्दहेॅ
{प॰च॰२,१४.६} अवहि पउञ्जेॅवि सप्परिवारउ $ आउ खणद्धें जेत्थु भडारउ
{प॰च॰२,१४.७} लक्खिउ विहि मि मज्झेॅ परमेसरु $ ससि-सूरन्तरालेॅ णं मन्दरु
{प॰च॰२,१४.८} तुरिउ ति-वारउ भामरि देप्पिणु $ जिणवर-वन्दणहत्ति करेप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰२,१४.९} पुच्छिय धरणिधरेण $ "विण्णि वि उण्णाविय-मत्था
थिय कज्जें कवणेण $ उक्खय-करवाल-विहत्था"
कण्ड १, संधि २, कडवक १५॒
{प॰च॰२,१५.१} तं णिसुणेवि दिण्णु पच्चुत्तरु $ "पेसिय वे वि आसि देसन्तरु
{प॰च॰२,१५.२} दूरट्ठाणु जाम तं पावह्ũ $ जाम वलेवि पडीवा आवह्ũ
{प॰च॰२,१५.३} ताम पिहिमि णिय-पुत्तहँ देप्पिणु $ अम्हहँ थिउ अवहेरि करेप्पिणु
{प॰च॰२,१५.४} तं णिसुणेॅवि विहसिय-मुह-यन्दें $ दिण्णउ विज्जउ वे धरणिन्दें
{प॰च॰२,१५.५} "गिरि-वेयड्ढहेॅ होहु पहाणा $ उत्तर-दाहिण-सेड्ढिहिॅ राणा"
{प॰च॰२,१५.६} तं णिसुणेॅवि णमि-विणमिहिॅ वुच्चइ $ "अण्णें दिण्णी पिहिवि न रुच्चइ
{प॰च॰२,१५.७} जइ णिग्गन्थु देइ सइँ हत्थें $ तो अम्हे वि लेह्ũ परमत्थें"
{प॰च॰२,१५.८} तं णिसुणेवि वे वि अवलोऍवि $ थिउ अग्गऍ सो मुणिवरु होऍवि
घत्ता॒
{प॰च॰२,१५.९} हत्थुत्थल्लिउ तेण $ गय वे वि लएप्पिणु विज्जउ
उत्तर-सेड्ढिहिॅ एक्कु $ थिउ दाहिण-सेड्ढिहिॅ विज्जउ
कण्ड १, संधि २, कडवक १६॒
{प॰च॰२,१६.१} तहिॅ अवसरेॅ उच्चाइय-वाहहेॅ $ महि-विहरन्तहेॅ तिहुअण-णाहहेॅ
{प॰च॰२,१६.२} वहु-लायण्ण-वण्ण-संपण्णउ $ आणइ को वि पसाहेॅवि कण्णउ
{प॰च॰२,१६.३} चेलिउ को वि को वि हय चञ्चल $ रयणइँ को वि को वि वर मयगल
{प॰च॰२,१६.४} को वि सुवण्णइँ रुप्पय-थालइँ $ को वि धणइँ धण्णइँ असरालइँ
{प॰च॰२,१६.५} को वि अमुल्लाहरणइँ ढोयइ $ ताइँ भडारउ णउ अवलोयइ
{प॰च॰२,१६.६} सव्वइँ धूलि-समइँ मण्णन्तउ $ पट्टणु हत्थिणयरु संपत्तउ
{प॰च॰२,१६.७} जहिॅ सेयंसें दंसणु पाहिउ $ छुडु छुडु णिय-परिवारहेॅ साहिउ
{प॰च॰२,१६.८} "अज्जु पइट्ठु अणङ्ग-वियारउ $ मइँ पाराविउ रिसहु भडारउ
{प॰च॰२,१६.९} इक्खु-रसहेॅ भरियञ्जलि जं जे $ घरेॅ वसु-हार पवरिसिय तं जे"
{प॰च॰२,१६.१०} ताम चउद्दिसु लोएं छाइउ $ सच्चउ जें जिणु वारेॅ पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰२,१६.११} णिग्गउ "थाहु" भणन्तु $ स-कलत्तु स-पुत्तु स-परियणु
भमिउ ति-भामरि दिन्तु $ मन्दरहेॅ जेम तारायणु
कण्ड १, संधि २, कडवक १७॒
{प॰च॰२,१७.१} वन्देॅवि पइसारियउ णिहेलणु $ किउ चलणारविन्द-पक्खालणु
{प॰च॰२,१७.२} अण्णु वि गोमएण संमज्जणु $ दिण्ण जलेण धार पुणु चन्दणु
{प॰च॰२,१७.३} पुप्फइँ अक्खयाउ वलि दीवा $ धूव-वास जल-वास पडीवा
{प॰च॰२,१७.४} कर-पक्खालणु देवि कुमारें $ ससहर-सण्णिहेण भिङ्गारें
{प॰च॰२,१७.५} अहिणव-इक्खुरसहेॅ भरियञ्जलि $ ताव सुरेहिॅ मुक्कु कुसुमञ्जलि
{प॰च॰२,१७.६} साहुक्कारु देव-दुन्दुहि-सरु $ गन्ध-वाउ वसु-वरिसु णिरन्तरु
{प॰च॰२,१७.७} कञ्चण-रयणहँ कोडिउ वारह $ पडिय लक्ख वत्तीसट्ठारह
{प॰च॰२,१७.८} अक्खय-दाणु भणेॅवि सेयंसहेॅ $ अक्खयतइय णाũ किउ दिवसहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२,१७.९} जिमिउ भडारउ जं जेॅ $ सेयंसें अप्पउ भावेॅवि
वन्दिउ रिसह-जिणिन्दु $ सिरेॅ स इँ भु व-जुअलु चडावेॅवि
{प॰च॰२,१७.१०} इय एत्थ पउमचरिए $ धणञ्जयासिय-सयम्भुएव-कए
"जिणवर-णिक्खमण" इमं $ वीयं चिय साहियं पव्वं
[३. तईओ संधि] ----------
तिहुअण-गुरु $ तं गयउरु $ मेल्लेॅवि खीण-कसाइउ
गय-सन्तउ $ विहरन्तउ $ पुरिमतालु संपाइउ
कण्ड १, संधि ३, कडवक १॒
{प॰च॰३,१.१} दीहर-कालचक्क-हऍण $ वरिस-सहासें पुण्णऍण
सयडामुह-उज्जाण-वणु $ ढुक्कु भडारउ रिसह-जिणु
{प॰च॰३,१.२} रम्मं महा जं च पुण्णाय-णाएहिॅ $ कुसुमिय-लया-वेल्लि-पल्लव-णिहाएहिॅ
{प॰च॰३,१.३} कप्पूर-कङ्कोल-एला-लवङ्गेहिॅ $ महु-माहवी-माहुलिङ्गी-विडङ्गेहिॅ
{प॰च॰३,१.४} मरियल्ल-जीरुच्छ-कुङ्कुम-कुडङ्गेहिॅ $ णव-तिलय-वउलेहिॅ चम्पय-पियङ्गेहिॅ
{प॰च॰३,१.५} णारङ्ग-णग्गोह-आसत्थ-रुक्खेहिॅ $ कङ्केल्लि-पउमक्ख-रुद्दक्ख-दक्खेहिॅ
{प॰च॰३,१.६} खज्जूरि-जम्वीरि-घण-फणिस-लिम्वेहिॅ $ हरियाल-ढउएहिॅ वहु-पुत्तजीवेहिॅ
{प॰च॰३,१.७} सत्तच्छया ऽगत्थि-दहिवण्ण-णन्दीहिॅ $ मन्दार-कुन्दिन्दु-सिन्दूर-सिन्दीहिॅ
{प॰च॰३,१.८} वर-पाडली-पोप्फली-णालिकेरीहिॅ $ करमन्दि-कन्थारि-करिमर-करीरेहिॅ
{प॰च॰३,१.९} कणियारि-कणवीर-मालूर-तरलेहिॅ $ सिरिकण्ड-सिरिसामली-साल-सरलेहिॅ
{प॰च॰३,१.१०} हिन्ताल-तालेहिॅ ताली-तमालेहिॅ $ जम्वू-वरम्वेहिॅ कञ्चण-कयम्वेहिॅ
{प॰च॰३,१.११} भुव-देवदारूहिॅ रिट्ठेहिॅ चारेहिॅ $ कोसम्म-सज्जेहिॅ कोरण्ट-कोञ्जेहिॅ
{प॰च॰३,१.१२} अच्चइय-जूहीहिॅ जासवण-मल्लीहिॅ $ केयइऍ जाएहिॅ अवरहि मि जाईहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३,१.१३} तहिॅ दिट्ठउ $ सुमणिट्ठउ $ वड-पायउ थिर-थोरउ
वण-वणियहेॅ $ सुह-जणियहेॅ $ उप्परि धरिउ व मोरउ
कण्ड १, संधि ३, कडवक २॒
{प॰च॰३,२.१} तहिॅ थाऍवि परमेसरेॅण $ आइ-पुराण-महेसरेॅण
विसय-सेण्णु संचूरियउ $ सुक्क-झाणु आऊरियउ
{प॰च॰३,२.२} एक्क-सुक्क-झाणग्गि-पलित्तहेॅ $ दो-गुण-धरहेॅ दुविह-तव-तत्तहेॅ
{प॰च॰३,२.३} तियगारहेॅ ति-सल्ल फेडन्तहेॅ $ चउविह-कम्मिन्धणइँ डहन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.४} पञ्चिन्दिय-दणु-दप्पु हरन्तहेॅ $ छव्विह-रस-परिचाउ करन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.५} सत्त-महाभय परिसेसन्तहेॅ $ अट्ठ दुट्ठ मय णिण्णासन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.६} णवविहु वम्भचेरु रक्खन्तहेॅ $ दसविहु परम-धम्मु पालन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.७} सुइ एयारहङ्ग जाणन्तहेॅ $ वारह अणुवेक्खउ चिन्तन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.८} तेरसविहु चारित्तु चरन्तहेॅ $ चउदहविह-गुणथाणु चडन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.९} पण्णारह पमाय वज्जन्तहेॅ $ सोलहविह कसाय मुच्चन्तहेॅ
{प॰च॰३,२.१०} सत्तारह संजम पालन्तहेॅ $ अट्ठारह वि दोस णासन्तहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३,२.११} सुह-झाणहेॅ $ गय-माणहेॅ $ अइपसण्ण-मुहयन्दहेॅ
धवलुज्जलु $ तं केवलु $ णाणुप्पण्णु जिणिन्दहेॅ
कण्ड १, संधि ३, कडवक ३॒
{प॰च॰३,३.१} साहिय-णिय-सहाव-चरिउ $ चउतीस ऽिसय-परियरिउ
थिउ जिणु णिद्धुय-कम्म-रउ $ णं ससहरु णिज्जलहरउ
{प॰च॰३,३.२} पुण्ण-पवित्तु पाव-णिण्णासणु $ अण्णुप्पण्णु धवलु सिंहासणु
{प॰च॰३,३.३} किसलय-कुसुम-रिद्धि-संपण्णउ $ अण्णेत्तहेॅ असोउ उप्पण्णउ
{प॰च॰३,३.४} दिणयर-कोडि-पयाव-समुज्जलु $ अण्णेत्तहेॅ पसण्णु भामण्डलु
{प॰च॰३,३.५} अण्णेत्तहेॅ ओणामिय-मत्था $ चामरिन्द थिय चमर-विहत्था
{प॰च॰३,३.६} अण्णेत्तहेॅ तिहुअणु धवलन्तउ $ थिउ उद्दण्ड-धवल-छत्त-त्तउ
{प॰च॰३,३.७} अण्णेत्तहेॅ सुर-दुन्दुहि वज्जइ $ णं पक्खुहणेॅ महोवहि गज्जइ
{प॰च॰३,३.८} दिव्व भास अण्णेत्तहेॅ भासइ $ अण्णेत्तहेॅ कम्म-रउ पणासइ
{प॰च॰३,३.९} $ कुसुम-वासु अण्णेत्तहेॅ वासइ
{प॰च॰३,३.१०} अट्ठ वि पाडिहेर उप्पण्णा $ णं थिय पुण्ण-पुञ्ज आसण्णा
घत्ता॒
{प॰च॰३,३.११} इय चिन्धइँ $ जसु सिद्धइँ $ पर-समाणु जसु अप्पउ
गह-चक्कहेॅ $ तइलोक्कहेॅ $ सो जेॅ देउ परमप्पउ
कण्ड १, संधि ३, कडवक ४॒
{प॰च॰३,४.१} वारह-जोयण-पोढिमउ $ मणहरु सव्वु सुवण्णमउ
चउदिसु चउरुज्जाण-वणु $ सुर-णिम्मविउ समोसरणु
{प॰च॰३,४.२} तिविहु कणय-पायारु पभाविउ $ वारह कोट्ठा सोलह वाविउ
{प॰च॰३,४.३} माणव-थम्भ चयारि परिट्ठिय $ कञ्चण-तोरण-णिवह समुट्ठिय
{प॰च॰३,४.४} चउ गोउरइँ हेम-परियरियइँ $ णव णव थूहइँ तहिॅ वित्थरियइँ
{प॰च॰३,४.५} दह धय पउम-मोर-पञ्चाणण $ गरुड-मराल-वसह वर-वारण
{प॰च॰३,४.६} अण्णु वि वत्थ-चक्क-छत्त-द्धय $ फरहरन्त अच्चन्त समुण्णय
{प॰च॰३,४.७} एक्केक्कऍ धऍ अहिणव-छायह्ũ $ सउ अट्ठोत्तरु चित्त-पडायह्ũ
{प॰च॰३,४.८} तं समसरणु परिट्ठिउ जावहिॅ $ अमर-राउ संचल्लिउ तावहिॅ
{प॰च॰३,४.९} चलियइँ आसणाइँ अहमिन्दह्ũ $ विसहरिन्द-अमरिन्द-णरिन्दह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰३,४.१०} जिण-संपइ $ जाणावइ $ सुरवइ सुरवर-विन्दह्ũ
"किं अच्छहु $ आगच्छहु $ जाह्ũ भडारउ वन्दह्ũ"
कण्ड १, संधि ३, कडवक ५॒
{प॰च॰३,५.१} तं णिसुणेॅवि पउरामरेॅहिॅ $ कडय-मउड-कुण्डल-धरेॅहिॅ
मणि-रयण-प्पह-रञ्जियइँ $ णिय-णिय-जाणइँ सज्जियइँ
{प॰च॰३,५.२} केहि मि मेस महिस विस कुञ्जर $ केहि मि तच्छ रिच्छ मिग सम्वर
{प॰च॰३,५.३} केहि मि करह वराह तुरङ्गम $ केहि मि हंस मऊर विहङ्गम
{प॰च॰३,५.४} केहि मि सस सारङ्ग पवङ्गम $ केहि मि रहवर णरवर जङ्गम
{प॰च॰३,५.५} केहि मि वग्घ सिङ्घ गय गण्डा $ केहि मि गरुड कोञ्च कारण्डा
{प॰च॰३,५.६} केहि मि सुंसुआर मच्छोहर $ एम पराइय सयल वि सुरवर
{प॰च॰३,५.७} दस-पयार वर भवण-णिवासिय $ विन्तर अट्ठ पञ्च जोईसिय
{प॰च॰३,५.८} वहुविह कप्पामर कोक्कन्तउ $ ईसाणिन्दु वि आउ तुरन्तउ
{प॰च॰३,५.९} विब्भम-हाव-भाव-संखोडिहिॅ $ परिमिउ चउवीस ऽच्छर-कोडिहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३,५.१०} पेक्खेॅवि वलु $ किय-कलयलु $ चउविह-देव-णिकायहेॅ
धाइय णर $ कट्ठिय-धर $ सुरवर-वल्लह-रायहेॅ
कण्ड १, संधि ३, कडवक ६॒
{प॰च॰३,६.१} ताव गलिय-दाणोज्झरउ $ कण्ण-चमर-हय-महुयरउ
जिण-वन्दण-गवणंमणउ $ परिवड्ढिउ अइरावणउ
{प॰च॰३,६.२} जोयण-लक्ख-पमाणु परिट्ठिउ $ वीयउ मन्दरु णाइँ समुट्ठिउ
{प॰च॰३,६.३} उप्परि पेक्खणाइँ पारद्धइँ $ चामीयर-तोरणइँ णिवद्धइँ
{प॰च॰३,६.४} उब्भिय धय धूवन्तइँ चिन्धइँ $ कियइँ वणइँ फल-फुल्ल-समिद्धइँ
{प॰च॰३,६.५} पोक्खरिणिउ णव पङ्कय सरवर $ दीहिय-वावि-तलाय लयाहर
{प॰च॰३,६.६} तहिॅ अइरावणेॅ गलगज्जन्तऍ $ दीहर-कर-सिक्कार मुअन्तऍ
{प॰च॰३,६.७} विज्जिज्जन्तु चमर-परिवाडिहिॅ $ सत्तावीसहिॅ अच्छर-कोडिहिॅ
{प॰च॰३,६.८} चडिउ पुरन्दरु मणेॅ परिओसें $ जय-मङ्गल-दुन्दुहि-णिग्घोसें
{प॰च॰३,६.९} वन्दिण-फम्फावयहिॅ पढन्तेॅहिॅ $ कट्ठियवालेॅहिॅ ढोउ ण दिन्तेॅहिॅ
{प॰च॰३,६.१०} इन्दहेॅ तणिय रिद्धि अवलोऍवि $ के वि विसूरिय विमुहा होऍवि
घत्ता॒
{प॰च॰३,६.११} "मल-धरणइँ $ तव-चरणइँ $ कं दिवु भरहेॅ करेसह्ũ
जें दुल्लहु $ जण-वल्लहु $ इन्दत्तणु पावेसह्ũ"
कण्ड १, संधि ३, कडवक ७॒
{प॰च॰३,७.१} ताम सुरासुर-वाहणइँ $ फलइँ व सग्ग-दुमहेॅ तणइँ
जिणवर-पुण्ण-वाय-हयइँ $ हेट्ठामुहइँ समागयइँ
{प॰च॰३,७.२} अवरोप्परु चूरन्त महाइय $ गिरि-मणुसोत्तर-सिहरु पराइय
{प॰च॰३,७.३} णिय-करेॅ खञ्चेॅवि भणइ पुरन्दरु $ "उच्चासण-आरुहणु असुन्दरु
{प॰च॰३,७.४} जाइँ विउव्वण-सत्तिऍ हूयइँ $ तुरिउ ताइँ आमेल्लहु रूअइँ
{प॰च॰३,७.५} थिय देवासुर इन्दाएसें $ सव्व पडीवा तेण जि वेसें
{प॰च॰३,७.६} णाणा-जाण-विमाणेॅहिॅ तेत्तहेॅ $ ढुक्कु समोसरणे जिणु जेत्तहेॅ
{प॰च॰३,७.७} सयल वि दूरोणाविय-मत्था $ सयल वि कर-मउलञ्जलि-हत्था
{प॰च॰३,७.८} सयल वि जयजयकारु करन्ता $ सयल वि थोत्त-सयाइँ पढन्ता
{प॰च॰३,७.९} सयल वि अप्पाणउ दरिसन्ता $ णामु गोत्तु णिय-णिलउ कहन्ता
घत्ता॒
{प॰च॰३,७.१०} तहिॅ वेलऍ $ सुर-मेलऍ $ तेय-पिण्डु जिणु छज्जइ
गयणङ्गणेॅ $ तारायणेॅ $ छण-मयलञ्छणु णज्जइ
कण्ड १, संधि ३, कडवक ८॒
{प॰च॰३,८.१} सुर-करि-खन्धुत्तिण्णऍण $ वहु-रोमञ्चुब्भिण्णऍण
सप्परिवारें सुन्दरेॅण $ थुइ आढत्त पुरन्दरेॅण
{प॰च॰३,८.२} "जय अजरामर-पुर-परमेसर $ जय जिण आइ-पुराण-महेसर
{प॰च॰३,८.३} जय दय-धम्म-रयण-रयणायर $ जय अण्णाण-तमोह-दिवायर
{प॰च॰३,८.४} जय ससि भव्व-कुमुय-पडिवोहण $ जय कल्लाण-णाण-गुण-रोहण
{प॰च॰३,८.५} जय सुरगुरु तइलोक्क-पियामह $ जय संसार-महाडइ-हुयवह
{प॰च॰३,८.६} जय वम्मह-णिम्महण महाउस $ जय कलि-कोह-हुआसणेॅ पाउस
{प॰च॰३,८.७} जय कसायघण-पलयसमीरण $ जय माणइरि-पुरन्दरपहरण
{प॰च॰३,८.८} जय इन्दिय-गयउलेॅ पञ्चाणण $ जय तिहुअण-सिरि-रामालिङ्गण
{प॰च॰३,८.९} जय कम्मारि-मडप्फर-भञ्जण $ जय णिक्कल णिरवेक्ख णिरञ्जण
घत्ता॒
{प॰च॰३,८.१०} तुह सासणु $ दुह-णासणु $ एवहिॅ उण्णइ चडियउ
जें होन्तेॅण $ पहवन्तेॅण $ जगु संसारेॅ ण पडियउ"
कण्ड १, संधि ३, कडवक ९॒
{प॰च॰३,९.१} तं वलु तं देवागमणु $ सो जिणवरु तं समसरणु
पेक्खेॅवि उववणेॅ अवयरिउ $ जाउ महन्तउ अच्छरिउ
{प॰च॰३,९.२} पट्टणेॅ पुरिमतालेॅ जो राणउ $ रिसहसेणु णामेण पहाणउ
{प॰च॰३,९.३} सो देवागमु णिऍवि पहासिउ $ "को सयडामुह-वणेॅ आवासिउ
{प॰च॰३,९.४} कासु एउ एवड्डु पहुत्तणु $ जेण विमाणहिॅ णवइ णहङ्गणु"
{प॰च॰३,९.५} तं णिसुणेवि केण अप्फालिउ $ "एम देव मइँ सव्वु णिहालिउ
{प॰च॰३,९.६} भरहेसरहेॅ वप्पु जो सुव्वइ $ महि-वल्लहु भणेवि जो थुव्वइ
{प॰च॰३,९.७} केवल-णाणु तासु उप्पण्णउ $ अट्ठ-महागुणड्ढि-संपण्णउ
{प॰च॰३,९.८} तं णिसुणेवि मरट्टें मेल्लिउ $ स-वलु स-वन्धुवग्गु संचल्लिउ
{प॰च॰३,९.९} तं समसरणु पइट्ठु तुरन्तउ $ "जय देवाहिदेव" पभणन्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰३,९.१०} तेएं तेॅण $ पइसन्तेॅण $ सुरह मि विब्भमु लाइउ
"एं वेसेॅण $ उद्देसेॅण $ किं मयरद्धउ आइउ"
कण्ड १, संधि ३, कडवक १०॒
{प॰च॰३,१०.१} पेक्खेॅवि तं देवागमणु $ सो जिणु तं जि समोसरणु
भव-भय-सऍहिॅ समल्लइउ $ रिसहसेणु पहु पव्वइउ
{प॰च॰३,१०.२} तेण समाणु परम गब्भेसर $ दिक्खहँ ठिय चउरासी णरवर
{प॰च॰३,१०.३} चउ-कल्लाण-विहूइ-सणाहहेॅ $ गणहर ते जि हूअ जग-णाहहेॅ
{प॰च॰३,१०.४} अवर वि जे जे भावें लइया $ चउरासी सहास पव्वइया
{प॰च॰३,१०.५} एयारह-गुणठाण-समिद्धह्ũ $ तिण्णि लक्ख सावयह्ũ पसिद्धह्ũ
{प॰च॰३,१०.६} अज्जिय-गणहेॅ सङ्ख कें वुज्झिय $ देव वि दुक्किय-कम्म-मलुज्झिय
{प॰च॰३,१०.७} थिय चउपासें परम-जिणिन्दहेॅ $ णं तारा-गह पुण्णिम-चन्दहेॅ
{प॰च॰३,१०.८} वइरइँ परिसेसवि थिय वणयर $ महिस तुरङ्गम केसरि कुञ्जर
घत्ता॒
{प॰च॰३,१०.९} अहि णउल वि $ थिय सयल वि $ एक्कहिॅ उवसम-भावेॅण
किय-सेवहेॅ $ पुरएवहेॅ $ केवल-णाण-पहावेॅण
कण्ड १, संधि ३, कडवक ११॒
{प॰च॰३,११.१} ताम विणिग्गय दिव्व झुणि $ कहइ तिलोअहेॅ परम-मुणि
वन्ध-विमोक्ख-कालवलइँ $ धम्माहम्म-महाफलइँ
{प॰च॰३,११.२} पुग्गल-जीवाजीव-पउत्तिउ $ आसव-संवर-णिज्जर-गुत्तिउ
{प॰च॰३,११.३} संजम-णियम-लेस-वय-दाणइँ $ तव सीलोववास-गुणठाणइँ
{प॰च॰३,११.४} सम्मद्दंसण-णाण-चरित्तइँ $ सग्ग-मोक्ख-संसार-णिमित्तइँ
{प॰च॰३,११.५} णव पयत्थ सज्झाय-ज्झाणइँ $ सुर-णर-उच्छेहाउ-पमाणइँ
{प॰च॰३,११.६} सायर-पल्ल-पुव्व-कोडीयउ $ लोयविहाय-कम्मपयडीयउ
{प॰च॰३,११.७} कालइँ खेत्त-भाव-परदव्वइँ $ वारह अङ्गइँ चउदह पुव्वइँ
{प॰च॰३,११.८} णरय-तिरय-मणुअत्त-सुरत्तइँ $ कुलयर-हलहर-चक्कहरत्तइँ
{प॰च॰३,११.९} तित्थयरत्तणाइँ इन्दत्तइँ $ सिद्धत्तणइ मि कहइ समत्तइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३,११.१०} किं वहुवेॅण $ आलावेॅण $ तिहुअणेॅ सयलेॅ गविट्ठउ
णउ एक्कु वि $ तिल-मेत्तु वि $ तं जि जिणेण ण दिट्ठउ
कण्ड १, संधि ३, कडवक १२॒
{प॰च॰३,१२.१} धम्मक्खाणु सयलु सुणेॅवि $ चञ्चलु जीविउ मणेॅ मुणेॅवि
भव-भव-भय-सय-गय-मणहेॅ $ उवसमु जाउ सव्व-जणहेॅ
{प॰च॰३,१२.२} केण वि पञ्चाणुव्वय लइया $ लोउ करेवि के वि पव्वइया
{प॰च॰३,१२.३} केहि मि गुणवयाइँ अणुसरियइँ $ केहि मि सिक्खावयइँ पधरियइँ
{प॰च॰३,१२.४} मउणाणत्थमियइँ अवरेक्कहिॅ $ अण्णेॅहिॅ किय णिवित्ति अण्णेक्कहिॅ
{प॰च॰३,१२.५} जो जं मग्गइ तं तहेॅ देइ $ हत्थु भडारउ णउ खञ्चेइ
{प॰च॰३,१२.६} अमर वि गय सम्मत्तु लएप्पिणु $ णिय णिय-लिय-वाहणहिॅ चडेप्पिणु
{प॰च॰३,१२.७} जिण-धवलहेॅ वि धवलु सिंहासणु $ पण्णारस-विसट्ट-थेरासणु
{प॰च॰३,१२.८} उब्भिय सेय छत्त सिय-चामरु $ दिव्व भास भामण्डलु सेहरु
घत्ता॒
{प॰च॰३,१२.९} तिहुअण-पहु $ हय-वम्महु $ केवल-किरण-दिवायरु
तहेॅ थाणहेॅ $ उज्जाणहेॅ $ गउ तं गङ्गा-सायरु
कण्ड १, संधि ३, कडवक १३॒
{प॰च॰३,१३.१} तहिॅ अवसरेॅ भरहेसरहेॅ $ सयल-पुहइ-परमेसरहेॅ
पर-चक्केहि मि णविय कम $ जाय रिद्धि सुर-रिद्धि-सम
{प॰च॰३,१३.२} मालूर-पवर-पीवर-थणाहँ $ छण्णवइ सहास वरङ्गणाहँ
{प॰च॰३,१३.३} तहेॅ दह-पञ्चासउ णन्दणाह्ũ $ चउरासी लक्खइँ सन्दणाह्ũ
{प॰च॰३,१३.४} चउरासी लक्खइँ गयवराह्ũ $ अट्ठारह कोडिउ हयवराह्ũ
{प॰च॰३,१३.५} कोडीउ तिण्णि वर-धेणुवाहँ $ वत्तीस सहास णराहिवाहँ
{प॰च॰३,१३.६} वत्तीस सहासइँ मण्डलाह्ũ $ कम्मन्तेॅ कोडि पवहइ हलाह्ũ
{प॰च॰३,१३.७} णव णिहियउ रयणइँ सत्त सत्त $ छक्कण्ड इ मेइणि एक्क-छत्त
घत्ता॒
{प॰च॰३,१३.८} जिह वप्पेॅण $ माहप्पेॅण $ लइउ णाणु तं केवलु
तिह पुत्तेॅण $ जुज्झन्तेॅण $ स इँ भु व-वलेॅण महीयलु
[४. चउत्थो संधि] ----------
सट्ठिहिं वरिस-सहासहिॅ $ पुण्ण-जयासहिॅ $ भरहु अउज्झ पईसरइ
णव-णिसियर-धारउ $ कलह-पियारउ $ चक्क-रयणु ण पईसरइ
कण्ड १, संधि ४, कडवक १॒
{प॰च॰४,१.१} पइसरइ ण पट्टणेॅ चक्क-रयणु $ जिह अवुहब्भन्तरेॅ सुकइ-वयणु
{प॰च॰४,१.२} जिह वम्भयारि-मुहेॅ काम-सत्थु $ जिह गोट्ठङ्गणेॅ मणि-रयण-वत्थु
{प॰च॰४,१.३} जिह वारि-णिवन्धणेॅ हत्थि-जूहु $ जिह दुज्जण-जणेॅ सज्जण-समूहु
{प॰च॰४,१.४} जिह किविण-णिहेलणेॅ पणइ-विन्दु $ जिह वहुल-पक्खेॅ खय-दिवस-चन्दु
{प॰च॰४,१.५} जिह कामिणि-जणु माणुसेॅ अदव्वेॅ $ जिह सम्मद्दंसणु दूर-भव्वेॅ
{प॰च॰४,१.६} जिह महुअरि-कुलु दुग्गन्धेॅ रण्णेॅ $ जिह गुरु-गरहिउ अण्णाण-कण्णेॅ
{प॰च॰४,१.७} जिह परम-सोक्खु संसार-धम्मेॅ $ जिह जीव-दया-वरु पाव-कम्मेॅ
{प॰च॰४,१.८} पढम-विहट्टिहेॅ तप्पुरिसु जेम $ ण पईसइ उज्झहेॅ चक्कु तेम
घत्ता॒
{प॰च॰४,१.९} तं पेक्खेॅवि थक्कन्तउ $ विग्घु करन्तउ $ णरवइ वेहाविद्धउ
"कहहु मन्ति-सामन्तहेॅ $ जय-जस-मन्तहेॅ $ किं महु को वि असिद्धउ"
कण्ड १, संधि ४, कडवक २॒
{प॰च॰४,२.१} तं णिसुणेॅवि मन्तिहिॅ वुत्तु एम $ जं चिन्तहि तं तं सिद्धु देव
{प॰च॰४,२.२} छक्कण्ड वसुन्धरि णव णिहाण $ चउदह-विहेहिॅ रयणेॅहिॅ समाण
{प॰च॰४,२.३} णवणवइ सहास महागराह्ũ $ वत्तीस सहस देसन्तराह्ũ
{प॰च॰४,२.४} अवराइ मि सिद्धइँ जाइँ जाइँ $ को लक्खेॅवि सक्कइ ताइँ ताइँ
{प॰च॰४,२.५} पर एक्कु ण सिज्झइ साहिमाणु $ सय-पञ्च-सवाय-धणु-प्पमाणु
{प॰च॰४,२.६} तित्थङ्कर-णन्दणु तुह कणिट्ठु $ अट्ठाणवइहिॅ भाइहिॅ वरिट्ठु
{प॰च॰४,२.७} पोअण-परमेसरु चरम-देहु $ अखलिय-मरट्टु जयलच्छि-गेहु
{प॰च॰४,२.८} दुव्वार-वइरि-वीरन्त-कालु $ णामेण वाहुवलि वल-विसालु
घत्ता॒
{प॰च॰४,२.९} सीहु जेम पक्खरियउ $ खन्तिऍ धरियउ $ जइ सो कह वि वियट्टइ
तो सह्ũ खन्धावारें $ एक्क-पहारें $ पइ मि देव दलवट्टइ"
कण्ड १, संधि ४, कडवक ३॒
{प॰च॰४,३.१} तं वयणु सुणेॅवि दट्ठाहरेण $ भरहेण भरह-परमेसरेण
{प॰च॰४,३.२} पट्ठविय महन्ता तुरिय तासु $ "वुच्चइ करेॅ केर णराहिवासु
{प॰च॰४,३.३} जइ णउ पडिवण्णु कयावि एम $ ता तेम करहु महु भिडइ जेम"
{प॰च॰४,३.४} सिक्खविय महन्ता गय तुरन्त $ णिविसद्धें पोयण-णयरु पत्त
{प॰च॰४,३.५} पुज्जेॅवि पुच्छिय "आगमणु काइँ" $ तेहि मि कहियइँ वयणाइँ ताइँ
{प॰च॰४,३.६} "को तुह्ũ को भरहु ण भेउ को वि $ पुहवीसरु दीसइ गम्पि तो वि
{प॰च॰४,३.७} जिह भायर अट्ठाणवइ इयर $ जीवन्ति करेॅवि तहेॅ तणिय केर
{प॰च॰४,३.८} तिह तुहु मि मडप्फरु परिहरेवि $ जिउ रायहेॅ केरी केर लेवि"
घत्ता॒
{प॰च॰४,३.९} तं णिसुणेॅवि भय-भीसें $ वाहुवलीसें $ भरह-दूअ णिब्भच्छिय
"एक्क केर वप्पिक्की $ पिहिमि-गुरुक्की $ अवर केर ण पडिच्छिय
कण्ड १, संधि ४, कडवक ४॒
{प॰च॰४,४.१} पवसन्तें परम-जिणेसरेण $ जं किं पि विहञ्जेॅवि दिण्णु तेण
{प॰च॰४,४.२} तं अम्हह्ũ सासणु सुह-णिहाणु $ किउ विप्पिउ णउ केण वि समाणु
{प॰च॰४,४.३} सो पिहिमिहेॅ हũ पोयणहेॅ सामि $ णउ देमि ण लेमि ण पासु जामि
{प॰च॰४,४.४} दिट्ठेण तेण किर कवणु कज्जु $ किं तासु पसाएं करमि रज्जु
{प॰च॰४,४.५} किं तहेॅ वलेण हũ दुण्णिवारु $ किं तहेॅ वलेण महु पुरिसयारु
{प॰च॰४,४.६} किं तहेॅ वलेण पाइक्क-लोउ $ किं तहेॅ वलेण सम्पय-विहोउ
{प॰च॰४,४.७} जं गज्जिउ वाहुवलीसरेण $ पोयण-पुरवर-परमेसरेण
{प॰च॰४,४.८} तं कोवाणल-पजलन्तएहिॅ $ णिब्भच्छिउ भरह-महन्तएहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४,४.९} "जइ वि तुज्झु इमु मण्डलु $ वहु-चिन्तिय-फलु $ आसि समप्पिउ वप्पें
गामु सीमु खलु खेत्तु वि $ सरिसव-मेत्तु वि $ तो वि णाहिॅ विणु कप्पें"
कण्ड १, संधि ४, कडवक ५॒
{प॰च॰४,५.१} तं वयणु सुणेवि पलम्व-वाहु $ णं चन्दाइच्चह्ũ कुविउ राहु
{प॰च॰४,५.२} "कहेॅ तणउ रज्जु कहेॅ तणउ भरहु $ जं जाणहु तं महु मिलेॅवि करहु
{प॰च॰४,५.३} सो एक्कें चक्कें वहइ गव्वु $ किर वसिकिउ मइँ महिवीढु सव्वु
{प॰च॰४,५.४} णउ जाणइ होसइ केम कज्जु $ कहेॅ पासिउ णीसावण्णु रज्जु
{प॰च॰४,५.५} परियलइ जेण तहेॅ तणउ दप्पु $ तं तेहउ कल्लऍ देमि कप्पु
{प॰च॰४,५.६} वावल्ल-भल्ल-कण्णिय-करालु $ मुग्गर-मुसुण्ढि-पट्टिस-विसालु"
{प॰च॰४,५.७} तं सुणेॅवि महन्ता गय तुरन्त $ णिविसद्धें भरहहेॅ पासु पत्त
{प॰च॰४,५.८} जं जेम चविउ तं कहिउ तेम $ "पइँ तिण-सरिसो वि ण गणइ देव
घत्ता॒
{प॰च॰४,५.९} ण करइ केर तुहारी $ रिउ-खय-कारी $ णिब्भउ माणेॅ महाइउ
मेइणि-रवणु समुड्डेॅवि $ रण-पिडु मण्डेॅवि $ जुज्झ-सज्जु थिउ दाइउ"
कण्ड १, संधि ४, कडवक ६॒
{प॰च॰४,६.१} तं णिसुणेॅवि झत्ति पलित्तु राउ $ णं जलणु जाल-माला-सहाउ
{प॰च॰४,६.२} देवाविउ लहु सण्णाह-तूरु $ सण्णज्झइ स-रहसु सुहड-सूरु
{प॰च॰४,६.३} आऊरिउ वलु चउरङ्गु ताम $ अट्ठारह अक्खोहणिउ जाम
{प॰च॰४,६.४} परिचिन्तिय णव णिहि संचलन्ति $ जे सन्दण-वेसें परिभमन्ति
{प॰च॰४,६.५} महकालु कालु माणवउ पण्डु $ पउमक्खु सङ्खु पिङ्गलु पचण्डु
{प॰च॰४,६.६} णइसप्पु रयणु णव णिहिउ एय $ णं थिय वहु-भायहिॅ पुण्ण-भेय
{प॰च॰४,६.७} णव-जोयणाइँ तुङ्गत्तणेण $ वारह सप्पासङ्गत्तणेण
{प॰च॰४,६.८} अट्ठोयर गम्भीरत्तणेण $ सह्ũ जक्ख-सहासें रक्खणेण
{प॰च॰४,६.९} केॅ वि वत्थइँ केॅ वि भोयणइँ देइ $ केॅ वि रयणइँ केॅ वि पहरणइँ णेइ
{प॰च॰४,६.१०} केॅ वि हय गय केॅ वि ओसहिउ धरइ $ विण्णाणाहरणह्ũ को वि हरइ
घत्ता॒
{प॰च॰४,६.११} चम्म-चक्क-सेणावइ $ हय-गय-गहवइ $ छत्त-दण्ड णेमित्तिय
कागणि-मणि-त्थवइ थिय $ खग्ग-पुरोहिय $ ते वि चउद्दह चिन्तिय
कण्ड १, संधि ४, कडवक ७॒
{प॰च॰४,७.१} गउ भरहु पयाणउ देवि जाम $ हेरिऍहिॅ कणिट्ठहेॅ कहिउ ताम
{प॰च॰४,७.२} "सहसा णीसरु सण्णहेॅवि देव $ दीसइ पडिवक्खु समुद्दु जेम"
{प॰च॰४,७.३} तं सुणेॅवि स-रोसु पलम्व-वाहु $ सण्णज्झइ पोयण-णयर-णाहु
{प॰च॰४,७.४} पडु पडह समाहय दिण्ण सङ्ख $ धय-दण्ड छत्त उब्भिय असङ्ख
{प॰च॰४,७.५} किउ कलयलु लइयइँ पहरणाइँ $ कर-पहर-पयट्टइँ वाहणाइँ
{प॰च॰४,७.६} णीसरिउ सत्त सङ्खोहणीउ $ एक्कऍ सेण्णऍ अक्खोहणीउ
{प॰च॰४,७.७} भरहेसर-वाहुवली वि ते वि $ आसण्णइँ ढुक्कइँ वलइँ वे वि
{प॰च॰४,७.८} $ सवडंमुह धय धयवडह्ũ देवि
{प॰च॰४,७.९} हय हयह्ũ महा-गय गयवराह्ũ $ भड भडह्ũ महा-रह रहवराह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰४,७.१०} देवासुर-वल-सरिसइँ $ वड्ढिय-हरिसइँ $ कञ्चुय-कवय-विसट्टइँ
एक्कमेक्क कोक्कन्तइँ $ रणेॅ हक्कन्तइँ $ उभय-वलइँ अब्भिट्टइँ
कण्ड १, संधि ४, कडवक ८॒
{प॰च॰४,८.१} अब्भिट्टइँ वड्ढिय-कलयलाइँ $ भरहेसर-वाहुवली-वलाइँ
{प॰च॰४,८.२} वाहिय-रह-चोइय-वारणाइँ $ अणवरयामेल्लिय-पहरणाइँ
{प॰च॰४,८.३} लुअ-जुण्ण-जोत्त-कण्डिय-धुराइँ $ दारिय-णियम्व-कप्पिय-उराइँ
{प॰च॰४,८.४} णिव्वट्टिय-भुअ-पाडिय-सिराइँ $ धुय-खन्ध-कवन्ध-पणच्चिराइँ
{प॰च॰४,८.५} गय-दन्त-छोह-भिण्णुब्भडाइँ $ उच्चाइय-पडिपेल्लिय-भडाइँ
{प॰च॰४,८.६} पडिहय-विणिवाइय-गयघडाइँ $ अच्छोडिय-मोडिय-धयवडाइँ
{प॰च॰४,८.७} मुसुमूरिय-चूरिय-रहवराइँ $ दलवट्टिय-लोट्टिय-हयवराइँ
{प॰च॰४,८.८} रुहिरोल्लइँ सरेॅहिॅ विहावियाइँ $ णं वे वि कुसुम्भेॅहिॅ रावियाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰४,८.९} पेक्खेॅवि वलइँ घुलन्तइँ $ महिहिॅ पडन्तइँ $ मन्तिहिॅ धरिय "म भण्डहेॅ
किं वहिएण वराएं $ भड-संघाएं $ दिट्ठि-जुज्झु वरि मण्डहेॅ
कण्ड १, संधि ४, कडवक ९॒
{प॰च॰४,९.१} पहिलउ जुज्झेवउ दिट्ठि-जुज्झु $ जल-जुज्झु पडीवउ मल्ल-जुज्झु
{प॰च॰४,९.२} जो तिण्णि मि जुज्झइँ जिणइ अज्जु $ तहेॅ णिहि तहेॅ रयणइँ तासु रज्जु"
{प॰च॰४,९.३} तं णिसुणेॅवि दुक्खु णिवारियाइँ $ साहणइँ वे वि ओसारियाइँ
{प॰च॰४,९.४} लहु दिट्ठि-जुज्झु पारद्धु तेहिॅ $ जिण-णन्द-सुणन्दा-णन्दणेहिॅ
{प॰च॰४,९.५} अवलोइउ भरहें पढमु भाइ $ कइलासें कञ्चण-सइलु णाइँ
{प॰च॰४,९.६} असिय-सियायम्व विहाइ दिट्ठि $ णं कुवलय-कमल-रविन्द-विट्ठि
{प॰च॰४,९.७} पुणु जोइउ वाहुवलीसरेण $ सरेॅ कुमुय-सण्डु णं दिणयरेण
{प॰च॰४,९.८} अवरामुह-हेट्ठामुह-मुहाइँ $ णं वर-वहु-वयण-सरोरुहाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰४,९.९} उवरिल्लियऍ विसालऍ $ भिउडि-करालऍ $ हेट्ठिम दिट्ठि परज्जिय
णं णव-जोव्वणइत्ती $ चञ्चल-चित्ती $ कुलवहु इज्जऍ तज्जिय
कण्ड १, संधि ४, कडवक १०॒
{प॰च॰४,१०.१} जं जिणेॅवि ण सक्किउ दिट्ठि-जुज्झु $ पारद्धु खणद्धें सलिल-जुज्झु
{प॰च॰४,१०.२} जलेॅ पइठ पिहिमि-पोयण-णरिन्द $ णं माणस-सरवरेॅ सुर-गइन्द
{प॰च॰४,१०.३} एत्थन्तरेॅ महि-परमेसरेण $ आडोहेॅवि सलिलु समच्छरेण
{प॰च॰४,१०.४} पम्मुक्क झलक्क सहोयरासु $ णं वेल समुद्दें महिहरासु
{प॰च॰४,१०.५} छुडु वाहुवलिहेॅ वच्छयलु पत्त $ णिब्भच्छिय असइ व पुणु णियत्त
{प॰च॰४,१०.६} पर थिय उरेॅ तोय-तुसार धवल $ णं णहेॅ तारा-णिउरुम्व-वहल
{प॰च॰४,१०.७} पुणु पच्छऍ वाहुवलीसरेण $ आमेल्लिय सलिल-झलक्क तेण
{प॰च॰४,१०.८} उद्धाइय चल-णिम्मल-तरङ्ग $ णं संचारिम आयास-गङ्ग
घत्ता॒
{प॰च॰४,१०.९} ओहट्टिउ भरहेसरु $ थिउ मुह-कायरु $ गरुअ-रहल्लऍ लइयउ
सुरयारुहण-वियक्कऍ $ विरह-झलक्कऍ $ भग्गु व दुप्पव्वइयउ
कण्ड १, संधि ४, कडवक ११॒
{प॰च॰४,११.१} जं जिणेॅवि ण सक्किउ सलिल-जुज्झु $ पारद्धु पडीवउ मल्ल-जुज्झु
{प॰च॰४,११.२} आवीलवि कच्छउ वल-महल्ल $ अक्खाडऍ णाइँ पइट्ठ मल्ल
{प॰च॰४,११.३} ओवग्गिय पुणु किय वाहु-सद्द $ णं भिडिय सुवन्त-तियन्त-सद्द
{प॰च॰४,११.४} वहु-वन्धहिॅ ढुक्कर-कत्तरीहिॅ $ विण्णाणहिॅ करणहिॅ भामरीहिॅ
{प॰च॰४,११.५} सह्ũ भरहें सुहरु करेवि वामु $ पुणु पच्छऍ दरिसिउ णियय-थामु
{प॰च॰४,११.६} उच्चाइउ उभय-करेॅहिॅ णरिन्दु $ सक्केण व जम्मणेॅ जिण-वरिन्दु
{प॰च॰४,११.७} एत्थन्तरेॅ वाहुवलीसरासु $ आमेल्लिउ देवेॅहिॅ कुसुम-वासु
{प॰च॰४,११.८} किउ कलयलु साहणेॅ विजउ घुट्ठु $ णरणाहु विलक्खीहूउ सुट्ठु
घत्ता॒
{प॰च॰४,११.९} चक्क-रयणु परिचिन्तिउ $ उप्परि घत्तिउ $ चरम-देहु तें वञ्चिउ
पसरिय-कर-णिउरुम्वें $ दिणयर-विम्वें $ णाइँ मेरु परिअञ्चिउ
कण्ड १, संधि ४, कडवक १२॒
{प॰च॰४,१२.१} जं मुक्कु चक्कु चक्केसरेण $ तं चिन्तिउ वाहुवलीसरेण
{प॰च॰४,१२.२} "किं पहु अप्फालमि महिहिॅ अज्जु $ णं णं धिगत्थु परिहरमि रज्जु
{प॰च॰४,१२.३} रज्जहेॅ कारणेॅ किज्जइ अजुत्तु $ घाएवउ भायरु वप्पु पुत्तु
{प॰च॰४,१२.४} किं आएं साहमि परम-मोक्खु $ जहिॅ लब्भइ अचलु अणन्तु सोक्खु"
{प॰च॰४,१२.५} परिचिन्तेॅवि सुइरु मणेण एम $ पुणु थविउ णराहिउ डिम्भु जेम
{प॰च॰४,१२.६} "महु तणिय पिहिमि तुह्ũ भुञ्जेॅ भाय $ सोमप्पहु केर करेइ राय"
{प॰च॰४,१२.७} सुणिसल्लु करेॅवि जिणु गुरु भणेवि $ थिउ पञ्च मुट्ठि सिरेॅ लोउ देवि
{प॰च॰४,१२.८} ओलम्विय-करयलु एक्कु वरिसु $ अविओलु अचलु गिरि-मेरु-सरिसु
घत्ता॒
{प॰च॰४,१२.९} वेड्ढिउ सुट्ठु विसालेॅहिॅ $ वेल्ली-जालेॅहिॅ $ अहि-विच्छिय-वम्मीयहिॅ
खणु वि ण मुक्कु भडारउ $ मयण-वियारउ $ णं संसारहेॅ भीयहिॅ
कण्ड १, संधि ४, कडवक १३॒
{प॰च॰४,१३.१} एत्थन्तरेॅ केवल-णाण-वाहु $ कइलासेॅ परिट्ठिउ रिसहणाहु
{प॰च॰४,१३.२} तइलोक्क-पियामहु जग-जणेरु $ समसरणु वि स-गणु स-पाडिहेरु
{प॰च॰४,१३.३} थोवेॅहिॅ दिवसेॅहिॅ भरहेसरो वि $ तहेॅ वन्दण-हत्तिऍ आउ सो वि
{प॰च॰४,१३.४} थोत्तुग्गीरिय गुरु-पुरउ भाइ $ परलोय-मूलेॅ इहलोउ णाइँ
{प॰च॰४,१३.५} वन्देप्पिणु दसविह-धम्म-पालु $ पुणु पुच्छिउ तिहुवण-सामिसालु
{प॰च॰४,१३.६} "वाहुवलि भडारा सुह-णिहाणु $ कें कज्जें अज्जु ण होइ णाणु"
{प॰च॰४,१३.७} तं णिसुणेॅवि परम-जिणेसरेण $ वज्जरिउ दिव्व-भासन्तरेण
{प॰च॰४,१३.८} "अज्ज वि ईसीसि कसाउ तासु $ जं खेत्तेॅ तुहारऍ किउ णिवासु
घत्ता॒
{प॰च॰४,१३.९} जइ भरहहेॅ जि समप्पिउ $ तो किं चप्पिउ $ मइँ चलणेॅहिॅ महि-मण्डलु
एण कसाएं लइयउ $ सो पव्वइयउ $ तेण ण पावइ केवलु"
कण्ड १, संधि ४, कडवक १४॒
{प॰च॰४,१४.१} तं वयणु सुणेॅवि गउ भरहु तेत्थु $ वाहुवलि-भडारउ अचलु जेत्थु
{प॰च॰४,१४.२} सव्वङ्गु पडिउ चलणेहिॅ तासु $ "तउ तणिय पिहिमि हũ तुम्ह दासु"
{प॰च॰४,१४.३} विण्णवइ खमावइ एम जाम $ चउ घाइ-कम्म गय खयहेॅ ताम
{प॰च॰४,१४.४} उप्पण्णउ केवल-णाणु विमलु $ थिउ देहु खणद्धें दुद्ध-धवलु
{प॰च॰४,१४.५} पउमासणु भूसणु सेय-चमरु $ भा-मण्डलु एक्कु जेॅ छत्तु पवरु
{प॰च॰४,१४.६} अत्थक्कऍ आइउ सुर-णिकाउ $ तित्थयर-पुत्तु केवलिउ जाउ
{प॰च॰४,१४.७} थोवहिॅ दिवसहिॅ तिहुअण-जणारि $ णासियघाइय-कम्म वि चयारि
{प॰च॰४,१४.८} अट्ठविह-कम्म-वन्धण-विमुक्कु $ सिद्धउ सिद्धालउ णवर ढुक्कु
घत्ता॒
{प॰च॰४,१४.९} रिसहु वि गउ णिव्वाणहेॅ $ सासय-थाणहेॅ $ भरहु वि णिव्वुइ पत्तउ
अक्ककित्ति थिउ उज्झहेॅ $ दणु-दुग्गेज्झहेॅ $ रज्जु स इं भु ञ्जन्तउ
[५. पञ्चमो संधि] ----------
अक्खइ गोत्तम-सामि $ तिहुअण-लद्ध-पसंसह्ũ
सुणि सेणिय उप्पत्ति $ रक्खस-वाणर-वंसह्ũ
कण्ड १, संधि ५, कडवक १॒
{प॰च॰५,१.१} तहिॅ जेॅ अउज्झहिॅ वहवें कालें $ उच्छण्णें णरवर-तरु-जालें
{प॰च॰५,१.२} विमलेक्खुक्क-वंसेॅ उप्पण्णउ $ धरणीधरु सुरूव-संपण्णउ
{प॰च॰५,१.३} तासु पुत्तु णामें तियसञ्जउ $ पुणु जियसत्तु रणङ्गणेॅ दुज्जउ
{प॰च॰५,१.४} तासु विजय महएवि मणोहर $ परिणिय थिर-मालूर-पओहर
{प॰च॰५,१.५} ताहेॅ गब्भेॅ भव-भय-खय-गारउ $ उप्पज्जइ सुउ अजिय-भडारउ
{प॰च॰५,१.६} रिसहु जेम वसुहार-णिमित्तउ $ रिसहु जेम मेरुहिॅ अहिसित्तउ
{प॰च॰५,१.७} रिसहु जेम थिउ वालक्कीलऍ $ रिसहु जेम परिणाविउ लीलऍ
{प॰च॰५,१.८} रिसहु जेम रज्जु इ भुञ्जन्तें $ एक्क-दिवऍ णन्दणवणु जन्तें
घत्ता॒
{प॰च॰५,१.९} पवणुद्धुउ सरु दिट्ठु $ पप्फुल्लिय-सयवत्तउ
णाइँ विलासिणि-लोउ $ उब्भिय-करु णच्चन्तउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक २॒
{प॰च॰५,२.१} सो जि महासरु तहिॅ जेॅ वणालऍ $ दिट्ठु जिणाहिवेण वेत्तालऍ
{प॰च॰५,२.२} मउलिय-दलु विच्छाय-सरोरुहु $ णं दुज्जण-जणु ओहुल्लिय-मुहु
{प॰च॰५,२.३} तं णिएवि गउ परम-विसायहेॅ $ "लइ एह जि गइ जीवहेॅ जायहेॅ
{प॰च॰५,२.४} जो जीवन्तु दिट्ठु पुव्वण्हऍ $ सो अङ्गार-पुञ्जु अवरण्हऍ
{प॰च॰५,२.५} जो णरवर-लक्खेॅहिॅ पणविज्जइ $ सो पहु मुअउ अवारें णिज्जइ
{प॰च॰५,२.६} जिह सञ्झाऍ एउ पङ्कय-वणु $ तिह जराऍ घाइज्जइ जोव्वणु
{प॰च॰५,२.७} जीविउ जमेॅण सरीरु हुआसें $ सत्तइँ कालें रिद्धि विणासें"
{प॰च॰५,२.८} चिन्तइ एम भडारउ जावेॅहिॅ $ लोयन्तियहिॅ विवोहिउ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,२.९} चउविह-देव-णिकाऍं $ आएं कलि-मल-रहियउ
जिणु पव्वइउ तुरन्तु $ दसहिॅ सहासहिॅ सहियउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ३॒
{प॰च॰५,३.१} थिउ छट्ठोववासेॅ सुर-सारउ $ वम्हयत्त-घरेॅ थक्कु भडारउ
{प॰च॰५,३.२} रिसहु जेम पारणउ करेप्पिणु $ चउदह संवच्छर विहरेप्पिणु
{प॰च॰५,३.३} सुक्क-झाणु आऊरिउ णिम्मलु $ पुणु उप्पण्णु णाणु तहेॅ केवलु
{प॰च॰५,३.४} अट्ठ वि पाडिहेर समसरणउ $ जिह रिसहहेॅ तिह देवागमणउ
{प॰च॰५,३.५} गणहर णवइ लक्खु वर-साहुह्ũ $ वम्मह-मल्ल-णिसुम्भण-वाहुह्ũ
{प॰च॰५,३.६} तहिॅ जेॅ कालेॅ जियसत्तु-सहोयरु $ तियसञ्जयहेॅ पुत्तु जयसायरु
{प॰च॰५,३.७} जयसायरहेॅ पुत्तु सुमणोहरु $ णामें सयरु सयल-चक्केसरु
{प॰च॰५,३.८} भरहु जेम सह्ũ णवहिॅ णिहाणहिॅ $ रयणेॅहिॅ चउदह-विहहिॅ पहाणहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,३.९} सयल-पिहिमि-परिपालु $ एक्क-दिवसेॅ चडुलङ्गें
जीउ व कम्म-वसेण $ णिउ अवहरेॅवि तुरङ्गें
कण्ड १, संधि ५, कडवक ४॒
{प॰च॰५,४.१} दुट्ठु तुरङ्गमु चञ्चल-छायहेॅ $ गयउ पणासेॅवि पच्छिम-भायहेॅ
{प॰च॰५,४.२} पइसइ सुण्णारण्णु महाडइ $ जहिॅ कलि-कालहेॅ हियवउ पाडइ
{प॰च॰५,४.३} दुक्खु दुक्खु हरि दमिउ णरिन्दें $ णं मयरद्धउ परम-जिणिन्दें
{प॰च॰५,४.४} ताम महा-सरु दीसइ स-कमलु $ चल-वीई तरङ्ग-भङ्गुर-जलु
{प॰च॰५,४.५} तहिॅ लय-मण्डवेॅ उप्पल्लाणेॅवि $ सलिलु पिएवि तुरङ्गमु ण्हाणेॅवि
{प॰च॰५,४.६} समु मेल्लइ वेत्तालहेॅ जावेॅहिॅ $ तिलयकेस सम्पाइय तावेॅहिॅ
{प॰च॰५,४.७} धीय सुलोयणाहेॅ वलवन्तहेॅ $ वहिणि सहोयरि दससयणेत्तहेॅ
{प॰च॰५,४.८} किर सह्ũ सहियहिॅ ढुक्कइ सरवरु $ दीसइ ताम सयरु पिहिमीसरु
घत्ता॒
{प॰च॰५,४.९} विद्धी काम-सरेहिॅ $ एक्कु वि पउ ण पयट्टइ
णाइँ सयम्वर-माल $ दिट्ठि णिवहेॅ आवट्टइ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ५॒
{प॰च॰५,५.१} केण वि कहिउ गम्पि सहसक्खहेॅ $ "कोऊहलु किं एउ ण लक्खहेॅ
{प॰च॰५,५.२} एक्कु अणङ्ग-समाणु जुवाणउ $ णउ जाणह्ũ किं पिहिमिहेॅ राणउ
{प॰च॰५,५.३} तं पेक्खेॅवि सस तुम्हहँ केरी $ काम-गहेण हूअ विवरेरी"
{प॰च॰५,५.४} तं णिसुणेवि राउ रोमञ्चिउ $ अब्भन्तरेॅ आणन्दु पणच्चिउ
{प॰च॰५,५.५} "णेमित्तियहिॅ आसि जं वुत्तउ $ ऍउ तं सयरागमणु णिरुत्तउ"
{प॰च॰५,५.६} मणेॅ परिचिन्तेॅवि पप्फुल्लाणणु $ गउ तुरन्तु तहिॅ दससयलोयणु
{प॰च॰५,५.७} तें चउसट्ठि-पुरिसलक्खण-धरु $ जाणेॅवि सयरु सयल-चक्केसरु
{प॰च॰५,५.८} सिरेॅ करयल करेवि जोक्कारिउ $ दिण्ण कण्ण पुणु पुरेॅ पइसारिउ
घत्ता॒
{प॰च॰५,५.९} लीलऍ भवणु पइट्ठु $ विज्जाहर-परिवेढिउ
तूसेॅवि दिण्णउ तेण $ उत्तर-दाहिण-सेढिउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ६॒
{प॰च॰५,६.१} तिलकेस लएप्पिणु गउ सयरु $ पइसरिउ अउज्झाउरि-णयरु
{प॰च॰५,६.२} सहसक्खु वि जणण-वइरु सरेॅवि $ विज्जाहर-साहणु मेलवेॅवि
{प॰च॰५,६.३} गउ उप्परि तासु पुण्णघणहेॅ $ जें जीविउ हरिउ सुलोयणहेॅ
{प॰च॰५,६.४} रहणेउरचक्कवाल-णयरेॅ $ विणिवाइउ पुण्णमेहु समरेॅ
{प॰च॰५,६.५} जो तोयदवाहणु तासु सुउ $ सो रणमुहेॅ कह वि कह वि ण मुउ
{प॰च॰५,६.६} गउ हंस-विमाणें तुट्ठ-मणु $ जहिॅ अजिय-जिणिन्द-समोसरणु
{प॰च॰५,६.७} मम्भीस दिण्ण अमरेसरेॅण $ स-वइर-वित्तन्तु कहिउ णरेॅण
{प॰च॰५,६.८} जे रिउ अणुपच्छऍ लग्ग तहेॅ $ गय पासु पडीवा णिय-णिवहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,६.९} तोयदवाहणु देव $ पाण लएविणु णट्ठउ
जिम सिद्धालऍ सिद्धु $ तिम समसरणेॅ पइट्ठउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ७॒
{प॰च॰५,७.१} तं णिसुणेॅवि पहु झट्टि पलित्तउ $ णं खड-हारु हुआसणेॅ घित्तउ
{प॰च॰५,७.२} "मरु मरु जइ वि जाइ पायालहेॅ $ विसहर-भवण-मूल-घण-जालहेॅ
{प॰च॰५,७.३} पइसइ जइ वि सरणु सुर-सेवह्ũ $ दसविह-भावणवासिय-देवह्ũ
{प॰च॰५,७.४} पइसइ जइ वि सरणु थिर-थाणह्ũ $ अट्ठ-विहह्ũ विन्तर-गिव्वाणह्ũ
{प॰च॰५,७.५} पइसइ जइ वि सरणु दुव्वारह्ũ $ जोइस-देवह्ũ पञ्च-पयारह्ũ
{प॰च॰५,७.६} कप्पामरह्ũ जइ वि अहमिन्दह्ũ $ वरुण-पवण-वइसवण-सुरिन्दह्ũ
{प॰च॰५,७.७} मरइ तो वि महु तोयदवाहणु" $ पइज करेॅवि गउ दससयलोयणु
{प॰च॰५,७.८} पेक्खेॅवि माणत्थम्भु जिणिन्दहेॅ $ मच्छरु माणु वि गलिउ णरिन्दहेॅ
{प॰च॰५,७.९} सो वि गम्पि समसरणु पइट्ठउ $ जिणु पणवेप्पिणु पुरउ णिविट्ठउ
{प॰च॰५,७.१०} विहि मि भवन्तराइँ वज्जरियइँ $ विहि मि जणण-वइरइँ परिहरियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰५,७.११} भीम-सुभीमेॅहिॅ ताम $ अहिणव-गहिय-पसाहणु
पुव्व-भवन्तर-णेहेॅ $ अवरुण्डिउ घणवाहणु
कण्ड १, संधि ५, कडवक ८॒
{प॰च॰५,८.१} पभणइ भीमु भीम-भड-भञ्जणु $ "तुह्ũ महु अण्ण-भवन्तरेॅ णन्दणु
{प॰च॰५,८.२} जिह चिरु तिह एवहि मि पियारउ" $ चुम्विउ पुणु वि पुणु वि सयवारउ
{प॰च॰५,८.३} "लइ कामुक-विमाणु अवियारें $ लइ रक्खसिय विज्ज सह्ũ हारें
{प॰च॰५,८.४} अण्णु वि रयणायर-परियञ्चिय $ दुप्पइसार सुरेहि मि वञ्चिय
{प॰च॰५,८.५} तीस परम जोयण वित्थिण्णी $ लङ्का-णयरि तुज्झु मइँ दिण्णी
{प॰च॰५,८.६} अण्णु वि एक्क-वार छज्जोयण $ लइ पायाललङ्क घणवाहण"
{प॰च॰५,८.७} भीम-महाभीमह्ũ आएसें $ दिण्णु पयाणउ मणेॅ परिओसें
{प॰च॰५,८.८} विमलकित्ति-विमलामल-मन्तिहिॅ $ परिमिउ अवरेहि मि सामन्तेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,८.९} लङ्काउरिहिॅ पइट्ठु $ अविचलु रज्जेॅ परिट्ठिउ
रक्खस-वंसहेॅ णाइँ $ पहिलउ कन्दु समुट्ठिउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ९॒
{प॰च॰५,९.१} वहवें कालें वल-संपत्तिऍ $ अजिय-जिणहेॅ गउ वन्दण-हत्तिऍ
{प॰च॰५,९.२} तं समसरणु पईसइ जावेॅहिॅ $ सयरु वि तहिॅ जेॅ पराइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰५,९.३} पुच्छिउ णाहु पिहिमि-परिपालें $ "कइ होसन्ति भवन्तें कालें
{प॰च॰५,९.४} तुम्हें जेहा वय-गुण-वन्ता $ कइ तित्थयर देव अइकन्ता
{प॰च॰५,९.५} तं णिसुणेॅवि कन्दप्प-वियारउ $ मागह-भासऍ कहइ भडारउ
{प॰च॰५,९.६} "मइँ जेहउ केवल-संपण्णउ $ एक्कु जि रिसहु देउ उप्पण्णउ
{प॰च॰५,९.७} पइँ जेहउ छक्कण्ड-पहाणउ $ भरह-णराहिउ एक्कु जि राणउ
{प॰च॰५,९.८} पइँ विणु दस होसन्ति णरेसर $ मइँ विणु वावीस वि तित्थङ्कर
{प॰च॰५,९.९} णव वलएव णव जि णारायण $ हर एयारह णव जि दसाणण
{प॰च॰५,९.१०} अण्णु वि एक्कुणसट्ठि पुराणइँ $ जिण-सासणेॅ होसन्ति पहाणइँ"
घत्ता॒
{प॰च॰५,९.११} तोयदवाहणु ताम $ भावें पुलउ वहन्तउ
दस-उत्तरेॅण सएण $ भरहु जेम णिक्खन्तउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक १०॒
{प॰च॰५,१०.१} णिय-णन्दणहेॅ णिहय-पडिवक्खहेॅ $ लङ्का-णयरि दिण्ण महरक्खहेॅ
{प॰च॰५,१०.२} वहवें कालें सासय-थाणहेॅ $ अजिय-भडारउ गउ णिव्वाणहेॅ
{प॰च॰५,१०.३} सयरहेॅ सयल पिहिमि भुञ्जन्तहेॅ $ रयण-णिहाणइँ परिपालन्तहेॅ
{प॰च॰५,१०.४} सट्ठि सहास हूय वर-पुत्तह्ũ $ सयल-कला-विण्णाण-णिउत्तह्ũ
{प॰च॰५,१०.५} एक्क-दिवसेॅ जिण-भवण-णिवासहेॅ $ वन्दण-हत्तिऍ गय कइलासहेॅ
{प॰च॰५,१०.६} भरह-कियइँ मणि-कञ्चण-माणइँ $ चउवीस वि वन्देप्पिणु थाणइँ
{प॰च॰५,१०.७} भणइ भईरहि सुट्ठु वियक्खणु $ "करह्ũ किं पि जिण-भवणह्ũ रक्खणु
{प॰च॰५,१०.८} कड्ढेॅवि गङ्ग भमाडह्ũ पासेॅहिॅ" $ तं जि समत्थिउ भाइ-सहासेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,१०.९} दण्ड-रयणु परिचिन्तेॅवि $ खोणि खणन्तु भमाडिउ
पायालइरिहेॅ णाइँ $ वियड-उरत्थलु फाडिउ
कण्ड १, संधि ५, कडवक ११॒
{प॰च॰५,११.१} तक्खणेॅ खोउ जाउ अहि-लोयहेॅ $ धरणिन्दहेॅ सहास-फड-डोयहेॅ
{प॰च॰५,११.२} आसीविस-दिट्ठिऍ णिक्खत्तिय $ सयल वि छारहेॅ पुञ्जु पवत्तिय
{प॰च॰५,११.३} कह वि कह वि ण वि दिट्ठिहिॅ पडिया $ भीम-भईरहि वे उव्वरिया
{प॰च॰५,११.४} दुम्मण दीण-वयण परियत्ता $ लहु सक्केय-णयरि संपत्ता
{प॰च॰५,११.५} मन्तिहिॅ कहिउ "कह वि तिह भिन्दहेॅ $ जिह उड्डन्ति ण पाण णरिन्दहेॅ"
{प॰च॰५,११.६} ताम सहा-मण्डउ मण्डिज्जइ $ आसणु आसणेण पीडिज्जइ
{प॰च॰५,११.७} मेहलु मेहलेण आलग्गें $ हारें हारु मउडु मउडग्गें
{प॰च॰५,११.८} सयर-णरिन्दासण-संकासइँ $ वइसणाह्ũ वाणवइ सहासइं
घत्ता॒
{प॰च॰५,११.९} णरवइ आउल-चित्तु $ सव्वत्थाणु विहावइ
सट्ठि-सहासह्ũ मज्झेॅ $ एक्कु वि पुत्तु ण आवइ
कण्ड १, संधि ५, कडवक १२॒
{प॰च॰५,१२.१} भीम-भईरहि ताम पइट्ठा $ णिय-णिय-आसणेॅ गम्पि णिविट्ठा
{प॰च॰५,१२.२} पुच्छिय पुणु परिपालिय-रज्जें $ "इयर ण पइसरन्ति किं कज्जें
{प॰च॰५,१२.३} तेहिॅ विणासणाइँ विच्छायइँ $ तामरसाइँ व णिद्धुयगायइँ"
{प॰च॰५,१२.४} तं णिसुणेवि वयणु तहेॅ मन्तिहिॅ $ जाणाविउ पच्छण्ण-पउत्तिहिॅ
{प॰च॰५,१२.५} "हे णरवइ णिय-कुलहेॅ पईवा $ गय दियहा किं एन्ति पडीवा
{प॰च॰५,१२.६} जलवाहिणि-पवाह णिव्वूढा $ परियत्तन्ति काइँ ते मूढा
{प॰च॰५,१२.७} घण-घट्टियइँ विज्जु-विप्फुरियइँ $ सुविणय-वालभाव-संचरियइँ
{प॰च॰५,१२.८} जलवुव्वुव-तरङ्ग-सुरचावइँ $ कइ दीसन्ति विणासु ण भावइ
घत्ता॒
{प॰च॰५,१२.९} भरह-वाहुवलि-रिसह $ काल-भुअङ्गें गिलिया
कउ दीसन्ति पडीवा $ उज्झहिॅ एक्कहिॅ मिलिया"
कण्ड १, संधि ५, कडवक १३॒
{प॰च॰५,१३.१} जं णिद्दरिसु समासऍ दिण्णउ $ तं चक्कवइहेॅ हियवउ भिण्णउ
{प॰च॰५,१३.२} "तेण जेॅ ते अत्थाणु ण ढुक्का $ फुडु महु केरउ पेसणु चुक्का"
{प॰च॰५,१३.३} लद्धावसरेॅहिॅ जं अणुहुत्तउ $ भइरहि-भीमहिॅ कहिउ णिरुत्तउ
{प॰च॰५,१३.४} तं णिसुणेवि राउ मुच्छंगउ $ पडिउ महद्दुमु व्व पवणाहउ
{प॰च॰५,१३.५} तहि मि कालेॅ सामिय-सम्माणेॅहिॅ $ भिच्चेॅहिॅ जेम ण मेल्लिउ पाणेॅहिॅ
{प॰च॰५,१३.६} दुक्खु दुक्खु दूरुज्झिय-वेयणु $ उट्ठिउ सव्वङ्गागय-चेयणु
{प॰च॰५,१३.७} "किं सोएं किं खन्धावारें $ वरि पावज्ज लेमि अवियारें
{प॰च॰५,१३.८} आयऍ लच्छिऍ वहु जुज्झाविय $ पाहुणया इव वहु वोलाविय
घत्ता॒
{प॰च॰५,१३.९} जो जो को वि जुवाणु $ तासु तासु कुलउत्ती
मेइणि छेञ्छइ जेम $ कवणें णरेॅण ण भुत्ती"
कण्ड १, संधि ५, कडवक १४॒
{प॰च॰५,१४.१} पभणिउ भीमु "होहि दिढु रज्जहेॅ $ हũ पुणु जामि थामि णिय-कज्जहेॅ"
{प॰च॰५,१४.२} तेण वि वुत्तु "णाहि वउ भञ्जमि $ छेञ्छइ पइँ जि कहिय णउ भुञ्जमि"
{प॰च॰५,१४.३} चत्तु भीमु भइरहि हक्कारिउ $ दिण्ण पिहिमि वइसणेॅ वइसारिउ
{प॰च॰५,१४.४} अप्पुणु भरहु जेम णिक्खन्तउ $ तउ करेवि पुणु णिव्वुइ पत्तउ
{प॰च॰५,१४.५} ता एत्तहेॅ विणिहय-पडिवक्खहेॅ $ रज्जु करन्तहेॅ तहेॅ महरक्खहेॅ
{प॰च॰५,१४.६} देवरक्खु उप्पण्णउ णन्दणु $ णरवइ एक्क-दिवसेॅ गउ उववणु
{प॰च॰५,१४.७} कीलण-वाविहेॅ परिमिउ णारिहिॅ $ ण्हाइ गइन्दु व सह्ũ गणियारिहिॅ
{प॰च॰५,१४.८} णिवडिय तासु दिट्ठि तहिॅ अवसरेॅ $ जहिॅ मुउ महुयरु कमलब्भन्तरेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰५,१४.९} चिन्तिउ "जिह धुअगाउ $ रस-लम्पडु अच्छन्तउ
तिह कामाउरु सव्वु $ कामिणि-वयणासत्तउ"
कण्ड १, संधि ५, कडवक १५॒
{प॰च॰५,१५.१} णिय-मणेॅ जाइ विसायहेॅ जावेॅहिॅ $ सवण-सङ्घु संपाइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰५,१५.२} सयल वि रिसि तियाल-जोगेसर $ महकइ गमय वाइ वाईसर
{प॰च॰५,१५.३} सयल वि वन्धु-सत्तु-समभावा $ तिण-कञ्चण-परिहरण-सहावा
{प॰च॰५,१५.४} सयल वि जल्ल-मलङ्किय-देहा $ धीरत्तणेॅण महीहर-जेहा
{प॰च॰५,१५.५} सयल वि णिय-तव-तेएं दिणयर $ गम्भीरत्तणेण रयणायर
{प॰च॰५,१५.६} सयल वि घोर-वीर-तव-तत्ता $ सयल वि सयल-सङ्ग-परिचत्ता
{प॰च॰५,१५.७} सयल वि कम्म-वन्ध-विद्धंसण $ सयल वि सयल-जीव-मम्भीसण
{प॰च॰५,१५.८} सयल वि परमागम-परियाणा $ काय-किलेसेक्केक्क-पहाणा
घत्ता॒
{प॰च॰५,१५.९} सयल वि चरम-सरीर $ सयल वि उज्जुय-चित्ता
णं परिणणहँ पयट्ट $ सिद्धि-वहुय वरइत्ता
कण्ड १, संधि ५, कडवक १६॒
{प॰च॰५,१६.१} तो एत्थन्तरेॅ पहु आणन्दिउ $ सो रिसि-सङ्घु तुरन्तें वन्दिउ
{प॰च॰५,१६.२} पभणिउ विण्णवेवि "सुयसायर $ भो भो भव्वम्भोय-दिवायर
{प॰च॰५,१६.३} भव-संसार-महण्णव-णासिय $ करेॅ पसाउ पव्वज्जहेॅ सामिय"
{प॰च॰५,१६.४} जम्पइ साहु "साहु लङ्केसर $ पइँ जीवेवउ अट्ठ जेॅ वासर
{प॰च॰५,१६.५} जं जाणहि तं करहि तुरन्तउ" $ णिविसद्धेण सो वि णिक्खन्तउ
{प॰च॰५,१६.६} अट्ठ दिवस संल्लेहण भावेॅवि $ अट्ठ दिवस दाणइँ देवावेॅवि
{प॰च॰५,१६.७} अट्ठ दिवस पुज्जउ णीसारेॅवि $ अट्ठ दिवस पडिमउ अहिसारेॅवि
{प॰च॰५,१६.८} अट्ठ दिवस आराहण वाऍवि $ गउ मोक्खहेॅ परमप्पउ झाणेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰५,१६.९} तहेॅ महरक्खहेॅ पुत्तु $ देवरक्खु वलवन्तउ
थिउ अमराहिउ जेम $ लङ्क स इं भु ञ्जन्तउ
[६. छट्ठो संधि] ----------
चउसट्ठिहिॅ सिंहासणेॅहिॅ अइकन्तेॅहिॅ आणन्तऍ भित्तिऍ
पुणु उप्पण्णु कित्तिधवलु धवलिउ जेण भुअणु णिय-कित्तिऍ
यथा प्रथमस् तोयदवाहनः. तोयदवाहनस्यापत्यं महरक्षः. महरक्षस्यापत्यं देवरक्षः. देवरक्षस्यापत्यं रक्षः. रक्षस्यापत्यं आदित्यः. आदित्यस्यापत्यम् आदित्यरक्षः. आदित्यरक्षस्यापत्यं भीमप्रभः. भीमप्रभस्यापत्यं पूजर्हन्. पूजर्हतो ऽपत्यं जितभास्करः. जितभास्करस्यापत्यं संपरिकीर्तिः. संपरिकीर्तेर् सुग्रीवः. सुग्रीवस्यापत्यं हरिग्रीवः. हरिग्रीवस्यापत्यं श्रीग्रीवः. श्रीग्रीवस्यापत्यं सुमुखः. सुमुखस्यापत्यं सुव्यक्तः. सुव्यक्तस्यापत्यं मृगवेगः. मृगवेगस्यापत्यं भानुगतिः. भाणुगतेर् अपत्यम् इन्द्रः. इन्द्रस्यापत्यम् इन्द्रप्रभः. इन्द्रप्रभस्यापत्यं मेघः. मेघस्यापत्यं सिंहवदनः. सिंहवदनस्यापत्यं पविः. पवेर् अपत्यं इन्द्रविटुः. इन्द्रविटोर् अपत्यं भानुधर्मा. भानुधर्मणो ऽपत्यं भानुः. भानोर् अपत्यं सुरारिः. सुरारेर् अपत्यं त्रिजटः. त्रिजटस्यापत्यं भीमः. भीमस्यापत्यं महाभीमः. महाभीमस्यापत्यं मोहनः. मोहनस्यापत्यम् अङ्गारकः. अङ्गारकस्यापत्यं रविः. रवेर् अपत्यं चक्रारः. चक्रारस्यापत्यं वज्रोदरः. वज्रोदरस्यापत्यं प्रमोदः. प्रमोदस्यापत्यं सिंहविक्रमः. सिंहविक्रमस्यापत्यं चामुण्डः. चामुण्डस्यापत्यं घातकः. घातकस्यापत्यं भीष्मः. भीष्मस्यापत्यं द्विपबाहुः. द्विपबाहोर् अपत्यम् अरिमर्दनः. अरिमर्दनस्यापत्यं निर्वाणभक्तिः. निर्वाणभक्तेर् अपत्यम् उग्रश्रीः. उग्रश्रियो ऽपत्यं अर्हद्भक्तिः. अर्हद्भक्तेर् अपत्यं अनुत्तरः. अनुत्तरस्यापत्यं गत्युत्तमः. गत्युत्तमस्यापत्यम् अनिलः. अनिलस्यापत्यं चण्डः. चण्डस्यापत्यं लङ्काशोकः. लङ्काशोकस्यापत्यं मयूरः. मयूरस्यापत्यं महाबाहुः. महाबाहोर् अपत्यं मनोरमः. मनोरमस्यापत्यं भास्करः. भास्करस्यापत्यं बृहद्गतिः. बृहद्गतेर् अपत्यं बृहत्कान्तः. बृहत्कान्तस्यापत्यम् अरिसंत्रासः. अरिसंत्रासस्यापत्यं चन्द्रावर्तः. चन्द्रावर्तस्यापत्यं महारवः. महारवस्यापत्यं मेघध्वनिः. मेघध्वनेर् अपत्यं ग्रहक्षोभः. ग्रहक्षोभस्यापत्यं नक्षत्रदमनः. नक्षत्रदमनस्यापत्यं तारकः. तारकस्यापत्यं मेघनादः. मेघनादस्यापत्यं कीर्तिधवलः. इत्येतानि चतुःषष्टि सिंहासनानि.
कण्ड १, संधि ६, कडवक १॒
{प॰च॰६,१.१} सुर-कीलऍ रज्जु करन्ताहेॅ $ लङ्काउरि परिपालन्ताहेॅ
{प॰च॰६,१.२} एक्कहिॅ दिणेॅ विज्जाहर-पवरु $ लच्छी-महएविहेॅ भाइ णरु
{प॰च॰६,१.३} सिरिकण्ठ-णामु णिव-मेहुणउ $ रयणउरहेॅ आइउ पाहुणउ
{प॰च॰६,१.४} स-कलत्तु स-मन्ति-समन्त-वलु $ तहेॅ अहिमुहु आउ कित्तिधवलु
{प॰च॰६,१.५} स-पणामु समाइच्छिउ करेॅवि $ पुणु थिउ एक्कासणेॅ वइसरेॅवि
{प॰च॰६,१.६} एत्थन्तरेॅ हय-गय-रह-चडिउ $ अत्थक्कऍ पारक्कउ पडिउ
{प॰च॰६,१.७} चायार वि वारइँ रुद्धाइँ $ दिट्ठइँ छत्त-द्धय-चिन्धाइँ
{प॰च॰६,१.८} णिसुयइँ रण-तूरइँ वज्जियइँ $ हय-हिंसिय-गयवर-गज्जियइँ
{प॰च॰६,१.९} दुव्वार-वइरि-सय-रोक्कियइँ $ पच्चारिय-खारिय-कोक्कियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,१.१०} तं पेक्खेविणु वइरि-वलु $ कित्तिधवलु सिरिकण्ठें धीरिउ
"ताव ण जिणवरु जय भणमि $ जाव ण रणेॅ विवक्खु सर-सीरिउ"
कण्ड १, संधि ६, कडवक २॒
{प॰च॰६,२.१} सिरिकण्ठहेॅ जोऍवि मुह-कमलु $ कमलाऍ पवुत्तु कित्तिधवलु
{प॰च॰६,२.२} "किं ण मुणहि धण-कञ्चण-पउरु $ विज्जाहर-सेढिहिॅ मेहउरु
{प॰च॰६,२.३} तहिॅ पुप्फोत्तर-विज्जाहिवइ $ तहेॅ तणिय दुहिय हũ कमलमइ
{प॰च॰६,२.४} छुडु छुडु उव्वेल्लेॅवि णीसरिय $ चमरहरिहिॅ णारिहिॅ परियरिय
{प॰च॰६,२.५} तहिॅ अवसरेॅ धवल-विसालाइँ $ वन्देप्पिणु मेरु-जिणालाइँ
{प॰च॰६,२.६} स-विमाणु एन्तु णहेॅ णियवि सइँ $ घत्तिय णयणुप्पल-माल मइँ
{प॰च॰६,२.७} तइयह्ũ जेॅ जाउ पाणिग्गहणु $ एवहिॅ णिक्कारणेॅ काइँ रणु
{प॰च॰६,२.८} मा णिय-णिय-सेण्णइँ णिट्ठवहेॅ $ तहेॅ पासु महन्ता पट्ठवहेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰६,२.९} णिसुणेॅवि तं तेहउ वयणु $ पेसिय दूय पराइय तेत्तहेॅ
उत्तर-वारेॅ परिट्ठियउ $ पुप्फोत्तरु विज्जाहरु जेत्तहेॅ
कण्ड १, संधि ६, कडवक ३॒
{प॰च॰६,३.१} विण्णाण-विणय-णयवन्तऍहिॅ $ विज्जाहरु वुत्तु महन्तऍहिॅ
{प॰च॰६,३.२} "परमेसर एत्थु अ-खन्ति कउ $ सव्वउ कण्णउ पर-भायणउ
{प॰च॰६,३.३} सरियउ णीसरेॅवि महीहरहेॅ $ ढोयन्ति सलिलु रयणायरहेॅ
{प॰च॰६,३.४} मोत्तिय-मालउ सिरेॅ कुञ्जरहेॅ $ उवसोह देन्ति अण्णहेॅ णरहेॅ
{प॰च॰६,३.५} धाराउ लेवि जलु जलहरहेॅ $ सिञ्चन्ति अङ्गु णव-तरुवरहेॅ
{प॰च॰६,३.६} उप्पज्जेॅवि मज्झेॅ महा-सरहेॅ $ णलिणिउ वियसन्ति दिवायरहेॅ
{प॰च॰६,३.७} सिरिकण्ठ-कुमारहेॅ दोसु कउ $ तउ दुहियऍ लइउ सयम्वरउ
{प॰च॰६,३.८} तं णिसुणेॅवि णरवइ लज्जियउ $ थिउ माण-मडप्फर-वज्जियउ
घत्ता॒
{प॰च॰६,३.९} "कण्णा दाणु कहिं (?) तणउ $ जइ ण दिण्णु तो तुडिहिॅ चडावइ
होइ सहावें मइलणिय $ छेय-कालेॅ दीवय-सिह णावइ"
कण्ड १, संधि ६, कडवक ४॒
{प॰च॰६,४.१} गउ एम भणेवि णराहिवइ $ सिरिकण्ठें परिणिय पउमवइ
{प॰च॰६,४.२} वहु-दिवसेॅहिॅ उम्माहय-जणणु $ णिय-सालउ पेक्खेॅवि गमण-मणु
{प॰च॰६,४.३} सब्भावें भणइ कित्तिधवलु $ "जिह दूरीहोइ ण मुह-कमलु
{प॰च॰६,४.४} तिह अच्छह्ũ सज्जण-पाण-पिय $ किं विहिॅ ण पहुच्चइ एह सिय
{प॰च॰६,४.५} महु अत्थि अणेय दीव पवर $ हरि-हणुरुह-हंस-सुवेल-धर
{प॰च॰६,४.६} कुस-कञ्चण-कञ्चुअ-मणि-रयण $ छोहार-चीर-वाहण-जवण
{प॰च॰६,४.७} वव्वर-वज्जर-गीरा वि सिरि $ तोयावलि-सञ्झागार-गिरि
{प॰च॰६,४.८} वेलन्धर-सिङ्घल-चीणवर $ रस-रोहण-जोहण-किक्कुधर
घत्ता॒
{प॰च॰६,४.९} भार-भरक्खम-भीम-तड $ एय महारा दीव विचित्ता
णिव्वाडेप्पिणु धम्मु जिह $ जं भावइ तं गेण्हहि मित्ता"
कण्ड १, संधि ६, कडवक ५॒
{प॰च॰६,५.१} सिरिकण्ठहेॅ ताम मन्ति कहइ $ "किं वहवें वाणर-दीउ लइ
{प॰च॰६,५.२} जहिॅ किक्कु-महीहरु हेम-इलु $ विप्फुरिय-महामणि-फलिह-सिलु
{प॰च॰६,५.३} पवलङ्कुरु इन्दणील-गुहिलु $ ससिकन्त-णीर-णिज्झर-वहलु
{प॰च॰६,५.४} मुत्ताहल-जल-तुसार-दरिसु $ जहिॅ देसु वि तासु जेॅ अणुसरिसु
{प॰च॰६,५.५} अहिणव-कुसुमइँ पक्कइँ फलइँ $ कर-गेज्झइँ पण्णइँ फोप्फलइँ
{प॰च॰६,५.६} जहिॅ दक्ख रसालउ दीहियउ $ गुलियउ अमरेहि मि ईहियउ
{प॰च॰६,५.७} जहिॅ णाणा-कुसुम-करम्वियइँ $ सीयलइँ जलइँ अलि-चुम्वियइँ
{प॰च॰६,५.८} जहिॅ धण्णइँ फल-संदरिसियइँ $ धरणिहेॅ अङ्गाइँ व हरिसियइँ"
घत्ता॒
{प॰च॰६,५.९} तं णिसुणेॅवि तोसिय-मणेॅण $ देवागमणहेॅ अणुहरमाणउ
माहव-मासहेॅ पढम-दिणेॅ $ तहिॅ सिरिकण्ठें दिण्णु पयाणउ
कण्ड १, संधि ६, कडवक ६॒
{प॰च॰६,६.१} लङ्घेप्पिणु लवण-समुद्द-जलु $ तं वाणर-दीउ पइट्ठु वलु
{प॰च॰६,६.२} जहिॅ कुहिणिउ रविकन्त-प्पहउ $ सिहि-सङ्कऍ उवरि ण देइ पउ
{प॰च॰६,६.३} जहिॅ वाविउ वउलामोइयउ $ सुर-सङ्कऍ णरेॅण ण जोइयउ
{प॰च॰६,६.४} जहिॅ जलइँ णाहिॅ विणु पङ्कऍहिॅ $ पङ्कयइँ णाहिॅ विणु छप्पऍहिॅ
{प॰च॰६,६.५} जहिॅ वणइँ णाहिॅ विणु अम्वऍहिॅ $ अम्वा वि णाहिॅ विणु गोच्छऍहिॅ
{प॰च॰६,६.६} गोच्छा वि णाहिॅ विणु कोइलेॅहिॅ $ कोइलउ णाहिॅ विणु कलयलेॅहिॅ
{प॰च॰६,६.७} जहिॅ फलइँ णाहिॅ विणु तरुवरेॅहिॅ $ तरुवर वि णाहिॅ विणु लयहरेॅहिॅ
{प॰च॰६,६.८} लयहरइँ णाहिॅ णिक्कुसुमियइँ $ जहिॅ महुयर-विन्दइँ ण भमियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,६.९} साहउ णउ विणु वाणरेॅहिॅ $ णउ वाणर जाहँ ण वुक्कारो
ताइँ णियन्तउ तहिॅ जेॅ थिउ $ विज्जालउ सिरिकण्ठ-कुमारो
कण्ड १, संधि ६, कडवक ७॒
{प॰च॰६,७.१} पहु तेहिॅ समाणु खेडु करेॅवि $ अवरेहि धरावेॅवि सइँ धरेॅवि
{प॰च॰६,७.२} गउ किक्कु-महीहरहो (?) सिहरु $ चउदह-जोयण-पमाणु णयरु
{प॰च॰६,७.३} किउ सहसा सव्वु सुवण्णमउ $ णामेण किक्कुपुरु अण्णमउ
{प॰च॰६,७.४} जहिॅ चन्दकन्ति-मणि चन्दियउ $ ससि भणेॅवि अ-दियहेॅ जेॅ वन्दियउ
{प॰च॰६,७.५} जहिॅ सूरकन्ति-मणि विप्फुरिय $ रवि भणेॅवि जलाइँ मुअन्ति दिय
{प॰च॰६,७.६} जहिॅ णीलाउलि-भू-भङ्गुरइँ $ मोत्तियतोरण-उद्दन्तुरइँ
{प॰च॰६,७.७} विद्दुमदुवार-रत्ताहरइँ $ अवरोप्परु विहसन्ति व घरइँ
{प॰च॰६,७.८} उप्पण्णु ताम कोड्डावणउ $ सिरिकण्ठहेॅ वज्जकण्ठु तणउ
घत्ता॒
{प॰च॰६,७.९} एक्क-दिवसेॅ देवागमणु $ णिऍवि जन्तु णन्दीसर-दीवहेॅ
वन्दण-हत्तिऍ सो वि गउ $ परम-जिणहेॅ तइलोक्क-पईवहेॅ
कण्ड १, संधि ६, कडवक ८॒
{प॰च॰६,८.१} स-पसाहणु स-परिवारु स-धउ $ मणुसुत्तर-महिहरु जाम गउ
{प॰च॰६,८.२} पडिकूलिउ ताम गमणु णरहेॅ $ सिद्धालउ णाइँ कु-मुणिवरहेॅ
{प॰च॰६,८.३} "मइँ अण्ण-भवन्तरेॅ काइँ किउ $ जें सुर गय महु जि विमाणु थिउ
{प॰च॰६,८.४} वरि घोर-वीर-तउ हũ करमि $ णन्दीसरक्खु जें पइसरमि"
{प॰च॰६,८.५} गउ एम भणेॅवि णिय-पट्टणहेॅ $ संताणु समप्पेॅवि णन्दणहेॅ
{प॰च॰६,८.६} णीसङ्गु जाउ णिविसन्तरेॅण $ जिह वज्जकण्ठु कालन्तरेॅण
{प॰च॰६,८.७} तिह इन्दाउहु तिह इन्दमइ $ तिह मेरु स-मन्दरु पवणगइ
{प॰च॰६,८.८} तिह रविपहु एम सुहासणइँ $ ववगयइँ अट्ठ सीहासणइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,८.९} णवमउ णामें अमरपहु $ वासुपुज्ज-सेयंस-जिणिन्दह्ũ
अन्तरेॅ विहि मि परिट्ठियउ $ छण-पुव्वण्हु जेम रवि-चन्दह्ũ
कण्ड १, संधि ६, कडवक ९॒
{प॰च॰६,९.१} परिणन्तहेॅ लङ्काहिव-दुहिय $ तहेॅ पङ्गणेॅ केण वि कइ लिहिय
{प॰च॰६,९.२} दीहर-लङ्गूलारत्त-मुह $ कमु दिन्ति व धावन्ति व समुह
{प॰च॰६,९.३} तं पेक्खेॅवि साहामय-णिवहु $ भइयऍ मुच्छाविय राय-वहु
{प॰च॰६,९.४} एत्थन्तरेॅ कुविउ णराहिवइ $ "तं मारहु लिहिया जेण कइ"
{प॰च॰६,९.५} पणवेप्पिणु मन्तिहिॅ उवसमिउ $ "कइ-णिवहु ण केण वि अइकमिउ
{प॰च॰६,९.६} एयह्ũ जि पसाएं राय-सिय $ तउ पेसणयारी जेम तिय
{प॰च॰६,९.७} एयह्ũ जेॅ पसाएं रणेॅ अजउ $ जगेॅ वाणर-वंसु पसिद्धि-गउ
{प॰च॰६,९.८} सिरिकण्ठहेॅ लग्गेॅवि कइ-सयइँ $ एयइँ जेॅ तुम्ह कुल-देवयइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,९.९} तं णिसुणेॅवि परितुट्ठऍण $ अइकमिय (?) णमिय मरिसाविय
णिम्मल-कुलहेॅ कलङ्कु जिह $ मउडेॅ चिन्धेॅ धऍ छत्तेॅ लिहाविय
कण्ड १, संधि ६, कडवक १०॒
{प॰च॰६,१०.१} तें वाणर-वंसु पसिद्धि-गउ $ विण्णि वि सेडिउ वसिकरेॅवि थिउ
{प॰च॰६,१०.२} उप्पण्णु कइद्धउ तासु सुउ $ कइधयहेॅ वि पडिवलु पवर-भुउ
{प॰च॰६,१०.३} पडिवलहेॅ वि णयणाणन्दु पुणु $ पुणु खयराणन्दु विसाल-गुणु
{प॰च॰६,१०.४} पुणु गिरिणन्दणु पुणु उवहिरउ $ तहेॅ परम-मित्तु पडिपक्ख-खउ
{प॰च॰६,१०.५} तडिकेसि-णामु लङ्काहिवइ $ विज्जाहर-सामिउ गयणगइ
{प॰च॰६,१०.६} एक्कहिॅ दिणेॅ उववणु णीसरिउ $ पुणु वुड्डण-वाविहेॅ पइसरिउ
{प॰च॰६,१०.७} महएवि ताम तहेॅ तक्खणेॅण $ थण-सिहरहिॅ फाडिय मक्कडेॅण
{प॰च॰६,१०.८} तेण वि णारायहिॅ विद्धु कइ $ गउ तउ जउ तरुवर-मूलेॅ जइ
घत्ता॒
{प॰च॰६,१०.९} लद्ध-णमोक्कारहेॅ फलेॅण $ उवहिकुमारु देउ उप्पण्णउ
णियय-भवन्तरु संभरेॅवि $ विज्जुकेसु जउ तउ अवइण्णउ
कण्ड १, संधि ६, कडवक ११॒
{प॰च॰६,११.१} तडिकेसु णिएवि विहाइयउ $ "हũ एण हयासें घाइयउ
{प॰च॰६,११.२} अज्जु वि मणेॅ सल्लु समुव्वहइ $ जउ पेक्खइ तउ कइवर वहइ
{प॰च॰६,११.३} केत्तडउ वहेसइ खुद्दु खलु $ उप्पायमि माया-पमय-वलु"
{प॰च॰६,११.४} तो एम भणेॅवि साहामियइँ $ गिरिवर-संकासइँ णिम्मियइँ
{प॰च॰६,११.५} रत्तमुहइँ पुच्छ-पईहरइँ $ वुक्कार-घोर-घग्घर-सरइँ
{प॰च॰६,११.६} आणत्तइँ उप्परि धाइयइँ $ जलेॅ थलेॅ आयासेॅ ण माइयइँ
{प॰च॰६,११.७} अण्णइँ उम्मूलिय-तरुवरइँ $ अण्णइँ संचालिय-महिहरइँ
{प॰च॰६,११.८} अण्णइँ उग्गामिय-पहरणइँ $ अण्णइँ लङ्गूल-पईहरइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,११.९} अण्णइँ हुयवह-हत्थाइँ $ अण्णइँ पुणु अण्णेॅहिॅ उप्पाऍहिॅ
रूवइँ कालहेॅ केराइँ $ आवेॅवि थियइँ णाइँ वहु-भाऍहिॅ
कण्ड १, संधि ६, कडवक १२॒
{प॰च॰६,१२.१} अण्णहिॅ कोक्किउ लङ्काहिवइ $ "तिह पहरु पाउ जिह णिहउ कइ"
{प॰च॰६,१२.२} तं णिसुणेॅवि णरवइ कम्पियउ $ "किं कहि मि पवङ्गमु जम्पियउ
{प॰च॰६,१२.३} किं कहि मि कइन्दहेॅ पहरणइँ $ आयइँ लहुआइँ ण कारणइँ
{प॰च॰६,१२.४} चिन्तेवि महाभय-घत्थऍण $ वोल्लाविय पणविय-मत्थऍण
{प॰च॰६,१२.५} "के तुम्हइँ काइँ अ-खन्ति किय $ कज्जेण केण सण्णहेॅवि थिय"
{प॰च॰६,१२.६} तं णिसुणेॅवि चविउ पमय-णिवहु $ "किं पुव्व-वइरु वीसरिउ पहु
{प॰च॰६,१२.७} जइयह्ũ जल-कीलऍ आइयउ $ महएवि-कज्जेॅ कइ घाइयउ
{प॰च॰६,१२.८} रिसि-पञ्चणमोक्कारह्ũ वलेॅण $ सुरवरु उप्पण्णु तेण फलेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰६,१२.९} वइरु तुहारउ संभरेॅवि $ सो हũ एक्कु वि थिउ वहु-भाऍहिॅ
सेरउ अच्छहि काइँ रणेॅ $ जिम अब्भिडु जिम पडु महु पाऍहिॅ"
कण्ड १, संधि ६, कडवक १३॒
{प॰च॰६,१३.१} तं णिसुणेॅवि णमिउ णराहिवइ $ अमरेण वि दरिसिय अमर-गइ
{प॰च॰६,१३.२} णिउ विज्जुकेसु करेॅ धरेॅवि तहिॅ $ णिवसइ महरिसि चउ-णाणि जहिॅ
{प॰च॰६,१३.३} पयाहिण करेॅवि गुरु-भत्ति किय $ वन्देप्पिणु विण्णि मि पुरउ थिय
{प॰च॰६,१३.४} सव्वङ्गिउ सुरवरु हरिसियउ $ "ऍहु जम्मु एण महु दरिसियउ
{प॰च॰६,१३.५} अज्जु वि लक्खिज्जइ पायडउ $ महु केरउ एउ सरीरडउ"
{प॰च॰६,१३.६} तं पेक्खेॅवि तडिकेसु वि डरिउ $ णं पवण-छित्तु तरु थरहरिउ
{प॰च॰६,१३.७} पुणु पुच्छिउ महरिसि "धम्मु कहेॅ $ परिभमह्ũ जेण णउ णरय-पहेॅ"
{प॰च॰६,१३.८} तं णिसुणेॅवि चवइ चारु-चरिउ $ "महु अत्थि अण्णु परमायरिउ
{प॰च॰६,१३.९} सो कहइ धम्मु सव्वत्तिहरु $ पइसह्ũ जि जिणालउ सन्तिहरु
{प॰च॰६,१३.१०} परिओसें तिण्णि वि उच्चलिय $ वाहुवलि-भरह-रिसह व मिलिय
घत्ता॒
{प॰च॰६,१३.११} दिट्ठु महारिसि चेइ-हरेॅ $ णरवइ-उवहिकुमार-मुणिन्देॅहिॅ
परम-जिणिन्दु समोसरणेॅ $ णं धरणिन्द-सुरिन्द-णरिन्देॅहिॅ
कण्ड १, संधि ६, कडवक १४॒
{प॰च॰६,१४.१} पणवेप्पिणु पुच्छिउ परम-रिसि $ "दरिसावि भडारा धम्म-दिसि"
{प॰च॰६,१४.२} परमेसरु जम्पइ जइ-पवरु $ तइ-काल-वुद्धि चउ-णाण-धरु
{प॰च॰६,१४.३} "धम्मेण जाण-जम्पाण-धय $ धम्मेण भिच्च-रह-तुरय-गय
{प॰च॰६,१४.४} धम्मेणाहरण-विलेवणइँ $ धम्मेण णियासण-भोयणइँ
{प॰च॰६,१४.५} धम्मेण कलत्तइँ मणहरइँ $ धम्मेण छुहा-पण्डुर-घरइँ
{प॰च॰६,१४.६} धम्मेण पिण्ड-पीण-त्थणउ $ चमरइँ पाडन्ति वरङ्गणउ
{प॰च॰६,१४.७} धम्मेण मणुय-देवत्तणइँ $ वलएव-वासुएवत्तणइँ
{प॰च॰६,१४.८} धम्मेण अरुह-सिद्धत्तणइँ $ तित्थङ्कर-चक्कहरत्तणइँ
घत्ता॒
{प॰च॰६,१४.९} एक्कें धम्में होन्तऍण $ इन्दा देव वि सेव करन्ति
धम्म-विहूणहेॅ माणुसहेॅ $ चण्डाल वि पङ्गणऍ ण ठन्ति"
कण्ड १, संधि ६, कडवक १५॒
{प॰च॰६,१५.१} तडिकेसें पुच्छिउ पुणु वि गुरु $ "अण्णहिॅ भवेॅ को हũ को व सुरु"
{प॰च॰६,१५.२} जइ जम्पइ "णिसुणुत्तर-दिसऍ $ जाओ ऽसि आसि कासी-विसऍ
{प॰च॰६,१५.३} तुह्ũ साहु एहु धाणुक्कु तहिॅ $ आइउ तरु-मूलेॅ वि थिŏ ऽसि जहिॅ
{प॰च॰६,१५.४} णिग्गन्थु णिऍवि उवहासु कउ $ ईसीसुप्पण्णु कसाउ तउ
{प॰च॰६,१५.५} भञ्जेॅवि कावित्थ-सग्ग-गमणु $ पत्तो ऽसि णवर जोइस-भवणु
{प॰च॰६,१५.६} तत्थहेॅ वि चवेप्पिणु सुद्धमइ $ हूओ ऽसि एत्थ लङ्काहिवइ
{प॰च॰६,१५.७} धाणुक्किउ हिण्डेॅवि भव-गहणेॅ $ उप्पण्णु पवङ्गमु पमय-वणेॅ
{प॰च॰६,१५.८} पइँ हउ समाहि-मरणेण मुउ $ पुणु गम्पिणु उवहि-कुमारु हुउ"
ता
{प॰च॰६,१५.९} तं णिसुणेॅवि लङ्केसरेॅण $ रज्जेॅ सुकेसु थवेॅवि परमत्थें
मुऍवि कु-वेस व राय-सिय $ तव-सिय-वहुय लइय सइँ हत्थें
कण्ड १, संधि ६, कडवक १६॒
{प॰च॰६,१६.१} जं विज्जुकेसु णिग्गन्थु थिउ $ पञ्चेॅहिॅ मुट्ठिहिॅ सिरेॅ लोउ किउ
{प॰च॰६,१६.२} तं कडय-मउड-कुण्डल-धरेॅण $ सम्मत्तु लइउ दिढु सुरवरेॅण
{प॰च॰६,१६.३} एत्थन्तरेॅ किक्क-पुरेसरहेॅ $ गउ लेहु कइद्धय-सेहरहेॅ
{प॰च॰६,१६.४} महि-मण्डलेॅ घत्तिउ दिट्ठु किह $ णावालउ गङ्गा-वाहु जिह
{प॰च॰६,१६.५} वन्धण-विमुक्कु णं णिरयउलु $ वङ्कुडउ सहावें जेम खलु
{प॰च॰६,१६.६} जुवई जणु वण्णु समुव्वहइ $ आयरिउ व चरिउ कहउ कहइ
{प॰च॰६,१६.७} णं अक्खर-पन्तिहिॅ पहु भणिउ $ "तुम्हह्ũ सुकेसु परिपालणिउ
{प॰च॰६,१६.८} तडिकेसें तव-सिय लइय करेॅ $ जं जाणहि तं पहु तुहु मि करेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰६,१६.९} लेहु घिवेप्पिणु उवहिरउ $ पुत्तहेॅ रज्जु देवि णिक्खन्तउ
पुरेॅ पडिचन्दु परिट्ठियउ $ वाणरदीउ स इं भु ञ्जन्तउ
[७. सत्तमो संधि] ----------
पडिचन्दहेॅ जाय $ किक्किन्धन्धय पवर-भुव
णं रिसह-जिणासु $ भरह-वाहुवलि वे वि सुव
कण्ड १, संधि ७, कडवक १॒
{प॰च॰७,१.१} छुडु छुडु सरीर-संपत्ति पत्त $ तहिॅ अवसरेॅ केण वि कहिय वत्त
{प॰च॰७,१.२} "वेयड्ढ-कडऍ धण-कणय-पउरेॅ $ दाहिण-सेढिहिॅ आइच्चणयरेॅ
{प॰च॰७,१.३} विज्जामन्दरु णामेण राउ $ वेयमइ-अग्ग-महिसिऍ सहाउ
{प॰च॰७,१.४} सिरिमाल-णाम तहेॅ तणिय दुहिय $ इन्दीवरच्छि छण-चन्द-मुहिय
{प॰च॰७,१.५} कयली-कन्दल-सोमाल वाल $ सा परऍ घिवेसइ कहेॅ वि माल"
{प॰च॰७,१.६} तं णिसुणेॅवि पवर-कइद्धएहिॅ $ गमु सज्जिउ किक्किन्धन्धएहिॅ
{प॰च॰७,१.७} ढोइयइँ विमाणइँ चडिय जोह $ संचल्ल णहङ्गणेॅ दिण्ण-सोह
{प॰च॰७,१.८} णिविसद्धें दाहिण-सेढि पत्त $ जहिॅ मिलिया विज्जाहर समत्त
घत्ता॒
{प॰च॰७,१.९} किक्किन्धें दिट्ठु $ धउ राउलउ सु(?)पवणहउ
हक्कारइ णाइँ $ करयलु सिरिमालहेॅ तणउ
कण्ड १, संधि ७, कडवक २॒
{प॰च॰७,२.१} णिय-णिय-थाणेहिॅ णिवद्ध मञ्च $ महकवि-कव्वालाव व सु-सञ्च
{प॰च॰७,२.२} आरूढ सव्व मञ्चेसु तेसु $ चामियर-गत्त-मणि-भूसिएसु
{प॰च॰७,२.३} परिभमिर-भमर-झङ्कारिएसु $ णिविडायवत्त-अन्धारिएसु
{प॰च॰७,२.४} रविकन्त-कन्ति-उज्जालिएसु $ आलावणि-सद्द-वमालिएसु
{प॰च॰७,२.५} मञ्चेसु तेसु थिय पहु चडेवि $ वम्मह-णड णाडिज्जन्ति(?) के वि
{प॰च॰७,२.६} भूसन्ति सरीरइँ वारवार $ कण्ठाइँ मुअन्ति लयन्ति हार
{प॰च॰७,२.७} सुन्दर सच्छाय वि कणय-डोर $ अलियं जि घिवन्ति भणेवि थोर
{प॰च॰७,२.८} गायन्ति हसन्ति पुणासणत्थ $ अङ्गइँ मोडन्ति वलन्ति हत्थ
घत्ता॒
{प॰च॰७,२.९} स-पसाहण सव्व $ थिय सम्मुह वरइत्त किह
"किर होसइ सिद्धि" $ आयऍ आसऍ समय जिह
कण्ड १, संधि ७, कडवक ३॒
{प॰च॰७,३.१} सिरिमाल ताम करिणिहेॅ वलग्ग $ णं विज्जु महा-घण-कोडि-लग्ग
{प॰च॰७,३.२} सयलाहरणालङ्करिय-देह $ णं णहेॅ उम्मिल्लिय चन्द-लेह
{प॰च॰७,३.३} अग्गिम-गणियारिहेॅ चडिय धाइ $ णिसि-पुरउ परिट्ठिय सञ्झ णाइ
{प॰च॰७,३.४} दरिसाविउ णर-णिउरुम्वु तीऍ $ णं वण-सिरि तरुवर महुयरीऍ
{प॰च॰७,३.५} "उहु सुन्दरि चन्दाणण-कुमारु $ उग्घाउ ऊहु रणेॅ दुण्णिवारु
{प॰च॰७,३.६} उहु विजयसीहु रिउ-पलय-कालु $ रहणेउर-पुरवर-सामिसालु
{प॰च॰७,३.७} सयल वि णरवर वञ्चन्ति जाइ $ अवरागम सम्मादिट्ठि णाइँ
{प॰च॰७,३.८} पुर उज्जोवन्तिय दीवि जेम $ पच्छइ अन्धारु करन्ति तेम
{प॰च॰७,३.९} णं सिद्धि कु-मुणिवर परिहरन्ति $ दुग्गन्ध रुक्ख णं भमर-पन्ति
घत्ता॒
{प॰च॰७,३.१०} गणियारिऍ वाल $ णिय किक्किन्धहेॅ पासु किह
सरि-सलिल-रहल्लिऍ (?) $ कलहंसहेॅ कलहंसि जिह
कण्ड १, संधि ७, कडवक ४॒
{प॰च॰७,४.१} किक्किन्धहेॅ घल्लिय माल ताऍ $ णं मेहेसरहेॅ सुलोयणाऍ
{प॰च॰७,४.२} आसण्ण परिट्ठिय विमल-देह $ णं कणयगिरिहेॅ णव-चन्दलेह
{प॰च॰७,४.३} विच्छाय जाय सयल वि णरिन्द $ ससि-जोण्हऍ विणु णं महिहरिन्द
{प॰च॰७,४.४} णं कु-तवसि परम-गईहेॅ चुक्क $ णं पङ्कय-सर रवि-कन्ति-मुक्क
{प॰च॰७,४.५} एत्थन्तरेॅ सिरिमाला-वईहु $ कोवग्गि-पलीविउ विजयसीहु
{प॰च॰७,४.६} अब्भन्तरेॅ विज्जाहर-वराह्ũ $ पइसारु दिण्णु किं वण्णराह्ũ
{प॰च॰७,४.७} उद्दालहेॅ वहु वरइत्तु हणहेॅ $ वाणर-वंस-यरुहेॅ कन्दु खणहेॅ"
{प॰च॰७,४.८} तं वयणु सुणेप्पिणु अन्धएण $ हक्कारिउ अमरिस-कुद्धएण
घत्ता॒
{प॰च॰७,४.९} "विज्जाहर तुम्हेॅ $ अम्हेॅ कइद्धय कवणु छलु
लइ पहरणु पाव $ जाम ण पाडमि सिर-कमलु"
कण्ड १, संधि ७, कडवक ५॒
{प॰च॰७,५.१} तं वयणु सुणेप्पिणु विजयसीहु $ उत्थरिउ पवर-भुव-फलिह-दीहु
{प॰च॰७,५.२} अब्भिट्टु जुज्झु विज्जाहराहँ $ सिरिमाला-कारणेॅ दुद्धराहँ
{प॰च॰७,५.३} साहणइ मि अवरोप्परु भिडन्ति $ णं सुकइ-कव्व-वयणइँ घडन्ति
{प॰च॰७,५.४} भञ्जन्ति खम्भ विहडन्ति मञ्च $ दुक्कवि-कव्वालाव व कु-सञ्च
{प॰च॰७,५.५} हय गय सुण्णासण संचरन्ति $ णं पंसुलि-लोयण परिभमन्ति
{प॰च॰७,५.६} रणु विज्जाहर-वाणरह्ũ जाम $ लङ्काहिउ पत्तु सुकेसु ताम
{प॰च॰७,५.७} आलग्गु सो वि वणेॅ जिह हुआसु $ जसु ढुक्कइ सो सो लेइ णासु
{प॰च॰७,५.८} तहिॅ अवसरेॅ वेहाविद्धएण $ रणेॅ विजयसीहु हउ अन्धएण
घत्ता॒
{प॰च॰७,५.९} महि-मण्डलेॅ सीसु $ दीसइ असिवर-कण्डियउ
णावइ सयवत्तु $ तोडेॅवि हंसें छण्डियउ
कण्ड १, संधि ७, कडवक ६॒
{प॰च॰७,६.१} विणिवाइऍ विजयमइन्देॅ खुद्देॅ $ किऍ पाराउट्ठऍ वल-समुद्देॅ
{प॰च॰७,६.२} तुट्ठाणणु भणइ सुकेसु एम $ "सिरिमाल लएप्पिणु जाह्ũ देव"
{प॰च॰७,६.३} तें वयणें गय कण्टइय-गत्त $ णिविसद्धें किक्कु-पुरक्खु पत्त
{प॰च॰७,६.४} एत्तहेॅ वि दुट्ठ-णिट्ठवण-हेउ $ केण वि णिसुणाविउ असणिवेउ
{प॰च॰७,६.५} "परमेसर पर-णरवर-सिरीहु $ ओलग्गइ पाणेॅहिॅ विजयसीहु
{प॰च॰७,६.६} पडिचन्दहेॅ सुऍण कइद्धएण $ आवट्टिउ जम-मुहेॅ अन्धएण"
{प॰च॰७,६.७} तं वयणु सुणेॅवि ण करन्तु खेउ $ सण्णहेॅवि पधाइउ असणिवेउ
{प॰च॰७,६.८} चउरङ्गें विज्जाहर-वलेण $ परिवेढिउ पट्टणु तें छलेण
घत्ता॒
{प॰च॰७,६.९} हक्कारिय वे वि $ "पावहेॅ पमय-महद्धयहेॅ
लइ ढुक्कउ कालु $ णिग्गहेॅ किक्किन्धन्धयहेॅ
कण्ड १, संधि ७, कडवक ७॒
{प॰च॰७,७.१} पुणु पच्छऍ विप्फुरियाणणेण $ हक्कारिय विज्जुलवाहणेण
{प॰च॰७,७.२} "अरेॅ भाइ महारउ णिहउ जेम $ दुद्धर-सर-धोरणि धरहेॅ तेम"
{प॰च॰७,७.३} तं णिसुणेॅवि दूसह-दंसणेहिॅ $ पडिचन्द-णरिन्दहेॅ णन्दणेहिॅ
{प॰च॰७,७.४} णिग्गन्तहिॅ जण-णिग्गय-पयावु $ किउ पाराउट्ठउ सेण्णु सावु
{प॰च॰७,७.५} सो असणिवेउ अन्धयहेॅ वलिउ $ तडिवाहणेण किक्किन्धु खलिउ
{प॰च॰७,७.६} पहरणइँ मुयन्ति सु-दारुणाइँ $ खणेॅ अग्गेयइँ खणेॅ वारुणाइँ
{प॰च॰७,७.७} खणेॅ पवणत्थइँ खणेॅ थम्भणाइँ $ खणेॅ वामोहण-उम्मोहणाइँ
{प॰च॰७,७.८} खणेॅ महियलेॅ खणेॅ णहयलेॅ भमन्ति $ खणेॅ सन्दणेॅ खणेॅ जेॅ विमाणेॅ थन्ति
घत्ता॒
{प॰च॰७,७.९} आयामेॅवि दुक्खु $ अन्धउ खग्गें कण्ठेॅ हउ
णिउ पन्थें तेण $ जें सो विजयमइन्दु गउ
कण्ड १, संधि ७, कडवक ८॒
{प॰च॰७,८.१} एत्तहेॅ वि भिण्डिवालेण पहउ $ किक्किन्ध-णराहिउ मुच्छ-गउ
{प॰च॰७,८.२} अच्छन्तउ परिचिन्तेॅवि मणेण $ आमेल्लिउ विज्जुलवाहणेण
{प॰च॰७,८.३} तहिॅ अवसरेॅ ढुक्कु सुकेसु पासु $ रहवरेॅ छुहेवि णिउ णिय-णिवासु
{प॰च॰७,८.४} पडिवाइउ चेयण-भाउ लद्धु $ उट्ठन्तें पुच्छिउ परम-वन्धु
{प॰च॰७,८.५} "कहिॅ अन्धउ "पेसण-चुक्कु देव" $ णिवडिउ पुणो वि तडि-रुक्खु जेम
{प॰च॰७,८.६} पुणु पडिवाइउ पुणु आउ जीउ $ "हा पइँ विणु सुण्णउ पमय-दीउ
{प॰च॰७,८.७} हा भाय सहोयर देहि वाय $ हा पइँ विणु मेइणि विहव जाय"
घत्ता॒
{प॰च॰७,८.८} तो भणइ सुकेसु $ "संसउ णाह जिएवाहेॅ
सिरेॅ णिक्खऍ खग्गेॅ $ अवसरु कवणु रुएवाहेॅ
कण्ड १, संधि ७, कडवक ९॒
{प॰च॰७,९.१} विणु कज्जें वइरिहिॅ अङ्गु देहि $ पायाललङ्क पइसरह्ũ एहि
{प॰च॰७,९.२} जीवन्तह्ũ सिज्झइ सव्वु कज्जु $ एत्तिउ ण वि हũ ण वि तुह्ũ ण रज्जु"
{प॰च॰७,९.३} तं णिसुणेॅवि वाणर-वंस-सारु $ णीसरिउ स-साहणु स-परिवारु
{प॰च॰७,९.४} णासन्तु णिऍवि हरिसिय-मणेण $ रहु वाहिउ विज्जुलवाहणेण
{प॰च॰७,९.५} करेॅ धरिउ असणिवेएण पुत्तु $ "किं उत्तिम-पुरिसहँ एउ जुत्तु
{प॰च॰७,९.६} णासन्तु णवन्तु सुवन्तु सत्तु $ भुञ्जन्तु ण हम्मइ जलु पियन्तु
{प॰च॰७,९.७} जें विजयसीहु हउ भुय-विसालु $ सो णिउ कियन्त-दन्तन्तरालु"
{प॰च॰७,९.८} तं णिसुणेॅवि तडिवाहणु णियत्तु $ लहु देसु पसाहिउ एक्क-छत्तु
घत्ता॒
{प॰च॰७,९.९} णिग्घायहेॅ लङ्क $ अण्णहँ अण्णइँ पट्टणइँ
भुत्तइँ इच्छाऍ $ सु-कलत्तइँ व स-जोव्वणइँ
कण्ड १, संधि ७, कडवक १०॒
{प॰च॰७,१०.१} किक्किन्ध-सुकेसहँ पुर हरेवि $ अवर वि विज्जाहर वसिकरेवि
{प॰च॰७,१०.२} वहु-दिवसेॅहिॅ घण-पडलइँ णिएवि $ तं विजयसीह-दुहु संभरेवि
{प॰च॰७,१०.३} सहसार-कुमारहेॅ देवि रज्जु $ अप्पुणु साहिउ पर-लोय-कज्जु
{प॰च॰७,१०.४} वहु-कालें किक्किन्धाहिवो वि $ गउ वन्दण-हत्तिऍ मेरु सो वि
{प॰च॰७,१०.५} पल्लुट्टु पडीवउ णर-वरिट्ठु $ महु पवर-महीहरु ताम दिट्ठु
{प॰च॰७,१०.६} जोवइ व पईहिय-लोयणेहिॅ $ हसइ व कमलायर-आणणेहिॅ
{प॰च॰७,१०.७} गायइ व भमर-महुअरि-सरेहिॅ $ ण्हाइ व णिम्मल-जल-णिज्झरेहिॅ
{प॰च॰७,१०.८} वीसमइ व ललिय-लयाहरेहिॅ $ पणवइ व फुल्ल-फल-गुरुभरेहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰७,१०.९} तं सेलु णिएवि $ कोक्कावेॅवि णिय पय पउरु
किउ पट्टणु तेत्थु $ किक्किन्धें किक्किन्धपुरु
कण्ड १, संधि ७, कडवक ११॒
{प॰च॰७,११.१} महु-महिहरो वि किक्किन्धु वुत्तु $ उच्छुरउ ताम उप्पण्णु पुत्तु
{प॰च॰७,११.२} अण्णु वि सूररउ कणिट्ठु तासु $ वाहुवलि जेम भरहेसरासु
{प॰च॰७,११.३} एत्तहेॅ वि सुकेसहेॅ तिण्णि पुत्त $ सिरिमालि-सुमालि-सुमल्लवन्त
{प॰च॰७,११.४} पोढत्तणेॅ वुच्चइ तेहिॅ ताउ $ "कि ण जाह्ũ जेत्थु किक्किन्धराउ"
{प॰च॰७,११.५} तं सुणेॅवि जणेरें वुत्तु एम $ "थिय दाढुप्पाडिय सप्पु जेम
{प॰च॰७,११.६} कहिॅ जाह्ũ मुऍवि पायाललङ्क $ चउपासिउ वइरिह्ũ तणिय सङ्क
{प॰च॰७,११.७} घणवाहण-पमुह णिरन्तराइँ $ एत्तियइँ जाम रज्जन्तराइँ
{प॰च॰७,११.८} अणुहूय लङ्क कामिणि व पवर $ महु तणऍ सीसेॅ अवहरिय णवर"
घत्ता॒
{प॰च॰७,११.९} तं वयणु सुणेवि $ मालि पलित्तु दवग्गि जिह
"उद्धद्धऍ रज्जेॅ $ णिविसु वि जिज्जइ ताय किह
कण्ड १, संधि ७, कडवक १२॒
{प॰च॰७,१२.१} महु कहिय भडारा पइँ जि णित्ति $ तिह जीवहि जिह परिभमइ कित्ति
{प॰च॰७,१२.२} तिह हसु जिह ण हसिज्जइ जणेण $ तिह भुञ्जु जिह ण मुच्चहि धणेण
{प॰च॰७,१२.३} तिह जुज्झु जिह णिव्वुइ जणइ अङ्गु $ तिह तजु जिह पुणु वि ण होइ सङ्गु
{प॰च॰७,१२.४} तिह चउ जिह वुच्चइ साहु साहु $ तिह संचरु जिह सयणहँ ण डाहु
{प॰च॰७,१२.५} तिह सुणु जिह णिवसहि गुरुह्ũ पासेॅ $ तिह मरु जिह णावहि गब्भवासेॅ
{प॰च॰७,१२.६} तिह तउ करेॅ जिह परितवइ गत्तु $ तिह रज्जु पालेॅ जिह णवइ सत्तु
{प॰च॰७,१२.७} किं जीएं रिउ-आसङ्किएण $ किं पुरिसें माण-कलङ्किएण
{प॰च॰७,१२.८} किं दव्वें दाण-विवज्जिएण $ किं पुत्तें मइलइ वंसु जेण
घत्ता॒
{प॰च॰७,१२.९} जइ कल्लऍ ताय $ लङ्काणयरि ण पइसरमि
तो णियय-जणेरि $ इन्दाणी करयलेॅ धरमि"
कण्ड १, संधि ७, कडवक १३॒
{प॰च॰७,१३.१} गय रयणि पयाणउ परऍ दिण्णु $ हउ तूरु रसायलु णाइँ भिण्णु
{प॰च॰७,१३.२} संचल्लिउ साहणु णिरवसेसु $ आरूढ के वि णर गयवरेसु
{प॰च॰७,१३.३} तुरएसु के वि केॅ वि सन्दणेसु $ सिविएसु के वि पञ्चाणणेसु
{प॰च॰७,१३.४} परिवेढिय लङ्का-णयरि तेहिॅ $ णं महिहर-कोडि महा-घणेहिॅ
{प॰च॰७,१३.५} णं पोढ-विलासिणि कामुएहिॅ $ णं सयवत्तिणि फुल्लन्धुएहिॅ
{प॰च॰७,१३.६} किउ कलयलु रहसाऊरिएहिॅ $ पडिपहयइँ तूरइँ तूरिएहिॅ
{प॰च॰७,१३.७} सङ्खिऍहिॅ सङ्ख तालिऍहिॅ ताल $ चउ-पासिउ उट्ठिय भड-वमाल
{प॰च॰७,१३.८} धाइउ लङ्काहिउ विप्फुरन्तु $ रणेॅ पाराउट्ठउ वलु करन्तु
घत्ता॒
{प॰च॰७,१३.९} णं मत्त-गइन्दु $ पञ्चाणणहेॅ समावडिउ
सरहसु णिग्घाउ $ गम्पिणु मालिहेॅ अब्भिडिउ
कण्ड १, संधि ७, कडवक १४॒
{प॰च॰७,१४.१} पहरन्ति परोप्परु तरुवरेहिॅ $ पुणु पाहाणेॅहिॅ पुणु गिरिवरेहिॅ
{प॰च॰७,१४.२} पुणु विज्जारूवहिॅ भीसणेहिॅ $ अहि-गरुड-कुम्भि-पञ्चाणणेहिॅ
{प॰च॰७,१४.३} पुणु णाराएहिॅ भयङ्करेहिॅ $ भुयइन्दायाम-पईहरेहिॅ
{प॰च॰७,१४.४} छिन्दन्ति महारह-छत्त-धयइँ $ वइयागरण व वायरण-पयइँ
{प॰च॰७,१४.५} एत्थन्तरेॅ वाहिय-सन्दणेण $ दणुवइ-इन्दाणिहेॅ णन्दणेण
{प॰च॰७,१४.६} सयवारउ परिअञ्चेवि गयणेॅ $ हउ खग्गें छुद्धु कियन्त-वयणेॅ
{प॰च॰७,१४.७} णिग्घाउ पडिउ णिग्घाउ जेम $ महियलेॅ णर णहेॅ परितुट्ठ देव
{प॰च॰७,१४.८} चत्तारि वि धुव-परिहव-कलङ्क $ जय-जय-सद्देण पइट्ठ लङ्क
घत्ता॒
{प॰च॰७,१४.९} सन्तिहेॅ सन्तिहरेॅ $ गम्पिणु वन्दण-हत्ति किय
सुविलासिणि जेम $ लङ्क स इं भु ञ्जन्त थिय
[८. अट्ठमो संधि] ----------
मालिहेॅ रज्जु करन्ताहेॅ $ सिद्धइँ विज्जाहर-मण्डलइँ
सहसा अहिमुहिहूआइँ $ सायरहेॅ जेम सव्वइँ जलइँ
कण्ड १, संधि ८, कडवक १॒
{प॰च॰८,१.१} तहिॅ अवसरेॅ छुह-पङ्कापण्डुरेॅ $ दाहिण-सेड्ढिहिॅ रहणेउर-पुरेॅ
{प॰च॰८,१.२} पिहुल-णियम्विणि पीण-पओहरि $ सहसारहेॅ पिय माणस-सुन्दरि
{प॰च॰८,१.३} ताहेॅ पुत्तु सुर-सिरि-संपण्णउ $ इन्दु चवेवि इन्दु उप्पण्णउ
{प॰च॰८,१.४} भेसइ मन्ति दन्ति अइरावणु $ सेणावइ हरिकेसि भयावणु
{प॰च॰८,१.५} विज्जाहर जि सव्व किय सुरवर $ पवण-कुवेर-वरुण-जम-ससहर
{प॰च॰८,१.६} छव्वीस वि सहसइँ पेक्खणयह्ũ $ णाहिॅ पमाणु खुज्ज-वामणयह्ũ
{प॰च॰८,१.७} गायण जाइँ सुरिन्दत्तणयह्ũ $ णामइँ ताइँ कियइँ अप्पणयह्ũ
{प॰च॰८,१.८} उव्वसि-रम्भ-तिलोत्तिम-पहुइहिॅ $ अट्ठायाल-सहस-वर-जुवइहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰८,१.९} परिचिन्तिउ विज्जाहरेॅण $ "तहेॅ जाइँ जाइँ आकण्डलहेॅ
ताइँ ताइँ महु चिन्धाइँ $ लइ हũ जि इन्दु महि-मण्डलहेॅ"
कण्ड १, संधि ८, कडवक २॒
{प॰च॰८,२.१} जुऍ खय-कालेॅ णिड्ड (?)-णिड्डालिहेॅ $ जे जे सेव करन्ता मालिहेॅ
{प॰च॰८,२.२} ते ते मिलिय णराहिव इन्दहेॅ $ अवर जलोह व अवर-समुद्दहेॅ
{प॰च॰८,२.३} कप्पु ण दिन्ति जन्ति सिरिगारहिॅ (?) $ आण करन्ति वि णाहङ्कारहिॅ
{प॰च॰८,२.४} केण वि कहिउ गम्पि तहेॅ मालिहेॅ $ "पहु संकन्ति (?) ण तुम्ह णिड्डालिहेॅ (?)
{प॰च॰८,२.५} इन्दु को वि सहसारहेॅ णन्दणु $ तासु करन्ति सव्व भिच्चत्तणु"
{प॰च॰८,२.६} तं णिसुणेवि सुकेसहेॅ पुत्तें $ कोव-जलण-जालोलि-पलित्तें
{प॰च॰८,२.७} देवाविय रण-भेरि भयङ्कर $ घरु (?) सण्णहेॅवि पराइय किङ्कर
{प॰च॰८,२.८} किक्किन्धहेॅ किक्किन्धहेॅ णन्दण $ दिण्णु पयाणउ वाहिय सन्दण
घत्ता॒
{प॰च॰८,२.९} "गमणु ण सुज्झइ महु मणहेॅ" $ तं मालि सुमालि करेॅहिॅ धरइ
"पेक्खु देव दुणिमित्ताइँ $ सिव कन्दइ वायसु करगरइ
कण्ड १, संधि ८, कडवक ३॒
{प॰च॰८,३.१} पेक्खु कुहिणि विसहर-छिज्जन्ती $ मोक्कल-केस णारि रोवन्ती
{प॰च॰८,३.२} पेक्खु फुरन्तउ वामउ लोयणु $ पेक्खहि रुहिर-ण्हाणु वस-भोयणु
{प॰च॰८,३.३} पेक्खु वसुन्धरि-तलु कम्पन्तउ $ घर-देवउल-णिवहु लोट्टन्तउ
{प॰च॰८,३.४} पेक्खु अकालेॅ महा-घणु गज्जिउ $ णहेॅ णच्चन्तु कवन्धु अलज्जिउ"
{प॰च॰८,३.५} तं णिसुणेवि वयणु तहेॅ वलियउ $ "वच्छ वच्छ जइ सउणु जि वलियउ
{प॰च॰८,३.६} तो किं मरइ सव्वु ऍउ अलियउ $ दइउ मुएवि अण्णु को वलियउ
{प॰च॰८,३.७} छुडु धीरत्तणु होइ मणूसहेॅ $ लच्छि कित्ति ओसरइ ण पासहेॅ"
{प॰च॰८,३.८} एम भणेप्पिणु दिण्णु पयाणउ $ चलिउ सेण्णु सरहसु स-विमाणउ
घत्ता॒
{प॰च॰८,३.९} हय-गय-रहवर-णरवरहिॅ $ महियलेॅ गयणयलेॅ ण माइयउ
दीसइ विञ्झ-महीहरहेॅ $ मेहउलु णाइँ उद्धाइयउ
कण्ड १, संधि ८, कडवक ४॒
{प॰च॰८,४.१} तं जमकरणहेॅ अणुहरमाणउ $ णिसुणेॅवि रक्खहेॅ तणउ पयाणउ
{प॰च॰८,४.२} उभय-सेढि-सामन्त पणट्ठा $ गम्पिणु इन्दहेॅ सरणेॅ पइट्ठा
{प॰च॰८,४.३} तहिॅ अवसरेॅ वलवन्त महाइय $ मालिहेॅ केरा दूअ पराइय
{प॰च॰८,४.४} "अहेॅ अहेॅ रहणेउर-पुर-राणा $ कप्पु देवि करेॅ सन्धि अयाणा
{प॰च॰८,४.५} दुज्जउ लङ्काहिउ समरङ्गणेॅ $ छुद्धु जेण णिग्घाउ जमाणणेॅ
{प॰च॰८,४.६} राय-लच्छि तइलोक्क-पियारी $ दासि जेम जसु पेसणगारी
{प॰च॰८,४.७} तेण समाणु विरोहु असुन्दरु" $ आऍहिॅ वयणेॅहिॅ कुविउ पुरन्दरु
{प॰च॰८,४.८} "दूउ भणेवि तेण तुह्ũ चुक्कउ $ णं तो जम-दन्तन्तरु ढुक्कउ
घत्ता॒
{प॰च॰८,४.९} को सो लङ्क-पुराहिवइ $ को तुह्ũ किर सन्धि कहो त्तणिय
जो जीवेसइ विहि मि रणेॅ $ महि णीसावण्ण तहेॅ त्तणिय
कण्ड १, संधि ८, कडवक ५॒
{प॰च॰८,५.१} गय ते मालि-दूय णिब्भच्छिय $ दुव्वयणावमाण-पडिहत्थिय
{प॰च॰८,५.२} सण्णज्झइ सुरिन्दु सुर-साहणु $ कुलिस-पाणि अइरावय-वाहणु
{प॰च॰८,५.३} सण्णज्झइ तणु-हेइ हुआसणु $ धूमद्धउ कुयारि मेसासणु
{प॰च॰८,५.४} सण्णज्झइ जमु दण्ड-भयङ्करु $ महिसारूढु पुरन्दर-किङ्करु
{प॰च॰८,५.५} सण्णज्झइ णइरिउ मोग्गर-धरु $ रिच्छारूढु रणङ्गणेॅ दुद्धरु
{प॰च॰८,५.६} सण्णज्झइ वरुणु वि दुद्दंसणु $ णागवास-करु करिमयरासणु
{प॰च॰८,५.७} सण्णज्झइ मिग-गमणु समीरणु $ तरुवर-पवरुग्गामिय-पहरणु
{प॰च॰८,५.८} सण्णज्झइ कुवेरु फुरियाहरु $ पुप्फ-विमाणारूढु सत्ति-करु
{प॰च॰८,५.९} सण्णज्झइ ईसाणु विसासणु $ सूल-पाणि पर-वल-संतासणु
{प॰च॰८,५.१०} सण्णज्झइ पञ्चाणण-गामिउ $ कुन्त-पाणि ससि ससिपुर-सामिउ
घत्ता॒
{प॰च॰८,५.११} जाइँ वि ढिल्लीहोन्ताइँ $ ताइ मि रण-रस-पुलउग्गयइँ
णिऍवि परोप्परु चिन्धाइँ $ सुहडह्ũ कवयइँ फुट्टेॅवि गयइँ
कण्ड १, संधि ८, कडवक ६॒
{प॰च॰८,६.१} ताम परोप्परु वेहाविद्धइँ $ पढम भिडन्तइँ अग्गिम-खन्धइँ
{प॰च॰८,६.२} मुसुमूरिय-उर-सिर-मुह-कन्धर $ पच्छिम-भाअ-सेस थिय कुञ्जर
{प॰च॰८,६.३} पुच्छुग्गीरिय पडिपहरन्ति व $ "कहिॅ गय अग्गिम-भाय" भणन्ति व
{प॰च॰८,६.४} जोह वि अमुणिय-जढर-उरत्थल $ "कहिॅ गय रिउ" पहरन्ति व करयल
{प॰च॰८,६.५} संचूरिय तुरङ्ग-धय-सारहि $ चक्क-सेस थिय णवर महारहि
{प॰च॰८,६.६} तहिॅ अवसरेॅ रहणेउर-सारहेॅ $ धाइउ मल्लवन्तु सहसारहेॅ
{प॰च॰८,६.७} सूररएण सोमु रणेॅ खारिउ $ उच्छुरएण वरुणु हक्कारिउ
{प॰च॰८,६.८} जमु किक्किन्धें धणउ सुमालिं $ पवणु सुकेसें सुरवइ मालिं
घत्ता॒
{प॰च॰८,६.९} "एत्तिउ कालु ण वुज्झियउ $ तुह्ũ कवणह्ũ इन्दह्ũ इन्दु कहेॅ
रण्डेॅहिॅ मुण्डेॅहिॅ जिब्भिऍहिॅ $ किं जो सो रम्महि इन्दवहेॅ"
कण्ड १, संधि ८, कडवक ७॒
{प॰च॰८,७.१} तं णिसुणेॅवि चोइउ अइरावउ $ णावइ णिज्झरन्तु कुल-पावउ
{प॰च॰८,७.२} मालि-पुरन्दर भिडिय परोप्परु $ विहि मि महाहउ जाउ भयङ्करु
{प॰च॰८,७.३} जुज्झइँ सेस-णरेॅहिॅ परिचत्तइँ $ थिय पडिथिरइँ करेप्पिणु णेत्तइँ
{प॰च॰८,७.४} इन्दयालु जिह तिह जोइज्जइ $ रक्खें रक्ख-विज्ज चिन्तिज्जइ
{प॰च॰८,७.५} भीम-महाभीमेॅहिॅ जा दिण्णी $ गोत्त-परम्पराऍ अवइण्णी
{प॰च॰८,७.६} सा विकराल-वयण उद्धाइय $ परिवड्ढिय गयणयलेॅ ण माइय
{प॰च॰८,७.७} चिन्तिउ वरुण-पवण-जम-धणऍहिॅ $ "पत्तु इन्दु चरिऍहिॅ अप्पणऍहिॅ
{प॰च॰८,७.८} दूएं वुत्तु आसि रायङ्गणेॅ $ दुज्जउ मालि होइ समरङ्गणेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰८,७.९} तहिॅ पत्थावेॅ पुरन्दरेॅण $ माहिन्द-विज्ज लहु संभरिय
वड्ढिय तहेॅ वि चउग्गुणिय $ रवि-कन्तिऍ ससि-कन्ति व हरिय
कण्ड १, संधि ८, कडवक ८॒
{प॰च॰८,८.१} तं माहिन्द-विज्ज अवलोऍवि $ भणइ सुमालि मालि-मुहु जोऍवि
{प॰च॰८,८.२} "तइयह्ũ ण किउ महारउ वुत्तउ $ एवहिॅ आयउ कालु णिरुत्तउ"
{प॰च॰८,८.३} तं णिसुणेॅवि पलम्व-भुय-डालें $ अमरिस-कुद्धएण रणेॅ मालें
{प॰च॰८,८.४} वायव-वारुण-अग्गेयत्थइँ $ मुक्कइँ तिण्णि मि गयइँ णिरत्थइँ
{प॰च॰८,८.५} जिह अण्णाण-कण्णेॅ जिण-वयणइँ $ जिह गोट्ठङ्गणेॅ वर-मणि-रयणइँ
{प॰च॰८,८.६} जिह उवयार-सयइँ अकुलीणऍ $ वयइँ जेम चारित्त-विहीणऍ
{प॰च॰८,८.७} गम्पि पहञ्जणु मिलिउ पहञ्जणेॅ $ वरुणहेॅ वरुणु हुवासु हुआसणेॅ
{प॰च॰८,८.८} हसिउ पुरन्दरेण "अरेॅ माणव $ देव-समाण होन्ति किं दाणव"
घत्ता॒
{प॰च॰८,८.९} भणइ मालि "को देउ तुह्ũ $ वलु पउरु सु सयलु णिरिक्खियउ
जं वन्धहि ओहट्टहि वि $ इन्दयालु पर सिक्खियउ"
कण्ड १, संधि ८, कडवक ९॒
{प॰च॰८,९.१} तं णिसुणेवि वयणु सुरराएं $ विद्धु णिडालेॅ मालि णाराएं
{प॰च॰८,९.२} लहु उप्पाडेॅवि घित्तु णरिन्दें $ णाइँ वरङ्कुसु मत्त-गइन्दें
{प॰च॰८,९.३} सहसा रुहिरायम्विरु दीसिउ $ णं मयगलु सिन्दूर-विहूसिउ
{प॰च॰८,९.४} वाम-पाणि वणेॅ देवि अखन्तिऍ $ भिण्णु णिडालेॅ सुराहिउ सत्तिऍ
{प॰च॰८,९.५} विहलङ्घलु ओणल्लु महीयलेॅ $ कलयलु घुट्ठु रक्ख-वाणर-वलेॅ
{प॰च॰८,९.६} मालि सुमालिं साहुक्कारिउ $ "पइँ होन्तऍ णिय-वंसुद्धारिउ"
{प॰च॰८,९.७} उट्ठेॅवि मुक्कु चक्कु सहसक्खें $ एन्तउ धरेॅवि ण सक्किउ रक्खें
{प॰च॰८,९.८} सिरु पाडेवि रसायलेॅ पडियउ $ कह वि ण कुम्म-वीढेॅ अब्भिडियउ
घत्ता॒
{प॰च॰८,९.९} वयणु मडक्क ण वीसरिउ $ धाविउ कवन्धु रोसावियउ
वे-वारउ अइरावयहेॅ $ कुम्भत्थलेॅ असिवरु वाहियउ
कण्ड १, संधि ८, कडवक १०॒
{प॰च॰८,१०.१} जं विणिवाइउ रक्खु रणङ्गणेॅ $ विजउ घुट्ठु अमराहिव-साहणेॅ
{प॰च॰८,१०.२} णट्ठु कइद्धय-वलु भय-भीयउ $ गलियाउहु कण्ठ-ट्ठिय-जीयउ
{प॰च॰८,१०.३} केण वि ताम कहिउ सहसक्खहेॅ $ "पच्छलेॅ लग्गु देव पडिवक्खहेॅ
{प॰च॰८,१०.४} वहुवारउ णिसियर-कइचिन्धेॅहिॅ $ वेयारिय सुकेस-किक्किन्धेॅहिॅ
{प॰च॰८,१०.५} एय जि विजयसीह-खय-गारा $ तिह करेॅ जेम ण जन्ति भडारा"
{प॰च॰८,१०.६} तं णिसुणेॅवि गउ चोइउ जावेॅहिॅ $ ससहरु पुरउ परिट्ठिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰८,१०.७} "महु आदेसु देहि परमेसर $ मारमि हũ जि णिसायर वाणर
{प॰च॰८,१०.८} सेण्णु वि घत्तमि जम-मुह-कन्दरेॅ $ दसण-सिलायल-जीहा-कक्करेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰८,१०.९} इन्दें हत्थुत्थल्लियउ $ धाइउ ससि सर वरिसन्तु किह
पच्छलेॅ पवणाहऍ धणहेॅ $ धाराहरु वासारत्तु जिह
कण्ड १, संधि ८, कडवक ११॒
{प॰च॰८,११.१} "मरु मरु वलहेॅ वलहेॅ किं णासहेॅ $ धाराहर-मक्कडहेॅ हयासहेॅ
{प॰च॰८,११.२} सुरयण-णयणाणन्द-जणेरा $ कुद्ध पाव तं (?) वासव-केरा"
{प॰च॰८,११.३} तं णिसुणेॅवि दूरुज्झिय-सङ्कउ $ अहिमुहु मल्लवन्तु पर थक्कउ
{प॰च॰८,११.४} गहकल्लोलु णाइँ छण-चन्दहेॅ $ णाइँ मइन्दु महग्गय-विन्दहेॅ
{प॰च॰८,११.५} "अरेॅ ससङ्क स-कलङ्क अलज्जिय $ महिलाणण वे-पक्ख-विवज्जिय
{प॰च॰८,११.६} चन्दु भणेॅवि जें हासउ दिज्जइ $ पइँ वि को वि किं रणेॅ घाइज्जइ"
{प॰च॰८,११.७} एम चवेप्पिणु चाव-सणाहउ $ भिण्डिवाल-पहरणेॅण समाहउ
{प॰च॰८,११.८} मुच्छ पराइय पसरिय-वेयणु $ दुक्खु दुक्खु किर होइ स-चेयणु
घत्ता॒
{प॰च॰८,११.९} दूरीहूया ताम रिउ $ मयलञ्छणु मणेॅ अवतसइ किह
सिरु संचालइ करु धुणइ $ संकन्तिहेॅ चुक्कउ विप्पु जिह
कण्ड १, संधि ८, कडवक १२॒
{प॰च॰८,१२.१} ताम महा-रहणेउर-पुरवरु $ जय-जय-सद्दें पइसइ सुरवरु
{प॰च॰८,१२.२} पवण-कुवेर-वरुण-जम-खन्देॅहिॅ $ णड-फम्फाव-छत्त-कइवन्देॅहिॅ
{प॰च॰८,१२.३} वन्दिण-सयहिॅ पवड्ढिय-हरिसेॅहिॅ $ विज्जाहर-किण्णर-किंपुरिसेॅहिॅ
{प॰च॰८,१२.४} जोइस-जक्ख-गरुड-गन्धव्वेॅहिॅ $ जय-जय-कारु करन्तेॅहिॅ सव्वेॅहिॅ
{प॰च॰८,१२.५} चलणेॅहिॅ गम्पि पडिउ सहसारहेॅ $ णं भरहेसरु तिहुअण-सारहेॅ
{प॰च॰८,१२.६} ससिपुरि ससिहेॅ दिण्ण विक्खायहेॅ $ धणयहेॅ लङ्क किक्कु जमरायहेॅ
{प॰च॰८,१२.७} मेह-णयरेॅ वरुणाहिउ ठवियउ $ कञ्चणपुरेॅ कुवेरु पट्ठवियउ
घत्ता॒
{प॰च॰८,१२.८} अण्णु वि को वि पुरन्दरेॅण $ तहिॅ अवसरेॅ जो संभावियउ
मण्डलु एक्केक्कउ पवरु $ सो सव्वु स इं भु ञ्जावियउ
[९. णवमो संधि] ----------
एत्थन्तरेॅ रिद्धिहेॅ जन्ताहेॅ $ पायाल-लङ्क भुञ्जन्ताहेॅ
उप्पण्णु सुमालिहेॅ पुत्तु किह $ रयणासउ रिसहहेॅ भरहु जिह
कण्ड १, संधि ९, कडवक १॒
{प॰च॰९,१.१} सोलह-आहरणालङ्करिउ $ सयम् एव मयणु णं अवयरिउ
{प॰च॰९,१.२} वहु-दिवसेॅहिॅ आउच्छेॅवि जणणु $ गउ विज्जा-कारणेॅ पुप्फवणु
{प॰च॰९,१.३} थिउ अक्खसुत्तु करयलेॅ करेॅवि $ जिह मह-रिसि परम-झाणु धरेॅवि
{प॰च॰९,१.४} तहिॅ अवसरेॅ गुण-अणुराइयउ $ सो पोमविन्दु संपाइयउ
{प॰च॰९,१.५} रयणासउ लक्खिउ तेण तहिॅ $ "इमु पुरिस-रयणु उप्पण्णु कहिॅ
{प॰च॰९,१.६} लइ सच्चउ हूयउ गुरु-वयणु $ ऍहु सो णरु ऍउ तं पुप्फवणु
{प॰च॰९,१.७} कइकसि णामेण वुत्त दुहिय $ पप्फुल्लिय-पुण्डरीय-मुहिय
{प॰च॰९,१.८} "ऍहु पुत्ति तुहारउ भत्तारु $ माणस-सुन्दरिहेॅ व सहसारु"
घत्ता॒
{प॰च॰९,१.९} गउ धीय थवेवि णियासवहेॅ $ उप्पण्ण विज्ज रयणासवहेॅ
थिउ विहि मि मज्झेॅ परमेसरिहिॅ $ णं विञ्झु तावि-णम्मय-सरिहिॅ
कण्ड १, संधि ९, कडवक २॒
{प॰च॰९,२.१} अवलोइय वहु रयणासवेॅण $ णं अग्ग-महिसि सइँ वासवेॅण
{प॰च॰९,२.२} सु-णियम्विणि परिचक्कलिय-थणि $ इन्दीवरच्छि पङ्कय-वयणि
{प॰च॰९,२.३} "कसु केरी कहिॅ अवइण्ण तुह्ũ $ तउ दूरें दिट्ठि जेॅ जणइ सुहु"
{प॰च॰९,२.४} तं सुणेॅवि स-सङ्क कण्ण चवइ $ "जइ जाणहेॅ वोमविन्दु णिवइ
{प॰च॰९,२.५} हũ तासु धीय केण ण वरिय $ कइकसि णामें विज्जाहरिय
{प॰च॰९,२.६} गुरु-वयणेॅहिॅ आणिय एउ वणु $ तउ दिण्णी करेॅ पाणिग्गहणु
{प॰च॰९,२.७} तं णिसुणेॅवि सुपुरिस-धवलहरु $ उप्पाइउ विज्जाहर-णयरु
{प॰च॰९,२.८} कोक्काविउ सयलु वि वन्धुजणु $ सह्ũ कण्णऍ किउ पाणिग्गहणु
घत्ता॒
{प॰च॰९,२.९} वहु-कालें सुविणउ लक्खियउ $ अत्थाणेॅ णरिन्दहेॅ अक्खियउ
"फाडेप्पिणु कुम्भइँ कुञ्जरह्ũ $ पञ्चाणणु उवरेॅ पइट्ठु महु
कण्ड १, संधि ९, कडवक ३॒
{प॰च॰९,३.१} उच्चोलिहेॅ चन्दाइच्च थिय" $ तं णिसुणेॅवि दइएं विहसिकिय
{प॰च॰९,३.२} अट्ठङ्ग-णिमित्तइँ जाणऍण $ वुच्चइ रयणासव-राणऍण
{प॰च॰९,३.३} "होसन्ति पुत्त तउ तिण्णि धणेॅ $ पहिलारउ ताहँ रउद्दु रणेॅ
{प॰च॰९,३.४} जग-कण्टउ सुरवर-डमर-करु $ भरहद्ध-णराहिउ चक्कधरु"
{प॰च॰९,३.५} परिओसें कहि मि ण मन्ताह्ũ $ णव-सुरय-सोक्खु माणन्ताह्ũ
{प॰च॰९,३.६} उप्पण्णु दसाणणु अतुल-वलु $ पारोह-पईहर-भुय-जुयलु
{प॰च॰९,३.७} पक्कल-णियम्वु वित्थिण्ण-उरु $ णं सग्गहेॅ पचविउ को वि सुरु
{प॰च॰९,३.८} पुणु भाणुकण्णु पुणु चन्दणहि $ पुणु जाउ विहीसणु गुण-उवहि
घत्ता॒
{प॰च॰९,३.९} तो उप्पाडन्तु दन्त गयह्ũ $ करयलु छुहन्तु मुहेॅ पण्णयह्ũ
आयऍ लीलऍ रामणु रमइ $ णं कालु वालु होऍवि भमइ
कण्ड १, संधि ९, कडवक ४॒
{प॰च॰९,४.१} खेलन्तु पईसइ भण्डारु $ जहिॅ तेॅयदवाहण-तणउ हारु
{प॰च॰९,४.२} णव-मुहइँ जासु मणि-जडियाइँ $ णव गह परियप्पेॅवि घडियाइँ
{प॰च॰९,४.३} जो परिपालिज्जइ पण्णऍहिॅ $ आसीविस-रोसाउण्णऍहिॅ
{प॰च॰९,४.४} सामण्णहेॅ अण्णहेॅ करइ वहु $ सो कण्ठउ दुट्ठउ दुव्विसहु
{प॰च॰९,४.५} सहसत्ति लग्गु करेॅ दहमुहहेॅ $ णं मित्तु सुमित्तहेॅ अहिमुहहेॅ
{प॰च॰९,४.६} परिहिउ णव-मुहइँ समुट्ठियइँ $ णं गह-विम्वइँ सु-परिट्ठियइँ
{प॰च॰९,४.७} णं सयवत्तइँ संचारिमइँ $ णं कामिणि-वयणइँ कारिमइँ
{प॰च॰९,४.८} वोल्लन्ति समउ वोल्लन्तऍण $ स-वियारु हसन्ति हसन्तऍण
घत्ता॒
{प॰च॰९,४.९} पेक्खेप्पिणु ताइँ दहाणणइँ $ थिर-तारइँ तरलइँ लोयणइँ
तें दहमुहु दहसिरु जणेॅण किउ $ पञ्चाणणु जेम पसिद्धि गउ
कण्ड १, संधि ९, कडवक ५॒
{प॰च॰९,५.१} जं परिहिउ कण्ठउ रावणेॅण $ किउ वद्धावणउ सु-परियणेॅण
{प॰च॰९,५.२} रयणासउ कइकसि धाइयइँ $ आणन्दें कहि मि ण माइयइँ
{प॰च॰९,५.३} णिसुणेप्पिणु आइउ उच्छुरउ $ किक्किन्धु स-कन्तउ सूररउ
{प॰च॰९,५.४} सयलेहिॅ णिहालिउ साहरणु $ दह-गीउम्मीलिय-दह-वयणु
{प॰च॰९,५.५} परिचिन्तिउ "णउ सामण्णु णरु $ ऍहु होइ णिरुत्तउ चक्कहरु
{प॰च॰९,५.६} एयहेॅ पासिउ रज्जु वि विउलु $ कइ-जाउहाण-वलु रणेॅ अतुलु
{प॰च॰९,५.७} एयहेॅ पासिउ सुरवइहेॅ खउ $ जम-वरुण-कुवेरहँ णाहिॅ जउ"
घत्ता॒
{प॰च॰९,५.८} अण्णेक्क-दिवसेॅ गज्जन्तु किह $ णव-पाउसेॅ जलहर-विन्दु जिह
णहेॅ जन्तउ पेक्खेॅवि वइसवणु $ पुणु पुच्छिय जणणि "एहु कवणु"
कण्ड १, संधि ९, कडवक ६॒
{प॰च॰९,६.१} तं णिसुणेॅवि मउलिय-णयणियऍ $ वज्जरिउ स-गग्गर-वयणियऍ
{प॰च॰९,६.२} "कउसिकि जणेरि एयहेॅ तणिय $ पहिलारी वहिणि महु त्तणिय
{प॰च॰९,६.३} वीसावसु विज्जाहरु जणणु $ ऍहु भाइ तुहारउ वइसवणु
{प॰च॰९,६.४} वइरिहिॅ मिलेवि मुह मलिण किय $ मायरि व कमागय लङ्क हिय
{प॰च॰९,६.५} एयहेॅ उद्दालेॅवि जेम तिय $ कइयह्ũ माणेसह्ũ राय-सिय"
{प॰च॰९,६.६} रत्तुप्पल-हूआलोयणेॅण $ णिब्भच्छिय जणणि विहीसणेॅण
{प॰च॰९,६.७} "वइसवणहेॅ केरी कवण सिय $ दहवयणहेॅ णोक्खी का वि किय
{प॰च॰९,६.८} पेक्खेसहि दिवसहिॅ थोवऍहिॅ $ आऍहिॅ अम्हारिस-देवऍहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰९,६.९} जम-खन्द-कुवेर-पुरन्दरेॅहिॅ $ रवि-वरुण-पवण-सिहि-ससहरेॅहिॅ
अणुदिणु दणुवइ-कन्दावणहेॅ $ घरेॅ सेव करेवी रावणहेॅ"
कण्ड १, संधि ९, कडवक ७॒
{प॰च॰९,७.१} एक्कहिॅ दिणेॅ आउच्छेॅवि जणणु $ गय तिण्णि वि भीसणु भीम-वणु
{प॰च॰९,७.२} जहिॅ जक्ख-सहासइँ दारुणइँ $ जहिॅ सीह-पयइँ रुहिरारुणइँ
{प॰च॰९,७.३} जहिॅ णीसासन्तेॅहिॅ अजयरेॅहिॅ $ डोल्लन्ति डाल सह्ũ तरुवरेॅहिॅ
{प॰च॰९,७.४} जहिॅ साहारूढइँ विप्पयइँ $ अन्दोलण-परम-भाव-गयइँ
{प॰च॰९,७.५} तहिॅ तेहऍ भीसणेॅ भीम-वणेॅ $ थिय विज्जहेॅ झाणु धरेवि मणेॅ
{प॰च॰९,७.६} जा अट्ठक्खरेॅहिॅ पसिद्धि गय $ णामेण सव्व-कामण्ण-रूय
{प॰च॰९,७.७} सा विहिॅ पहरेॅहिॅ जेॅ पासु अइय $ णं गाढालिङ्गण-गय दइय
{प॰च॰९,७.८} पुणु झाइय सोलह-अक्खरिय $ जय(?)-कोडि-सहास-दहुत्तरिय
घत्ता॒
{प॰च॰९,७.९} ते भायर अविचल-झाण-रुइ $ दहवयण-विहीसण-भाणुसुइ
वणेॅ दिट्ठ जक्ख-सुन्दरिऍ किह $ जिण-वाणिऍ तिण्णि वि लोय जिह
कण्ड १, संधि ९, कडवक ८॒
{प॰च॰९,८.१} जं जक्खिऍ रावणु दिट्ठु वणेॅ $ तं वम्मह-वाण पइट्ठ मणेॅ
{प॰च॰९,८.२} "वोल्लाविउ वोल्लइ किं ण तुह्ũ $ किं वहिरउ किं तुह णाहिॅ मुहु
{प॰च॰९,८.३} किं झायहि अक्खसुत्तु घिवहि $ महु केरउ रूव-सलिलु पिवहि"
{प॰च॰९,८.४} दहगीव-पसरु अलहन्तियऍ $ स-विलक्खउ खेडु करन्तियऍ
{प॰च॰९,८.५} वच्छत्थलेॅ पहउ सुकोमलेॅण $ कण्णावयंस-णीलुप्पलेॅण
{प॰च॰९,८.६} अण्णेक्कऍ वुत्तु वरङ्गणऍ $ पप्फुल्लिय-तामरसाणणऍ
{प॰च॰९,८.७} "तुह्ũ जाणहि ऍहु णरु सच्चमउ $ उप्पाइउ केण वि कट्ठमउ
{प॰च॰९,८.८} पुणु गम्पिणु रण-रस-अड्ढियहेॅ $ जक्खहेॅ वज्जरिउ अणिड्ढियहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰९,८.९} "कञ्ची-कलाव-केऊर-धर $ पइँ तिण-समु मण्णेॅवि तिण्णि णर
वणेॅ विज्जउ आराहन्त थिय $ णावइ जग-भवणहेॅ खम्भ किय"
कण्ड १, संधि ९, कडवक ९॒
{प॰च॰९,९.१} तं णिसुणेॅवि जम्वूदीव-पहु $ णं जलिउ जलण-जाला-णिवहु
{प॰च॰९,९.२} "सो कवणु एत्थु णिक्कम्पिरउ $ जगेॅ जीवइ जो महु वाहिरउ"
{प॰च॰९,९.३} अहिमुहु पयट्टु तहेॅ आसवहेॅ $ सुय दिट्ठ ताम रयणासवहेॅ
{प॰च॰९,९.४} "अहेॅ अहेॅ पव्वइयहेॅ अहिणवहेॅ $ कं झायहेॅ कवणु देउ थुणहेॅ"
{प॰च॰९,९.५} जं एक्कु वि उत्तरु दिण्णु ण वि $ तं पुणु वि समुट्ठिउ कोव-हवि
{प॰च॰९,९.६} उवसग्गु घोरु पारम्भियउ $ वहुरूवेॅहिॅ जक्खु वियम्भियउ
{प॰च॰९,९.७} आसीविस-विसहर-अजयरेॅहिॅ $ सद्दूल-सीह-कुञ्जर-वरेॅहिॅ
{प॰च॰९,९.८} गय-भूय-पिसाऍहिॅ रक्खसेॅहिॅ $ गिरि-पवण-हुआसण-पाउसेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰९,९.९} दस-दिसि-वहु अन्धारउ करेॅवि $ ओरुम्भेॅवि गज्जेॅवि उत्थरेॅवि
गउ णिप्फलु सो उवसग्गु किह $ गिरि-मत्तऍ वासारत्तु जिह
कण्ड १, संधि ९, कडवक १०॒
{प॰च॰९,१०.१} जं चित्तु ण सक्किउ अवहरेॅवि $ थिउ तक्खणेॅ अण्ण माय धरेॅवि
{प॰च॰९,१०.२} दरिसाविउ सयलु वि वन्धुजणु $ कलुणउ कन्दन्तु विसण्ण-मणु
{प॰च॰९,१०.३} कस-घाऍहिॅ घाइज्जन्तु वणेॅ $ "णिवडन्तुट्ठन्तइँ खणेॅ जेॅ खणेॅ
{प॰च॰९,१०.४} रयणासवु कइकसि चन्दणहि $ हम्मन्तइँ जइ ण अम्हे गणहि
{प॰च॰९,१०.५} तो सरणु भणेॅवि पडिव(?र)क्ख करेॅ $ रिउ मारइ लग्गइ पुत्त धरेॅ
{प॰च॰९,१०.६} तं पुरिसयारु किं वीसरिउ $ णव-वयणु जेण कण्ठउ धरिउ
{प॰च॰९,१०.७} अहेॅ भाणुकण्ण करेॅ चारहडि $ सिरि भञ्जहि लग्गउ छार-हडि
{प॰च॰९,१०.८} अहेॅ धरहि विहीसण जत्ताइँ $ वणेॅ मेच्छहिॅ पिट्टिज्जन्ताइँ
घत्ता॒
{प॰च॰९,१०.९} अरेॅ पुत्तहेॅ णउ पडिरक्ख किय $ जं लालिय पालिय वड्ढविय
सो णिप्फलु सयलु किलेसु गउ $ जिह पावहेॅ धम्मु विअक्खियउ"
कण्ड १, संधि ९, कडवक ११॒
{प॰च॰९,११.१} जं केण वि णउ साहारियउ $ तं तिण्णि वि जक्खें मारियउ
{प॰च॰९,११.२} पुणु तिहि मि जणह्ũ दरिसावियउ $ सिव-साण-सिवालेॅहिॅ खावियउ
{प॰च॰९,११.३} णवि चलिउ तो वि तहेॅ झाणु थिरु $ माया-रावणउ करेवि सिरु
{प॰च॰९,११.४} अग्गऍ घत्तिउ अविचल-मणहँ $ भाइहिॅ रविकण्ण-विहीसणहँ
{प॰च॰९,११.५} तं णिऍवि सीसु रुहिरारुणउ $ ते झाणहेॅ चलिय मणामणउ
{प॰च॰९,११.६} णिद्धइँ सुद्धइँ थिर-जोयणइँ $ ईसीसि पगलियइँ लोयणइँ
{प॰च॰९,११.७} सिर-कमलइँ ताह मि केराइँ $ उवणाऍवि दुक्ख-जणेराइँ
{प॰च॰९,११.८} रावणहेॅ गम्पि दरिसावियइँ $ पउमइँ व णाल-मेल्लावियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰९,११.९} जं एम वि रावणु अचलु थिउ $ तं देवहिॅ साहुक्कारु किउ
विज्जह्ũ सहासु उप्पण्णु किह $ तित्थयरहेॅ केवल-णाणु जिह
कण्ड १, संधि ९, कडवक १२॒
{प॰च॰९,१२.१} आगया कहकहन्ती महाकालिणी $ गयण-संचालिणी भाणु-परिमालिणी
{प॰च॰९,१२.२} कालि कोमारि वाराहि माहेसरी $ घोर-वीरासणी जोगजोगेसरी
{प॰च॰९,१२.३} सोमणी रयण वम्भाणि इन्दाइणी $ अणिम लहिमत्ति पण्णत्ति कञ्चाइणी
{प॰च॰९,१२.४} डहणि उच्चाटिणी थम्भणी मोहणी $ वइरि-विद्धंसणी भुवण-संखोहणी
{प॰च॰९,१२.५} वारुणी पावणी भूमि-गिरि-दारिणी $ काम-सुह-दाइणी वन्ध-वह-कारिणी
{प॰च॰९,१२.६} सव्व-पच्छायणी सव्व-आकरिसिणी $ विजय जय जिम्भिणी सव्व-मय-णासणी
{प॰च॰९,१२.७} सत्ति-संवाहिणी कुडिल अवलोयणी $ अग्गि-जल-थम्भणी छिन्दणी भिन्धणी
{प॰च॰९,१२.८} आसुरी रक्खसी वारुणी वरिसणी $ दारुणी दुण्णिवारा य दुद्दरिसणी
घत्ता॒
{प॰च॰९,१२.९} आऍहिॅ वर-विज्जेॅहिॅ आइयहिॅ $ रावणु गुण-गण-अणुराइयहिॅ
चउदिसि परिवारिउ सहइ किह $ मयलञ्छणु छणेॅ ताराह्ũ जिह
कण्ड १, संधि ९, कडवक १३॒
{प॰च॰९,१३.१} सव्वोसह थम्भणि मोहणिय $ संविद्धि णहङ्गण-गामिणिय
{प॰च॰९,१३.२} आयउ पञ्च वि ववगयउ तहिॅ $ थिउ कुम्भयण्णु चल-झाणु जहिॅ
{प॰च॰९,१३.३} सिद्धत्थ सत्तु-विणिवारणिय $ णिव्विग्घ गयण-संचारिणिय
{प॰च॰९,१३.४} आयउ चयारि पुणु चल-मणहेॅ $ आसण्णउ थियउ विहीसणहेॅ
{प॰च॰९,१३.५} एत्थन्तरेॅ पुण्ण-मणोरहेॅण $ वहु-विज्जालङ्किय-विग्गहेॅण
{प॰च॰९,१३.६} णामेण सयंपहु णयरु किउ $ णं सग्ग-कण्डु अवयरेॅवि थिउ
{प॰च॰९,१३.७} अण्णु वि उप्पाइउ चेइहरु $ मणहरु णामेण सहससिहरु
{प॰च॰९,१३.८} उत्तुङ्गु सिङ्गु उण्णइ करेॅवि $ णं वञ्छइ सूर-विम्वु धरेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰९,१३.९} तं रिद्धि सुणेवि दसाणणहेॅ $ परिओसु पवड्ढिउ परियणहेॅ
आयइँ कइ-जाउहाण-वलइँ $ णं मिलेॅवि परोप्परु जल-थलइँ
कण्ड १, संधि ९, कडवक १४॒
{प॰च॰९,१४.१} जं दिट्ठ सेण्ण सयणह्ũ तणिय $ परिपुच्छिय पुणु अवलोयणिय
{प॰च॰९,१४.२} ताऍ वि संवोहिउ दहवयणु $ "ऍहु देव तुहारउ वन्धु-जणु"
{प॰च॰९,१४.३} तं णिसुणेॅवि णरवइ णीसरिउ $ णिय-विज्ज-सहासें परियरिउ
{प॰च॰९,१४.४} णं कमलिणि-सण्डें पवरु सरु $ णं रासि-सहासें दिवसयरु
{प॰च॰९,१४.५} स-विहीसणु कुम्भयण्णु चलिउ $ णं दिवस-तेउ सूरहेॅ मिलिउ
{प॰च॰९,१४.६} तिण्णि मि कुमार संचल्ल किर $ उच्छलिय ताम फम्फाव-गिर
{प॰च॰९,१४.७} रयणासवु पत्तु स-वन्धुजणु $ तं पट्टणु तं रावण-भवणु
{प॰च॰९,१४.८} तं सह-मण्डउ मणि-वेयडिउ $ तं विज्ज-सहासु समावडिउ
घत्ता॒
{प॰च॰९,१४.९} पेक्खेप्पिणु परिओसिय-मणेॅण $ णिय तणय सुमालिहेॅ णन्दणेॅण
रोमञ्चाणन्द-णेह-जुऍहिॅ $ चुम्वेॅवि अवगूढ स इं भु वेॅहिॅ
[१०. दसमो संधि] ----------
साहिउ छट्ठोववासु करेॅवि $ णव-णीलुप्पल-णयणेॅण
सुन्दरु सु-वंसु सु-कलत्तु जिह $ चन्दहासु दहवयणेॅण
कण्ड १, संधि १०, कडवक १॒
{प॰च॰१०,१.१} दससिरु विज्जा-दससय-णिवासु $ साहेप्पिणु दूसहु चन्दहासु
{प॰च॰१०,१.२} गउ वन्दण-हत्तिऍ मेरु जाम $ संपाइय मय-मारिच्च ताम
{प॰च॰१०,१.३} मन्दोवरि पवर-कुमारि लेवि $ रावणहेॅ जेॅ भवणु पइट्ठ वे वि
{प॰च॰१०,१.४} चन्दणहि णिहालिय तेहिॅ तेत्थु $ "परमेसरि गउ दहवयणु केत्थु"
{प॰च॰१०,१.५} तं णिसुणेॅवि णयणाणन्दणीऍ $ वुच्चइ रयणासव-णन्दणीऍ
{प॰च॰१०,१.६} "छुडु छुडु साहेप्पिणु चन्दहासु $ गउ अहिमुहु मेरु-महीहरासु
{प॰च॰१०,१.७} एत्तिऍ आवइ वइसरहु ताम" $ तं लेवि णिमित्तु णिविट्ठ जाम
{प॰च॰१०,१.८} वेत्तालऍ महि कम्पणहँ लग्ग $ संचलिय असेस वि कउह-मग्ग
घत्ता॒
{प॰च॰१०,१.९} खणेॅ अन्धारउ खणेॅ चन्दिणउ $ खणेॅ धाराहरु वरिसइ
विज्जउ जोक्खन्तउ दहवयणु $ णं माहेन्दु पदरिसइ
कण्ड १, संधि १०, कडवक २॒
{प॰च॰१०,२.१} मम्भीसेॅवि मन्दोवरि मएण $ चन्दणहि पपुच्छिय भय-गएण
{प॰च॰१०,२.२} "ऍउ काइँ भडारिऍ कोउहल्लु $ पवियम्भइ रऍ पेम्मु व णवल्लु
{प॰च॰१०,२.३} स वि पचविय "किं ण मुणिउ पयाउ $ दहगीव-कुमारहेॅ ऍहु पहाउ
{प॰च॰१०,२.४} तं णिसुणेॅवि सयल वि पुलइयङ्ग $ अवरोप्परु मुहइँ णिएह्ũ लग्ग
{प॰च॰१०,२.५} एत्थन्तरेॅ किङ्कर-सय-सहाउ $ मय-दूसावासु णियन्तु आउ
{प॰च॰१०,२.६} "ऍउ को आवासिउ समभरेण $ पणवेवि कहिउ केण वि णरेण
{प॰च॰१०,२.७} विज्जाहर मय-मारिच्च के वि $ तुम्हहँ मुहवेक्खा आय वे वि"
{प॰च॰१०,२.८} तं णिसुणेॅवि जिणवर-भवणु ढुक्कु $ परियञ्चेॅवि वन्देॅवि ताण-मुक्कु
घत्ता॒
{प॰च॰१०,२.९} सहसत्ति दिट्ठु मन्दोवरिऍ $ दिट्ठिऍ चल-भũहालऍ
दूरहेॅ जेॅ समाहउ वच्छयलेॅ $ णं णीलुप्पल-मालऍ
कण्ड १, संधि १०, कडवक ३॒
{प॰च॰१०,३.१} दीसइ तेण वि सहसत्ति वाल $ णं भसलें अहिणव-कुसुम-माल
{प॰च॰१०,३.२} दीसन्ति चलण-णेउर रसन्त $ णं महुर-राव वन्दिण पढन्त
{प॰च॰१०,३.३} दीसइ णियम्वु मेहल-समग्गु $ णं कामएव-अत्थाण-मग्गु
{प॰च॰१०,३.४} दीसइ रोमावलि छुडु चडन्ति $ णं कसण-वाल-सप्पिणि ललन्ति
{प॰च॰१०,३.५} दीसन्ति सिहिण उवसोह देन्त $ णं उरयलु भिन्देॅवि हत्थि-दन्त
{प॰च॰१०,३.६} दीसइ पप्फुल्लिय-वयण-कमलु $ णीसासामोयासत्त-भसलु
{प॰च॰१०,३.७} दीसइ सुणासु अणुहुअ-सुअन्धु $ णं णयण-जलहेॅ किउ सेउ-वन्धु
{प॰च॰१०,३.८} दीसइ णिडालु सिर-चिहुर-छण्णु $ ससि-विम्वु व णव-जलहर-णिमण्णु
घत्ता॒
{प॰च॰१०,३.९} परिभमइ दिट्ठि तहेॅ तहिॅ जेॅ तहिॅ $ अण्णहिॅ कहि मि ण थक्कइ
रस-लम्पड महुयर-पन्ति जिम $ केयइ मुऍवि ण सक्कइ
कण्ड १, संधि १०, कडवक ४॒
{प॰च॰१०,४.१} दहगीव-कुमारहेॅ लहेॅवि चित्तु $ एत्थन्तरेॅ मारिच्चेण वुत्तु
{प॰च॰१०,४.२} "वेयड्ढहेॅ दाहिण-सेढि-पवरु $ णामेण देवसंगीय-णयरु
{प॰च॰१०,४.३} तहिॅ अम्हइँ मय-मारिच्च भाय $ रावण विवाह-कज्जेण आय
{प॰च॰१०,४.४} लइ तुज्झु जेॅ जोग्गउ णारि-रयणु $ उट्ठुट्ठु देव करेॅ पाणि-गहणु
{प॰च॰१०,४.५} एउ जेॅ मुहुत्तु णक्खत्तु वारु $ जं जिणु पच्चक्खु तिलोय-सारु
{प॰च॰१०,४.६} कल्लाण-लच्छि-मङ्गल-णिवासु $ सिव-सन्ति-मणोरह-सुह-पयासु
{प॰च॰१०,४.७} तं णिसुणेॅवि तुट्ठें दहमुहेण $ किउ तक्खणेॅ पाणिग्गहणु तेण
{प॰च॰१०,४.८} जय-तूरहिॅ धवलहिॅ मङ्गलेहिॅ $ कञ्चण-तोरणेॅहिॅ समुज्जलेहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१०,४.९} तं वहु-वरु णयणाणन्दयरु $ विसइ सयंपहु पट्टणु
णं उत्तम-रायहंस-मिहुणु $ पप्फुल्लिय-पङ्कय-व(य)णु
कण्ड १, संधि १०, कडवक ५॒
{प॰च॰१०,५.१} अवरेक्क-दिवसेॅ दिढ-वाहु-दण्डु $ विज्जउ जोक्खन्तु महा-पयण्डु
{प॰च॰१०,५.२} गउ तेत्थु जेत्थु माणुस-वमालु $ जलहरधरु णामें गिरि विसालु
{प॰च॰१०,५.३} गन्धव्व-वावि जहिॅ जगेॅ पयास $ गन्धव्व-कुमारिहिॅ छह सहास
{प॰च॰१०,५.४} दिवेॅ-दिवेॅ जल-कील करन्तु जेत्थु $ रयणासव-णन्दणु ढुक्कु तेत्थु
{प॰च॰१०,५.५} सहसत्ति दिट्ठु परमेसरीहिॅ $ णं सायरु सयल-महा-सरीहिॅ
{प॰च॰१०,५.६} णं णव-मयलञ्छणु कुमुइणीहिॅ $ णं वाल-दिवायरु कमलिणीहिॅ
{प॰च॰१०,५.७} सव्वउ रक्खण-परिवारियाउ $ सव्वउ सव्वालङ्कारियाउ
घत्ता॒
{प॰च॰१०,५.८} सव्वउ भणन्ति वउ परिहरेॅवि $ वम्मह-सर-जज्जरियउ
"पइँ मेल्लेॅवि अण्णु ण भत्तारु $ परिणि णाह सइँ वरियउ"
कण्ड १, संधि १०, कडवक ६॒
{प॰च॰१०,६.१} एत्थन्तरेॅ आरक्खिय-भडेहिॅ $ लहु गम्पिणु गमण-वियावडेहिॅ
{प॰च॰१०,६.२} जाणाविउ सुन्दर-सुरवरासु $ "सव्वउ कण्णउ एक्कहेॅ णरासु
{प॰च॰१०,६.३} करेॅ लग्गउ तेण वि इच्छियाउ $ पच्चेल्लिउ सुसमाइच्छियाउ"
{प॰च॰१०,६.४} तं णिसुणेॅवि सुर-सुन्दरु विरुद्धु $ उद्धाइउ णाइँ कियन्तु कुद्धु
{प॰च॰१०,६.५} अण्णु वि कणयाहिउ वुह-समाणु $ तं पेक्खेॅवि साहणु अप्पमाणु
{प॰च॰१०,६.६} विट्टिऍहिॅ वुत्तु "णउ को वि सरणु $ तउ अम्हहँ कारणेॅ ढुक्कु मरणु"
{प॰च॰१०,६.७} रावणेॅण हसिउ "किं आयएहिॅ $ किर काइँ सियालहिॅ घाइएहिॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰१०,६.८} ओसोवणि-विज्जऍ सोयवेॅवि $ वद्धा विसहर-पासेॅहिॅ
जिह दूर-भव्व भव-संचिऍहिॅ $ दुक्किय-कम्म-सहासेॅहिॅ
कण्ड १, संधि १०, कडवक ७॒
{प॰च॰१०,७.१} आमेल्लेॅवि पुज्जेॅवि करेॅवि दास $ परिणेप्पिणु कण्णहँ छ वि सहास
{प॰च॰१०,७.२} गउ रावणु णिय-पट्टणु पविट्ठु $ स-कियत्थु सयल-परियणेॅण दिट्ठु
{प॰च॰१०,७.३} वहु-कालें मन्दोवरिहेॅ जाय $ इन्दइ-घणवाहण वे वि भाय
{प॰च॰१०,७.४} एत्तहेॅ वि कुम्भपुरेॅ कुम्भयण्णु $ परिणाविउ सिय-संपय पवण्णु
{प॰च॰१०,७.५} रत्तिन्दिउ लङ्काउरि-पएसु $ जगडइ वइसवणहेॅ तणउ देसु
{प॰च॰१०,७.६} गय पय कूवारें कोउ हूउ $ पेसिउ वयणालङ्कार-दूउ
{प॰च॰१०,७.७} दहवयणट्ठाणु पइट्ठु गम्पि $ तेहि मि किउ अब्भुत्थाणु किं पि
{प॰च॰१०,७.८} पभणिउ "सुमालि-पहु देहि कण्णु $ पोत्तउ णिवारि इउ कुम्भयण्णु
घत्ता॒
{प॰च॰१०,७.९} अवराह-सएहि मि वइसवणु $ तुम्हहिॅ समउ ण जुज्झइ
डज्झन्तु वि सवर-पुलिन्दऍहिॅ $ विञ्झु जेम ण विरुज्झइ
कण्ड १, संधि १०, कडवक ८॒
{प॰च॰१०,८.१} पर आएं पेक्खमि विपडिवण्णु $ जें णाहिॅ णिवारहेॅ कुम्भयण्णु
{प॰च॰१०,८.२} एयहेॅ पासिउ तुम्हहँ विणासु $ एयहेॅ पासिउ आगमणु तासु
{प॰च॰१०,८.३} एयहेॅ पासिउ पायाल-लङ्क $ पइसेवउ पुणु वि करेवि सङ्क
{प॰च॰१०,८.४} मालि वि जगडन्तउ आसि एम $ मुउ पडेॅवि पईवेॅ पयङ्गु जेम
{प॰च॰१०,८.५} तइयह्ũ तुम्हह्ũ वित्तन्तु जो ज्जेॅ $ एवहिॅ दीसइ पडिवउ वि सो ज्जेॅ
{प॰च॰१०,८.६} वरि ऍहु जेॅ समप्पिउ कुल-कयन्तु $ अच्छउ तहेॅ घरेॅ णियलइँ वहन्तु"
{प॰च॰१०,८.७} तं णिसुणेॅवि रोसिउ णिसियरिन्दु $ "कहेॅ तणउ धणउ कहेॅ तणउ इन्दु"
{प॰च॰१०,८.८} अवलोइउ भीसणु चन्दहासु $ पडिवक्ख-पक्ख-खय-काल-वासु
{प॰च॰१०,८.९} "पइँ पढमु करेप्पिणु वलि-विहाणु $ पुणु पच्छऍ धणयहेॅ मलमि माणु"
{प॰च॰१०,८.१०} सिरु णावेॅवि वुत्तु विहीसणेण $ "विणिवाइएण दूवेण एण
घत्ता॒
{प॰च॰१०,८.११} परिभमइ अयसु पर-मण्डलेॅहिॅ $ तुम्हहँ एउ ण छज्जइ
जुज्झन्तउ हरिण-उलेहिॅ सह्ũ $ किं पञ्चमुहु ण लज्जइ"
कण्ड १, संधि १०, कडवक ९॒
{प॰च॰१०,९.१} णीसारिउ दूउ पणट्ठु केम $ केसरि-कम-चुक्कु कुरङ्गु जेम
{प॰च॰१०,९.२} एत्तहेॅ वि दसाणणु विप्फुरन्तु $ सण्णहेॅवि विणिग्गउ जिह कयन्तु
{प॰च॰१०,९.३} णीसरिउ विहीसणु भाणुकण्णु $ रयणासउ मउ मारिच्चु अण्णु
{प॰च॰१०,९.४} णीसरिउ सहोवरु मल्लवन्तु $ इन्दइ-घणवाहणु सिसु वि होन्तु
{प॰च॰१०,९.५} हउ तूरु पयाणउ दिण्णु जाम $ दूएण वि धणयहेॅ कहिउ ताम
{प॰च॰१०,९.६} "मालिहेॅ पासिउ एयहेॅ मरट्टु $ उक्खन्धु देवि अण्णु वि पयट्टु
{प॰च॰१०,९.७} तं वयणु सुणेॅवि सण्णहेॅवि जक्खु $ णीसरिउ णाइँ सइँ दससयक्खु
{प॰च॰१०,९.८} थिउ उड्डेॅवि गिरि-गुञ्जक्खेॅ जाम $ तं जाउहाण-वलु ढुक्कु ताम
घत्ता॒
{प॰च॰१०,९.९} हय समर-तूर किय-कलयलइँ $ अमरिस-रहस-विसट्टइँ
वइसवण-दसाणण-साहणइँ $ विण्णि वि रणेॅ अब्भिट्टइँ
कण्ड १, संधि १०, कडवक १०॒
{प॰च॰१०,१०.१} केण वि सुन्दर सु-रमण सु-सेव $ आलिङ्गिय गय-घड वेस जेव
{प॰च॰१०,१०.२} स वि कासु वि उरयलेॅ वेज्झु देइ $ णं विवरिय-सुरएं हियउ लेइ
{प॰च॰१०,१०.३} केण वि आवाहिउ मण्डलग्गु $ करि-सिरु णिव्वट्टेॅवि महिहिॅ लग्गु
{प॰च॰१०,१०.४} केण वि कासु वि गय-घाउ दिण्णु $ किउ स-रहु स-सारहि चुण्णु चुण्णु
{प॰च॰१०,१०.५} केण वि कासु वि उरु सरहिॅ भरिउ $ लक्खिज्जइ णं रोमञ्चु धरिउ
{प॰च॰१०,१०.६} केण वि कासु वि रणेॅ मुक्कु चक्कु $ थिउ हियऍ धरेॅवि णं पिसुण-वक्कु
{प॰च॰१०,१०.७} एत्थन्तरेॅ धणएं ण किउ खेउ $ हक्कारिउ आहवेॅ कइकसेउ
{प॰च॰१०,१०.८} "लइ तुज्झु जुज्झु एत्तडउ कालु $ ढुक्को ऽसि सीह-दन्तन्तरालु"
घत्ता॒
{प॰च॰१०,१०.९} तं णिसुणेॅवि रावणु कुइय-मणु $ वइसवणहेॅ आलग्गउ
करु उब्भेॅवि गज्जेॅवि गुलगुलेॅवि $ णं गयवरहेॅ महग्गउ
कण्ड १, संधि १०, कडवक ११॒
{प॰च॰१०,११.१} अम्वुहर-लील-संदरिसणेण $ सर-मण्डउ किउ तहिॅ दस-सिरेण
{प॰च॰१०,११.२} विणिवारिउ दिणयर-कर-णिहाउ $ णिसि दिवसु किं ति सन्देहु जाउ
{प॰च॰१०,११.३} सन्दणेॅ हऍ गऍ धय-चिन्धेॅ छत्तेॅ $ जम्पाणेॅ विमाणेॅ णरिन्द-गत्तेॅ
{प॰च॰१०,११.४} थरथरहरन्त सर लग्ग केम $ धणवन्तऍ माणुसेॅ पिसुण जेम
{प॰च॰१०,११.५} जक्खेण वि हय वाणेहिॅ वाण $ मुणिवरेॅण कसाय व ढुक्कमाण
{प॰च॰१०,११.६} धणु पाडिउ पाडिउ छत्त-दण्डु $ दहमुह-रहु किउ सय-कण्ड-कण्डु
{प॰च॰१०,११.७} अण्णेण चडेप्पिणु भिडिउ राउ $ णं गिरि-संघायहेॅ कुलिस-घाउ
{प॰च॰१०,११.८} हउ धणउ भिण्डिवालेण उरसेॅ $ ओणल्लु भाणु ल्हसिऍ व दिवसेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१०,११.९} णिउ णिय-सामन्तेॅहिॅ वइसवणु $ विजउ दसाणणेॅ घुट्ठउ
"कहिॅ जाहि पाव जीवन्तु महु" $ कुम्भयण्णु आरुट्ठउ
कण्ड १, संधि १०, कडवक १२॒
{प॰च॰१०,१२.१} "आएं समाणु किर कवणु खत्तु $ घाइज्जइ णासन्तो वि सत्तु
{प॰च॰१०,१२.२} जं फिट्टइ जम्म-सयाहँ काणि" $ किर जाम पधावइ सूल-पाणि
{प॰च॰१०,१२.३} अवरुण्डेॅवि धरिउ विहीसणेण $ "किं कायर-णर-विद्धंसणेण
{प॰च॰१०,१२.४} सो हम्मइ जो पहणइ पुणो वि $ किं उरउ म जीवउ णिव्विसो वि
{प॰च॰१०,१२.५} णासउ वराउ णिय-पाण लेवि" $ थिउ भाणुकण्णु मच्छरु मुएवि
{प॰च॰१०,१२.६} एत्थन्तरेॅ वइसवणहेॅ मणिट्ठु $ सु-कलत्तु व पुप्फ-विमाणु दिट्ठु
{प॰च॰१०,१२.७} तहिॅ चडिउ णराहिउ मुऍवि सङ्क $ पट्ठविय पसाहा के वि लङ्क
{प॰च॰१०,१२.८} अप्पुणु पुणु जो जो को वि चण्डु $ तहेॅ तहेॅ ढुक्कइ जिह काल-दण्डु
घत्ता॒
{प॰च॰१०,१२.९} णिय-वन्धव-सयणेॅहिॅ परियरिउ $ दणुवइ दुदम-दमन्तउ
आहिण्डइ लीलऍ इन्दु जिह $ देस-स यं भु ञ्जन्तउ
[११. एगारहमो संधि] ----------
पुप्फ-विमाणारूढऍण $ दहवयणें धवल-विसालाइँ
णं घण-विन्दइँ अ-सलिलइँ $ दिट्ठइँ हरिसेण-जिणालाइँ
कण्ड १, संधि ११, कडवक १॒
{प॰च॰११,१.१} तोयदवाहण-वंस-पईवें $ पुच्छिउ पुणु सुमालि दहगीवें
{प॰च॰११,१.२} "अहेॅ अहेॅ ताय ताय ससि-धवलइँ $ एयइँ किं ण जलुग्गय-कमलइँ
{प॰च॰११,१.३} किं हिम-सिहरइँ साडेॅवि मुक्कइँ $ किं णक्खत्तइँ थाणहेॅ चुक्कइँ
{प॰च॰११,१.४} दण्डुद्दण्ड-धवल-पुण्डरियइँ $ किं काह मि सीसुप्परि धरियइँ
{प॰च॰११,१.५} अब्भारम्भ-विवज्जिय-गब्भइँ $ किं भूमियलेॅ गयइँ सुब्भब्भइँ
{प॰च॰११,१.६} किय-मङ्गल-सिङ्गार-सहासइँ $ किं आवासियाइँ कलहंसइँ
{प॰च॰११,१.७} जसु सव्वङ्गइँ कण्डेॅवि कण्डेॅवि $ किय गउ को वि पडीवउ छण्डेॅवि
{प॰च॰११,१.८} कामिणि-वयणोहामिय-छायइँ $ किय ससि-सयइँ मिलेप्पिणु आयइँ"
घत्ता॒
{प॰च॰११,१.९} कहइ सुमालि दसाणणहेॅ $ "जण-णयणाणन्द-जणेराइँ
जिण-भवणइँ छुह-पङ्कियइँ $ एयइँ हरिसेणहेॅ केराइँ
कण्ड १, संधि ११, कडवक २॒
{प॰च॰११,२.१} अट्ठाहियहेॅ मज्झेॅ महि सिद्धी $ णव-णिहि-चउदह-रयण-समिद्धी
{प॰च॰११,२.२} पहिलऍ दिवसेॅ महारह-कारणेॅ $ जाणेॅवि जणणि-दुक्खु गउ तक्खणेॅ
{प॰च॰११,२.३} वीयऍ तावस-भवणु पराइउ $ मयणावलिहेॅ मयण-जरु लाइउ
{प॰च॰११,२.४} तइयऍ सिन्धुणयरेॅ सुपसण्णउ $ हत्थि जिणेप्पिणु लइयउ कण्णउ
{प॰च॰११,२.५} वेयमईऍ चउत्थऍ हारिउ $ जयचन्दहेॅ हियवऍ पइसारिउ
{प॰च॰११,२.६} पञ्चमेॅ गङ्गाहर-महिहर-रणु $ तहिॅ उप्पण्णु चक्कु तहेॅ स-रयणु
{प॰च॰११,२.७} छट्ठऍ पिहिमि हूअ आवग्गी $ अण्णु वि मयणावलि करेॅ लग्गी
{प॰च॰११,२.८} सत्तमेॅ गम्पि जणणि जोक्कारिय $ अट्ठमेॅ दिवसेॅ पुज्ज णीसारिय
घत्ता॒
{प॰च॰११,२.९} एयइँ तेण वि णिम्मियइँ $ ससि-सङ्ख-खीर-कुन्दुज्जलइँ
आहरणइँ व वसुन्धरिहेॅ $ सिव-सासय-सुहइँ व अविचलइँ"
कण्ड १, संधि ११, कडवक ३॒
{प॰च॰११,३.१} गउ सुणन्तु हरिसेण-कहाणउ $ सम्मेय-इरिहिॅ मुक्कु पयाणउ
{प॰च॰११,३.२} ताम णिणाउ समुट्ठिउ भीसणु $ जाउहाण-साहण-संतासणु
{प॰च॰११,३.३} पेसिय हत्थ-पहत्थ पधाइय $ वण-करि णिऍवि पडीवा आइय
{प॰च॰११,३.४} "देव देव किउ जेण महारउ $ अच्छइ मत्त-हत्थि अइरावउ
{प॰च॰११,३.५} गज्जणाऍ अणुहरइ समुद्दहेॅ $ सीयरेण जलहरहेॅ रउद्दहेॅ
{प॰च॰११,३.६} कद्दमेण णव-पाउस-कालहेॅ $ णिज्झरेण महिहरहेॅ विसालहेॅ
{प॰च॰११,३.७} रुक्खुम्मूलणेण दुव्वायहेॅ $ सुहड-विणासणेण जमरायहेॅ
{प॰च॰११,३.८} दंसणेण आसीविस-सप्पहेॅ $ विविह-मयावत्थऍ कन्दप्पहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰११,३.९} इन्दु वि चडेॅवि ण सक्कियउ $ खन्धासणेॅ एयहेॅ वारणहेॅ
गउ चउपासिउ परिभमेॅवि $ जिम अत्थ-हीणु कामिणि-जणहेॅ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ४॒
{प॰च॰११,४.१} अण्णुप्पण्णु दसण्णय-काणणेॅ $ माहव-मासेॅ देसेॅ साहारणेॅ
{प॰च॰११,४.२} उभय-चारि सव्वङ्गिय-सुन्दरु $ भद्द-हत्थि णामेण मणोहरु
{प॰च॰११,४.३} सत्त समुत्तुङ्गउ णव दीहरु $ दह परिणाहु तिण्णि कर वित्थरु
{प॰च॰११,४.४} णिद्ध-दन्तु महु-पिङ्गल-लोयणु $ अयसि-कुसुम-णिहु रत्त-कराणणु
{प॰च॰११,४.५} पञ्च-मङ्गलावत्तु मयालउ $ चक्क-कुम्भ-धय-छत्त-रिहालउ
{प॰च॰११,४.६} वट्ट-तरट्टि-थणय-कुम्भत्थलु $ पुलय-सरीरु गलिय-गण्डत्थलु
{प॰च॰११,४.७} उण्णय-कन्धरु सूयर-पच्छलु $ वीस-णहरु सुअन्ध-मय-परिमलु
{प॰च॰११,४.८} चाव-वंसु थिर-मंसु थिरोयरु $ गत्त-दन्त-कर-पुच्छ-पईहरु
घत्ता॒
{प॰च॰११,४.९} एम अणेयइँ लक्खणइँ $ किं गणियइँ णाम-विहूणाइँ
हत्थि-पएसह्ũ सव्वहु मि $ चउद्दह-सयइँ चउरूणाइँ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ५॒
{प॰च॰११,५.१} तं णिसुणेवि दसाणणु हरिसिउ $ उरेॅ ण मन्तु रोमञ्चु व दरिसिउ
{प॰च॰११,५.२} "जइ तं भद्द-हत्थि णउ साहमि $ तो जणणोवरि असिवरु वाहमि"
{प॰च॰११,५.३} एउ भणेवि स-सेण्णु पधाइउ $ तं पएसु सहसत्ति पराइउ
{प॰च॰११,५.४} गयवइ णिऍवि विरेल्लिय-णयणें $ हसिउ पहत्थु णवर दह-वयणें
{प॰च॰११,५.५} "हũ जाणमि पचण्डु तम्वेरमु $ णवर विलासिणि-रूउ व मणेॅरमु
{प॰च॰११,५.६} हũ जाणमि गइन्द-कुम्भत्थलु $ णवर विलासिणि-घण-थण-मण्डलु
{प॰च॰११,५.७} जाणमि सु-विसाणइँ अ-कलङ्कइँ $ णवर पसण्ण-कण्ण-ताडङ्कइँ
{प॰च॰११,५.८} हũ जाणमि भमन्ति भमर-उलइँ $ णवर णिरन्तर-पेल्लिय-कुरुलइँ
घत्ता॒
{प॰च॰११,५.९} जाणमि करि-खन्धारुहणु $ अच्चन्तु होइ भय-भासुरउ
णवर पहत्थ मज्झु मणहेॅ $ उव्वहइ णवल्लु णाइँ सुरउ"
कण्ड १, संधि ११, कडवक ६॒
{प॰च॰११,६.१} पुप्फ-विमाणहेॅ लीणु दसाणणु $ दिढु णियत्थु किउ केस-णिवन्धणु
{प॰च॰११,६.२} लइय लट्ठि उग्घोसिउ कलयलु $ तूरइँ हयइँ पधाइउ मयगलु
{प॰च॰११,६.३} अहिमुहु धणय-पुरन्दर-वइरिहेॅ $ वासारत्तु जेम विञ्झइरिहेॅ
{प॰च॰११,६.४} पुक्खरेॅ ताडिउ लक्कुडि-घाएं $ णावइ काल-मेहु दुव्वाएं
{प॰च॰११,६.५} देइ ण देइ वेज्झु उरेॅ जावेॅहिॅ $ विज्जुल-विलसिय-करणें तावेॅहिॅ
{प॰च॰११,६.६} पच्छलेॅ चडिउ धुणेॅवि भुव-डालिउ $ "वुदवुद" भणेॅवि खन्धेॅ अप्फालिउ
{प॰च॰११,६.७} जङ्घिउ पुणु वि करेणालिङ्गेॅवि $ सुविणा(?)दइउ जेम गउ लङ्घेॅवि
{प॰च॰११,६.८} खणेॅ गण्डयलेॅ ठाइ खणेॅ कन्धरेॅ $ खणेॅ चउहु मि चलणह्ũ अब्भन्तरेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰११,६.९} दीसइ णासइ विप्फुरइ $ परिभमइ चउद्दिसु कुञ्जरहेॅ
चलु लक्खिज्जइ गयण-यलेॅ $ णं विज्जु-पुञ्जु णव-जलहरहेॅ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ७॒
{प॰च॰११,७.१} हत्थि-वियारणाउ एयारह $ अण्णउ किरियउ वीस दुवारह
{प॰च॰११,७.२} दरिसेॅवि किउ णिप्फन्दु महा-गउ $ धुत्तें वेस-मरट्टु व भग्गउ
{प॰च॰११,७.३} साहिउ मोक्खु व परम-जिणिन्दें $ "होउ होउ णं रडिउ गइन्दें
{प॰च॰११,७.४} "भलेॅ भलेॅ" पभणिउ चलणु समप्पिउ $ तेण वि वामङ्गुट्ठें चप्पिउ
{प॰च॰११,७.५} कण्णेॅ धरेॅवि आरूढु महाइउ $ करेॅवि वियारण अङ्कुसु लाइउ
{प॰च॰११,७.६} तेण विमाण-जाण-आणन्दें $ मेल्लिउ कुसुम-वासु सुर-विन्दें
{प॰च॰११,७.७} णच्चिउ कुम्भयण्णु स-विहीसणु $ हत्थु पहत्थु वि मउ सुयसारणु
{प॰च॰११,७.८} मल्लवन्तु मारिच्चु महोयरु $ रयणासउ सुमालि वज्जोयरु
घत्ता॒
{प॰च॰११,७.९} हरिस-रसेण करम्वियउ $ वीर-रसु जेण मणेॅ भावियउ
तहिॅ रावण-णट्टावऍण $ सो णाहिॅ जो ण णच्चावियउ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ८॒
{प॰च॰११,८.१} तिजगविहूसणु णामु पगासिउ $ णिउ तहिॅ सिमिरु जेत्थु आवासिउ
{प॰च॰११,८.२} थिउ सहसा करि-कह-अणुराइउ $ तहिॅ अवसरेॅ भडु एक्कु पराइउ
{प॰च॰११,८.३} पहर-विहुरु रुहिरोल्लिय-गत्तउ $ णरवइ तेण णवेॅवि विण्णत्तउ
{प॰च॰११,८.४} "देव देव किक्किन्धहेॅ तणऍहिॅ $ सव्वल-फलिह-सूल-हल-कणऍहिॅ
{प॰च॰११,८.५} असिवर-झस-मुसण्ढि-णाराऍहिॅ $ चक्क-कोन्त-गय-मोग्गर-घाऍहिॅ
{प॰च॰११,८.६} जमु आरोडिउ भग्गा तेण वि $ धरेॅवि ण सक्किउ विहि एक्केण वि
{प॰च॰११,८.७} पच्चेल्लिउ णिल्लूरिय वाणेॅहिॅ $ कह वि कह वि णउ मेल्लिउ पाणेॅहिॅ"
{प॰च॰११,८.८} तं णिसुणेवि कुइउ रक्खद्धउ $ हय संगाम-भेरि सण्णद्धउ
घत्ता॒
{प॰च॰११,८.९} चन्दहासु करयलेॅ करेॅवि $ स-विमाणु स-वलु संचल्लियउ
महि लङ्घेप्पिणु मयरहरु $ आयासहेॅ णं उत्थल्लियउ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ९॒
{प॰च॰११,९.१} कोव-दवग्गि-पलित्तु पधाइउ $ णिविसें तं जम-णयरु पराइउ
{प॰च॰११,९.२} पेक्खइ सत्त णरय अइ-रउरव $ उट्ठिय-वारवार-हाहारव
{प॰च॰११,९.३} पेक्खइ णइ वइतरणि वहन्ती $ रस-वस-सोणिय-सलिलु वहन्ती
{प॰च॰११,९.४} पेक्खइ गय-पय-पेल्लिज्जन्तइँ $ सुहड-सिरइँ टसत्ति भिज्जन्तइँ
{प॰च॰११,९.५} पेक्खइ णर-मिहुणइँ कन्दन्तइँ $ सम्वलि-रुक्ख धराविज्जन्तइँ
{प॰च॰११,९.६} पेक्खइ अण्ण-जीव छिज्जन्तइँ $ छणछण-सद्दें पउलिज्जन्तइँ
{प॰च॰११,९.७} कुम्भीपाकेॅ के वि पच्चन्ता $ एव विविह-दुक्खइँ पावन्ता
{प॰च॰११,९.८} सयल वि मम्भीसेॅवि मेल्लाविय $ जमउरि-रक्खवाल घल्लाविय
घत्ता॒
{प॰च॰११,९.९} कहिउ कियन्तहेॅ किङ्करेॅहिॅ $ "वइतरणि भग्ग णासिय णरय
विद्धंसिउ असिपत्त-वणु $ छोडाविय णरवर-वन्दि-सय
कण्ड १, संधि ११, कडवक १०॒
{प॰च॰११,१०.१} अच्छइ एउ देव पारक्कउ $ मत्त-गइन्द-विन्दु णं थक्कउ"
{प॰च॰११,१०.२} तं णिसुणेवि कुविउ जमराणउ $ "केण जियन्तु चत्तु अप्पाणउ
{प॰च॰११,१०.३} कासु कियन्त-मित्तु सणि रुट्ठिउ $ कासु कालु आसण्णु परिट्ठिउ
{प॰च॰११,१०.४} जें णर-वन्दि-विन्दु छोडाविउ $ असिपत्त-वणु अण्णु मोडाविउ
{प॰च॰११,१०.५} सत्त वि णरय जेण विद्धंसिय $ जें वइतरणि वहंति विणासिय
{प॰च॰११,१०.६} तहेॅ दरिसावमि अज्जु जमत्तणु" $ एम भणेॅवि णीसरिउ स-साहणु
{प॰च॰११,१०.७} महिसासणु दण्डुग्गय-पहरणु $ कसण-देहु गुञ्जाहल-लोयणु
{प॰च॰११,१०.८} केत्तिउ भीसणत्तु वण्णिज्जइ $ मिच्चु वुत्तु पुणु कहेॅ उवमिज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰११,१०.९} जमु जम-सासणु जम-करणु $ जम-उरि जम-दण्डु समुत्थरइ
एक्कु जि तिहुअणेॅ पलय-करु $ पुणु पञ्च वि रणमुहेॅ को धरइ
कण्ड १, संधि ११, कडवक ११॒
{प॰च॰११,११.१} जं जम-करणु दिट्ठु भय-भीसणु $ धाइउ तं असहन्तु विहीसणु
{प॰च॰११,११.२} णवर दसाणणेण ओसारिउ $ अप्पुणु पुणु कियन्तु हक्कारिउ
{प॰च॰११,११.३} "अरेॅ माणव वलु वलु विण्णासहि $ मुहियऍ जं जमु णामु पयासहि
{प॰च॰११,११.४} इन्दहेॅ पाव तुज्झु णिक्करुणहेॅ $ ससिहेॅ पयङ्गहेॅ धणयहेॅ वरुणहेॅ
{प॰च॰११,११.५} सव्वहँ कुल-कियन्तु हũ आइउ $ थाहि थाहि कहिॅ जाहि अघाइउ
{प॰च॰११,११.६} तं णिसुणेविणु वइरि-खयंकरु $ जमेॅण मुक्कु रणेॅ दण्डु भयंकरु
{प॰च॰११,११.७} धाइउ धग्धगन्तु आयासें $ एन्तु खुरप्पें छिण्णु दसासें
. सय-सय-कण्डु करेप्पिणु पाडिउ $ णाइँ कियन्त-मडप्फरु साडिउ
घत्ता॒
{प॰च॰११,११.९} धणुहरु लेवि तुरन्तऍण $ सर-जालु विसज्जिउ भासुरउ
तं पि णिवारिउ रावणेॅण $ जामाएं जिम खलु सासुरउ
कण्ड १, संधि ११, कडवक १२॒
{प॰च॰११,१२.१} पुणु वि पुणु वि विणिवारिय-धणयहेॅ $ विद्धन्तहेॅ रयणासव-तणयहेॅ
{प॰च॰११,१२.२} दिट्ठि-मुट्ठि-संधाणु ण णावइ $ णवर सिलीमुह-धोरणि धावइ
{प॰च॰११,१२.३} जाणेॅ जाणेॅ हऍ हऍ गय-गयवरेॅ $ छत्तेॅ छत्तेॅ धऍ धऍ रहेॅ रहवरेॅ
{प॰च॰११,१२.४} भडेॅ भडेॅ मउडेॅ मउडेॅ करेॅ करयलेॅ $ चलणेॅ चलणेॅ सिरेॅ सिरेॅ उरेॅ उरयलेॅ
{प॰च॰११,१२.५} भरिय वाण कडुआविय-साहणु $ णट्ठु जमो वि विहुरु णिप्पहरणु
{प॰च॰११,१२.६} सरहहेॅ हरिणु जेम उद्धाइउ $ णिविसें दाहिण-सेड्ढि पराइउ
{प॰च॰११,१२.७} तहिॅ रहणेउर-पुरवर-सारहेॅ $ इन्दहेॅ कहिउ अण्णु सहसारहेॅ
{प॰च॰११,१२.८} "सुरवइ लइ अप्पणउ पहुत्तणु $ अण्णहेॅ कहेॅ वि समप्पि जमत्तणु
घत्ता॒
{प॰च॰११,१२.९} मालि-सुमालिहिॅ पोत्तऍहिॅ $ दरिसाविउ कह वि ण महु मरणु
लज्जऍ तुज्झु सुराहिवइ $ धणएण वि लइयउ तव-चरणु"
कण्ड १, संधि ११, कडवक १३॒
{प॰च॰११,१३.१} तं णिसुणेॅवि जम-वयणु असुन्दरु $ किर णिग्गइ सण्णहेॅवि पुरन्दरु
{प॰च॰११,१३.२} अग्गऍ ताम मन्ति थिउ भेसइ $ "जो पहु सो सयलाइँ गवेसइ
{प॰च॰११,१३.३} तुह्ũ पुणु धावइ णाइँ अयाणउ $ सो जेॅ कमागउ लङ्कहेॅ राणउ
{प॰च॰११,१३.४} तुम्हेॅहिॅ मालिहेॅ कालें भुत्ती $ मण्डु मण्डु जिह पर-कुलउत्ती
{प॰च॰११,१३.५} ताहँ जेॅ पढमु जुत्तु पहरेवउ $ णउ उक्खन्धें पइँ जाएवउ
{प॰च॰११,१३.६} देहि ताम ओहामिय-छायहेॅ $ सुरसंगीय-णयरु जमरायहेॅ
{प॰च॰११,१३.७} भुत्तु आसि तं मय-मारिच्चेॅहिॅ" $ एम भणेवि णियत्तिउ भिच्चेॅहिॅ
{प॰च॰११,१३.८} दहमुहो वि जमउरि उच्छुरयहेॅ $ किक्किन्धउरि देवि सूररयहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰११,१३.९} गउ लङ्कहेॅ सवडंमुहउ $ णहेॅ लग्गु विमाणु मणोहरउ
तोयदवाहण-वंस-दलु $ णं कालें वद्धिउ दीहरउ
कण्ड १, संधि ११, कडवक १४॒
{प॰च॰११,१४.१} भीसण-मयरहरोवरि जन्तें $ उद्धसिहामणि-छाया-भन्तें
{प॰च॰११,१४.२} परिपुच्छिउ सुमालि दिण्णुत्तरु $ "किं णहयलु" "णं णं रयणायरु"
{प॰च॰११,१४.३} "किं तमु किं तमालतरु-पन्तिउ" $ "णं णं इन्दणील-मणि-कन्तिउ"
{प॰च॰११,१४.४} "किं एयाउ कीर-रिञ्छोलिउ" $ "णं णं मरगय-पावालोलिउ"
{प॰च॰११,१४.५} "किं महियलेॅ पडियइँ रवि-किरणइँ" $ "णं णं सूरकन्ति-मणि-रयणइँ"
{प॰च॰११,१४.६} "किं गय-घडउ गिल्ल-गिल्लोलउ" $ "णं णं जलणिहि-जल-कल्लोलउ"
{प॰च॰११,१४.७} "स-व्ववसाय जाय किं महिहर" $ "णं णं परिभमन्ति जलेॅ जलयर"
{प॰च॰११,१४.८} एम चवन्त पत्त लङ्काउरि $ जा तिकूड-महिहर-सिहरोवरि
{प॰च॰११,१४.९} जणु णीसरिउ सव्वु परिओसें $ दियवर-पणइ-तूर-णिग्घोसें
{प॰च॰११,१४.१०} णन्द-वद्ध-जय-सद्द-पउत्तिहिॅ $ सेसा-अग्घपत्त-जल-जुत्तिहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰११,१४.११} लङ्काहिवइ पइट्ठु पुरेॅ $ परिवद्धु पट्टु अहिसेउ किउ
जिह सुरवइ सुरवर-पुरिहिॅ $ तिह रज्जु स इं भु ञ्जन्तु थिउ
[१२. वारहमो संधि] ----------
पभणइ दहवयणु $ दीहर-णयणु $ णिय-अत्थाणेॅ णिविट्ठउ
"कहहेॅ कहहेॅ णरहेॅ $ विज्जाहरहेॅ $ अज्ज वि कवणु अणिट्ठउ"
कण्ड १, संधि १२, कडवक १॒
{प॰च॰१२,१.१} तं णिसुणेॅवि जम्पइ को वि णरु $ सिर-सिहर-चडाविय-उभय-करु
{प॰च॰१२,१.२} "परमेसर दुज्जउ दुट्ठु खलु $ चन्दोवरु णामें अतुल-वलु
{प॰च॰१२,१.३} सो इन्दहेॅ तणिय केर करेॅवि $ पायाल-लङ्क थिउ पइसरेॅवि"
{प॰च॰१२,१.४} अवरेक्कें दोच्छिउ णरवरेॅण $ "किं सक्कें किं चन्दोयरेॅण
{प॰च॰१२,१.५} सुव्वन्ति कुमार अण्ण पवल $ उच्छुरयहेॅ णन्दण णील-णल"
{प॰च॰१२,१.६} अण्णेक्कें वुच्चइ "हũ कहमि $ दो-पासिउ जइ ण घाय लहमि
{प॰च॰१२,१.७} किक्किंधपुरिहिॅ करि-पवर-भुउ $ णामेण वालि सूररय-सुउ
{प॰च॰१२,१.८} जा पारिहच्छि मइँ दिट्ठ तहेॅ $ सा तिहुयणेॅ णउ अण्णहेॅ णरहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१२,१.९} रहु वाहेॅवि अरुणु $ हय हणेॅवि पुणु $ जा जोयणु विण पावइ
ता मेरुहेॅ भमेॅवि $ जिणवरु णवेॅवि $ तहिॅ जेॅ पडीवउ आवइ
कण्ड १, संधि १२, कडवक २॒
{प॰च॰१२,२.१} तहेॅ जं वलु तं ण पुरन्दरहेॅ $ ण कुवेरहेॅ वरुणहेॅ ससहरहेॅ
{प॰च॰१२,२.२} मेरु वि टालइ वद्धामरिसु $ तहेॅ अण्णु णराहिउ तिण-सरिसु
{प॰च॰१२,२.३} कइलास-महीहरु कहि मि गउ $ तहिॅ सम्मउ णामें लइउ वउ
{प॰च॰१२,२.४} णिग्गन्थु मुएवि विसुद्ध-मइ $ अण्णहेॅ इन्दहेॅ वि णाहिॅ णमइ
{प॰च॰१२,२.५} तं तेहउ पेक्खेॅवि गीढ-भउ $ पव्वज्ज लेवि गउ सूररउ
{प॰च॰१२,२.६} "महु होसइ केण वि कारणेॅण $ समरङ्गणु समउ दसाणणेॅण
{प॰च॰१२,२.७} अवरेक्कें वुत्तु "ण इमु घडइ $ कइवंसिउ किं अम्हह्ũ भिडइ
{प॰च॰१२,२.८} सिरिकण्ठहेॅ लग्गेॅवि मित्तइय $ अण्णु वि उवयार-सऍहिॅ लइय
घत्ता॒
{प॰च॰१२,२.९} अहवइ वाणर वि $ सुरवर-णर वि $ रत्तुप्पल-दल-णयणहेॅ
ता सयल वि सुहड $ जा समर-झड $ णउ णिएन्ति दहवयणहेॅ
कण्ड १, संधि १२, कडवक ३॒
{प॰च॰१२,३.१} तं वालि-सल्लु हियवऍ धरेॅवि $ तो रावणु अण्ण वोल्ल करेॅवि
{प॰च॰१२,३.२} गउ एक्क-दिवसेॅ सुर-सुन्दरिहेॅ $ जा अवहरणेण तणूयरिहेॅ
{प॰च॰१२,३.३} ता हरेॅवि णीय कुल-भूषणेॅहिॅ $ चन्दणहि ह(व?)रिय खर-दूसणेॅहिॅ
{प॰च॰१२,३.४} णासन्त णिएवि सहोयरेॅण $ णयरेणालङ्कारोदऍण
{प॰च॰१२,३.५} णं उवरेॅ छुहेॅवि रक्खिय-सरणु $ किय (?) तेहि मि चन्दोवर-मरणु
{प॰च॰१२,३.६} विणिवाइउ अत्थाणेॅ ज्जेॅ थिउ $ जो ढुक्किउ सो तम्वारु णिउ
{प॰च॰१२,३.७} कुढेॅ लग्गउ जं रयणियर-वलु $ रह-तुरय-णाय-णरवर-पवलु
{प॰च॰१२,३.८} अलहन्तु वारु तं णिप्पसरु $ गउ वलेॅवि पडीवउ णिय-णयरु
घत्ता॒
{प॰च॰१२,३.९} छुडु छुडु दहवयणु $ परितुट्ठ-मणु $ किर स-कलत्तउ आवइ
उम्मण-दुम्मणउ $ असुहावणउ $ णिय-घरु ताम विहावइ
कण्ड १, संधि १२, कडवक ४॒
{प॰च॰१२,४.१} तुरमाणें केण वि वज्जरिउ $ खर-दूसण-कण्णा-दुच्चरिउ
{प॰च॰१२,४.२} अत्थक्कऍ आयम्विर-णयणु $ कुढेॅ लग्गइ स-रहसु दहवयणु
{प॰च॰१२,४.३} करेॅ धरिउ ताम मन्दोवरिऍ $ णं गङ्गा-वाहु जउण-सरिऍ
{प॰च॰१२,४.४} "परमेसर कहेॅ वि ण अप्पणिय $ जिह कण्ण तेम पर-भायणिय
{प॰च॰१२,४.५} एक्क इ करवाल-भयङ्करह्ũ $ चउदह सहास विज्जाहरह्ũ
{प॰च॰१२,४.६} जइ आण-वडीवा होन्ति पुणु $ तो घरेॅ अच्छन्तिऍ कवणु गुणु
{प॰च॰१२,४.७} पट्ठवहि महन्ता मुऍवि रणु $ कण्णहेॅ करन्तु पाणिग्गहणु"
{प॰च॰१२,४.८} तं वयणु सुणेॅवि मारिच्च-मय $ पेसिय दहवत्तें तुरिअ गय
घत्ता॒
{प॰च॰१२,४.९} तेहिॅ विवाहु किउ $ खरु रज्जेॅ थिउ $ अणुराहहेॅ विज्ज-सहिउ
वणेॅ णिवसन्तियहेॅ $ वय-वन्तियहेॅ $ सुउ उप्पण्णु विराहिउ
कण्ड १, संधि १२, कडवक ५॒
{प॰च॰१२,५.१} एत्थन्तरेॅ जम-जूरावणेॅण $ तं सल्लु धरेप्पिणु रावणेॅण
{प॰च॰१२,५.२} पट्ठविउ महामइ दूउ तहिॅ $ सुग्गीव-सहोयरु वालि जहिॅ
{प॰च॰१२,५.३} वोल्लाविउ थाऍवि अहिमुहेॅण $ "हũ एम विसज्जिउ दहमुहेॅण
{प॰च॰१२,५.४} एक्कूणवीस-रज्जन्तरइँ $ मित्तइयऍ गयइँ णिरन्तरइँ
{प॰च॰१२,५.५} केॅ वि कित्तिधवलु णामेण चिरु $ सिरिकण्ठ-कज्जेॅ थिउ देवि सिरु
{प॰च॰१२,५.६} णवमउ परिणाविउ अमरपहु $ जें धऍहिॅ लिहाविउ कइ-णिवहु
{प॰च॰१२,५.७} दहमउ कइ-केयणु सिरि-सहिउ $ एयारहमउ पडिवलु कहिउ
{प॰च॰१२,५.८} वारहमउ णयणाणन्दयरु $ तेरहमउ खयराणन्दु वरु
{प॰च॰१२,५.९} चउदहमउ गिरि-किंवेरवलु (?) $ पण्णारहमउ णन्दणु अजउ
{प॰च॰१२,५.१०} सोलहमउ पुणु केॅ वि उवहिरउ $ तडिकेस-विगमेॅ किउ तेण तउ
{प॰च॰१२,५.११} सत्तारहमउ किक्किन्धु पुणु $ तहेॅ कवणु सुकेसें ण किउ गुणु
{प॰च॰१२,५.१२} अट्ठारहमउ पुणु सूररउ $ जमु भञ्जेॅवि तहेॅ पइसारु कउ
{प॰च॰१२,५.१३} तुह्ũ एवहिॅ एक्कुणवीसमउ $ अणुहुञ्जेॅ रज्जु मणेॅ मुऍवि मउ
अत्ता
{प॰च॰१२,५.१४} आउ णिहालेॅ मुहु $ तं णमहि तुह्ũ $ गम्पि दसाणण-राणउ
जेण देइ पवलु $ चउरङ्ग-वलु $ इन्दहेॅ उवरि पयाणउ"
कण्ड १, संधि १२, कडवक ६॒
{प॰च॰१२,६.१} जं किउ जयकारु णाम-गहणु $ तं णवर वलेॅवि थिउ अण्ण-मणु
{प॰च॰१२,६.२} ण करेइ कण्णेॅ वयणाइँ पहु $ जिह पर-पुरिसहेॅ सु-कुलीण-वहु
{प॰च॰१२,६.३} एत्थन्तरेॅ दहमुह-दूअऍण $ अच्चन्त-विलक्खीहूअऍण
{प॰च॰१२,६.४} णिब्भच्छिउ मेल्लेॅवि सयण-किय $ "जो को वि णमेसइ तासु सिय
{प॰च॰१२,६.५} णीसरु तुह्ũ आयहेॅ पट्टणहेॅ $ णं तो भिडु परऍ दसाणणहेॅ"
{प॰च॰१२,६.६} तं णिसुणेॅवि कोव-करम्विऍण $ पडिदोच्छिउ सीहविलम्विऍण
{प॰च॰१२,६.७} "अरेॅ वालि देउ किं पइँ ण सुउ $ महु-महिहरु जेण भुअहिॅ विहुउ
{प॰च॰१२,६.८} जो णिविसद्धेण पिहिमि कमइ $ चत्तारि वि सायर परिभमइ
घत्ता॒
{प॰च॰१२,६.९} जासु महाजसेॅण $ रणेॅ अणवसेॅण $ धवलीहूअउ तिहुवणु
तासु वियट्टाहेॅ $ अब्भिट्टाहेॅ $ कवणु गहणु किर रावणु"
कण्ड १, संधि १२, कडवक ७॒
{प॰च॰१२,७.१} सो दूउ कडुय-वयणासि-हउ $ सामरिसु दसासहेॅ पासु गउ
{प॰च॰१२,७.२} "किं वहुएं एत्तिउ कहिउ मइँ $ तिण-समउ वि ण गणइ वालि पइँ"
{प॰च॰१२,७.३} तं वयणु सुणेप्पिणु दससिरेॅण $ वुच्चइ रयणायर-रव-गिरेॅण
{प॰च॰१२,७.४} "जइ रण-मुहेॅ माणु ण मलमि तहेॅ $ तो छित्त पाय रयणासवहेॅ"
{प॰च॰१२,७.५} आरुहेॅवि पइज्ज पयट्टु पहु $ णं कहेॅ वि विरुद्धउ कूर-गहु
{प॰च॰१२,७.६} थिउ पुप्फविमाणेॅ मणोहरऍ $ णं सिद्धु सिवालऍ सुन्दरऍ
{प॰च॰१२,७.७} करेॅ णिम्मलु चन्दहासु धरिउ $ णं घण-णिसण्णु तडि-विप्फुरिउ
{प॰च॰१२,७.८} णीसरिएं पुर-परमेसरेॅण $ णीसरिय वीर णिमिसन्तरेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰१२,७.९} "अम्हह्ũ पय-भरेॅण $ णिरु णिट्ठुरेॅण $ म मरउ धरणि वराइय"
एत्तिय-कारणेॅण $ गयणङ्गणेॅण $ णावइ सुहड पराइय
कण्ड १, संधि १२, कडवक ८॒
{प॰च॰१२,८.१} एत्तहेॅ वि समर-दुज्जोहणिहिॅ $ चउदहहिॅ णरिन्द-अखोहणिहिॅ
{प॰च॰१२,८.२} सण्णहेॅवि वालि णीसरिउ किह $ मज्जाय-विवज्जिउ जलहि जिह
{प॰च॰१२,८.३} पणवेप्पिणु विण्णि वि अतुल-वल $ थिय अग्गिम-खन्धेॅहिॅ णील-णल
{प॰च॰१२,८.४} विरइउ आरायणु रणेॅ अचलु $ पहिलउ जेॅ णिविडु पायाल-वलु
{प॰च॰१२,८.५} पुणु पच्छऍ हिलिहिलन्त स-भय $ खर-खुरेॅहिॅ खणन्त खोणि तुरय
{प॰च॰१२,८.६} पुणु सइल-सिहर-सण्णिह सयड $ पुणु मय-विहलङ्घल हत्थि-हड
{प॰च॰१२,८.७} पुणु णरवइ वर-करवाल-धर $ आसण्ण ढुक्क तो रयणियर
{प॰च॰१२,८.८} किर समरेॅ भिडन्ति भिडन्ति णइ $ थिय अन्तरेॅ मन्ति सु-विउल-मइ
घत्ता॒
{प॰च॰१२,८.९} "वालि-दसाणणहेॅ $ जुज्झण-मणहेॅ $ एउ काइँ ण गवेसहेॅ
किऍ खऍ वन्धवह्ũ $ पुणु केण सह्ũ $ पच्छऍ रज्जु करेसहेॅ
कण्ड १, संधि १२, कडवक ९॒
{प॰च॰१२,९.१} जो कित्तिधवल-सिरिकण्ठ-किउ $ किक्किन्ध-सुकेसहिॅ विद्धि णिउ
{प॰च॰१२,९.२} तं खयहेॅ णेहु मा णेह-तरु $ जइ धरेॅवि ण सक्कहेॅ रोस-भरु
{प॰च॰१२,९.३} तो वे वि परोप्परु उत्थरहेॅ $ जो को वि जिणइ जयकारु तहेॅ"
{प॰च॰१२,९.४} तं णिसुणेॅवि वालि-देउ चवइ $ "सुन्दरु भणन्ति लङ्काहिवइ
{प॰च॰१२,९.५} खउ तुज्झु व मज्झु व णिव्वडउ $ जिम धुव जिम मन्दोवरि रडउ
{प॰च॰१२,९.६} किं वहवेॅहिॅ जीवेॅहिॅ घाइऍहिॅ $ वन्धव-सयणेॅहिॅ विणिवाइऍहिॅ
{प॰च॰१२,९.७} लइ पहरु पहरु जइ अत्थि छलु $ पेक्खह्ũ तुह विज्जह्ũ तणउ वलु"
{प॰च॰१२,९.८} तं णिसुणेॅवि समर-सएहिॅ थिरु $ वावरेॅवि लग्गु वीसद्ध-सिरु
{प॰च॰१२,९.९} आमेल्लिय विज्ज महोयरिय (?) $ फणि-फण-फुक्कार दिन्ति गइय
घत्ता॒
{प॰च॰१२,९.१०} वालिं भीसणिय $ अहि-णासणिय $ गारुड-विज्ज विसज्जिय
उत्त-पडुत्तियऍ $ कुल-उत्तियऍ $ णं पुण्णालि परज्जिय
कण्ड १, संधि १२, कडवक १०॒
{प॰च॰१२,१०.१} दहवयणें गरुड-परायणिय $ पम्मुक्क विज्ज णारायणिय
{प॰च॰१२,१०.२} गय-सङ्ख-चक्क-सारङ्ग-धरि $ चउ-भुअ गरुडासण-गमण-करि
{प॰च॰१२,१०.३} सूररय-सुएण वि संभरिय $ णामेण विज्ज माहेसरिय
{प॰च॰१२,१०.४} कङ्काल-कराल तिसूल-करि $ ससि-गउरि-गङ्ग-खट्टङ्ग-धरि
{प॰च॰१२,१०.५} किर अवर विसज्जइ दहवयणु $ सय-वारउ परिअञ्चेवि रणु
{प॰च॰१२,१०.६} स-विमाणु स-खग्गु महावलेॅण $ उच्चाइउ दाहिण-करयलेॅण
{प॰च॰१२,१०.७} णं कुञ्जर-करेॅण कवलु पवरु $ णं वाहुवलीसें चक्कहरु
{प॰च॰१२,१०.८} णहेॅ दुन्दुहि ताडिय सुरयणेॅण $ किउ कलयलु कइधय-साहणेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰१२,१०.९} माणु मलेवि तहेॅ $ लङ्काहिवहेॅ $ वद्धु पट्टु सुग्गीवहेॅ
"करि जयकारु तुह्ũ $ अणुभुञ्जेॅ सुहु $ भिच्चु होहि दहगीवहेॅ
कण्ड १, संधि १२, कडवक ११॒
{प॰च॰१२,११.१} महु तणउ सीसु पुणु दुण्णमउ $ जिह मोक्ख-सिहरु सव्वुत्तमउ
{प॰च॰१२,११.२} पणवेप्पिणु तिल्लोक्काहिवइ $ सामण्णहेॅ अण्णहेॅ णउ णवइ
{प॰च॰१२,११.३} महु तणिय पिहिवि तुह्ũ भुञ्जि पहु $ रिज्झउ कइ-जाउहाण-णिवहु
{प॰च॰१२,११.४} अण्णु मि जो पइँ उवयारु किउ $ तायहेॅ कारणेॅ जमराउ जिउ
{प॰च॰१२,११.५} तहेॅ मइँ किय पडिउवयार-किय $ आवग्गी भुञ्जहि राय-सिय"
{प॰च॰१२,११.६} गउ एम भणेप्पिणु तुरिउ तहिॅ $ गुरु गयणचन्दु णामेण जहिॅ
{प॰च॰१२,११.७} तवचरणु लइउ तग्गय-मणेॅण $ उप्पण्णउ रिद्धिउ तक्खणेॅण
{प॰च॰१२,११.८} अणुदिणु जिणन्तु इन्दिय-वइरि $ गउ तित्थु जेत्थु कइलास-गिरि
घत्ता॒
{प॰च॰१२,११.९} उप्परि चडिउ तहेॅ $ अट्ठावयहेॅ $ पञ्च-महावय-धारउ
अत्तावण-सिलहँ $ सासय-इलहँ $ णं थिउ वालि भडारउ
कण्ड १, संधि १२, कडवक १२॒
{प॰च॰१२,१२.१} एत्तहेॅ वि सिरिप्पह भइणि तहेॅ $ सुग्गीवें दिण्ण दसाणणहेॅ
{प॰च॰१२,१२.२} वोलाविउ गउ लङ्का-णयरेॅ $ णल-णील विसज्जिय किक्क-पुरेॅ
{प॰च॰१२,१२.३} सुउ धुव-महएविहेॅ संथविउ $ ससिकिरणु णियद्ध-रज्जेॅ थविउ
{प॰च॰१२,१२.४} तहिॅ अवसरेॅ उत्तर-सेढि-विहु $ विज्जाहरु णामें जलणसिहु
{प॰च॰१२,१२.५} तहेॅ धीय सुतार-णाम णरेॅण $ मग्गिज्जइ दससयगइ-वरेॅण
{प॰च॰१२,१२.६} गुरु-वयणें तासु ण पट्ठविय $ सुग्गीवहेॅ णवर परिट्ठविय
{प॰च॰१२,१२.७} परिणेवि कण्ण णिय णियय-पुरु $ दससयगइहेॅ वि विरहग्गि गुरु
{प॰च॰१२,१२.८} पजलइ उप्पायइ कलमलउ $ उण्हउ ण सुहाइ ण सीयलउ
{प॰च॰१२,१२.९} उब्भन्तउ कहि मि पइट्ठु वणु $ साहन्तु विज्ज थिउ एक्क-मणु
घत्ता॒
{प॰च॰१२,१२.१०} ताइ मि धण-पउरेॅ $ किक्किन्ध-पुरेॅ $ अङ्गङ्गय वड्ढन्तइँ
थियइँ रयण[इँ] णइँ $ वेण्णि वि जणइँ $ रज्जु स इं भु ञ्जन्तइँ
[१३. तेरहमो संधि] ----------
पेक्खेप्पिणु वालि-भडारउ $ रावणु रोसाऊरियउ
पभणइ "किं मइँ जीवन्तेॅण $ जाम ण रिउ मुसुमूरियउ"
कण्ड १, संधि १३, कडवक १॒
दुवई
{प॰च॰१३,१.१} विज्जाहर-कुमारि रयणावलि $ णिच्चालोय-पुरवरे
परिणेॅवि वलइ जाम ता थम्भिउ $ पुप्फविमाणु अम्वरे
{प॰च॰१३,१.२} महरिसि-तव-तेएं थिउ विमाणु $ णं दुक्किय-कम्म-वसेण दाणु
{प॰च॰१३,१.३} णं सुक्कें खीलिउ मेह-जालु $ णं पाउसेण कोइल-वमालु
{प॰च॰१३,१.४} णं दूसामिऍण कुडुम्व-वित्तु $ णं मच्छें धरिउ महायवत्तु (?)
{प॰च॰१३,१.५} णं कञ्चण-सेलें पवण-गमणु $ णं दाण-पहावें णीय-भवणु
{प॰च॰१३,१.६} णीसद्दउ हूयउ किङ्किणीउ $ णं सुरऍ समत्तऍ कामिणीउ
{प॰च॰१३,१.७} घग्घरेॅहि मि घवघव-घोसु चत्तु $ णं गिम्भयालु दद्दुरह्ũ पत्तु
{प॰च॰१३,१.८} णरवरह्ũ परोप्परु हूउ चप्पु $ "अहेॅ धरणि ऍजेविणु धरणि-कम्पु"
{प॰च॰१३,१.९} पडिपेल्लियउ वि ण वहइ विमाणु $ णं महरिसि-भइयऍ मुअइ पाणु
अत्ता
{प॰च॰१३,१.१०} विहडइ थरहरइ ण ढुक्कइ $ उप्परि वालि-भडाराहेॅ
छुडु छुडु परिणियउ कलत्तु व $ रइ-दइयहेॅ वड्डाराहेॅ
कण्ड १, संधि १३, कडवक २॒
दुवई
{प॰च॰१३,२.१} तो एत्थन्तरेॅण कयं पहुणा $ सव्व-दिसावलोयणं
सव्व-दिसावलोयणेण वि $ रत्तुप्पलम् इव णहङ्गणं
{प॰च॰१३,२.२} "मरु कहेॅ अथक्क[ऍ] कालु कुद्धु $ करु केण भुयङ्गम-वयणेॅ छुद्धु
{प॰च॰१३,२.३} कें सिरेॅण पडिच्छिउ कुलिस-घाउ $ को णिग्गउ पञ्चाणण-मुहाउ
{प॰च॰१३,२.४} केॅ पइट्ठु जलन्तऍ जलण-जालेॅ $ को ठिउ कियन्त-दन्तन्तरालेॅ
{प॰च॰१३,२.५} मारिच्चें वुच्चइ "देव देव $ स-भुअङ्गमु चन्दण-रुक्खु जेम
{प॰च॰१३,२.६} लम्विय-थिर-थोर-पलम्व-वाहु $ अच्छइ कइलासहेॅ उवरि साहु
{प॰च॰१३,२.७} मेरु व अकम्पु उवहि व अखोहु $ महियलु व वहु-क्खमु चत्त-मोहु
{प॰च॰१३,२.८} मज्झण्ह-पयङ्गु व उग्ग-तेउ $ तहेॅ तव-सत्तिऍ पडिखलिउ वेउ
{प॰च॰१३,२.९} ओसारि विमाणु दवत्ति देव $ फुट्टइ ण जाम खलु हियउ जेम"
घत्ता॒
{प॰च॰१३,२.१०} तं माम-वयणु णिसुणेप्पिणु $ दहमुहु हेट्ठामुहु वलिउ
गयणङ्गण-लच्छिहेॅ केरउ $ जोव्वण-भारु णाइँ गलिउ
कण्ड १, संधि १३, कडवक ३॒
दुवई
{प॰च॰१३,३.१} तो गज्जन्त-मत्त-मायङ्ग-तुङ्ग-सिर-घट्ठ-कन्धरो $ उक्खय-मणि-सिलायलुच्छालिय-हल्लाविय-वसुन्धरो
{प॰च॰१३,३.२} वहु-सूरकन्त-हुयवह-पलित्तु $ ससिकन्त-णीर-णिज्झर-किलित्तु
{प॰च॰१३,३.३} मरगय-मऊर-संदेह-वन्तु $ णील-मणि-पहन्धारिय-दियन्तु
{प॰च॰१३,३.४} वर-पउमराय-कर-णियर-तम्वु $ गय-मय-णइ-पक्खालिय-णियम्वु
{प॰च॰१३,३.५} तरु-पडिय-पुप्फ-पङ्गुत्त-सिहरु $ मयरन्द-सुरा-रस-मत्त-भमरु
{प॰च॰१३,३.६} अहि-गिलिय-गइन्द-पमुत्त-सासु $ सासुग्गय-मोत्तिय-धवलियासु
{प॰च॰१३,३.७} सो तेहउ गिरि-कइलासु दिट्ठु $ अण्णु वि मुणिवरु मुणिवर-वरिट्ठु
{प॰च॰१३,३.८} पच्चारिउ "लइ मुणिओ ऽसि मित्त $ स-कसाय कोव-हुववह-पलित्त
{प॰च॰१३,३.९} अज्जु वि रणु इच्छहि मइँ समाणु $ जइ रिसि तो किं थम्भिउ विमाणु
घत्ता॒
{प॰च॰१३,३.१०} जं पइँ परिहव-रिणु दिण्णउ $ तं स-कलन्तरु अल्लवमि
पाहाणु जेम उम्मूलेॅवि $ कइलासु जेॅ सायरेॅ घिवमि"
कण्ड १, संधि १३, कडवक ४॒
दुवई
{प॰च॰१३,४.१} एम भणेवि झत्ति पडिउ इव वालिहेॅ तणेण सावेॅणं $ तलु भिन्देॅवि पइट्ठु महिदारणियहेॅ विज्जहेॅ पहावेॅणं
{प॰च॰१३,४.२} चिन्तेप्पिणु विज्ज-सहासु तेण $ उम्मूलिउ महिहरु दहमुहेण
{प॰च॰१३,४.३} सु-पसिद्धउ सिद्धउ लद्ध-संसु $ णावइ दुप्पुत्तें णियय-वंसु
{प॰च॰१३,४.४} अहवइ णवन्तु दुक्किय-भरेण $ तइलोक्कु वखित्तु (?) व जिणवरेण
{प॰च॰१३,४.५} अहवइ भुवइन्द-ललन्त-णालु $ णीसारिउ महि-उवरहेॅ व वालु
{प॰च॰१३,४.६} अहवइ णं वसुह महीहराहँ $ छोडाविय वालालुञ्चिराहँ
{प॰च॰१३,४.७} अहवइ चलवलइ भुअङ्ग-थट्टु $ णं धरणि-अन्त-पोट्टलु विसट्टु
{प॰च॰१३,४.८} खोलुक्खउ खोणि-खयालु भाइ $ पायालहेॅ फाडिउ उअरु णाइँ
{प॰च॰१३,४.९} गिरिवरेॅण चलन्तें चउ-समुद्द $ अहिमुह उत्थल्लाविय रउद्द
घत्ता॒
{प॰च॰१३,४.१०} जं गयउ आसि णासेप्पिणु $ सायर-जारें माणियउ
तं मण्ड हरेवि पडीवउ $ जलु कु-कलत्तु व आणियउ
कण्ड १, संधि १३, कडवक ५॒
दुवई
{प॰च॰१३,५.१} सुरवर-पवरकरि-कराकार-करग्गुग्गामिए धरे $ भग्ग-भुयङ्ग-उग्ग-णिग्गय-विसग्गि-लग्गन्त-कन्दरे
{प॰च॰१३,५.२} कत्थइ विहडियइँ सिलायलाइँ $ सइलग्गइँ कियइँ व खलहलाइँ
{प॰च॰१३,५.३} कत्थइ गय णिग्गय उद्ध-सुण्ड $ णं धरऍ पसारिय वाहु-दण्ड
{प॰च॰१३,५.४} कत्थइ सुअ-पन्तिउ उट्ठियाउ $ णं तुट्टउ मरगय-कण्ठियाउ
{प॰च॰१३,५.५} कत्थइ भमरोलिउ धावडाउ $ उड्डन्ति व कइलासहेॅ जडाउ
{प॰च॰१३,५.६} कत्थइ वणयर णिग्गय गुहेहिॅ $ णं वमइ महागिरि वहु-मुहेहिॅ
{प॰च॰१३,५.७} उच्छलिउ कहि मि जलु धवल-धारु $ णं तुट्टेॅवि गउ गिरिवरहेॅ हारु
{प॰च॰१३,५.८} कत्थइ उट्ठियइँ वलाय-सयइँ $ णं तुट्टेॅवि गिरि-अट्ठियइँ गयइँ
{प॰च॰१३,५.९} कत्थइ उच्छलियइँ विदुम्माइँ $ णं रुहिर-फुलिङ्गइँ अहिणवाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१३,५.१०} अण्णु वि जो अण्णहेॅ हत्थेॅण $ णिय-थाणहेॅ मेल्लावियउ
णिच्चलु ववसाय-विहूणउ $ कवणु ण आवइ पावियउ
कण्ड १, संधि १३, कडवक ६॒
दुवई
{प॰च॰१३,६.१} ताम फडा-कडप्प-विप्फुरिय-परिप्फुड-मणि-णिहायहो $ आसण-कम्पु जाउ पायालयले धरणिन्द-रायहो
{प॰च॰१३,६.२} अहि अवहि पउञ्जेॅवि आउ तेत्थु $ रावणु केलासुद्धरणु जेत्थु
{प॰च॰१३,६.३} जहिॅ मणि-सिलायलुप्पीलु फुट्टु $ गिरि-डिम्भहेॅ णं कडिसरउ तुट्टु
{प॰च॰१३,६.४} जहिॅ वणयर-थट्ट-मरट्टु भग्गु $ जहिॅ वालि महारिसि सोवसग्गु
{प॰च॰१३,६.५} जल्ल-मल-पसाहिय-सयल-गत्तु $ विज्जा-जोगेसरु रिद्धि-पत्तु
{प॰च॰१३,६.६} तिण-कणयकोडि-सामण्ण-भाउ $ सुहि-सत्तु-एक्क-कारण-सहाउ
{प॰च॰१३,६.७} सो जइवरु कुञ्चिय-कर-कमेण $ परिअञ्चिउ णमिउ भुअङ्गमेण
{प॰च॰१३,६.८} महियल-गय-सीसावलि विहाइ $ किय अहिणव-कमलच्चणिय णाइँ
{प॰च॰१३,६.९} रेहइ फणालि मणि-विप्फुरन्ति $ णं वोहिय पुरउ पईव-पन्ति
घत्ता॒
{प॰च॰१३,६.१०} पणवन्तें दससयलेॅयणेॅण $ हेट्ठामुहु कइलासु णिउ
सोणिउ दह-मुहेॅहिॅ वहन्तउ $ दहमुहु कुम्मागारु किउ
कण्ड १, संधि १३, कडवक ७॒
दुवई
{प॰च॰१३,७.१} जं अहिपवर-राय-गुरुभारक्कन्त-धरेण पेल्लिओ $ दस-दिसिवह-भरन्तु दहवयणें घोराराउ मेल्लिओ
{प॰च॰१३,७.२} तं सद्दु सुणेवि मणोहरेण $ सुरवर-करि-कुम्भ-पयोधरेण
{प॰च॰१३,७.३} केऊर-हार-णेउर-धरेण $ खणखणखणन्त-कङ्कण-करेण
{प॰च॰१३,७.४} कञ्ची-कलाव-रङ्खोलिरेण $ मुह-कमलासत्तिन्दिन्दिरेण
{प॰च॰१३,७.५} विब्भम-विलास-भूभङ्गुरेण $ हाहारउ किउ अन्तेउरेण
{प॰च॰१३,७.६} "हा हा दहमुह जय-सिरि-णिवास $ दहवयण दसाणण हा दसास
{प॰च॰१३,७.७} वीसद्ध-गीव वीसद्ध-जीह $ दससिर सुरवर-सारङ्ग-सीह"
{प॰च॰१३,७.८} मन्दोवरि पभणइ "चारु-चित्त $ अहेॅ वालि-भडारा करेॅ परित्त
{प॰च॰१३,७.९} लङ्केसहेॅ जाइ ण जीउ जाम $ भत्तार-भिक्ख महु देहि ताम
घत्ता॒
{प॰च॰१३,७.१०} तं कलुण-वयणु णिसुणेप्पिणु $ धरणिन्दें उद्धरिउ धरु
मघ-रोहिणि-उत्तर-पत्तेॅण $ अङ्गारेण व अम्बुहरु
कण्ड १, संधि १३, कडवक ८॒
दुवई
{प॰च॰१३,८.१} सेल-विसाल-मूल-तल-तालिउ लङ्काहिउ विणिग्गओ $ केसरि-पहर-णहर-खर-चवढण-चुक्को इव महग्गओ
{प॰च॰१३,८.२} लुअ-केसर-उक्खय-णह-णिहाउ $ णं गिरि-गुह मुऍवि मइन्दु आउ
{प॰च॰१३,८.३} कुण्डलिय-सीस-कर-चरण-जुम्मु $ णं पायालहेॅ णीसरिउ कुम्मु
{प॰च॰१३,८.४} कक्खड-झड-णिसुढिय-फड-कडप्पु $ णं गरुड-मुहहेॅ णीसरिउ सप्पु
{प॰च॰१३,८.५} मयलञ्छणु दूसिउ तेय-मन्दु $ णं राहु-मुहहेॅ णीसरिउ चन्दु
{प॰च॰१३,८.६} गउ तेत्तहेॅ जेत्तहेॅ गुण-गणालि $ अच्छइ अत्तावण-सिलहिॅ वालि
{प॰च॰१३,८.७} परिअञ्चेॅवि वन्दिउ दससिरेण $ पुणु किय गरहण गग्गर-गिरेण
{प॰च॰१३,८.८} "मइँ सरिसउ अण्णु ण जगेॅ अयाणु $ जो करमि केलि सीहें समाणु
{प॰च॰१३,८.९} मइँ सरिसउ अण्णु ण मन्द-भग्गु $ जो गुरुहु मि करमि महोवसग्गु
घत्ता॒
{प॰च॰१३,८.१०} जं तिहुवण-णाहु मुएप्पिणु $ अण्णहेॅ णमिउ ण सिर-कमलु
तं सम्मत्त-महद्दुमहेॅ $ लद्धु देव पइँ परम-फलु"
कण्ड १, संधि १३, कडवक ९॒
दुवई
{प॰च॰१३,९.१} पुणर् अवि वारवार पोमाऍवि दसविह-धम्मवालयं $ गउ तेत्तहेॅ तुरन्तु तं जेत्तहेॅ भरहाहिव-जिणालयं
{प॰च॰१३,९.२} कइलास-कोडि-कम्पावणेण $ किय पुज्ज जिणिन्दहेॅ रावणेण
{प॰च॰१३,९.३} फल-फुल्ल-समिद्ध-वणासइ व्व $ सावय-परियरिय महाडइ व्व
{प॰च॰१३,९.४} अहिणव-उल्लाव विलासिणि व्व $ णर-दड्ढ-धूव खल-कुट्टणि व्व
{प॰च॰१३,९.५} वहु-दीव समुद्दन्तर-महि व्व $ पेल्लिय-वलि णारायण-मइ व्व
{प॰च॰१३,९.६} घण्टारव-मुहलिय गय-घड व्व $ मणि-रयण-समुज्जल अहि-फड व्व
{प॰च॰१३,९.७} ण्हाणड्ढ वेस-केसावलि व्व $ गन्धुक्कड कुसुमिय पाडलि व्व
{प॰च॰१३,९.८} तं पुज्ज करेॅवि आढत्तु गेउ $ मुच्छण-कम-कम्प-तिगाम-भेउ
{प॰च॰१३,९.९} सर-सज्ज-रिसह-गन्धार-वाहु $ मज्झिम-पञ्चम-धइवय-णिसाहु
घत्ता॒
{प॰च॰१३,९.१०} महुरेण थिरेण पलोट्टेॅण $ जण-वसियरण-समत्थऍण
गायइ गन्धव्वु मणोहरु $ रावणु रावणहत्थऍण
कण्ड १, संधि १३, कडवक १०॒
दुवई
{प॰च॰१३,१०.१} सालङ्कारु सु-सरु सु-वियड्ढु सुहावउ पिय-कलत्तु वं $ आरोहि-अध(व?)रोहि-थाइय-संचारिहिॅ सुरय-तत्तु वं
{प॰च॰१३,१०.२} णव-वहुअ-णिडालु व तिलय-चारु $ णिग्घण-गयणयलु व मन्द-तारु
{प॰च॰१३,१०.३} सण्णद्ध-वलं पिव लइय-ताणु $ धणुर् इव सज्जीउ पसण्ण-वाणु
{प॰च॰१३,१०.४} तं गेउ सुणेप्पिणु दिण्ण णियय $ धरणिन्दें सत्ति अमोहविजय
{प॰च॰१३,१०.५} तियसाह णवेप्पिणु रिसह-देउ $ पुणु गउ णिय-णयरहेॅ कइकसेउ
{प॰च॰१३,१०.६} एत्थन्तरेॅ सुग्गीउत्तमासु $ उप्पण्णउ केवलु णाणु तासु
{प॰च॰१३,१०.७} वाहुवलि जेम थिउ सुद्ध-गत्तु $ उप्पण्णु अण्णु धवलायवत्तु
{प॰च॰१३,१०.८} भामण्डलु कमलासण-समाणु $ वहु-दिवसेॅहिॅ गउ णिव्वाण-थाणु
{प॰च॰१३,१०.९} दससिरु वि सुरासुर-डमर-भेरि $ उव्वहइ पुरन्दर-वइर-खेरि
घत्ता॒
{प॰च॰१३,१०.१०} "पइसरेॅवि जेण रण-सरवरेॅ $ मालिहेॅ खुडियउ सिर-कमलु
तहेॅ खलहेॅ पुरन्दर-हंसहेॅ $ पाडमि पाण-पक्ख-जुअलु"
कण्ड १, संधि १३, कडवक ११॒
दुवई
{प॰च॰१३,११.१} एम भणेवि देवि रण-भेरि पयट्टु तुरन्तु रावणो $ जो जम-धणय-कणय-वुह-अट्ठावय-धर-थरहरावणो
{प॰च॰१३,११.२} णीसरिऍ दसाणणेॅ णिसियरिन्द $ णं मुक्कङ्कुस णिग्गय गइन्द
{प॰च॰१३,११.३} माणुण्णय णिय-णिय-वाहणत्थ $ दणु-दारण पहरण-पवर-हत्थ
{प॰च॰१३,११.४} समुह वड-णिविड गय-घड-घरट्ट (?) $ णन्दीसर-दीवु व सुर पयट्ट
{प॰च॰१३,११.५} पायाललङ्क पावन्तएण $ दहगीवें वइरु वहन्तएण
{प॰च॰१३,११.६} पज्जलिउ जलणु जालासएण (?)
{प॰च॰१३,११.७} वुच्चइ "खर-दूसण लेहु ताव $ खल खुद्द पिसुण परिधिट्ठ पाव"
{प॰च॰१३,११.८} तं वयणु सुणेप्पिणु मामएण $ लङ्काहिउ वुज्झाविउ मएण
{प॰च॰१३,११.९} "सह्ũ सालएहिॅ किर कवण काणि $ जइ घाइय तो तुम्हह्ũ जि हाणि
{प॰च॰१३,११.१०} लहु वहिणि-सहोवर-णिलऍ जाह्ũ $ आरूसेॅवि किज्जइ काइँ ताह्ũ"
घत्ता॒
{प॰च॰१३,११.११} तं वयणु सुणेॅवि दहवयणेॅण $ मच्छरु मणेॅ परिसेसियउ
चूडामणि-पाहुड-हत्थउ $ इन्दइ कोक्कउ पेसियउ
कण्ड १, संधि १३, कडवक १२॒
दुवई
{प॰च॰१३,१२.१} आइय तेत्थु ते वि पिय-वयणेॅहिॅ जोक्कारिउ दसाणणो $ गउ किक्किन्ध-णयरु सुग्गीउ वि मिलिउ स-मन्ति-साहणो
{प॰च॰१३,१२.२} साहिउ अरि-अक्खोहणि-सहासु $ एत्तडिय सङ्ख णरवर-वलासु
{प॰च॰१३,१२.३} रह-तुरय-गइन्दह्ũ णाहिॅ छेउ $ उव्वहइ पयाणउ पवण-वेउ
{प॰च॰१३,१२.४} थिय अग्गिम-वेल्लि-महाविसालेॅ $ रेवा-विञ्झइरिहिॅ अन्तरालेॅ
{प॰च॰१३,१२.५} अत्थवणहेॅ ढुक्कु पयङ्गु ताम $ अल्लीण पासु णिसि अडयणा व
{प॰च॰१३,१२.६} वरि-सग्ग-वत्थ सीमन्त-वाह $ णक्खत्त-कुसुम-सेहर-सणाह
{प॰च॰१३,१२.७} कित्तिय-चच्चङ्किय-गण्डवास $ भग्गव-भेसइ-कण्णावयंस
{प॰च॰१३,१२.८} वहुलञ्जण ससहर-तिलय-तार $ जोण्हा-रङ्खोलिर-हार-भार
{प॰च॰१३,१२.९} णं वञ्चेॅवि दिट्ठि दिवायरासु $ णिसि-वहु अल्लीण णिसायरासु
घत्ता॒
{प॰च॰१३,१२.१०} विण्णि वि दुस्सील-सहावइँ $ सुरउ स इं भु ञ्जन्ताइँ
"मा दिणयरु कहि मि णिएसउ" $ णाइँ स-सङ्कइँ सुत्ताइँ
इय इत्थ प उ म च रि ए $ धणञ्जयासिय-स य म्भु ए व-कए
क इ ला सु द्ध र ण म् इणं $ तेरसमं साहियं पव्वं
[१४. चउदहमो संधि] ----------
विमलेॅ विहाणऍ कियऍ पयाणऍ उययइरि-सिहरेॅ रवि दीसइ
"मइँ मेल्लेप्पिणु णिसियरु लेप्पिणु कहिॅ गय णिसि" णाइँ गवेसइ
कण्ड १, संधि १४, कडवक १॒
{प॰च॰१४,१.१} सुप्पहाय-दहि-अंस-रवण्णउ $ कोमल-कमल-किरण-दल-छण्णउ
{प॰च॰१४,१.२} जय-हरेॅ पइसारिउ पइसन्तें $ णावइ मङ्गल-कलसु वसन्तें
{प॰च॰१४,१.३} फग्गुण-खलहेॅ दूउ णीसारिउ $ जेण विरहि-जणु कह व ण मारिउ
{प॰च॰१४,१.४} जेण वणप्फइ-पय विब्भाडिय $ फल-दल-रिद्धि-मडप्फर साडिय
{प॰च॰१४,१.५} गिरिवर गाम जेण धूमाविय $ वण-पट्टण-णिहाय संताविय
{प॰च॰१४,१.६} सरि-पवाह-मिहुणइँ णासन्तइँ $ जेण वरुण-घण-णियलेॅहिॅ घित्तइँ
{प॰च॰१४,१.७} जेण उच्छु-विड जन्तेॅहिॅ पीलिय $ पव-मण्डव-णिरिक्क आवीलिय
{प॰च॰१४,१.८} जासु रज्जेॅ पर रिद्धि पलासहेॅ $ तहेॅ मुहु मइलेॅवि फग्गुण-मासहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,१.९} पङ्कय-वयणउ $ कुवलय-णयणउ $ केयइ-केसर-सिर-सेहरु
पल्लव-करयलु $ कुसुम-णहुज्जलु $ पइसरइ वसन्त-णरेसरु
कण्ड १, संधि १४, कडवक २॒
{प॰च॰१४,२.१} डोला-तोरण-वारेॅ पईहरेॅ $ पइठु वसन्तु वसन्त-सिरी-हरेॅ
{प॰च॰१४,२.२} सररुह-वासहरेॅहिॅ रव-णेउरु $ आवासिउ महुअरि-अन्तेउरु
{प॰च॰१४,२.३} कोइल-कामिणीउ उज्जाणेॅहिॅ $ सुय-सामन्त लयाहर-थाणेॅहिॅ
{प॰च॰१४,२.४} पङ्कय-छत्त-दण्ड सर-णियरेॅहिॅ $ सिहि-साहुलउ महीहर-सिहरेॅहिॅ
{प॰च॰१४,२.५} कुसुमा-मञ्जरि-धय साहारेॅहिॅ $ दवणा-गण्ठिवाल केयारेॅहिॅ
{प॰च॰१४,२.६} वाणर-मालिय साहा-वन्देॅहिॅ $ महुअर-मत्तवाल मयरन्देॅहिॅ
{प॰च॰१४,२.७} मञ्जु-ताल कल्लोलावासेॅहिॅ $ भुञ्जा अहिणव-फल-महणासेॅहिॅ
{प॰च॰१४,२.८} एम पइट्ठु विरहि विद्धन्तउ $ गयवइ-वम्मेॅहिॅ अन्दोलन्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,२.९} पेक्खेॅवि एन्तहेॅ $ रिद्धि वसन्तहेॅ $ महु-इक्खु-सुरासव-मन्ती
णम्मय-वाली $ भुम्भल-भोली $ णं भमइ सलोणहेॅ रत्ती
कण्ड १, संधि १४, कडवक ३॒
{प॰च॰१४,३.१} णम्मयाऍ मयरहरहेॅ जन्तिऍ $ णाइँ पसाहणु लइउ तुरन्तिऍ
{प॰च॰१४,३.२} घवघवन्ति जे जल-पब्भारा $ ते जि णाइँ णेउर-झङ्कारा
{प॰च॰१४,३.३} पुलिणइँ जाइँ वे वि सच्छायइँ $ ताइँ जेॅ उड्ढणाइँ णं जायइँ
{प॰च॰१४,३.४} जं जलु खलइ वलइ उल्लोलइ $ रसणा-दामु तं जि णं घोलइ
{प॰च॰१४,३.५} जे आवत्त समुट्ठिय चङ्गा $ ते जि णाइँ तणु-तिवलि-तरङ्गा
{प॰च॰१४,३.६} जे जल-हत्थि-कुम्भ सोहिल्ला $ ते जि णाइँ थण अद्धुम्मिल्ला
{प॰च॰१४,३.७} जो डिण्डीर-णियरु अन्दोलइ $ णावइ सो जेॅ हारु रङ्खोलइ
{प॰च॰१४,३.८} जं जलयर-रण-रङ्गिउ पाणिउ $ तं जि णाइँ तम्वोलु समाणिउ
{प॰च॰१४,३.९} मत्त-हत्थि-मय-मइलिउ जं जलु $ तं जि णाइँ किउ अक्खिहिॅ कज्जलु
{प॰च॰१४,३.१०} जाउ तरङ्गिणिउ अवर-ओहउ $ ताउ जि भङ्गुराउ णं भउहउ
{प॰च॰१४,३.११} जाउ भमर-पन्तिउ अल्लीणउ $ केसावलिउ ताउ णं दिण्णउ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,३.१२} मज्झे जन्तिऍ $ मुहु दरसन्तिऍ $ माहेसर-लङ्क-पईवह्ũ
मोहुप्पाइउ $ णं जरु लाइउ $ तह्ũ सहसकिरण-दहगीवह्ũ
कण्ड १, संधि १४, कडवक ४॒
{प॰च॰१४,४.१} सो वसन्तु सा रेवा तं जलु $ सो दाहिण-मारुउ मिय-सीयलु
{प॰च॰१४,४.२} ताइँ असोय-णाय-चूय-वणइँ $ महुअरि-महुर-सरइँ लय-भवणइँ
{प॰च॰१४,४.३} ते धुयगाय ताउ कीरोलिउ $ ताउ कुसुम-मञ्जरि-रिञ्छोलिउ
{प॰च॰१४,४.४} ते पल्लव सो कोइल-कलयलु $ सो केयइ-केसर-रय-परिमलु
{प॰च॰१४,४.५} ताउ णवल्लउ मल्लिय-कलियउ $ दवणा-मञ्जरियउ णव-फलियउ
{प॰च॰१४,४.६} ते अन्दोला तं जुवईयणु $ पेक्खेॅवि सहसकिरणु हरिसिय-मणु
{प॰च॰१४,४.७} सह्ũ अन्तेउरेण गउ तेत्तहेॅ $ णम्मय पवर महाणइ जेत्तहेॅ
{प॰च॰१४,४.८} दूरें थिउ आरक्खिय-णिय-वलु $ जलु जन्तिऍहिॅ णिरुद्धउ णिम्मलु
घत्ता॒
{प॰च॰१४,४.९} वद्धिय-हरिसउ $ जुवइहिॅ सरिसउ $ माहेसरपुर-परमेसरु
सलिलब्भन्तरेॅ $ माणस-सरवरेॅ $ णं पइठु सुरिन्दु स-अच्छरु
कण्ड १, संधि १४, कडवक ५॒
{प॰च॰१४,५.१} सहसकिरणु सहसत्ति णिउड्डेॅवि $ आउ णाइँ महि-वहु अवरुण्डेॅवि
{प॰च॰१४,५.२} दिट्ठु मउडु छुडु अद्धुम्मिल्लउ $ रवि व दरुग्गमन्तु सोहिल्लउ
{प॰च॰१४,५.३} दिट्ठु णिडालु वयणु वच्छत्थलु $ णं चन्दद्धु कमलु णह-मण्डलु
{प॰च॰१४,५.४} पभणइ सहसरासि "लइ ढुक्कहेॅ $ जुज्झहेॅ रमहेॅ ण्हाहेॅ उल्लुक्कहेॅ"
{प॰च॰१४,५.५} तं णिसुणेॅवि कडक्ख-विक्खेविउ $ वुड्डउ उक्कराउ महएविउ
{प॰च॰१४,५.६} उप्परि करयल-णियरु परिट्ठिउ $ णं रत्तुप्पल-सण्डु समुट्ठिउ
{प॰च॰१४,५.७} णं केयइ-आरामु मणोहरु $ णक्ख-सूइ कडउल्ला-केसरु
{प॰च॰१४,५.८} महुयर सर-भरेण अल्लीणा $ कामिणि भिसिणि भणेॅवि णं लीणा
घत्ता॒
{प॰च॰१४,५.९} सलिल-तरन्तह्ũ $ उम्मीलन्तह्ũ $ मुह-कमलह्ũ केइ पधाइय
आयइँ सरसइँ $ किय(र?) तामरसइँ $ णरवइहेॅ भन्ति उप्पाइय
कण्ड १, संधि १४, कडवक ६॒
{प॰च॰१४,६.१} अवरोप्परु जल-कील करन्तह्ũ $ घण-पाणालि-पहर मेल्लन्तह्ũ
{प॰च॰१४,६.२} कहि मि चन्द-कुन्दुज्जल-तारेॅहिॅ $ धवलिउ जलु तुट्टन्तेॅहिॅ हारेॅहिॅ
{प॰च॰१४,६.३} कहि मि रसिउ णेउरेॅहिॅ रसन्तेॅहिॅ $ कहि मि फुरिउ कुण्डलेॅहिॅ फुरन्तेॅहिॅ
{प॰च॰१४,६.४} कहि मि सरस-तम्वोलारत्तउ $ कहि मि वउल-कायम्वरि-मत्तउ
{प॰च॰१४,६.५} कहि मि फलिह-कप्पूरेॅहिॅ वासिउ $ कहि मि सुरहि-मिगमय-वामीसिउ
{प॰च॰१४,६.६} कहि मि विविह-मणि-रयणुज्जलियउ $ कहि मि धोअ-कज्जल-संवलियउ
{प॰च॰१४,६.७} कहि मि वहल-कुङ्कुम-पिञ्जरियउ $ कहि मि मलय-चन्दण-रस-भरियउ
{प॰च॰१४,६.८} कहि मि जक्खकद्दमेॅण करम्विउ $ कहि मि भमर-रिञ्छोलिहिॅ चुम्विउ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,६.९} विद्दुम-मरगय- $ इन्दणील-सय- $ चामियर-हार-संघाऍहिॅ
वहु-वण्णुज्जलु $ णावइ णहयलु $ सुरधणु-घण-विज्जु-वलायहिॅ
कण्ड १, संधि १४, कडवक ७॒
{प॰च॰१४,७.१} का वि करन्ति केलि सह्ũ राएं $ पहणइ कोमल-कुवलय-घाएं
{प॰च॰१४,७.२} का वि मुद्ध दिट्ठिऍ सुविसालऍ $ का वि णवल्लऍ मल्लिय-मालऍ
{प॰च॰१४,७.३} का वि सुयन्धेॅहिॅ पाडलि-हुल्लेॅहिॅ $ का वि सु-पूयफलेहिॅ वउल्लेॅहिॅ
{प॰च॰१४,७.४} का वि जुण्ण-पण्णेॅहिॅ पट्टणिऍहिॅ $ का वि रयण-मणि-अवलम्वणिऍहिॅ
{प॰च॰१४,७.५} का वि विलेवणेहिॅ उव्वरियहिॅ $ का वि सुरहि-दवणा-मञ्जरियहिॅ
{प॰च॰१४,७.६} कहेॅ वि गुज्झु जलेॅ अद्धुम्मिल्लउ $ णं मयरहर-सिहरु सोहिल्लउ
{प॰च॰१४,७.७} कहेॅ वि कसण रोमावलि दिट्ठी $ काम-वेणि णं गलेॅवि पइट्ठी
{प॰च॰१४,७.८} कहेॅ वि थणोवरि ललइ अहोरणु $ णाइँ अणङ्गहेॅ केरउ तोरणु
घत्ता॒
{प॰च॰१४,७.९} कहेॅ वि स-रुहिरइँ $ दिट्ठइँ णहरइँ $ थण-सिहरोवरि सु-पहुत्तइँ
वेॅगेॅण वलग्गहेॅ $ मयण-तुरङ्गहेॅ $ णं पायइँ छुडु छुडु खुत्तइँ
कण्ड १, संधि १४, कडवक ८॒
{प॰च॰१४,८.१} तं जल-कील णिएवि पहाणह्ũ $ जाय वोल्ल णहयलेॅ गिव्वाणह्ũ
{प॰च॰१४,८.२} पभणइ एक्कु हरिस-संपण्णउ $ "तिहुअणेॅ सहसकिरणु पर धण्णउ
{प॰च॰१४,८.३} जुवइ-सहासु जासु स-वियारउ $ विब्भम-हाव-भाव-वावारउ
{प॰च॰१४,८.४} णलिणि-वणु व दिणयर-कर-इच्छउ $ कुमुय-वणु व ससहर-तल्लिच्छउ
{प॰च॰१४,८.५} कालु जाइ जसु मयण-विलासें $ माणिणि-पत्तिज्जवणायासें
{प॰च॰१४,८.६} अच्छउ सुरउ जेण जगु मत्तउ $ जल-कीलऍ जि किण्ण पज्जत्तउ"
{प॰च॰१४,८.७} तं णिसुणेॅवि अवरेक्कु पवोल्लिउ $ "सहसकिरणु केवल सलिलोल्लिउ
{प॰च॰१४,८.८} इत्थु पवाहु मणोहर-वन्तउ $ जो जुवइहिॅ गुज्झन्तु वि पत्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,८.९} जेण खणन्तरेॅ $ सलिलब्भन्तरेॅ $ गलियंसु-धरण-वावारऍ
सरहसु ढुक्कउ $ माणेॅवि मुक्कउ $ अन्तेउरु एक्कऍ वारऍ
कण्ड १, संधि १४, कडवक ९॒
{प॰च॰१४,९.१} रावणो वि जल-कील करेप्पिणु $ सुन्दर सियय-वेइ विरएप्पिणु
{प॰च॰१४,९.२} उप्परि जिणवर-पडिम चडावेॅवि $ विविह-विताण-णिवहु वन्धावेॅवि
{प॰च॰१४,९.३} तुप्प-खीर-सिसिरेॅहिॅ अहिसिञ्चेॅवि $ णाणाविह-मणि-रयणेॅहिॅ अञ्चेॅवि
{प॰च॰१४,९.४} णाणाविहहिॅ विलेवण-भेऍहिॅ $ दीव-धूव-वलि-पुप्फ-णिवेऍहिॅ
{प॰च॰१४,९.५} पुज्ज करेॅवि किर गायइ जावेॅहिॅ $ जन्तिएहिॅ जलु मेल्लिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰१४,९.६} पर-कलत्तु संकेयहेॅ ढुक्कउ $ णाइँ वियड्ढहिॅ माणेॅवि मुक्कउ
{प॰च॰१४,९.७} धाइउ उहय-तडइँ पेल्लन्तउ $ जिणवर-पवर-पुज्ज रेल्लन्तउ
{प॰च॰१४,९.८} दहमुहु पडिम लेवि विहडप्फडु $ कह वि कह वि णीसरिउ वियावडु
घत्ता॒
{प॰च॰१४,९.९} भणइ "णरेसहेॅ $ तुरिउ गवेसहेॅ $ किउ जेण एउ पिसुणत्तणु
किं वहु-वुत्तेॅण $ तासु णिरुत्तेॅण $ दक्खवमि अज्जु जम-सासणु"
कण्ड १, संधि १४, कडवक १०॒
{प॰च॰१४,१०.१} तो एत्थन्तरेॅ लद्धाएसा $ गय मण-गमणा ऽणेय गवेसा
{प॰च॰१४,१०.२} रावणेण सरि दिट्ठ वहन्ती $ मुय-महुयर-दुक्खेण व जन्ती (?)
{प॰च॰१४,१०.३} चन्दण-रसेॅण व वहल-विलित्ती $ जल-रिद्धिऍ णं जोव्वणइत्ती
{प॰च॰१४,१०.४} मन्थर-वाहेण व वीसत्थी $ जच्च-पट्टवत्थइँ व णियत्थी
{प॰च॰१४,१०.५} वीणाहोरणइँ व पङ्गुत्ती $ वालाहिय-णिद्दाऍ व सुत्ती
{प॰च॰१४,१०.६} मल्लिव-दन्तेहिॅ व विहसन्ती $ णीलुप्पल-णयणेॅहिॅ व णिएन्ती
{प॰च॰१४,१०.७} वउल-सुरा-गन्धेण व मत्ती $ केयइ-हत्थेहिॅ व णच्चन्ती
{प॰च॰१४,१०.८} महुअरि-महुर-सरु व गायन्ती $ उज्झर-मुरवाइँ व वायन्ती
घत्ता॒
{प॰च॰१४,१०.९} अरमिय-रामहेॅ $ णिरु णिक्कामहेॅ $ आरूसेॅवि परम-जिणिन्दहेॅ
पुज्ज हरेप्पिणु $ पाहुडु लेप्पिणु $ गय णावइ पासु समुद्दहेॅ
कण्ड १, संधि १४, कडवक ११॒
{प॰च॰१४,११.१} तहिॅ अवसरेॅ जे किङ्कर धाइय $ ते पडिवत्त लएप्पिणु आइय
{प॰च॰१४,११.२} कहिय सुणन्तहेॅ खन्धावारहेॅ $ "लइ एत्तडउ सारु संसारहेॅ
{प॰च॰१४,११.३} माहेसरवइ णर-परमेसरु $ सहसकिरणु णामेण णरेसरु
{प॰च॰१४,११.४} जा जल-कील तेण उप्पाइय $ सा अमरेहि मि रमेॅवि ण णाइय
{प॰च॰१४,११.५} सुव्वइ कामु को वि किर सुन्दरु $ सुरवइ भरहु सयर-चक्केसरु
{प॰च॰१४,११.६} महवा सणकुमारु ते सयल वि $ णउ पावन्ति तासु एक्क-यल वि
{प॰च॰१४,११.७} का वि अउव्व लील विम्माणिय $ धम्मु अत्थु विण्णि वि परियाणिय
{प॰च॰१४,११.८} काम-तत्तु पुणु तेण जेॅ णिम्मिउ $ अण्ण रमन्ति पसव-कोदूमिउ
घत्ता॒
{प॰च॰१४,११.९} मइँ पहवन्तेॅण $ भुयणेॅ तवन्तेॅण $ गयणत्थु पयङ्गु ण णा(भा?)वइ
एण पयारेॅण $ पिय-वावारेॅण $ थिउ सलिलेॅ पईसेॅवि णावइ"
कण्ड १, संधि १४, कडवक १२॒
{प॰च॰१४,१२.१} अवरेक्केण वुत्तु "मइँ लक्खिउ $ सच्चउ सव्वु एण जं अक्खिउ
{प॰च॰१४,१२.२} जं पुणु तहेॅ केरउ अन्तेउरु $ णं पच्चक्खु जेॅ मयरद्धय-पुरु
{प॰च॰१४,१२.३} णेउर-मुरयह्ũ पेक्खणया-हरु $ लायण्णम्भ-तलाउ मणोहरु
{प॰च॰१४,१२.४} सिर-मुह-कर-कम-कमल-महासरु $ मेहल-तोरणाहँ छण-वासरु
{प॰च॰१४,१२.५} थण-हत्थिहिॅ साहारण-काणणु $ हार-सग्ग-वच्छहेॅ गयणङ्गणु
{प॰च॰१४,१२.६} अहर-पवाल-पवालायायरु $ दन्त-पन्ति-मोत्तिय-सद्दणयरु
{प॰च॰१४,१२.७} जीहा-कलयण्ठिहिॅ णन्दणवणु $ कण्णन्दोलयाहँ वेत्तत्तणु
{प॰च॰१४,१२.८} लोयण-भमरह्ũ केसर-सेहरु $ भमुहा-भङ्गह्ũ णट्टावय-घरु
घत्ता॒
{प॰च॰१४,१२.९} काइँ वहुत्तेॅण $ [पुण]पुणरुत्तेॅण $ मयणग्गि-डमरु संपण्णउ
णरह्ũ अणन्तह्ũ $ मण-धण-वन्तह्ũ $ धुउ चोरु चण्डु उप्पण्णउ"
कण्ड १, संधि १४, कडवक १३॒
{प॰च॰१४,१३.१} अवरेक्केण वुत्तु "मइँ जन्तइँ $ दिट्ठइँ णिम्मलेॅ सलिलेॅ तरन्तइँ
{प॰च॰१४,१३.२} अइ-सुन्दरइँ सुकिय-कम्माइँ व $ सुघडियाइँ अहिणव-पेम्माइँ व
{प॰च॰१४,१३.३} णिग्गलाइँ सु-किविण-हिययाइँ व $ णिउण-समासिय सुकइ-पयाइँ व
{प॰च॰१४,१३.४} संचारिमइँ कु-पुरिस-धणाइँ व $ कारिमाइँ कुट्टणि-वयणाइँ व
{प॰च॰१४,१३.५} पइरिक्कइँ सज्जण-चित्ताइँ व $ वद्धइँ अत्थइत्त-वित्ताइँ व
{प॰च॰१४,१३.६} दुल्लङ्घणियइँ सुकलत्ताइँ व $ चेट्ठ-विहूणइँ वुड्ढन्ताइँ व
{प॰च॰१४,१३.७} वारि वमन्ति ताइँ सिरि-णासेॅहिॅ $ उर-कर-चरण-कण्ण-णयणासेॅहिॅ
{प॰च॰१४,१३.८} तेहिॅ एउ जलु थम्भेॅवि मुक्कउ $ तेण पुज्ज रेल्लन्तु पढुक्कउ"
घत्ता॒
{प॰च॰१४,१३.९} तं णिसुणेप्पिणु $ "लेहु" भणेप्पिणु $ असिवरु स इँ भु वेॅण पकड्ढिउ
सहइ समुज्जलु $ ससि-कर-णिम्मलु $ णं पत्त-दाण-फलु वड्ढिउ
जल-कीलाऍ सयम्भू $ चउमुहएवं च गोग्गह-कहाऍ
भद्दं(ट्टं) च मच्छवेहे $ अज्ज वि कइणो ण पावन्ति
[१५. पण्णरहमो संधि] ----------
दाण-मयन्धेॅण $ गय-गन्धेॅण $ जेम मइन्दु वियट्टउ
जग-कम्पावणु $ रणेॅ रावणु $ सहसकिरणेॅ अब्भिट्टउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक १॒
{प॰च॰१५,१.१} आएसु दिण्णु णिय-किङ्करह्ũ $ वज्जोयर-मयर-महोयरह्ũ
{प॰च॰१५,१.२} मारिच्च-मयह्ũ सुय-सारणह्ũ $ इन्दइकुमार-घणवाहणह्ũ
{प॰च॰१५,१.३} हय-हत्थ-पहत्थ-विहीसणह्ũ $ विहि-कुम्भयण्ण-खर-दूसणह्ũ
{प॰च॰१५,१.४} ससिकर-सुग्गीव-णील-णलह्ũ $ अवरहु मि अणिट्ठिय-भुयवलह्ũ
{प॰च॰१५,१.५} उद्धाइय मच्छर-मलिय-कर $ भीसावण-पहरण-णियर-धर
{प॰च॰१५,१.६} सहसयरु वि जुवइहिॅ परियरिउ $ छुडु जे छुडु सलिलहेॅ णीसरिउ
{प॰च॰१५,१.७} ताणन्तरेॅ तूरइँ णिसुणियइँ $ पणवेप्पिणु भिच्चहिॅ पिसुणियइँ
{प॰च॰१५,१.८} "परमेसर पारक्कउ पडिउ $ लइ पहरणु समरु समावडिउ"
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१.९} तं णिसुणेप्पिणु $ धणु करेॅ लेप्पिणु $ णिसियर-पवर-समूहहेॅ
थिउ समुहाणणु $ णं पञ्चाणणु $ णाइँ महा-गय-जूहहेॅ
कण्ड १, संधि १५, कडवक २॒
{प॰च॰१५,२.१} जं जुज्झ-सज्जु थिउ लेवि धणु $ तं डरिउ असेसु वि जुवइयणु
{प॰च॰१५,२.२} मम्भीसिउ राएं वुण्ण-मणु $ "किं अण्णहेॅ णाũ सहसकिरणु
{प॰च॰१५,२.३} एक्केक्कहेॅ एक्केक्कउ जेॅ करु $ परिरक्खइ जइ तो कवणु डरु
{प॰च॰१५,२.४} अच्छहेॅ भुव-मण्डवेॅ वइसरेॅवि $ जिह करिणिउ गिरि-गुह पइसरेॅवि
{प॰च॰१५,२.५} जा दलमि कुम्भि-कुम्भत्थलइँ $ होसन्ति कुडुम्विहिॅ उक्खलइँ
{प॰च॰१५,२.६} जा खणमि विसाणइँ पवराइँ $ होसन्ति पयहेॅ पच्चवराइँ
{प॰च॰१५,२.७} जा कड्ढमि करि-सिर-मोत्तियइँ $ होसन्ति तुम्ह हारत्तियइँ
{प॰च॰१५,२.८} जा फाडमि फरहरन्त-धयइँ $ होसन्ति वेणि-वन्धण-सयइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१५,२.९} एम भणेप्पिणु $ तं धीरेप्पिणु $ णरवइ रहवरेॅ चडियउ
जुवइह्ũ करुणेॅण (?) $ XXविणु अरुणेॅण $ णाइँ दिवायरु पडियउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ३॒
{प॰च॰१५,३.१} एत्थन्तरेॅ आरोडिउ भडेॅहिॅ $ णं केसरि मत्त-हत्थि-हडेॅहिॅ
{प॰च॰१५,३.२} सो एक्कु अणन्तउ जइ वि वलु $ पप्फुल्लु तो वि तहेॅ मुह-कमलु
{प॰च॰१५,३.३} जं लइउ अखत्तें सहसयरु $ तं चविउ परोप्परु सुर-पवरु
{प॰च॰१५,३.४} "अहेॅ अहेॅ अणीइ रक्खेहिॅ किय $ एक्कु ऍ वहु अण्णु वि गयणेॅ थिय
{प॰च॰१५,३.५} पहरणइँ पवण-गिरि-वारि-हवि $ आएहिॅ सरिस जणेॅ भीरु ण वि"
{प॰च॰१५,३.६} तं णिसुणेॅवि णिसियर लज्जियइँ $ थिय महियलेॅ विज्ज-विवज्जियइँ
{प॰च॰१५,३.७} तो सहसकिरणु सहसहिॅ करेॅहिॅ $ णं विद्धइ सहस-सहस-सरेॅहिॅ
{प॰च॰१५,३.८} दूरहेॅ जि णिरुद्धउ वइरि-वलु $ णं जम्वूदीवें उवहि-जलु
घत्ता॒
{प॰च॰१५,३.९} अमुणिय-थाणहेॅ $ किय-संधाणहेॅ $ दिट्ठि-मुट्ठि-सर-पयरहेॅ
पासु ण ढुक्कइ $ ते उल्लुक्कइ $ तिमिरु जेम दिवसयरहेॅ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ४॒
{प॰च॰१५,४.१} अट्ठावय-गिरि-कम्पावणहेॅ $ पडिहारें अक्खिउ रावणहेॅ
{प॰च॰१५,४.२} "परमेसर एक्कें होन्तऍण $ वलु सयलु धरिउ पहरन्तऍण
{प॰च॰१५,४.३} रणेॅ रहवरु एक्कु जेॅ परिभमइ $ सन्दण-सहासु णं परिभमइ
{प॰च॰१५,४.४} धणु एक्कु एक्कु णरु दुइ जेॅ कर $ चउदिसहिॅ णवर णिवडन्ति सर
{प॰च॰१५,४.५} करु कहेॅ वि कहेॅ वि उरु कप्परिउ $ करि कहेॅ वि कहेॅ वि रहु जज्जरिउ"
{प॰च॰१५,४.६} तं णिसुणेॅवि उवहि जेम खुहिउ $ लहु तिजगविहूसणेॅ आरुहिउ
{प॰च॰१५,४.७} गउ तेत्तहेॅ जेत्तहेॅ सहसकरु $ कोक्किउ "मरु पाव पहरु पहरु
{प॰च॰१५,४.८} हũ रावणु दुज्जउ केण जिउ $ जें पाराउत्ठउ धणउ किउ"
घत्ता॒
{प॰च॰१५,४.९} एम भणन्तेॅण $ विद्धन्तेॅण $ स-रहि महारहु छिण्णउ
पणइ-सहासेॅहिॅ $ चउ-पासेॅहिॅ $ जसु चउदिसु विक्खिण्णउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ५॒
{प॰च॰१५,५.१} माहेसरपुर-वइ विरहु किउ $ णिविसद्धें मत्त-गइन्देॅ थिउ
{प॰च॰१५,५.२} णं अञ्जण-महिहरेॅ सरय-घणु $ उत्थरिउ स-मच्छरु गीढ-धणु
{प॰च॰१५,५.३} सण्णाहु खुरुप्पें कप्परिउ $ लङ्काहिउ कह व समुव्वरिउ
{प॰च॰१५,५.४} जें सव्वायामें मुअइ सर $ लुअ-पक्ख पक्खि णं जन्ति धर
{प॰च॰१५,५.५} दससयकिरणेण णिरिक्खियउ $ पच्चारिउ "कहिॅ धणु सिक्खियउ
{प॰च॰१५,५.६} जज्जाहि ताम अब्भासु करेॅ $ पच्छलेॅ जुज्झेज्जहि पुणु समरेॅ"
{प॰च॰१५,५.७} तं णिसुणेॅवि जमेॅण व जोइयउ $ कुञ्जरु कुञ्जरहेॅ पचोइयउ
{प॰च॰१५,५.८} आसण्णें चोऍवि विगय-भउ $ णरवइ णिडालेॅ कोन्तेण हउ
घत्ता॒
{प॰च॰१५,५.९} जाम भयङ्करु $ असिवर-करु $ पहरइ मच्छर-भरियउ
ताम दसासेॅण $ आयासेॅण $ उप्पएवि पहु धरियउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ६॒
{प॰च॰१५,६.१} णिउ णिय-णिलयहेॅ मय-वियलियउ $ णं मत्त-महागउ णियलियउ
{प॰च॰१५,६.२} "मा मइ मि धरेसइ दहवयणु" $ णं भइयऍ रवि गउ अत्थवणु
{प॰च॰१५,६.३} पसरिउ अन्धारु पमोक्कलउ $ णं णिसिऍ घित्तु मसि-पोट्टलउ
{प॰च॰१५,६.४} ससि उग्गउ सुट्ठु सुसोहियउ $ णं जग-हरेॅ दीवउ वोहियउ
{प॰च॰१५,६.५} सुविहाण्ẽ दिवायरु उग्गमिउ $ णं रयणिहिॅ मइयवट्टु भमिउ
{प॰च॰१५,६.६} तो णवर जङ्घचारण-रिसिहेॅ $ सयकरहेॅ विणासिय-भव-णिसिहेॅ
{प॰च॰१५,६.७} गय वत्त "सहासकिरणु धरिउ" $ चउविह-रिसि-सङ्घें परियरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰१५,६.८} रावणु जेत्तहेॅ $ गउ (सो) तेत्तहेॅ $ पञ्च-महावय-धारउ
दिट्ठु दसासेॅण $ सेयंसेॅण $ णावइ रिसहु भडारउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ७॒
{प॰च॰१५,७.१} गुरु वन्दिय दिण्णइँ आसणइँ $ मणि-वेयडियइँ सुह-दंसणइँ
{प॰च॰१५,७.२} मुणि-पुङ्गउ चवइ विसुद्धमइ $ "मुऍ सहसकिरणु लङ्काहिवइ
{प॰च॰१५,७.३} ऍहु चरिमदेहु सामण्णु ण वि $ महु तणउ भव्व-राईव-रवि"
{प॰च॰१५,७.४} तं णिसुणेॅवि जम-कम्पावणेॅण $ पणवेप्पिणु वुच्चइ रावणेॅण
{प॰च॰१५,७.५} "महु एण समाणु कोउ कवणु $ पर पुज्जहेॅ कारणेॅ जाउ रणु
{प॰च॰१५,७.६} अज्जु वि एहु जेॅ पहु सा जि सिय $ अणुहुञ्जउ मेइणि जेम तिय"
{प॰च॰१५,७.७} तं णिसुणेॅवि सहसकिरणु चवइ $ "उत्तमहेॅ एउ किं संभवइ
{प॰च॰१५,७.८} तं मणहर सलिल-कील करेॅवि $ पइँ समउ महाहवेॅ उत्थरेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰१५,७.९} एवहिॅ आयऍ $ विच्छायऍ $ राय-सियऍ किं किज्जइ
वरि थिर-कुलहर $ अजरामर $ सिद्धि-वहुव परिणिज्जइ"
कण्ड १, संधि १५, कडवक ८॒
{प॰च॰१५,८.१} तें वयणें मुक्कु विसुद्ध-मइ $ माहेसर-पवर-पुराहिवइ
{प॰च॰१५,८.२} णिय-णन्दणु णियय-थाणेॅ थवेॅवि $ परियणु पट्टणु पय संथवेॅवि
{प॰च॰१५,८.३} णिक्खन्तु खणद्धें विगय-भउ $ रावणु वि पयाणउ देवि गउ
{प॰च॰१५,८.४} परिपेसिउ लेहु पहाणाहेॅ $ अणरण्णहेॅ उज्झहेॅ राणाहेॅ
{प॰च॰१५,८.५} मुह-वत्त कहिय "दहमुहेॅण जिउ $ लइ सहसकिरणु तव-चरणेॅ थिउ"
{प॰च॰१५,८.६} तं णिसुणेॅवि णरवइ हरिसियउ $ ईसीसि विसाउ पदरिसियउ
{प॰च॰१५,८.७} संगाम-सहासेॅहिॅ दूसहहेॅ $ सिय सयल समप्पेॅवि दसरहहेॅ
{प॰च॰१५,८.८} सहसत्ति सो वि णिक्खन्तु पहु $ अण्णु वि तहेॅ तणउ अणन्तरहु
घत्ता॒
{प॰च॰१५,८.९} ताम सुकेसेॅण $ लङ्केसेॅण $ जमहर-अणुहरमाणउ
जागु पणासेॅवि $ रिउ तासेॅवि $ मगहहँ मुक्कु पयाणउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ९॒
{प॰च॰१५,९.१} णारउ धीरेॅवि मरु वसिकरेॅवि $ तहेॅ तणिय तणय करयलेॅ धरेॅवि
{प॰च॰१५,९.२} णव-णव संवच्छर तेत्थु थिउ $ पुणु दिण्णु पयाणउ मगहु गउ
{प॰च॰१५,९.३} पेक्खेॅवि रावणु आसङ्कियउ $ महु महुरपुराहिउ वसिकियउ
{प॰च॰१५,९.४} जसु चमरें अमरें दिण्णु वरु $ सूलाउहु सयलाउह-पवरु
{प॰च॰१५,९.५} णिय तणय तासु लाएवि करेॅ $ थिउ णवर गम्पि कइलास-धरेॅ
{प॰च॰१५,९.६} मन्दाइणि दिट्ठ मणोहरिय $ ससिकन्त-णीर-णिज्झर-भरिय
{प॰च॰१५,९.७} गय-मय-णइ-मइलिय-उभय-तड $ स-तुरङ्गम-कुञ्जर ण्हाय भड
{प॰च॰१५,९.८} वन्देप्पिणु जिणवर-भवणाइँ $ दहमुहु दक्खवइ णिवाणाइँ
{प॰च॰१५,९.९} "इह सिद्धु सिद्धि-मुहकमल-अलि $ जिणवरु भरहेसरु वाहुवलि
घत्ता॒
{प॰च॰१५,९.१०} एत्थु सिलासणेॅ $ अत्तावणेॅ $ अच्छिउ वालि-भडारउ
जसु पय-भारेॅण $ गरुयारेॅण $ हũ किउ कुम्मायारउ"
कण्ड १, संधि १५, कडवक १०॒
{प॰च॰१५,१०.१} जम-धणय-सहासकिरण-दमणु $ जं थिउ अट्ठावऍ दहवयणु
{प॰च॰१५,१०.२} तं पत्त वत्त णलकुव्वरहेॅ $ दुल्लङ्घ-णयर-परमेसरहेॅ
{प॰च॰१५,१०.३} परिचिन्तिउ "हय-गय-रह-पवलेॅ $ आसण्णेॅ परिट्ठिऍ वइरि-वलेॅ
{प॰च॰१५,१०.४} एत्थु वि अमराहिवेॅ रणेॅ अजऍ $ जिण-वन्दणहत्तिऍ मेरु गऍ
{प॰च॰१५,१०.५} एहऍ अवसरेॅ उवाउ कवणु" $ तो मन्ति पवोल्लिउ हरिदवणु
{प॰च॰१५,१०.६} "वलवन्तइँ जन्तइँ उट्ठवहेॅ $ चउदिसु आसाल-विज्ज ठवहेॅ
{प॰च॰१५,१०.७} जं होइ अछेउ अभेउ पुरु $ ता रक्खह्ũ पावइ जा ण सुरु"
{प॰च॰१५,१०.८} तं णिसुणेॅवि तेहि मि तेम किउ $ सइ-चित्तु व णयरु दुलङ्घु थिउ
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१०.९} ताव विरुद्धेॅहिॅ $ जस-लुद्धेॅहिॅ $ रावण-भिच्च-सहासेॅहिॅ
वेड्ढिउ पुरवरु $ संवच्छरु $ णावइ वारह-मासेॅहिॅ
कण्ड १, संधि १५, कडवक ११॒
{प॰च॰१५,११.१} जन्तहँ भइयऍ विहडप्फडेॅहिॅ $ दहमुहहेॅ कहिउ केहि मि भडेॅहिॅ
{प॰च॰१५,११.२} "दुग्गेज्झु भडारा तं णयरु $ दूसिद्धह्ũ जिह तिहुअण-सिहरु
{प॰च॰१५,११.३} तहिॅ जन्त-सयाइँ समुड्डियइँ $ जम-करइँ जमेण व छड्डियइँ
{प॰च॰१५,११.४} जोयणहेॅ मज्झेॅ जो संचरइ $ सो पडिजीवन्तु ण णीसरइ"
{प॰च॰१५,११.५} तं णिसुणेॅवि चिन्तावण्णु पहु $ थिउ ताम जाम उवरम्भ वहु
{प॰च॰१५,११.६} अणुरत्त परोक्खए जेॅ जसेॅण $ जिह महुअरि कुसुम-गन्ध-वसेॅण
{प॰च॰१५,११.७} ण गणइ कप्पूरु ण चन्दमसु $ ण जलद्दु ण चन्दणु तामरसु
{प॰च॰१५,११.८} तहेॅ दसमी कामावत्थ हुय $ विरहग्गि-दड्ढ णउ कह मि मुय
घत्ता॒
{प॰च॰१५,११.९} "इमु महु जोव्वणु $ ऍहु (सो) रावणु $ एह रिद्धि परिवारहेॅ
जइ मेलावहि $ तो हलेॅ सहि $ एत्तिउ फलु संसारहेॅ"
कण्ड १, संधि १५, कडवक १२॒
{प॰च॰१५,१२.१} तं णिसुणेॅवि चित्तमाल चवइ $ "मइँ होन्तिऍ काइँ ण संभवइ
{प॰च॰१५,१२.२} आएसु देहि छुडु एत्तडउ $ ऍउ सुन्दरि कारणु केत्तडउ
{प॰च॰१५,१२.३} तुह रूवहेॅ रावणु होइ जइ $ लइ वट्टइ तो एत्तडिय गइ"
{प॰च॰१५,१२.४} तं णिसुणेॅवि मणहर-अहरयलु $ उवरम्भहेॅ विहसिउ मुह-कमलु
{प॰च॰१५,१२.५} "हलेॅ हलेॅ सहि ससिमुहि हंस-गइ $ सो सुहउ ण इच्छइ कह वि जइ
{प॰च॰१५,१२.६} आसाल-विज्ज तो देहि तहेॅ $ अण्णु वि वज्जरहि दसाणणहेॅ
{प॰च॰१५,१२.७} वुच्चइ रहङ्गु भड-लिह-लुहणु $ इन्दाउहु अच्छइ सुअरिसणु"
{प॰च॰१५,१२.८} तं णिसुणेॅवि दूई णिग्गइय $ लङ्केसावासु णवर गइय
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१२.९} कहिउ दसासहेॅ $ सुर-तासहेॅ $ जं उवरम्भऍ वुत्तउ
एत्तिउ "दाहेण $ तुह विरहेॅण $ सामिणि मरइ" णिरुत्तउ
कण्ड १, संधि १५, कडवक १३॒
{प॰च॰१५,१३.१} उवरम्भ समिच्छहि अज्जु जइ $ तो जं चिन्तहि तं संभवइ
{प॰च॰१५,१३.२} आसाली सिज्झइ पुरवरु वि $ सुअरिसणु चक्कु णलकुव्वरु वि"
{प॰च॰१५,१३.३} तं णिसुणेॅवि सुट्ठु वियक्खणहेॅ $ अवलोइउ वयणु विहीसणहेॅ
{प॰च॰१५,१३.४} पइसारिय दूई मज्जणऍ $ थिय वे वि सहोयर मन्तणऍ
{प॰च॰१५,१३.५} "अहेॅ साहसु पभणइ पहु मुयवि $ जं महिल करइ तं पुरिसु ण वि
{प॰च॰१५,१३.६} दुम्महिल जि भीसण जम-णयरि $ दुम्महिल जि असणि जगन्त-यरि
{प॰च॰१५,१३.७} दुम्महिल जि स-विस भुयङ्ग-फड $ दुम्महिल जि वइवस-महिस-झड
{प॰च॰१५,१३.८} दुम्महिल जि गरुय वाहि णरहेॅ $ दुम्महिल जि वग्घि मज्झेॅ घरहेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१३.९} भणइ विहीसणु $ सुह-दंसणु $ "एत्थु एउ णउ घट्टइ
सामि णिसण्णहेॅ $ णउ अण्णहेॅ $ भेयहेॅ अवसरु वट्टइ
कण्ड १, संधि १५, कडवक १४॒
{प॰च॰१५,१४.१} जइ कारणु वइरिं सिद्धऍण $ णयरें धण-कणय-समिद्धऍण
{प॰च॰१५,१४.२} तो कवडेण वि "इच्छामि" भणु $ पुण्णालि असच्चि दोसु कवणु
{प॰च॰१५,१४.३} छुडु केम वि विज्ज समावडउ $ उवरम्भ तुज्झु पुणु मा ऽऽवडउ"
{प॰च॰१५,१४.४} तं णिसुणेॅवि गउ दहगीउ तहिॅ $ मज्जणयहेॅ णिग्गय दूइ जहिॅ
{प॰च॰१५,१४.५} देवङ्गइँ वत्थइँ ढोइयइँ $ आहरणइँ रयणुज्जोइयइँ
{प॰च॰१५,१४.६} केऊर-हार-कडिसुत्ताइँ $ णेउरइँ कडय-संजुत्ताइँ
{प॰च॰१५,१४.७} अवरइ मि देवि तोसिय-मणेॅण $ आसाल-विज्ज मग्गिय खणेॅण
{प॰च॰१५,१४.८} ताऍ वि दिण्ण परितुट्ठियाऍ $ णिय हाणि ण जाणिय मुट्ठियाऍ
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१४.९} ताव विसालिय $ आसालिय $ णहेॅ गज्जन्ति पराइय
तं विज्जाहरु $ णलकुव्वरु $ मुऍवि णाइँ सिय आइय
कण्ड १, संधि १५, कडवक १५॒
{प॰च॰१५,१५.१} गय दूई किउ कलयलु भडेॅहिॅ $ परिवेढिउ पुरवरु गय-घडेॅहिॅ
{प॰च॰१५,१५.२} सण्णहेॅवि समरेॅ णिच्छिय-मणहेॅ $ णलकुव्वरु भिडिउ विहीसणहेॅ
{प॰च॰१५,१५.३} वलु वलहेॅ महाहवेॅ दुज्जयहेॅ $ रहु रहहेॅ गइन्दु महागयहेॅ
{प॰च॰१५,१५.४} हउ हयहेॅ णराहिवु णरवरहेॅ $ पहरण-धरु वर-पहरण-धरहेॅ
{प॰च॰१५,१५.५} चिन्धिउ चिन्धियहेॅ समावडिउ $ वइमाणिउ वइमाणिहेॅ भिडिउ
{प॰च॰१५,१५.६} तहिॅ तुमुलेॅ जुज्झेॅ भीसावणेॅण $ जिह सहसकिरणु रणेॅ रावणेॅण
{प॰च॰१५,१५.७} तिह विरहु करेविणु तक्खणेॅण $ णलकुव्वरु धरिउ विहीसणेॅण
{प॰च॰१५,१५.८} सह्ũ पुरेॅण सिद्धु तं सुअरिसणु $ उवरम्भ ण इच्छइ दहवयणु
घत्ता॒
{प॰च॰१५,१५.९} सो ज्जेॅ पुरेसरु $ णलकुव्वरु $ णियय केर लेवाविउ
समउ सरम्भऍ $ उवरम्भऍ $ रज्जु स इं भु ञ्जाविउ
[१६. सोलहमो संधि] ----------
णलकुव्वरे धरियऍ $ विजऍ घुट्ठेॅ वइरिहेॅ तणऍ
णिय-मन्तिहिॅ सहियउ $ इन्दु परिट्ठिउ मन्तणऍ
कण्ड १, संधि १६, कडवक १॒
{प॰च॰१६,१.१} जे गूढपुरिस पट्ठविय तेण $ ते आय पडीवा तक्खणेण
{प॰च॰१६,१.२} परिपुच्छिय "लइ अक्खहेॅ दवत्ति $ केहउ पहु केहिय तासु सत्ति
{प॰च॰१६,१.३} किं वलु केहउ पाइक्क-लोउ $ किं वसणु कवणु गुणु को विणोउ
{प॰च॰१६,१.४} तं णिसुणेॅवि दणु-गुण-पेरिएहिॅ $ सहसक्खहेॅ अक्खिउ हेरिएहिॅ
{प॰च॰१६,१.५} "परमेसर रणेॅ रावणु अचिन्तु $ उच्छाह-मन्त-पहु-सत्ति-वन्तु
{प॰च॰१६,१.६} चउ-विज्ज-कुसलु छग्गुण-णिवासु $ छव्विह-वलु सत्त-पयइ-पयासु
{प॰च॰१६,१.७} सत्तविह-वसण-विरहिय-सरीरु $ वहु-वुद्धि-सत्ति-खम-काल-धीरु
{प॰च॰१६,१.८} अरिवर-छव्वग्ग-विणासयालु $ अट्ठारहविह-तित्थाणुपालु
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१.९} तहेॅ केरऍ साहणेॅ $ सव्वु सामि-सम्माणियउ
णउ कुद्धउ लुद्धउ $ को वि भीरु अवमाणियउ
का तिस्रः शक्तयः प्रभूशक्तिः उत्साहशक्तिः मन्त्रशक्तिश् चेति.
का चतस्रो विद्याः आन्वीक्षिकी त्रयी वार्त्ता दण्डनीतिश् चेति. साङ्ख्यो योगो लोकायतं चान्वीक्षिकी सामर्ग्यजुर्वेदास्त्रयी कृषिः पाशुपाल्यं वाणिज्यं वार्ता च आन्वीक्षिकी-त्रयी-वार्तानां योगक्षेमसाधनो दण्डस् तस्य नीतिर् इति.
षड्गुणाः के ते संधि-विग्रह-यानासन-संश्रय-द्वैधीभावाः.
किं तद् षड्विधं बलम् मूलबलम् भृत्यबलम् श्रेणीबलम् मित्रबलम् अमित्रबलम् आटविकबलं चेति.
का सप्त प्रकृतयः स्वाम्यमात्य-जनपद-दुर्ग-कोश-बल (व्.ल्. दण्ड)-मित्राणि.
कानि सप्त व्यसनानि पानम् द्यूतम् स्त्री मृगया पारुष्यम् दण्डपारुष्यम् अर्थदूषणं चेति. तत्रादौ चत्वारि कामजानि त्रीणि कोपजानि.
को ऽरिषड्वर्गः काम-क्रोध-लोभ-मान-मद-हर्षाः.
कान्यष्टादश तीर्थानि मन्त्रि-पुरोहित-सेनापति-युवराज-दौवारिकान्तर्वशिक-प्रशस्तृ-समाहर्तृ-संविधातृ-प्रदेष्टृ-नायक-पौरव्यावहारिक-कर्मान्त्रिक-मन्त्रिपरिषड्-दण्डदुर्गान्तपालाटविकाः.
पसाहणि [अ]ष्टाङ्गानि ते.
कण्ड १, संधि १६, कडवक २॒
{प॰च॰१६,२.१} विणु णित्तिऍ एक्कु वि पउ ण देइ $ अट्ठविह-विणोएं दिवसु णेइ
{प॰च॰१६,२.२} पहरद्धु पयाव-गवेसणेण $ अन्तेउर-रक्खण-पेसणेण
{प॰च॰१६,२.३} पहरद्धु णवरु कन्दुअ-खणेण $ अहवइ अत्थाण-णिवन्धणेण
{प॰च॰१६,२.४} पहरद्धु ण्हाण-देवच्चणेण $ भोयण-परिहाण-विलेवणेण
{प॰च॰१६,२.५} पहरद्धु दव्व-अवलोयणेण $ पाहुड-पडिपाहुड-ढोयणेण
{प॰च॰१६,२.६} पहरद्धु लेह-वायण-खणेण $ सासणहर-हेरि-विसज्जणेण
{प॰च॰१६,२.७} पहरद्धु सइर-पविहारणेण $ अहवइ अब्भन्तर-मन्तणेण
{प॰च॰१६,२.८} पहरद्धु सयल-वल-दरिसणेण $ रह-गय-हय-हेइ-गवेसणेण
घत्ता॒
{प॰च॰१६,२.९} पहरद्धु णराहिउ $ सेणावइ-संभावणेॅण
जम-थाणेॅ परिट्ठिउ $ परमण्डल-आरूसणेॅण
कण्ड १, संधि १६, कडवक ३॒
{प॰च॰१६,३.१} जिह दिवसु तेम गिव्वाण-राय $ णिसि णेइ करेप्पिणु अट्ठ भाय
{प॰च॰१६,३.२} पहिलऍ पहरद्धेॅ विचिन्तमाणु $ अच्छइ णिगूढु पुरिसेॅहिॅ समाणु
{प॰च॰१६,३.३} वीयऍ पुणो वि ण्हाणासणेण $ अहवइ णरवइ-सुह-दंसणेण
{प॰च॰१६,३.४} तइयऍ जय-तूर-महारवेण $ अन्तेउरु विसइ मणुच्छवेण
{प॰च॰१६,३.५} चउत्थऍ पञ्चमेॅ सोवण-खणेॅण $ चउदिसु दिढेण परिरक्खणेण
{प॰च॰१६,३.६} छट्टऍ हय-पडह-विउज्झणेण $ सव्वत्थसत्थ-परिवुज्झणेण
{प॰च॰१६,३.७} सत्तमेॅ मन्तिहिॅ सह्ũ मन्तणेण $ णिय-रज्ज-कज्ज-परिचिन्तणेण
{प॰च॰१६,३.८} अट्ठमेॅ सासणहर-पेसणेण $ सुविहाणेॅ वेज्ज-संभासणेण
{प॰च॰१६,३.९} महणसि-परिपुच्छण-आसणेण $ णिम्मित्ति-पुरोहिय-घोसणेण
घत्ता॒
{प॰च॰१६,३.१०} इय सोलह-भाऍहिॅ $ दिवसु वि रयणि वि णिव्वहइ
मणु जुज्झहेॅ उप्परि $ तासु णिरारिउ उच्छहइ
कण्ड १, संधि १६, कडवक ४॒
{प॰च॰१६,४.१} तुम्हह्ũ घइँ एक्क वि णाहिॅ तत्ति $ सुविणऍ वि ण हुय उच्छाह-सत्ति
{प॰च॰१६,४.२} वालत्तणेॅ जें णउ णिहउ सत्तु $ णह-मेत्तु जि कियउ कुढार-मेत्तु
{प॰च॰१६,४.३} जइयह्ũ णामउ छुडु छुडु दसासु $ जइयह्ũ साहिउ विज्जा-सहासु
{प॰च॰१६,४.४} जइयह्ũ करेॅ लग्गउ चन्दहासु $ जइयह्ũ मन्दोवरि दिण्ण तासु
{प॰च॰१६,४.५} जइयह्ũ सुरसुन्दरु वद्धु कणउ $ जइयह्ũ ओसारिउ समरेॅ धणउ
{प॰च॰१६,४.६} जइयह्ũ जगभूसणु धरिउ णाउ $ जइयह्ũ परिहविउ कियन्त-राउ
{प॰च॰१६,४.७} जइयह्ũ सु-तणूयरि गउ हरेवि $ अण्णु वि रयणावलि करेॅ धरेवि
{प॰च॰१६,४.८} तइयह्ũ जेॅ णाहिॅ जं णिहउ सत्तु $ तं एवहिॅ वड्डारउ पयत्तु"
घत्ता॒
{प॰च॰१६,४.९} वुच्चइ सहसक्खें $ "किं केसरि सिसु-करि वहइ
पच्चेल्लिउ हुअवहु $ सुक्कउ पायउ सुहु डहइ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक ५॒
{प॰च॰१६,५.१} पच्चुत्तरु देवि गइन्द-गमणु $ पुणु ढुक्कु सक्कु एक्कन्त-भवणु
{प॰च॰१६,५.२} जहिॅ भेउ ण भिन्दइ को वि लोउ $ जहिॅ सुअ-सारियह्ũ वि णाहिॅ ढोउ
{प॰च॰१६,५.३} तहिॅ पइसेॅवि पभणइ अमर-राउ $ "रिउ दुज्जउ एवहिॅ को उवाउ
{प॰च॰१६,५.४} किं सामु भेउ किं उववयाणु $ किं दण्डु अवुज्झिय-परिपमाणु
{प॰च॰१६,५.५} किं कम्मारम्भुववाय-मन्तु $ किं पुरिस-दव्व-संपत्ति-वन्तु
{प॰च॰१६,५.६} किं देस-काल-पविहाय-सारु $ किं विणिवाइय-पडिहार-चारु
{प॰च॰१६,५.७} किं कज्ज-सिद्धि पञ्चमउ मन्तु $ को सुन्दरु सच्चु वि सारवन्तु"
{प॰च॰१६,५.८} तो भारदुवाएं वुत्तु एम $ "जं पइँ पारद्धउ तं जि देव
{प॰च॰१६,५.९} कज्जन्तेॅ णवर णिव्वडइ छेउ $ पर मन्तिहिॅ केवलु मन्त-भेउ"
{प॰च॰१६,५.१०} तं णिसुणेॅवि भणइ विसालचक्खु $ "ऍहु पइँ उग्गाहिउ कवणु पक्खु
घत्ता॒
{प॰च॰१६,५.११} ता अच्छउ सुरवइ $ जो णीसेसु रज्जु करइ
पहु मन्ति-विहूणउ $ चउरङ्गिहि मि ण संचरइ
कण्ड १, संधि १६, कडवक ६॒
{प॰च॰१६,६.१} पारासरु पभणइ "विहिॅ मणोज्जु $ णउ एक्कें मन्तिऍ रज्ज-कज्जु"
{प॰च॰१६,६.२} पिसुणेण वुत्तु "वेण्णि वि ण होन्ति $ अवरोप्परु घडेॅवि कु-मन्तु देन्ति"
{प॰च॰१६,६.३} कउटिल्लें वुच्चइ "कवण भन्ति $ तिण्णि वि चेयारि वि चारु मन्ति"
{प॰च॰१६,६.४} मणु चवइ "गरुअ वारहह्ũ वुद्धि $ णउ एक्कें विहिॅ तिहिॅ कज्ज-सिद्धि"
{प॰च॰१६,६.५} तं णिसुणेॅवि पभणइ अमरमन्ति $ "अइसुन्दरु जइ सोलह हवन्ति"
{प॰च॰१६,६.६} भिगुणन्दणु वोल्लइ "वुद्धिवन्तु $ अकिलेसें वीसहिॅ होइ मन्तु"
{प॰च॰१६,६.७} तं णिसुणेॅवि चवइ सहासणयणु $ विणु मन्ति-सहासें मन्तु कवणु
{प॰च॰१६,६.८} अण्णहेॅ अण्णारिस होइ वुद्धि $ अकिलेसें सिज्झइ कज्ज-सिद्धि"
घत्ता॒
{प॰च॰१६,६.९} जयकारिउ सव्वेॅहिॅ $ "अम्हह्ũ केरी बुद्धी जइ
तो समउ दसासें $ सुन्दर सन्धि सुराहिवइ
कण्ड १, संधि १६, कडवक ७॒
{प॰च॰१६,७.१} वुह अत्थसत्थ पभणन्ति एव $ कहिॅ लब्भइ उत्तम सन्धि देव
{प॰च॰१६,७.२} एक्कु वि मालिहेॅ सिरु खुडेॅवि घित्तु $ अण्णु वि जइ रावणु होइ मित्तु
{प॰च॰१६,७.३} तो तउ परमेसर कवण हाणि $ अहि असइ तो वि सिहि महुर-वाणि
{प॰च॰१६,७.४} जइ साम-भेय-दाणेॅहिॅ जि सिद्धि $ तो दण्डेॅ पउञ्जिऍ कवण विद्धि
{प॰च॰१६,७.५} अच्छन्ति वालि-रणु संभरेवि $ सुग्गीव-चन्दकर कुद्ध वे वि
{प॰च॰१६,७.६} णल-णील ते वि हियवऍ असुद्ध $ सुव्वन्ति णिरारिउ अत्थ-लुद्ध
{प॰च॰१६,७.७} खर-दूसणा वि णिय-पाण-भीय $ कज्जेण जेण चन्दणहि णीय
{प॰च॰१६,७.८} माहेसरपुरवइ-मरु णरिन्द $ अवमाणेॅवि वसिकिय जिह गइन्द
घत्ता॒
{प॰च॰१६,७.९} आएहिॅ उवाऍहिॅ $ भेइज्जन्ति णराहिवइ
दहवयण-णिहेलणु $ जाइ दूउ चित्तङ्गु जइ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक ८॒
{प॰च॰१६,८.१} तं मन्ति-वयणु पडिवण्णु तेण $ चित्तङ्गउ कोक्किउ तक्खणेण
{प॰च॰१६,८.२} सिक्खवइ पुरन्दरु किं पि जाम $ गउ णारउ रावण-भवणु ताम
{प॰च॰१६,८.३} "ओसारेॅवि दिज्जइ कण्ण-जाउ $ परिरक्खहि खन्धावारु साउ
{प॰च॰१६,८.४} आवेसइ इन्दहेॅ तणउ दूउ $ चउवीस-पवर-गुण-सार-भूउ
{प॰च॰१६,८.५} सो भेउ करेसइ णरवराहँ $ सुग्गीव-पमुह-विज्जाहराहँ
{प॰च॰१६,८.६} सह्ũ तेण महुर-वयणेहिॅ तेव $ वोल्लिज्जइ सन्धि ण होइ जेव
{प॰च॰१६,८.७} सो थोवउ तुह्ũ पुणु पवलु अज्जु $ आवग्गउ जेॅ लइ हरेवि रज्जु
{प॰च॰१६,८.८} एत्थु जेॅ अवसरेॅ संगामेॅ सक्कु $ सङ्किज्जइ णंतो पुणु असक्कु
घत्ता॒
{प॰च॰१६,८.९} मरु-जग्गेॅ दसाणण $ जं पइँ विग्घहँ रक्खियउ
उवयारहेॅ तहेॅ मइँ $ परम-भेउ ऍहु अक्खियउ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक ९॒
{प॰च॰१६,९.१} गउ णारउ कहि मि णहङ्गणेण $ सेणावइ वुत्तु दसाणणेण
{प॰च॰१६,९.२} "पर-गूढपुरिस ण विसन्ति जेम $ परिरक्खहि खन्धावारु तेम
{प॰च॰१६,९.३} एत्तडिय परोप्परु वोल्ल जाव $ चित्तङ्गु स-सन्दणु आउ ताव
{प॰च॰१६,९.४} पुर-रट्ठाडवि वहु संथवन्तु $ णक्खन्तोमालियहन्ति-वन्तु (?)
{प॰च॰१६,९.५} रण-दुग्ग-परिग्गह-महि णियन्तु $ उत्तरहेॅ पडुत्तरु चिन्तवन्तु
{प॰च॰१६,९.६} वहुसंथ-वुद्धि-णीइउ सरन्तु $ मारिच्चि-भवणु पइसइ तुरन्तु
{प॰च॰१६,९.७} स-सणेहु समाइच्छिउ करेवि $ णिउ पासु णरिन्दहेॅ करेॅ धरेवि
{प॰च॰१६,९.८} वइसणउ दिण्णु संवाहु थोरु $ चूडामणि कण्ठउ कडउ दोरु
{प॰च॰१६,९.९} पुज्जेप्पिणु कप्पिणु गुण-सयाइँ $ पुणु पुच्छिउ "वलह्ũ पमाणु काइँ"
घत्ता॒
{प॰च॰१६,९.१०} वुच्चइ चित्तङ्गेॅण $ "किं देवहेॅ सीसइ णरेॅण
तं कवणु दुलङ्घउ $ जं ण वि दिट्ठु दिवायरेॅण
कण्ड १, संधि १६, कडवक १०॒
{प॰च॰१६,१०.१} तं वयणु सुणेॅवि परितुट्ठु राउ $ "मइँ चिन्तिउ को वि कु-दूउ आउ
{प॰च॰१६,१०.२} जिम सासणहरु जिम परिमियत्थु $ एवहिॅ मुणिओ ऽसि णिसिद्ध-अत्थु
{प॰च॰१६,१०.३} धण्णउ सुरवइ तुह्ũ जासु अत्तु $ वर-पञ्चवीस-गुण-रिद्धि पत्तु
{प॰च॰१६,१०.४} भणु भणु पेसिउ कज्जेण केण" $ विहसेवि वुत्तु चित्तंगएण
{प॰च॰१६,१०.५} "पहु सुन्दर अम्हह्ũ तणिय वुद्धि $ सुहु जीवह्ũ वे वि करेवि सन्धि
{प॰च॰१६,१०.६} रूववइ-णाम रूवें पसण्ण $ परिणेप्पिणु इन्दहेॅ तणिय कण्ण
{प॰च॰१६,१०.७} करि लङ्का-णयरिहेॅ विजय-जत्त $ चल लच्छि मणूसहेॅ कवण मत्त
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१०.८} इमु वयणु महारउ $ तुम्हहँ सव्वहँ थाउ मणेॅ
जिह मोक्खु कु-सिद्धहेॅ $ तेम ण सिज्झइ इन्दु रणेॅ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक ११॒
{प॰च॰१६,११.१} तं सुणेॅवि सत्तु-संतावणेण $ चित्तङ्गउ पभणिउ रावणेण
{प॰च॰१६,११.२} "वेयड्ढहेॅ सेढिहिॅ जाइँ ताइँ $ पण्णास व सट्ठि वि पुरवराइँ
{प॰च॰१६,११.३} सव्वइँ महु अप्पेॅवि सन्धि करहेॅ $ णं तो कल्लऍ संगामेॅ मरहेॅ"
{प॰च॰१६,११.४} तं णिसुणेॅवि पहरिसियङ्गएण $ दहवयणु वुत्तु चित्तङ्गएण
{प॰च॰१६,११.५} "एक्कु वि सुरवइ सयम् एव उग्गु $ अण्णु वि रहणेउर-णयरु दुग्गु
{प॰च॰१६,११.६} परिभमियउ परिहउ तिण्णि तासु $ सरिसाउ जाउ रयणायरासु
{प॰च॰१६,११.७} संकम वि चयारि चउद्दिसासु $ चउ-वारइँ एक्केक्कऍ सहासु
{प॰च॰१६,११.८} वलवन्तह्ũ जन्तह्ũ भीसणाहँ $ अक्खोहणि अक्खोहणि घणाहँ
घत्ता॒
{प॰च॰१६,११.९} जोयण-परिमाणें $ जो ढुक्कउ सो णउ जियइ
जिह दुज्जण-वयणह्ũ $ को वि ण पासु समिल्लियइ
कण्ड १, संधि १६, कडवक १२॒
{प॰च॰१६,१२.१} जसु एहउ अत्थि सहाउ दुग्गु $ अण्णु वि साहणु अच्चन्त-उग्गु
{प॰च॰१६,१२.२} जसु अट्ठ लक्ख भड्डह्ũ गयाह्ũ $ वारह मन्दह्ũ सोलह मयाह्ũ
{प॰च॰१६,१२.३} संकिण्ण-गइन्दह्ũ वीस लक्ख $ रह-तुरय-भडहँ पुणु णत्थि सङ्ख
{प॰च॰१६,१२.४} एहउ पहिलारउ मूल-सेण्णु $ वलु वीयउ भिच्चहँ तणउ अण्णु
{प॰च॰१६,१२.५} तइयउ सेणी-वलु दुण्णिवारु $ चउथउ मित्त-वलु अणाय-पारु
{प॰च॰१६,१२.६} दुज्जउ पञ्चमउ अमित्त-सेण्णु $ छट्ठउ आडविउ अणाय-गण्णु
{प॰च॰१६,१२.७} रावण पुणु वूहहँ णाहिॅ छेउ $ अमरा वि वलहँ ण मुणन्ति भेउ"
{प॰च॰१६,१२.८} हय-गय-रह-णर-जुज्झह्ũ तहेव $ सो सुरवइ जिज्जइ समरेॅ केव"
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१२.९} वुच्चइ दहवयणें $ "जइ तं जिणमि ण आहयणेॅ
तो अप्पउ घत्तमि $ जालामालाउलेॅ जलणेॅ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक १३॒
{प॰च॰१६,१३.१} इन्दइ पभणइ "सुर-सार-भूअ $ किं जम्पिएण वहवेण दूअ
{प॰च॰१६,१३.२} जं किउ जम-धणयह्ũ विहि मि ताहँ $ जं सहसकिरण-णलकुव्वराहँ
{प॰च॰१६,१३.३} तं तुह वि करेसइ ताउ अज्जु $ लहु ठाउ पुरन्दरु जुज्झ-सज्जु"
{प॰च॰१६,१३.४} तं वयणु सुणेॅवि उट्ठन्तएण $ चित्तङ्गें वुच्चइ जन्तएण
{प॰च॰१६,१३.५} "णिम्मन्तिओ ऽसि इन्देण देव $ विजयन्तें इन्दइ तुहु मि तेव
{प॰च॰१६,१३.६} सिरिमालि कुमारेॅहिॅ ससिधएहिॅ $ सुग्गीव तुहु मि सीहद्धएहिॅ
{प॰च॰१६,१३.७} जमराएं जम्वव-णील-णलहेॅ $ हरिकेसिं हत्थ-पहत्थ-खलहेॅ
{प॰च॰१६,१३.८} सोमेण विहीसण कुम्भयण्ण $ अवरेहि मि केहि मि के वि अण्ण
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१३.९} परिवाडिऍ तुम्हह्ũ $ दिण्णउ एउ णिमन्तणउ
भुञ्जेवउ सव्वेॅहिॅ $ गरुअ-पहारा-भोयणउ"
कण्ड १, संधि १६, कडवक १४॒
{प॰च॰१६,१४.१} गउ एम भणेॅवि चित्तङ्गु तेत्थु $ सुर-परिमिउ सुरवर-राउ जेत्थु
{प॰च॰१६,१४.२} "परमेसर दुज्जउ जाउहाणु $ ण करेइ सन्धि तुम्हेॅहिॅ समाणु"
{प॰च॰१६,१४.३} तं णिसुणेॅवि पवलु अराइ-पक्खु $ सण्णज्झइ सरहसु दससयक्खु
{प॰च॰१६,१४.४} हय भेरि-तूर पडु पडह वज्ज $ किय मत्त महागय सारि-सज्ज
{प॰च॰१६,१४.५} पक्खरिय तुरङ्गम जुत्त सयड $ जस-लुद्ध कुद्ध सण्णद्ध सुहड
{प॰च॰१६,१४.६} वीसावसु वसु रण-भर-समत्थ $ जम-ससि-कुवेर पहरण-विहत्थ
{प॰च॰१६,१४.७} किंपुरिस गरुड गन्धव्व जक्ख $ किण्णर णर अमर विरल्लियक्ख
{प॰च॰१६,१४.८} जं णयर-पओलिहिॅ वलु ण माइ $ तं णहयलेण उप्पऍवि जाइ
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१४.९} सण्णहेॅवि पुरन्दरु $ णिग्गउ अइरावऍ चडिउ
णं विञ्झहेॅ उप्परि $ सरय-महाघणु पायडिउ
कण्ड १, संधि १६, कडवक १५॒
{प॰च॰१६,१५.१} मिग-मन्द-भद्द-संकिण्ण-गऍहिॅ $ घड विरऍवि पञ्चहिॅ चाव-सऍहिॅ
{प॰च॰१६,१५.२} थिउ अग्गऍ पच्छऍ भड-समूहु $ सेणावइ-मन्तिहिॅ रइउ वूहु
{प॰च॰१६,१५.३} सुरवर स-पवर-पहरण कराल $ घण-कक्खहिॅ पक्खहिॅ लोयवाल
{प॰च॰१६,१५.४} डसियाहर रत्तुप्पल-दलक्ख $ गऍ गऍ पण्णारह गत्त-रक्ख
{प॰च॰१६,१५.५} हय पञ्च पञ्च चञ्चल वलग्ग $ भड तिण्णि तिण्णि हऍ हऍ स-खग्ग
{प॰च॰१६,१५.६} ऍउ जेत्तिउ रक्खणु गयवरासु $ तेत्तिउ जेॅ पुणु वि थिउ रहवरासु
{प॰च॰१६,१५.७} चउदह अङ्गुलिहिॅ णरो णरासु $ रयणिहिॅ तिहिॅ तिहिॅ हउ हयवरासु
{प॰च॰१६,१५.८} पञ्चहिॅ पञ्चहिॅ गउ गयवरासु $ धाणुक्किउ छहिॅ धाणुक्कियासु
घत्ता॒
{प॰च॰१६,१५.९} तं वूहु रएप्पिणु $ भीसणु तूर-वमालु किउ
समरङ्गणेॅ मेइणि $ सक्कु स इं भू सेवि थिउ
[१७. सत्तरहमो संधि] ----------
मन्तणऍ समत्तऍ $ दूऍ णियत्तऍ $ उभय-वलहँ अमरिसु चडइ
तइलोक्क-भयङ्करु $ सुरवर-डामरु $ रावणु इन्दहेॅ अब्भिडइ
कण्ड १, संधि १७, कडवक १॒
{प॰च॰१७,१.१} किय करि सारि-सज्ज पक्खरिय तुरय-थट्टा $ उब्भिय धय-णिहाय स-विमाण रह पयट्टा
{प॰च॰१७,१.२} आहय समर-भेरि भीसावणि $ सुरवर-वइरि-वीर-कम्पावणि
{प॰च॰१७,१.३} हत्थ-पहत्थ करेॅवि सेणावइ $ दिण्णु पयाणउ पचलिउ णरवइ
{प॰च॰१७,१.४} कुम्भयण्णु लङ्केस-विहीसण $ णल-सुग्गीव-णील-खर-दूसण
{प॰च॰१७,१.५} मय-मारिच्च-भिच्च-सुअसारण $ अङ्गङ्गय-इन्दइ-घणवाहण
{प॰च॰१७,१.६} रण-रसेण भिज्जन्त पधाइय $ णिविसें समर-भूमि संपाविय
{प॰च॰१७,१.७} पञ्चहिॅ धणु-सएहिॅ पहु देप्पिणु $ रिउ-वूहहेॅ पडिवूहु रएप्पिणु
{प॰च॰१७,१.८} णिवडिउ जाउहाण-वलु सुर-वलेॅ $ पहय-पडह-परिवड्ढिय-कलयलेॅ
{प॰च॰१७,१.९} जाउ महाहउ भुवण-भयङ्करु $ उट्ठिउ रउ मइलन्तु दियन्तरु
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१.१०} णर-हय-गय-गत्तइँ $ रह-धय-छत्तइँ $ सव्वइँ खणेॅ उद्धूलियइँ
जिह कुलइँ दुपुत्तें $ तिह वड्ढन्तें $ वेण्णि वि सेण्णइँ मइलियइँ
कण्ड १, संधि १७, कडवक २॒
{प॰च॰१७,२.१} विब्भम-हाव-भाव-भूभङ्गुरच्छराइं $ जायइँ सुर-विमाणइं धूलिधूसराइं
{प॰च॰१७,२.२} ताव हेइ-घट्टणेण करालउ $ उच्छलियउ सिहि-जाला-मालउ
{प॰च॰१७,२.३} सिवियहिॅ छत्त-धऍहिॅ लग्गन्तिउ $ अमर-विमाण-सयाइँ दहन्तिउ
{प॰च॰१७,२.४} पुणु पच्छलेॅ सोणिय-जल-धारउ $ रय-पसमणउ हुआस-णिवारउ
{प॰च॰१७,२.५} ताहिॅ असेसु दिसामुहु सित्तउ $ थिउ णहु णाइँ कुसुम्भऍ घित्तउ
{प॰च॰१७,२.६} अण्णउ परियत्तउ गयणङ्गहेॅ $ णं घुसिणोलिउ णह-सिरि-अङ्गहेॅ
{प॰च॰१७,२.७} जाय वसुन्धरि रुहिरायम्विरि $ सरहस-सुहड-कवन्ध-पणच्चिरि
{प॰च॰१७,२.८} करि-सिर-मुत्ताहलेॅहिॅ विमीसिय $ सञ्झ व ताराइण्ण पदीसिय
{प॰च॰१७,२.९} रह खुप्पन्ति वहन्ति ण चक्कइँ $ वाहण-जाण-विमाणइँ थक्कइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१७,२.१०} तेहऍ वि महारणेॅ $ मेइणि-कारणेॅ $ रत्तेॅ तरन्तेॅ तरन्ति णर
जुज्झन्ति स-मच्छर $ तोसिय-अच्छर $ णाइँ महण्णवेॅ वारियर
कण्ड १, संधि १७, कडवक ३॒
{प॰च॰१७,३.१} तो गज्जन्त-मत्त-मायङ्ग-वाहणेणं $ अमरिस-कुद्धएण गिव्वाण-साहणेणं
{प॰च॰१७,३.२} जाउहाण-साहणु पडिपेल्लिउ $ णं खय-सायरेण जगु रेल्लिउ
{प॰च॰१७,३.३} णिसियर परिभमन्ति पहरण-भुअ $ णं आवत्त-छुद्ध जल-वुव्वुव
{प॰च॰१७,३.४} पेक्खेॅवि णिय-वलु ओहट्टन्तउ $ सुर-वगलामुहेॅ आवट्टन्तउ
{प॰च॰१७,३.५} पेक्खेॅवि उत्थल्लन्तइँ छत्तइँ $ मत्त-गयह्ũ भिज्जन्तइँ गत्तइँ
{प॰च॰१७,३.६} पेक्खेॅवि फुट्टन्तइँ रह-वीढइँ $ जाण-विमाणइँ भमरुवगीढइँ
{प॰च॰१७,३.७} पेक्खेॅवि हयवर पाडिज्जन्ता $ सुहड-मडप्फर साडिज्जन्ता
{प॰च॰१७,३.८} आयामेप्पिणु रह-गय-वाहणेॅ $ भिडिउ पसण्णकित्ति सुर-साहणेॅ
{प॰च॰१७,३.९} वाणर-चिन्धु महागय-सन्दणु $ चाव-विहत्थु महिन्दहेॅ णन्दणु
घत्ता॒
{प॰च॰१७,३.१०} णर-हय-गय तज्जेॅवि $ रह-धय भञ्जेॅवि $ वूहहेॅ मज्झेॅ पइट्ठु किह
वम्मेॅहिॅ विन्धन्तउ $ जीविउ लिन्तउ $ कामिणि-हियउ वियड्ढु जिह
कण्ड १, संधि १७, कडवक ४॒
{प॰च॰१७,४.१} सुरवर-किङ्करेहिॅ उत्थरेॅवि अहिमुहेहिं $ लइउ पसण्णकित्ति तिक्खेहिॅ सिलिमुहेहिं
{प॰च॰१७,४.२} तो एत्थन्तरेॅ दिढ-भुअ-डालें $ रावण-पित्तिएण सिरिमालें
{प॰च॰१७,४.३} रहवरु वाहिउ सुरवर-वन्दहेॅ $ पढमउ भिट्टु महाहवेॅ चन्दहेॅ
{प॰च॰१७,४.४} कुन्त-विहत्थहेॅ सीहारूढहेॅ $ जयसिरि-पवर-णारि-अवगूढहेॅ
{प॰च॰१७,४.५} "अरेॅ स-कलङ्क वङ्क महिलाणण $ पुरउ म थाहि जाहि मयलञ्छण"
{प॰च॰१७,४.६} तं णिसुणेॅवि ओकण्डिय-माणउ $ ल्हसिउ मियङ्कु थक्कु जमराणउ
{प॰च॰१७,४.७} महिसारूढु दण्ड-पहरण-धरु $ तिहुअण-जण-मण-णयण-भयङ्करु
{प॰च॰१७,४.८} सो वि समुत्थरन्तु दणु-दुट्ठउ $ किउ णिविसद्धें पाराउट्ठउ
{प॰च॰१७,४.९} ताम कुवेरु थक्कु सवडम्मुहु $ किउ णाराऍहिॅ सो वि परम्मुहु
घत्ता॒
{प॰च॰१७,४.१०} सिरिमालि धणुद्धरु $ रणमुहेॅ दुद्धरु $ धरेॅवि ण सक्किउ सुरवरेॅहिॅ
संताउ करन्तउ $ पाण हरन्तउ $ वम्महु जेम कु-मुणिवरेॅहिॅ
कण्ड १, संधि १७, कडवक ५॒
{प॰च॰१७,५.१} भग्गेॅ कियन्तेॅ समरेॅ तो ससि-कुवेर-राए $ केसरि-कणय-हुअवहा मल्लवन्त-जाए
{प॰च॰१७,५.२} तिण्णि वि भिडिय खत्तु आमेल्लेॅवि $ धय-धूवन्त महारह पेल्लेॅवि
{प॰च॰१७,५.३} तीहि मि समकण्डिउ रयणीयरु $ णं धाराहर-घणेॅहिॅ महीहरु
{प॰च॰१७,५.४} सरवर-सरवरेहिॅ विणिवारिय $ तिण्णि वि पुट्ठि देन्त ओसारिय
{प॰च॰१७,५.५} अमर-कुमार णवर उद्धाइय $ रिउ जिह एक्कहिॅ मिलेॅवि पराइय
{प॰च॰१७,५.६} लइय सिलीमुहेहिॅ सिरिमालिं $ परम-जिणिन्द-चरण-कमलालिं
{प॰च॰१७,५.७} अद्धससीहिॅ सीस उच्छिण्णइँ $ णं णीलुप्पलाइँ विक्खिण्णइँ
{प॰च॰१७,५.८} जउ जउ जाउहाणु परिसक्कइ $ तउ तउ अहिमुहु को वि ण थक्कइ
{प॰च॰१७,५.९} णिऍवि कुमार-सिरइँ छिज्जन्तइँ $ रण-देवयहेॅ वलि व दिज्जन्तइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१७,५.१०} सहसक्खु विरुज्झइ $ किर सण्णज्झइ $ ताव जयन्तें दिण्णु रहु
"मइँ ताय जियन्तें $ सुहड-कयन्तें $ अप्पुणु पहरणु धरहि कहु"
कण्ड १, संधि १७, कडवक ६॒
{प॰च॰१७,६.१} जयकारेवि सुरवइं धाइओ जयन्तो $ "णिसियर थाहि थाहि कहिॅ जाहि महु जियन्तो
{प॰च॰१७,६.२} वाहि वाहि सवडम्मुहु सन्दणु $ हũ धव देमि पुरन्दर-णन्दणु
{प॰च॰१७,६.३} तीरिय-तोमर-कण्णिय-घायह्ũ $ वहु-वावल्ल-भल्ल-णारायह्ũ
{प॰च॰१७,६.४} अद्धससिहिॅ खुरुप्प-सेल्लग्गह्ũ $ पट्टिस-फलिह-सूल-फर-खग्गह्ũ
{प॰च॰१७,६.५} मोग्गर-लउडि-चित्तदण्डुण्डिहिॅ $ सव्वल-हुलि-हल-मुसल-मुसुण्ढिहिॅ
{प॰च॰१७,६.६} झसर-तिसत्ति-परसु-इसु-पासह्ũ $ कणय-कोन्त-घण-चक्क-सहासह्ũ
{प॰च॰१७,६.७} रुक्ख-सिलायल-गिरिवर-घायह्ũ $ हवि-जल-पवण-विज्जु-संघायह्ũ
{प॰च॰१७,६.८} तं णिसुणेॅवि सिरिमालि पहरिसिउ $ सुरवइ-सुअहेॅ महारहु दरिसिउ
{प॰च॰१७,६.९} "पइँ मेल्लेप्पिणु जय-सिरि-लाहवेॅ $ को महु अण्णु देइ धव आहवेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰१७,६.१०} तो एव विसेसेॅवि $ सर संपेसेॅवि $ छिण्णु जयन्तहेॅ तणउ धउ
गयणङ्गण-लच्छिहेॅ $ कमल-दलच्छिहेॅ $ हारु णाइँ उच्छलेॅवि गउ
कण्ड १, संधि १७, कडवक ७॒
{प॰च॰१७,७.१} दहमुह-पित्तिएण दणु-देह-दारणेणं $ मुसुमूरिउ महारहो कणय-पहरणेणं
{प॰च॰१७,७.२} एउ ण जाणह्ũ कहिॅ गउ सन्दणु $ चुक्कउ कह वि कह वि सुर-णन्दणु
{प॰च॰१७,७.३} दुक्खु दुक्खु मुच्छा-विहलङ्घलु $ उट्ठिउ उद्ध-सुण्डु णं मयगलु
{प॰च॰१७,७.४} भीसण-भिण्डिवाल-पहरण-धरु $ जाउहाण-रहु किउ सय-सक्करु
{प॰च॰१७,७.५} सो वि पहार-विहुरु णिच्चेयणु $ मुच्छ पराइउ पसरिय-चेयणु
{प॰च॰१७,७.६} धाइउ धुणेॅवि सरीरु रणङ्गणेॅ $ कूर-महागहु णाइँ णहङ्गणेॅ
{प॰च॰१७,७.७} विण्णि मि दुज्जय दुद्धर पवयल $ विण्णि मि भीम-गयासणि-करयल
{प॰च॰१७,७.८} वेण्णि मि परिभमन्ति णह-मण्डलेॅ $ लीह दिन्ति रावणेॅ आकण्डलेॅ
{प॰च॰१७,७.९} सुरवइ-णन्दणेण आयामेॅवि $ कुलिस-दण्ड-सण्णिह गय भामेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰१७,७.१०} आहउ वच्छत्थलेॅ $ पडिउ रसायलेॅ $ पाण-विवज्जिउ रयणियरु
जउ जाउ जयन्तहेॅ $ णिसियर-तन्तहेॅ $ घित्तु णाइँ सिरेॅ रय-णियरु
कण्ड १, संधि १७, कडवक ८॒
{प॰च॰१७,८.१} जं सिरिमालि पाडिओ अमर-णन्दणेणं $ ता इन्दइ पधाविओ समउ सन्दणेणं
{प॰च॰१७,८.२} "अरेॅ दुव्वियड्ढ $ मम ताउ वहेॅवि कहिॅ जाहि सण्ढ
{प॰च॰१७,८.३} वलु वलु हयास $ मइँ जीवमाणेॅ कहिॅ जीवियास"
{प॰च॰१७,८.४} वयणेण तेण $ करेॅ धणुहरु किउ सुर-णन्दणेण
{प॰च॰१७,८.५} उत्थरिय वे वि $ समरङ्गणेॅ सर-मण्डवु करेवि
{प॰च॰१७,८.६} रिउ-मद्दणेण $ आयामेॅवि दहमुह-णन्दणेण
{प॰च॰१७,८.७} विणिहय-पहरेॅहिॅ $ सण्णाहु छिण्णु तीसहिॅ सरेहिॅ
{प॰च॰१७,८.८} रक्खिउ सरीरु $ कह कह वि णाहिॅ कप्परिउ वीरु
{प॰च॰१७,८.९} उप्पऍवि जाम $ किर धरइ पुरन्दरु पत्तु ताम
घत्ता॒
{प॰च॰१७,८.१०} उग्गामिय-पहरणु $ चोइय-वारणु $ अन्तरेॅ थिउ अमराहिवइ
"अरेॅ अरिवर-मद्दण $ रावण-णन्दण $ उवरिं वलि चारहडि जइ"
कण्ड १, संधि १७, कडवक ९॒
{प॰च॰१७,९.१} खत्तु मुएवि सव्वेॅहिं भिउडि-भासुरेहिं $ लङ्काहिवहेॅ णन्दणो वेढिओ सुरेहिं
{प॰च॰१७,९.२} वेढिउ एक्कु अणन्तेॅहिॅ रावणि $ तो वि ण गणइ सुहड-चूडामणि
{प॰च॰१७,९.३} रोक्कइ वलइ धाइ अब्भिट्टइ $ रिउ पण्णास-सट्ठि दलवट्टइ
{प॰च॰१७,९.४} सन्दण सन्दणेण संचूरइ $ गयवर गयवरेण मुसुमूरइ
{प॰च॰१७,९.५} तुरउ तुरङ्गमेण विणिवायइ $ णरवर णरवर-घाएं घायइ
{प॰च॰१७,९.६} जाम वियम्भइ सव्वायामें $ ताव सु-सारहि सम्मइ-णामें
{प॰च॰१७,९.७} पभणइ "रावण किं णिच्चिन्तउ $ मल्लवन्त-णन्दणु अत्थन्तउ
{प॰च॰१७,९.८} अण्णु वि रावणि लइउ अखत्तें $ वेढिउ सुरवर-वलेॅण समत्तें
{प॰च॰१७,९.९} दुज्जउ जइ वि महाहवेॅ सक्कइ $ एक्कु अणेय जिणेॅवि किं सक्कइ"
घत्ता॒
{प॰च॰१७,९.१०} तें वयणें रावणु $ जण-जूरावणु $ चडिउ महारहेॅ खग्ग-करु
लक्खिज्जइ देवेॅहिॅ $ वहु-अवलेवेॅहिॅ $ णाइँ कियन्तु जगन्तयरु
कण्ड १, संधि १७, कडवक १०॒
{प॰च॰१७,१०.१} दूरत्थेण णिसियरिन्देण सुरवरिन्दो $ सीहेण विरुद्धेणं जोइओ गइन्दो
{प॰च॰१७,१०.२} "सारहि वाहि वाहि रहु तेत्तहेॅ $ आयवत्तु आपण्डुरु जेत्तहेॅ
{प॰च॰१७,१०.३} जेत्तहेॅ अइरावणु गलगज्जइ $ जेत्तहेॅ भीसण दुन्दुहि वज्जइ
{प॰च॰१७,१०.४} जेत्तहेॅ सुरवइ सुर-परियरियउ $ जेत्तहेॅ वज्ज-दण्डु करेॅ धरियउ
{प॰च॰१७,१०.५} तं णिसुणेॅवि सम्मइ उच्छाहिउ $ पूरिउ सङ्खु महारहु वाहिउ
{प॰च॰१७,१०.६} किउ कलयलु दिण्णइँ रण-तूरइँ $ हसियइँ सणि-जम-मुहइँ व कूरइँ
{प॰च॰१७,१०.७} समरु घुट्ठु वलइ मि अब्भिट्टइँ $ रण-रसियइँ सण्णाह-विसट्टइँ
{प॰च॰१७,१०.८} पवर-तुरङ्गम पवर-तुरङ्गह्ũ $ भिडिय मयङ्ग मत्त-मायङ्गह्ũ
{प॰च॰१७,१०.९} रह रहवरह्ũ परोप्परु धाइय $ पायालह्ũ पायाल पराइय
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१०.१०} मेल्लिय-हुङ्कारइँ $ दिण्ण-पहारइँ $ सिर-कर-णास णमन्ताइँ
भिडियइँ अ-णिविण्णइँ $ वेण्णि वि सेण्णइँ $ मिहुणइँ जेॅम अणुरत्ताइँ
कण्ड १, संधि १७, कडवक ११॒
{प॰च॰१७,११.१} जाउ महन्तु आहवो विहिॅ विहिॅ जणाह्ũ $ इन्दइ-इन्दतणयह्ũ इन्द-रावणाह्ũ
{प॰च॰१७,११.२} रयणासव-सहसार-जणेरह्ũ $ मय-भेसइ-मारिच्च-कुवेरह्ũ
{प॰च॰१७,११.३} जम-सुग्गीवह्ũ दूसम-सीलह्ũ $ अणल-णलह्ũ पलयाणिल-णीलह्ũ
{प॰च॰१७,११.४} ससि-अङ्गयह्ũ दिवायर-अङ्गह्ũ $ खर-चित्तह्ũ दूसण-चित्तङ्गह्ũ
{प॰च॰१७,११.५} सुअ-चमूह्ũ वीसावसु-हत्थह्ũ $ सारण-हरि-हरिकेसि-पहत्थह्ũ
{प॰च॰१७,११.६} कुम्भयण्ण-ईसाणणरिन्दह्ũ $ विहि-केसरिहिॅ विहीसण-खन्दह्ũ
{प॰च॰१७,११.७} घणवाहण-तडिकेसकुमारह्ũ $ मल्लवन्त-कणयह्ũ दुव्वारह्ũ
{प॰च॰१७,११.८} जम्वुमालि-जीमुत्तणिणायह्ũ $ वज्जोयर-वज्जाउहरायह्ũ
{प॰च॰१७,११.९} वाणरधय-पञ्चाणणचिन्धह्ũ $ एम जुज्झु अब्भिट्टु पसिद्धह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰१७,११.१०} करि-कुम्भ-विकत्तणु $ गञ्जोल्लिय-तणु $ जो रणेॅ जासु समावडिउ
सो तासु समच्छरु $ तोसिय-अच्छरु $ गिरिहेॅ दवग्गि व अब्भिडिउ
कण्ड १, संधि १७, कडवक १२॒
{प॰च॰१७,१२.१} को वि किवाण-पाणिए सुरवहू णिएवि $ ण मुअइ मण्डलग्गु पहरं समल्लिएवि
{प॰च॰१७,१२.२} को वि णीसरन्तन्त-चुब्भलो $ भमइ मत्त-हत्थि व स-सङ्खलो
{प॰च॰१७,१२.३} को वि कुम्भि-कुम्भयल-दारणो $ मोत्तिओह-उज्जलिय-पहरणो
{प॰च॰१७,१२.४} को वि दन्त-मुसलुक्खयाउहो $ धाइ मत्त-मायङ्ग-सम्मुहो
{प॰च॰१७,१२.५} को वि खुडिय-सीसो धणुद्धरो $ वलइ धाइ विन्धइ स-मच्छरो
{प॰च॰१७,१२.६} को वि वाण-विणिभिण्ण-वच्छओ $ वाहिरन्तरुच्चरिय-पिच्छओ
{प॰च॰१७,१२.७} सोणियारुणो सहइ णरवरो $ रत्त-कमल-पुञ्जो व्व स-भमरो
{प॰च॰१७,१२.८} को वि एक्क-चलणे तुरङ्गमे $ हरि व विट्ठिओ ण भरिए कमे
{प॰च॰१७,१२.९} को वि सिरउडे करेॅवि करयले $ जुज्झ-भिक्ख मग्गेइ पर-वले
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१२.१०} भडु को वि पडित्थिरु $ णिव्वट्टिय-सिरु $ सोणिय-धारुच्छलिय-तणु
लक्खिज्जइ दारुणु $ सिन्दूरारुणु $ फग्गुणेॅ णाइँ सहसकिरणु
कण्ड १, संधि १७, कडवक १३॒
{प॰च॰१७,१३.१} कत्थ इ मत्त-कुञ्जरा जीविएण चत्ता $ कसण-महाघण व्व दीसन्ति धरणि-पत्ता
{प॰च॰१७,१३.२} कत्थ इ स-विसाणइँ कुम्भयलइँ $ णं रणवहु-उक्खलइँ स-मुसलइँ
{प॰च॰१७,१३.३} कत्थ इ हय करवालहिॅ कण्डिय $ अन्त-ललन्त खलन्त पहिण्डिय
{प॰च॰१७,१३.४} कत्थ इ छत्तइँ हयइँ विसालइँ $ णं जम-भोयणेॅ दिण्णइँ थालइँ
{प॰च॰१७,१३.५} कत्थ इ सुहड-सिराइँ पलोट्टइँ $ णाइँ अ-णालइँ णव-कन्दोट्टइँ
{प॰च॰१७,१३.६} कत्थ इ रह-चक्कइँ विच्छिण्णइँ $ कलि-कालहेॅ आसणइँ व दिण्णइँ
{प॰च॰१७,१३.७} कत्थ वि भडहेॅ सिवङ्गण ढुक्किय $ "हियवउ णाहिॅ" भणेवि उढुक्किय
{प॰च॰१७,१३.८} कत्थ वि गिद्धु कवन्धेॅ परिट्ठिउ $ णं अहिणव-सिरु सुहडु समुट्ठिउ
{प॰च॰१७,१३.९} कत्थ इ गिद्धें मणुसु ण खद्धउ $ वाणेॅहिॅ चञ्चुहिॅ भेउ ण लद्धउ
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१३.१०} कत्थ इ णर-रुण्डेॅहिॅ $ कर-कम-तुण्डेॅहिॅ $ समर-वसुन्धरि भीसणिय
वहु-कण्ड-पयारेॅहिॅ $ णं सूआरेॅहिॅ $ रइय रसोइ जमहेॅ तणिय
कण्ड १, संधि १७, कडवक १४॒
{प॰च॰१७,१४.१} तहिॅ तेहऍ महाहवेॅ किय-महोच्छवेहिं $ कोक्किउ एक्कमेक्कु लङ्केस-वासवेहिं
{प॰च॰१७,१४.२} "उरेॅ उरेॅ सक्क सक्क परिसक्कहि $ जिह णिट्ठविउ मालि तिह थक्कहि
{प॰च॰१७,१४.३} हũ सो रावणु भुवण-भयङ्करु $ सुरवर-कुल-कियन्तु रणेॅ दुद्धरु"
{प॰च॰१७,१४.४} तं णिसुणेवि वलिउ आकण्डलु $ पच्छायन्तु सरेॅहिॅ णह-मण्डलु
{प॰च॰१७,१४.५} दहमुहो वि उत्थरिउ स-मच्छरु $ किउ सर-जालु सरेॅहिॅ सय-सक्करु
{प॰च॰१७,१४.६} तो एत्थन्तरेॅ हय-पडिवक्खें $ सरु अग्गेउ मुक्कु सहसक्खें
{प॰च॰१७,१४.७} धाइउ धगधगन्तु धूमन्तउ $ चिन्धेॅहिॅ छत्त-धऍहिॅ लग्गन्तउ
{प॰च॰१७,१४.८} रावण-वलु णासंघिय-जीविउ $ णासइ जाला-मालालीविउ
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१४.९} रयणियर-पहाणें $ वारुण-वाणें $ सरवरग्गि उल्हावियउ
मसि-वण्णुपरत्तउ $ धूमल-गत्तउ $ पिसुणु जेम वोल्लावियउ
कण्ड १, संधि १७, कडवक १५॒
{प॰च॰१७,१५.१} उवसमिए हुआसणे वयण-भासुरेणं $ वहल-तमोह-पहरणं पेसियं सुरेणं
{प॰च॰१७,१५.२} किउ अन्धारउ तेण रणङ्गणु $ किं पि ण देक्खइ णिसियर-साहणु
{प॰च॰१७,१५.३} जिम्भइ अङ्गु वलइ णिद्दायइ $ सुअइ अचेयणु ओसुविणायइ
{प॰च॰१७,१५.४} पेक्खेॅवि णिय-वलु ओणल्लन्तउ $ मेल्लिउ दिणयरत्थु पजलन्तउ
{प॰च॰१७,१५.५} अमराहिवेॅण राहु-वर-पहरणु $ णाग-पास सर मुअइ दसाणणु
{प॰च॰१७,१५.६} पवर-भुअङ्ग-सहासेॅहिॅ दट्ठउ $ सुर-वलु पाण लएवि पणट्ठउ
{प॰च॰१७,१५.७} गारुडत्थु वासवेॅण विसज्जिउ $ विसहर-सरवर-जालु परज्जिउ
{प॰च॰१७,१५.८} खगउड-पवणन्दोलिय मेइणि $ डोला-रूढी णं वर-कामिणी
{प॰च॰१७,१५.९} पक्ख-पवण-पडिपहय-महीहर $ णच्चाविय स-दिसिवह स-सायर
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१५.१०} मेल्लेॅवि रिउ-घायणु $ सरु णारायणु $ तिजगविहूसणेॅ गऍ चडिउ
जेत्तहेॅ अइरावणु $ तेत्तहेॅ रावणु $ जाऍवि इन्दहेॅ अब्भिडिउ
कण्ड १, संधि १७, कडवक १६॒
{प॰च॰१७,१६.१} मत्त गइन्द दोवि उब्भिण्ण-कसण-देहा $ णं गज्जन्त धन्त सम-उत्थरन्त मेहा
{प॰च॰१७,१६.२} परोवरस्स पत्तया $ मयम्वु-सित्त-गत्तया
{प॰च॰१७,१६.३} थिरोर थोर-कन्धरा $ पलोट्ट-दाण-णिज्झरा
{प॰च॰१७,१६.४} स-सीयर व्व पाउसा $ मयन्ध मुक्क-अङ्कुसा
{प॰च॰१७,१६.५} विसाल-कुम्भमण्डला $ णिवद्ध-दन्त-उज्जला
{प॰च॰१७,१६.६} अथक्क-कण्ण-चामरा $ णिवारियालि-गोयरा
{प॰च॰१७,१६.७} समुद्ध-सुण्ड-भीसणा $ विसट्ट-घण्ट-णीसणा
{प॰च॰१७,१६.८} मणोज्ज-गेज्ज-पन्तिणो $ भमन्ति वे वि दन्तिणो
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१६.९} मयगलेॅहिॅ महन्तेॅहिॅ $ विहि मि भमन्तेॅहिॅ $ सुरवइ-लङ्काहिवेॅ पवर
भव-भवणेॅहिॅ छूढी $ णं महि मूढी $ भमइ स-सायर स-धरधर
कण्ड १, संधि १७, कडवक १७॒
{प॰च॰१७,१७.१} तिजगविहूसणेण किउ सुर-करी णिरत्थो $ परिओसिय णिसायरा ल्हसिउ वइरि-सत्थो
{प॰च॰१७,१७.२} रावणु णव-जुवाणु वलवन्तउ $ अमराहिउ गय-वेस-महन्तउ
{प॰च॰१७,१७.३} भमेॅवि ण सक्किउ करिवरु खञ्चिउ $ रक्खें सयवारउ परियञ्चिउ
{प॰च॰१७,१७.४} गउ गएण पहु पहुणोट्ठद्धउ $ झम्प देवि अंसुऍण णिवद्धउ
{प॰च॰१७,१७.५} विजउ घुट्ठु रयणीयर-साहणेॅ $ देवेॅहिॅ दुन्दुहि दिण्ण दिवङ्गणेॅ
{प॰च॰१७,१७.६} ताव जयन्तु दसाणण-जाएं $ आणिउ वन्धेॅवि वाहु-सहाएं
{प॰च॰१७,१७.७} जमु सुग्गीवें दूसम-सीलें $ अणलु णलेण अणिलु रणेॅ णीलें
{प॰च॰१७,१७.८} खर-दूसणेॅहिॅ चित्त-चित्तङ्गय $ रवि ससि लेवि आय अङ्गङ्गय
{प॰च॰१७,१७.९} सुरवर-गुरु मएण णिब्भिच्चें $ लइउ कुवेरु समरेॅ मारिच्चें
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१७.१०} जो जसु उत्थरियउ $ सो तें धरियउ $ गेण्हेॅवि पवर-वन्दि-सयइँ
गउ सुरवर-डामरु $ पुरु अजरामरु $ जिणु जिह जिणेॅवि महाभयइँ
कण्ड १, संधि १७, कडवक १८॒
{प॰च॰१७,१८.१} लङ्क पुरन्दरे णिए जय-सिरी-णिवासो $ सहसारेण पत्थिओ पत्थिवो दसासो
{प॰च॰१७,१८.२} "अहेॅ जम-धणय-सक्क-कम्पावण $ देहि सुपुत्त-भिक्ख महु रावण"
{प॰च॰१७,१८.३} तं णिसुणेवि भणइ सुर-वन्धणु $ "तुम्ह वि अम्ह वि एउ णिवन्धणु
{प॰च॰१७,१८.४} जमु तलवरु परिपालउ पट्टणु $ पङ्गणु णिक्किउ करउ पहञ्जणु
{प॰च॰१७,१८.५} पुप्फ-पयरु घरेॅ देउ वणासइ $ सह्ũ गन्धव्वेॅहिॅ गायउ सरसइ
{प॰च॰१७,१८.६} वत्थ-सहासइँ हवि पक्खालउ $ कोसु असेसु कुवेरु णिहालउ
{प॰च॰१७,१८.७} जोण्ह करेउ मियङ्कु णिरन्तरु $ सीयलु णहयलेॅ तवउ दिवायरु
{प॰च॰१७,१८.८} अमरराउ मज्जणउ भरावउ $ अण्णु वि घणेॅहिॅ छडउ देवावउ"
{प॰च॰१७,१८.९} तं पडिवण्णु सव्वु सहसारें $ मुक्कु सक्कु लङ्कालङ्कारें
घत्ता॒
{प॰च॰१७,१८.१०} णिय-रज्जु विवज्जेॅवि $ गउ पव्वज्जेॅवि $ सासयपुरहेॅ सहसणयणु
जय-सिरि-वहु मण्डेॅवि $ थिउ अवरुण्डेॅवि $ स इँ भु य-फलिहेॅहिॅ दहवयणु
इय चारु-पउमचरिए धणञ्जयासिय-सयम्भुएव-कए
जाणह "रा व ण वि ज यं" सत्तारहं इमं पव्वं
[१८. अट्ठारहमो संधि] ----------
रणेॅ माणु मलेवि पुरन्दरहेॅ $ परियञ्चेॅवि सिहरइँ मन्दरहेॅ
आवइ वि पडीवउ जाम पहु $ ताणन्तरेॅ दिट्ठु अणन्तरहु
कण्ड १, संधि १८, कडवक १॒
{प॰च॰१८,१.१} पेक्खेप्पिणु गिरि-कञ्चण-सुभद्दु $ जिण-वन्दण-दूरुच्छलिय-सद्दु
{प॰च॰१८,१.२} सुरवर-सय-सेव-करावणेण $ मारिच्चि पपुच्छिउ रावणेण
{प॰च॰१८,१.३} "भड-भञ्जण भुवणुच्छलिय-णाम $ उहु कलयलु सुम्मइ काइँ माम"
{प॰च॰१८,१.४} तं णिसुणेॅवि पभणइ समर-धीरु $ "ऍहु जइ णामेण अणन्तवीरु
{प॰च॰१८,१.५} दसरह-भायरु अणरण्ण-जाउ $ सहसयर-सणेहें तवसि जाउ
{प॰च॰१८,१.६} उप्पण्णउ एयहेॅ एत्थु णाणु $ उहु दीसइ देवागमु स-जाणु"
{प॰च॰१८,१.७} तं वयणु सुणेप्पिणु णिसियरिन्दु $ गउ तेत्तहेॅ जेत्तहेॅ मुणिवरिन्दु
{प॰च॰१८,१.८} परियञ्चेॅवि णवेॅवि थुणेॅवि णिविट्ठु $ सयलु वि जणु वयइँ लयन्तु दिट्ठु
घत्ता॒
{प॰च॰१८,१.९} महवयइँ को वि केॅ वि अणुवयइँ $ केॅ वि सिक्खावयइँ गुणव्वयइँ
केॅ वि दिढु सम्मत्तु लएवि थिउ $ पर रावणु एक्कु ण उवसमिउ
कण्ड १, संधि १८, कडवक २॒
{प॰च॰१८,२.१} धम्मरहु महारिसि भणइ तेत्थु $ "मणुयत्तु लहेॅवि वइसरेॅवि एत्थु
{प॰च॰१८,२.२} अहेॅ दहमुह मोहन्धारेॅ छूढ $ रयणायरेॅ रयणु ण लेहि मूढ
{प॰च॰१८,२.३} अमियालऍ अमिउ ण लेहि केम $ अच्छहि णिहुअउ कट्ठमउ जेम"
{प॰च॰१८,२.४} तं वयणु सुणेप्पिणु दससिरेण $ वुच्चइ थोत्तुग्गीरिय-गिरेण
{प॰च॰१८,२.५} "सक्कमि धूमद्धऍ झम्प देवि $ सक्कमि फण-फणिमणि-रयणु लेवि
{प॰च॰१८,२.६} सक्कमि गिरि-मन्दरु णिद्दलेवि $ सक्कमि दस दिसि-वह दरमलेवि
{प॰च॰१८,२.७} सक्कमि मारुउ पोट्टलेॅ छुहेवि $ सक्कमि जम-महिसेॅ समारुहेवि
{प॰च॰१८,२.८} सक्कमि रयणायर-जलु पिएवि $ सक्कमि आसीविसु अहि णिएवि
घत्ता॒
{प॰च॰१८,२.९} सक्कमि सक्कहेॅ रणेॅ उत्थरेॅवि $ सक्कमि ससि-सूरहँ पह हरेॅवि
सक्कमि महि गयणु एक्कु करेॅवि $ दुद्धरु णउ सक्कमि वउ धरेॅवि
कण्ड १, संधि १८, कडवक ३॒
{प॰च॰१८,३.१} परिचिन्तेॅवि सुइरु णराहिवेण $ "लइ लेमि एक्कु वउ" वुत्तु तेण
{प॰च॰१८,३.२} "जं मइँ ण समिच्छइ चारु-गत्तु $ तं मण्ड लएमि ण पर-कलत्तु"
{प॰च॰१८,३.३} गउ एम भणेप्पिणु णियय-णयरु $ थिउ अचलु रज्जु भुञ्जन्तु खयरु
{प॰च॰१८,३.४} एत्तहेॅ वि महिन्दु महिन्द-णामेॅ $ पुरवरेॅ इच्छिय-अणुहूअ-कामेॅ
{प॰च॰१८,३.५} तहेॅ हिययवेय णामेण भज्ज $ तहेॅ दुहियञ्जणसुन्दरि मणोज्ज
{प॰च॰१८,३.६} झिन्दुऍण रमन्तिहेॅ थण णिएवि $ थिउ णरवइ मुहेॅ कर-कमलु देवि
{प॰च॰१८,३.७} उप्पण्ण चिन्त "कहेॅ कण्ण देमि $ लइ वट्टइ गिरि-कइलासु णेमि
{प॰च॰१८,३.८} विज्जाहर-सयइँ मिलन्ति जेत्थु $ वरु अवसें होसइ को वि तेत्थु"
घत्ता॒
{प॰च॰१८,३.९} गउ एम भणेॅवि पहु पव्वयहेॅ $ जिण-अट्ठाहिऍ अट्ठावयहेॅ
आवासिउ पासेॅहिॅ णीयडेॅहिॅ $ णं तारायणु मन्दर-तडेॅहिॅ
कण्ड १, संधि १८, कडवक ४॒
{प॰च॰१८,४.१} एत्तहेॅ वि ताव पल्हाय-राउ $ सह्ũ केउमइऍ रविपुरहेॅ आउ
{प॰च॰१८,४.२} स-विमाणु स-साहणु स-परिवारु $ अण्णु वि तहिॅ पवणञ्जय-कुमारु
{प॰च॰१८,४.३} एक्कत्तहेॅ दूसावासु लइउ $ णं वन्दणहत्तिऍ इन्दु अइउ
{प॰च॰१८,४.४} अवर वि जे जे आसण्ण-भव्व $ ते ते विज्जाहर मिलिय सव्व
{प॰च॰१८,४.५} पहिलऍ फग्गुणणन्दीसराहेॅ $ किय ण्हवण-पुज्ज तइलोक्क-णाहेॅ
{प॰च॰१८,४.६} दिणेॅ वीयऍ विहि मि णराहिवाहँ $ मित्तइय परोप्परु हूअ ताहँ
{प॰च॰१८,४.७} पल्हाएं खेडु करेवि वुत्तु $ "तउ तणिय कण्ण महु तणउ पुत्तु
{प॰च॰१८,४.८} कि ण कीरइ पाणिग्गहणु राय" $ तं णिसुणेॅवि तेण वि दिण्ण वाय
{प॰च॰१८,४.९} परिओसु पवड्ढिउ सज्जणाहँ $ मइलियइँ मुहइँ खल-दुज्जणाहँ
घत्ता॒
{प॰च॰१८,४.१०} "वहु अञ्जण वाउकुमारु वरु" $ घोसेप्पिणु "णयणाणन्दयरु
तइयऍ वासरेॅ पाणिग्गहणु" $ गय णरवइ णियय-णियय-भवणु
कण्ड १, संधि १८, कडवक ५॒
{प॰च॰१८,५.१} एत्थन्तरेॅ दुज्जउ दुण्णिवारु $ मयणाउरु पवणञ्जय-कुमारु
{प॰च॰१८,५.२} णउ विसहइ तइयउ दिवसु एन्तु $ अच्छइ विरहाणलेॅ झम्प देन्तु
{प॰च॰१८,५.३} धूमाइ वलइ धगधगइ चित्तु $ णं मन्दिरु अब्भन्तरेॅ पलित्तु
{प॰च॰१८,५.४} चन्दिणउ चन्दु चन्दणु जलद्दु $ कप्पूर-कमलदलसेज्ज-मद्दु
{प॰च॰१८,५.५} दाहिण-मारुउ सीयल-जलाइँ $ तहेॅ अग्गि-फुलिङ्गइँ केवलाइँ
{प॰च॰१८,५.६} णिड्डहइ अङ्गुवङ्गइँ अणङ्गु $ सज्जण-हिययाइँ व पिसुण-सङ्गु
{प॰च॰१८,५.७} णीससइ ससइ वेवइ तमेण $ धाहावइ धाहा पञ्चमेण
{प॰च॰१८,५.८} उड्ढण-आहरण-पसाहणाइँ $ सव्वइँ अङ्गहेॅ असुहावणाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१८,५.९} पासेउ वलग्गइ ल्हसइ तणु $ तं इङ्गिउ पेक्खवि अण्ण-मणु
पभणिउ पहसिऍण णिएवि मुहु $ "किं दुव्वलिहुयउ कुमार तुह्ũ"
कण्ड १, संधि १८, कडवक ६॒
{प॰च॰१८,६.१} विरहग्गि-दड्ढ-मुह-कञ्जएण $ पहसिउ पवुत्तु पवणञ्जएण
{प॰च॰१८,६.२} "भो णयणाणन्दण चारु-चित्त $ णउ विसहũ तइयउ दिवसु मित्त
{प॰च॰१८,६.३} जइ अज्जु ण लक्खिउ पियहेॅ वयणु $ तो कल्लऍ महु णित्तुलउ मरणु"
{प॰च॰१८,६.४} तं णिसुणेॅवि वुच्चइ पहसिएण $ कमलेण व वयणें पहसिएण
{प॰च॰१८,६.५} "फणि-सिर-रयणेण वि णाहिॅ गण्णु $ ऍउ कारणु केत्तिउ जें विसण्णु
{प॰च॰१८,६.६} किं पवणहेॅ कवणु वि दुप्पवेसु" $ गय वेण्णि वि रयणिहिॅ तप्प-वेसु
{प॰च॰१८,६.७} थिय जाल-गवक्खऍ दिट्ठ वाल $ णं मयण-वाण-धणु-तोण-साल
{प॰च॰१८,६.८} मारो वि मरइ विरहेण जाहेॅ $ को वण्णेॅवि सक्कइ रूवु ताहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१८,६.९} तं वहु पेक्खेॅवि परितोसिऍण $ वरइत्तु पसंसिउ पहसिऍण
"तउ जीविउ सहलु अणन्त सिय $ जसु करेॅ लग्गेसइ एह तिय"
कण्ड १, संधि १८, कडवक ७॒
{प॰च॰१८,७.१} एत्थन्तरेॅ अट्ठमि-चन्द-भाल $ मुहु जोऍवि चवइ वसन्तमाल
{प॰च॰१८,७.२} "सहलउ तउ माणुस-जम्मु माऍ $ भत्तारु पहञ्जणु लद्धु जाऍ"
{प॰च॰१८,७.३} तं णिसुणेॅवि दुम्मुह दुट्ठ-वेस $ सिरु विहुणेॅवि भणइ वि मीसकेस
{प॰च॰१८,७.४} "सोदामणिपहु पहु परिहरेवि $ थिउ पवणु कवणु गुणु संभरेवि
{प॰च॰१८,७.५} जं अन्तरु गोपय-सायराह्ũ $ जं जोइङ्गणहँ दिवायराह्ũ
{प॰च॰१८,७.६} जं अन्तरु केसरि-कुञ्जराह्ũ $ जं कुसुमाउह-तित्थङ्कराह्ũ
{प॰च॰१८,७.७} जं अन्तरु गरुड-महोरगाह्ũ $ जं अमरराय-पहरण-णगाह्ũ
{प॰च॰१८,७.८} जं पुण्डरीय-चन्दुज्जयाह्ũ $ तं विज्जुप्पह-पवणञ्जयाह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰१८,७.९} आऍहिॅ आलावेॅहिॅ कुविउ णरु $ थिउ भीसणु उक्खय-खग्ग-करु
"किं वयणेॅहिॅ वहुऍहिॅ वाहिरेॅहिॅ $ रिउ रक्खउ विहि मि लेमि सिरइँ"
कण्ड १, संधि १८, कडवक ८॒
{प॰च॰१८,८.१} कडुअक्खरेण परिभासिरेण $ करेॅ धरिउ पहञ्जणु पहसिएण
{प॰च॰१८,८.२} "जं करि-सिर-रयणुज्जलिय(?) देव $ तं असिवरु मइलहि एत्थु केम
{प॰च॰१८,८.३} लज्जिज्जहि वोल्लहि णाइँ मुक्खु" $ णिउ णिय-आवासहेॅ दुक्खु दुक्खु
{प॰च॰१८,८.४} दस-वरिस-सरिस गय रयणि तासु $ रवि उग्गउ पसरिय-कर-सहासु
{प॰च॰१८,८.५} कोक्कावेवि णरवइ पवर वर (?) $ हय भेरि पयाणउ दिण्णु णवर
{प॰च॰१८,८.६} अञ्जणसुन्दरिहेॅ तुरन्तएण $ उम्माहउ लाइउ जन्तएण
{प॰च॰१८,८.७} संचल्लइ पउ पउ जेम जेम $ कप्पिज्जइ हियवउ तेम तेम
{प॰च॰१८,८.८} तेहऍ अवसरेॅ वहु-जाणएहिॅ $ कर-चरण धरेप्पिणु राणएहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१८,८.९} वलि-वण्ड मण्ड परियत्तियउ $ तेण वि उवाउ परिचिन्तियउ
"लइ एक्कवार करयलेॅ धरेॅविॅ $ पुणु वारह वरिसइँ परिहरेॅविॅ"
कण्ड १, संधि १८, कडवक ९॒
{प॰च॰१८,९.१} तो दुक्खु दुक्खु दुम्मिय-मणेण $ किउ पाणिग्गहणु पहञ्जणेण
{प॰च॰१८,९.२} थिउ वारह वरिसइँ परिहरेवि $ णवि सुअइ आलवइ सुइणवे(?) वि
{प॰च॰१८,९.३} वारे वि ण जाइ ण (?) जेम जेम $ खिज्जइ झिज्जइ पुणु तेम तेम
{प॰च॰१८,९.४} डज्झन्तउ उरु विरहाणलेण $ णं वुज्झावइ अंसुअ-जलेण
{प॰च॰१८,९.५} परिवार-भित्ति-चित्ताइँ जाइँ $ णीसास-धूम-मलियाइँ ताइँ
{प॰च॰१८,९.६} ढिल्लइँ आहरणइँ परियलन्ति $ णं णेह-कण्ड-कण्डइँ पडन्ति
{प॰च॰१८,९.७} गउ रुहिरु णवर थिउ अइणु अत्थि $ णउ णावइ जीविउ अत्थि णत्थि
{प॰च॰१८,९.८} तहिॅ तेहऍ कालेॅ दसाणणेण $ सुरवर-कुरङ्ग-पञ्चाणणेण
घत्ता॒
{प॰च॰१८,९.९} जो दुम्मुहु दूउ विसज्जियउ $ सो आयउ कप्प-विवज्जियउ
हय समर-भेरि रहवरेॅ चडिउ $ रणेॅ रावणु वरुणहेॅ अब्भिडिउ
कण्ड १, संधि १८, कडवक १०॒
{प॰च॰१८,१०.१} एत्थन्तरेॅ वरुणहेॅ णन्दणेहिॅ $ समरङ्गणेॅ वाहिय-सन्दणेहिॅ
{प॰च॰१८,१०.२} राजीव-पुण्डरीएहिॅ पवर $ खर-दूसण पाडेॅवि धरिय णवर
{प॰च॰१८,१०.३} गय पवण-गमण केण वि ण दिट्ठ $ सह्ũ वरुणें जल-दुग्गमेॅ पइट्ठ
{प॰च॰१८,१०.४} "सालयह्ũ म होसइ कहि मि घाउ" $ उव्वेढेॅवि गउ रयणियर-राउ
{प॰च॰१८,१०.५} णीसेस-दीव-दीवन्तराह्ũ $ लहु लेह दिण्ण विज्जाहराह्ũ
{प॰च॰१८,१०.६} अवरेक्कु रणङ्गणेॅ दुज्जयासु $ पट्ठविउ लेहु पवणञ्जयासु
{प॰च॰१८,१०.७} तं पेक्खेॅवि तेण वि ण किउ खेउ $ णीसरिउ स-साहणु वाउ-वेउ
{प॰च॰१८,१०.८} थिय अञ्जण कलसु लएवि वारेॅ $ णिब्भच्छिय "ओसरु दुट्ठ दारेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰१८,१०.९} तं णिसुणेॅवि अंसु फुसन्तियऍ $ वुच्चइ लीहउ कड्ढन्तियऍ
"अच्छन्तें अच्छिउ जीउ महु $ जन्तें जाएसइ पइँ जि सह्ũ"
कण्ड १, संधि १८, कडवक ११॒
{प॰च॰१८,११.१} तं वयणु पडिउ णं असि-पहारु $ अवहेरि करेप्पिणु गउ कुमारु
{प॰च॰१८,११.२} माणस-सरवरेॅ आवासु मुक्कु $ अत्थवणहेॅ ताम पयङ्गु ढुक्कु
{प॰च॰१८,११.३} दिट्ठइँ सयवत्तइँ मउलियाइँ $ पिय-विरहिय-महुअरि-मुहलियाइँ
{प॰च॰१८,११.४} चक्की वि दिट्ठ विणु चक्कएण $ वाहिज्जमाण मयरद्धएण
{प॰च॰१८,११.५} विहुणन्ति चञ्चु पङ्खाहणन्ति $ विरहाउर पक्कन्दन्ति धन्ति
{प॰च॰१८,११.६} तं णिऍवि जाउ तहेॅ कलुण-भाउ $ "मइँ सरिसउ अण्णु ण को वि पाउ
{प॰च॰१८,११.७} ण कयाइ वि जोइउ णिय-कलत्तु $ अच्छइ मयणग्गि-पलित्त-गत्तु
{प॰च॰१८,११.८} परिअत्तेॅवि संमाणिउ ण जाम $ रणेॅ वरुणहेॅ जुज्झु ण देमि ताम"
घत्ता॒
{प॰च॰१८,११.९} सब्भाउ सहायहेॅ कहिउ पुणु $ पहसिऍण वुत्तु "ऍहु परम-गुणु"
उप्पऍवि णहङ्गणेॅ वे वि गय $ णं सिय-अहिसिञ्चणेॅ मत्त गय
कण्ड १, संधि १८, कडवक १२॒
{प॰च॰१८,१२.१} णिविसेण पत्त अञ्जणहेॅ भवणु $ पच्छण्णु होवि थिउ कहि मि पवणु
{प॰च॰१८,१२.२} गउ पहसिउ अब्भन्तरेॅ पइट्ठु $ पणवेप्पिणु पुणु आगमणु सिट्ठु
{प॰च॰१८,१२.३} "परिपुण्ण मणोरह अज्जु देवि $ हũ आयउ वाउकुमारु लेवि"
{प॰च॰१८,१२.४} तं णिसुणेॅवि भणइ वसन्तमाल $ थोरंसु-सित्त-थण-अन्तराल
{प॰च॰१८,१२.५} "भव-भव-संचिय-दुह-भायणाऍ $ एवड्डु पुण्णु जइ अञ्जणाऍ
{प॰च॰१८,१२.६} तो किं वेयारहि" रुअइ जाव $ सयम् एव कुमारु पइट्ठु ताव
{प॰च॰१८,१२.७} महुरक्खर विणयालाव लिन्तु $ आणन्दु सोक्खु सोहग्गु दिन्तु
{प॰च॰१८,१२.८} पल्लङ्केॅ चडिउ करेॅ लेवि देवि $ विहसन्त-रमन्तइँ थियइँ वे वि
घत्ता॒
{प॰च॰१८,१२.९} स इँ भु वहिॅ परोप्परु लिन्ताइँ $ सरहसु आलिङ्गणु दिन्ताइँ
णीसन्धि-गुणेण ण णायाइँ $ दोण्णि वि एक्कं पिव जायाइँ
इय रामएवचरिए $ धणञ्जयासिय-सयम्भुएव-कए
"प व ण ञ्ज णा वि वा हो" $ अट्ठारहं इमं पव्वं
[१९. एगुणवीसमो संधि] ----------
पच्छिम-पहरेॅ पहञ्जणेॅण $ आउच्छिय पिय पवसन्तऍण
"तं मरुसेज्जहि मिगणयणि $ जं मइँ अवहत्थिय भन्तऍण"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १॒
{प॰च॰१९,१.१} जन्तएण आउच्छिय जं परमेसरी
थिय विसण्ण हेट्ठामुह अञ्जणसुन्दरी
{प॰च॰१९,१.२} कर मउलिकरेप्पिणु विण्णवइ $ "रयसलहेॅ गब्भु जइ संभवइ
{प॰च॰१९,१.३} तो उत्तरु काइँ देमि जणहेॅ $ ण वि सुज्झइ एउ मज्झु मणहेॅ"
{प॰च॰१९,१.४} चित्तेण तेण सुपरिट्ठवेॅवि $ कङ्कणु अहिणाणु समल्लवेॅवि
{प॰च॰१९,१.५} गउ णरवइ सह्ũ मित्तेण तहिॅ $ माणससरेॅ दूसावासु जहिॅ
{प॰च॰१९,१.६} गुरुहार हूअ एत्तहेॅ वि सइ $ कोक्कावेॅवि पभणइ केउमइ
{प॰च॰१९,१.७} "ऍउ काइँ कम्मु पइँ आयरिउ $ णिम्मलु महिन्द-कुलु धूसरिउ
{प॰च॰१९,१.८} दुव्वार-वइरि-विणिवाराहेॅ $ मुहु मइलिउ सुअहेॅ महाराहेॅ"
{प॰च॰१९,१.९} तं सुणेॅवि वसंतमाल चवइ $ "सुविणे वि कलङ्कु ण संभवइ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१.१०} इमु कङ्कणु इमु परिहणउ $ इमु कञ्चीदामु पहञ्जणहेॅ
णं तो का वि परिक्ख करेॅ $ परिसुज्झह्ũ जेण मज्झेॅ जणहेॅ"
कण्ड १, संधि १९, कडवक २॒
{प॰च॰१९,२.१} तं णिसुणेॅवि वेवन्ति समुट्ठिय अप्पुणु $ वे वि ताउ कसघाऍहिॅ हयउ पुणुप्पुणु
{प॰च॰१९,२.२} "किं जारहेॅ णाहिॅ सुवण्णु घरेॅ $ जें कडउ घडावेॅवि छुहइ करेॅ
{प॰च॰१९,२.३} अण्णु वि एत्तिउ सोहग्गु कउ $ जें कङ्कणु देइ कुमारु तउ"
{प॰च॰१९,२.४} कडुअक्खर-पहर-भयाउरउ $ संजायउ वे वि णिरुत्तरउ
{प॰च॰१९,२.५} हक्कारेॅवि पभणिउ कूर-भडु $ "हय जोत्तेॅ महारह-वीढेॅ चडु
{प॰च॰१९,२.६} एयउ दुट्ठउ अवलक्खणउ $ ससि-धवलामल-कुल-लञ्छणउ
{प॰च॰१९,२.७} माहिन्दपुरहेॅ दूरन्तरेॅण $ परिघिववि आउ सह्ũ रहवरेॅण
{प॰च॰१९,२.८} जिह मुअह्ũ ण आवइ वत्त महु" $ तं णिसुणेॅवि सन्दणु जुत्तु लहु
{प॰च॰१९,२.९} गउ वे वि चडावेॅवि णवर तहिॅ $ सामिणि-केरउ आएसु जहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,२.१०} णयरहेॅ दूरेॅ वरन्तरेॅण $ अञ्जण रुवन्ति ओआरिया
"माऍ खमेज्जहि जामि हũ" $ सह्ũ धाहऍ पुणु जोक्कारिया
कण्ड १, संधि १९, कडवक ३॒
{प॰च॰१९,३.१} कूर-वीरेॅ परिअत्तऍ रवि अत्थन्तओ $ अञ्जणाऍ केरउ दुक्खु व असहन्तओ
{प॰च॰१९,३.२} भीसण-रयणिहिॅ भीसण अडइ $ खाइ व गिलइ व उवरि व पडइ
{प॰च॰१९,३.३} भिब्भियइ व भिङ्गारी-रवेॅहिॅ $ रुवइ व सिव-सद्देॅहिॅ रउरवेॅहिॅ
{प॰च॰१९,३.४} पुप्फवइ व फणि-फुक्कारऍहिॅ $ वुक्कइ व पमय-वुक्कारऍहिॅ
{प॰च॰१९,३.५} सा दुक्खु दुक्खु परियलिय णिसि $ दिणयरेॅण पसाहिय पुव्व-दिसि
{प॰च॰१९,३.६} गइयउ णिय-णयरु पराइयउ $ अग्गऍ पडिहारु पधाइयउ
{प॰च॰१९,३.७} "परमेसर आइय मिग-णयण $ अञ्जणसुन्दरि सुन्दर-वयण"
{प॰च॰१९,३.८} तं सुणेॅवि जाय दिहि णरवरहेॅ $ "लहु पट्टणेॅ हट्ट-सोह करहेॅ
{प॰च॰१९,३.९} उब्भहेॅ मणि-कञ्चण-तोरणइँ $ वर-वेसउ लेन्तु पसाहणइँ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,३.१०} सव्व पसाहहेॅ मत्त गय $ पल्लाणहेॅ पवर तुरङ्ग-थड
(जय-)मङ्गल-तूरइँ आहणहेॅ $ सवडम्मुह जन्तु असेस भड"
कण्ड १, संधि १९, कडवक ४॒
{प॰च॰१९,४.१} भणेॅवि एम पडिपुच्छिउ पुणु वद्धावओ $ "कइ तुरङ्ग कइ रहवर को वोलावओ"
{प॰च॰१९,४.२} पडिहारु पवोल्लिउ अतुल-वलु $ "णउ को वि सहाउ ण किं पि वलु
{प॰च॰१९,४.३} अञ्जण वसन्तमालाऍ सह्ũ $ आइय पर एत्तिउ कहिउ महु
{प॰च॰१९,४.४} एक्कऍ अंसुअ-जल-सित्त-थण $ दीसइ गुरुहार विसण्ण-मण"
{प॰च॰१९,४.५} तं णिसुणेॅवि थिउ हेट्ठामुहउ $ णं णरवइ सिरेॅ वज्जेण हउ
{प॰च॰१९,४.६} "दुस्सील दुट्ठ मं पइसरउ $ विणु खेवें णयरहेॅ णीसरउ"
{प॰च॰१९,४.७} पभणइ आणन्दु मन्ति सुचवि $ "अपरिक्खिउ किज्जइ कज्जु ण वि
{प॰च॰१९,४.८} सासुअउ होन्ति विरुआरियउ $ महसइहेॅ वि अवगुण-गारियउ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,४.९} सुकइ-कहहेॅ जिह खल-मइउ $ हिम-वद्दलियउ कमलिणिहिॅ जिह
होन्ति सहावें वइरिणिउ $ णिय-सुण्हहँ खल-सासुअउ तिह
कण्ड १, संधि १९, कडवक ५॒
{प॰च॰१९,५.१} सासुआण सुण्हाण जणे सुपसिद्धइं $ एक्कमेक्क-वइराइँ अणाइ-णिवद्धइं
{प॰च॰१९,५.२} भत्तारु भणेसइ जं दिवसु $ विरुआरी होसइ तं दिवसु"
{प॰च॰१९,५.३} वयणेण तेण मन्तिहेॅ तणेॅण $ आरुट्ठु पसण्णकित्ति मणेॅण
{प॰च॰१९,५.४} "किं कन्तऍ णेह-विहूणियऍ $ किं कित्तिऍ वइरिहिॅ जाणियऍ
{प॰च॰१९,५.५} किं सु-कहऍ णिरलङ्कारियऍ $ किं धीयऍ लञ्छण-गारियऍ
{प॰च॰१९,५.६} घरेॅ अञ्जण समरङ्गणेॅ पवणु $ गब्भहेॅ संवन्धु एत्थु कवणु"
{प॰च॰१९,५.७} तं णिसुणेॅवि णरेॅण णिवारियउ $ पडहउ देप्पिणु णीसारियउ
{प॰च॰१९,५.८} वणु गम्पि पइट्ठउ भीसणउ $ धाहाविउ पहणेॅवि अप्पणउ
{प॰च॰१९,५.९} "हा विहि हा काइँ कियन्त किउ $ णिहि दरिसेॅवि लोयण-जुयलु हिउ"
घत्ता॒
{प॰च॰१९,५.१०} विहि मि कलुणु कन्दन्तियहिॅ $ वणेॅ दुक्खें को व ण पेल्लियउ
सच्छन्देहिॅ चरन्तऍहिॅ $ हरिणेहिॅ वि दोवउ मेल्लियउ
कण्ड १, संधि १९, कडवक ६॒
{प॰च॰१९,६.१} वारवार सोआउर रोवइ अञ्जणा $ "का वि णाहिॅ मइँ जेही दुक्खहँ भायणा
{प॰च॰१९,६.२} सासुअऍ हयासऍ परिहविय $ हा माऍ पइँ वि णउ संथविय
{प॰च॰१९,६.३} हा भाइ-जणेरहेॅ णिट्ठुरहेॅ $ णीसारिय कह रुयन्ति पुरहेॅ
{प॰च॰१९,६.४} कुलहर-पइहरहि मि दइयहु मि $ पूरन्तु मणोरह सव्वहु मि"
{प॰च॰१९,६.५} गब्भेसरि जउ जउ संचरइ $ तउ तउ रुहिरहेॅ छिल्लरु भरइ
{प॰च॰१९,६.६} तिस-भुक्ख-किलामिय चत्त-सुह $ गय तेत्थु जेत्थु पलियङ्क-गुह
{प॰च॰१९,६.७} तहिॅ दिट्ठु महारिसि सुद्धमइ $ णामेण भडारउ अमियगइ
{प॰च॰१९,६.८} अत्तावण-तावें तावियउ $ छुडु जेॅ छुडु जोग्गु खम्मावियउ
{प॰च॰१९,६.९} तहिॅ अवसरेॅ वे वि पढुक्कियउ $ णं दुक्ख-किलेसहिॅ मुक्कियउ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,६.१०} चलण णवेप्पिणु मुणिवरहेॅ $ अञ्जण विण्णवइ लुहन्ति मुहु
"अण्ण-भवन्तरेॅ काइँ मइँ $ किउ दुक्किउ जें अणुहवमि दुहु"
कण्ड १, संधि १९, कडवक ७॒
{प॰च॰१९,७.१} पुणु वसन्तमालाऍ वुत्तु "णउ तेरउ $ एउ सव्वु फलु एयहेॅ गब्भहेॅ केरउ"
{प॰च॰१९,७.२} तं णिसुणेॅवि विगय-राउ भणइ $ "ऍउ गब्भहेॅ दोसु ण संभवइ
{प॰च॰१९,७.३} जइ घोसइ "होसइ तणउ तउ $ ऍहु चरिम-देहु रणेॅ लद्ध-जउ
{प॰च॰१९,७.४} पइँ पुव्व-भवन्तरेॅ सइँ करेॅण $ जिण-पडिम सवत्तिहेॅ मच्छरेॅण
{प॰च॰१९,७.५} परिघित्त पत्त तं एहु दुहु $ एवहिॅ पावेसहि सयल-सुहु"
{प॰च॰१९,७.६} गउ एम भणेप्पिणु अमियगइ $ ताणन्तरेॅ ढुक्कु मयाहिवइ
{प॰च॰१९,७.७} विहुणिय-तणु दूरुग्गिण्ण-कमु $ सणि असणि णाइँ जमु काल-समु
{प॰च॰१९,७.८} कुञ्जर-सिर-रुहिरारुण-णहरु $ कीलाल-सित्त-केसर-पसरु
{प॰च॰१९,७.९} अइ-वियड-दाढ-फाडिय-वयणु $ रत्तुप्पल-गुञ्ज-सरिस-णयणु
{प॰च॰१९,७.१०} खय-सायर-रव-गम्भीर-गिरु $ लङ्गूल-दण्ड-कण्डुइय-सिरु
घत्ता॒
{प॰च॰१९,७.११} तं पेक्खेॅवि हरिणाहिवइ $ अञ्जण स-मुच्छ महियलेॅ पडइ
विज्जा-पाणऍ उप्पऍवि $ आयासेॅ वसन्तमाल रडइ
कण्ड १, संधि १९, कडवक ८॒
{प॰च॰१९,८.१} हा समीर पवणञ्जय अणिल पहञ्जणा $ हरि-कियन्त-दन्तन्तरेॅ वट्टइ अञ्जणा
{प॰च॰१९,८.२} हा कम्मु काइँ किउ केउमइ $ खलेॅ मुइय लहेसहि कवण गइ
{प॰च॰१९,८.३} हा ताय महिन्द मइन्दु धरेॅ $ सु-पसण्णकित्ति पडिरक्ख करेॅ
{प॰च॰१९,८.४} हा मायरि तुहु मि ण संथवहि $ मुच्छाविय दुहिय समुत्थवहि
{प॰च॰१९,८.५} गन्धव्वहेॅ देवहेॅ दाणवहेॅ $ विज्जाहर-किण्णर-माणवहेॅ
{प॰च॰१९,८.६} जक्खहेॅ रक्खहेॅ रक्खहेॅ सहिय $ णं तो पञ्चाणणेण गहिय"
{प॰च॰१९,८.७} तं णिसुणेॅवि गन्धव्वाहिवइ $ रणेॅ दुज्जउ पर-उवयार-मइ
{प॰च॰१९,८.८} मणिचूडु रयणचूडहेॅ दइउ $ पञ्चाणणु जेत्थु तेत्थु अइउ
{प॰च॰१९,८.९} अट्ठावउ सावउ होवि थिउ $ हरि पाराउट्ठउ तेण किउ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,८.१०} तावेॅहिॅ गयणहेॅ ओअरेॅवि $ अञ्जणहेॅ वसन्तमाल मिलिय
"इहु अट्ठावउ होन्तु ण वि $ ता वट्टइ आसि माऍ गिलिय"
कण्ड १, संधि १९, कडवक ९॒
{प॰च॰१९,९.१} एम वोल्ल किर विहि मि परोप्परु जावेॅहिॅ $ गीउ गेउ गन्धव्वें मणहरु तावेॅहिॅ
{प॰च॰१९,९.२} तं णिसुणेॅवि परिŏसिय णिय-मणेॅ (?) $ "पच्छण्णु को वि सुहि वसइ वणेॅ
{प॰च॰१९,९.३} असमाहि-मरणु जें णासियउ $ अण्णु वि गन्धव्वु पयासियउ"
{प॰च॰१९,९.४} अवरोप्परु एम चवन्तियह्ũ $ पलियङ्क-गुहहिॅ अच्छन्तियह्ũ
{प॰च॰१९,९.५} माहवमासहेॅ वहुलट्ठमिऍ $ रयणिहेॅ पच्छिम-पहरद्धेॅ थिऍ
{प॰च॰१९,९.६} णक्खत्तेॅ सवणेॅ उप्पण्णु सुउ $ हल-कमल-कुलिस-झस-कमल-जुउ
{प॰च॰१९,९.७} चक्कङ्कुस-कुम्म-सङ्ख-सहिउ $ सुह-लक्खणु अवलक्खण-रहिउ
{प॰च॰१९,९.८} ताणन्तरेॅ पर-वल-णिम्महेॅण $ पडिसूरें सूर-सम-प्पहेॅण
{प॰च॰१९,९.९} णहेॅ जन्तें वे वि णियच्छियउ $ ओअरेॅवि विमाणहेॅ पुच्छियउ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,९.१०} "कहिॅ जायउ कहिॅ वद्धियउ $ कहेॅ धीयउ कहेॅ कुलउत्तियउ
कसु केरउ एवड्डु दुहु $ वणेॅ अच्छहेॅ जेण रुअन्तियउ"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १०॒
{प॰च॰१९,१०.१} पुणु वसन्तमालाऍ पडुत्तरु दिज्जइ $ णिरवसेसु तहेॅ णिय-वित्तन्तु कहिज्जइ
{प॰च॰१९,१०.२} "अञ्जणसुन्दरि णामेण इम $ सइ सुद्ध मुद्ध जिह जिण-पडिम
{प॰च॰१९,१०.३} मणवेय-महाएविहेॅ तणय $ जइ मुणहेॅ महिन्दु तेण जणिय
{प॰च॰१९,१०.४} पायड पसण्णकित्तिहेॅ भइणि $ मणहर पवणञ्जयाहेॅ घरिणि"
{प॰च॰१९,१०.५} विज्जाहरु तं णिसुणेॅवि वयणु $ पभणइ वाहम्भ-भरिय-णयणु
{प॰च॰१९,१०.६} "हũ माऍ महिन्दहेॅ मेहुणउ $ सु-पसण्णकित्ति महु भायणउ
{प॰च॰१९,१०.७} तउ होमि सहोयरु माउलउ $ पडिसूरु हणूरुह-राउलउ
{प॰च॰१९,१०.८} तं णिसुणेॅवि जाणेॅवि सरेॅवि गुणु $ अत्तिल्लु तेहिॅ ता रुण्णु पुणु
{प॰च॰१९,१०.९} जं लइउ आसि पुण्णेहिॅ विणु $ तं दिण्णु विहिहेॅ णं सोय-रिणु
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१०.१०} सरहसु साइउ देन्तऍहिॅ $ जं एक्कमेक्कु आवीलियउ
अंसु पणालें णीसरइ $ णं कलुणु महारसु पीलियउ
कण्ड १, संधि १९, कडवक ११॒
{प॰च॰१९,११.१} दुक्खु दुक्खु साहारेॅवि णयण लुहावेॅवि $ माउलेण णिय णियय-विमाणेॅ चडावेॅवि
{प॰च॰१९,११.२} सुर-करिवर-कुम्भत्थल-थणहेॅ $ गयणङ्गणेॅ जन्तिहेॅ अञ्जणहेॅ
{प॰च॰१९,११.३} णीसरिउ वालु अइ-दुल्ललिउ $ णं णहयल-सिरिहेॅ गब्भु गलिउ
{प॰च॰१९,११.४} मारुइ दवत्ति णिवडिउ इलहेॅ $ णं विज्जु-पुञ्जु उप्परि सिलहेॅ
{प॰च॰१९,११.५} उच्चाऍवि णिउ विज्जाहरेॅहिॅ $ णं जम्मणेॅ जिणवरु सुरवरेॅहिॅ
{प॰च॰१९,११.६} अञ्जणहेॅ समप्पिउ जाय दिहि $ णं णट्ठु पडीवउ लद्धु णिहि
{प॰च॰१९,११.७} णिय-पुरु पइसारेॅवि णरवरेॅण $ जम्मोच्छउ किउ पडिदिणयरेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰१९,११.८} "सुन्दरु" जगेॅ सुन्दरु भणेॅवि $ "सिरिसइलु" सिलायलु चुण्णु णिउ
हणुरुह-दीवेॅ पवड्ढियउ $ "हणुवन्तु" णामु तें तासु किउ
कण्ड १, संधि १९, कडवक १२॒
{प॰च॰१९,१२.१} एत्तहेॅ वि खर-दूसण मेल्लावेप्पिणु $ वरुणहेॅ रावणहो वि सन्धि करेप्पिणु
{प॰च॰१९,१२.२} णिय-णयरु पईसइ जाव मरु $ णीसुण्णु ताम णिय-घरिणि-घरु
{प॰च॰१९,१२.३} पेक्खेप्पिणु पुच्छिय का वि तिय $ "कहिॅ अञ्जणसुन्दरि पाण-पिय"
{प॰च॰१९,१२.४} तं णिसुणेॅवि वुच्चइ वालियऍ $ णव-रम्भ-गब्भ-सोमालियऍ
{प॰च॰१९,१२.५} "किर गब्भु भणेॅवि पर-णरवरहेॅ $ केउमइऍ घल्लिय कुलहरहेॅ"
{प॰च॰१९,१२.६} तं सुणेॅवि समीरणु णीसरिउ $ अणुसरिसेॅहिॅ वयसेॅहिॅ परियरिउ
{प॰च॰१९,१२.७} गउ तेत्थु जेत्थु तं सासुरउ $ किर दरिसावेसइ सा सुरउ
{प॰च॰१९,१२.८} पिय इट्ठ ण दिट्ठ णवर तहि मि $ असहन्तु पहञ्जणु गउ कहि मि
{प॰च॰१९,१२.९} परियत्तिय पहसियाइ-सयण $ दुक्खाउर ओहुल्लिय-वयण
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१२.१०} "एम भणेज्जहु केउमइ $ पूरन्तु मणोरह माऍ तउ
विरह-दवाणल-दीवियउ $ पवणञ्जय-पायवु खयहेॅ गउ"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १३॒
{प॰च॰१९,१३.१} दुक्खु दुक्खु परियत्तिय सयल वि सज्जणा $ गय रुयन्त णिय-णिलयहेॅ उम्मण-दुम्मणा
{प॰च॰१९,१३.२} पवणञ्जओ वि पडिवक्ख-खउ $ काणणु पइसरइ पिसायरउ
{प॰च॰१९,१३.३} पुच्छइ "अहेॅ सरवर दिट्ठ धण $ रत्तुप्पल-दल-कोमल-चलण
{प॰च॰१९,१३.४} अहेॅ रायहंस हंसाहिवइ $ कहेॅ कहि मि दिट्ठ जइ हंस-गइ
{प॰च॰१९,१३.५} अहेॅ दीहर-णहर मयाहिवइ $ कहेॅ कहि मि णियम्विणि दिट्ठ जइ
{प॰च॰१९,१३.६} अहेॅ कुम्भि कुम्भ-सारिच्छ-थण $ केत्तहेॅ वि दिट्ठ सइ सुद्ध-मण
{प॰च॰१९,१३.७} अहेॅ अहेॅ असोय पल्लविय-पाणि $ कहिॅ गय परहुऍ परहूय-वाणि
{प॰च॰१९,१३.८} अहेॅ रुन्द चन्द चन्दाणणिय $ मिग कहि मि दिट्ठ मिग-लोयणिय
{प॰च॰१९,१३.९} अहेॅ सिहि कलाव-सण्णिह-चिहुर $ ण णिहालिय कहि मि विरह-विहुर"
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१३.१०} एम भवन्तें विउलेॅ वणेॅ $ णग्गोह-महादुमु दिट्ठु किह
सासय-पुर-परमेसरेॅण $ णिक्खवणेॅ पयागु जिणेण जिह
कण्ड १, संधि १९, कडवक १४॒
{प॰च॰१९,१४.१} तं णिएवि वड-पायवु अण्णु वि सरवरु $ कालमेहु णामेण खमाविउ गयवरु
{प॰च॰१९,१४.२} "जं सयल-काल कण्णारियउ $ अङ्कुस-खर-पहर-वियारियउ
{प॰च॰१९,१४.३} आलाण-खम्भेॅ जं आलियउ $ जं सङ्खल-णियलहिॅ णियलियउ
{प॰च॰१९,१४.४} तं सयलु खमेज्जहि कुम्भि महु" $ तहिॅ पच्चक्खाणउ लइउ लहु
{प॰च॰१९,१४.५} "जइ पत्त वत्त कन्तहेॅ तणिय $ तो णउ णिवित्ति गइ एत्तडिय
{प॰च॰१९,१४.६} जइ घइँ पुणु एह ण हूय दिहि $ तो एत्थु मज्झु सण्णास-विहि"
{प॰च॰१९,१४.७} थिउ मउणु लएवि णराहिवइ $ झायन्तु सिद्धि जिह परम-जइ
{प॰च॰१९,१४.८} सच्छन्दु गइन्दु वि संचरइ $ सामिय-सम्माणु ण वीसरइ
{प॰च॰१९,१४.९} पडिरक्खइ पासु ण मुअइ किह $ भव-भव-किउ सुक्किय-कम्मु जिह
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१४.१०} ताम रुअन्तें पहसिऍण $ अक्खिउ जणणिहेॅ वुण्णाणणहेॅ
"एउ ण जाणह्ũ कहि मि गउ $ मरुएउ विओएं अञ्जणहेॅ"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १५॒
{प॰च॰१९,१५.१} तं णिसुणेॅवि सव्वङ्गिय-पसरिय-वेयणा $ पवण-जणणि मुच्छाविय थिय अच्चेयणा
{प॰च॰१९,१५.२} पव्वालिय हरियन्दण-रसेॅण $ उज्जीविय कह वि पुण्ण-वसेॅण
{प॰च॰१९,१५.३} "हा पुत्त पुत्त दक्खवहि मुहु $ हा पुत्त पुत्त कहिॅ गयउ तुह्ũ
{प॰च॰१९,१५.४} हा पुत्त आउ महु कमेॅहिॅ पडु $ हा पुत्त पुत्त रहगऍहिॅ चडु
{प॰च॰१९,१५.५} हा पुत्त पुत्त उववणेॅहिॅ भमु $ हा पुत्त पुत्त झेन्दुऍहिॅ रमु
{प॰च॰१९,१५.६} हा पुत्त पुत्त अत्थाणु करेॅ $ हा पुत्त महाहवेॅ वरुणु धरेॅ
{प॰च॰१९,१५.७} हा वहुऍ वहुऍ मइँ भन्तियऍ $ तुह्ũ घल्लिय अपरिक्खन्तियऍ
{प॰च॰१९,१५.८} पल्हाएं धीरिय "लुहहि मुहु $ णिक्कारणेॅ रोवहि काइँ तुह्ũ
{प॰च॰१९,१५.९} हũ कन्तेॅ गवेसमि तुव तणउ $ इमु मेइणि-मण्डलु केत्तडउ"
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१५.१०} एम भणेवि णराहिवेॅण $ उवयारु करेॅवि सासणहरह्ũ
उभय-सेढि-विणिवासियह्ũ $ पट्ठविय लेह विज्जाहरह्ũ
कण्ड १, संधि १९, कडवक १६॒
{प॰च॰१९,१६.१} एक्कु जोहु संपेसिउ पासु दसासहो $ अक्क-सक्क-तइलोक्क-चक्क-संतासहो
{प॰च॰१९,१६.२} अवरेक्कु विहि मि खर-दूसणह्ũ $ पायाललङ्क-परिभूसणह्ũ
{प॰च॰१९,१६.३} अवरेक्कु कइद्धय-पत्थिवहेॅ $ सुग्गीवहेॅ किक्किन्धाधिवहेॅ
{प॰च॰१९,१६.४} अवरेक्कु किक्कुपुर-राणाह्ũ $ णल-णीलह्ũ पमय-पहाणाह्ũ
{प॰च॰१९,१६.५} अवरेक्कु महिन्द-णराहिवहेॅ $ तिकलिङ्ग-पहाणहेॅ पत्थिवहेॅ
{प॰च॰१९,१६.६} अवरेक्कु धवल-णिम्मल-कुलहेॅ $ पडिसूरहेॅ अञ्जण-माउलहेॅ
{प॰च॰१९,१६.७} दूवत्तऍ पत्तऍ गीढ-भय $ हणुवन्तहेॅ मायरि मुच्छ गय
{प॰च॰१९,१६.८} अहिसिञ्चिय सीयल-चन्दणेॅण $ पड वाइय वर-कामिणि-जणेॅण
{प॰च॰१९,१६.९} आसासिय सुन्दरि पवण-पिय $ णं थिय तुहिणाहय कमल-सिय
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१६.१०} ताम विधीरिय माउलेॅण $ "मा माऍ विसूरउ करि मणहेॅ
सिद्धहेॅ सासय-सिद्धि जिह $ तिह पइँ दक्खवमि समीरणहेॅ"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १७॒
{प॰च॰१९,१७.१} पुणु पुणो वि धीरेप्पिणु अञ्जणसुन्दरि $ णिय-विमाणेॅ आरूढु णराहिव-केसरि
{प॰च॰१९,१७.२} गउ तेत्तहेॅ जेत्तहेॅ केउमइ $ अण्णु वि पल्हाय-णराहिवइ
{प॰च॰१९,१७.३} णरवर-विन्दाइँ असेसाइँ $ मेलेप्पिणु गयइँ गवेसाइँ
{प॰च॰१९,१७.४} तं भूअरवाडइ ढुक्काइँ $ घण-उलइँ व थाणहेॅ चुक्काइँ
{प॰च॰१९,१७.५} पवणञ्जउ जहिॅ आरुहेॅवि गउ $ सो कालमेहु वणेॅ दिट्ठु गउ
{प॰च॰१९,१७.६} उद्धाइउ उक्करु उव्वयणु $ तण्डविय-कण्णु तम्विर-णयणु
{प॰च॰१९,१७.७} तं पाराउट्ठउ करेॅवि वलु $ गउ तहिॅ जेॅ पडीवउ अतुल-वलु
{प॰च॰१९,१७.८} गणियारिउ ढोइय वसिकियउ $ णव-णलिणि-सण्डेॅ भमरु व थियउ
{प॰च॰१९,१७.९} किङ्करेॅहिॅ गवेसन्तेहिॅ वणेॅ $ लक्खिउ वेल्लहलेॅ लया-भवणेॅ
{प॰च॰१९,१७.१०} जोक्कारिउ विज्जाहर-सऍहिॅ $ जिह जिणवरु सुरेॅहिॅ समागऍहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१७.११} मउणु लएवि परिट्ठियउ $ णउ चवइ ण चल्लइ झाण-परु
जाय भन्ति मणेॅ सव्वहु मि $ "कट्ठमउ किण्ण णिम्मविउ णरु"
कण्ड १, संधि १९, कडवक १८॒
{प॰च॰१९,१८.१} पुणु सिलोउ अवणीयलेॅ लिहिउ स-हत्थेॅण $ "अञ्जणाऍ मुइयाऍ मरमि परमत्थेॅण
{प॰च॰१९,१८.२} जीवन्तिहेॅ णिसुणमि वत्ति जइ $ तो वोल्लमि लइ एत्तडिय गइ"
{प॰च॰१९,१८.३} तं णिसुणेॅवि हणुरुह-राणऍण $ वज्जरिय वत्त परिजाणऍण
{प॰च॰१९,१८.४} तामरस-ल्हास-सरिसाणणउ $ विण्णि मि वसन्तमालञ्जणउ
{प॰च॰१९,१८.५} जिह उभय-पुरह्ũ परिघल्लियउ $ जिह वणेॅ भमियउ एक्कल्लियउ
{प॰च॰१९,१८.६} जिह हरिवरेण उवसग्गु किउ $ अट्ठावएण जिह उवसमिउ
{प॰च॰१९,१८.७} जिह लद्धु पुत्तु भूसणु इलहेॅ $ जिह णहेॅ णिज्जन्तु पडिउ सिलहेॅ
{प॰च॰१९,१८.८} सिरिसइलु णाũ हणुवन्तु जिह $ वित्तन्तु असेसु वि कहिउ तिह
{प॰च॰१९,१८.९} तं वयणु सुणेवि समुट्ठियउ $ पडिसूरें णिय-णयरहेॅ णियउ
घत्ता॒
{प॰च॰१९,१८.१०} मिलिउ पहञ्जणु अञ्जणहेॅ $ वेण्णि मि णिय-कहउ कहन्ताइँ
हणुरुह-दीवेॅ परिट्ठियइँ $ थिरु रज्जु स इं भु ञ्जन्ताइँ
[२०. वीसमो संधि] ----------
वद्धन्तउ पावणि $ भड-चूडामणि $ जाव जुवाण-भावेॅ चडइ
तहिॅ अवसरेॅ रावणु $ सुर-संतावणु $ रणउहेॅ वरुणहेॅ अब्भिदइ
कण्ड १, संधि २०, कडवक १॒
{प॰च॰२०,१.१} दूआगमणेॅ कोउ संवज्झइ $ सइँ सरहसु दसासु सण्णज्झइ
{प॰च॰२०,१.२} परिवेढिउ रयणियर-सहासेॅहिॅ $ पेसिय सासणहर चउपासेॅहिॅ
{प॰च॰२०,१.३} खर-दूसण-सुग्गीव-णरिन्दह्ũ $ णल-णीलह्ũ माहिन्द-महिन्दह्ũ
{प॰च॰२०,१.४} पल्हायहेॅ पडिदिणयर-पवणह्ũ $ जाणेॅवि समरु वरुण-दहवयणह्ũ
{प॰च॰२०,१.५} मारुइ सयण-जयासाऊरेॅहिॅ $ वुच्चइ पवणञ्जय-पडिसूरेॅहिॅ
{प॰च॰२०,१.६} "वच्छ वच्छ परिपालहि मेइणि $ माणहि राय-लच्छि जिह कामिणि
{प॰च॰२०,१.७} अम्हेॅहिॅ रावण-आण करेवी $ पर-वल-जय-सिरि-वहुअ हरेवी"
{प॰च॰२०,१.८} तं णिसुणेॅवि अरि-गिरि-सोदामणि $ चलण णवेप्पिणु पभणइ पावणि
घत्ता॒
{प॰च॰२०,१.९} "किं तुम्हेॅ विरुज्झहेॅ $ अप्पुणु जुज्झहेॅ $ मइँ हणुवन्तें हुन्तऍण
पावन्ति वसुन्धर $ चन्द-दिवायर $ किं किरणोहें सन्तऍण
कण्ड १, संधि २०, कडवक २॒
{प॰च॰२०,२.१} भणइ समीरणु "जयसिरि-लाहउ $ अज्जु वि पुत्त ण पेक्खिउ आहउ
{प॰च॰२०,२.२} अज्जु वि वालु केम तुह्ũ जुज्झहि $ अज्जु वि वूह-भेउ णउ वुज्झहि"
{प॰च॰२०,२.३} तं णिसुणेवि कुविउ पवणञ्जइ $ "वालु कुम्भि किं विडवि ण भञ्जइ
{प॰च॰२०,२.४} वालु सीहु किं करि ण विहाडइ $ किं वालग्गि ण डहइ महाडइ
{प॰च॰२०,२.५} वालयन्दु किं जणेॅ ण मुणिज्जइ $ वालु भडारउ किं ण थुणिज्जइ
{प॰च॰२०,२.६} वालु भुवङ्गमु काइँ ण डङ्कइ $ वाल-रविहेॅ तमोहु किं थक्कइ"
{प॰च॰२०,२.७} एम भणेवि पहञ्जणि-राणउ $ लङ्काणयरिहेॅ दिण्णु पयाणउ
{प॰च॰२०,२.८} दहि-अक्खय-जल-मङ्गल-कलसहिॅ $ णड-कइ-वन्दि-विप्प-णिग्घोसहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,२.९} हणुवन्तु स-साहणु $ परिओसिय-मणु $ एन्तु दिट्ठु लङ्केसरेॅण
छण-दिवसेॅ वलन्तउ $ किरण-फुरन्तउ $ तरुण-तरणि णं ससहरेॅण
कण्ड १, संधि २०, कडवक ३॒
{प॰च॰२०,३.१} दूरहेॅ ज्जेॅ तइलोक्क-भयावणु $ सिरु णावेॅवि जोक्कारिउ रावणु
{प॰च॰२०,३.२} तेण वि सरहसेण सव्वङ्गिउ $ एन्तउ सामीरणि आलिङ्गिउ
{प॰च॰२०,३.३} चुम्वेॅवि उच्चोलिहिॅ वइसारिउ $ वारवार पुणु साहुक्कारिउ
{प॰च॰२०,३.४} "धण्णउ पवणु जासु तुह्ũ णन्दणु $ भरहु जेम पुरएवहेॅ णन्दणु"
{प॰च॰२०,३.५} एम कुसल-पिय-महुरालावेॅहिॅ $ कङ्कण-कञ्चिदाम-कलावेॅहिॅ
{प॰च॰२०,३.६} तं हणुवन्त-कुमारु पपुज्जेॅवि $ वरुणहेॅ उप्परि गउ गलगज्जेॅवि
{प॰च॰२०,३.७} वेलन्धर-धरेॅ मुक्क-पयाणउ $ थिउ वलु सरयब्भ-उल-समाणउ
{प॰च॰२०,३.८} कहि मि सम्वु-खर-दूसण-राणा $ कहि मि हणुव-णल-णील-पहाणा
{प॰च॰२०,३.९} कहि मि कुमुअ-सुग्गीवङ्गङ्गय $ णं थिय थट्टेॅहिॅ मत्त महागय
घत्ता॒
{प॰च॰२०,३.१०} रेहइ णिसियर-वलु $ वड्ढिय-कलयलु $ थडेॅहिॅ थडेॅहिॅ आवासियउ
णं दहमुह-केरउ $ विजय-जणेरउ $ पुण्ण-पुञ्जु पुञ्जेॅहिॅ थियउ
कण्ड १, संधि २०, कडवक ४॒
{प॰च॰२०,४.१} तो एत्थन्तरेॅ रणेॅ णिक्करुणहेॅ $ चर-पुरिसेॅहिॅ जाणाविउ वरुणहेॅ
{प॰च॰२०,४.२} "देव देव किं अच्छहि अविचलु $ वेलन्धरेॅ आवासिउ पर-वलु"
{प॰च॰२०,४.३} चारह्ũ तणउ वयणु णिसुणेप्पिणु $ वरुणु णराहिउ ओसारेप्पिणु
{प॰च॰२०,४.४} मन्तिहिॅ कण्ण-जाउ तहेॅ दिज्जइ $ "केर दसाणण-केरी किज्जइ
{प॰च॰२०,४.५} जेण धणउ समरङ्गणेॅ वङ्किउ $ तिजगविहूसणु वारणु वसिकिउ
{प॰च॰२०,४.६} जें अट्ठावउ गिरि उद्धरियउ $ माहेसर-वइ णरवइ धरियउ
{प॰च॰२०,४.७} जेण णिरत्थीकिउ णल-कुव्वरु $ ससहरु सूरु कुवेरु पुरन्दरु
{प॰च॰२०,४.८} तेण समाणु कवणु किर आहउ $ केर करन्तह्ũ कवणु पराहउ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,४.९} तं णिसुणेॅवि दुद्धरु $ वरुणु धणुद्धरु $ पजलिउ कोव-हुवासणेॅण
"जइयह्ũ खर-दूसण $ जिय वेण्णि मि जण $ तइउ काइँ किउ रावणेॅण"
कण्ड १, संधि २०, कडवक ५॒
{प॰च॰२०,५.१} एव भणेवि भुवणेॅ जस-लुद्धउ $ सरहसु वरुणु राउ सण्णद्धउ
{प॰च॰२०,५.२} करि-मयरासणु विप्फुरियाहरु $ दारुण-णागपास-पहरण-करु
{प॰च॰२०,५.३} ताडिय समर-भेरि उब्भिय धय $ सारि-सज्ज किय मत्त महागय
{प॰च॰२०,५.४} हय पक्खरिय पजोत्तिय सन्दण $ णिग्गय वरुणहेॅ केरा णन्दण
{प॰च॰२०,५.५} पुण्डरीय-राजीव धणुद्धर $ वेलाणल-कल्लोल-वसुन्धर
{प॰च॰२०,५.६} तोयावलि-तरङ्ग-वगलामुह $ वेलन्धर-सुवेल-वेलामुह
{प॰च॰२०,५.७} सञ्झा-गलगज्जिय-सञ्झावलि $ जालामुह-जलोह-जालावलि
{प॰च॰२०,५.८} जलकन्ताइ अणेय पधाइय $ सरहस आहव-भूमि पराइय
{प॰च॰२०,५.९} विरऍवि गरुड-वूहु थिय जावेॅहिॅ $ वइरिहिॅ चाव-वूहु किउ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,५.१०} अवरोप्परु वरियइँ $ मच्छर-भरियइँ $ दूरुग्घोसिय-कलयलइँ
रोमञ्च-विसट्टइँ $ रणेॅ अब्भिट्टइँ $ वे वि वरुण-रावण-वलइँ
कण्ड १, संधि २०, कडवक ६॒
{प॰च॰२०,६.१} किय-अङ्गइँ उल्लालिय-खग्गइँ $ रावण-वरुण-वलइँ आलग्गइँ
{प॰च॰२०,६.२} गय-घड-घण-पासेइय-गत्तइँ $ कण्ण-चमर-मलयाणिल-पत्तइँ
{प॰च॰२०,६.३} इन्दणील-णिसि-णासिय-पसरइँ $ सूरकन्ति-दिण-लद्धावसरइँ
{प॰च॰२०,६.४} उक्खय-करिकुम्भत्थल-सिहरइँ $ कड्ढिय-असि-मुत्ताहल-णियरइँ
{प॰च॰२०,६.५} पम्मुक्केक्कमेक्क-करवालइँ $ दस-दिसिवह-धाइय-कीलालइँ
{प॰च॰२०,६.६} गय-मय-णइ-पक्खालिय-घायइँ $ णच्चाविय-कवन्ध-संघायइँ
{प॰च॰२०,६.७} ताव दसाणणु वरुणहेॅ पुत्तेॅहिॅ $ वेढिउ चन्दु जेम जीमुत्तेॅहिॅ
{प॰च॰२०,६.८} केसरि जेम महागय-जूहहिॅ $ जीउ जेम दुक्कम्म-समूहहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,६.९} एक्कल्लउ रावणु $ भुवण-भयावणु $ भमइ अणन्तऍ वइरि-वलेॅ
स-णियम्वु स-कन्दरु $ णाइँ महीहरु $ मत्थिज्जन्तऍ उवहि-जलेॅ
कण्ड १, संधि २०, कडवक ७॒
{प॰च॰२०,७.१} ताम वरुणु रावणहेॅ वि भिच्चेॅहिॅ $ विहि-सुअ-सारण-मय-मारिच्चेॅहिॅ
{प॰च॰२०,७.२} हत्थ-पहत्थ-विहीसण-राऍहिॅ $ इन्दइ-घणवाहण-महकाऍहिॅ
{प॰च॰२०,७.३} अङ्गङ्गय-सुग्गीव-सुसेणेॅहिॅ $ तार-तरङ्ग-रम्भ-विससेणेॅहिॅ
{प॰च॰२०,७.४} कुम्भयण्ण-खर-दूसण-वीरेॅहिॅ $ जम्वव-णल-णीलेॅहिॅ सोण्डीरेॅहिॅ
{प॰च॰२०,७.५} वेढिउ खत्त-धम्मु परिसेसेॅवि $ तेण वि सरवर-धोरणि पेसेॅवि
{प॰च॰२०,७.६} खेडिय अणडुह व्व जलधारेॅहिॅ $ ताम दसाणणु वरुण-कुमारेॅहिॅ
{प॰च॰२०,७.७} आयामेॅवि सव्वहिॅ समकण्डिउ $ रहु सण्णाहु महाधउ कण्डिउ
{प॰च॰२०,७.८} तं णिएवि णिय-कुल-णेयारें $ सरहसेण हणुवन्त-कुमारें
घत्ता॒
{प॰च॰२०,७.९} रणउहेॅ पइसन्तें $ वइरि वहन्तें $ रावणु उव्वेढावियउ
अवियाणिय-काएं $ णं दुव्वाएं $ रवि मेहहँ मेल्लावियउ
कण्ड १, संधि २०, कडवक ८॒
{प॰च॰२०,८.१} सयल वि सत्तु सत्तु-पडिकूलें $ संवेढेॅवि विज्जा-लङ्गूलें
{प॰च॰२०,८.२} लेइ ण लेइ जाम मरु-णन्दणु $ ताम पधाइउ वरुणु स-सन्दणु
{प॰च॰२०,८.३} "अरेॅ खल खुद्द पाव वलु वाणर $ कहिॅ संचरहि सण्ढ अहवा णर"
{प॰च॰२०,८.४} तं णिसुणेप्पिणु वलिउ कइद्धउ $ सीहु व सीहहेॅ वेहाविद्धउ
{प॰च॰२०,८.५} विण्णि वि किर भिडन्ति दणु-दारण $ णागपास-लङ्गूल-प्पहरण
{प॰च॰२०,८.६} ताम दसाणणु रहवरु वाहेॅवि $ अन्तरेॅ थिउ रण-भूमि पसाहेॅवि
{प॰च॰२०,८.७} "ŏरेॅ वलु वलु हयास अरेॅ माणव $ मइँ कुविएण ण देव ण दाणव
{प॰च॰२०,८.८} जं किउ जम-मियङ्क-धणयक्कह्ũ $ सहस-किरण-णलकुव्वर-सक्कह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,८.९} अवरहु मि सुरिन्दह्ũ $ णरवर-विन्दह्ũ $ दिण्णइँ आसि जाइँ जाइँ
परिहव-दुमइत्तइँ $ फलइँ विचित्तइँ $ तुज्झु वि देमि ताइँ ताइँ"
कण्ड १, संधि २०, कडवक ९॒
{प॰च॰२०,९.१} तं णिसुणेॅवि अतुलिय-माहप्पें $ णिब्भच्छिउ जलकन्तहेॅ वप्पें
{प॰च॰२०,९.२} "लङ्काहिव हेवाइउ अवरेॅहिॅ $ सूर-कुवेर-पुरन्दर-अमरेॅहिॅ
{प॰च॰२०,९.३} हũ पुणु वरुणु वरुणु फलु दावमि $ पइँ दहमुह-दवग्गि उल्हावमि"
{प॰च॰२०,९.४} दोच्छिउ रावणेण एत्थन्तरेॅ $ "केत्तिउ गज्जहि सुहडब्भन्तरेॅ
{प॰च॰२०,९.५} अहिमुहु थक्कु ढुक्कु वलु वुज्झहि $ सामण्णाउहेॅहिं लइ जुज्झहि
{प॰च॰२०,९.६} मोहण-थम्भण-डहण-समत्थेॅहिॅ $ को वि ण पहरइ दिव्वहिॅ अत्थेॅहिॅ"
{प॰च॰२०,९.७} एम भणेवि महाहवेॅ वरुणहेॅ $ गहकल्लोलु भिडिउ णं अरुणहेॅ
{प॰च॰२०,९.८} तहिॅ अवसरेॅ पवणञ्जय-सारें $ आयामेॅवि हणुवन्त-कुमारें
घत्ता॒
{प॰च॰२०,९.९} णरवर-सिर-सूलें $ णिय-लङ्गूलें $ वेढेॅवि धरिय कुमार किह
कम्पावण-सीलें $ पवणावीलें $ तिहुवण-कोडि-पएस जिह
कण्ड १, संधि २०, कडवक १०॒
{प॰च॰२०,१०.१} णिय-णन्दण-वन्धणेॅण स-करुणहेॅ $ पहरणु हत्थेॅ ण लग्गइ वरुणहेॅ
{प॰च॰२०,१०.२} रावणेण उप्पऍवि णहङ्गणेॅ $ इन्दु जेम तिह धरिउ रणङ्गणेॅ
{प॰च॰२०,१०.३} कलयलु घुट्ठु हयइँ जय-तूरइँ $ जलणिहि-सद्द-सद्द-गय-दूरइँ
{प॰च॰२०,१०.४} ताव भाणुकण्णेण स-णेउरु $ आणिउ णिरवसेसु अन्तेउरु
{प॰च॰२०,१०.५} रसणा-हार-दाम-गुप्पन्तउ $ गलिय-घुसिण-कद्दमेॅ खुप्पन्तउ
{प॰च॰२०,१०.६} अलि-झङ्कार-पमुहलिज्जन्तउ $ णिय-भत्तार-विओअ-किलन्तउ
{प॰च॰२०,१०.७} अंसु-जलेण धरिणि सिञ्चन्तउ $ कज्जल-मलेॅण वयइँ मइलन्तउ
{प॰च॰२०,१०.८} तं पेक्खेॅवि गञ्जोल्लिय-गत्तें $ गरहिउ कुम्भयण्णु दहवत्तें
घत्ता॒
{प॰च॰२०,१०.९} "कामिणि-कमल-वणइँ $ सुअ-लय-भवणइँ $ महुअरि-कोइल-अलिउलइँ
एयइँ सुपसिद्धइँ $ वम्मह-चिन्धइँ $ पालिज्जन्ति अणाउलइँ"
कण्ड १, संधि २०, कडवक ११॒
{प॰च॰२०,११.१} तं णिसुणेवि स-डोरु स-णेउरु $ रविकण्णेण मुक्कु अन्तेउरु
{प॰च॰२०,११.२} गउ णिय-णयरु मडप्फर-मुक्कउ $ करिणि-जूहु णं वारिहेॅ चुक्कउ
{प॰च॰२०,११.३} कोक्कावेप्पिणु वरुणु दसासें $ पुज्जिउ सुर-जय-लच्छि-णिवासें
{प॰च॰२०,११.४} "अवलुय मं तुह्ũ करहि सरीरहेॅ $ मरणु गहणु जउ सव्वहेॅ वीरहेॅ
{प॰च॰२०,११.५} णवर पलायणेण लज्जिज्जइ $ जें मुहु णामु गोत्तु मइलिज्जइ"
{प॰च॰२०,११.६} दहवयणहेॅ वयणेहिॅ स-करुणें $ चलण णवेप्पिणु वुच्चइ वरुणें
{प॰च॰२०,११.७} "धणय-कियन्त-सक्क जें वङ्किय $ सहसकिरण-णलकुव्वर वसिकिय
{प॰च॰२०,११.८} तासु भिडइ जो सो ज्जि अयाणउ $ अज्जहेॅ लग्गेॅवि तुह्ũ महु राणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,११.९} अण्णु वि ससि-वयणी $ कुवलय-णयणी $ महु सुय णामें सच्चवइ
करि ताऍ समाणउ $ पाणिग्गहणउ $ विज्जाहर-भुवणाहिवइ"
कण्ड १, संधि २०, कडवक १२॒
{प॰च॰२०,१२.१} कुसुमाउहकमला वुह-णयणें $ परिणिय वरुण-धीय दहवयणें
{प॰च॰२०,१२.२} पुप्फ-विमाणेॅ चडिउ आणन्दें $ दिण्णु पयाणउ जयजय-सद्दें
{प॰च॰२०,१२.३} चलियइँ णाणा-जाण-विमाणइँ $ रयणइँ सत्त णवद्ध-णिहाणइँ
{प॰च॰२०,१२.४} अट्ठारह सहास वर-दारह्ũ $ अद्धछट्ठ-कोडीउ कुमारह्ũ
{प॰च॰२०,१२.५} णव अक्खोहणीउ वर-तूरह्ũ $ (णरवर-अक्खोहणिउ सहासह्ũ
{प॰च॰२०,१२.६} अक्खोहणि णरवर-गय-तुरयह्ũ) $ अक्खोहणि-सहासु चउ-सूरह्ũ
{प॰च॰२०,१२.७} लङ्क पइट्ठु सुट्ठु परिओसें $ मङ्गल-धवलुच्छाह-पघोसें
{प॰च॰२०,१२.८} पुज्जिउ पवण-पुत्तु दहगीवें $ दिज्जइ पउमराय सुग्गीवें
{प॰च॰२०,१२.९} खरेॅण अणङ्गकुसुम वय-पालिणि $ णल-णीलेहिॅ धीय सिरिमालिणि
{प॰च॰२०,१२.१०} अट्ठ सहास एम परिणेप्पिणु $ गउ णिय-णयरु पसाउ भणेप्पिणु
{प॰च॰२०,१२.११} सम्वु कुमारु वि गउ वणवासहेॅ $ खग्गहेॅ कारणेॅ दिणयरहासहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२०,१२.१२} सुग्गीवङ्गङ्गय $ णल-णील वि गय $ खर-दूसण वि कियत्थ-किय
विज्जाहर-कीलऍ $ णिय-णिय-लीलऍ $ पुरइँ स इं भु ञ्जन्त थिय
इय "वि ज्जा ह र क ण्डं" $ वीसहिॅ आसासएहिॅ मे सिट्ठं
एण्हिॅ "उ ज्झा क ण्डं" $ साहिज्जन्तं णिसामेह
धुवरायधोव तइयलुअ $ पणत्ति णत्ती सुयाणु पाढेण (?)
णामेण सा ऽमिअव्वा $ सयम्भु-घरिणी महासत्ता
तीए लिहावियम् इणं $ वीसहिॅ आसासएहिॅ पडिवद्धं
"सिरि-विज्जाहर-कण्डं" $ कण्डं पिव कामएवस्स
इइ पढमं विज्जाहरकण्डं समत्तं