पउमचरिउ/कण्ड २
उज्झाकण्डं
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[२१. एक्कवीसमो संधि]
सायरवुद्धि विहीसणेॅण $ परिपुच्छिउ "जयसिरि-माणणहेॅ
कहेॅ केत्तडउ कालु अचलु $ जउ जीविउ रज्जु दसाणणहेॅ"
कण्ड २, संधि २१, कडवक १॒
{प॰च॰२१,१.१} पभणइ सायरवुद्धि भडारउ $ कुसुमाउह-सर-पसर-णिवारउ
{प॰च॰२१,१.२} "सुणु अक्खमि रहुवंसु पहाणउ $ दसरहु अत्थि अउज्झहेॅ राणउ
{प॰च॰२१,१.३} तासु पुत्त होसन्ति धुरन्धर $ वासुएव-वलएव धणुद्धर
{प॰च॰२१,१.४} तेहिॅ हणेवउ रक्खु महारणेॅ $ जणय-णराहिव-तणयहेॅ कारणेॅ"
{प॰च॰२१,१.५} तो सहसत्ति पलित्तु विहीसणु $ णं घय-घडऍहिॅ सित्तु हुआसणु
{प॰च॰२१,१.६} "जाम ण लङ्का-वल्लरि सुक्कइ $ जाम ण मरणु दसासणेॅ ढुक्कइ
{प॰च॰२१,१.७} तोडमि ताम ताह्ũ भय-भीसइँ $ दसरह-जणय-णराहिव-सीसइँ"
{प॰च॰२१,१.८} तो तं वयणु सुणेॅवि कलियारउ $ वद्धावणहँ पधाइउ णारउ
{प॰च॰२१,१.९} "अज्जु विहीसणु उप्परि एसइ $ तुम्हहँ विहि मि सिरइँ तोडेसइ"
घत्ता॒
{प॰च॰२१,१.१०} दसरह-जणय विणीसरिय $ लेप्पमउ थवेप्पिणु अप्पणउ
णियइँ सिरइँ विज्जाहरेॅहिॅ $ परियणहेॅ करेप्पिणु चप्पणउ
कण्ड २, संधि २१, कडवक २॒
{प॰च॰२१,२.१} दसरह-जणय वे वि गय तेत्तहेॅ $ पुरवरु कउतुकमङ्गलु जेत्तहेॅ
{प॰च॰२१,२.२} जेम्मइ जेत्थु अमग्गिय-लद्धउ $ सूरकन्त-मणि-हुयवह-रद्धउ
{प॰च॰२१,२.३} जहिॅ जलु चन्दकन्ति-णिज्झरणेॅहिॅ $ सुप्पइ पडिय-पुप्फ-पत्थरणेॅहिॅ
{प॰च॰२१,२.४} जहिॅ णेउर-झङ्कारिय-चलणेॅहिॅ $ रम्मइ अच्चण-पुप्फ-क्खलणेॅहिॅ
{प॰च॰२१,२.५} जहिॅ पासाय-सिहरेॅ णिहसिज्जइ $ तेण मियङ्कु वङ्कु किसु किज्जइ
{प॰च॰२१,२.६} तहिॅ सुहमइ-णामेण पहाणउ $ णं सुरपुरहेॅ पुरन्दरु राणउ
{प॰च॰२१,२.७} पिहुसिरि तहेॅ महएवि मणोहर $ सुरकरि-कर कुम्भयल-पओहर
{प॰च॰२१,२.८} णन्दणु ताहेॅ दोणु उप्पज्जइ $ केक्कय तणय काइँ वण्णिज्जइ
{प॰च॰२१,२.९} सयल-कला-कलाव-संपण्णी $ णं पच्चक्ख लच्छी अवइण्णी
घत्ता॒
{प॰च॰२१,२.१०} ताहेॅ सयम्वरेॅ मिलिय वर $ हरिवाहण-हेमप्पह-पमुह
णाइँ समुद्द-महासिरिहेॅ $ थिय जलवाहिणि-पवाह समुह
कण्ड २, संधि २१, कडवक ३॒
{प॰च॰२१,३.१} तो करेणु आरुहेॅवि विणिग्गय $ णं पच्चक्ख महासिरि-देवय
{प॰च॰२१,३.२} पेक्खन्तहँ णरवर-संघायहँ $ भूगोयर-विज्जाहर-रायहँ
{प॰च॰२१,३.३} घित्त माल दससन्दण-णामहेॅ $ मणहर-गइऍ रइऍ णं कामहेॅ
{प॰च॰२१,३.४} तहिॅ अवसरेॅ विरुद्धु हरिवाहणु $ धाइउ "लेहु" भणन्तु स-साहणु
{प॰च॰२१,३.५} "वरु आहणहेॅ कण्ण उद्दालहेॅ $ रयणइँ जेम तेम महिपालहेॅ"
{प॰च॰२१,३.६} सुहमइ रहु-सुएण विण्णप्पइ $ "धीरउ होहि माम को चप्पइ
{प॰च॰२१,३.७} मइँ जियन्तेॅ अणरण्णहेॅ णन्दणेॅ" $ एउ भणेवि परिट्ठिउ सन्दणेॅ
{प॰च॰२१,३.८} केक्कइ धुरहिॅ करेप्पिणु सारहि $ तहिॅ पयट्टु जहिॅ सयल महारहि
घत्ता॒
{प॰च॰२१,३.९} तो वोल्लिज्जइ दसरहेॅण $ "दूरयर-णिवारिय-रवियरइँ
रहु वाहेॅवि तहिॅ णेहि पिऍ $ धय-छत्तइँ जेत्थु णिरन्तरइँ"
कण्ड २, संधि २१, कडवक ४॒
{प॰च॰२१,४.१} तं णिसुणेॅवि परिओसिय-जणएं $ वाहिउ रहवरु पिहुसिरि-तणएं
{प॰च॰२१,४.२} तेण वि सरहिॅ परज्जिउ साहणु $ भग्गु स-हेमप्पहु हरिवाहणु
{प॰च॰२१,४.३} परिणिय केक्कइ दिण्णु महा-वरु $ चवइ अउज्झापुर-परमेसरु
{प॰च॰२१,४.४} "सुन्दरि मग्गु मग्गु जं रुच्चइ" $ सुहमइ-सुयऍ णवेप्पिणु वुच्चइ
{प॰च॰२१,४.५} "दिण्णु देव पइँ मग्गमि जइयह्ũ $ णियय-सच्चु पालिज्जइ तइयह्ũ"
{प॰च॰२१,४.६} एम चवन्तइँ धण-कण-संकुलेॅ $ थियइँ वे वि पुरेॅ कउतुकमङ्गलेॅ
{प॰च॰२१,४.७} वहु-वासरेॅहिॅ अउज्झ पइट्ठइँ $ सइ-वासव इव रज्जेॅ वइट्ठइँ
{प॰च॰२१,४.८} सयल-कला-कलाव-संपण्णा $ ताम चयारि पुत्त उप्पण्णा
घत्ता॒
{प॰च॰२१,४.९} रामचन्दु अपरज्जियहेॅ $ सोमित्ति सुमित्तिहेॅ एक्कु जणु
भरहु धुरन्धरु केक्कइहेॅ $ सुप्पहहेॅ पुत्तु पुणु सत्तुहणु
कण्ड २, संधि २१, कडवक ५॒
{प॰च॰२१,५.१} एय चयारि पुत्त तहेॅ रायहेॅ $ णाइँ महा-समुद्द महि-भायहेॅ
{प॰च॰२१,५.२} णाइँ दन्त गिव्वाण-गइन्दहेॅ $ णाइँ मणोरह सज्जण-विन्दहेॅ
{प॰च॰२१,५.३} जणउ वि मिहिला-णयरेॅ पइट्ठउ $ समउ विदेहऍ रज्जेॅ णिविट्ठउ
{प॰च॰२१,५.४} ताहँ विहि मि वर-विक्कम-वीयउ $ भामण्डलु उप्पण्णु स-सीयउ
{प॰च॰२१,५.५} पुव्व-वइरु संभरेॅवि अ-खेवें $ दाहिण सेढि हरेॅवि णिउ देवें
{प॰च॰२१,५.६} तहिॅ रहणेउरचक्कवाल-पुरेॅ $ वहल-धवल-छुह-पङ्कापण्डुरेॅ
{प॰च॰२१,५.७} चन्दगइहेॅ चन्दुज्जल-वयणहेॅ $ णन्दणवण-समीवेॅ तहेॅ सयणहेॅ
{प॰च॰२१,५.८} घत्तिउ पिङ्गलेण अमरिन्दें $ पुप्फवइहेॅ अल्लविउ णरिन्दें
घत्ता॒
{प॰च॰२१,५.९} ताव रज्जु जणयहेॅ तणउ $ उट्ठद्धु महाडइ-वासिऍहिॅ
वव्वर-सवर-पुलिन्दऍहिॅ $ हिमवन्त-विञ्झ-संवासिऍहिॅ
कण्ड २, संधि २१, कडवक ६॒
{प॰च॰२१,६.१} वेढिय जणय-कणय दुप्पेच्छेॅहिॅ $ वव्वर-सवर-पुलिन्दा-मेच्छेॅहिॅ
{प॰च॰२१,६.२} गरुयासङ्घऍ वाल-सहायहेॅ $ लेहु विसज्जिउ दसरह-रायहेॅ
{प॰च॰२१,६.३} तूरइँ देवि सो वि सण्णज्झइ $ रामु स-लक्खणु ताव विरुज्झइ
{प॰च॰२१,६.४} "मइँ जीयन्तेॅ ताय तुह्ũ चल्लहि $ हणमि वइरि छुडु हत्थुत्थल्लहि"
{प॰च॰२१,६.५} वुत्तु णराहिवेण "तुह्ũ वालउ $ रम्भा-खम्भ-गब्भ-सोमालउ
{प॰च॰२१,६.६} किह आलग्गहि णरवर-विन्दह्ũ $ किह घड भञ्जहि मत्त-गइन्दह्ũ
{प॰च॰२१,६.७} किह रिउ-रहहँ महारहु चोयहि $ किह वर-तुरय तुरङ्गह्ũ ढोयहि"
{प॰च॰२१,६.८} पभणइ रामु "ताय पल्लट्टहि $ हũ जेॅ पहुच्चमि काइँ पयट्टहि
घत्ता॒
{प॰च॰२१,६.९} किं तमु हणइ ण वालु रवि $ किं वालु दवग्गि ण डहइ वणु
किं करि दलइ ण वालु हरि $ किं वालु ण डङ्कइ उरगमणु
कण्ड २, संधि २१, कडवक ७॒
{प॰च॰२१,७.१} पहु पल्लट्टु पयट्टिउ राहउ $ दूरासंघिय-मेच्छ-महाहउ
{प॰च॰२१,७.२} दूसहु सो जि अण्णु पुणु लक्खणु $ एक्कु पवणु अण्णेक्कु हुआसणु
{प॰च॰२१,७.३} विण्णि मि भिडिय पुलिन्दहेॅ साहणेॅ $ रहवर-तुरय-जोह-गय-वाहणेॅ
{प॰च॰२१,७.४} दीहर-सरेॅहिॅ वइरि संताविय $ जणय-कणय रणेॅ उव्वेढाविय
{प॰च॰२१,७.५} धाइउ समरङ्गणेॅ तमु राणउ $ वव्वर-सवर-पुलिन्द-पहाणउ
{प॰च॰२१,७.६} तेण कुमारहेॅ चूरिउ रहवरु $ छिण्णु छत्तु दोहाइउ धणुहरु
{प॰च॰२१,७.७} तो राहवेॅण लइज्जइ वाणेॅहिॅ $ णाइणि-णाय-काय-परिमाणेॅहिॅ
{प॰च॰२१,७.८} साहणु भग्गउ लग्गु उमग्गेॅहिॅ $ करयलेहिॅ ओलम्विय-खग्गेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,७.९} दसहिॅ तुरङ्गहिॅ णीसरिउ $ भिल्लाहिउ भज्जेॅवि आहवहेॅ
जाणइ जणय-णराहिवेॅण $ तहिॅ कालेॅ वि अप्पिय राहवहेॅ
कण्ड २, संधि २१, कडवक ८॒
{प॰च॰२१,८.१} वव्वर-सवर-वरूहिणि भग्गी $ जणयहेॅ जाय पिहिवि आवग्गी
{प॰च॰२१,८.२} णाणा-रयणाहरणहिॅ पुज्जिय $ वासुएव-वलएव विसज्जिय
{प॰च॰२१,८.३} सीयहेॅ देह-रिद्धि पावन्तिहेॅ $ एक्कु दिवसु दप्पणु जोयन्तिहेॅ
{प॰च॰२१,८.४} पडिमा-छलेॅण महा-भय-गारउ $ आरिस-वेसु णिहालिउ णारउ
{प॰च॰२१,८.५} जणय-तणय सहसत्ति पणट्ठी $ सीहागमणेॅ कुरङ्गि व तट्ठी
{प॰च॰२१,८.६} "हा हा माऍ" भणन्तिहिॅ सहियहिॅ $ कलयलु किउ सज्झस-गह-गहियहिॅ
{प॰च॰२१,८.७} अमरिस-कुद्धुद्धाइय किङ्कर $ उक्खय-वर-करवाल-भयङ्कर
{प॰च॰२१,८.८} मिलेॅवि तेहिॅ कह कह वि ण मारिउ $ लेवि अद्धचन्देॅहिॅ णीसारिउ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,८.९} गउ स-पराहउ देवरिसि $ पडेॅ पडिम लिहेॅवि सीयहेॅ तणिय
दरिसाविय भामण्डलहेॅ $ विस-जुत्ति णाइँ णर-घारणिय
कण्ड २, संधि २१, कडवक ९॒
{प॰च॰२१,९.१} दिट्ठ जं जेॅ पडेॅ पडिम कुमारें $ पञ्चहिॅ सरहिॅ विद्धु णं मारें
{प॰च॰२१,९.२} सुसिय-वयणु घुम्मइय-णिडालउ $ वलिय-अङ्गु मोडिय-भुव-डालउ
{प॰च॰२१,९.३} वद्ध-केसु पक्खोडिय-वच्छउ $ दरिसाविय-दस-कामावत्थउ
{प॰च॰२१,९.४} चिन्त पढम-थाणन्तरेॅ लग्गइ $ वीयऍ पिय-मुह-दंसणु मग्गइ
{प॰च॰२१,९.५} तइयऍ ससइ दीह-णीसासें $ कणइ चउत्थऍ जर-विण्णासें
{प॰च॰२१,९.६} पञ्चमेॅ डाहें अङ्गु ण मुच्चइ $ छट्ठऍ मुहहेॅ ण काइ मि रुच्चइ
{प॰च॰२१,९.७} सत्तमेॅ थाणेॅ ण गासु लइज्जइ $ अट्ठमेॅ गमणुम्माऍहिॅ भिज्जइ
{प॰च॰२१,९.८} णवमेॅ पाण-संदेहहेॅ ढुक्कइ $ दसमऍ मरइ ण केम वि चुक्कइ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,९.९} कहिउ णरिन्दहेॅ किङ्करेॅहिॅ $ "पहु दुक्करु जीवइ पुत्तु तउ
काहेॅ वि कण्णहेॅ कारणेॅण $ सो दसमी कामावत्थ गउ
कण्ड २, संधि २१, कडवक १०॒
{प॰च॰२१,१०.१} णाग-णरामर-कुल-कलियारउ $ चन्दगइऍ पडिपुच्छिउ णारउ
{प॰च॰२१,१०.२} "कहि कहेॅ तणिय कण्ण कहिॅ दिट्ठी $ जा महु पुत्तहेॅ हियऍ पइट्ठी"
{प॰च॰२१,१०.३} कहइ महारिसि "मिहिला-राणउ $ चन्दकेउ-णामेण पहाणउ
{प॰च॰२१,१०.४} तहेॅ सुउ जणउ तेत्थु मइँ दिट्ठउ $ कण्णा-रयणु तिलोय-वरिट्ठउ
{प॰च॰२१,१०.५} तं जइ होइ कुमारहेॅ आयहेॅ $ तो सिय हरइ पुरन्दर-रायहेॅ"
{प॰च॰२१,१०.६} तं णिसुणेॅवि विज्जाहर-णाहें $ पेसिउ चवलवेउ असगाहें
{प॰च॰२१,१०.७} "जाहि विदेहा-दइउ हरेवउ $ मइँ विवाह-संवन्धु करेवउ"
{प॰च॰२१,१०.८} गउ सो चन्दगइहेॅ मुहु जोऍवि $ मन्दुर ढुक्कु तुरङ्गमु होऍवि
{प॰च॰२१,१०.९} कोड्डें चडिउ णराहिउ जावेॅहिॅ $ दाहिण सेढि पराइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२१,१०.१०} मिहिला-णाहु मुएप्पिणु जिण-हरेॅ $ चवलवेउ पइसइ पुरेॅ मणहरेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,१०.११} "आणिउ जणय-णराहिवइ" $ णिय-णाहहेॅ अक्खिउ स-रहसेॅण
वन्दणहत्तिऍ सो वि गउ $ सह्ũ पुत्तें विरह-परव्वसेॅण
कण्ड २, संधि २१, कडवक ११॒
{प॰च॰२१,११.१} विज्जाहर-णर-णयणाणन्देॅहिॅ $ किउ संभासणु विहि मि णरिन्देॅहिॅ
{प॰च॰२१,११.२} पभणइ चन्दगमणु तोसिय-मणु $ "विण्णि वि किण्ण करह्ũ सयणत्तणु
{प॰च॰२१,११.३} दुहिय तुहारी पुत्तु महारउ $ होउ विवाहु मणोरह-गारउ"
{प॰च॰२१,११.४} अमरिसु णवर पवद्धिउ जणयहेॅ $ "दिण्ण कण्ण मइँ दसरह-तणयहेॅ
{प॰च॰२१,११.५} रामहेॅ जयसिरि-रामासत्तहेॅ $ सवर-वरूहिणि-चूरिय-गत्तहेॅ
{प॰च॰२१,११.६} तहिॅ अवसरेॅ वद्धिय-अहिमाणें $ वुत्तु णरिन्दु चन्दपत्थाणें
{प॰च॰२१,११.७} "कहिॅ विज्जाहरु कहिॅ भूगोयरु $ गय-मसयह्ũ वड्डारउ अन्तरु
{प॰च॰२१,११.८} माणुस-खेत्तु जेॅ ताम कणिट्ठउ $ जीविउ तहिॅ कहिॅ तणउ विसिट्ठउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२१,११.९} भणइ णराहिउ "केत्तिऍण $ जगेॅ माणुस-खेत्तु जेॅ अग्गलउ
जसु पासिउ तित्थङ्करेॅहिॅ $ सिद्धत्तणु लद्धउ केवलउ"
कण्ड २, संधि २१, कडवक १२॒
{प॰च॰२१,१२.१} तं णिसुणेॅवि भामण्डल-वप्पें $ वुच्चइ विज्जा-वल-माहप्पें
{प॰च॰२१,१२.२} "पगुण-गुणइँ अइ-दुज्जय-भावइँ $ पुरेॅ अच्छन्ति एत्थु वे चावइँ
{प॰च॰२१,१२.३} वज्जावत्त-समुद्दावत्तइँ $ जक्खारक्खिय-रक्खिय-गत्तइँ
{प॰च॰२१,१२.४} किं भामण्डलेण किं रामें $ ताइँ चडावइ जो आयामें
{प॰च॰२१,१२.५} परिणउ सो ज्जेॅ कण्ण ऍउ पभणिउ" $ तं जि पमाणु करेॅवि पहु भणियउ
{प॰च॰२१,१२.६} गय स-सरासण मिहिला-पुरवरु $ वद्ध मञ्च आढत्तु सयम्वरु
{प॰च॰२१,१२.७} मिलिय णराहिव जे जगेॅ जाणिय $ सयल वि धणु-पयाव-अवमाणिय
{प॰च॰२१,१२.८} को वि णाहिॅ जो ताइँ चडावइ $ जक्ख-सहासह्ũ मुहु दरिसावइ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,१२.९} जाम ण गुणहिॅ चडन्ताइँ $ अहिजायइँ कउ सुह-दंसणइँ
अवसें जणहेॅ अणिट्ठाइँ $ कुकलत्तइँ जेम सरासणइँ
कण्ड २, संधि २१, कडवक १३॒
{प॰च॰२१,१३.१} जं णरवइ असेस अवमाणिय $ दसरह-तणय चयारि वि आणिय
{प॰च॰२१,१३.२} हरि-वलएव पढुक्किय तेत्तहेॅ $ सीय-सयम्वर-मण्डउ जेत्तहेॅ
{प॰च॰२१,१३.३} दूर-णिवारिय-णरवर-लक्खेॅहिॅ $ धणुहराइँ अल्लवियइँ जक्खेॅहिॅ
{प॰च॰२१,१३.४} "अप्पण-अप्पणाइँ सु-पमाणइँ $ णिव्वाडेवि लेहु वर-चावइँ"
{प॰च॰२१,१३.५} लइयइँ सायर-वज्जावत्तइँ $ गामहणा इव गुणेॅहिॅ चडन्तइँ
{प॰च॰२१,१३.६} मेल्लिउ कुसुम-वासु सुर-सत्थें $ परिणिय जणय-तणय काकुत्थें
{प॰च॰२१,१३.७} जे जे मिलिय सयम्वरेॅ राणा $ णिय-णिय-णयरहेॅ गय विद्दाणा
{प॰च॰२१,१३.८} दिवसु वारु णक्खत्तु गणेप्पिणु $ लग्गु जोग्गु गह-दुत्थु णिएप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰२१,१३.९} जोइसिऍहिॅ आएसु किउ $ "जउ लक्खण-रामह्ũ स-रहसह्ũ
आयहेॅ कण्णहेॅ कारणेॅण $ होसइ विणासु वहु-रक्खसह्ũ"
कण्ड २, संधि २१, कडवक १४॒
{प॰च॰२१,१४.१} ससिवद्धणेण ससि-वयणियउ $ कुवलय-दल-दीहर-णयणियउ
{प॰च॰२१,१४.२} कल-कोइल-वीणा-वाणियउ $ अट्ठारह कण्णउ आणियउ
{प॰च॰२१,१४.३} दस लहु-भायरह्ũ समप्पियउ $ लक्खणहेॅ अट्ठ परिकप्पियउ
{प॰च॰२१,१४.४} दोणेण विसल्ला-सुन्दरिय $ कण्हहेॅ चिन्तविय मणोहरिय
{प॰च॰२१,१४.५} वइदेहि अउज्झा-णयरि णिय $ दसरहेॅण महोच्छव-सोह किय
{प॰च॰२१,१४.६} रह-तिक्क-चउक्कहिॅ चच्चरहिॅ $ कुङ्कुम-कप्पूर-पवर-वरहिॅ
{प॰च॰२१,१४.७} चन्दन-छडोह-दिज्जन्तऍहिॅ $ गायण-गीयहिॅ गिज्जन्तऍहिॅ
{प॰च॰२१,१४.८} मणिमइयउ रइयउ देहलिउ $ मोत्तिय-कणऍहिॅ रङ्गावलिउ
{प॰च॰२१,१४.९} सोवण्ण-दण्ड-मणि-तोरणइँ $ वद्धइँ सुरवर-मण-चोरणइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२१,१४.१०} सीय-वलइँ पइसारियइँ $ जणेॅ जय-जय-कारिज्जन्ताइँ
थियइँ अउज्झहेॅ अविचलइँ $ रइ-सोक्ख स यं भु ञ्जन्ताइँ
[२२. वावीसमो संधि] ----------
कोसलणन्दणेॅण $ स-कलत्तें णिय-घरु आएं
आसाढट्ठमिहिॅ $ किउ ण्हवणु जिणिन्दहेॅ राएं
कण्ड २, संधि २२, कडवक १॒
{प॰च॰२२,१.१} सुर-समर-सहासेॅहिॅ दुम्महेण $ किउ ण्हवणु जिणिन्दहेॅ दसरहेण
{प॰च॰२२,१.२} पट्ठवियइँ जिण-तणु-धोवयाइँ $ देविहिॅ दिव्वइँ गन्धोवयाइँ
{प॰च॰२२,१.३} सुप्पहहेॅ णवर कञ्चुइ ण पत्तु $ पहु पभणइ रहसुच्छलिय-गत्तु
{प॰च॰२२,१.४} "कहेॅ काइँ णियम्विणि मणेॅ विसण्ण $ चिर-चित्तिय भित्ति व थिय विवण्ण"
{प॰च॰२२,१.५} पणवेप्पिणु वुच्चइ सुप्पहाऍ $ "किर काइँ महु त्तणियऍ कहाऍ
{प॰च॰२२,१.६} जइ हũ जेॅ पाणवल्लहिय देव $ तो गन्ध-सलिलु पावइ ण केम"
{प॰च॰२२,१.७} तहिॅ अवसरेॅ कञ्चुइ ढुक्कु पासु $ छण-ससि व णिरन्तर-धवलियासु
{प॰च॰२२,१.८} गय-दन्तु अयंगमु (?) दण्ड-पाणि $ अणियच्छिय-पहु पक्खलिय-वाणि
घत्ता॒
{प॰च॰२२,१.९} गरहिउ दसरहेॅण $ "पइँ कञ्चुइ काइँ चिराविउ
जलु जिण-वयणु जिह $ सुप्पहहेॅ दवत्ति ण पाविउ"
कण्ड २, संधि २२, कडवक २॒
{प॰च॰२२,२.१} पणवेप्पिणु तेण वि वुत्तु एम $ "गय दियहा जोव्वणु ल्हसिउ देव
{प॰च॰२२,२.२} पढमाउसु जर धवलन्ति आय $ पुणु असइ व सीस-वलग्ग जाय
{प॰च॰२२,२.३} गइ तुट्टिय विहडिय सन्धि-वन्ध $ ण सुणन्ति कण्ण लोयण णिरन्ध
{प॰च॰२२,२.४} सिरु कम्पइ मुहेॅ पक्खलइ वाय $ गय दन्त सरीरहेॅ णट्ठ छाय
{प॰च॰२२,२.५} परिगलिउ रुहिरु थिउ णवर चम्मु $ महु एत्थु जेॅ हुउ णं अवरु जम्मु
{प॰च॰२२,२.६} गिरि-णइ-पवाह ण वहन्ति पाय $ गन्धोवउ पावउ केम राय"
{प॰च॰२२,२.७} वयणेण तेण किउ पहु-वियप्पु $ गउ परम-विसायहेॅ राम-वप्पु
{प॰च॰२२,२.८} "सच्चउ चलु जीविउ कवणु सोक्खु $ तं किज्जइ सिज्झइ जेण मोक्खु
घत्ता॒
{प॰च॰२२,२.९} सुहु महु-विन्दु-समु $ दुहु मेरु-सरिसु पवियम्भइ
वरि तं कम्मु किउ $ जं पउ अजरामरु लब्भइ
कण्ड २, संधि २२, कडवक ३॒
{प॰च॰२२,३.१} कं दिवसु वि होसइ आरिसाह्ũ $ कञ्चुइ-अवत्थ अम्हारिसाह्ũ
{प॰च॰२२,३.२} को हũ का महि कहेॅ तणउ दव्वु $ सिंहासणु छत्तइँ अथिरु सव्वु
{प॰च॰२२,३.३} जोव्वणु सरीरु जीविउ धिगत्थु $ संसारु असारु अणत्थु अत्थु
{प॰च॰२२,३.४} विसु विसय वन्धु दिढ-वन्धणाइँ $ घर-दारइँ परिहव-कारणाइँ
{प॰च॰२२,३.५} सुय सत्तु विढत्तउ अवहरन्ति $ जर-मरणहँ किङ्कर किं करन्ति
{प॰च॰२२,३.६} जीवाउ वाउ हय हय वराय $ सन्दण सन्दण गय गय जेॅ णाय
{प॰च॰२२,३.७} तणु तणु जेॅ खणद्धें खयहेॅ जाइ $ धणु धणु जि गुणेण वि वङ्कु थाइ
{प॰च॰२२,३.८} दुहिया वि दुहिय माया वि माय $ सम-भाउ लेन्ति किर तेण भाय
घत्ता॒
{प॰च॰२२,३.९} आयइँ अवरइ मि $ सव्वइँ राहवहेॅ समप्पेॅवि
अप्पुणु तउ करमि" $ थिउ दसरहु एम वियप्पेॅवि
कण्ड २, संधि २२, कडवक ४॒
{प॰च॰२२,४.१} तहिॅ अवसरेॅ आइउ सवण-सङ्घु $ पर-समयसमीरण-गिरि-अलङ्घु
{प॰च॰२२,४.२} दुम्महमह-वम्मह-महण-सीलु $ भय-भङ्गुर-भुअणुद्धरण-लीलु
{प॰च॰२२,४.३} अहि-विसम-विसय-विस-वेय-समणु $ खम-दम-णिसेणि-किय-मोक्ख-गमणु
{प॰च॰२२,४.४} तवसिरि-वररामालिङ्गियङ्गु $ कलि-कलुस-सलिल-सोसण-पयङ्गु
{प॰च॰२२,४.५} तित्थङ्कर-चरणम्वुरुह-भमरु $ किय-मोह-महासुर-णयर-डमरु
{प॰च॰२२,४.६} तहिॅ सच्चभूइ णामेण साहु $ जाणिय-संसार-समुद्द-थाहु
{प॰च॰२२,४.७} मगहाहिउ विसय-विरत्त-देहु $ अवहत्थिय-पुत्त-कलत्त-णेहु
{प॰च॰२२,४.८} गिव्वाण-महागिरि धीरिमाऍ $ रयणायर-गुरु गम्भीरिमाऍ
घत्ता॒
{प॰च॰२२,४.९} रिसि-सङ्घाहिवइ $ सो आउ अउज्झ भडारउ
"सिवपुरि-गमणु करि" $ दसरहहेॅ णाइँ हक्कारउ
कण्ड २, संधि २२, कडवक ५॒
{प॰च॰२२,५.१} पडिवण्णऍ तहिॅ तेत्तडऍ कालेॅ $ तो पुरेॅ रहणेउरचक्कवालेॅ
{प॰च॰२२,५.२} भामण्डलु मण्डलु परिहरन्तु $ अच्छइ रिसि सिद्धि व संभरन्तु
{प॰च॰२२,५.३} वइदेहि-विरह-वेयण सहन्तु $ दस कामावत्थउ दक्खवन्तु
{प॰च॰२२,५.४} पडिहन्ति ण विज्जाहर-तियाउ $ णउ खाण-पाण-भोयण-कियाउ
{प॰च॰२२,५.५} ण जलद्द ण चन्दण कमल-सेज्ज $ ढुक्कन्ति जन्ति अण्णोण्ण वेज्ज
{प॰च॰२२,५.६} वाहिज्जइ विरहें दूसहेण $ णउ फिट्टइ केण वि ओसहेण
{प॰च॰२२,५.७} णीसासु मुएप्पिणु दीहु दीहु $ पुणरवि थिउ थक्केॅवि जेम सीहु
{प॰च॰२२,५.८} "भूगोयरि भुञ्जमि मण्ड लेवि" $ णीसरिउ स-साहणु सण्णहेवि
घत्ता॒
{प॰च॰२२,५.९} पत्तु वियड्ढ-पुरु $ तं णिऍवि जाउ जाईसरु
"अण्णहिॅ भव-गहणेॅ $ हũ होन्तु एत्थु रज्जेसरु"
कण्ड २, संधि २२, कडवक ६॒
{प॰च॰२२,६.१} मुच्छाविउ तं पेक्खेॅवि पएसु $ संभरेॅवि भवन्तरु णिरवसेसु
{प॰च॰२२,६.२} सब्भावें पभणिउ तेण ताउ $ "कुण्डलमण्डिउ णामेण राउ
{प॰च॰२२,६.३} हũ होन्तु एत्थु अखलिय-मरट्टु $ पिङ्गलु णामेण कुवेर-भट्टु
{प॰च॰२२,६.४} ससिकेउ-दुहिय अवहरेॅवि आउ $ परिवसइ कुडीरऍ किर वराउ
{प॰च॰२२,६.५} उद्दालिउ मइँ तहेॅ तं कलत्तु $ सेॅ वि मरेॅवि सुरत्तणु कहि मि पत्तु
{प॰च॰२२,६.६} मुउ हउ मि विदेहहेॅ देहेॅ आउ $ णिउ देवें जाणइ-जमल-जाउ
{प॰च॰२२,६.७} वणेॅ घत्तिउ कण्टेण वि ण भिण्णु $ पुप्फवइहेॅ पइँ सायरेॅण दिण्णु
घत्ता॒
{प॰च॰२२,६.८} वद्धिउ तुम्ह घरेॅ $ जणु सयलु वि ऍउ परियाणइ
जणउ जणेरु महु $ मायरि विदेह सस जाणइ"
कण्ड २, संधि २२, कडवक ७॒
{प॰च॰२२,७.१} वित्तन्तु कहेप्पिणु णिरवसेसु $ गउ वन्दणहत्तिऍ तं पएसु
{प॰च॰२२,७.२} जहिॅ वसइ महारिसि सच्चभूइ $ जहिॅ जिणवर-ण्हवण-महाविभूइ
{प॰च॰२२,७.३} वइरग्ग-कालु जहिॅ दसरहासु $ जहिॅ सीय-राम-लक्खण-विलासु
{प॰च॰२२,७.४} सत्तुहण-भरह जहिॅ मिलिय वे वि $ गउ तहिॅ भामण्डलु जणणु लेवि
{प॰च॰२२,७.५} जिणु वन्दिउ मोक्ख-वलग्ग-जङ्घु $ पुणु गुरु-परिवाडिऍ सवण-सङ्घु
{प॰च॰२२,७.६} पुणु किउ संभासणु समउ तेहिॅ $ सत्तुहण-भरह-वल-लक्खणेहिॅ
{प॰च॰२२,७.७} जाणाविउ सीयहेॅ भाइ जेम $ जिह हरि-वल-साला सावलेव
{प॰च॰२२,७.८} सुउ परम-धम्मु सुह-भायणेण $ तवचरणु लयउ चन्दायणेण
घत्ता॒
{प॰च॰२२,७.९} दसरहु अण्ण-दिणेॅ $ किर रामहेॅ रज्जु समप्पइ
केक्कय ताव मणेॅ $ उण्हालऍ धरणि व तप्पइ
कण्ड २, संधि २२, कडवक ८॒
{प॰च॰२२,८.१} णरिन्दस्स सोऊण पव्वज्ज-यज्जं $ स-रामाहिरामस्स रामस्स रज्जं
{प॰च॰२२,८.२} ससा दोणरायस्स भग्गाणुराया $ तुलाकोडि-कन्ती-लयालिद्ध-पाया
{प॰च॰२२,८.३} स-पालम्व-कञ्ची-पहा-भिण्ण-गुज्झा $ थणुत्तुङ्ग-भारेण जा णिण्ण-मज्झा
{प॰च॰२२,८.४} णवासोय-वच्छच्छयाछाय-पाणी $ वरालाविणी-कोइलालाव-वाणी
{प॰च॰२२,८.५} महा-मोरपिच्छोह-संकास-केसा $ अणङ्गस्स भल्ली व पच्छण्ण-वेसा
{प॰च॰२२,८.६} गया केक्कया जत्थ अत्थाण-मग्गो $ णरिन्दो सुरिन्दो व पीढं वलग्गो
{प॰च॰२२,८.७} वरो मग्गिओ "णाह सो एस कालो $ महं णन्दणो ठाउ रज्जाणुपालो"
{प॰च॰२२,८.८} "पिए होउ एवं" तओ सावलेवो $ समायारिओ लक्खणो रामएवो
घत्ता॒
{प॰च॰२२,८.९} "जइ तुह्ũ पुत्तु महु $ तो एत्तिउ पेसणु किज्जइ
छत्तइँ वइसणउ $ वसुमइ भरहहेॅ अप्पिज्जइ
कण्ड २, संधि २२, कडवक ९॒
{प॰च॰२२,९.१} अहवइ भरहु वि आसण्ण-भव्वु $ सो चिन्तइ अथिरु असारु सव्वु
{प॰च॰२२,९.२} घरु परियणु जीविउ सरीरु वित्तु $ अच्छइ तवचरण-णिहित्त-चित्तु
{प॰च॰२२,९.३} पइँ मुऍवि तासु जइ दिण्णु रज्जु $ तो लक्खणु लक्खइँ हणइ अज्जु
{प॰च॰२२,९.४} ण वि हũ ण वि भरहु ण केक्कया वि $ सत्तुहणु कुमारु ण सुप्पहा वि"
{प॰च॰२२,९.५} तं णिसुणेॅवि पप्फुल्लिय-मुहेण $ वोल्लिज्जइ दसरह-तणुरुहेण
{प॰च॰२२,९.६} "पुत्तहेॅ पुत्तत्तणु एत्तिउं जेॅ $ जं कुलु ण चडावइ वसण-पुञ्जेॅ
{प॰च॰२२,९.७} जं णिय-जणणहेॅ आणा-विहेउ $ जं करइ विवक्खहेॅ पाण-छेउ
{प॰च॰२२,९.८} किं पुत्तें पुणु पयपूरणेण $ गुण-हीणें हियय-विसूरणेण
घत्ता॒
{प॰च॰२२,९.९} लक्खणु ण वि हणइ $ तवु भावहेॅ सच्चु पयासहेॅ
भुञ्जउ भरहु महि $ हũ जामि ताय वण-वासहेॅ
कण्ड २, संधि २२, कडवक १०॒
{प॰च॰२२,१०.१} हक्कारिउ भरहु णरेसरेण $ पुणु वुच्चइ णेह-महाभरेण
{प॰च॰२२,१०.२} "तउ छत्तइँ तउ वइसणउ रज्जु $ साहेवउ मइँ अप्पणउ कज्जु"
{प॰च॰२२,१०.३} तं वयणु सुणेॅवि दुम्मिय-मणेण $ धिक्कारिउ केक्कय-णन्दणेण
{प॰च॰२२,१०.४} "तुह्ũ ताय धिगत्थु धिगत्थु रज्जु $ मायरि धिगत्थु सिरेॅ पडउ वज्जु
{प॰च॰२२,१०.५} णउ जाणह्ũ महिलहँ को सहाउ $ जोव्वण-मएण ण गणन्ति पाउ
{प॰च॰२२,१०.६} णउ वुज्झहि तुहु मि महा-मयन्धु $ किं रामु मुऍवि महु पट्ट-वन्धु
{प॰च॰२२,१०.७} सप्पुरिस वि चञ्चल-चित्त होन्ति $ मणेॅ जुत्ताजुत्तु ण चिन्तवन्ति
{प॰च॰२२,१०.८} माणिक्कु मुऍवि को लेइ कच्चु $ कामन्धहेॅ किर कहिॅ तणउ सच्चु
घत्ता॒
{प॰च॰२२,१०.९} अच्छह्ũ पुणु वि घरेॅ $ सत्तुहणु रामु हũ लक्खणु
अलिउ म होहि तुह्ũ $ महि भुञ्जेॅ भडारा अप्पुणु"
कण्ड २, संधि २२, कडवक ११॒
{प॰च॰२२,११.१} सुय-वयण-विरमेॅ दससन्दणेण $ वुच्चइ अणरण्णहेॅ णन्दणेण
{प॰च॰२२,११.२} "केक्कयहेॅ रज्जु रामहेॅ पवासु $ पव्वज्ज मज्झु एउ जगेॅ पगासु
{प॰च॰२२,११.३} तुह्ũ पालेॅ घरासउ परम-रम्मु $ णउ आयहेॅ पासिउ को वि धम्मु
{प॰च॰२२,११.४} दिज्जइ जइवरह्ũ महप्पहाणु $ सुअ-भेसह-अभयाहार-दाणु
{प॰च॰२२,११.५} रक्खिज्जइ सीलु कुसील-णासु $ किज्जइ जिण-पुज्ज महोववासु
{प॰च॰२२,११.६} जिण-वन्दण वारापेक्ख-करणु $ सल्लेहण-कालु समाहि-मरणु
{प॰च॰२२,११.७} एहु सव्वह्ũ धम्मह्ũ परम-धम्मु $ जो पालइ तहेॅ सुर-मणुय-जम्मु"
{प॰च॰२२,११.८} तं वयणु सुणेवि सइत्तणेण $ वुच्चइ सुहमइ-दोहित्तएण
घत्ता॒
{प॰च॰२२,११.९} "जइ घर-वासेॅ सुहु $ एउं जेॅ ताय पडिवज्जहि
तो तिण-समु गणेॅवि $ कज्जेण केण पव्वज्जहि"
कण्ड २, संधि २२, कडवक १२॒
{प॰च॰२२,१२.१} तो खेडु मुऍवि दसरहेॅण वुत्तु $ "जइ सच्चउ तुह्ũ महु तणउ पुत्तु
{प॰च॰२२,१२.२} तो किं पव्वज्जहेॅ करहि विग्घु $ कुलवंस-धुरन्धरु होहि सिग्घु
{प॰च॰२२,१२.३} केक्कयहेॅ सच्चु जं दिण्णु आसि $ तं णिरिणु करहि गुण-रयण-रासि"
{प॰च॰२२,१२.४} तो कोसल-दुहिया-दुल्लहेण $ वोल्लिज्जइ सीया-वल्लहेण
{प॰च॰२२,१२.५} "गुणु केवलु वसुहऍ भुत्तियाऍ $ किं खणेॅ खणेॅ उत्त-पउत्तियाऍ
{प॰च॰२२,१२.६} पालिज्जउ तायहेॅ तणिय वाय $ लइ महु उवरोहें पिहिवि भाय"
{प॰च॰२२,१२.७} तो एम भणन्तें राहवेण $ णिव्वूढाणेय-महाहवेण
{प॰च॰२२,१२.८} खीरोवमहण्णव-णिम्मलेण $ गिव्वाण-महागिरि-अविचलेण
घत्ता॒
{प॰च॰२२,१२.९} पेक्खन्तहेॅ जणहेॅ $ सुरकरि-कर-पवर-पचण्डेॅहिॅ
पट्टु णिवद्धु सिरेॅ $ रहु-सुऍण स यं भु व-दण्डेॅहिॅ
[२३. तेवीसमो संधि] ----------
तहिॅ मुणि-सुव्वय-तित्थेॅ $ वुहयण-कण्ण-रसायणु
रावण-रामह्ũ जुज्झु $ तं णिसुणहु रामायणु
कण्ड २, संधि २३, कडवक १॒
{प॰च॰२३,१.१} णमिऊण भडारउ रिसह-जिणु $ पुणु कव्वहेॅ उप्परि करमि मणु
{प॰च॰२३,१.२} जगेॅ लोयह्ũ सुयणह्ũ पण्डियह्ũ $ सद्दत्थ-सत्थ-परिचड्डियह्ũ
{प॰च॰२३,१.३} किं चित्तइँ गेण्हेॅवि सक्कियइँ $ वासेण वि जाइँ ण रञ्जियइँ
{प॰च॰२३,१.४} तो कवणु गहणु अम्हारिसेॅहिॅ $ वायरण-विहूणेॅहिॅ आरिसेॅहिॅ
{प॰च॰२३,१.५} कइ अत्थि अणेय भेय-भरिय $ जे सुयण-सहासेॅहिॅ आयरिय
{प॰च॰२३,१.६} चक्कलऍहिॅ कुलऍहिॅ खन्धऍहिॅ $ पवणुद्धुअ-रासालुद्धऍहिॅ
{प॰च॰२३,१.७} मञ्जरिय-विलासिणि-णक्कुडेॅहिॅ $ सुह-छन्देॅहिॅ सद्देॅहिॅ खडहडेॅहिॅ
{प॰च॰२३,१.८} हũ किं पि ण जाणमि मुक्खु मणेॅ $ णिय वुद्धि पयासमि तो वि जणेॅ
{प॰च॰२३,१.९} जं सयलेॅ वि तिहुवणेॅ वित्थरिउ $ आरम्भिउ पुणु राहवचरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१.१०} भरहहेॅ वद्धऍ पट्टेॅ $ तो णिव्वूढ-महाहउ
पट्टणु उज्झ मुएवि $ गउ वण-वासहेॅ राहउ
कण्ड २, संधि २३, कडवक २॒
{प॰च॰२३,२.१} जं परिवद्धु पट्टु परिओसें $ जय-मङ्गल-जय-तूर-णिघोसें
{प॰च॰२३,२.२} दसरह-चरण-जुयलु जयकारेॅवि $ दाइय-मच्छरु मणेॅ अवहारेॅवि
{प॰च॰२३,२.३} सम्पय रिद्धि विद्धि अवगण्णेॅवि $ तायहेॅ तणउ सच्चु परिमण्णेॅवि
{प॰च॰२३,२.४} णिग्गउ वलु वलु णाइँ हरेप्पिणु $ लक्खणो वि लक्खणइँ लएप्पिणु
{प॰च॰२३,२.५} संचल्लेहिॅ तेहिॅ विद्दाणउ $ ठिउ हेट्ठामुहु दसरहु राणउ
{प॰च॰२३,२.६} हियवऍ णाइँ तिसूलें सल्लिउ $ "राहउ किह वण-वासहेॅ घल्लिउ
{प॰च॰२३,२.७} धिगधिगत्थु" जणएण पवोल्लिउ $ "लङ्घिउ कुल-कमु वि सुमहल्लउ
{प॰च॰२३,२.८} अहवइ जइ मइँ सच्चु ण पालिउ $ तो णिय-णामु गोत्तु मइँ मइलिउ
{प॰च॰२३,२.९} वरि गउ रामु ण सच्चु विणासिउ $ सच्चु महन्तउ सव्वहेॅ पासिउ
{प॰च॰२३,२.१०} सच्चें अम्वरेॅ तवइ दिवायरु $ सच्चें समउ ण चुक्कइ सायरु
{प॰च॰२३,२.११} सच्चें वाउ वाइ महि पच्चइ $ सच्चें ओसहि खयहेॅ ण वच्चइ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,२.१२} जो ण वि पालइ सच्चु $ मुहेॅ दाढियउ वहन्तउ
णिवडइ णरय-समुद्देॅ $ वसु जेॅम अलिउ चवन्तउ
कण्ड २, संधि २३, कडवक ३॒
{प॰च॰२३,३.१} चिन्तावण्णु णराहिउ जावेॅहिॅ $ वलु णिय-णिलउ पराइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२३,३.२} दुम्मणु एन्तु णिहालिउ मायऍ $ पुणु णिहसेवि वुत्तु पिय-वायऍ
{प॰च॰२३,३.३} "दिवेॅ दिवेॅ चडहि तुरङ्गम-णाऍहिॅ $ अज्जु काइँ अणुवाहणु पाऍहिॅ
{प॰च॰२३,३.४} दिवेॅ दिवेॅ वन्दिण-विन्देॅहिॅ थुव्वहि $ अज्जु काइँ थुव्वन्तु ण सुव्वहि
{प॰च॰२३,३.५} दिवेॅ दिवेॅ धुव्वहि चमर-सहासेॅहिॅ $ अज्जु काइँ तउ को वि ण पासेॅहिॅ
{प॰च॰२३,३.६} दिवेॅ दिवेॅ लोयहिॅ वुच्चहि राणउ $ अज्जु काइँ दीसहि विद्दाणउ"
{प॰च॰२३,३.७} तं णिसुणेवि वलेण पजम्पिउ $ "भरहहेॅ सयलु वि रज्जु समप्पिउ
{प॰च॰२३,३.८} जामि माऍ दिढ हियवऍ होज्जहि $ जं दुम्मिय तं सव्वु खमेज्जहि"
घत्ता॒
{प॰च॰२३,३.९} जें आउच्छिय माय $ "हा हा पुत्त" भणन्ती
अपराइय महएवि $ महियलेॅ पडिय रुयन्ती
कण्ड २, संधि २३, कडवक ४॒
{प॰च॰२३,४.१} रामें जणणि जं जेॅ आउच्छिय $ णिरु णिच्चेयण तक्खणेॅ मुच्छिय
{प॰च॰२३,४.२} लञ्जियाहिॅ "हा माऍ" भणन्तिहिॅ $ हरियन्दणेॅण सित्त रोवन्तिहिॅ
{प॰च॰२३,४.३} चमरुक्खेवेॅहिॅ किय पडिवायण $ दुक्खु दुक्खु पुणु जाय स-चेयण
{प॰च॰२३,४.४} अङ्गु वलन्ति समुट्ठिय राणी $ सप्पि व दण्डाहय विद्दाणी
{प॰च॰२३,४.५} णीलक्खण णीरामुम्माहिय $ पुणु वि सदुक्खउ मेल्लिय धाहिय
{प॰च॰२३,४.६} "हा हा काइँ वुत्तु पइँ हलहर $ दसरह-वंस-दीव जग-सुन्दर
{प॰च॰२३,४.७} पइँ विणु को पल्लङ्केॅ सुवेसइ $ पइँ विणु को अत्थाणेॅ वईसइ
{प॰च॰२३,४.८} पइँ विणु को हय-गयह्ũ चडेसइ $ पइँ विणु को झिन्दुऍण रमेसइ
{प॰च॰२३,४.९} पइँ विणु रायलच्छि को माणइ $ पइँ विणु को तम्वोलु समाणइ
{प॰च॰२३,४.१०} पइँ विणु को पर-वलु भञ्जेसइ $ पइँ विणु को मइँ साहारेसइ"
घत्ता॒
{प॰च॰२३,४.११} तं कूवारु सुणेवि $ अन्तेउरु मुह-वुण्णउ
लक्खण-राम-विओएं $ धाह मुएवि परुण्णउ
कण्ड २, संधि २३, कडवक ५॒
{प॰च॰२३,५.१} ता एत्थन्तरेॅ असुर-विमद्दें $ धीरिय णिय-जणेरि वलहद्दें
{प॰च॰२३,५.२} "धीरिय होहि माऍ किं रोवहि $ लुहि लोयण अप्पाणु म सोयहि
{प॰च॰२३,५.३} जिह रवि-किरणेॅहिॅ ससि ण पहावइ $ तिह मइँ होन्तें भरहु ण भावइ
{प॰च॰२३,५.४} तें कज्जें वण-वासेॅ वसेवउ $ तायहेॅ तणउ सच्चु पालेवउ
{प॰च॰२३,५.५} दाहिण-देसेॅ करेविणु थत्ति $ तुम्हहँ पासेॅ एइ सोमित्ति
{प॰च॰२३,५.६} एम भणेप्पिणु चलिउ तुरन्तउ $ सयलु वि परियणु आउच्छन्तउ
{प॰च॰२३,५.७} धवल-कसण-णीलुप्पल-सामेॅहिॅ $ घरु मुच्चन्तउ लक्खण-रामेॅहिॅ
{प॰च॰२३,५.८} सोह ण देइ ण चित्तहेॅ भावइ $ णहु णिच्चन्दाइच्चउ णावइ
{प॰च॰२३,५.९} णं किय-उद्ध-हत्थु धाहावइ $ वलहेॅ कलत्त-हाणि णं दावइ
{प॰च॰२३,५.१०} भरह-णरिन्दहेॅ णं जाणावइ $ "हरि-वल जन्त णिवारहि णरवइ"
{प॰च॰२३,५.११} पुणु पाआर-भुयउ पसरेप्पिणु $ णाइँ णिवारइ आलिङ्गेप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰२३,५.१२} चाव-सिलीमुह-हत्थ $ वे वि समुण्णय-माणा
तहेॅ मन्दिरहेॅ रुयन्तहेॅ $ णाइँ विणिग्गय पाणा
कण्ड २, संधि २३, कडवक ६॒
{प॰च॰२३,६.१} तो एत्थन्तरेॅ णयणाणन्दें $ संचल्लन्तें राहवचन्दें
{प॰च॰२३,६.२} सीयाएविहेॅ वयणु णिहालिउ $ णं चित्तेण चित्तु संचालिउ
{प॰च॰२३,६.३} णिय-मन्दिरहेॅ विणिग्गय जाणइ $ णं हिमवन्तहेॅ गङ्ग महा-णइ
{प॰च॰२३,६.४} णं छन्दहेॅ णिग्गय गायत्ती $ णं सद्दहेॅ णीसरिय विहत्ती
{प॰च॰२३,६.५} णाइँ कित्ति सप्पुरिस-विमुक्की $ णाइँ रम्भ णिय-थाणहेॅ चुक्की
{प॰च॰२३,६.६} सुललिय-चलण-जुयल-मल्हन्ती $ णं गय-घड भड-थड विहडन्ती
{प॰च॰२३,६.७} णेउर-हार-डोर-गुप्पन्ती $ वहु-तम्वोल-पङ्केॅ खुप्पन्ती
{प॰च॰२३,६.८} हेट्ठा-मुह कम-कमलु णियच्छेॅवि $ अवराइय-सुमित्ति आउच्छेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰२३,६.९} णिग्गय सीयाएवि $ सिय हरन्ति णिय-भवणहेॅ
रामहेॅ दुक्खुप्पत्ति $ असणि णाइँ दहवयणहेॅ
कण्ड २, संधि २३, कडवक ७॒
{प॰च॰२३,७.१} राय-वारु वलु वोलिउ जावेॅहिॅ $ लक्खणु मणेॅ आरोसिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२३,७.२} उट्ठिउ धगधगन्तु जस-लुद्धउ $ णाइँ घिएण सित्तु धूमद्धउ
{प॰च॰२३,७.३} णाइँ मइन्दु महा-घण-गज्जिऍ $ तिह सोमित्ति कुविउ गमेॅ सज्जिऍ
{प॰च॰२३,७.४} "कें धरणिन्द-फणा-मणि तोडिउ $ कें सुर-कुलिस-दण्डु भुऍ मोडिउ
{प॰च॰२३,७.५} कें पलयाणलेॅ अप्पउ ढोइउ $ कें आरुट्ठउ सणि अवलोइउ
{प॰च॰२३,७.६} कें रयणायरु सोसेॅवि सक्किउ $ कें आइच्चहेॅ तेउ कलङ्किउ
{प॰च॰२३,७.७} कें महि-मण्डलु वाहहिॅ टालिउ $ कें तइलोक्क-चक्कु संचालिउ
{प॰च॰२३,७.८} कें जिउ कालु कियन्तु महाहवेॅ $ को पहु अण्णु जियन्तऍ राहवेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,७.९} अहवइ किं वहुएण $ भरहु धरेप्पिणु अज्जु
रामहेॅ णीसावण्णु $ देमि सहत्थें रज्जु"
कण्ड २, संधि २३, कडवक ८॒
{प॰च॰२३,८.१} तो फुरन्त-रत्तन्त-लोयणो $ कलि-कियन्त-कालो व्व भीसणो
{प॰च॰२३,८.२} दुण्णिवारु दुव्वार-वारणो $ सुउ चवन्तु जं एम लक्खणो
{प॰च॰२३,८.३} भणइ रामु तइलोक्क-सुन्दरो $ "पइँ विरुद्धेॅ किं को वि दुद्धरो
{प॰च॰२३,८.४} जसु पडन्ति गिरि सिंह-णाऍणं $ कवणु गहणु तो भरह-राऍणं
{प॰च॰२३,८.५} कवणु चोज्जु जं दिवि दिवायरे $ अमिउ चन्देॅ जल-णिवहु सायरे
{प॰च॰२३,८.६} सोक्खु मोक्खेॅ दय-धम्मु जिणवरे $ विसु भुयङ्गेॅ वर लील गयवरे
{प॰च॰२३,८.७} धणऍ रिद्धि सोहग्गु वम्महे $ गइ मरालेॅ जय-लच्छि महुमहे
{प॰च॰२३,८.८} पउरुसं च पइँ कुविऍ लक्खणे" $ भणेॅवि एम करेॅ धरिउ तक्खणे
घत्ता॒
{प॰च॰२३,८.९} "रज्जें किज्जइ काइँ $ तायहेॅ सच्च-विणासें
सोलह वरिसइँ जाम $ वे वि वसह्ũ वण-वासें"
कण्ड २, संधि २३, कडवक ९॒
{प॰च॰२३,९.१} एह वोल्ल णिम्माइय जावेॅहिॅ $ ढुक्कु भाणु अत्थवणहेॅ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२३,९.२} जाय सञ्झ आरत्त पदीसिय $ णं गय-घड सिन्दूर-विहूसिय
{प॰च॰२३,९.३} सूर-मंस-रुहिरावलि-चच्चिय $ णिसियरि व्व आणन्दु पणच्चिय
{प॰च॰२३,९.४} गलिय सञ्झ पुणु रयणि पराइय $ जगु गिलेइ णं सुत्तु महाइय
{प॰च॰२३,९.५} कहि मि दिव्व दीवय-सय वोहिय $ फणि-मणि व्व पजलन्त सु-सोहिय
{प॰च॰२३,९.६} तित्थु कालेॅ णिरु णिच्चं दुग्गमेॅ $ णीसरन्ति रयणिहेॅ चन्दुग्गमेॅ
{प॰च॰२३,९.७} वासुएव-वलएव महव्वल $ साहम्मिय साहम्मिय-वच्छल
{प॰च॰२३,९.८} रण-भर-णिव्वाहण णिव्वाहण $ णिग्गय णीसाहण णीसाहण
{प॰च॰२३,९.९} विगयपओलि पवोलेॅवि खाइय $ सिद्धकूडु जिण-भवणु पराइय
{प॰च॰२३,९.१०} जं पायार-वार-विप्फुरियउ $ पोत्थासित्थ-गन्ध-वित्थरियउ
{प॰च॰२३,९.११} गङ्ग-तरङ्गहँ रङ्ग-समुज्जलु $ हिमइरि-कुन्द-चन्द-जस-णिम्मलु
घत्ता॒
{प॰च॰२३,९.१२} तहेॅ भवणहेॅ पासेहिॅ $ विविह महा-दुम दिट्ठा
णं संसार-भएण $ जिणवर-सरणेॅ पइट्ठा
कण्ड २, संधि २३, कडवक १०॒
{प॰च॰२३,१०.१} तं णिऍवि भुवणु भुवणेसरहेॅ $ पुणु किउ पणिवाउ जिणेसरहेॅ
{प॰च॰२३,१०.२} "जय गय-भय राय-रोस-विलय $ जय मयण-महण तिहुवण-तिलय
{प॰च॰२३,१०.३} जय खम-दम-तव-वय-णियम-करण $ जय कलि-मल-कोह-कसाय-हरण
{प॰च॰२३,१०.४} जय काम-कोह-अरि-दप्प-दलण $ जय जाइ-जरा-मरणत्ति-हरण
{प॰च॰२३,१०.५} जय जय तव-सूर तिलोय-हिय $ जय मण-विचित्त-अरुणें सहिय
{प॰च॰२३,१०.६} जय धम्म-महारह-वीढेॅ ठिय $ जय सिद्धि-वरङ्गण-रण्ण-पिय
{प॰च॰२३,१०.७} जय संजम-गिरि-सिहरुग्गमिय $ जय इन्द-णरिन्द-चन्द-णमिय
{प॰च॰२३,१०.८} जय सत्त-महाभय-हय-दमण $ जय जिण-रवि णाणम्वर-गमण
{प॰च॰२३,१०.९} जय दुक्किय-कम्म-कुमुय-डहण $ जय चउ-गइ-रयणि-तिमिर-महण
{प॰च॰२३,१०.१०} जय इन्दिय-दुद्दम-दणु-दलण $ जय जक्ख-महोरग-थुय-चलण
{प॰च॰२३,१०.११} जय केवल-किरणुज्जोय-कर $ जय भविय-रविन्दाणन्दयर
{प॰च॰२३,१०.१२} जय जय भुवणेक्क-चक्क-भमिय $ जय मोक्ख-महीहरेॅ अत्थमिय
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१०.१३} भावें तिहि मि जणेहिॅ $ वन्दण करेॅवि जिणेसहेॅ
पयहिण देवि तिवार $ पुणु चलियइँ वण-वासहेॅ
कण्ड २, संधि २३, कडवक ११॒
{प॰च॰२३,११.१} रयणिहेॅ मज्झेॅ पयट्टइ राहवु $ ताम णियच्छिउ परमु महाहवु
{प॰च॰२३,११.२} कुद्धइँ विद्धइँ पुलय-विसट्टइँ $ मिहुणइँ वलइँ जेम अब्भिट्टइँ
{प॰च॰२३,११.३} "वलु वलु" एक्कमेक्क कोक्कन्तइँ $ "मरु मरु पहरु पहरु" जम्पन्तइँ
{प॰च॰२३,११.४} सर हुङ्कार-सार मेल्लन्तइँ $ गरुअ-पहारहँ उरु-उड्डन्तइँ
{प॰च॰२३,११.५} खणेॅ ओवडियइँ अहर डसन्तइँ $ खणेॅ किलिविण्डि-हिण्डिं दरिसन्तइँ
{प॰च॰२३,११.६} खणेॅ वहु वालालुञ्चि करन्तइँ $ खणेॅ णिप्फन्दइँ सेउ फुसन्तइँ
{प॰च॰२३,११.७} तं पेक्खेप्पिणु सुरय-महाहउ $ सीयहेॅ वयणु पजोयइ राहउ
{प॰च॰२३,११.८} पुणु वि हसन्तइँ केलि करन्तइँ $ चलियइँ हट्ट-मग्गु जोयन्तइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,११.९} जे वि रमन्ता आसि $ लक्खण-रामह्ũ सङ्केॅवि
णावइ सुरयासत्त $ आवण थिय मुहु ढङ्केॅवि
कण्ड २, संधि २३, कडवक १२॒
{प॰च॰२३,१२.१} उज्झहेॅ दाहिण-दिसऍ विणिग्गय $ णाइँ णिरङ्कुस मत्त महा-गय
{प॰च॰२३,१२.२} ण सहइ पुरि वल-लक्खण-मुक्की $ मुक्क कु-णारि व पेसण-चुक्की
{प॰च॰२३,१२.३} पुणु थोवन्तरेॅ वित्थय-णामहेॅ $ तरुवर णमिय सुभिच्च व रामहेॅ
{प॰च॰२३,१२.४} उट्ठिय विहय वमालु करन्ता $ णं वन्दिण मङ्गलइँ पढन्ता
{प॰च॰२३,१२.५} अद्ध-कोसु संपाइय जावेॅहिॅ $ विमलु विहाणु चउद्दिसु तावेॅहिॅ
{प॰च॰२३,१२.६} णिसि-णिसियरिऍ आसि जं गिलियउ $ णाइँ पडीवउ जउ उग्गिलियउ
{प॰च॰२३,१२.७} रेहइ सूर-विम्वु उग्गन्तउ $ णावइ सुकइ-कव्वु पह-वन्तउ
{प॰च॰२३,१२.८} पच्छऍ साहणु ताम पधाइउ $ लहु हलहेइहेॅ पासु पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१२.९} सीय-सलक्खणु रामु $ पणमिउ णरवर-विन्देॅहिॅ
णं वन्दिउ अहिसेऍ $ जिणु वत्तीसहिॅ इन्देॅहिॅ
कण्ड २, संधि २३, कडवक १३॒
{प॰च॰२३,१३.१} हेसन्त-तुरङ्गम-वाहणेण $ परियरिउ रामु णिय-साहणेण
{प॰च॰२३,१३.२} णं दिस-गउ लीलऍ पयइँ देन्तु $ तं देसु पराइउ पारियत्तु
{प॰च॰२३,१३.३} अण्णु वि थोवन्तरु जाइ जाम $ गम्भीर महाणइ दिट्ठ ताम
{प॰च॰२३,१३.४} परिहच्छ-मच्छ-पुच्छुच्छलन्ति $ फेणावलि-तोय-तुसार देन्ति
{प॰च॰२३,१३.५} कारण्ड-डिम्भ-डुम्भिय-सरोह $ वर-कमल-करम्विय-जलपओह
{प॰च॰२३,१३.६} हंसावलि-पक्ख-समुल्हसन्ति $ कल्लोल-वोल-आवत्त दिन्ति
{प॰च॰२३,१३.७} सोहइ वहु-वणगय-जूह-सहिय $ डिण्डीर-पिण्ड दरिसन्ति अहिय
{प॰च॰२३,१३.८} उच्छलइ वलइ पडिखलइ धाइ $ मल्हन्ति महागय-लील णाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१३.९} ओहर-मयर-रउद्द $ सा सरि णयण-कडक्खिय
दुत्तर दुप्पइसार $ णं दुग्गइ दुप्पेक्खिय
कण्ड २, संधि २३, कडवक १४॒
{प॰च॰२३,१४.१} सरि गम्भीर णियच्छिय जावेॅहिॅ $ सयलु वि सेण्णु णियत्तिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२३,१४.२} "तुम्हेॅहिॅ एवहिॅ आणवडिच्छा $ भरहहेॅ भिच्च होह हियइच्छा
{प॰च॰२३,१४.३} उज्झ मुएप्पिणु दाहिणएसहेॅ $ अम्हेॅहिॅ जाएवउ वण-वासहेॅ"
{प॰च॰२३,१४.४} एम भणेप्पिणु समर-समत्था $ सायर-वज्जावत्त-विहत्था
{प॰च॰२३,१४.५} पइसरन्ति तहिॅ सलिलेॅ भयङ्करेॅ $ रामहेॅ चडिय सीय वामऍ करेॅ
{प॰च॰२३,१४.६} सिय अरविन्दहेॅ उप्परि णावइ $ णावइ णियय-कित्ति दरिसावइ
{प॰च॰२३,१४.७} णं उज्जोउ करावइ गयणहेॅ $ णाइँ पदरिसइ धण दहवयणहेॅ
{प॰च॰२३,१४.८} लहु जलवाहिणि-पुलिणु पवण्णइँ $ णं भवियइँ णरयहेॅ उत्तिण्णइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१४.९} वलिय पडीवा जोह $ जे पहु-पच्छलेॅ लग्गा
कु-मुणि कु-वुद्धि कु-सील $ णं पव्वज्जहेॅ भग्गा
कण्ड २, संधि २३, कडवक १५॒
{प॰च॰२३,१५.१} वलु वोलावेॅवि राय णियत्ता $ णावइ सिद्धि कु-सिद्ध ण पत्ता
{प॰च॰२३,१५.२} वलिय के वि णीसासु मुअन्ता $ खणेॅ खणेॅ "हा हा राम" भणन्ता
{प॰च॰२३,१५.३} के वि महन्तें दुक्खें लइया $ लोउ करेवि के वि पव्वइया
{प॰च॰२३,१५.४} के वि तिमुण्ड-धारि वम्भारिय $ के वि तिकाल-जोइ वय-धारिय
{प॰च॰२३,१५.५} के वि पवण-धुय-धवल-विसालऍ $ गम्पिणु तहिॅ हरिसेण-जिणालऍ
{प॰च॰२३,१५.६} थिय पव्वज्ज लएप्पिणु णरवर $ सढ-कढोर-वर-मेरु-महीहर
{प॰च॰२३,१५.७} विजय-वियड्ढ-विओय-विमद्दण $ धीर-सुवीर-सच्च-पियवद्धण
{प॰च॰२३,१५.८} पुङ्गम-पुण्डरीय-पुरिसुत्तम $ विउल-विसाल-रणुम्मिय-उत्तम
घत्ता॒
{प॰च॰२३,१५.९} इय एक्केक्क-पहाण $ जिणवर-चलण णमंसेॅवि
संजम-णियम-गुणेहिॅ $ अप्पउ थिय स इं भू सेॅवि
[२४. चउवीसमो संधि] ----------
गऍ वण-वासहेॅ रामेॅ $ उज्झ ण चित्तहेॅ भावइ
थिय णीसास मुअन्ति $ महि उण्हालऍ णावइ
कण्ड २, संधि २४, कडवक १॒
{प॰च॰२४,१.१} सयलु वि जणु उम्माहिज्जन्तउ $ खणु वि ण थक्कइ णामु लयन्तउ
{प॰च॰२४,१.२} उव्वेल्लिज्जइ गिज्जइ लक्खणु $ मुरव-वज्जेॅ वाइज्जइ लक्खणु
{प॰च॰२४,१.३} सुइ-सिद्धन्त-पुराणेॅहिॅ लक्खणु $ ओङ्कारेण पढिज्जइ लक्खणु
{प॰च॰२४,१.४} अण्णु वि जं जं किं पि स-लक्खणु $ लक्खण-णामें वुच्चइ लक्खणु
{प॰च॰२४,१.५} का वि णारि सारङ्गि व वुण्णी $ वड्डी धाह मुएवि परुण्णी
{प॰च॰२४,१.६} का वि णारि जं लेइ पसाहणु $ तं उल्हावइ जाणइ लक्खणु
{प॰च॰२४,१.७} का वि णारि जं परिहइ कङ्कणु $ धरइ सु-गाढउ जाणइ लक्खणु
{प॰च॰२४,१.८} का वि णारि जं जोयइ दप्पणु $ अण्णु ण पेक्खइ मेल्लेॅवि लक्खणु
{प॰च॰२४,१.९} तो एत्थन्तरेॅ पाणिय-हारिउ $ पुरेॅ वोल्लन्ति परोप्परु णारिउ
{प॰च॰२४,१.१०} "सो पल्लङ्कु तं जेॅ उवहाणउ $ सेज्ज वि स ज्जेॅ तं जेॅ पच्छाणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१.११} तं घरु रयणइँ ताइँ $ तं चित्तयम्मु स-लक्खणु
णवर ण दीसइ माऍ $ रामु ससीय-सलक्खणु"
कण्ड २, संधि २४, कडवक २॒
{प॰च॰२४,२.१} ताम पडु पडह पडिपहय पहु-पङ्गणे $ णाइँ सुर-दुन्दुही दिण्ण गयणङ्गणे
{प॰च॰२४,२.२} रसिय सय सङ्ख जायं महा-गोन्दलं $ टिविल-टण्टन्त-घुम्मन्त-वरमन्दलं
{प॰च॰२४,२.३} ताल-कंसाल-कोलाहलं काहलं $ गीय-संगीय-गिज्जन्त-वर-मङ्गलं
{प॰च॰२४,२.४} डमरु-तिरिडिक्किया-झल्लरी-रउरवं $ भम्भ-भम्भीस-गम्भीर-भेरी-रवं
{प॰च॰२४,२.५} घण्ट-जयघण्ट-संघट्ट-टङ्कारवं $ घोल-उल्लोल-हलवोल-मुहलारवं
{प॰च॰२४,२.६} तेण सद्देण रोमञ्च-कञ्चुद्धुआ $ गोन्दलुद्दाम-वहु-वहल-अच्चब्भुआ
{प॰च॰२४,२.७} सुहड-संघाय सव्वा य थिय पङ्गणे $ मेरु-सिहरेसु णं अमर जिण-जम्मणे
{प॰च॰२४,२.८} पणइ-फम्फाव-णड-छत्त-कइ-वन्दणं $ "णन्द जय भद्द जय जयहि" वर-सद्दणं
घत्ता॒
{प॰च॰२४,२.९} लक्खण-रामह्ũ वप्पु $ णिय-भिच्चेॅहिॅ परियरियउ
जिण-अहिसेयहेॅ कज्जेॅ $ णं सुरवइ णीसरियउ
कण्ड २, संधि २४, कडवक ३॒
{प॰च॰२४,३.१} जं णीसरिउ राउ आणन्दें $ वुत्तु णवेप्पिणु भरह-णरिन्दें
{प॰च॰२४,३.२} "हउ मि देव पइँ सह्ũ पव्वज्जमि $ दुग्गइ-गामिउ रज्जु ण भुञ्जमि
{प॰च॰२४,३.३} रज्जु असारु वारु संसारहेॅ $ रज्जु खणेण णेइ तम्वारहेॅ
{प॰च॰२४,३.४} रज्जु भयङ्करु इह-पर-लोयहेॅ $ रज्जें गम्मइ णिच्च-णिगोयहेॅ
{प॰च॰२४,३.५} रज्जें होउ होउ महु सरियउ $ सुन्दरु तो किं पइँ परिहरियउ
{प॰च॰२४,३.६} रज्जु अकज्जु कहिउ मुणि-छेयहिॅ $ दुट्ठ-कलत्तु व भुत्तु अणेयहिॅ
{प॰च॰२४,३.७} दोसवन्तु मयलञ्छण-विम्वु व $ वहु-दुक्खाउरु दुग्ग-कुडुम्वु व
{प॰च॰२४,३.८} तो वि जीउ पुणु रज्जहेॅ कङ्खइ $ अणुदिणु आउ गलन्तु ण लक्खइ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,३.९} जिह महु-विन्दुहेॅ कज्जेॅ $ करहु ण पेक्खइ कक्करु
तिह जिउ विसयासत्तु $ रज्जें गउ सय-सक्करु"
कण्ड २, संधि २४, कडवक ४॒
{प॰च॰२४,४.१} भरहु चवन्तु णिवारिउ राएं $ "अज्ज वि तुज्झु काइँ तव-वाएं
{प॰च॰२४,४.२} अज्ज वि रज्जु करहि सुहु भुञ्जहि $ अज्ज वि विसय-सुक्खु अणुहुञ्जहि
{प॰च॰२४,४.३} अज्ज वि तुह्ũ तम्वोलु समाणहि $ अज्ज वि वर-उज्जाणइँ माणहि
{प॰च॰२४,४.४} अज्जु वि अङ्गु स-इच्छऍ मण्डहि $ अज्ज वि वर-विलयउ अवरुण्डहि
{प॰च॰२४,४.५} अज्ज वि जोग्गउ सव्वाहरणहेॅ $ अज्ज वि कवणु कालु तव-चरणहेॅ
{प॰च॰२४,४.६} जिण-पव्वज्ज होइ अइ-दुसहिय $ कें वावीस परीसह विसहिय
{प॰च॰२४,४.७} कें जिय चउ-कसाय-रिउ दुज्जय $ कें आयामिय पञ्च महव्वय
{प॰च॰२४,४.८} कें किउ पञ्चह्ũ विसयह्ũ णिग्गहु $ कें परिसेसिउ सयलु परिग्गहु
{प॰च॰२४,४.९} को दुम-मूलेॅ वसिउ वरिसालऍ $ को एक्कङ्गें थिउ सीयालऍ
{प॰च॰२४,४.१०} कें उण्हालऍ किउ अत्तावणु $ ऍउ तव-चरणु होइ भीसावणु
घत्ता॒
{प॰च॰२४,४.११} भरह म वड्ढिउ वोल्लि $ तुह्ũ सो अज्ज वि वालु
भुञ्जहि विसय-सुहाइँ $ को पव्वज्जहेॅ कालु"
कण्ड २, संधि २४, कडवक ५॒
{प॰च॰२४,५.१} तं णिसुणेवि भरहु आरुट्ठउ $ मत्त-गइन्दु व चित्तें दुट्ठउ
{प॰च॰२४,५.२} "विरुयउ ताव वयणु पइँ वुत्तउ $ किं वालहेॅ तव-चरणु ण जुत्तउ
{प॰च॰२४,५.३} किं वालत्तणु सुहेॅहिॅ ण मुच्चइ $ किं वालहेॅ दय-धम्मु ण रुच्चइ
{प॰च॰२४,५.४} किं वालहेॅ पव्वज्ज म होओ $ किं वालहेॅ दूसिउ पर-लोओ
{प॰च॰२४,५.५} किं वालहेॅ सम्मत्तु म होओ $ किं वालहेॅ णउ इट्ठ-विओओ
{प॰च॰२४,५.६} किं वालहेॅ जर-मरणु ण ढुक्कइ $ किं वालहेॅ जमु दिवसु वि चुक्कइ"
{प॰च॰२४,५.७} तं णिसुणेवि भरहु णिब्भच्छिउ $ "तो किं पहिलउ पट्टु पडिच्छिउ
{प॰च॰२४,५.८} एवहिॅ सयलु वि रज्जु करेवउ $ पच्छलेॅ पुणु तव-चरणु चरेवउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२४,५.९} एम भणेप्पिणु राउ $ सच्चु समप्पेॅवि भज्जहेॅ
भरहहेॅ वन्धेॅवि पट्टु $ दसरहु गउ पव्वज्जहेॅ
कण्ड २, संधि २४, कडवक ६॒
{प॰च॰२४,६.१} सुरवर-वन्दिऍ धवल-विसालऍ $ गम्पिणु सिद्धकूडेॅ चइतालऍ
{प॰च॰२४,६.२} दसरहु थिउ पव्वज्ज लएप्पिणु $ पञ्च मुट्ठि सिरेॅ लोउ करेप्पिणु
{प॰च॰२४,६.३} तेण समाणु सणेहें लइयउ $ चालीसोत्तरु सउ पव्वइयउ
{प॰च॰२४,६.४} कण्ठा-कडय-मउड अवयारेॅवि $ दुद्धर पञ्च महव्वय धारेॅवि
{प॰च॰२४,६.५} थिय णीसङ्ग णाग णं विसहर $ अहवइ समय-वाल णं विसहर
{प॰च॰२४,६.६} णं केसरि गय-मासाहारिय $ णं परदार-गमण परदारिय
{प॰च॰२४,६.७} केण वि कहिउ ताम भरहेसहेॅ $ "गय सोमित्ति-राम वण-वासहेॅ"
{प॰च॰२४,६.८} तं णिसुणेवि वयणु धुय-वाहउ $ पडिउ महीहरो व्व वज्जाहउ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,६.९} जं मुच्छाविउ राउ $ सयलु वि जणु मुह-कायरु
पलयाणल-संतत्तु $ रसेॅवि लग्गु णं सायरु
कण्ड २, संधि २४, कडवक ७॒
{प॰च॰२४,७.१} चन्दणेण पव्वालिज्जन्तउ $ चमरुक्खेवेॅहिॅ विज्जिज्जन्तउ
{प॰च॰२४,७.२} दुक्खु दुक्खु आसासिउ राणउ $ जरढ-मियङ्कु व थिउ विद्दाणउ
{प॰च॰२४,७.३} अविरल-अंसु-जलोल्लिय-णयणउ $ एम पजम्पिउ गग्गर-वयणउ
{प॰च॰२४,७.४} "णिवडिय अज्जु असणि आयासहेॅ $ अज्जु अमङ्गलु दसरह-वंसहेॅ
{प॰च॰२४,७.५} अज्जु जाउ हũ सूडिय-पक्खउ $ दुह-भायणु पर-मुहहँ उवेक्खउ
{प॰च॰२४,७.६} अज्जु णयरु सिय-सम्पय-मेल्लिउ $ अज्जु रज्जु पर-चक्कें पेल्लिउ"
{प॰च॰२४,७.७} एम पलाउ करेवि सहग्गऍ $ राहव-जणणिहेॅ गउ ओलग्गऍ
{प॰च॰२४,७.८} केस-विसण्ठुल दिट्ठ रुअन्ती $ अंसु-पवाह धाह मेल्लन्ती
घत्ता॒
{प॰च॰२४,७.९} धीरिय भरह-णरिन्दें $ "होउ माऍ महु रज्जें
आणमि लक्खण-राम $ रोवहि काइँ अकज्जें"
कण्ड २, संधि २४, कडवक ८॒
{प॰च॰२४,८.१} एम भणेवि भरहु संचल्लिउ $ "तुरिउ गवेसहेॅ" हत्थुत्थल्लिउ
{प॰च॰२४,८.२} दिण्णु सङ्खु जय-पडहु पवज्जिउ $ णं चन्दुग्गमेॅ उवहि पगज्जिउ
{प॰च॰२४,८.३} पहु-मग्गेण णराहिउ लग्गउ $ जीवहेॅ कम्मु जेम अणुलग्गउ
{प॰च॰२४,८.४} छट्ठऍ दिवसेॅ पराइउ तेत्तहेॅ $ सीय स-लक्खणु राहउ जेत्तहेॅ
{प॰च॰२४,८.५} छुडु छुडु सलिलु पिएवि णिविट्ठइँ $ सरवर-तीरेॅ लयाहरेॅ दिट्ठइँ
{प॰च॰२४,८.६} चलणेॅहिॅ पडिउ भरहु तग्गय-मणु $ णाइँ जिणिन्दहेॅ दससय-लोयणु
{प॰च॰२४,८.७} "थक्कु देव मं जाहि पवासहेॅ $ होहि तरण्डउ दसरह-वंसहेॅ
{प॰च॰२४,८.८} हũ सत्तुहणु भिच्च तउ वे वि $ लक्खणु मन्ति सीय महएवि
घत्ता॒
{प॰च॰२४,८.९} जिह णक्खत्तेॅहिॅ चन्दु $ इन्दु जेम सुर-लोएं
तिह तुह्ũ भुञ्जहि रज्जु $ परिमिउ वन्धव-लोएं"
कण्ड २, संधि २४, कडवक ९॒
{प॰च॰२४,९.१} तं वयणु सुणेॅवि दसरह-सुएण $ अवगूढु भरहु हरिसिय-भुएण
{प॰च॰२४,९.२} "सच्चउ माया-पिय-परम-दासु $ पइँ मेल्लेॅवि अण्णहेॅ विणउ कासु"
{प॰च॰२४,९.३} अवरोप्परु ए आलाव जाम $ तहिॅ जुवइ-सयहिॅ परियरिय ताम
{प॰च॰२४,९.४} लक्खिज्जइ भरहहेॅ तणिय माय $ णं गय-घड भड भञ्जन्ति आय
{प॰च॰२४,९.५} णं तिलय-विहूसिय वच्छराइ $ स-पओहर अम्वर-सोह णाइँ
{प॰च॰२४,९.६} णं भरहहेॅ सम्पय-रिद्धि-विद्धि $ णं रामहेॅ गमणहेॅ तणिय सिद्धि
{प॰च॰२४,९.७} णं भरहहेॅ सुन्दर-सोक्ख-खाणि $ णं रामहेॅ इट्ठ-कलत्त-हाणि
{प॰च॰२४,९.८} णं भणइ भरहु "तुह्ũ आउ आउ $ वण-वासहेॅ राहउ जाउ जाउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२४,९.९} सु-पय सु-सन्धि सु-णाम $ वयण-विहत्ति-विहूसिय
कह वायरणहेॅ जेम $ केक्कय एन्ति पदीसिय
कण्ड २, संधि २४, कडवक १०॒
{प॰च॰२४,१०.१} सह्ũ सीयऍ दसरह-णन्दणेहिॅ $ जोक्कारिय राम-जणद्दणेहिॅ
{प॰च॰२४,१०.२} पुणु वुच्चइ सीर-प्पहरणेण $ "किं आणिउ भरहु अकारणेण
{प॰च॰२४,१०.३} सुणु माऍ महारउ परम-तच्चु $ पालेवउ तायहेॅ तणउ सच्चु
{प॰च॰२४,१०.४} णउ तुरऍहिॅ णउ रहवरेॅहिॅ कज्जु $ णउ सोलह वरिसइँ करमि रज्जु
{प॰च॰२४,१०.५} जं दिण्णु सच्चु ताएं ति-वार $ तं मइ मि दिण्णु तुम्ह सय-वार"
{प॰च॰२४,१०.६} ऍउ वयणु भणेप्पिणु सुह-समिद्धु $ सइँ हत्थें भरहहेॅ पट्टु वद्धु
{प॰च॰२४,१०.७} आउच्छेॅवि पर-वल-मइयवट्टु $ वण-वासहेॅ राहउ पुणु पयट्टु
{प॰च॰२४,१०.८} गउ भरहु णियत्तु सु-पुज्जमाणु $ जिण-भवणु पत्तु भिच्चेॅहिॅ समाणु
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१०.९} विह्ũ मुणि-धवलह्ũ पासेॅ $ भरहें लइउ अवग्गहु
"दिट्ठऍ राहवचन्देॅ $ महु णिवित्ति हय-रज्जहेॅ"
कण्ड २, संधि २४, कडवक ११॒
{प॰च॰२४,११.१} एम चवेॅवि उच्चलिउ महाइउ $ राहव-जणणिहेॅ भवणु पराइउ
{प॰च॰२४,११.२} विणउ करेप्पिणु पासु पढुक्किउ $ "रामु माऍ मइँ धरेॅवि ण सक्किउ
{प॰च॰२४,११.३} हũ तुम्हेवहिॅ आणवडिच्छउ $ पेसणयारउ चलण-णियच्छउ"
{प॰च॰२४,११.४} धीरेॅवि एम जणणि दणु-दमणहेॅ $ भरहु णराहिउ गउ णिय-भवणहेॅ
{प॰च॰२४,११.५} जाणइ हरि हलहरु विहरन्तइँ $ तिण्णि मि तावस-वणु संपत्तइँ
{प॰च॰२४,११.६} तावस के वि दिट्ठ जड-हारिय $ कु-जण कु-गाम जेम जड-हारिय
{प॰च॰२४,११.७} के वि तिदण्डि के वि धाडीसर $ कुविय णरिन्द जेम धाडीसर
{प॰च॰२४,११.८} के वि रुद्द रुद्दङ्कुस-हत्था $ मेट्ठु जेम रुद्दङ्कुस-हत्था
घत्ता॒
{प॰च॰२४,११.९} तहिॅ पइसन्ती सीय $ लक्खण-राम-विहूसिय
विहिॅ पक्खेहिॅ समाण $ पुण्णिम णाइँ पदीसिय
कण्ड २, संधि २४, कडवक १२॒
{प॰च॰२४,१२.१} अण्णु वि थोवन्तरु विहरन्तइँ $ वणु धाणुक्कहँ पुणु संपत्तइँ
{प॰च॰२४,१२.२} जहिॅ जणवउ मय-वत्थ-णियत्थउ $ वरहिण-पिच्छ-पसाहिय-हत्थउ
{प॰च॰२४,१२.३} कन्द-मूल-वहु-वणफल-भुञ्जउ $ सिरेॅ वड-माल वद्ध गलेॅ गुञ्जउ
{प॰च॰२४,१२.४} जहिॅ जुवइउ छुडु जाय-विवाहउ $ मयकरि-रय-वलयङ्किय-वाहउ
{प॰च॰२४,१२.५} मयकरि-कुम्भु करेप्पिणु उक्खलु $ लेवि विसाण-मुसलु धवलुज्जलु
{प॰च॰२४,१२.६} मोत्तिय-चाउल-दलणोवइयउ $ चुम्विय-वयणउ मयणब्भइयउ
{प॰च॰२४,१२.७} तं तेहउ वणु भिल्लह्ũ केरउ $ हरि-वलएवेॅहिॅ किउ विवरेरउ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१२.८} तं मेल्लेॅवि घरवारु $ लोयहिॅ हरिसिय-देहेॅहिॅ
छाइय लक्खण-राम $ चन्द-सूर जिम मेहेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २४, कडवक १३॒
{प॰च॰२४,१३.१} स-हरि स-भज्जउ रामु धणुद्धरु $ अण्णु वि जाम जाइ थोवन्तरु
{प॰च॰२४,१३.२} दिट्ठइँ गोट्ठय णाइँ सु-वेसइँ $ णं णरवइ-मन्दिरइँ सु-वेसइँ
{प॰च॰२४,१३.३} जुज्झन्तइँ ढेक्कार मुअन्तइँ $ णलिणि-मुणाल-सण्ड तोडन्तइँ
{प॰च॰२४,१३.४} कत्थइ वच्छ-हणइँ णीसङ्गइँ $ पव्वइयाइँ व णिरु णीसङ्गइँ
{प॰च॰२४,१३.५} कत्थइ जणवउ सिसिरें चच्चिउ $ पढम-सूइ सिरेॅ धरेॅवि पणच्चिउ
{प॰च॰२४,१३.६} कत्थइ मन्था-मन्थिय-मन्थणि $ कुणइ सद्दु सुरए व विलासिणि
{प॰च॰२४,१३.७} कत्थइ णारि-णियम्वेॅ सुहासिउ $ णावइ कुडउ कुणइ मुहवासिउ
{प॰च॰२४,१३.८} कत्थइ डिम्भउ परियन्दिज्जइ $ अम्माहीरउ गेउ झुणिज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१३.९} तं पेक्खेप्पिणु गोट्ठु $ णारीयण-परियरियउ
णावइ तिहि मि जणेहिॅ $ वालत्तणु संभरियउ
कण्ड २, संधि २४, कडवक १४॒
{प॰च॰२४,१४.१} तं मेल्लेप्पिणु गोट्ठु रवण्णउ $ पुणु वणु पइसरन्ति आरण्णउ
{प॰च॰२४,१४.२} जं फल-पत्त-रिद्धि-संपण्णउ $ तरल-तमाल-ताल-संछण्णउ
{प॰च॰२४,१४.३} वणं जिणालयं जहा स-चन्दणं $ जिणिन्द-सासणं जहा स-सावयं
{प॰च॰२४,१४.४} महा-रणङ्गणं जहा सवासणं $ मइन्द-कन्धरं जहा स-केसरं
{प॰च॰२४,१४.५} णरिन्द-मन्दिरं जहा स-माउयं $ सुसञ्च-णच्चियं जहा स-तालयं
{प॰च॰२४,१४.६} जिणेस-ण्हाणयं जहा महासरं $ कु-तावसे तवं जहा मयासवं
{प॰च॰२४,१४.७} मुणिन्द-जीवियं जहा स-मोक्खयं $ महा-णहङ्गणं जहा स-सोमयं
{प॰च॰२४,१४.८} मियङ्क-विम्वयं जहा मयासयं $ विलासिणी-मुहं जहा महारसं
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१४.९} तं वणु मेल्लेॅवि ताइँ $ इन्द-दिसऍ आसण्णइँ
मासेॅहिॅ चउरद्धेहिॅ $ चित्तकूडु वोलीणइँ
कण्ड २, संधि २४, कडवक १५॒
{प॰च॰२४,१५.१} तं चित्तउडु मुएवि तुरन्तइँ $ दसउरपुर-सीमन्तरु पत्तइँ
{प॰च॰२४,१५.२} दिट्ठ महासर कमल-करम्विय $ सारस-हंसावलि-वग-चुम्विय
{प॰च॰२४,१५.३} उज्जाणइँ सोहन्ति सु-पत्तइँ $ मुणिवर इव सु-हलाइँ सु-पत्तइँ
{प॰च॰२४,१५.४} सालिवणइँ पणमन्ति सु-भत्तइँ $ णं सावयइँ जिणेसर-भत्तइँ
{प॰च॰२४,१५.५} उच्छुवणइँ दल-दीहर-गत्तइँ $ णिय-वइ-लङ्घणइँ व दुकलत्तइँ
{प॰च॰२४,१५.६} पङ्कय-णव-णीलुप्पल-सामेॅहिॅ $ तहिॅ पइसन्तेॅहिॅ लक्खण-रामेॅहिॅ
{प॰च॰२४,१५.७} सीरकुडुम्विउ मणुसु पदीसिउ $ वुण्णु कुरङ्गु व वाहुत्तासिउ
{प॰च॰२४,१५.८} हडहड-फुट्ट-सीसु चल-णयणउ $ पाणक्कन्तु समुब्भड-वयणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२४,१५.९} सो णासन्तु कुमारें $ सुरवर-करि-कर-चण्डेॅहिॅ
आणिउ रामहेॅ पासु $ धरेॅवि स इं भु व-दण्डेॅहिॅ
[२५. पञ्चवीसमो संधि] ----------
धणुहर-हत्थेॅण $ दुव्वार-वइरि-आयामें
सीरकुडुम्विउ $ मम्भीसेॅवि पुच्छिउ रामें
कण्ड २, संधि २५, कडवक १॒
दुद्दम-दाणविन्द-मद्दण-महाहवेणं
"भो भो किं विसन्थुलो" वुत्तु राहवेणं
{प॰च॰२५,१.२} तं णिसुणेवि पजम्पिउ गहवइ $ "वज्जयण्णु णामेण सु-णरवइ
{प॰च॰२५,१.३} सीहोयरहेॅ भिच्चु हियइच्छिउ $ भरहु व रिसहहेॅ आणवडिच्छिउ
{प॰च॰२५,१.४} दसउर-णाहु जिणेसर-भत्तउ $ पियवद्धणहेॅ पासेॅ उवसन्तउ
{प॰च॰२५,१.५} जिणवर-पडिमङ्गुट्ठऍ लेप्पिणु $ अण्णहेॅ णवइ ण णाहु मुएप्पिणु
{प॰च॰२५,१.६} ताम कु-मन्तिहिॅ कहिउ णरिन्दहेॅ $ "पइँ अवगण्णेॅवि णवइ जिणिन्दहेॅ"
{प॰च॰२५,१.७} तं णिसुणेवि वयणु पहु कुद्धउ $ णं खय-कालेॅ कियन्तु विरुद्धउ
{प॰च॰२५,१.८} कोवाणल-पलित्तु सीहोयरु $ णं गिरि-सिहरेॅ मइन्द-किसोयरु
{प॰च॰२५,१.९} "जो मइँ मुऍवि अण्णु जयकारइ $ सो किं हय गय रज्जु ण हारइ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१.१०} अह किं वहुऍण $ कल्लऍ दिणयरेॅ अत्थन्तऍ
जइ ण वि मारमि $ तो पइसमि जलणेॅ जलन्तऍ"
कण्ड २, संधि २५, कडवक २॒
पइज करेवि जाम पहु आहवे अभङ्गो
ताम पइट्ठु चोरु णामेण विज्जुलङ्गो
{प॰च॰२५,२.२} पइसन्तें रयणिहेॅ मज्झयालेॅ $ अलिउल-कज्जल-सण्णिह-तमालेॅ
{प॰च॰२५,२.३} तें दिट्ठु णराहिउ विप्फुरन्तु $ पलयाणलो व्व धगधगधगन्तु
{प॰च॰२५,२.४} रोमञ्च-कञ्चु-कञ्चुइय-देहु $ जल-गब्भिणु णं गज्जन्तु मेहु
{प॰च॰२५,२.५} सण्णद्ध-वद्ध-परियर-णिवन्धु $ रण-भर-धुर-धोरिउ दिण्ण-खन्धु
{प॰च॰२५,२.६} वलिवण्ड-मण्ड-णिड्डरिय-णयणु $ दट्ठोट्ठु सुट्ठु-विप्फुरिय-वयणु
{प॰च॰२५,२.७} "मारेवउ रिउ" जम्पन्तु एम $ खय-कालेॅ सणिच्छरु कुविउ जेम
{प॰च॰२५,२.८} तं पेक्खेॅवि चिन्तइ भुअ-विसालु $ "किं मारमि णं णं सामिसालु
{प॰च॰२५,२.९} साहम्मिय-वच्छलु किं करेमि $ सव्वायरेण गम्पिणु कहेमि"
{प॰च॰२५,२.१०} गउ एम भणेॅवि कण्टइय-गत्तु $ णिविसद्धें दसउर-णयरु पत्तु
घत्ता॒
{प॰च॰२५,२.११} छुडु अरुणुग्गमेॅ $ सो विज्जुलङ्गु धावन्तउ
दिट्ठु णरिन्देॅण $ जस-पुञ्जु णाइँ आवन्तउ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ३॒
पुच्छिउ वज्जयण्णेॅण हसेवि विज्जुलङ्गो
"भो भो कहिॅ पयट्टु वहु-वहल-पुलइयङ्गो"
{प॰च॰२५,३.२} तं णिसुणेप्पिणु वयण-विसालें $ वुच्चइ वज्जयण्णु कुसुमालें
{प॰च॰२५,३.३} "कामलेह णामेण विलासिणि $ तुङ्ग-पओहर जण-मण-भाविणि
{प॰च॰२५,३.४} तहेॅ आसत्तउ अत्थ-विवज्जिउ $ कारणेॅ मणि-कुण्डलहँ विसज्जिउ
{प॰च॰२५,३.५} पुणु विज्जाहर-करणु करेप्पिणु $ गउ सत्त वि पायार कमेप्पिणु
{प॰च॰२५,३.६} किर वर-भवणु पईसमि जावेॅहिॅ $ पइज करन्तु राउ सुउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२५,३.७} हũ वयणेण तेण आदण्णउ $ "वट्टइ वज्जयण्णु उच्छण्णउ
{प॰च॰२५,३.८} साहम्मिउ जिण-सासण-दीवउ" $ एम भणेप्पिणु वलिउ पडीवउ
{प॰च॰२५,३.९} पुणु वि वियड-पय-छोहेॅहिॅ धाइउ $ णिविसें तुम्हह्ũ पासु पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,३.१०} किं ओलग्गऍ $ जाणन्तु वि राय म मुज्झहि
पाण लएप्पिणु $ जेॅम णासहि जेॅम रणेॅ जुज्झहि
कण्ड २, संधि २५, कडवक ४॒
अहवइ काइँ एण वहु-जम्पिएण राया
पर-वलेॅ पेक्खु पेक्खु उट्ठन्ति धूलि-छाया
{प॰च॰२५,४.२} पेक्खु पेक्खु आवन्तउ साहणु $ गलगज्जन्तु महागय-वाहणु
{प॰च॰२५,४.३} पेक्खु पेक्खु हिंसन्ति तुरङ्गम $ णहयलेॅ विउलेॅ भमन्ति विहङ्गम
{प॰च॰२५,४.४} पेक्खु पेक्खु चिन्धइँ धुव्वन्तइँ $ रह-चक्कइँ महियलेॅ खुप्पन्तइँ
{प॰च॰२५,४.५} पेक्खु पेक्खु वज्जन्तइँ तूरइँ $ णाणाविह-णिणाय-गम्भीरइँ
{प॰च॰२५,४.६} पेक्खु पेक्खु सय सङ्ख रसन्ता $ णाइँ सदुक्खउ सयण रुअन्ता
{प॰च॰२५,४.७} पेक्खु पेक्खु पचलन्तउ णरवइ $ गह-णक्खत्त-मज्झेॅ सणि णावइ"
{प॰च॰२५,४.८} दसउर-णाहु णिहालइ जावेॅहिॅ $ पर-वलु सयलु विहावइ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२५,४.९} "साहु साहु" तो एम भणेप्पिणु $ विज्जुलङ्गु णिउ आलिङ्गेप्पिणु
{प॰च॰२५,४.१०} थिउ रण-भूमि पसाहेॅवि जावेॅहिॅ $ सयलु वि सेण्णु पराइउ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,४.११} अमरिस-कुद्धेॅहिॅ $ चउपासेॅहिॅ णरवर-विन्दहिॅ
वेड्ढिउ पट्टणु $ जिम महियलु चउहिॅ समुद्दहिॅ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ५॒
किय गय सारि-सज्ज पक्खरिय वर-तुरङ्गा
कवय-णिवद्ध जोह अब्भिट्ट पुलइयङ्गा
{प॰च॰२५,५.२} अब्भिट्टु जुज्झु विण्ह वि वलाहँ $ अवरोप्परु वड्ढिय-कलयलाहँ
{प॰च॰२५,५.३} वज्जन्त-तूर-कोलाहलाहँ $ उवसोह-चडाविय-मयगलाहँ
{प॰च॰२५,५.४} मुक्केक्कमेक्क-सर-सव्वलाहँ $ भुअ-छिण्ण-भिण्ण-वच्छत्थलाहँ
{प॰च॰२५,५.५} लोट्टाविय-धय-मालाउलाहँ $ पडिपहर-विहुर-विहलङ्घलाहँ
{प॰च॰२५,५.६} णिड्डरिय-णयण-डसियाहराहँ $ असि-झस-सर-सत्ति-पहरण-धराहँ
{प॰च॰२५,५.७} सुपमाण-चाव-कड्ढिय-कराहँ $ गुण-दिट्ठि-मुट्ठि-सन्धिय-सराहँ
{प॰च॰२५,५.८} दुग्घोट्ट-थट्ट-लोट्टावणाहँ $ कायर-णर-मण-संतावणाहँ
{प॰च॰२५,५.९} जयकारहेॅ कारणेॅ दुद्धराहँ $ रणु वज्जयण्ण-सीहोयराहँ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,५.१०} विहि मि भिडन्तहिॅ $ समरङ्गणेॅ दुन्दुहि वज्जइ
विहि मि णरिन्दहँ $ रणेॅ एक्कु वि जिणइ ण जिज्जइ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ६॒
{प॰च॰२५,६.१} "हणु हणु (हणु]" भणन्ति हम्मन्ति आहणन्ति
पउ वि ण ओसरन्ति मारन्ति रणेॅ मरन्ति
{प॰च॰२५,६.२} उहय-वलेॅहिॅ पडियग्गिम-खन्धइँ $ उहय-वलेॅहिॅ णच्चन्ति कवन्धइँ
{प॰च॰२५,६.३} उहय-वलेॅहिॅ मुसुमूरिय धयवड $ उहय-वलेॅहिॅ लोट्टाविय भड-थड
{प॰च॰२५,६.४} उहय-वलेॅहिॅ हय गय विणिवाइय $ उहय-वलेॅहिॅ रुहिरोह पधाइय
{प॰च॰२५,६.५} उहय-वलेॅहिॅ णित्तंसिय खग्गइँ $ उहय-वलेॅहिॅ डेवन्ति विहङ्गइँ
{प॰च॰२५,६.६} उहय-वलेॅहिॅ णीसद्दइँ तूरइँ $ उहय-वलइँ पहरण-खर-विहुरइँ
{प॰च॰२५,६.७} उहय-वलइँ गय-दन्तेॅहिॅ भिण्णइँ $ उहय-वलइँ रण-भूमि-णिसण्णइँ
{प॰च॰२५,६.८} उहय-वलइँ रुहिरोल्लिय-गत्तइँ $ हक्क-डक्क-लल्लक्क मुअन्तइँ
{प॰च॰२५,६.९} एम पक्खु वट्टइ सङ्गामहेॅ $ अक्खइ सीरकुडुम्विउ रामहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,६.१०} तं णिसुणेप्पिणु $ मणि-मरगय-किरण-फुरन्तउ
दिण्णु स-हत्थेॅण $ कण्ठउ कडउ कडिसुत्तउ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ७॒
{प॰च॰२५,७.१} पुणु संचल्ल वे वि वलएव-वासुएवा
जाणइ-करिणि-सहिय गय गिल्ल-गण्ड जेवा
{प॰च॰२५,७.२} चाव-विहत्थ महत्थ महाइय $ सहसकूडु जिणभवणु पराइय
{प॰च॰२५,७.३} जं इट्टाल-धवल-छुह-पङ्किउ $ सज्जण-हियउ जेम अकलङ्किउ
{प॰च॰२५,७.४} जं उत्तुङ्ग-सिहरु सुर-कित्तिउ $ वण्ण-विचित्त-चित्त-चिर-चित्तिउ
{प॰च॰२५,७.५} तं जिणभवणु णियवि परितुट्ठइँ $ पयहिण देवि ति-वार वइट्ठइँ
{प॰च॰२५,७.६} तहिॅ चन्दप्पह-विम्वु णिहालिउ $ जं सुरवरतरु-कुसुमोमालिउ
{प॰च॰२५,७.७} जं णागेन्द-सुरेन्द-णरिन्दहिॅ $ वन्दिउ मुणि-विज्जाहर-विन्दहिॅ
{प॰च॰२५,७.८} दिट्ठु सु-सोहिउ सोम्मु सु-दंसणु $ अण्णु मि सेय-चमरु सिंहासणु
{प॰च॰२५,७.९} छत्त-त्तउ असोउ भा-मण्डलु $ लच्छि-विहूसिउ वियड-उरत्थलु
घत्ता॒
{प॰च॰२५,७.१०} किं वहु(एं)-चविऍण $ जगेॅ को पडिविम्वु ठविज्जइ
पुणु वि पडीवउ $ जइ णाहें णाहुवमिज्जइ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ८॒
जं जग-णाहु दिट्ठु वल-सीय-लक्खणेहिॅ
तिहि मि जणेहिॅ वन्दिओ विविह-वन्दणेहिॅ
{प॰च॰२५,८.२} "जय रिसह दुसह-परिसह-सहण $ जय अजिय अजिय-वम्मह-महण
{प॰च॰२५,८.३} जय संभव संभव-णिद्दलण $ जय अहिणन्दण णन्दिय-चलण
{प॰च॰२५,८.४} जय सुमइ-भडारा सुमइ-कर $ पउमप्पह पउमप्पह-पवर
{प॰च॰२५,८.५} जय सामि सुपास सु-पास-हण $ चन्दप्पह पुण्ण-चन्द-वयण
{प॰च॰२५,८.६} जय जय पुप्फयन्त पुप्फच्चिय $ जय सीयल सीयल-सुह-संचिय
{प॰च॰२५,८.७} जय सेयङ्कर सेयंस-जिण $ जय वासुपुज्ज पुज्जिय-चलण
{प॰च॰२५,८.८} जय विमल-भडारा विमल-मुह $ जय सामि अणन्त अणन्त-सुह
{प॰च॰२५,८.९} जय धम्म-जिणेसर धम्म-धर $ जय सन्ति-भडारा सन्ति-कर
{प॰च॰२५,८.१०} जय कुन्थु महत्थुइ-थुअ-चलण $ जय अर-अरहन्त महन्त-गुण
{प॰च॰२५,८.११} जय मल्लि महल्ल-मल्ल-मलण $ मुणि सुव्वय सु-व्वय सुद्ध-मण"
घत्ता॒
{प॰च॰२५,८.१२} वीस वि जिणवर $ वन्देप्पिणु रामु वईसइ
जहिॅ सीहोयरु $ तं णिलउ कुमारु पईसइ
कण्ड २, संधि २५, कडवक ९॒
ताम णरिन्द-वारे थिर-थोर-वाहु-जुअलो
सो पडिहारु दिट्ठु सद्दत्थ-देसि-कुसलो
{प॰च॰२५,९.२} पइसन्तु सुहडु तें धरिउ केम $ णिय-समएं लवणसमुद्दु जेम
{प॰च॰२५,९.३} तं कुविउ वीरु विप्फुरिय-वयणु $ विहुणन्तु हत्थ णिड्डरिय-णयणु
{प॰च॰२५,९.४} मणेॅ चिन्तइ वइरि-समुद्द-महणु $ "किं मारमि णं णं कवणु गहणु"
{प॰च॰२५,९.५} गउ एम भणेॅवि भुअ-दण्ड-चण्डु $ णं मत्त-महागउ गिल्ल-गण्डु
{प॰च॰२५,९.६} तं दसउर-णयरु पइट्ठु केम $ जण-मण-मोहन्तु अणङ्गु जेम
{प॰च॰२५,९.७} दुव्वार-वइरि-सय-पाण-चोरु $ णीसरिउ णाइँ केसरि-किसोरु
{प॰च॰२५,९.८} जं लक्खणु लक्खिउ राय-वारेॅ $ पडिहारु वुत्तु "मं मं णिवारेॅ"
{प॰च॰२५,९.९} तं वयणु सुणेवि पइट्ठु वीरु $ चक्कवइ-लच्छि-लञ्छिय-सरीरु
घत्ता॒
{प॰च॰२५,९.१०} दसउर-णाहेॅण $ लक्खिज्जइ एन्तउ लक्खणु
रिसह-जिणिन्देॅण $ णं धम्मु अहिंसा-लक्खणु
कण्ड २, संधि २५, कडवक १०॒
हरिसिउ वज्जयण्णु दिट्ठेण लक्खणेणं
पुणु पुणु णेह-णिब्भरो चविउ तक्खणेणं
{प॰च॰२५,१०.२} "किं देमि हत्थि रह तुरय-थट्ट $ विच्छुरिय-फुरिय-मणि-मउड-पट्ट
{प॰च॰२५,१०.३} किं वत्थेॅहिॅ किं रयणेहिॅ कज्जु $ किं णरवर-परिमिउ देमि रज्जु
{प॰च॰२५,१०.४} किं देमि स-विब्भमु पिण्डवासु $ किं स-सुउ स-कन्तउ होमि दासु"
{प॰च॰२५,१०.५} तं वयणु सुणेॅवि हरिसिय-मणेण $ पडिवुत्तु णराहिउ लक्खणेण
{प॰च॰२५,१०.६} "कहिॅ मुणिवरु कहिॅ संसार-सोक्खु $ कहिॅ पाव-पिण्डु कहिॅ परम-मोक्खु
{प॰च॰२५,१०.७} कहिॅ पायउ केत्थु कुडुक्क-वयणु $ कहिॅ कमल-सण्डु कहिॅ विउलु गयणु
{प॰च॰२५,१०.८} कहिॅ मयगलेॅ हलु कहिॅ उट्टेॅ घण्ट $ कहिॅ पन्थिउ कहिॅ रह-तुरय-थट्ट
{प॰च॰२५,१०.९} तं वोल्लहि जं ण घडइ कलाऍ $ अम्हइँ वाहिय भुक्खऍ खलाऍ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१०.१०} तुह्ũ साहम्मिउ $ दय-धम्मु करन्तु ण थक्कहि
भोयणु मग्गिउ $ तिह्ũ जणह्ũ देहि जइ सक्कहि"
कण्ड २, संधि २५, कडवक ११॒
{प॰च॰२५,११.१} वुच्चइ वज्जयण्णेॅणं सजल-लोयणेणं
"मग्गिउ देमि रज्जु किं गहणु भोयणेणं"
{प॰च॰२५,११.२} एम भणेप्पिणु अण्णुच्चाइउ $ णिविसें रामहेॅ पासु पराइउ
{प॰च॰२५,११.३} खणेॅ कच्चोल थाल ओयारिय $ परियल-सिप्पि-सङ्ख वित्थारिय
{प॰च॰२५,११.४} वहुविह-कण्ड-पयारेॅहिॅ वड्ढिउ $ उच्छु-वणं पिव मुह-रसियड्ढिउ
{प॰च॰२५,११.५} उज्जाणं पिव सुट्ठु सुअन्धउ $ सिद्धहेॅ सिद्धि-सुहं पिव सिद्धउ
{प॰च॰२५,११.६} रेहइ असण-वेल वलहद्दहेॅ $ णाइँ विणिग्गय अमय-समुद्दहेॅ
{प॰च॰२५,११.७} धवल-प्पउर-कूर-फेणुज्जल $ पेज्जावत्त दिन्ति चल चञ्चल
{प॰च॰२५,११.८} घिय-कल्लोल-वोल पवहन्ती $ तिम्मण-तोय-तुसार मुअन्ती
{प॰च॰२५,११.९} सालण-सय-सेवाल-करम्विय $ हरि-हलहर-जलयर-परिचुम्विय
घत्ता॒
{प॰च॰२५,११.१०} किं वहु-चविऍण $ सच्छाउ सलोणु स-विञ्जणु
इट्ठ-कलत्तु व $ तं भुत्तु जहिच्छऍ भोयणु
कण्ड २, संधि २५, कडवक १२॒
{प॰च॰२५,१२.१} भुञ्जेॅवि रामचन्देॅणं पभणिओ कुमारो
"भोयणु ण होइ ऍउ उवयार-गरुअ-भारो
{प॰च॰२५,१२.२} पडिउवयारु किं पि विण्णासहि $ उभय-वलेॅहिॅ अप्पाणु पगासहि
{प॰च॰२५,१२.३} तं सीहोयरु गम्पि णिवारहि $ अद्धें रज्जहेॅ सन्धि समारहि
{प॰च॰२५,१२.४} वुच्चइ "भरहें दूउ विसज्जिउ $ दुज्जउ वज्जयण्णु अपरज्जिउ
{प॰च॰२५,१२.५} तेण समाणु कवणु किर विग्गहु $ जें आयामिउ समरेॅ परिग्गहु""
{प॰च॰२५,१२.६} तं णिसुणेवि वयणु रिउ-मद्दणु $ रामहेॅ चलणेॅहिॅ पडिउ जणद्दणु
{प॰च॰२५,१२.७} "अज्जु कियत्थु अज्जु हũ धण्णउ $ जं आएसु देव पइँ दिण्णउ"
{प॰च॰२५,१२.८} एम भणेवि पयट्टु महाइउ $ गउ सीहोयर-भवणु पराइउ
{प॰च॰२५,१२.९} मत्त-गइन्दु जेम गलगज्जेॅवि $ तं पडिहारु करग्गें तज्जेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१२.१०} तिण-समु मण्णेॅवि $ अत्थाणु सयलु अवगण्णेॅवि
पइठु भयाणणु $ गय-जूहेॅ जेम पञ्चाणणु
कण्ड २, संधि २५, कडवक १३॒
{प॰च॰२५,१३.१} अमरिस-कुद्धएण वहु-भरिय-मच्छरेणं
सीहोयरु पलोइओ जिह सणिच्छरेणं
{प॰च॰२५,१३.२} कोवाणल-सय-जाल-जलन्तें $ पुणु पुणु जोइउ णाइँ कयन्तें
{प॰च॰२५,१३.३} जउ जउ लक्खणु लक्खइ संमुहु $ तउ तउ सिमिरु थाइ हेट्ठा-मुहु
{प॰च॰२५,१३.४} चिन्तिउ "को वि महा-वलु दीसइ $ णउ पणिवाउ करइ णउ वइसइ"
{प॰च॰२५,१३.५} तं जि णिमित्तु लएवि कुमारें $ वुत्तु राउ "किं वहु-वित्थारें
{प॰च॰२५,१३.६} एम विसज्जिउ भरह-णरिन्दें $ करइ केलि को समउ मइन्दें
{प॰च॰२५,१३.७} को सुर-करि-विसाण उप्पाडइ $ मन्दरसेल-सिङ्गु को पाडइ
{प॰च॰२५,१३.८} को ऽमयवाहु करग्गें ढङ्कइ $ वज्जयण्णु को मारेॅवि सक्कइ
{प॰च॰२५,१३.९} सन्धि करहेॅ परिभुञ्जहेॅ मेइणि $ हियय-सुहङ्करि जिह वर-कामिणि
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१३.१०} अहवइ णरवइ $ जइ रज्जहेॅ अद्धु ण इच्छहि
तो समरङ्गणेॅ $ सर-धोरणि एन्ति पडिच्छहि"
कण्ड २, संधि २५, कडवक १४॒
{प॰च॰२५,१४.१} लक्खण-वयण-दूसिओ अहर-विप्फुरन्तो
"मरु मरु मारि मारि हणु हणु" भणन्तो
{प॰च॰२५,१४.२} उट्ठिउ पहु करवाल-विहत्थउ $ "अच्छउ ताम भरहु वीसत्थउ
{प॰च॰२५,१४.३} दूवहेॅ दूवत्तणु दरिसावहेॅ $ छिन्दहेॅ णासु सीसु मुण्डावहेॅ
{प॰च॰२५,१४.४} लुणहेॅ हत्थ विच्छारेॅवि धाडहेॅ $ गद्दहेॅ चडियउ णयरेॅ भमाडहेॅ"
{प॰च॰२५,१४.५} तं णिसुणेवि समुट्ठिय णरवर $ गलगज्जन्त णाइँ णव जलहर
{प॰च॰२५,१४.६} "हणु हणु हणु" भणन्त वहु-मच्छर $ णं कलि-काल-कियन्त-सणिच्छर
{प॰च॰२५,१४.७} णं णिय-समय-चुक्क रयणायर $ णं उम्मेट्ठ पधाइय कुञ्जर
{प॰च॰२५,१४.८} करेॅ करवालु को वि उग्गामइ $ भीसण को वि गयासणि भामइ
{प॰च॰२५,१४.९} को वि भयङ्करु चाउ चडावइ $ सामिहेॅ भिच्चत्तणु दरिसावइ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१४.१०} एव णरिन्देॅहिॅ $ फुरियाहर-भिउडि-करालेॅहिॅ
वेढिउ लक्खणु $ पञ्चाणणु जेम सियालेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २५, कडवक १५॒
{प॰च॰२५,१५.१} सूरु व जलहरेहिॅ जं वेढिओ कुमारो
उट्ठिउ धर दलन्तु दुव्वार-वइरि-वारो
{प॰च॰२५,१५.२} रोक्कइ वलइ धाइ रिउ रुम्भइ $ णं केसरि-किसोरु पवियम्भइ
{प॰च॰२५,१५.३} णं सुरवर-गइन्दु मय-विम्भलु $ सिर-कमलइँ तोडन्तु महा-वलु
{प॰च॰२५,१५.४} दरमलन्तु मणि-मउड णरिन्दह्ũ $ सीहु पढुक्किउ जेम गइन्दह्ũ
{प॰च॰२५,१५.५} केॅ वि मुसुमूरिउ चूरिउ पाऍहिॅ $ को वि णिसुम्भिउ टक्कर-घाऍहिॅ
{प॰च॰२५,१५.६} को वि करग्गेॅहिॅ गयणेॅ भमाडिउ $ को वि रसन्तु महीयलेॅ पाडिउ
{प॰च॰२५,१५.७} को वि जुज्झविउ मेस-झडक्कऍ $ केॅ वि कडुवाविउ हक्क-दडक्कऍ
{प॰च॰२५,१५.८} गयवर-लग्गण-खम्भुप्पाडेॅवि $ गयण-मग्गेॅ पुणु भुअहिॅ भमाडेॅवि
{प॰च॰२५,१५.९} णाइँ जमेण दण्डु पम्मुक्कउ $ वइरिहिॅ णं खय-कालु पढुक्कउ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१५.१०} आलण-खम्भेॅण $ भामन्तें पुहइ भमाडिय
तेण पडन्तेॅण $ दस सहस णरिन्दह्ũ पाडिय
कण्ड २, संधि २५, कडवक १६॒
{प॰च॰२५,१६.१} जं पडिवक्खु सयलु णिद्दलिउ लक्खणेणं
गयवरेॅ पट्टवन्धणे चडिउ तक्खणेणं
{प॰च॰२५,१६.२} अहिमुहु सीहोयरु संचल्लिउ $ पलय-समुद्दु णाइँ उत्थल्लिउ
{प॰च॰२५,१६.३} सेण्णावत्त दिन्तु गज्जन्तउ $ पहरण-तोय-तुसार-मुअन्तउ
{प॰च॰२५,१६.४} तुङ्ग-तुरङ्ग-तरङ्ग-समाउलु $ मत्त-महागय-घड-वेलाउलु
{प॰च॰२५,१६.५} उब्भिय-धवल-छत्त-फेणुज्जलु $ धय-कल्लोल-चलन्त-महावलु
{प॰च॰२५,१६.६} रिउ-समुद्दु जं दिट्ठु भयङ्करु $ लक्खणु ढुक्कु णाइँ गिरि मन्दरु
{प॰च॰२५,१६.७} चलइ वलइ परिभमइ सु-पच्चलु $ णाइँ विलासिणि-गणु चलु चञ्चलु
{प॰च॰२५,१६.८} गेण्हेॅवि पहउ णरिन्दु णरिन्दें $ तुरएं तुरउ गइन्दु गइन्दें
{प॰च॰२५,१६.९} रहिएं रहिउ रहङ्गु रहङ्गें $ छत्तें छत्तु धयग्गु धयग्गें
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१६.१०} जउ जउ लक्खणु $ परिसक्कइ भिउडि-भयङ्करु
तउ तउ दीसइ $ महि-मण्डलु रुण्ड-णिरन्तरु
कण्ड २, संधि २५, कडवक १७॒
{प॰च॰२५,१७.१} जं रिउ-उअहि महिउ सोमित्ति-मन्दरेणं
सीहोयरु पधाइओ समउ कुञ्जरेणं
{प॰च॰२५,१७.२} अब्भिट्टु जुज्झु विण्णि वि जणाहँ $ उज्जेणि-णराहिव-लक्खणाहँ
{प॰च॰२५,१७.३} दुव्वार-वइरि-गेण्हण-मणाहँ $ उग्गामिय-भामिय-पहरणाहँ
{प॰च॰२५,१७.४} मयमत्त-गइन्दुद्दारणाहँ $ पडिवक्ख-पक्ख-सम्घारणाहँ
{प॰च॰२५,१७.५} सुरवहुअ-सत्थ-तोसावणाहँ $ सीहोयर-लक्खण-णरवराहँ
{प॰च॰२५,१७.६} $ भुअ-दण्ड-चण्ड-हरिसिय-मणाहँ
{प॰च॰२५,१७.७} एत्थन्तरेॅ सीहोयर-धरेण $ उरेॅ पेल्लिउ लक्खणु गयवरेण
{प॰च॰२५,१७.८} रहसुब्भडु पुलय-विसट्ट-देहु $ णं सुक्कें खीलिउ स-जलु मेहु
{प॰च॰२५,१७.९} तें लेवि भुअग्गें थरहरन्त $ उप्पाडिय दन्तिहेॅ वे वि दन्त
{प॰च॰२५,१७.१०} कडुआविउ मयगलु मणेॅण तट्ठु $ विवरम्मुहु पाण लएवि णट्ठु
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१७.११} ताम कुमारेॅण $ विज्जाहर-करणु करेप्पिणु
धरिउ णराहिउ $ गय-मत्थऍ पाउ थवेप्पिणु
कण्ड २, संधि २५, कडवक १८॒
{प॰च॰२५,१८.१} णरवइ जीव-गाहि जं धरिउ लक्खणेणं
केण वि वज्जयण्णहेॅ कहिउ तक्खणेणं
{प॰च॰२५,१८.२} "हे णरणाह-णाह अच्छरियउ $ पर-वलु पेक्खु केम जज्जरियउ
{प॰च॰२५,१८.३} रुण्ड-णिरन्तरु सोणिय-चच्चिउ $ णाणाविह-विहङ्ग-परियञ्चिउ
{प॰च॰२५,१८.४} को वि पयण्ड-वीरु वलवन्तउ $ भमइ कियन्तु व रिउ-जगडन्तउ
{प॰च॰२५,१८.५} गय-घड भड-थड सुहड वहन्तउ $ करि-सिर-कमल-सण्ड तोडन्तउ
{प॰च॰२५,१८.६} रोक्कइ कोक्कइ ढुक्कइ थक्कइ $ णं खय-कालु समरेॅ परिसक्कइ
{प॰च॰२५,१८.७} भिउडि-भयङ्करु कुरुडु समच्छरु $ थिउ अवलोयणेॅ णाइँ सणिच्छरु
{प॰च॰२५,१८.८} णउ जाणह्ũ किं गणु किं गन्धवु $ किं पच्छण्णु को वि तउ वन्धवु
{प॰च॰२५,१८.९} किण्णरु किं मारुवु विज्जाहरु $ किं वम्भाणु भाणु हरि हलहरु
{प॰च॰२५,१८.१०} तेण महाहवेॅ माण-मइन्दहँ $ विणिवाइय दस सहस णरिन्दहँ
{प॰च॰२५,१८.११} अण्णु वि दुज्जउ मच्छर-भरियउ $ जीव-गाहि सीहोयरु धरियउ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१८.१२} एक्कें होन्तेॅण $ वलु सयलु वि आहिन्दोलिउ
मन्दर-वीढेॅण $ णं सायर-सलिलु विरोलिउ"
कण्ड २, संधि २५, कडवक १९॒
{प॰च॰२५,१९.१} तं णिसुणेवि को वि परितोसिओ मणेणं
को वि णिएह्ũ लग्गु उद्धेण जम्पणेणं
{प॰च॰२५,१९.२} को वि पजम्पिउ मच्छर-भरियउ $ "चङ्गउ जं सीहोयरु धरियउ
{प॰च॰२५,१९.३} जो मारेवउ वइरि स-हत्थें $ सो परिवद्धु पाउ पर-हत्थें
{प॰च॰२५,१९.४} वन्धव-सयणहिॅ परिमिउ अज्जु $ वज्जयण्णु अणुहुञ्जउ रज्जु"
{प॰च॰२५,१९.५} को वि विरुद्धु पुणु पुणु णिन्दइ $ "धम्मु मुएवि पाउ किं णन्दइ"
{प॰च॰२५,१९.६} को वि भणइ "जें मग्गिउ भोयणु $ दीसइ सो ज्जेॅ णाइँ ऍहु वम्भणु"
{प॰च॰२५,१९.७} ताम कुमारें रिउ उक्खन्धेॅवि $ चोरु व राउलेण णिउ वन्धेॅवि
{प॰च॰२५,१९.८} सालङ्कारु स-दोरु स-णेउरु $ दुम्मणु दीण-वयणु अन्तेउरु
{प॰च॰२५,१९.९} धाइउ अंसु-जलोल्लिय-णयणउ $ हिम-हय-कमलवणु व कोमाणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,१९.१०} केस-विसन्थुलु $ मुह-कायरु करुणु रुअन्तउ
थिउ चउपासेॅहिॅ $ भत्तार-भिक्ख मग्गन्तउ
कण्ड २, संधि २५, कडवक २०॒
{प॰च॰२५,२०.१} ताम मणेण सङ्किया राहवस्स घरिणी
णं भय-भीय काणणे वुण्णुयण्ण हरिणी
{प॰च॰२५,२०.२} "पेक्खु पेक्खु वलु वलु आवन्तउ $ सायर-सलिलु जेम गज्जन्तउ
{प॰च॰२५,२०.३} लइ धणुहरु म अच्छि णिच्चिन्तउ $ मञ्छुडु लक्खणु रणेॅ अत्थन्तउ"
{प॰च॰२५,२०.४} तं णिसुणेॅवि णिव्वूढ-महाहवु $ जाम चाउ किर गिण्हइ राहवु
{प॰च॰२५,२०.५} ताम कुमारु दिट्ठु सह्ũ णारिहिॅ $ परिमिउ हत्थि जेम गणियारिहिॅ
{प॰च॰२५,२०.६} तं पेक्खेप्पिणु सुहड-णिसामें $ भीय सीय मम्भीसिय रामें
{प॰च॰२५,२०.७} "पेक्खु केम सीहोयरु वद्धउ $ सीहेण व सियालु उट्ठद्धउ
{प॰च॰२५,२०.८} एव वोल्ल किर वट्टइ जावेॅहिॅ $ लक्खणु पासु पराइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२५,२०.९} चलणेॅहिॅ पडिउ वियावड-मत्थउ $ भविउ व जिणहेॅ कियञ्जलि-हत्थउ
घत्ता॒
{प॰च॰२५,२०.१०} "साहु" भणन्तेॅण $ सुरभवण-विणिग्गय-णामें
स इं भु अ-फलिहेॅहिॅ $ अवरुण्डिउ लक्खणु रामें
[२६. छव्वीसमो संधि] ----------
लक्खण-रामह्ũ $ धवलुज्जल-कसण-सरीरइँ
एक्कहिॅ मिलियइँ $ णं गङ्गा-जउणहेॅ णीरइँ
कण्ड २, संधि २६, कडवक १॒
{प॰च॰२६,१.१} अवरोप्परु गञ्जोल्लिय-गत्तेॅहिॅ $ सरहसु साइउ देवि तुरन्तेॅहिॅ
{प॰च॰२६,१.२} सीहोयरु णमन्तु वइसारिउ $ तक्खणेॅ वज्जयण्णु हक्कारिउ
{प॰च॰२६,१.३} सह्ũ णरवर-जणेण णीसरियउ $ णाइँ पुरन्दरु सुर-परियरियउ
{प॰च॰२६,१.४} रेहइ विज्जुलङ्गु अणुपच्छऍ $ पडिवा-इन्दु व सूरहेॅ पच्छऍ
{प॰च॰२६,१.५} तं इट्टाल-धूलि-धुअ-धवलउ $ सहसकूडु गय पत्त जिणालउ
{प॰च॰२६,१.६} चउदिसु पयहिण देवि तिवारऍ $ पुणु अहिवन्दण करइ भडारऍ
{प॰च॰२६,१.७} तं पियवद्धण-मुणि पणवेप्पिणु $ वलहेॅ पासेॅ थिउ कुसलु भणेप्पिणु
{प॰च॰२६,१.८} दसउर-पुर-परमेसरु रामें $ साहुक्कारिउ सुहड-णिसामें
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१.९} "सच्चउ णरवइ $ मिच्छत्त-सरेॅहिॅ णउ भिज्जहि
दिढ-सम्मत्तेॅण $ पर तुज्झु जेॅ तुह्ũ उवमिज्जहि"
कण्ड २, संधि २६, कडवक २॒
{प॰च॰२६,२.१} तं णिसुणेवि पयम्पिउ राएं $ "एउ सव्वु महु तुम्ह पसाएं"
{प॰च॰२६,२.२} पुणु वि तिलोय-विणिग्गय-णामें $ विज्जुलङ्गु पोमाइउ रामें
{प॰च॰२६,२.३} "भो दिढ-कढिण-वियड-वच्छत्थल $ साहु साहु साहम्मिय-वच्छल
{प॰च॰२६,२.४} सुन्दरु किउ जं णरवइ रक्खिउ $ रणेॅ अच्छन्तु ण पइँ उव्वेक्खिउ"
{प॰च॰२६,२.५} तो एत्थन्तरेॅ वुत्तु कुमारें $ "जम्पिएण किं वहु-वित्थारें
{प॰च॰२६,२.६} हे दसउर-णरिन्द विसगइ-सुअ $ जिणवर-चलण-कमल-फुल्लन्धुअ
{प॰च॰२६,२.७} जो खलु खुद्दु पिसुणु मच्छरियउ $ अच्छइ ऍहु सीहोयरु धरियउ
{प॰च॰२६,२.८} किं मारमि किं अप्पुणु मारहि $ णं तो दय करि सन्धि समारहि
घत्ता॒
{प॰च॰२६,२.९} आण-वडिच्छउ $ ऍहु एवहिॅ भिच्चु तुहारउ
रिसह-जिणिन्दहेॅ $ सेयंसु व पेसणयारउ"
कण्ड २, संधि २६, कडवक ३॒
{प॰च॰२६,३.१} पभणइ वज्जयण्णु वहु-जाणउ $ "हũ पाइक्कु पुणु वि ऍहु राणउ
{प॰च॰२६,३.२} णवर एक्कु वउ मइँ पालेवउ $ जिणु मेल्लेवि अण्णु ण णमेवउ"
{प॰च॰२६,३.३} तं णिसुणेविणु लक्खण-रामेॅहिॅ $ सुरवर-भवण-विणिग्गय-णामेॅहिॅ
{प॰च॰२६,३.४} दसउरपुर-उज्जेणि-पहाणा $ वज्जयण्ण-सीहोयर-राणा
{प॰च॰२६,३.५} वेण्णि वि हत्थें हत्थु धराविय $ सरहसु कण्ठग्गहणु कराविय
{प॰च॰२६,३.६} अद्धोअद्धिऍ महि भुञ्जाविय $ अण्णु वि जिणवर-धम्मु सुणाविय
{प॰च॰२६,३.७} कामिणि कामलेह कोक्काविय $ विज्जुलङ्गहेॅ करयलेॅ लाविय
{प॰च॰२६,३.८} दिण्णइँ मणि-कुण्डलइँ फुरन्तइँ $ चन्दाइच्चह्ũ तेउ हरन्तइँ
{प॰च॰२६,३.९} ताम कुमारु वुत्तु विक्खाऍहिॅ $ वज्जयण्ण-सीहोयर-राऍहिॅ
{प॰च॰२६,३.१०} "णव-कुवलय-दल-दीहर-णयणह्ũ $ मयगल-गइ-गमणह्ũ ससि-वयणह्ũ
{प॰च॰२६,३.११} उच्च-णिलाडालङ्किय-तिलयह्ũ $ वहु-सोहग्ग-भोग्ग-गुण-णिलयह्ũ
{प॰च॰२६,३.१२} विब्भम-भाउब्भिण्ण-सरीरह्ũ $ तणु-मज्झह्ũ थण-हर-गम्भीरह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,३.१३} अहिणव-रूवह्ũ $ लायण्ण-वण्ण-संपुण्णह्ũ
लइ भो लक्खण $ वर तिण्णि सयइँ तुह्ũ कण्णह्ũ"
कण्ड २, संधि २६, कडवक ४॒
{प॰च॰२६,४.१} तं णिसुणेप्पिणु दसरह-णन्दणु $ एम पजम्पिउ हसेॅवि जणद्दणु
{प॰च॰२६,४.२} "अच्छउ ति-यणु ताम विलवन्तउ $ भिसिणि-णिहाउ व रवियर-छित्तउ
{प॰च॰२६,४.३} मइँ जाएवउ दाहिण-देसहेॅ $ कोङ्कण-मलय-पण्डि-उद्देसहेॅ
{प॰च॰२६,४.४} तहिॅ वलहद्दहेॅ णिलउ गवेसमि $ पच्छऍ पाणिग्गहणु करेसमिः
{प॰च॰२६,४.५} एम कुमारु पजम्पिउ जं जे $ मणेॅ विसण्णु कण्णायणु तं जे
{प॰च॰२६,४.६} दड्ढु हिमेण व णलिणि-समुच्चउ $ मुहेॅ मुहेॅ णाइँ दिण्णु मसि-कुञ्चउ
{प॰च॰२६,४.७} जाम ताम तूरेॅहिॅ वज्जन्तेॅहिॅ $ विविहेॅहिॅ मङ्गलेहिॅ गिज्जन्तेॅहिॅ
{प॰च॰२६,४.८} वन्दिणेहिॅ "जय जय" पभणन्तेॅहिॅ $ खुज्जय-वामणेहिॅ णच्चन्तेॅहिॅ
{प॰च॰२६,४.९} सीय स-लक्खणु वलु पइसारिउ $ वीया-इन्दु व जयजयकारिउ
{प॰च॰२६,४.१०} तहिॅ णिवसेप्पिणु णयरेॅ रवण्णऍ $ अद्धरत्ति-अवसरेॅ पडिवण्णऍ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,४.११} वल-णारायण $ गय दसउरु मुऍवि महाइय
चेत्तहेॅ मासहेॅ $ तं कुव्वर-णयरु पराइय
कण्ड २, संधि २६, कडवक ५॒
{प॰च॰२६,५.१} कुव्वर-णयरु पराइय जावेॅहिॅ $ फग्गुण-मासु पवोलिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२६,५.२} पइट्ठु वसन्त-राउ आणन्दें $ कोइल-कलयल-मङ्गल-सद्दें
{प॰च॰२६,५.३} अलि-मिहुणेॅहिॅ वन्दिणेॅहिॅ पढन्तेॅहिॅ $ वरहिण-वावणेहिॅ णच्चन्तेॅहिॅ
{प॰च॰२६,५.४} अन्दोला-सय-तोरण-वारेॅहिॅ $ ढुक्कु वसन्तु अणेय-पयारेॅहिॅ
{प॰च॰२६,५.५} कत्थइ चूअ-वणइँ पल्लवियइँ $ णव-किसलय-फल-फुल्लब्भहियइँ
{प॰च॰२६,५.६} कत्थइ गिरि-सिहरइँ विच्छायइँ $ खल-मुहइँ व मसि-वण्णइँ णायइँ
{प॰च॰२६,५.७} कत्थइ माहव-मासहेॅ मेइणि $ पिय-विरहेण व सूसइ कामिणि
{प॰च॰२६,५.८} कत्थइ गिज्जइ वज्जइ मन्दलु $ णर-मिहुणेहिॅ पणच्चिउ गोन्दलु
{प॰च॰२६,५.९} तं तहेॅ णयरहेॅ उत्तर-पासेॅहिॅ $ जण-मणहरु जोयण-उद्देसेॅहिॅ
{प॰च॰२६,५.१०} दिट्ठु वसन्ततिलउ उज्जाणउ $ सज्जण-हियउ जेम अ-पमाणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,५.११} सुहलु सुयन्धउ $ डोल्लन्तु वियावड-मत्थउ
अग्गऍ रामहेॅ $ णं थिउ कुसुमञ्जलि-हत्थउ
कण्ड २, संधि २६, कडवक ६॒
{प॰च॰२६,६.१} तहिॅ उववणेॅ पइसेॅवि विणु खेवें $ पभणिउ वासुएवु वलएवें
{प॰च॰२६,६.२} "भो असुरारि-वइरि-मुसुमूरण $ दसरह-वंस-मणोरह-पूरण
{प॰च॰२६,६.३} लक्खण कहि मि गवेसहि तं जलु $ सज्जण-हियउ जेम जं णिम्मलु
{प॰च॰२६,६.४} दूरागमणें सीय तिसाइय $ हिम-हय-णव-णलिणि व विच्छाइय"
{प॰च॰२६,६.५} तं णिसुणेॅवि वड-दुम-सोवाणेॅहिॅ $ चडिउ महारिसि व्व गुणथाणेॅहिॅ
{प॰च॰२६,६.६} ताव महासरु दिट्ठु रवण्णउ $ णाणाविह-तरुवर-संछण्णउ
{प॰च॰२६,६.७} सारस-हंस-कुञ्च-वग-चुम्विउ $ णव-कुवलय-दल-कमल-करम्विउ
{प॰च॰२६,६.८} तं पेक्खेवि कुमारु पधाइउ $ णिविसें तं सर-तीरु पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,६.९} पइठु महावलु $ जलेॅ कमल-सण्डु तोडन्तउ
माणस-सरवरेॅ $ णं सुर-गइन्दु कीलन्तउ
कण्ड २, संधि २६, कडवक ७॒
{प॰च॰२६,७.१} लक्खणु जलु आडोहइ जावेॅहिॅ $ कुव्वर-णयर-णराहिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२६,७.२} छुडु छुडु वण-कीलऍ णीसरियउ $ मयण-दिवसेॅ णरवर-परियरियउ
{प॰च॰२६,७.३} तरुवरेॅ तरुवरेॅ मञ्चु णिवद्धउ $ मञ्चेॅ मञ्चेॅ थिउ जणु समलद्धउ
{प॰च॰२६,७.४} मञ्चेॅ मञ्चेॅ आरूढ णरेसर $ मेरु-णियम्वेॅ णाइँ विज्जाहर
{प॰च॰२६,७.५} मञ्चेॅ मञ्चेॅ आलावणि वज्जइ $ महु पिज्जइ हिन्दोलउ गिज्जइ
{प॰च॰२६,७.६} मञ्चेॅ मञ्चेॅ जणु रसय-विहत्थउ $ घुम्मइ घुलइ वियावड-मत्थउ
{प॰च॰२६,७.७} मञ्चेॅ मञ्चेॅ कीलन्ति सु-मिहुणइँ $ णव-मिहुणइँ कहिॅ णेह-विहूणइँ
{प॰च॰२६,७.८} मञ्चेॅ मञ्चेॅ अन्दोलइ जणवउ $ कोइल वासइ भज्जइ दमणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,७.९} कुव्वर-णाहेॅण $ किउ मञ्चारोहणु जावेॅहिॅ
सूरु व चन्देॅण $ लक्खिज्जइ लक्खणु तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २६, कडवक ८॒
{प॰च॰२६,८.१} लक्खिउ लक्खणु लक्खण-भरियउ $ णं पच्चक्खु मयणु अवयरिउ
{प॰च॰२६,८.२} रूउ णिऍवि सुर-भवणाणन्दहेॅ $ मणु उल्लोलेॅहिॅ जाइ णरिन्दहेॅ
{प॰च॰२६,८.३} मयण-सरासणि धरेॅवि ण सक्किउ $ वम्महु दस-थाणेहिॅ पढुक्किउ
{प॰च॰२६,८.४} पहिलऍ कहेॅ वि समाणु ण वोल्लइ $ वीयऍ गुरु णीसासु पमेल्लइ
{प॰च॰२६,८.५} तइयऍ सयलु अङ्गु परितप्पइ $ चउथऍ णं करवत्तेॅहिॅ कप्पइ
{प॰च॰२६,८.६} पञ्चमेॅ पुणु पुणु पासेइज्जइ $ छट्ठऍ वारवार मुच्छिज्जइ
{प॰च॰२६,८.७} सत्तमेॅ जलु वि जलद्द ण भावइ $ अट्ठमेॅ मरण-लील दरिसावइ
{प॰च॰२६,८.८} णवमऍ पाण पडन्त ण वेयइ $ दसमऍ सिरु छिज्जन्तु ण चेयइ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,८.९} एम वियम्भिउ $ कुसुमाउहु दसहि मि थाणेॅहिॅ
तं अच्छरियउ $ जं मुक्कु कुमारु ण पाणेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २६, कडवक ९॒
{प॰च॰२६,९.१} जं कण्ठ-ट्ठिउ जीवु कुमारहेॅ $ सण्णऍ वुत्तु "पहिउ हक्कारहेॅ"
{प॰च॰२६,९.२} पहु-आणऍ पाइक्क पधाइय $ णिविसद्धें तहेॅ पासु पराइय
{प॰च॰२६,९.३} पणवेॅवि वुत्तु ति-कण्ड-पहाणउ $ "तुम्हहँ काइ मि कोक्कइ राणउ"
{प॰च॰२६,९.४} तं णिसुणेॅवि उच्चलिउ जणद्दणु $ तिहुअण-जण-मण-णयणाणन्दणु
{प॰च॰२६,९.५} वियड पओह देन्तु णं केसरि $ कन्दइ भारक्कन्त वसुन्धरि
{प॰च॰२६,९.६} दिट्ठु कुमारु कुमारें एन्तउ $ मयणु जेम जण-मण-मोहन्तउ
{प॰च॰२६,९.७} खणेॅ कल्लाणमालु रोमञ्चिउ $ णडु जिह हरिस-विसाऍहिॅ णच्चिउ
{प॰च॰२६,९.८} पुणु वइसारिउ हरि अद्धासणेॅ $ भविउ जेम थिउ दिढु जिण-सासणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,९.९} वइठु जणद्दणु $ आलीढऍ मञ्चेॅ रवण्णऍ
णव-वरइत्तु व $ पच्छण्णु मिलिउ सह्ũ कण्णऍ
कण्ड २, संधि २६, कडवक १०॒
{प॰च॰२६,१०.१} वे वि वइट्ठ वीर एक्कासणेॅ $ चन्दाइच्च जेम गयणङ्गणेॅ
{प॰च॰२६,१०.२} एक्कु पचण्डु तिकण्ड-पहाणउ $ अण्णेक्कु वि कुव्वर-पुर-राणउ
{प॰च॰२६,१०.३} एक्कहेॅ चलण-जुअलु कुम्मुण्णउ $ अण्णेक्कहेॅ रत्तुप्पल-वण्णउ
{प॰च॰२६,१०.४} एक्कहेॅ ऊरू (?)-जुअलु सु-वित्थरु $ अण्णेक्कहेॅ सुकुमारु सु-मच्छरु
{प॰च॰२६,१०.५} पञ्चाणण-कडि-मण्डलु एक्कहेॅ $ णारि-णियम्व-विम्वु अण्णेक्कहेॅ
{प॰च॰२६,१०.६} एक्कहेॅ सुललिउ सुन्दरु अङ्गउ $ अण्णेक्कहेॅ तणु-तिवलि-तरङ्गउ
{प॰च॰२६,१०.७} एक्कहेॅ सोहइ वियडु उरत्थलु $ अण्णेक्कहेॅ जोव्वणु थण-चक्कलु
{प॰च॰२६,१०.८} एक्कहेॅ वाहउ दीह-विसालउ $ अण्णेक्कहेॅ णं मालइ-मालउ
{प॰च॰२६,१०.९} वयण-कमलु पप्फुल्लिउ एक्कहेॅ $ पुण्णिम-चन्द-रुन्दु अण्णेक्कहेॅ
{प॰च॰२६,१०.१०} एक्कहेॅ गो-कमलइँ वित्थरियइँ $ अण्णेक्कहेॅ वहु-विब्भम-भरियइँ
{प॰च॰२६,१०.११} एक्कहेॅ सिरु वर-कुसुमेॅहिॅ वासिउ $ अण्णेक्कहेॅ वर-मउड-विहूसिउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१०.१२} एक्कु स-लक्खणु $ लक्खिज्जइ जणेॅण असेसें
अण्णेक्कु वि पुणु $ पच्छण्ण णारि णर-वेसें
कण्ड २, संधि २६, कडवक ११॒
{प॰च॰२६,११.१} दणु-दुग्गाह-गाह-अवगाहें $ पुणु पुणरुत्तेॅहिॅ कुव्वर-णाहें
{प॰च॰२६,११.२} णयण-कडक्खिउ लक्खण-सरवरु $ जो सुर-सुन्दरि-णलिणि-सुहङ्करु
{प॰च॰२६,११.३} जो कत्थूरिय-पङ्कुप्पङ्किउ $ जो अरि-करिहिॅ ण डोहेॅवि सक्किउ
{प॰च॰२६,११.४} जो सुर-सउण-सहासेॅहिॅ मण्डिउ $ जो कामिणि-थण-चक्केॅहिॅ चड्डिउ
{प॰च॰२६,११.५} तहिॅ तेहऍ सरेॅ सेय-जलोल्लिउ $ लक्खण-वयण-कमलु पप्फुल्लिउ
{प॰च॰२६,११.६} कण्ठ-मणोहर-दीहर-णालउ $ वर-रोमञ्च-कञ्चु-कण्टालउ
{प॰च॰२६,११.७} दसण-सकेसरु अहर-महादलु $ वय-मयरन्दउ कण्णावत्तलु
{प॰च॰२६,११.८} लोयण-फुल्लन्धुय-परिचुम्विउ $ कुडिल-वाल-सेवाल-करम्विउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,११.९} लक्खण-सरवरु $ हउ भुक्ख-महाहिम-वाएं
तं मुह-पङ्कउ $ लक्खिज्जइ कुव्वर-राएं
कण्ड २, संधि २६, कडवक १२॒
{प॰च॰२६,१२.१} जं मुह-कमलु दिट्ठु ओहुल्लिउ $ वालिखिल्ल-तणएण पवोल्लिउ
{प॰च॰२६,१२.२} "हे णरणाह-णाह भुवणाहिव $ भोयणु भुञ्जहु सु-कलत्तं पिव
{प॰च॰२६,१२.३} स-गुलु स-लोणउ सरसु स-इच्छउ $ महुरु सुअन्धु स-णेहु सु-पच्छउ
{प॰च॰२६,१२.४} तं भुञ्जेॅप्पिणु पढम-पियासणु $ पच्छलेॅ किं पि करहु संभासणु"
{प॰च॰२६,१२.५} तं णिसुणेवि पजम्पिउ लक्खणु $ अमर-वरङ्गण-णयण-कडक्खणु
{प॰च॰२६,१२.६} "उहु जो दीसइ रुक्खु रवण्णउ $ पत्तल-वहल-डाल-संछण्णउ
{प॰च॰२६,१२.७} आयहेॅ विउलेॅ मूलेॅ दणु-दारउ $ अच्छइ सामिसालु अम्हारउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१२.८} लक्खण-वयणेॅहिॅ $ वलु कोक्किउ चलिउ स-कन्तउ
करिणि-विहूसिउ $ णं वण-गइन्दु मल्हन्तउ
कण्ड २, संधि २६, कडवक १३॒
{प॰च॰२६,१३.१} गुलुगुलन्तु हलहेइ महग्गउ $ तरुवर-गिरि-कन्दरहेॅ विणिग्गउ
{प॰च॰२६,१३.२} सेय-पवाह-गलिय-गण्डत्थलु $ तोणा-जुयल-विउल-कुम्भत्थलु
{प॰च॰२६,१३.३} पिच्छावलि-अलिउल-परिमालिउ $ किङ्किणि-गेज्जा-मालोमालिउ
{प॰च॰२६,१३.४} वित्थिय-वाण-विसाण-भयङ्करु $ थोर-पलम्व-वाहु-लम्विय-करु
{प॰च॰२६,१३.५} धणुवर-लग्गणखम्भुम्मूलणु $ दुट्ठारुट्ठ-मेट्ठ-पडिकूलणु
{प॰च॰२६,१३.६} सर-सिक्कार करन्तु महावलु $ तिस-भुक्खऍ खलन्तु विहलङ्घलु
{प॰च॰२६,१३.७} छाहिहेॅ वेज्झइँ देन्तु विरुद्धउ $ जिणवर-वयणङ्कुसेॅण णिरुद्धउ
{प॰च॰२६,१३.८} जाणइ-वर-गणियारि-विहूसिउ $ तं पेक्खेॅवि जणवउ उद्धूसिउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१३.९} मञ्चारुहणहेॅ $ उत्तिण्णु असेसु वि राय-गणु
मेरु-णियम्वहेॅ $ णं णिवडिउ गह-तारायणु
कण्ड २, संधि २६, कडवक १४॒
{प॰च॰२६,१४.१} हरि-कल्लाणमाल दणु-दलणेॅहिॅ $ पडिय वे वि वलएवहेॅ चलणेॅहिॅ
{प॰च॰२६,१४.२} "अच्छह्ũ ताव देव जल-कीलऍ $ पच्छऍ भोयणु भुञ्जह्ũ लीलऍ"
{प॰च॰२६,१४.३} एम भणेप्पिणु दिण्णइँ तूरइँ $ झल्लरि-तुणव-पणव-दडि-पहरइँ
{प॰च॰२६,१४.४} पइठ स-साहण सरवर-णहयलेॅ $ फुल्लन्धुअ-भमन्त-गहमण्डलेॅ
{प॰च॰२६,१४.५} धवल-कमल-णक्खत्त-विहूसिऍ $ मीण-मयर-कक्कडऍ पदीसिऍ
{प॰च॰२६,१४.६} उत्थल्लन्त-सफरि-चल-विज्जुलेॅ $ णाणाविह-विहङ्ग-घण-सङ्कुलेॅ
{प॰च॰२६,१४.७} कुवलय-दल-तमोह-दरिसावणेॅ $ सीयर-णियर-वरिस-वरिसावणेॅ
{प॰च॰२६,१४.८} जल-तरङ्ग-सुरचावारम्भिऍ $ वल-जोइसिय-चक्क-पवियम्भिऍ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१४.९} तहिॅ सर-णहयलेॅ $ स-कलत्त वे वि हरि-हलहर
रोहिणि-रण्णहिॅ $ णं परिमिय चन्द-दिवायर
कण्ड २, संधि २६, कडवक १५॒
{प॰च॰२६,१५.१} तहिॅ तेहऍ सरेॅ सलिलेॅ तरन्तइँ $ संचरन्ति चामीयर-जन्तइँ
{प॰च॰२६,१५.२} णाइँ विमाणइँ सग्गहेॅ पडियइँ $ वण्ण-विचित्त-रयण-वेयडियइँ
{प॰च॰२६,१५.३} णत्थि रयणु जहिॅ जन्तु ण घडियउ $ णत्थि जन्तु जहिॅ मिहुणु ण चडियउ
{प॰च॰२६,१५.४} णत्थि मिहुणु जहिॅ णेहु ण वड्ढिउ $ णत्थि णेहु जो णउ सुरयड्ढिउ
{प॰च॰२६,१५.५} तहिॅ णर-णारि-जुवइ जल-कीलऍ $ कीलन्ताइँ ण्हन्ति सुर-लीलऍ
{प॰च॰२६,१५.६} सलिलु करग्गेॅहिॅ अप्फालन्तइँ $ मुरव-वज्ज-घायइँ दरिसन्तइँ
{प॰च॰२६,१५.७} खलिऍहिॅ वलिऍहिॅ अहिणव-गेऍहिॅ $ वन्धहिॅ सुरयक्खित्तिय-भेऍहिॅ
{प॰च॰२६,१५.८} छन्देॅहिॅ तालेॅहिॅ वहु-लय-भङ्गेॅहिॅ $ करणुच्छित्तेॅहिॅ णाणा-भङ्गेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१५.९} चोक्खु स-रागउ $ सिङ्गार-हार-दरिसावणु
पुक्खर-जुज्झु व $ तं जल-कीलणउ स-लक्खणु
कण्ड २, संधि २६, कडवक १६॒
{प॰च॰२६,१६.१} जलेॅ जय-जय-सद्दें ण्हाय णर $ पुणु णिग्गय हल-सारङ्ग-धर
{प॰च॰२६,१६.२} एत्थन्तरेॅ समरेॅ समत्थऍण $ सिर-णमिय-कयञ्जलि-हत्थऍण
{प॰च॰२६,१६.३} तणु-लुहणइँ देवि पहाणऍण $ पुणु तिण्णि वि कुव्वर-राणऍण
{प॰च॰२६,१६.४} पच्छण्णेॅ भवणेॅ पइसारियइँ $ चामियर-वीढेॅ वइसारियइँ
{प॰च॰२६,१६.५} वित्थारिउ वित्थरु भोयणउ $ सुकलत्तु व इच्छ ण भञ्जणउ
{प॰च॰२६,१६.६} रज्जं पिव पट्ट-विहूसियउ $ तूरं पिव थालालङ्कियउ
{प॰च॰२६,१६.७} सुरयं पिव स-रसु स-तिम्मणउ $ वायरणु व सहइ स-विञ्जणउ
{प॰च॰२६,१६.८} तं भुत्तु सइच्छऍ भोयणउ $ णं किउ जग-णाहें पारणउ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१६.९} दिण्णु विलेवणु $ दिण्णइँ देवङ्गइँ वत्थइँ
सालङ्कारइं $ णं सुकइ-कियइँ सुइ-सत्थइँ
कण्ड २, संधि २६, कडवक १७॒
{प॰च॰२६,१७.१} तीहि मि परिहियाइँ देवङ्गइँ $ उवहि-जलाइँ व वहल-तरङ्गइँ
{प॰च॰२६,१७.२} दुल्लह-लम्भइँ जिण-वयणाइँ व $ पसरिय-पट्टइँ उच्छ-वणाइँ व
{प॰च॰२६,१७.३} दीहर-छेयइँ अत्थाणाइँ व $ फुल्लिय-डालइँ उज्जाणाइँ व
{प॰च॰२६,१७.४} णिच्छिद्दइँ कइ-कव्व-पयाइँ व $ हलुवइँ चारण-जण-वयणाइँ
{प॰च॰२६,१७.५} लण्हइँ कामिणि-मुह-कमलाइँ व $ वड्डइँ जिणवर-धम्म-फलाइँ व
{प॰च॰२६,१७.६} समसुत्तइँ किण्णर-मिहुणाइँ व $ अह संमत्तइँ वायरणाइँ व
{प॰च॰२६,१७.७} तो एत्थन्तरेॅ कुव्वर-सारें $ ओयारिउ सण्णाहु कुमारें
{प॰च॰२६,१७.८} सुरवर-कुलिस-मज्झ-तणु-अङ्गें $ णावइ कञ्चुउ मुक्कु भुअङ्गें
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१७.९} तिहुअण-णाहेॅण $ सुरजण-मण-णयणाणन्दें
मोक्खहेॅ कारणेॅ $ संसारु व मुक्कु जिणिन्दें
कण्ड २, संधि २६, कडवक १८॒
{प॰च॰२६,१८.१} तहिॅ एक्कन्त-भवणेॅ पच्छण्णऍ $ जं अप्पाणु पगासिउ कण्णऍ
{प॰च॰२६,१८.२} पुच्छिय राहवेण परिओसें $ "अक्खु काइँ तुह्ũ थिय णर-वेसें"
{प॰च॰२६,१८.३} तं णिसुणेप्पिणु पगलिय-णयणी $ एम पजम्पिय गग्गिर-वयणी
{प॰च॰२६,१८.४} "रुद्दभुत्ति-णामेण पहाणउ $ दुज्जउ विञ्झ-महीहर-राणउ
{प॰च॰२६,१८.५} तेण धरेप्पिणु कुव्वर-सारउ $ वालिखिल्लु णिउ जणणु महारउ
{प॰च॰२६,१८.६} तें कज्जें थिय हũ णर-वेसें $ जिह ण मुणिज्जमि जणेॅण असेसें"
{प॰च॰२६,१८.७} तं णिसुणेवि वयणु हरि कुद्धउ $ णं पञ्चाणणु आमिस-लुद्धउ
{प॰च॰२६,१८.८} अच्चन्तन्त-णेत्तु फुरियाहरु $ एम पजम्पिउ कुरुडु समच्छरु
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१८.९} "जइ समरङ्गणेॅ $ तं रुद्दभुत्ति णउ मारमि
तो सह्ũ सीयऍ $ सीराउहु णउ जयकारमि"
कण्ड २, संधि २६, कडवक १९॒
{प॰च॰२६,१९.१} जं कल्लाणमाल मम्भीसिय $ लहु णर-वेसु लइउ आसासिय
{प॰च॰२६,१९.२} ताव दिवायरु गउ अत्थवणहेॅ $ लोउ पढुक्कउ णिय-णिय-भवणहेॅ
{प॰च॰२६,१९.३} णिसि-णिसियरि दस-दिसहिॅ पधाइय $ महि-गयणोट्ठ डसेॅवि संपाइय
{प॰च॰२६,१९.४} गह-णक्खत्त-दन्त-उद्दन्तुर $ उवहि-जीह-गिरि-दाढा-भासुर
{प॰च॰२६,१९.५} घण-लोयण-ससि-तिलय-विहूसिय $ सञ्झा-लोहिय-दित्त-पदीसिय
{प॰च॰२६,१९.६} तिहुयण-वयण-कमलु दरिसेप्पिणु $ सुत्त णाइँ रवि-मडउ गिलेप्पिणु
{प॰च॰२६,१९.७} ताव महावल-वलु विण्णासेॅवि $ तालवत्ते णिय-णामु पगासेॅवि
{प॰च॰२६,१९.८} सीयऍ सह्ũ वल-कण्ह विणिग्गय $ णित्तुरङ्ग णीसन्दण णिग्गय
घत्ता॒
{प॰च॰२६,१९.९} ताव विहाणउ $ रवि उट्ठिउ रयणि-विणासउ
गय अच्छन्ति व $ णं दिणयरु आउ गवेसउ
कण्ड २, संधि २६, कडवक २०॒
{प॰च॰२६,२०.१} उट्ठेॅवि कुव्वरपुर-परमेसरु $ जाव स-हत्थें वायइ अक्खरु
{प॰च॰२६,२०.२} ताव तिलोयहेॅ अतुल-पयावइँ $ सुरवर-भवण-विणिग्गय-णावइँ
{प॰च॰२६,२०.३} दुद्दम-दाणवेन्द-आयामइँ $ दिट्ठइँ लक्खण-रामह्ũ णावइँ
{प॰च॰२६,२०.४} खणेॅ कल्लाणमाल मुच्छंगय $ णिवडिय केलि व खर-पवणाहय
{प॰च॰२६,२०.५} दुक्खु दुक्खु आसासिय जावेॅहिॅ $ हाहाकारु पमेल्लिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२६,२०.६} "हा हा राम राम जग-सुन्दर $ लक्खण लक्खणलक्ख-सुहङ्कर
{प॰च॰२६,२०.७} ह ह सीऍ सीऍ उप्पेक्खमि $ तिहि मि जणह्ũ एक्कं पि ण पेक्खमि"
{प॰च॰२६,२०.८} एम पलाउ करन्ति ण थक्कइ $ खणेॅ णीससइ ससइ खणेॅ कोक्कइ
घत्ता॒
{प॰च॰२६,२०.९} खणेॅ खणेॅ जोयइ $ चउदिसु लोयणेॅहिॅ विसालेॅहिॅ
खणेॅ खणेॅ पहणइ $ सिर-कमलु स इं भु व-डालेॅहिॅ
[२७. सत्तवीसमो संधि] ----------
तो सायर-वज्जावत्त-धर $ सुर-डामर असुर-विणासयर
णारायण-राहव रणेॅ अजय $ णं मत्त महागय विञ्झु गय
कण्ड २, संधि २७, कडवक १॒
{प॰च॰२७,१.१} ताणन्तरेॅ णम्मय दिट्ठ सरि $ सरि जण-मण-णयणाणन्द-करि
{प॰च॰२७,१.२} करि-मयर-कराहय-उहय-तड $ तडयड पडन्ति णं वज्ज-झड
{प॰च॰२७,१.३} झड-भीम-णिणाएं गीढ-भय $ भय-भीय-समुट्ठिय-चक्कहय
{प॰च॰२७,१.४} हय-हिंसिय-गज्जिय-मत्त-गय $ गयवर-अणवरय-विसट्ट-मय
{प॰च॰२७,१.५} मय-मुक्क-करम्विय वहइ महु $ महुयर रुण्टन्ति मिलन्ति तहु
{प॰च॰२७,१.६} तहेॅ धाइय गन्धव-पवह-गण $ गण-भरिय-करञ्जलि तुट्ठ-मण
{प॰च॰२७,१.७} मणहर ढेक्कार मुअन्ति वल $ वल-कमल-करम्विय सङ्ग-दल
{प॰च॰२७,१.८} दलेॅ भमर परिट्ठिय केसरहेॅ $ केसरु णिउ णवर जिणेसरहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१.९} तो सीराउह-सारङ्गधर $ सह्ũ सीयऍ सलिलेॅ पइट्ठ णर
उवयारु करेप्पिणु रेवयऍ $ णं तारिय सासण-देवयऍ
कण्ड २, संधि २७, कडवक २॒
{प॰च॰२७,२.१} थोवन्तरेॅ महिहर भुअण-सिरि $ सिरिवच्छें दीसइ विञ्झइरि
{प॰च॰२७,२.२} इरिणप्पहु ससिपहु कण्हपहु $ पिहुलप्पहु णिप्पहु झीणपहु
{प॰च॰२७,२.३} मुरवो व्व स-तालु स-वंसहरु $ विसहो व्व स-सिङ्गु महन्त-डरु
{प॰च॰२७,२.४} मयणो व्व महाणल-दद्ध-तणु $ जलउ व्व स-वारि भडु व्व स-वणु
{प॰च॰२७,२.५} तहिॅ तेहऍ सेलेॅ अहिट्ठियइँ $ दुणिमित्तइँ ताव समुट्ठियइँ
{प॰च॰२७,२.६} फेक्कारइ सिव वायसु रसइ $ भीसावणु भण्डणु अहिलसइ
{प॰च॰२७,२.७} सरु सुणेॅवि पकम्पिय जणय-सुअ $ थिय विहि मि धरेप्पिणु भुऍहिॅ भुअ
{प॰च॰२७,२.८} "किं ण सुउ चवन्तु वि को वि णरु $ जिह सउणउ माणिउ देइ वरु"
घत्ता॒
{प॰च॰२७,२.९} तं णिसुणेॅवि असुर-विमद्दणेॅण $ मम्भीसिय सीय जणद्दणेॅण
"सिय लक्खणु वलु पच्चक्खु जहिॅ $ कउ सउण-विसउणेॅहिॅ गण्णु तहिॅ"
कण्ड २, संधि २७, कडवक ३॒
{प॰च॰२७,३.१} एत्थन्तरेॅ रहस-समुच्छलिउ $ आहेडऍ रुद्दभुत्ति चलिउ
{प॰च॰२७,३.२} ति-सहासेॅहिॅ रहवर-गयवरेॅहिॅ $ तद्दूण-तुरङ्गेॅहिॅ णरवरेॅहिॅ
{प॰च॰२७,३.३} संचल्लें विञ्झ-पहाणऍण $ लक्खिज्जइ जाणइ राणऍण
{प॰च॰२७,३.४} पप्फुल्लिय-धवल-कमल-वयण $ इन्दीवर-दल-दीहर-णयण
{प॰च॰२७,३.५} तणु मज्झेॅ णियम्वेॅ वच्छेॅ गरुअ $ जं णयण-कडक्खिय जणय-सुअ
{प॰च॰२७,३.६} उम्मायण-मयणेॅहिॅ मोहणेॅहिॅ $ वाणेॅहिॅ संदीवण-सोसणेॅहिॅ
{प॰च॰२७,३.७} आयल्लिउ सल्लिउ मुच्छियउ $ पुणु दुक्खु दुक्खु ओमुच्छियउ
{प॰च॰२७,३.८} कर मोडइ अङ्गु वलइ हसइ $ ऊससइ ससइ पुणु णीससइ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,३.९} मयरद्धय-सर-जज्जरिय-तणु $ पहु एम पजम्पिउ कुइय-मणु
"वलिमण्डऍ वणवसि वणवसह्ũ $ उद्दालेॅवि आणहेॅ पासु महु"
कण्ड २, संधि २७, कडवक ४॒
{प॰च॰२७,४.१} तं वयणु सुणेप्पिणु णर-णियरु $ उत्थरिउ णाइँ णव-अम्वुहरु
{प॰च॰२७,४.२} गज्जन्त-महागय-घण-पवलु $ तिक्खग्ग-खग्ग-विज्जुल-चवलु
{प॰च॰२७,४.३} हय-पडह-पगज्जिय-गयणयलु $ सर-धारा-धोरणि-जल-वहलु
{प॰च॰२७,४.४} धुअ-धवल-छत्त-डिण्डीर-वरु $ मण्डलिय-चाव-सुरचाव-करु
{प॰च॰२७,४.५} सय-सन्दण-वीढ-भयावहुलु $ सिय-चमर-वलाय-पन्ति-विउलु
{प॰च॰२७,४.६} ओरसिय-सङ्ख-दद्दुर-पउरु $ तोणीर-मोर-णच्चण-गहिरु
{प॰च॰२७,४.७} तं पेक्खेॅवि गुञ्ज-पुञ्ज-णयणु $ दट्ठोट्ठ-रुट्ठ-रोसिय-वयणु
{प॰च॰२७,४.८} आवद्ध-तोणु धणुहरु अभउ $ धाइउ लक्खणु लहु लद्ध-जउ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,४.९} तं रिउ-कङ्काल-विणासयरु $ हलहेइहेॅ भायरु सीय-वरु
जण-मण-कम्पावणु सर-पवणु $ हेमन्तु पढुक्किउ महुमहणु
कण्ड २, संधि २७, कडवक ५॒
{प॰च॰२७,५.१} अप्फालिउ महुमहणेण धणु $ धणु-सद्देॅ समुट्ठिउ खर-पवणु
{प॰च॰२७,५.२} खर-पवण-पहय जलयर रडिय $ रडियागमे वज्जासणि पडिय
{प॰च॰२७,५.३} पडिया गिरि सिहर समुच्छलिय $ उच्छलिय चलिय महि णिद्दलिय
{प॰च॰२७,५.४} णिद्दलिय भुअङ्ग विसग्गि मुक्क $ मुक्कन्त णवर सायरहँ ढुक्क
{प॰च॰२७,५.५} ढुक्कन्तेॅहिॅ वहल फुलिङ्ग घित्त $ घण सिप्पि-सङ्ख-संपुड पलित्त
{प॰च॰२७,५.६} धगधगधगन्ति मुत्ताहलाइँ $ कढकढकढन्ति सायर-जलाइँ
{प॰च॰२७,५.७} हसहसहसन्ति पुलिणन्तराइँ $ जलजलजलन्ति भुअणन्तराइँ
{प॰च॰२७,५.८} तें धणुहर-सद्दें णिट्ठुरेण $ रिउ मुक्क पयाव-मडप्फरेण
घत्ता॒
{प॰च॰२७,५.९} भय-भीय विसण्ठुल णर पवर $ लोट्टाविय हय गय धय चमर
धणुहर-टङ्कार-पवण-पहय $ रिउ-तरुवर णं सय-कण्ड गय
कण्ड २, संधि २७, कडवक ६॒
{प॰च॰२७,६.१} एत्थन्तरेॅ तो विञ्झाहिवइ $ सह्ũ मन्तिहिॅ रुद्दभुत्ति चवइ
{प॰च॰२७,६.२} "इमु काइँ होज्ज तइलोक्क-भउ $ किं मेरु-सिहरु सय-कण्ड गउ
{प॰च॰२७,६.३} किं दुन्दुहि हय सुरवर-जणेॅण $ किं गज्जिउ पलय-महाघणेॅण
{प॰च॰२७,६.४} किं गयण-मग्गेॅ तडि तडयडिय $ किं महिहरेॅ वज्जासणि पडिय
{प॰च॰२७,६.५} किं कालु कयन्त-मित्तु हसिउ $ किं वलयामुहु समुद्दु रसिउ
{प॰च॰२७,६.६} किं इन्दहेॅ इन्दत्तणु टलिउ $ खय-रक्खसेण किं जगु गिलिउ
{प॰च॰२७,६.७} किं गउ पायालहेॅ भुवणयलु $ वम्भण्डु फुट्टु किं गयणयलु
{प॰च॰२७,६.८} किं खय-मारुउ ठाणहेॅ चलिउ $ किं असणि-णिहाउ समुच्छलिउ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,६.९} किं सयल स-सायर चलिय महि $ किं दिसि-गय किं गज्जिय उवहि
ऍउ अक्खु महन्तउ अच्छरिउ $ कहेॅ सद्दें तिहुअणु थरहरिउ"
कण्ड २, संधि २७, कडवक ७॒
{प॰च॰२७,७.१} जं णरवइ एव चवन्तु सुउ $ पभणइ सुभुत्ति कण्टइय-भुउ
{प॰च॰२७,७.२} "सुणि अक्खमि जं तइलोक्क-भउ $ णउ मेरु-सिहरु सय-कण्ड गउ
{प॰च॰२७,७.३} णउ दुन्दुहि हय सुरवर-जणेॅण $ णउ गज्जिउ पलय-महाघणेॅण
{प॰च॰२७,७.४} णउ गयण-मग्गेॅ तडि तडयडिय $ णउ महिहरेॅ वज्जासणि पडिय
{प॰च॰२७,७.५} णउ कालु कियन्त-मित्तु हसिउ $ णउ वलयामुहु समुद्दु रसिउ
{प॰च॰२७,७.६} णउ इन्दहेॅ इन्दत्तणु टलिउ $ खय-रक्खसेण णउ जगु गिलिउ
{प॰च॰२७,७.७} णउ गउ पायालहेॅ भुवणयलु $ वम्भण्डु फुट्टु णउ गयणयलु
{प॰च॰२७,७.८} णउ खय-मारुउ थाणहेॅ चलिउ $ णउ असणि-णिहाउ समुच्छलिउ
{प॰च॰२७,७.९} णउ सयल स-सायर चलिय महि $ णउ दिसि-गय णउ गज्जिय उवहि
घत्ता॒
{प॰च॰२७,७.१०} सिय-लक्खण-वल-गुण-वन्तऍण $ णीसेसु वि जउ धवलन्तऍण
सु-कलत्तें जिम जण-मणहरेॅण $ ऍउ गज्जिउ लक्खण-धणुहरेॅण
कण्ड २, संधि २७, कडवक ८॒
{प॰च॰२७,८.१} सुणेॅ णरवइ असुर-परायणह्ũ $ जं चिण्हइँ वल-णारायणह्ũ
{प॰च॰२७,८.२} तं अत्थि असेसु वि वणवसह्ũ $ सुरभुवणुच्छलिय-महाजसह्ũ
{प॰च॰२७,८.३} एक्कहेॅ ससि-णिम्मल-धवलु तणु $ अण्णेक्कहेॅ कुवलय-घण-कसणु
{प॰च॰२७,८.४} एक्कहेॅ महि-माणदण्ड चलण $ अण्णेक्कहेॅ दुद्दम-दणु-दलण
{प॰च॰२७,८.५} एक्कहेॅ तणु मज्झु पदीसियउ $ अण्णेक्कहेॅ कमल-विहूसियउ
{प॰च॰२७,८.६} एक्कहेॅ वच्छत्थलु सिय-सहिउ $ अण्णेक्कहेॅ सीयाणुग्गहिउ
{प॰च॰२७,८.७} एक्कहेॅ भीसावणु हेइ हलु $ अण्णेक्कहेॅ धणुहरु अतुल-वलु
{प॰च॰२७,८.८} एक्कहेॅ मुहु ससिकुन्दुज्जलउ $ अण्णेक्कहेॅ णव-घण-सामलउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२७,८.९} तं वयणु सुणेप्पिणु विगय-मउ $ णीसन्दणु णिग्गउ णित्तुरउ
वलएवहेॅ चलणेॅहिॅ पडिउ किह $ अहिसेऍ जिणिन्दहेॅ इन्दु जिह
कण्ड २, संधि २७, कडवक ९॒
{प॰च॰२७,९.१} जं रुद्दभुत्ति चलणेॅहिॅ पडिउ $ तं लक्खणु कोवाणलेॅ चडिउ
{प॰च॰२७,९.२} धगधगधगन्तु $ थरथरथरन्तु
{प॰च॰२७,९.३} "हणु हणु" भणन्तु $ णं कलि कियन्तु
{प॰च॰२७,९.४} करयल धुणन्तु $ महि णिद्दलन्तु
{प॰च॰२७,९.५} विप्फुरिय-वयणु $ णिड्डरिय-णयणु
{प॰च॰२७,९.६} महि-माणदण्डु $ परवल-पचण्डु
{प॰च॰२७,९.७} सो चविउ एव $ "रिउ मेल्लि देव
{प॰च॰२७,९.८} जं पइज एण $ पुज्जइ हएण"
घत्ता॒
{प॰च॰२७,९.९} तं वयणु सुणेप्पिणु अतुल-वलु $ "सुणु लक्खण" पचविउ एव वलु
"मुक्काउहु जो चलणेॅहिॅ पडइ $ तें णिहएं को जसु णिव्वडइ"
कण्ड २, संधि २७, कडवक १०॒
{प॰च॰२७,१०.१} थिउ लक्खणु वलेॅण णिवारियउ $ णं वर-गइन्दु कण्णारियउ
{प॰च॰२७,१०.२} णं सायरु मज्जायऍ धरिउ $ पुणु पुणु वि चविउ मच्छर-भरिउ
{प॰च॰२७,१०.३} "खल खुद्द पिसुण तउ सिर-कमलु $ एत्तडेॅण चुक्कु जं णविउ वलु
{प॰च॰२७,१०.४} वरि वालिखिल्लु मुऍ वन्दि लहु $ णं तो जीवन्तु ण जाहि महु"
{प॰च॰२७,१०.५} तं णिसुणेॅवि णिविसें मुक्कु पहु $ णं जिणवरेण संसार-पहु
{प॰च॰२७,१०.६} णं गह-कल्लोलें अमिय-तणु $ णं गरुड-विहङ्गें उरगमणु
{प॰च॰२७,१०.७} णं मुक्कु सुअणु दुज्जण-जणहेॅ $ णं वारणु वारि-णिवन्धणहेॅ
{प॰च॰२७,१०.८} णं मुक्कु भविउ भव-सायरहेॅ $ तिह वालिखिल्लु दुक्खोयरहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१०.९} ते रुद्दभुत्ति-वल-महुमहण $ सह्ũ कुव्वर-णिवेॅण चयारि जण
थिय जाणइ तेहिॅ समाणु किह $ चउ-सायर-परिमिय पुहइ जिह
कण्ड २, संधि २७, कडवक ११॒
{प॰च॰२७,११.१} तो वालिखिल्ल-विञ्झाहिवइ $ अवरोप्परु णेह-णिवद्ध-मइ
{प॰च॰२७,११.२} कम-कमलेॅहिॅ णिवडिय हलहरहेॅ $ णमि-विणमि जेम चिरु जिणवरहेॅ
{प॰च॰२७,११.३} सइँ हत्थें वलेॅण समुट्ठविय $ उवहि व समएहिॅ परिट्ठविय
{प॰च॰२७,११.४} भरहहेॅ पाइक्क वे वि थविय $ लहु णिय-णिय-णिलयह्ũ पट्ठविय
{प॰च॰२७,११.५} उत्तिण्णइँ तिण्णि वि महिहरहेॅ $ णं भवियइँ भव-दुक्खोयरहेॅ
{प॰च॰२७,११.६} णं मेरु-णियम्वहेॅ किण्णरइँ $ णं सग्गहेॅ चवियइँ सुरवरइँ
{प॰च॰२७,११.७} विणु खेवें तावि पराइयइँ $ किर सलिलु पियन्ति तिसाइयइँ
{प॰च॰२७,११.८} णवरुण्हउ रवियर-तावियउ $ सु-कुडुम्वु व खल-संतावियउ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,११.९} दिणयर-वर-किरण-करम्वियउ $ जलु लेवि भुऍहिॅ परि-चुम्वियउ
पइसन्तु ण भावइ मुहहेॅ किह $ अण्णाणहेॅ जिणवर-वयणु जिह
कण्ड २, संधि २७, कडवक १२॒
{प॰च॰२७,१२.१} पुणु तावि तरेप्पिणु णिग्गयइँ $ णं तिण्णि मि विञ्झ-महागयइँ
{प॰च॰२७,१२.२} वइदेहि पजम्पिय हरिवलहेॅ $ सुरवर-करि-कर-थिर-करयलहेॅ
{प॰च॰२७,१२.३} "जलु कहि मि गवेसहेॅ णिम्मलउ $ जं तिस-हरु हिम-ससि-सीयलउ
{प॰च॰२७,१२.४} तं इच्छमि भविउ व जिण-वयणु $ णिहि णिद्धणु जच्चन्धु व णयणु"
{प॰च॰२७,१२.५} वलु धीरइ "धीरी होहि धणेॅ $ मं कायरु मुहु करि मिगणयणेॅ"
{प॰च॰२७,१२.६} थोवन्तरु पुणु विहरन्तऍहिॅ $ मल्हन्तेॅहिॅ पउ पउ देन्तऍहिॅ
{प॰च॰२७,१२.७} लक्खिज्जइ अरुणगामु पुरउ $ वय-वन्ध-विहूसिउ जिह मुरउ
{प॰च॰२७,१२.८} कप्पदुमो व्व चउद्दिसु सुहलु $ णट्टावउ व्व णाडय-कुसलु
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१२.९} तं अरुणगामु संपाइयइँ $ मुणिवर इव मोक्ख-तिसाइयइँ
सो णउ जणु जेण ण दिट्ठाइँ $ घरु कविलहेॅ गम्पि पइट्ठाइँ
कण्ड २, संधि २७, कडवक १३॒
{प॰च॰२७,१३.१} णिज्झाइउ तं घरु दियवरहेॅ $ णं परम-थाणु थिरु जिणवरहेॅ
{प॰च॰२७,१३.२} णिरवेक्खु णिरक्खरु केवलउ $ णिम्माणु णिरञ्जणु णिम्मलउ
{प॰च॰२७,१३.३} णिव्वत्थु णिरत्थु णिराहरणु $ णिद्धणु णिब्भत्तउ णिम्महणु
{प॰च॰२७,१३.४} तहिॅ तेहऍ भवणेॅ पइट्ठाइँ $ छुडु छुडु जलु पिऍवि णिविट्ठाइँ
{प॰च॰२७,१३.५} कुञ्जर इव गुहेॅ आवासियइँ $ हरिणा इव वाहुत्तासियइँ
{प॰च॰२७,१३.६} अच्छन्ति जाव तहिॅ एक्कु खणु $ दिउ ताव पराइउ कुइय-मणु
{प॰च॰२७,१३.७} "मरु मरु णीसरु णीसरु" भणन्तु $ धूमद्धउ व्व धगधगधगन्तु
{प॰च॰२७,१३.८} भय-भीसणु कुरुडु सणिच्छरु व्व $ वहु-उवविस-विण्णउ विसहरु व्व
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१३.९} "किं कालु कियन्तु मित्तु वरिउ $ किं केसरि केसरग्गें धरिउ
को जम-मुह-कुहरहेॅ णीसरिउ $ जो भवणेॅ महारऍ पइसरिउ"
कण्ड २, संधि २७, कडवक १४॒
{प॰च॰२७,१४.१} तं वयणु सुणेप्पिणु महुमहणु $ आरुट्ठु समर-भर-उव्वहणु
{प॰च॰२७,१४.२} णं धाइउ करि थिर-थोर-करु $ उम्मूलिउ दियवरु जेम तरु
{प॰च॰२७,१४.३} उग्गामेॅवि भामेॅवि गयणयलेॅ $ किर घिवइ पडीवउ धरणियलेॅ
{प॰च॰२७,१४.४} करेॅ धरिउ ताव हलपहरणेॅण $ "मुऍ मुऍ मा हणहि अकारणेॅण
{प॰च॰२७,१४.५} दिय-वाल-गोल-पसु-तवसि-तिय $ छ वि परिहरु मेल्लेॅवि माण-किय"
{प॰च॰२७,१४.६} तं णिसुणेॅवि दियवरु लक्खणेॅण $ णं मुक्कु अलक्खणु लक्खणेॅण
{प॰च॰२७,१४.७} ओसरिउ वीरु पच्छामुहउ $ अङ्कुस-णिरुद्धु णं मत्त-गउ
{प॰च॰२७,१४.८} पुणु हियऍ विसूरइ खणेॅ जेॅ खणेॅ $ "सय-कण्ड-कण्डु वरि हूउ रणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१४.९} वरि पहरिउ वरि किउ तवचरणु $ वरि विसु हालाहलु वरि मरणु
वरि अच्छिउ गम्पिणु गुहिल-वणेॅ $ णवि णिविसु वि णिवसिउ अवुहयणेॅ"
कण्ड २, संधि २७, कडवक १५॒
{प॰च॰२७,१५.१} तो तिण्णि वि एम चवन्ताइँ $ उम्माहउ जणहेॅ जणन्ताइँ
{प॰च॰२७,१५.२} दिण-पच्छिम-पहरेॅ विणिग्गयाइँ $ कुञ्जर इव विउल-वणहेॅ गयाइँ
{प॰च॰२७,१५.३} वित्थिण्णु रण्णु पइसन्ति जाव $ णग्गोहु महादुमु दिट्ठु ताव
{प॰च॰२७,१५.४} गुरु-वेसु करेॅवि सुन्दर-सराइँ $ णं विहय पढावइ अक्खराइँ
{प॰च॰२७,१५.५} वुक्कण-किसलय क-क्का रवन्ति $ वाउलि-विहङ्ग कि-क्की भणन्ति
{प॰च॰२७,१५.६} वण-कुक्कुड कु-क्कू आयरन्ति $ अण्णु वि कलाव के-क्कइ चवन्ति
{प॰च॰२७,१५.७} पियमाहवियउ को-क्कउ लवन्ति $ कं-का वप्पीह समुल्लवन्ति
{प॰च॰२७,१५.८} सो तरुवरु गुरु-गणहर-समाणु $ फल-पत्त-वन्तु अक्खर-णिहाणु
घत्ता॒
{प॰च॰२७,१५.९} पइसन्तेॅहिॅ असुर-विमद्दणेॅहिॅ $ सिरु णामेॅवि राम-जणद्दणेॅहिॅ
परिअञ्चेॅवि दुमु दसरह-सुऍहिॅ $ अहिणन्दिउ मुणि व स इं भु ऍहिॅ
[२८. अट्ठावीसमो संधि] ----------
सीय स-लक्खणु दासरहि $ तरुवर-मूलेॅ परिट्ठिय जावेॅहिॅ
पसरइ सु-कइहेॅ कव्वु जिह $ मेह-जालु गयणङ्गणेॅ तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २८, कडवक १॒
{प॰च॰२८,१.१} पसरइ मेह-विन्दु गयणङ्गणेॅ $ पसरइ जेम सेण्णु समरङ्गणेॅ
{प॰च॰२८,१.२} पसरइ जेम तिमिरु अण्णाणहेॅ $ पसरइ जेम वुद्धि वहु-जाणहेॅ
{प॰च॰२८,१.३} पसरइ जेम पाउ पाविट्ठहेॅ $ पसरइ जेम धम्मु धम्मिट्ठहेॅ
{प॰च॰२८,१.४} पसरइ जेम जोण्ह मयवाहहेॅ $ पसरइ जेम कित्ति जगणाहहेॅ
{प॰च॰२८,१.५} पसरइ जेम चिन्त धण-हीणहेॅ $ पसरइ जेम कित्ति सुकुलीणहेॅ
{प॰च॰२८,१.६} पसरइ जेम सद्दु सुर-तूरहेॅ $ पसरइ जेम रासि णहेॅ सूरहेॅ
{प॰च॰२८,१.७} पसरइ जेम दवग्गि वणन्तरेॅ $ पसरइ मेह-जालु तिह अम्वरेॅ
{प॰च॰२८,१.८} तडि तडयडइ पडइ घणु गज्जइ $ जाणइ रामहेॅ सरणु पवज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,१.९} अमर-महाधणु-गहिय-करु $ मेह-गइन्देॅ चडेॅवि जस-लुद्धउ
उप्परि गिम्भ-णराहिवहेॅ $ पाउस-राउ णाइँ सण्णद्धउ
कण्ड २, संधि २८, कडवक २॒
{प॰च॰२८,२.१} जं पाउस-णरिन्दु गलगज्जिउ $ धूली-रउ गिम्भेण विसज्जिउ
{प॰च॰२८,२.२} गम्पिणु मेह-विन्देॅ आलग्गउ $ तडि-करवाल-पहारेॅहिॅ भग्गउ
{प॰च॰२८,२.३} जं विवरम्मुहु चलिउ विसालउ $ उट्ठिउ "हणु" भणन्तु उण्हालउ
{प॰च॰२८,२.४} धगधगधगधगन्तु उद्धाइउ $ हसहसहसहसन्तु संपाइउ
{प॰च॰२८,२.५} जलजलजलजलजल पचलन्तउ $ जालावलि-फुलिङ्ग मेल्लन्तउ
{प॰च॰२८,२.६} धूमावलि-धयदण्डुब्भेॅप्पिणु $ वर-वाउल्लि-खग्गु कड्ढेप्पिणु
{प॰च॰२८,२.७} झडझडझडझडन्तु पहरन्तउ $ तरुवर-रिउ-भड-थड भज्जन्तउ
{प॰च॰२८,२.८} मेह-महागय-घड विहडन्तउ $ जं उण्हालउ दिट्ठु भिडन्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,२.९} धणु अप्फालिउ पाउसेॅण $ तडि-टङ्कार-फार दरिसन्तें
चोऍवि जलहर-हत्थि-हड $ णीर-सरासणि मुक्क तुरन्तें
कण्ड २, संधि २८, कडवक ३॒
{प॰च॰२८,३.१} जल-वाणासणि-घायहिॅ घाइउ $ गिम्भ-णराहिउ रणेॅ विणिवाइउ
{प॰च॰२८,३.२} दद्दुर रडेॅवि लग्ग णं सज्जण $ णं णच्चन्ति मोर खल दुज्जण
{प॰च॰२८,३.३} णं पूरन्ति सरिउ अक्कन्दें $ णं कइ किलिकिलन्ति आणन्दें
{प॰च॰२८,३.४} णं परहुय विमुक्क उग्घोसें $ णं वरहिण लवन्ति परिओसें
{प॰च॰२८,३.५} णं सरवर वहु-अंसु-जलोल्लिय $ णं गिरिवर हरिसें गञ्जोल्लिय
{प॰च॰२८,३.६} णं उण्हविअ दवग्गि विओएं $ णं णच्चिय महि विविह-विणोएं
{प॰च॰२८,३.७} णं अत्थमिउ दिवायरु दुक्खें $ णं पइसरइ रयणि सइँ सुक्खें
{प॰च॰२८,३.८} रत्त-पत्त तरु पवणाकम्पिय $ "केण वि वहिउ गिम्भु" णं जम्पिय
घत्ता॒
{प॰च॰२८,३.९} तेहऍ कालेॅ भयाउरऍ $ वेण्णि मि वासुएव-वलएव
तरुवर-मूलेॅ स-सीय थिय $ जोगु लएविणु मुणिवर जेम
कण्ड २, संधि २८, कडवक ४॒
{प॰च॰२८,४.१} हरि-वल रुक्ख-मूलेॅ थिय जावेॅहिॅ $ गयमुहु जक्खु पणासेॅवि तावेॅहिॅ
{प॰च॰२८,४.२} गउ णिय-णिवहेॅ पासु वेवन्तउ $ "देव देव परिताहि" भणन्तउ
{प॰च॰२८,४.३} "णउ जाणह्ũ किं सुरवर किं णर $ किं विज्जाहर-गण किं किण्णर
{प॰च॰२८,४.४} धणुधर धीर पडायउ उब्भेॅवि $ सुत्त महारउ णिलउ णिरुम्भेॅवि"
{प॰च॰२८,४.५} तं णिसुणेविणु वयणु महाइउ $ पूवणु मम्भीसन्तु पधाइउ
{प॰च॰२८,४.६} विञ्झ-महीहर-सिहरहेॅ आइउ $ तक्खणेॅ तं उद्देसु पराइउ
{प॰च॰२८,४.७} ताम णिहालिय वेण्णि वि दुद्धर $ सायर-वज्जावत्त-धणुद्धर
{प॰च॰२८,४.८} अवही-णाणु पउञ्जइ जावेॅहिॅ $ लक्खण-राम मुणिय मणेॅ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,४.९} पेक्खेॅवि हरि-वल वे वि जण $ पूवण-जक्खें जय-जस-लुद्धें
मणि-कञ्चण-धण-जण-पउरु $ पट्टणु किउ णिमिसद्धहेॅ अद्धें
कण्ड २, संधि २८, कडवक ५॒
{प॰च॰२८,५.१} पुणु रामउरि पघोसिय लोएं $ णं णारिहेॅ अणुहरिय णिओएं
{प॰च॰२८,५.२} दीहर-पन्थ-पसारिय-चलणी $ कुसुम-णियत्थ-वत्थ-साहरणी
{प॰च॰२८,५.३} खाइय-तिवलि-तरङ्ग-विहूसिय $ गोउर-थणहर-सिहर-पदीसिय
{प॰च॰२८,५.४} विउलाराम-रोम-रोमञ्चिय $ इन्दगोव-सय-कुङ्कुम-अञ्चिय
{प॰च॰२८,५.५} गिरिवर-सरिय-पसारिय-वाही $ जल-फेणावलि-वलय-सणाही
{प॰च॰२८,५.६} सरवर-णयण-घणञ्जण-अञ्जिय $ सुरधणु-भउह-पदीसिय-पञ्जिय
{प॰च॰२८,५.७} देउल-वयण-कमलु दरिसेप्पिणु $ वर-मयलञ्छण-तिलउ छुहेप्पिणु
{प॰च॰२८,५.८} णाइँ णिहालइ दिणयर-दप्पणु $ एम विणिम्मिउ सयलु वि पट्टणु
{प॰च॰२८,५.९} वइसेॅवि वलहेॅ पासेॅ वीसत्थउ $ आलावइ आलावणि-हत्थउ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,५.१०} एक्कवीस-वर-मुच्छणउ $ सत्त वि सर ति-गाम दरिसन्तउ
"वुज्झि भडारा दासरहि $ सुप्पहाउ तउ" एव भणन्तउ
कण्ड २, संधि २८, कडवक ६॒
{प॰च॰२८,६.१} सुप्पहाउ उच्चारिउ जावेॅहिॅ $ रामें वलेॅवि पलोइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२८,६.२} दिट्ठु णयरु जं जक्ख-समारिउ $ णाइँ णहङ्गणु सूर-विहूसिउ
{प॰च॰२८,६.३} स-घणु स-कुम्भु स-सवणु स-सङ्कउ $ स-वुहु स-तारउ स-गुरु-ससङ्कउ
{प॰च॰२८,६.४} पुणु वि पडीवउ णयरु णिहालिउ $ णाइँ महावणु कुसुमोमालिउ
{प॰च॰२८,६.५} णाइँ सुकइहेॅ कव्वु पयइत्तिउ $ णाइँ णरिन्द-चित्तु वहु-चित्तउ
{प॰च॰२८,६.६} णाइँ सेण्णु रहवरहँ अमुक्कउ $ णाइँ विवाह-गेहु स-चउक्कउ
{प॰च॰२८,६.७} णाइँ सुरउ चच्चरि-चरियालउ $ णावइ डिम्भउ अहिय-छुहालउ
{प॰च॰२८,६.८} अह किं वण्णिएण खणेॅ जे खणेॅ $ तिहुअणेॅ णत्थि जं पि तं पट्टणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,६.९} तं पेक्खेप्पिणु रामउरि $ भुअण-सहास-विणिग्गय-णामहेॅ
मञ्छुडु उज्झाउरि-णयरु $ जाय महन्त भन्ति मणेॅ रामहेॅ
कण्ड २, संधि २८, कडवक ७॒
{प॰च॰२८,७.१} जं किउ विम्भउ सासय-लक्खें $ वुत्तु णवेप्पिणु पूअण-जक्खें
{प॰च॰२८,७.२} "तुम्हारउ वण-वसणु णिएप्पिणु $ किउ मइँ पट्टणु भाउ धरेप्पिणु
{प॰च॰२८,७.३} एम भणेवि सुवित्थय-णामहेॅ $ दिण्ण सुघोस वीण तें रामहेॅ
{प॰च॰२८,७.४} दिण्णु मउडु साहरणु विलेवणु $ मणि-कुण्डल कडिसुत्तउ कङ्कणु
{प॰च॰२८,७.५} पुणु वि पजम्पिउ जक्ख-पहाणउ $ "हũ तउ भिच्चु देव तुह्ũ राणउ"
{प॰च॰२८,७.६} एव वोल्ल णिम्माइय जावेॅहिॅ $ कविलें णयरु णिहालिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२८,७.७} जण-मणहरु सुर-सग्ग-समाणउ $ वासवपुरहेॅ वि कण्डइ माणउ
{प॰च॰२८,७.८} तं पेक्खेॅवि आसङ्किउ वम्भणु $ "कहिॅ वित्थिण्णु रण्णु कहिॅ पट्टणु"
घत्ता॒
{प॰च॰२८,७.९} थरहरन्तु भय-मारुऍण $ समिहउ घिवेॅवि पणासइ जावेॅहिॅ
मम्भीसन्ति मियङ्कमुहि $ पुरउ स-माय जक्खि थिय तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २८, कडवक ८॒
{प॰च॰२८,८.१} "हे दियवर चउवेय-पहाणा $ किण्ण मुणहि रामउरि अयाणा
{प॰च॰२८,८.२} जण-मण-वल्लहु राहव-राणउ $ मत्त-गइन्दु व पगलिय-दाणउ
{प॰च॰२८,८.३} तक्कुव-भमर-सएहिॅ ण मुच्चइ $ देइ असेसु वि जं जसु रुच्चइ
{प॰च॰२८,८.४} जो घइँ जिणवर-णामु लएइ $ तहेॅ कड्ढेप्पिणु पाणइँ देइ
{प॰च॰२८,८.५} ऍउ जं वासव-दिसऍ विसालउ $ दीसइ तिहुअणतिलउ जिणालउ
{प॰च॰२८,८.६} तहिॅ जो गम्पि करइ जयकारु $ पट्टणेॅ णवरि तासु पइसारु"
{प॰च॰२८,८.७} तं णिसुणेप्पिणु दियवरु धाइउ $ णिविसें जिणवर-भवणु पराइउ
{प॰च॰२८,८.८} तं चारित्तसूरु मुणि वन्देॅवि $ विणउ करेॅवि अप्पाणउ णिन्देॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰२८,८.९} पुच्छिउ मुणिवरु दियवरेॅण $ "दाणहेॅ कारणेॅ विणु सम्मत्तें
धम्में लइएं कवणु फलु $ एउ देव महु अक्खि पयत्तें"
कण्ड २, संधि २८, कडवक ९॒
{प॰च॰२८,९.१} मुणिवरु कहेॅवि लग्गु "विउलाइँ $ किं जणेॅ ण णियहि धम्मफलाइँ
{प॰च॰२८,९.२} धम्में भड-थड हय गय सन्दण $ पावें मरण-विओयक्कन्दण
{प॰च॰२८,९.३} धम्में सग्गु भोग्गु सोहग्गु $ पावें रोग्गु सोगु दोहग्गु
{प॰च॰२८,९.४} धम्में रिद्धि विद्धि सिय संपय $ पावें अत्थ-हीण णर विद्दय
{प॰च॰२८,९.५} धम्में कडय-मउड-कडिसुत्ता $ पावें णर दालिद्दें भुत्ता
{प॰च॰२८,९.६} धम्में रज्जु करन्ति णिरुत्ता $ पावें पर-पेसण-संजुत्ता
{प॰च॰२८,९.७} धम्में वर-पल्लङ्कें सुत्ता $ पावें तिण-संथारेॅ विभुत्ता
{प॰च॰२८,९.८} धम्में णर देवत्तणु पत्ता $ पावें णरय-घोरेॅ संकन्ता
{प॰च॰२८,९.९} धम्में णर रमन्ति वर-विलयउ $ पावें दूहविउ दुह-णिलयउ
{प॰च॰२८,९.१०} धम्में सुन्दरु अङ्गु णिवद्धउ $ पावें पङ्गुलउ वि वहिरन्धउ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,९.११} धम्म-पाव-कप्पद्दुमह्ũ $ आयइँ जस-अवजस-वहुलाइं
वेण्णि मि असुह-सुहङ्करइँ $ जाइँ पियइँ लइ ताइँ फलाइं"
कण्ड २, संधि २८, कडवक १०॒
{प॰च॰२८,१०.१} मुणिवर-वयणेॅहिॅ दियवरु वासिउ $ लइउ धम्मु जो जिणवरेॅ भासिउ
{प॰च॰२८,१०.२} पञ्चाणुव्वय लेवि पधाइउ $ णिय-मन्दिरु णिविसेण पराइउ
{प॰च॰२८,१०.३} गम्पिणु पुणु सोम्महेॅ वज्जरियउ $ "अज्जु महन्तु दिट्ठु अच्चरियउ
{प॰च॰२८,१०.४} कहिॅ वणु कहिॅ पट्टणु कहिॅ राणउ $ कहिॅ मुणि दिट्ठु अणेयइँ जाणउ
{प॰च॰२८,१०.५} कहिॅ मइ कहिॅ लद्धइँ जिण-वयणइँ $ वहिरें कण्ण ऽन्धेण व णयणइँ"
{प॰च॰२८,१०.६} तं णिसुणेवि सोम्म गञ्जोल्लिय $ "जाह्ũ णाह तहिॅ एम पवोल्लिय
{प॰च॰२८,१०.७} पुणु संचल्लइँ वे वि तुरन्तइँ $ तिहुयणतिलउ जिणालउ पत्तइँ
{प॰च॰२८,१०.८} साहु णवेप्पिणु पासेॅ णिविट्ठइँ $ धम्मु सुणेप्पिणु णयरेॅ पइट्ठइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,१०.९} दिट्ठु णरिन्दत्थाणु णहु $ जाणइ-मन्दाइणि-परिचड्डिउ
णर-णक्खत्तहिॅ परियरिउ $ हरि-वल-चन्द-दिवायर-मण्डिउ
कण्ड २, संधि २८, कडवक ११॒
{प॰च॰२८,११.१} हरि अत्थाण-मग्गेॅ जं दिट्ठउ $ दियवरु पाण लएवि पणट्ठउ
{प॰च॰२८,११.२} णट्ठु कुरङ्गु व वारणवारहेॅ $ णट्ठु जिणिन्दु व भव-संसारहेॅ
{प॰च॰२८,११.३} णट्ठु मियङ्कु व अब्भपिसायहेॅ $ णट्ठु दवग्गि व णीर-णिहायहेॅ
{प॰च॰२८,११.४} णट्ठु भुअङ्गु व गरुड-विहङ्गहेॅ $ णट्ठु खरो व्व मत्त-मायङ्गहेॅ
{प॰च॰२८,११.५} णट्ठु अणङ्गु व सासय-गमणहेॅ $ णट्ठु महाघणो व्व खर-पवणहेॅ
{प॰च॰२८,११.६} णट्ठु महीहरो व्व सुर-कुलिसहेॅ $ णट्ठु तुरङ्गमो व्व जम-महिसहेॅ
{प॰च॰२८,११.७} तिह णासन्तु पदीसिउ दियवरु $ मम्भीसन्तु पधाइउ सिरिहरु
{प॰च॰२८,११.८} मण्ड धरेवि करेण करग्गऍ $ गम्पि घित्तु वलएवहेॅ अग्गऍ
{प॰च॰२८,११.९} दुक्खु दुक्खु अप्पाणउ धीरेॅवि $ सयलु महब्भउ मणेॅ अवहेरेॅवि
{प॰च॰२८,११.१०} दुद्दम-दाणविन्द-वल-मद्दहेॅ $ पुणु आसीस दिण्ण वलहद्दहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२८,११.११} "जेम समुद्दु महाजलेॅण $ जेम जिणेसरु सुक्किय-कम्में
चन्द-कुन्द-जस-णिम्मलेॅण $ तिह तुह्ũ वद्धु णराहिव धम्में"
कण्ड २, संधि २८, कडवक १२॒
{प॰च॰२८,१२.१} तो एत्थन्तरेॅ पर-वल-मद्दणु $ कहकह-सद्दें हसिउ जणद्दणु
{प॰च॰२८,१२.२} "भवणेॅ पइट्ठ तुहारऍ जइयह्ũ $ पइँ अवगण्णेॅवि घल्लिय तइयह्ũ
{प॰च॰२८,१२.३} एत्थु कालेॅ पुणु दियवरु कीसा $ विणउ करेॅवि पुणु दिण्ण असीसा"
{प॰च॰२८,१२.४} तं णिसुणेवि भणइ वेयायरु $ "अत्थहेॅ को ण वि करइ महायरु
{प॰च॰२८,१२.५} जिह आणन्दु जणइ सीयालऍ $ तिह कि ण रुच्चइ रवि उण्हालऍ
{प॰च॰२८,१२.६} काल-वसेण कालु वि सहेवउ $ एत्थु ण हरिसु विसाउ करेवउ
{प॰च॰२८,१२.७} अत्थु विलासिणि-जण-मण-वल्लहु $ अत्थ-विहूणउ वुच्चइ "घल्लहु"
{प॰च॰२८,१२.८} अत्थु वियड्ढु अत्थु गुणवन्तउ $ अत्थ-विहूणु भमइ मग्गन्तउ
{प॰च॰२८,१२.९} अत्थु अणङ्गु अत्थु जगेॅ सूहउ $ अत्थ-विहूणु दीणु णरु दूहउ
{प॰च॰२८,१२.१०} अत्थु सइच्छिउ भुञ्जइ रज्जु $ अत्थ-विहूणें किं पि ण कज्जु"
घत्ता॒
{प॰च॰२८,१२.११} "साहु" भणन्तें राहवेॅण $ इन्दणील-मणि-कञ्चण-कण्डेॅहिॅ
कडय-मउड-कडिसुत्तयहिॅ $ पुज्जिउ कविलु स इं भु व-दण्डेॅहिॅ
[२९. एगुणतीसमो संधि] ----------
सुरडामर-रिउ-डमरकर $ कोवण्ड-धर $ सह्ũ सीयऍ चलिय महाइय
वल-णारायण वे वि जण $ परितुट्ठ-मण $ जीवन्त-णयरु संपाइय
कण्ड २, संधि २९, कडवक १॒
{प॰च॰२९,१.१} पट्टणु तिहि मि तेहिॅ आवज्जिउ $ दिणयर-विम्वु व दोस-विवज्जिउ
{प॰च॰२९,१.२} णवर होइ जइ कम्पु धएसु $ हउ तुरएसु जुज्झु सुरएसु
{प॰च॰२९,१.३} घाउ मुरवेसु $ भङ्गु चिहुरेसु
{प॰च॰२९,१.४} जडउ रुद्देसु $ मलिणु चन्देसु
{प॰च॰२९,१.५} खलु खेत्तेसु $ दण्डु छत्तेसु
{प॰च॰२९,१.६} (वहु-)कर गहणेसु $ पहरु दिवसेसु
{प॰च॰२९,१.७} धणु दाणेसु $ चिन्त झाणेसु
{प॰च॰२९,१.८} सुर सग्गेसु $ सीहु रण्णेसु
{प॰च॰२९,१.९} कलहु गएसु $ अङ्कु कव्वेसु
{प॰च॰२९,१.१०} डरु वसहेसु $ वेलु गयणेसु
{प॰च॰२९,१.११} वणु रुक्खेसु $ झाणु मुक्खेसु
{प॰च॰२९,१.१२} अहवइ कित्तिउ णिव वण्णिज्जइ $ जइ पर तं जि तासु उवमिज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰२९,१.१३} तहेॅ णयरहेॅ अवरुत्तरेॅण $ कोसन्तरेॅण $ उववणु णामेण पसत्थउ
णाइँ कुमारहेॅ एन्ताहेॅ $ पइसन्ताहेॅ $ थिउ णव-कुसुमञ्जलि-हत्थउ
कण्ड २, संधि २९, कडवक २॒
{प॰च॰२९,२.१} तहिॅ उववणेॅ थिय हरि-वल जावेॅहिॅ $ भरहें लेहु विसज्जिउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰२९,२.२} अग्गऍ घित्तु णरेण णरिन्दहेॅ $ भविउ व चलणेॅहिॅ पडिउ जिणिन्दहेॅ
{प॰च॰२९,२.३} लइउ महीहरेण सइँ हत्थें $ जिणवर-धम्मु व मुणिवर-सत्थें
{प॰च॰२९,२.४} वारि-णिवन्धहेॅ मुक्कु गइन्दु व $ दिट्ठु अङ्कु तहिॅ णहयलेॅ चन्दु व
{प॰च॰२९,२.५} "रज्जु मुएवि वे वि रिउ-मद्दण $ गय वण-वासहेॅ राम-जणद्दण
{प॰च॰२९,२.६} को जाणइ हरि कद्दिउ आवइ $ तहेॅ वणमाल देज्ज जसु भावइ"
{प॰च॰२९,२.७} लेहु घिवेप्पिणु णरवइ महिहरु $ णाइँ दवेण दड्ढु थिउ महिहरु
{प॰च॰२९,२.८} णाइँ मियङ्को कमिउ विडप्पें $ तिह महिहरु णरिन्दु माहप्पें
घत्ता॒
{प॰च॰२९,२.९} जाय चिन्त मणेॅ दुद्धरहेॅ $ धरणीधरहेॅ $ सिहि-गल-तमाल-घण-वण्णहेॅ
"लक्खणु लक्खण-लक्ख-धरु $ तं मुऍवि वरु $ मइँ दिण्ण कण्ण किं अण्णहेॅ
कण्ड २, संधि २९, कडवक ३॒
{प॰च॰२९,३.१} तो एत्थन्तरेॅ णयण-विसालऍ $ एह वत्त जं सुय वणमालऍ
{प॰च॰२९,३.२} आउलिहुय हियएण विसूरइ $ दुक्खें महणइ व्व आऊरइ
{प॰च॰२९,३.३} सिरेॅ पासेउ चडइ मुहु सूसइ $ कर विहुणइ पुणु दइवहेॅ रूसइ
{प॰च॰२९,३.४} मणु धुगुधुगइ देहु परितप्पइ $ वम्महेॅ णं करवत्तें कप्पइ
{प॰च॰२९,३.५} ताव णहङ्गणेण घणु गज्जिउ $ णाइँ कुमारें दूउ विसज्जिउ
{प॰च॰२९,३.६} "धीरी होहि माऍ" णं भासिउ $ "उहु लक्खणु उववणेॅ आवासिउ"
{प॰च॰२९,३.७} गरहिउ मेहु तो वि तणु-अङ्गिऍ $ दोस वि गुण हवन्ति संसग्गिऍ
{प॰च॰२९,३.८} "तुह्ũ किर जण-मण-णयणाणन्दणु $ महु पुणु जलहर णाइँ हुआसणु
घत्ता॒
{प॰च॰२९,३.९} तुज्झु ण दोसु दोसु कुलहेॅ $ हय-दुह-कुलहेॅ जलेॅ $ जलणेॅ पवणेॅ जं जायउ
तं पासेउ दाहु करहु $ णीसासु महु तिण्णि $ वि दक्खवणहेॅ आयउ
कण्ड २, संधि २९, कडवक ४॒
{प॰च॰२९,४.१} दोच्छिउ मेहु पणट्ठु णहङ्गणेॅ $ पुणु वणमालऍ चिन्तिउ णिय-मणेॅ
{प॰च॰२९,४.२} "किं पइसरमि वलन्तेॅ हुआसणेॅ $ किं समुद्देॅ किं रण्णेॅ सु-भीसणेॅ
{प॰च॰२९,४.३} किं विसु भुञ्जमि किं अहि चप्पमि $ किं अप्पउ करवत्तें कप्पमि
{प॰च॰२९,४.४} किं करिवर-दन्तहिॅ उरु भिन्दमि $ किं करवालेॅहिॅ तिलु तिलु छिन्दमि
{प॰च॰२९,४.५} किं दिस लङ्घमि किं पव्वज्जमि $ कहेॅ अक्खमि कहेॅ सरणु पवज्जमि
{प॰च॰२९,४.६} अहवइ एण काइँ गमु सज्जमि $ तरुवर-डालऍ पाण विसज्जमि"
{प॰च॰२९,४.७} एम भणेप्पिणु चलिय तुरन्ती $ कङ्केल्ली-थड उग्घोसन्ती
{प॰च॰२९,४.८} गन्ध-धूव-वलि-पुप्फ-विहत्थी $ लीलऍ चिक्कमन्ति वीसत्थी
घत्ता॒
{प॰च॰२९,४.९} चउविह-सेण्णें परियरिय $ धण णीसरिय $ "को विहिॅ आलिङ्गणु देसइ"
एम चवन्ति पइट्ठ वणेॅ $ रवि-अत्थवणेॅ $ "कहिॅ लक्खणु" णाइँ गवेसइ
कण्ड २, संधि २९, कडवक ५॒
{प॰च॰२९,५.१} दिट्ठु असोयवच्छु परिअञ्चिउ $ जिणवरो व्व सब्भावें अञ्चिउ
{प॰च॰२९,५.२} पुणु परिवायणु कियउ असोयहेॅ $ "अण्णु ण इह-लोयहेॅ पर-लोयहेॅ
{प॰च॰२९,५.३} जम्मेॅ जम्मेॅ मुअ-मुअहेॅ स-लक्खणु $ पिय-भत्तारु होज्ज महु लक्खणु"
{प॰च॰२९,५.४} पुणु पुणु एम णमंसइ जावेॅहिॅ $ रयणिहेॅ वे पहरा हुय तावेॅहिॅ
{प॰च॰२९,५.५} सयलु वि साहणु णिद्दोणल्लउ $ णावइ मोहण-जालें पेल्लिउ
{प॰च॰२९,५.६} णिग्गय पुणु वणमाल तुरन्ती $ हार-डोर-णेउरेॅहिॅ खलन्ती
{प॰च॰२९,५.७} हरि-विरहम्वु-पूरेॅ उब्भन्ती $ वुण्ण-कुरङ्गि व चित्तुब्भन्ती
{प॰च॰२९,५.८} णिविसद्धें णग्गोहेॅ वलग्गी $ रमण-चवल णं गोह-वलग्गी
घत्ता॒
{प॰च॰२९,५.९} रेहइ दुमेॅ वणमाल किह $ घणेॅ विज्जु जिह $ पहवन्ती लक्खण-कङ्खिणि
किलिकिलन्ति कोड्डावणिय $ भीसावणिय $ पच्चक्ख णाइँ वड-जक्खिणि
कण्ड २, संधि २९, कडवक ६॒
{प॰च॰२९,६.१} तहिॅ वालऍ कलुणु पकन्दियउ $ वण-डिम्भउ णं परिअन्दियउ
{प॰च॰२९,६.२} "आयण्णहेॅ वयणु वणस्सइहेॅ $ गङ्गाणइ-जउण-सरस्सइहेॅ
{प॰च॰२९,६.३} गह-भूय-पिसायहेॅ विन्तरहेॅ $ वण-जक्खहेॅ रक्खहेॅ खेयरहेॅ
{प॰च॰२९,६.४} गय-वग्घहेॅ सिङ्घहेॅ सम्वरहेॅ $ रयणायर-गिरिवर-जलयरहेॅ
{प॰च॰२९,६.५} गण-गन्धव्वहेॅ विज्जाहरहेॅ $ सुर-सिद्ध-महोरग-किण्णरहेॅ
{प॰च॰२९,६.६} जम-खन्द-कुवेर-पुरन्दरहेॅ $ वुह-भेसइ-सुक्क-सणिच्छरहेॅ
{प॰च॰२९,६.७} हरिणङ्कहेॅ अक्कहेॅ जोइसहेॅ $ वेयाल-दइच्चहेॅ रक्खसहेॅ
{प॰च॰२९,६.८} वइसाणर-वरुण-पहञ्जणहेॅ $ तहेॅ एम कहिज्जहेॅ लक्खणहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰२९,६.९} वुच्चइ धीय महीहरहेॅ $ दीहर-करहेॅ $ वणमाल-णाम भय-वज्जिय
लक्खण-पइ सुमरन्तियऍ $ कन्दन्तियऍ $ वड-पायवेॅ पाण विसज्जिय"
कण्ड २, संधि २९, कडवक ७॒
{प॰च॰२९,७.१} एम भणेप्पिणु णयण-विसालऍ $ अंसुअ-पासउ किउ वणमालऍ
{प॰च॰२९,७.२} सो ज्जेॅ णाइँ सइँ मम्भीसावइ $ णाइँ विवाह-लील दरिसावइ
{प॰च॰२९,७.३} णं दियवरु दाणहेॅ हक्कारिउ $ णाइँ कुमारें हत्थु पसारिउ
{प॰च॰२९,७.४} गलेॅ लाऍवि हल्लावइ जावेॅहिॅ $ कण्ठें धरियालिङ्गेॅवि तावेॅहिॅ
{प॰च॰२९,७.५} एम पजम्पिउ मम्भीसन्तउ $ "हũ सो लक्खणु लक्खणवन्तउ
{प॰च॰२९,७.६} दसरह-तणउ सुमित्तिऍ जायउ $ रामें सह्ũ वणवासहेॅ आयउ"
{प॰च॰२९,७.७} तं णिसुणेॅवि विम्भाविय णिय-मणेॅ $ "कहिॅ लक्खणु कहिॅ अच्छिउ उववणेॅ"
{प॰च॰२९,७.८} ताम हलाउहु कोक्कइ लग्गउ $ "भो भो लक्खण आउ कहिॅ गउ"
घत्ता॒
{प॰च॰२९,७.९} तं णिसुणेॅवि महिहर-सुअऍ $ पुलइय-भुअऍ $ णडु जिह णच्चाविउ णिय-मणु
"सहल मणोरह अज्जु महु $ परिहूउ सुहु (?) $ भत्तारु लद्धु जं लक्खणु"
कण्ड २, संधि २९, कडवक ८॒
{प॰च॰२९,८.१} तो एत्थन्तरेॅ भुवणाणन्दें $ दिट्ठु जणद्दणु राहवचन्दें
{प॰च॰२९,८.२} णावइ तमु दीवय-सिह-सहियउ $ णावइ जलहरु विज्जु-पगहियउ
{प॰च॰२९,८.३} णावइ करि करिणिहेॅ आसत्तउ $ चलणेॅहिॅ पडिउ वलहेॅ स-कलत्तउ
{प॰च॰२९,८.४} "चारु चारु भो णयणाणन्दण $ कहिॅ पइँ कण्ण लद्ध रिउमद्दण"
{प॰च॰२९,८.५} वुत्तु कुमारें "विज्ज व सगुणिय $ धरणीधरहेॅ धीय किं ण मुणिय
{प॰च॰२९,८.६} जा महु पुव्वयण्ण-उवदिट्ठी $ सा वणमाल एह वणेॅ दिट्ठी"
{प॰च॰२९,८.७} हरि अप्फालइ जाव कहाणउ $ ताम रत्ति गय विमलु विहाणउ
{प॰च॰२९,८.८} सुहड विउद्ध कुद्ध जस-लुद्धा $ "केण वि लइय कण्ण" सण्णद्धा
घत्ता॒
{प॰च॰२९,८.९} ताव णिहालिय दुज्जऍहिॅ $ पुणु रह-गऍहिॅ $ चाउद्दिसु चवल-तुरङ्गेॅहिॅ
वेढिय रणउहेॅ वे वि जण $ वल-महुमहण $ पञ्चाणण जेम कुरङ्गेॅहिॅ
कण्ड २, संधि २९, कडवक ९॒
{प॰च॰२९,९.१} अब्भिट्टु सेण्णु कलयलु करन्तु $ "जिह लइय कण्ण तिह हणु" भणन्तु
{प॰च॰२९,९.२} तं वयणु सुणेप्पिणु हरि पलित्तु $ उद्धाइउ सिहि णं घिऍण सित्तु
{प॰च॰२९,९.३} एक्कल्लउ लक्खणु वलु अणन्तु $ आलग्गु तो वि तिण-समु गणन्तु
{प॰च॰२९,९.४} परिसक्कइ थक्कइ चलइ वलइ $ तरुवर उम्मूलेॅवि सेण्णु दलइ
{प॰च॰२९,९.५} उव्वडइ भिडइ पाडइ तुरङ्ग $ महि कमइ भमइ भामइ रहङ्ग
{प॰च॰२९,९.६} अवगाहइ साहइ धरइ जोह $ दलवट्टइ लोट्टइ गयवरोह
{प॰च॰२९,९.७} विणिवाइय धाइय सुहड-थट्ट $ कडुआविय विवरामुह पयट्ट
{प॰च॰२९,९.८} णासन्ति के वि जे समरेॅ चुक्क $ कायर-णर-कर-पहरणइँ मुक्क
घत्ता॒
{प॰च॰२९,९.९} गम्पिणु कहिउ महीहरहेॅ $ "एक्कहेॅ णरहेॅ $ आवट्टु सेण्णु भुव-दण्डऍ
जिह णासहि जिम भिडु समरेॅ $ विहिॅ एक्कु करेॅ $ वणमाल लइय वलिमण्डऍ"
कण्ड २, संधि २९, कडवक १०॒
{प॰च॰२९,१०.१} तं वयणु सुणेप्पिणु थरहरन्तु $ धरणीधरु धाइउ विप्फुरन्तु
{प॰च॰२९,१०.२} आरूढु महारहेॅ दिण्णु सङ्खु $ सण्णद्धु कुद्धु जय-लच्छि-कङ्खु
{प॰च॰२९,१०.३} तो दुज्जय दुद्धर दुण्णिवार $ "हणु हणु" भणन्त णिग्गय कुमार
{प॰च॰२९,१०.४} वणमाल-कुसुम-कल्लाणमाल $ जयमाल-सुमाल-सुवण्णमाल
{प॰च॰२९,१०.५} गोपाल-पाल इय अट्ठ भाइ $ सह्ũ राएं णव गह कुइय णाइँ
{प॰च॰२९,१०.६} एत्थन्तरेॅ रणेॅ वहु-मच्छरेण $ हक्कारिउ लक्खणु महिहरेण
{प॰च॰२९,१०.७} "वलु वलु समरङ्गणेॅ देहि जुज्झु $ णिय-णामु गोत्तु कहेॅ कवणु तुज्झु"
{प॰च॰२९,१०.८} तं णिसुणेॅवि वोल्लिउ लच्छि-गेहु $ "कुल-णामहेॅ अवसरु कवणु एहु
घत्ता॒
{प॰च॰२९,१०.९} पहरु पहरु जं पइँ गुणिउ $ किण्ण वि मुणिउ $ जसु भाइ महन्तउ रामु
रहुकुल-णन्दणु लच्छि-हरु $ तउ जीवहरु $ णरवइ महु लक्खणु णामु
कण्ड २, संधि २९, कडवक ११॒
{प॰च॰२९,११.१} कुलु णामु कहिउ जं सिरिहरेण $ धणु घत्तेॅवि महिहेॅ महीहरेण
{प॰च॰२९,११.२} सुरकरि-कर-सम-भुअ-पञ्जरेण $ अवरुण्डिउ णेह-महाभरेण
{प॰च॰२९,११.३} हवि सक्खिकरेॅवि अपरायणासु $ सइँ दिण्ण कण्ण णारायणासु
{प॰च॰२९,११.४} आरूढु महीहरु एक्क-रहेॅ $ अट्ठ वि कुमार अण्णेक्क-रहेॅ
{प॰च॰२९,११.५} वणमाल स-लक्खण एक्क-रहेॅ $ थिय स-वल सीय अण्णेक्क-रहेॅ
{प॰च॰२९,११.६} पडु-पडह-सङ्ख-वद्धावणेहिॅ $ णच्चन्तेॅहिॅ खुज्जय-वामणेहिॅ
{प॰च॰२९,११.७} उच्छाहेॅहिॅ धवलेॅहिॅ मङ्गलेहिॅ $ कंसालेॅहिॅ तालेॅहिॅ मद्दलेहिॅ
{प॰च॰२९,११.८} आणन्दें णयरेॅ पइट्ठाइँ $ लीलऍ अत्थाणेॅ वइट्ठाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰२९,११.९} सह्ũ वणमालऍ महुमहणु $ परितुट्ठ-मणु $ जं वेइहेॅ जन्तु पदीसिउ
लोऍहिॅ मङ्गलु गन्तऍहिॅ $ णच्चन्तऍहिॅ $ जिणु जम्मणेॅ जिह स इं भू सिउ
[३०. तीसमो संधि] ----------
तहिॅ अवसरेॅ आणन्द-भरेॅ $ उच्छाह-करेॅ $ जयकारहेॅ कारणेॅ णिक्किउ
भरहहेॅ उप्परि उच्चलिउ $ रहसुच्छलिउ $ णरु णन्दावत्त-णराहिउ
कण्ड २, संधि ३०, कडवक १॒
{प॰च॰३०,१.१} जो भरहहेॅ दूउ विसज्जियउ $ आइउ सम्माण-विवज्जियउ
{प॰च॰३०,१.२} लहु णन्दावत्त-णराहिवहेॅ $ वज्जरिउ अणन्तवीर-णिवहेॅ
{प॰च॰३०,१.३} "हũ पेक्खु केम विच्छारियउ $ सिरु मुण्डेॅवि कह वि ण मारियउ
{प॰च॰३०,१.४} सो भरहु ण इच्छइ सन्धि रणेॅ $ जं जाणहेॅ तं चिन्तवहेॅ मणेॅ
{प॰च॰३०,१.५} अण्णु वि उक्खन्धें आइयउ $ सह्ũ सेण्णें विञ्झु पराइयउ
{प॰च॰३०,१.६} तहिॅ णरवइ वालिखिल्लु वलिउ $ सीहोयरु वज्जयण्णु मिलिउ
{प॰च॰३०,१.७} तहिॅ रुद्दभुत्ति सिरिवच्छ-धरु $ मरुभुत्ति सुभुत्ति विभुत्ति-करु
{प॰च॰३०,१.८} अवरेहि मि समउ समावडिउ $ पेक्खेसहि कल्लऍ अब्भिडिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३०,१.९} ताम अणन्तवीरु खुहिउ $ पइजारुहिउ $ "जइ कल्लऍ भरहु ण मारमि
तो अरहन्त-भडाराहेॅ $ सुर-साराहेॅ $ णउ चलण-जुअलु जयकारमि"
कण्ड २, संधि ३०, कडवक २॒
{प॰च॰३०,२.१} पइजारूढु णराहिउ जावेॅहिॅ $ साहणु मिलिउ असेसु वि तावेॅहिॅ
{प॰च॰३०,२.२} लेहु लिहेप्पिणु जग-विक्खायहेॅ $ तुरिउ विसज्जिउ महिहर-रायहेॅ
{प॰च॰३०,२.३} अग्गऍ घित्तु वद्धु लम्पिक्कु व $ हरिणक्खरहिॅ लीणु णण्डिक्कु व
{प॰च॰३०,२.४} सुन्दरु पत्तवन्तु वर-साहु व $ णाव-वहुलु सरि-गङ्ग-पवाहु व
{प॰च॰३०,२.५} दिट्ठ राय तहिॅ आय अणन्त वि $ सल्ल-विसल्ल-सीहविक्कन्त वि
{प॰च॰३०,२.६} दुज्जय-अजय-विजय-जय-जयमुह $ णरसद्दूल-विउल-गय-गयमुह
{प॰च॰३०,२.७} रुद्दवच्छ-महिवच्छ-महद्धय $ चन्दण-चन्दोयर-गरुडद्धय
{प॰च॰३०,२.८} केसरि-मारिचण्ड-जमघण्टा $ कोङ्कण-मलय-पण्डियाणट्टा
{प॰च॰३०,२.९} गुज्जर-गङ्ग-वङ्ग-मङ्गाला $ पइविय-पारियत्त-पञ्चाला
{प॰च॰३०,२.१०} सिन्धव-कामरूव-गम्भीरा $ तज्जिय-पारसीय-परतीरा
{प॰च॰३०,२.११} मरु-कण्णाड-लाड-जालन्धर $ टक्काहीर-कीर-खस-वव्वर
{प॰च॰३०,२.१२} अवर वि जे एक्केक्क-पहाणा $ केण गणेप्पिणु सक्किय राणा
घत्ता॒
{प॰च॰३०,२.१३} ताम णराहिउ कसण-तणु $ थिउ विमण-मणु $ णं पडिउ सिरत्थलेॅ वज्जु
"किह सामिय-सम्माण-भरु $ विसहिउ दुद्धरु $ किह भरहहेॅ पहरिउ अज्जु"
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ३॒
{प॰च॰३०,३.१} जं णरवइ मणेॅ चिन्तावियउ $ हलहरु एक्कन्त-पक्खेॅ थियउ
{प॰च॰३०,३.२} अट्ठ वि कुमार कोक्किय खणेॅण $ वइदेहि आय सह्ũ लक्खणेॅण
{प॰च॰३०,३.३} मेल्लेप्पिणु मन्तिउ मन्तणउ $ वलु भणइ "म दरिसहेॅ अप्पणउ
{प॰च॰३०,३.४} रह-तुरय-महागय परिहरेॅवि $ तिय-चारण-गायण-वेसु करेॅवि
{प॰च॰३०,३.५} तं रिउ-अत्थाणु पईसरहेॅ $ णच्चन्त अणन्तवीरु धरहेॅ"
{प॰च॰३०,३.६} तं वयणु सुणेॅवि परितुट्ठ-मण $ थिय कामिणि-वेस कियाहरण
{प॰च॰३०,३.७} वलएवें जोइउ पिय-वयणु $ किं होइ ण होइ वेस-गहणु
{प॰च॰३०,३.८} "लइ सुन्दरि ताव तिट्ठ णयरेॅ $ अम्हेॅहिॅ पुणु जुज्झेवउ समरेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰३०,३.९} लग्ग कडच्छऍ जणय-सुय $ कण्टइय-भुय $ "लहु णरवर-णाह ण एसहि
मइँ मेल्लेॅवि भासुरऍ $ रण-सासुरऍ $ मा कित्ति-वहुअ परिणेसहि
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ४॒
{प॰च॰३०,४.१} खेड्डु करेॅवि संचल्ल महाइय $ णिविसें णन्दावत्तु पराइय
{प॰च॰३०,४.२} दिट्ठु जिणालउ खणेॅ परिअञ्चेॅवि $ अग्गऍ गाऍवि वाऍवि णच्चेॅवि
{प॰च॰३०,४.३} सीय ठवेॅवि पइट्ठ पुर-सरवरेॅ $ रहवर-तुरय-महागय-जलयरेॅ
{प॰च॰३०,४.४} देउल-वहल-धवल-कमलायरेॅ $ णन्दणवण-घण-तीर-लयाहरेॅ
{प॰च॰३०,४.५} चारु-विलासिणि-णलिणि-करम्विऍ $ छप्पण्णय-छप्पय-परिचुम्विऍ
{प॰च॰३०,४.६} सज्जण-णिम्मल-सलिलालङ्किऍ $ पिसुण-वयण-घण-पङ्कुप्पङ्किऍ
{प॰च॰३०,४.७} कामिणि-चल-मण-मच्छुत्थल्लिऍ $ णरवर-हंस-सएहिॅ अमेल्लिऍ
{प॰च॰३०,४.८} तहिॅ तेहऍ पुर-सरवरेॅ दुज्जय $ लीलऍ णाइँ पइट्ठ दिसागय
घत्ता॒
{प॰च॰३०,४.९} कामिणि-वेस कियाहरण $ विहसिय-वयण $ गय पत्त तेत्थु पडिहारु
वुच्चइ "आयइँ चारणइँ $ भरहहेॅ तणइँ $ जिव कहेॅ जिव देइ पइसारु"
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ५॒
{प॰च॰३०,५.१} तं वयणु सुणेॅवि पडिहारु गउ $ विण्णत्तु णराहिउ रणेॅ अजउ
{प॰च॰३०,५.२} "पहु एत्तइँ गायण आयाइँ $ फुडु माणुस-मेत्तेॅण जायाइँ
{प॰च॰३०,५.३} णउ जाणह्ũ किं विज्जाहरइँ $ किं गन्धव्वइँ किं किण्णरइँ
{प॰च॰३०,५.४} अइ-सुसरइँ जण-मण-मोहणइँ $ मुणिवरहु मि मण-संखोहणइँ"
{प॰च॰३०,५.५} तं वयणु सुणेवि णराहिवेॅण $ "दे दे पइसारु" वुत्तु णिवेॅण
{प॰च॰३०,५.६} पडिहारु पधाइउ तुट्ठ-मणु $ "पइसरहेॅ" भणन्तु कण्टइय-तणु
{प॰च॰३०,५.७} तं वयणु सुणेवि समुच्चलिय $ णं दस दिसि-वह एक्कहिॅ मिलिय
घत्ता॒
{प॰च॰३०,५.८} पइठ णरिन्दत्थाण-वणेॅ $ रिउ-रुक्ख-घणेॅ $ सिंहासण-गिरिवर-मण्डिऍ
पोढ-विलासिणि-लय-वहलेॅ $ वर-वेल्लहलेॅ $ अइ-वीर-सीह-परिचड्डिऍ
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ६॒
{प॰च॰३०,६.१} तहिॅ तेहऍ रिउ-अत्थाण-वणेॅ $ पञ्चाणण जेम पइट्ठ खणेॅ
{प॰च॰३०,६.२} णन्दियड-णराहिउ दिट्ठु किह $ णक्खत्तहँ मज्झेॅ मियङ्कु जिह
{प॰च॰३०,६.३} आरम्भिउ अग्गऍ पेक्खणउ $ सुकलत्तु व सवलु सलक्खणउ
{प॰च॰३०,६.४} सुरयं पिव वन्ध-करण-पवरु $ कव्वं पिव छन्द-सद्द-गहिरु
{प॰च॰३०,६.५} रण्णं पिव वंस-ताल-सहिउ $ जुज्झं पिव राय-सेय-सहिउ
{प॰च॰३०,६.६} जिह जिह उव्वेल्लइ हल-वहणु $ तिह तिह अप्पाणु णवेइ जणु
{प॰च॰३०,६.७} मयरद्धय-सर-संखोहियउ $ मिग-णिवहु व गेएं मोहियउ
{प॰च॰३०,६.८} वलु पढइ अणन्तवीरु सुणइ $ "को सीहें समउ केलि कुणइ
घत्ता॒
{प॰च॰३०,६.९} जाम ण रणमुहेॅ उत्थरइ $ पहरणु धरइ $ पइँ जीवगाहु सह्ũ राऍहिॅ
ताम अयाण मुएवि छलु $ परिहरेॅवि वलु $ पडु भरह-णरिन्दहेॅ पाऍहिॅ
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ७॒
{प॰च॰३०,७.१} राहवचन्दु मणेण ण कम्पिउ $ पुणु पुणरुत्तेॅहिॅ एव पजम्पिउ
{प॰च॰३०,७.२} "भो भो णरवइ भरहु णमन्तह्ũ $ कवणु पराहउ किर अणुणन्तह्ũ
{प॰च॰३०,७.३} जो पर-वल-समुद्देॅ महणायइ $ जो पर-वल-मियङ्केॅ गहणायइ
{प॰च॰३०,७.४} जो पर-वल-गयणेॅहिॅ चन्दायइ $ जो पर-वल-गइन्देॅ सीहायइ
{प॰च॰३०,७.५} जो पर-वल-रयणिहिॅ हंसायइ $ जो पर-वल-तुरङ्गेॅ महिसायइ
{प॰च॰३०,७.६} जो पर-वल-भुयङ्गेॅ गरुडायइ $ जो पर-वल-वणोहेॅ जलणायइ
{प॰च॰३०,७.७} जो पर-वल-घणोहेॅ पवणायइ $ जो पर-वल-पवणोहेॅ धरायइ
{प॰च॰३०,७.८} $ जो पर-वल-धरोहेॅ वज्जायइ
घत्ता॒
{प॰च॰३०,७.९} तं णिसुणेवि विरुद्धऍण $ मणेॅ कुद्धऍण $ अइवीरें अहर-फुरन्तें
रत्तुप्पल-दल-लोयणेॅण $ जग-भोयणेॅण $ णं किउ अवलोउ कियन्तें
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ८॒
{प॰च॰३०,८.१} भय-भीसणु अमरिस-कुइय-देहु $ गज्जन्तु समुट्ठिउ जेम मेहु
{प॰च॰३०,८.२} करेॅ असिवरु लेइ ण लेइ जाम $ णहेॅ उड्डेॅवि रामें धरिउ ताम
{प॰च॰३०,८.३} सिरेॅ पाउ देवि चोरु व णिवद्धु $ णं वारणु वारि-णिवन्धेॅ छुद्धु
{प॰च॰३०,८.४} रिउ चम्पेॅवि पर-वल-मइयवट्टु $ जिण-भवणहेॅ सम्मुहु वलु पयट्टु
{प॰च॰३०,८.५} एत्थन्तरेॅ महुमहणेण वुत्तु $ "जो ढुक्कइ तं मारमि णिरुत्तु"
{प॰च॰३०,८.६} तं सुणेॅवि परोप्परु रिउ चवन्ति $ "किं एय परक्कम तियहँ होन्ति"
{प॰च॰३०,८.७} एत्तडिय वोल्ल पडिवक्खेॅ जाम $ णर दस वि जिणालउ पत्त ताम
{प॰च॰३०,८.८} जे गिलिय आसि पुर-रक्खसेण $ णं मुक्क पडीवा भय-वसेण
घत्ता॒
{प॰च॰३०,८.९} तावन्तेउरु विमण-मणु $ गय-गइ-गमणु $ वहु-हार-दोर-खुप्पन्तउ
आयउ पासु जियाहवहेॅ $ तहेॅ राहवहेॅ $ "दे दइय-भिक्ख" मग्गन्तउ
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ९॒
{प॰च॰३०,९.१} जं एव वुत्तु वणियायणेण $ पहु पभणिउ दसरह-णन्दणेण
{प॰च॰३०,९.२} "जइ भरहहेॅ होहि सुभिच्चु अज्जु $ तो अज्जु वि लइ अप्पणउ रज्जु"
{प॰च॰३०,९.३} तं वयणु सुणेॅवि परलोय-भीरु $ विहसेप्पिणु भणइ अणन्तवीरु
{प॰च॰३०,९.४} "पाडेवउ जो चलणेहिॅ णिच्चु $ तहेॅ केम पडीवउ होमि भिच्चु
{प॰च॰३०,९.५} वलिमण्डऍ तव-चरणेण जो वि $ पाडेवउ पायहिॅ भरहु तो वि"
{प॰च॰३०,९.६} तं वयणु सुणेप्पिणु तुट्ठु रामु $ "सच्चउ जेॅ तुज्झु अइवीरु णामु"
{प॰च॰३०,९.७} पुणरुत्तेॅहिॅ वुच्चइ "साहु साहु" $ हक्कारिउ तहेॅ सुउ सहसवाहु
{प॰च॰३०,९.८} सो णिय-संताणहेॅ रइउ राउ $ अण्णु वि भरहहेॅ पाइक्कु जाउ
घत्ता॒
{प॰च॰३०,९.९} रिउ मेल्लेप्पिणु दस वि जण $ गय तुट्ठ-मण $ णिय-णयरु पराइय जावेॅहिॅ
णन्दावत्त-णराहिवइ $ जिणेॅ करेॅवि मइ $ दिक्खहँ समुट्ठिउ तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि ३०, कडवक १०॒
{प॰च॰३०,१०.१} एत्थन्तरेॅ पुर-परमेसराहँ $ दिक्खाऍ समुट्ठिउ सउ णराहँ
{प॰च॰३०,१०.२} सद्दूल-विउल-वरवीरभद्द $ मुणिभद्द-सुभद्द-समन्तभद्द
{प॰च॰३०,१०.३} गरुडद्धय-मयरद्धय-पचण्ड $ चन्दण-चन्दोयर-मारिचण्ड
{प॰च॰३०,१०.४} जयघण्ट-महद्धय-चन्द-सूर $ जय-विजय-अजय-दुज्जय-कुकूर
{प॰च॰३०,१०.५} इय एत्तिय पहु पव्वइय तेत्थु $ लाहण-पव्वऍ जय-णन्दि जेत्थु
{प॰च॰३०,१०.६} थिय पञ्च मुट्ठि सिरेॅ लोउ देवि $ सइँ वाहहिॅ आहरणइँ मुएवि
{प॰च॰३०,१०.७} णीसङ्ग वि थिय रिसि-सङ्घ-सहिय $ संसार वि भव-संसार-रहिय
{प॰च॰३०,१०.८} णिम्माण वि जीव-सयह्ũ समाण $ णिग्गन्थ वि गन्थ-पयत्थ-जाण
घत्ता॒
{प॰च॰३०,१०.९} इय एक्केक्क-पहाण रिसि $ भव-तिमिर-ससि $ तव-सूर महावय-धारा
छट्ठट्ठम-दस-वारसेॅहिॅ $ वहु-उववसेॅहिॅ $ अप्पाणु खवन्ति भडारा
कण्ड २, संधि ३०, कडवक ११॒
{प॰च॰३०,११.१} तव-चरणेॅ परिट्ठिउ जं जि राउ $ तहेॅ वन्दण-हत्तिऍ भरहु आउ
{प॰च॰३०,११.२} तें दिट्ठु भडारउ तेय-पिण्डु $ जो मोह-महीहरेॅ वज्ज-दण्डु
{प॰च॰३०,११.३} जो कोह-हुवासणेॅ जल-णिहाउ $ जो मयण-महाघणेॅ पलय-वाउ
{प॰च॰३०,११.४} जो दप्प-गइन्देॅ महा-मइन्दु $ जो माण-भुअङ्गमेॅ वर-खगिन्दु
{प॰च॰३०,११.५} सो मुणिवरु दसरह-णन्दणेण $ वन्दिउ णिय-गरहण-णिन्दणेण
{प॰च॰३०,११.६} "भो साहु साहु गम्भीर धीर $ पइँ पूरिय पइजा ऽणन्तवीर
{प॰च॰३०,११.७} जं पाडिउ हũ चलणेहिॅ देव $ तं तिहुअणु कारावियउ सेव
{प॰च॰३०,११.८} गउ एम पसंसेॅवि भरहु राउ $ णिय-णयरु पत्तु साहण-सहाउ
घत्ता॒
{प॰च॰३०,११.९} हरि-वल पइठ जियन्तपुरेॅ $ धण-कण-पउरेॅ $ जय-मङ्गल-तूर-वमालेॅहिॅ
लक्खणु लक्खणवन्तियऍ $ णिय-पत्तियऍ $ अवगूढु स इं भु व-डालेॅहिॅ
[३१. एक्कतीसमो संधि] ----------
धण-धण्ण-समिद्धहेॅ $ पुहइ-पसिद्धहेॅ $ जण-मण-णयणाणन्दणहेॅ
वण-वासहेॅ जन्तेॅहिॅ $ रामाणन्तेॅहिॅ $ किउ उम्माहउ पट्टणहेॅ
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १॒
{प॰च॰३१,१.१} छुडु छुडु उहय समागम-लुद्धइँ $ रिसि-कुलइँ व परमागम-लुद्धइँ
{प॰च॰३१,१.२} छुडु छुडु अवरोप्परु अणुरत्तइँ $ सञ्झ-दिवायरइँ व अणुरत्तइँ
{प॰च॰३१,१.३} छुडु छुडु अहिणव-वहु-वरइत्तइँ $ सोम-पहा इव सुन्दर-चित्तइँ
{प॰च॰३१,१.४} छुडु छुडु चुम्विय-तामरसाइँ $ फुल्लन्धय इव लुद्ध-रसाइँ
{प॰च॰३१,१.५} ताम कुमारें णयण-विसाला $ जन्तें आउच्छिय वणमाला
{प॰च॰३१,१.६} "हे मालूर-पवर-पीवर-थणेॅ $ कुवलय-दल-पप्फुल्लिय-लोअणेॅ
{प॰च॰३१,१.७} हंस-गमणेॅ गय-लील-विलासिणि $ चन्द-वयणेॅ णिय-णाम-पगासिणि
{प॰च॰३१,१.८} जामि कन्तेॅ हũ दाहिण-देसहेॅ $ गिरि-किक्किन्ध-णयर-उद्देसहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१.९} सुरवर-वरइत्तें $ णव-वरइत्तें $ जं आउच्छिय णियय धण
ओहुल्लिय-वयणी $ पगलिय-णयणी $ थिय हेट्ठामुह विमण-मण
कण्ड २, संधि ३१, कडवक २॒
{प॰च॰३१,२.१} कज्जल-वहलुप्पील-सणाहें $ महि पव्वालिय अंसु-पवाहें
{प॰च॰३१,२.२} "एत्तिउ विरुवउ माणुस-लोउ $ जं जर-जम्मण-मरण-विओउ
{प॰च॰३१,२.३} धीरिय लक्खणेण एत्थन्तरेॅ $ "रामहेॅ णिलउ करेवि वणन्तरेॅ
{प॰च॰३१,२.४} कइहि मि दिणेॅहिॅ पडीवउ आवमि $ सयल स-सायर महि भुञ्जावमि
{प॰च॰३१,२.५} जइ पुणु कहवि तुल-लग्गेॅ णायउ $ हũ ण होमि सोमित्तिऍ जायउ
{प॰च॰३१,२.६} अण्णु वि रयणिहेॅ जो भुञ्जन्तउ $ मंस-भक्खि महु मज्जु पियन्तउ
{प॰च॰३१,२.७} जीव वहन्तउ अलिउ चवन्तउ $ पर-धणेॅ पर-कलत्तें अणुरत्तउ
{प॰च॰३१,२.८} जो णरु आऍहिॅ वसणेॅहिॅ भुत्तउ $ हũ पावेण तेण संजुत्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰३१,२.९} जइ एम वि णावमि $ वयणु ण दावमि $ तो णिव्वूढ-महाहवहेॅ
णव-कमल-सुकोमल $ णह-पह-उज्जल $ छित्त पाय मइँ राहवहेॅ"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ३॒
{प॰च॰३१,३.१} वणमाल णियत्तेॅवि भग्गमाण $ गय लक्खण-राम सुपुज्जमाण
{प॰च॰३१,३.२} थोवन्तरेॅ मच्छुत्थल्ल देन्ति $ गोला-णइ दिट्ठ समुव्वहन्ति
{प॰च॰३१,३.३} सुंसुअर-घोर-घुरुघुरुहुरन्ति $ करि-मयरड्डोहिय-डुहुडुहन्ति
{प॰च॰३१,३.४} डिण्डीर-सण्ड-मण्डलिउ देन्ति $ दद्दुरय-रडिय-दुरुदुरुदुरन्ति
{प॰च॰३१,३.५} कल्लोलुल्लोलहिॅ उव्वहन्ति $ उग्घोस-घोस-घवघवघवन्ति
{प॰च॰३१,३.६} पडिखलण-वलण-खलखलखलन्ति $ खलखलिय-खडक्क-झडक्क देन्ति
{प॰च॰३१,३.७} ससि-सङ्ख-कुन्द-धवलोज्झरेण $ कारण्डुड्डाविय-डम्वरेण
घत्ता॒
{प॰च॰३१,३.८} फेणावलि-वङ्किय $ वलयालङ्किय $ णं महि-कुलवहुअहेॅ तणिय
जलणिहि-भत्तारहेॅ $ मोत्तिय-हारहेॅ $ वाह पसारिय दाहिणिय
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ४॒
{प॰च॰३१,४.१} थोवन्तरेॅ वल-णारायणेहिॅ $ खेमञ्जलि-पट्टणु दिट्ठु तेहिॅ
{प॰च॰३१,४.२} अरिदमणु णराहिउ वसइ जेत्थु $ अइचण्डु पयण्डु ण को वि तेत्थु
{प॰च॰३१,४.३} रज्जेसरु जो सव्वहँ वरिट्ठु $ सो पहु पहियाह मि मूलेॅ दिट्ठु
{प॰च॰३१,४.४} णह-भासुरु जो लङ्गूल-दीहु $ सो मायङ्गेहि मि लइउ सीहु
{प॰च॰३१,४.५} जो दुद्दम-दाणव-सिमिर-चूरु $ सो तिय-मुहयन्दहेॅ तसइ सूरु
{प॰च॰३१,४.६} जं रायहँ तं छत्तह मि छित्तु $ जं सुहडहँ तं कुड्डह मि चित्तु
{प॰च॰३१,४.७} तहेॅ णयरहेॅ थिउ अवरुत्तरेण $ उज्जाणु अद्ध-कोसन्तरेण
{प॰च॰३१,४.८} सुरसेहरु णामें जगेॅ पयासु $ णं अग्घ-विहत्थउ थिउ वलासु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,४.९} तहिॅ तेहऍ उववणेॅ $ णव-तरुवर-घणेॅ $ जहिॅ अमरिन्दु रइ करइ
तहिॅ णिलउ करेप्पिणु $ वे वि थवेप्पिणु $ लक्खणु णयरेॅ पईसरइ
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ५॒
{प॰च॰३१,५.१} पइसन्तें पुर-वाहिरेॅ करालु $ भड-मडय-पुञ्जु दीसइ विसालु
{प॰च॰३१,५.२} ससि-सङ्ख-कुन्द-हिम-दुद्ध-धवलु $ हरहार-हंस-सरयब्भ-विमलु
{प॰च॰३१,५.३} तं पेक्खेॅवि लहु हरिसिय-मणेण $ गोवाल पपुच्छिय लक्खणेण
{प॰च॰३१,५.४} "इउ दीसइ काइँ महा-पयण्डु $ णं णिम्मलु हिमगिरि-सिहर-कण्डु"
{प॰च॰३१,५.५} तं णिसुणेॅवि गोवहिॅ वुत्तु एम $ "किं एह वत्त पइँ ण सुअ देव
{प॰च॰३१,५.६} अरिदमण-धीय जियपउम-णाम $ भड-थड-संघारणि जिह दुणाम
{प॰च॰३१,५.७} सा अज्ज वि अच्छइ वर-कुमारि $ पच्चक्ख णाइँ आइय कु-मारि
{प॰च॰३१,५.८} तहेॅ कारणेॅ जो जो मरइ जोहु $ सो घिप्पइ तं हड्ड इरि एहु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,५.९} जो घइँ अवगण्णेॅवि $ तिण-समु मण्णेॅवि $ पञ्च वि सत्तिउ धरइ णरु
पडिवक्ख-विमद्दणु $ णयणाणन्दणु $ सो पर होसइ ताहेॅ वरु"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ६॒
{प॰च॰३१,६.१} तं वयणु सुणेप्पिणु दुण्णिवारु $ रोमञ्चिउ खणेॅ लक्खण-कुमारु
{प॰च॰३१,६.२} वियड-प्पय-छोहेॅहिॅ पुणु पयट्टु $ णं केसरि मयगल-मइयवट्टु
{प॰च॰३१,६.३} कत्थइ कप्पद्दुम दिट्ठ तेण $ णं पन्थिय थिय णयरासएण
{प॰च॰३१,६.४} कत्थइ मालइ-कुसुमइँ खिवन्ति $ सीस व सुकइहेॅ जसु विक्खिरन्ति
{प॰च॰३१,६.५} कत्थइ लक्खइ सरवर विचित्त $ अवगाहिय सीयल जिह सुमित्त
{प॰च॰३१,६.६} कत्थइ गोरसु सव्वहँ रसाह्ũ $ णं णिग्गउ माणु हरेवि ताह्ũ
{प॰च॰३१,६.७} कत्थइ आवाह डज्झन्ति केम $ दुज्जण-दुव्वयणेॅहिॅ सुयण जेम
{प॰च॰३१,६.८} कत्थइ अरहट्ट भमन्ति केम $ संसारिय भव-संसारेॅ जेम
{प॰च॰३१,६.९} णं धउ हक्कारइ "एहि एहि $ भो लक्खण लहु जियपउम लेहि"
घत्ता॒
{प॰च॰३१,६.१०} वारुब्भड-वयणें $ दीहिय-णयणें $ देउल-दाढा-भासुरेॅण
णं गिलिउ जणद्दणु $ असुर-विमद्दणु $ एन्तउ णयर-णिसायरेॅण
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ७॒
{प॰च॰३१,७.१} पायार-भुऍहिॅ पुरणाइँतेण $ अवरुण्डिउ लक्खणु णाइँ तेण
{प॰च॰३१,७.२} कत्थइ कुम्भा सहु णाडएहिॅ $ ण णड णाणाविह-णाडएहिॅ
{प॰च॰३१,७.३} कत्थइ वंसारि समुद्ध-वंस $ णावइ सु-कुलीण विसुद्ध-वंस
{प॰च॰३१,७.४} कत्थइ धय-वड णच्चन्ति एम $ वरि अम्हि सुरायर सग्गेॅ जेम
{प॰च॰३१,७.५} कत्थइ लोहारेॅहिॅ लोहकण्डु $ पिट्टिज्जइ णरऍ व पावपिण्डु
{प॰च॰३१,७.६} तं हट्टमग्गु मेल्लेॅवि कुमारु $ णिविसेण पराइउ रायवारु
{प॰च॰३१,७.७} पडिहारु वुत्तु "कहि गम्पि एम $ वरु वुच्चइ आइउ एक्कु देव
{प॰च॰३१,७.८} जियपउमहेॅ माण-मरट्ट-दलणु $ पर-वल-मसक्कु दरियारि-दमणु
{प॰च॰३१,७.९} रिउ-संघायहेॅ संघाय-करणु $ सह्ũ सत्तिहिॅ तुज्झु वि सत्ति-हरणु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,७.१०} (अह) किं वहुएं जम्पिऍण $ णिप्फल-चविऍण $ एम भणहि तं अरिदमणु
दस-वीस ण पुच्छइ $ सउ वि पडिच्छइ $ पञ्चहँ सत्तिहिॅ को गहणु"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ८॒
{प॰च॰३१,८.१} तं णिसुणेवि गउ पडिहारु तेत्थु $ सह-मण्डवेॅ सो अरिदमणु जेत्थु
{प॰च॰३१,८.२} पणवेप्पिणु वुच्चइ तेण राउ $ "परमेसर विण्णत्तिऍ पसाउ
{प॰च॰३१,८.३} भडु कालें चोइउ आउ इक्कु $ ण मुणह्ũ किं अक्कु मियङ्कु सक्कु
{प॰च॰३१,८.४} किं कुसुमाउहु अतुलिय-पयाउ $ पर पञ्च वाण णउ एक्कु चाउ
{प॰च॰३१,८.५} तहेॅ णरहेॅ णवल्ली भङ्गि का वि $ फिट्टइ ण लच्छि अङ्गहेॅ कयावि
{प॰च॰३१,८.६} सो चवइ एम जियपउम लेमि $ किं पञ्चहिॅ दस सत्तिउ धरेमि"
{प॰च॰३१,८.७} तं णिसुणेॅवि पभणइ सत्तुदमणु $ "पेक्खमि कोक्कहि वरइत्तु कवणु"
{प॰च॰३१,८.८} पडिहारें सद्दिउ आउ कण्हु $ जयलच्छि-पसाहिउ जुज्झ-तण्हु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,८.९} अच्चुब्भड-वयणेॅहिॅ $ दीहर-णयणेॅहिॅ $ णरवइ-विन्दहिॅ दुज्जएहिॅ
लक्खिज्जइ लक्खणु $ एन्तु स-लक्खणु $ जेम मइन्दु महागऍहिॅ
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ९॒
{प॰च॰३१,९.१} लक्खणु पासु पराइउ जं जे $ वुत्तु णिवेण हसेप्पिणु तं जे
{प॰च॰३१,९.२} "को जियपउम लएवि समत्थु $ केण हुवासणेॅ ढोइउ हत्थु
{प॰च॰३१,९.३} केण सिरेण पडिच्छिउ वज्जु $ केण कियन्तु वि घाइउ अज्जु
{प॰च॰३१,९.४} केण णहङ्गणु छित्तु करग्गें $ केण सुरिन्दु परज्जिउ भोग्गें
{प॰च॰३१,९.५} केण वसुन्धरि दारिय पाएं $ केण पलोट्टिउ दिग्गउ घाएं
{प॰च॰३१,९.६} केण सुरेहहेॅ भग्गु विसाणु $ केण तलप्पऍ पाडिउ भाणु
{प॰च॰३१,९.७} लङ्घिउ केण समुद्दु असेसु $ कें फण-मण्डवेॅ चूरिउ सेसु
{प॰च॰३१,९.८} केण पहञ्जणु वद्धु पडेण $ मेरु-महागिरि टालिउ केण
घत्ता॒
{प॰च॰३१,९.९} जिह तुह्ũ तिह अण्ण वि $ णीसावण्ण वि $ गरुयइँ गज्जिय वहुय णर
महु सत्ति-पहारेॅहिॅ $ रणेॅ दुव्वारेॅहिॅ $ किय सय-सक्कर दिट्ठ पर"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १०॒
{प॰च॰३१,१०.१} अरिदमणें भडु जं अहिखित्तु $ महुमहु जेम दवग्गि पलित्तु
{प॰च॰३१,१०.२} "हũ जियपउम लएवि समत्थु $ मइँ जि हुआसणेॅ ढोइउ हत्थु
{प॰च॰३१,१०.३} मइँ जि सिरेण पडिच्छिउ वज्जु $ मइँ जि कियन्तु वि घाइउ अज्जु
{प॰च॰३१,१०.४} मइँ जि णहङ्गणु छित्तु करग्गें $ मइँ जि सुरिन्दु परज्जिउ भोग्गें
{प॰च॰३१,१०.५} मइँ जि वसुन्धरि दारिय पाएं $ मइँ जि पलोट्टिउ दिग्गउ घाएं
{प॰च॰३१,१०.६} मइँ जि सुरेहहेॅ भग्गु विसाणु $ मइँ जि तलप्पऍ पाडिउ भाणु
{प॰च॰३१,१०.७} लङ्घिउ मइँ जि समुद्दु असेसु $ मइँ फण-मण्डवेॅ चूरिउ सेसु
{प॰च॰३१,१०.८} मइँ जि पहञ्जणु वद्धु पडेण $ मेरु-महागिरि टालिउ जेण
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१०.९} हũ तिहुअण-डामरु $ हũ अजरामरु $ हũ तेत्तीसह्ũ रणेॅ अजउ
खेमञ्जलि-राणा $ अवुह अयाणा $ मेल्लि सत्ति जइ सत्ति तउ"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक ११॒
{प॰च॰३१,११.१} तं णिसुणेॅवि खेमञ्जलि-राणउ $ उट्ठिउ गलगज्जन्तु पहाणउ
{प॰च॰३१,११.२} सत्ति-विहत्थउ सत्ति-पगासणु $ धगधगधगधगन्तु स-हुआसणु
{प॰च॰३१,११.३} अम्वरेॅ तेय-पिण्डु णउ दिणयरु $ णिय-मज्जाय-चत्तु णउ सायरु
{प॰च॰३१,११.४} जणेॅ अणवरय-दाणु णउ मयगलु $ परमण्डल-विणासु णउ मण्डलु
{प॰च॰३१,११.५} रामायणहेॅ मज्झेॅ णउ रामणु $ भीम-सरीरु ण भीमु भयावणु
{प॰च॰३१,११.६} तेण विमुक्क सत्ति गोविन्दहेॅ $ णं हिमवन्तें गङ्ग समुद्दहेॅ
{प॰च॰३१,११.७} धाइय धगधगन्ति समरङ्गणेॅ $ णं तडि तडयडन्ति णह-अङ्गणेॅ
{प॰च॰३१,११.८} सुरवर णहेॅ वोल्लन्ति परोप्परु $ "एण पहारें जीवइ दुक्करु"
घत्ता॒
{प॰च॰३१,११.९} एत्थन्तरेॅ कण्हें $ जय-जस-तण्हें $ धरिय सत्ति दाहिण-करेण
संकेयहेॅ ढुक्की $ थाणहेॅ चुक्की $ णावइ पर-तिय पर-णरेण
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १२॒
{प॰च॰३१,१२.१} धरिय सत्ति जं समरेॅ समत्थें $ मेल्लिउ कुसुम-वासु सुर-सत्थें
{प॰च॰३१,१२.२} पुण्णिम-इन्दु-रुन्द-मुह-सोमहेॅ $ केण वि कहिउ गम्पि जियपोमहेॅ
{प॰च॰३१,१२.३} "सुन्दरि पेक्खु पेक्खु जुज्झन्तहेॅ $ णोखी का वि भङ्गि वरइत्तहेॅ
{प॰च॰३१,१२.४} जा तउ ताएं सत्ति विसज्जिय $ लग्ग हत्थेॅ असइ व्वालज्जिय
{प॰च॰३१,१२.५} णर-भमरेण एण अकलङ्कउ $ पर चुम्वेवउ तुह मुह-पङ्कउ"
{प॰च॰३१,१२.६} तं णिसुणेप्पिणु विहसिय-वयणऍ $ णव-कुवलय-दल-दीहर-णयणऍ
{प॰च॰३१,१२.७} जाल-गवक्खऍ जो अन्तर-पडु $ णाइँ सहत्थें फेडिउ मुह-वडु
{प॰च॰३१,१२.८} लक्खणु णयण-कडक्खिउ कण्णऍ $ णं जुज्झन्तु णिवारिउ सण्णऍ
{प॰च॰३१,१२.९} ताम कुमारें दिट्ठु सुदंसणु $ धवलहरम्वरेॅ मुह-मयलञ्छणु
{प॰च॰३१,१२.१०} सुह-णक्खत्तेॅ सुजोग्गेॅ सुहङ्करु $ णयणामेलउ जाउ परोप्परु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१२.११} एत्थन्तरेॅ दुट्ठें $ मुक्कारुट्ठें $ लहु अण्णेक्क सत्ति णरेॅण
स वि धरिय सरग्गें $ वाम-करग्गें $ णावइ णव-वहु णव-वरेॅण
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १३॒
{प॰च॰३१,१३.१} अण्णेक्क मुक्क वहु-मच्छरेण $ वज्जासणि णाइँ पुरन्दरेण
{प॰च॰३१,१३.२} स हि दाहिण-कक्खहिॅ छुद्ध तेण $ अवरुण्डिय वेस व कामुएण
{प॰च॰३१,१३.३} अण्णेक्क विसज्जिय धगधगन्ति $ णं सिहि-सिह जाला-सय मुअन्ति
{प॰च॰३१,१३.४} स वि धरिय एन्ति णारायणेण $ वामद्धें गोरि व तिणयणेण
{प॰च॰३१,१३.५} णं महिहरु देवइणन्दणेण $ पञ्चमिय मुक्क वहु-मच्छरेण
{प॰च॰३१,१३.६} पम्मुक्क पधाइय णरवरासु $ णं कन्त सुकन्तहेॅ सुहयरासु
{प॰च॰३१,१३.७} स विसाणेॅहिॅ एन्ति णिरुद्ध केम $ णव-सुरय-समागमेॅ जुवइ जेम
{प॰च॰३१,१३.८} एत्थन्तरेॅ देवहिॅ लक्खणासु $ सिरेॅ मुक्क पडीवउ कुसुम-वासु
{प॰च॰३१,१३.९} अरिदमणु ण सोहइ सत्ति-हीणु $ खल-कुपुरिसु व्व थिउ सत्ति-हीणु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१३.१०} हरि रोमञ्चिय-तणु $ सहइ स-पहरणु $ रण-मुहेॅ परिसक्कन्तु किह
रत्तुप्पल-लोयणु $ रस-वस-भोयणु $ पञ्चाउहु वेयालु जिह
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १४॒
{प॰च॰३१,१४.१} समरङ्गणेॅ असुर-परायणेण $ अरिदमणु वुत्तु णारायणेण
{प॰च॰३१,१४.२} "खल खुद्द पिसुण मच्छरिय राय $ मइँ जेम पडिच्छिय पञ्च घाय
{प॰च॰३१,१४.३} तिह तुहु मि पडिच्छहि एक्क सत्ति $ जइ अत्थि का वि मणेॅ मणुस-सत्ति"
{प॰च॰३१,१४.४} किर एम भणेप्पिणु हणइ जाम $ जियपउमऍ घत्तिय माल ताम
{प॰च॰३१,१४.५} "भो साहु साहु रणेॅ दुण्णिरिक्ख $ मं पहरु देव देइ जणण-भिक्ख
{प॰च॰३१,१४.६} जें समरेॅ परज्जिउ सत्तुदमणु $ पइँ मुऍवि अण्णु वरइत्तु कवणु"
{प॰च॰३१,१४.७} तं वयणु सुणेप्पिणु लक्खणेण $ आउद्धइँ घित्तइँ तक्खणेण
{प॰च॰३१,१४.८} मुक्काउहु गउ अरिदमण-पासु $ सहसक्खु व पणविउ जिणवरासु
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१४.९} "जं अमरिस-कुद्धें $ जय-जस-लुद्धें $ विप्पिउ किउ तुम्हेहिॅ सह्ũ
अण्णु वि रेकारिउ $ कह वि ण मारिउ $ तं मरुसेज्जहि माम महु"
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १५॒
{प॰च॰३१,१५.१} खेमञ्जलिपुर-परमेसरेण $ सोमित्ति वुत्तु रज्जेसरेण
{प॰च॰३१,१५.२} "किं जम्पिएण वहु-अमरिसेण $ लइ लइय कण्ण पइँ पउरिसेण
{प॰च॰३१,१५.३} तुह्ũ दीसहि दणु-माहप्प-चप्पु $ कहेॅ कवणु गोत्तु का माय वप्पु"
{प॰च॰३१,१५.४} महुमहणु पवोल्लिउ "णिसुणि राय $ महु दसरहु ताउ सुमित्ति माय
{प॰च॰३१,१५.५} अण्णु वि पयडउ इक्खक्कु-वंसु $ वड्डारउ जिह तरुवरहेॅ वंसु
{प॰च॰३१,१५.६} वे अम्हइँ लक्खण-राम भाय $ वणवासहेॅ रज्जु मुएवि आय
{प॰च॰३१,१५.७} उज्जाणेॅ तुहारऍ असुर-मद्दु $ सह्ũ सीयऍ अच्छइ रामभद्दु"
{प॰च॰३१,१५.८} वयणेण तेण कण्टइउ राउ $ संचल्लु णवर साहण-सहाउ
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१५.९} जण-मण-परिओसें $ तूर-णिघोसें $ णरवइ कहि मि ण माइयउ
जहिॅ रामु स-भज्जउ $ वाहु-सहेज्जउ $ तं उद्देसु पराइयउ
कण्ड २, संधि ३१, कडवक १६॒
{प॰च॰३१,१६.१} एत्थन्तरेॅ पर-वल-भड-णिसामु $ उट्ठिउ जण-णिवहु णिएवि रामु
{प॰च॰३१,१६.२} करेॅ धणुहरु लेइ ण लेइ जाम $ सकलत्तउ लक्खणु दिट्ठु ताम
{प॰च॰३१,१६.३} सुरवइ व स-भज्जउ रहेॅ णिविट्ठु $ अण्णेक्कु पासेॅ अरिदमणु दिट्ठु
{प॰च॰३१,१६.४} सन्दणहेॅ तरेप्पिणु दुण्णिवारु $ रामहेॅ चलणेॅहिॅ णिवडिउ कुमारु
{प॰च॰३१,१६.५} जियपउम स-विब्भम पउम-चलण(?) $ पउमच्छि पफुल्लिय-पउम-वयण
{प॰च॰३१,१६.६} पउमहेॅ पय-पउमेॅहिॅ पडिय कण्ण $ तेण वि सु-पसत्थासीस दिण्ण
{प॰च॰३१,१६.७} एत्थन्तरेॅ मामें ण किउ खेउ $ कणय-रहेॅ चडाविउ रामएउ
{प॰च॰३१,१६.८} पडु पडह पहय किय-कलयलेहिॅ $ उच्छाहेॅहिॅ धवलेॅहिॅ मङ्गलेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३१,१६.९} रहेॅ एक्केॅ णिविट्ठइँ $ णयरेॅ पइट्ठइँ $ सीय-वलइँ वलवन्ताइँ
णारायणु णारि वि $ थियइँ चयारि वि $ रज्जु स इं भु ञ्ज न्त इँ
[३२. वत्तीसमो संधि] ----------
हलहर-चक्कहर $ परचक्क-हर $ जिणवर-सासणेॅ अणुराइय
मुणि-उवसग्गु जहिॅ $ विहरन्त तहिॅ $ वंसत्थलु णयरु पराइय
कण्ड २, संधि ३२, कडवक १॒
{प॰च॰३२,१.१} ताम विसन्थुलु पाणक्कन्तउ $ दिट्ठु असेसु वि जणु णासन्तउ
{प॰च॰३२,१.२} दुम्मणु दीण-वयणु विद्दाणउ $ गउ विच्छत्त व गलिय-विसाणउ
{प॰च॰३२,१.३} पण्णय-णिवहु व फणिमणि-तोडिउ $ गिरि-णिवहु व वज्जासणि-फोडिउ
{प॰च॰३२,१.४} पङ्कय-सण्डु व हिम-पवणाहउ $ उब्भड-वयणु समुब्भिय-वाहउ
{प॰च॰३२,१.५} जणवउ जं णासन्तु पदीसिउ $ राहवचन्दें पुणु मम्भीसिउ
{प॰च॰३२,१.६} "थक्कहेॅ मं भज्जहेॅ मं भज्जहेॅ $ अभउ अभउ भउ सयलु विवज्जहेॅ"
{प॰च॰३२,१.७} ताम दिट्ठु ओकण्डिय-माणउ $ णासन्तउ वंसत्थल-राणउ
{प॰च॰३२,१.८} तेण वुत्तु "मं णयरेॅ पईसहेॅ $ तिण्णि मि पाण लएप्पिणु णासहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,१.९} एत्तिउ एत्थु पुरेॅ $ गिरिवर-सिहरेॅ $ जो उट्ठइ णाउ भयङ्करु
तेण महन्तु डरु $ णिवडन्ति तरु $ मन्दिरइँ जन्ति सय-सक्करु
कण्ड २, संधि ३२, कडवक २॒
{प॰च॰३२,२.१} ऍउ दीसइ गिरिवर-सिहरु जेत्थु $ उवसग्गु भयङ्करु होइ तेत्थु
{प॰च॰३२,२.२} वाओलि धूलि दुव्वाइ एइ $ पाहण पडन्ति महि थरहरेइ
{प॰च॰३२,२.३} धर भमइ समुट्ठइ सीह-णाउ $ वरिसन्ति मेह णिवडइ णिहाउ
{प॰च॰३२,२.४} तें कज्जें णासइ सयलु लोउ $ मं तुम्ह वि उहु उवसग्गु होउ"
{प॰च॰३२,२.५} तं णिसुणेवि सीय मणेॅ कम्पिय $ भीय-विसन्थुल एव पजम्पिय
{प॰च॰३२,२.६} "अम्हह्ũ देसें देसु भमन्तह्ũ $ कवणु पराहउ किर णासन्तह्ũ"
{प॰च॰३२,२.७} तं णिसुणेवि भणइ दामोयरु $ "वोल्लिउ काइँ माऍ पइँ कायरु
{प॰च॰३२,२.८} विहि मि जाम करेॅ अतुल-पयावइँ $ सायर-वज्जावत्तइं चावइँ
{प॰च॰३२,२.९} जाम विहि मि जय-लच्छि परिट्ठिय $ तोणीरहिॅ णाराय अहिट्ठिय
{प॰च॰३२,२.१०} ताम माऍ तुह्ũ कहेॅ आसङ्कहि $ विहरु विहरु मा मुहु ओवङ्कहि
घत्ता॒
{प॰च॰३२,२.११} धीरेॅवि जणय-सुय $ कोवण्ड-भुय $ संचल्ल वे वि वल-केसव
सग्गहेॅ अवयरिय $ सइ-परियरिय $ इन्द-पडिन्द-सुरेस व
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ३॒
{प॰च॰३२,३.१} पहन्तरेॅ भयङ्करो $ झसाल-छिण्ण-कक्करो
{प॰च॰३२,३.२} वलो व्व सिङ्ग-दीहरो $ णियच्छिओ महीहरो
{प॰च॰३२,३.३} कहिॅ जेॅ भीम-कन्दरो $ झरन्त-णीर-णिज्झरो
{प॰च॰३२,३.४} कहिॅ जि रत्तचन्दणो $ तमाल-ताल-वन्दणो
{प॰च॰३२,३.५} कहिॅ जि दिट्ठ छारया $ लवन्त मत्त-मोरया
{प॰च॰३२,३.६} कहिॅ जि सीह-गण्डया $ धुणन्त-पुच्छ-दण्डया
{प॰च॰३२,३.७} कहिॅ जि मत्त-णिब्भरा $ गुलुग्गुलन्ति कुञ्जरा
{प॰च॰३२,३.८} कहिॅ जि दाढ-भासुरा $ घुरुग्घुरन्ति सूयरा
{प॰च॰३२,३.९} कहिॅ जि पुच्छ-दीहरा $ किलिक्किलन्ति वाणरा
{प॰च॰३२,३.१०} कहिॅ जि थोर-कन्धरा $ परिब्भमन्ति सम्वरा
{प॰च॰३२,३.११} कहिॅ जि तुङ्ग-अङ्गया $ हयारि तिक्खसिङ्गया
{प॰च॰३२,३.१२} कहिॅ जि आणणुण्णया $ कुरङ्ग वुण्ण-कण्णया
घत्ता॒
{प॰च॰३२,३.१३} तहिॅ तेहऍ सइलेॅ $ तरुवर-वहलेॅ $ आरूढ वे वि हरि-हलहर
जाणइ-विज्जुलऍ $ धवलुज्जलऍ $ चिञ्चइय णाइँ णव जलहर
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ४॒
{प॰च॰३२,४.१} पिहुल-णियम्व-विम्व-रमणीयहेॅ $ राहउ दुम दरिसावइ सीयहेॅ
{प॰च॰३२,४.२} ऍहु सो धणेॅ णग्गोह-पहाणु $ जहिॅ रिसहहेॅ उप्पण्णउ णाणु
{प॰च॰३२,४.३} ऍहु सो सत्तवन्तु किं ण मुणिउ $ अजिउ स-णाण-देहु जहिॅ पथुणिउ
{प॰च॰३२,४.४} ऍहु सो इन्दवच्छु सुपसिद्धउ $ जहिॅ संभव-जिणु णाण-समिद्धउ
{प॰च॰३२,४.५} ऍहु सो सरलु सहलु संभूअउ $ अहिणन्दणु स-णाणु जहिॅ हूअउ
{प॰च॰३२,४.६} ऍहु पीयङ्गु सीऍ सच्छायउ $ सुमइ स-णाणपिण्डु जहिॅ जायउ
{प॰च॰३२,४.७} ऍहु सो सालु सीऍ णियच्छिउ $ पउमप्पहु स-णाणु जहिॅ अच्छिउ
{प॰च॰३२,४.८} ऍहु सो सिरिसु महद्दुमु जाणइ $ णाणु सुपासेॅ भणेॅवि जगु जाणइ
{प॰च॰३२,४.९} ऍहु सो णागरुक्खु चन्दप्पहेॅ $ णाणुप्पत्ति जेत्थु चन्दप्पहेॅ
{प॰च॰३२,४.१०} ऍहु सो मालइरुक्खु पदीसिउ $ पुप्फयन्तु जहिॅ णाण-विहूसिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,४.११} ऍहु सो पक्खतरु $ फल-फुल्ल-भरु $ तेन्दुइ-समाणु दुह-णासह्ũ
जहिॅ परिहूयाइँ $ संभूयाइँ $ णाणइँ सीयल-सेयंसह्ũ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ५॒
{प॰च॰३२,५.१} ऍह सा पाडलि सुहल सुपत्ती $ वासुपुज्जेॅ जहिॅ णाणुप्पत्ती
{प॰च॰३२,५.२} ऍसु सो जम्वू एहु असत्थु $ विमलाणन्तह्ũ णाण-समत्थु
{प॰च॰३२,५.३} उहु दहिवण्ण-णन्दि सुपसिद्धा $ धम्म-सन्ति जहिॅ णाण-समिद्धा
{प॰च॰३२,५.४} उहु साहार-तिलउ दीसन्ति $ कुन्थु-अरह्ũ जहिॅ णाणुप्पत्ति
{प॰च॰३२,५.५} ऍहु सो तरु कङ्केल्लि-पहाणु $ मल्लिजिणहेॅ जहिॅ केवल-णाणु
{प॰च॰३२,५.६} ऍहु सो चम्पउ किण्ण णियच्छिउ $ मुणि सुव्वउ स-णाणु जहिॅ अच्छिउ
{प॰च॰३२,५.७} इय उत्तिम-तरु इन्दु वि वन्दइ $ जणु कज्जेण तेण अहिणन्दइ"
{प॰च॰३२,५.८} एम चवन्त पत्त वल-लक्खण $ जहिॅ कुलभूसण-देसविहूसण
{प॰च॰३२,५.९} दिवस चयारि अणङ्ग-वियारा $ पडिमा-जोगें थक्क भडारा
घत्ता॒
{प॰च॰३२,५.१०} वेन्तर-घोणसेॅहिॅ $ आसीविसेॅहिॅ $ अहि-विच्छिय-वेल्लि-सहासेॅहिॅ
वेढिय वे वि जण $ सुह-लुद्ध-मण $ पासण्डिय जिह पसु-पासेॅहिॅ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ६॒
{प॰च॰३२,६.१} जं दिट्ठु असेसु वि अहि-णिहाउ $ वलएउ भयङ्करु गरुडु जाउ
{प॰च॰३२,६.२} तोणीर-पक्खु वइदेहि-चञ्चु $ पक्खुज्जल-सर-रोमञ्च-कञ्चु
{प॰च॰३२,६.३} सोमित्ति-वियड-विप्फुरिय-वयणु $ णाराय-तिक्ख-णिड्डरिय-णयणु
{प॰च॰३२,६.४} दोण्णि वि कोवण्डइँ कण्ण दो वि $ थिउ राहउ भीसणु गरुडु होवि
{प॰च॰३२,६.५} तं णयण-कडक्खेॅवि दुग्गम्मेहिॅ $ परिचिन्तिउ कज्जु भुअङ्गमेहिॅ
{प॰च॰३२,६.६} "लहु णासह्ũ किं णर-संगमेण $ खज्जेसह्ũ गरुड-विहण्गमेण"
{प॰च॰३२,६.७} एत्थन्तरेॅ विहडिय अहि मयन्ध $ गय खयहेॅ णाइँ मुणि-कम्मवन्ध
{प॰च॰३२,६.८} भय-भीय विसन्थुल मणेॅण तट्ठ $ खर-पवण-पहय घण जिह पणट्ठ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,६.९} वेल्ली-सङ्कुलहेॅ $ वंसत्थलहेॅ $ विसहर-फुक्कार-करालहेॅ
जाय पगास रिसि $ णहेॅ सूर-ससि $ उम्मिल्ल णाइँ घण-जालहेॅ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ७॒
{प॰च॰३२,७.१} अहि-णिवहु जं जेॅ गउ ओसरेॅवि $ मुणि वन्दिय जोग-भत्ति करेॅवि
{प॰च॰३२,७.२} "जे भव-संसारारिहेॅ डरिय $ सिव-सासय-गमणहेॅ अइतुरिय
{प॰च॰३२,७.३} विहिॅ दोसहिॅ जे ण परिग्गहिय $ विहिॅ वज्जिय विहिॅ झाणहिॅ सहिय
{प॰च॰३२,७.४} तिहिॅ जाइ-जरा-मरणेॅहिॅ रहिय $ दंसण-चारित्त-णाण-सहिय
{प॰च॰३२,७.५} जे चउगइ-चउकसाय-महण $ चउ-मङ्गल-कर चउ-सरण-मण
{प॰च॰३२,७.६} जे पञ्च-महव्वय-दुधर-धर $ पञ्चेन्दिय-दोस-विणासयर
{प॰च॰३२,७.७} छत्तीस-गुणड्ढि-गुणेॅहिॅ पवर $ छज्जीव-णिकायह्ũ खन्ति-कर
{प॰च॰३२,७.८} जिय जेहिॅ सभय सत्त वि णरय $ जे सत्त-सिवङ्कर अणवरय
{प॰च॰३२,७.९} कम्मट्ठ-मयट्ठ-दुट्ठ-दमण $ अट्ठविह-गुणड्ढी-सरसवण
घत्ता॒
{प॰च॰३२,७.१०} एक्केक्कोत्तरिय $ इय गुण-भरिय $ पुणु वन्दिय वल-गोविन्देॅहिॅ
गिरि-मन्दर-सिहरेॅ $ वर-वेइहरेॅ $ जिण-जुवलु व इन्द-पडिन्देॅहि
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ८॒
{प॰च॰३२,८.१} भावें तिहि मि जणेॅहिॅ धम्मज्जणु $ किउ चन्दण-रसेण सम्मज्जणु
{प॰च॰३२,८.२} पुप्फच्चणिय छुद्ध-सयवत्तेॅहिॅ $ पुणु आढत्तु गेउ मुणि-भत्तेॅहिॅ
{प॰च॰३२,८.३} रामु सुघोस वीण अप्फालइ $ जा मुणिवरहु मि चित्तइँ चालइ
{प॰च॰३२,८.४} जा रामउरिहिॅ आसि रवण्णी $ तूसेॅवि पूयण-जक्खें दिण्णी
{प॰च॰३२,८.५} लक्खणु गाइ सलक्खणु गेउ $ सत्त वि सर ति-गाम-सर-भेउ
{प॰च॰३२,८.६} एक्कवीस वर-मुच्छण-ठाणइँ $ एक्कुणपञ्चास वि सर-ताणइँ
{प॰च॰३२,८.७} ताल-विताल पणच्चइ जाणइ $ णव रस अट्ठ भाव जा जाणइ
{प॰च॰३२,८.८} दस दिट्ठिउ वावीस लयाइँ $ भरहें भरह-गविट्ठइँ जाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,८.९} भावें जणय-सुय $ चउसट्ठि भुय $ दरिसन्ति पणच्चइ जावेॅहिॅ
दिणयर-अत्थवणेॅ $ गिरि-गुहिल-वणेॅ $ उवसग्गु समुट्ठिउ तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ९॒
{प॰च॰३२,९.१} तो कोवग्गि-करम्विय-हासइँ $ दिट्ठइँ णहयलेॅ असुर-सहासइँ
{प॰च॰३२,९.२} अण्णइँ विप्फुरियाहर-वयणइँ $ अण्णइँ रत्तुम्मिल्लिय-णयणइँ
{प॰च॰३२,९.३} अण्णइँ पिङ्गङ्गइँ पिङ्गक्खइँ $ अण्णइँ णिम्मसइँ दुप्पेक्खइँ
{प॰च॰३२,९.४} अण्णइँ णहेॅ णच्चन्ति विवत्थइँ $ अण्णइँ तहिॅ चामुण्ड-विहत्थइँ
{प॰च॰३२,९.५} अण्णइँ कङ्कालइँ वेयालइँ $ कत्तिय-मडय-करइँ विकरालइँ
{प॰च॰३२,९.६} अण्णइँ मसि-वण्णइँ अपसत्थइँ $ णर-सिर-माल-कवाल-विहत्थइँ
{प॰च॰३२,९.७} अण्णइँ सोणिय-मइर पियन्तइँ $ णच्चन्तइँ घुम्मन्त-घुलन्तइँ
{प॰च॰३२,९.८} अण्णइँ किलकिलन्ति चउ-पासेॅहिॅ $ अण्णइँ कहकहन्ति उवहासेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,९.९} अण्णइँ भीसणइँ $ दुद्दरिसणइँ $ "मरु मारि मारि" जम्पन्तइँ
देसविहूसणहँ $ कुलभूसणहँ $ आयइँ उवसग्गु करन्तइँ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक १०॒
{प॰च॰३२,१०.१} पुणु अण्णइँ अण्णण्ण-पयारेॅहिॅ $ ढुक्कइँ विसहर-फण-फुक्कारेॅहिॅ
{प॰च॰३२,१०.२} अण्णइँ जम्वुव-सिव-फेक्कारेॅहिॅ $ वसह-झडक्क-मुक्क-ढेक्कारेॅहिॅ
{प॰च॰३२,१०.३} अण्णइँ करिवर-कर-सिक्कारेॅहिॅ $ सर-सन्धिय-धणु-गुण-टङ्कारेॅहिॅ
{प॰च॰३२,१०.४} अण्णइँ गद्दह-मण्डल-सद्देॅहिॅ $ अण्णइँ वहुविह-भेसिय-णद्देॅहिॅ
{प॰च॰३२,१०.५} अण्णइँ गिरिवर-तरुवर-घाऍहिॅ $ पाणिय-पाहण-पवणुप्पाऍहिॅ
{प॰च॰३२,१०.६} अण्णइँ अमरिस-रोस-फुरन्तइँ $ णयणेॅहिॅ अग्गि-फुलिङ्ग मुयन्तइँ
{प॰च॰३२,१०.७} अण्णइँ दह-वयणइँ सय-वयणइँ $ अण्णइँ सहस-मुहइँ वहु-णयणइँ
{प॰च॰३२,१०.८} तहिॅ तेहऍ वि कालेॅ मइ-विमलह्ũ $ तो वि ण चलिउ झाणु मुणि-धवलह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,१०.९} वइरु सरन्ताइँ $ पहरन्ताइँ $ सव्वल-हुलि-हल-मुसलग्गेॅहिॅ
कालें अप्पणउ $ भीसावणउ $ दरिसाविउ णं वहु-भङ्गेॅहिॅ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक ११॒
{प॰च॰३२,११.१} उवसग्गु णिऍवि हरिसिय-मणेॅहिॅ $ णीसङ्केॅहिॅ वल-णारायणेॅहिॅ
{प॰च॰३२,११.२} मम्भीसेॅवि सीय महावलेॅहिॅ $ मुणि-चलण धराविय करयलेॅहिॅ
{प॰च॰३२,११.३} धणुहरइँ विहि मि अप्फालियइँ $ णं सुर-भवणइँ संचालियइँ
{प॰च॰३२,११.४} वुण्णइँ भय-भीय-विसण्ठुलइँ $ णं रसियइँ णहयल-महियलइँ
{प॰च॰३२,११.५} तं सद्दु सुणेॅवि आसङ्कियइँ $ रिउ-चित्तइँ माण-कलङ्कियइँ
{प॰च॰३२,११.६} धणुहर-टङ्कारेॅहिॅ वहिरियइँ $ णट्ठइँ खल-खुद्दइँ वइरियइँ
{प॰च॰३२,११.७} णं अट्ठ वि कम्मइँ णिज्जियइँ $ णं पञ्चेन्दियइँ परज्जियइँ
{प॰च॰३२,११.८} णं णासेॅवि गयइँ परीसहइँ $ तिह असुर-सहासइँ दूसहइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,११.९} छुडु छुडु णट्ठाइँ $ भय-तट्ठाइँ $ मेल्लेप्पिणु मच्छरु माणु
ताव भडाराह्ũ $ वय-धाराह्ũ $ उप्पण्णउ केवल-णाणु
कण्ड २, संधि ३२, कडवक १२॒
{प॰च॰३२,१२.१} ताव मुणिन्दहँ णाणुप्पत्तिऍ $ आय सुरासुर वन्दणहत्तिऍ
{प॰च॰३२,१२.२} जेहिॅ कित्ति तइलोक्केॅ पगासिय $ जोइस वेन्तर भवण-णिवासिय
{प॰च॰३२,१२.३} पहिलउ भावण सङ्ख-णिणद्दें $ वेन्तर तूरयफालिय-सद्दें
{प॰च॰३२,१२.४} जोइस-देव वि सीह-णिणाएं $ कप्पामर जयघण्ट-णिणाएं
{प॰च॰३२,१२.५} संचलिएं चउ-देवणिकाएं $ छाइउ णहु णं घण-संघाएं
{प॰च॰३२,१२.६} वहइ विमाणु विमाणें चप्पिउ $ वाःणु वाहण-णिवह-झडप्पिउ
{प॰च॰३२,१२.७} तुरउ तुरङ्गमेण ओमाणिउ $ सन्दणु सन्दणेण संदाणिउ
{प॰च॰३२,१२.८} गयवरु गयवरेण पडिखलियउ $ लग्गेॅवि मउडेॅ मउडु उच्छलियउ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,१२.९} भावें पेल्लियउ $ भय-मेल्लियउ $ सुर-साहणु लीलऍ आवइ
लोयह्ũ मूढाह्ũ $ तमेॅ छूढाह्ũ $ णं धम्म-रिद्धि दरिसावइ
कण्ड २, संधि ३२, कडवक १३॒
{प॰च॰३२,१३.१} ताव पुरन्दरेण अइरावउ $ साहिउ जण-मण-णयण-सुहावउ
{प॰च॰३२,१३.२} सोह दिन्तु चउसट्ठी-णयणेॅहिॅ $ गुलुगुलन्तु वत्तीसहिॅ वयणेॅहिॅ
{प॰च॰३२,१३.३} वयणेॅ वयणेॅ अट्ठट्ठ विसाणइँ $ णाइँ सुवण्ण-णिवद्ध-णिहाणइँ
{प॰च॰३२,१३.४} एक्केक्कऍ विसाणेॅ जण-मणहरु $ एक्केक्कउ जेॅ परिट्ठउ सरवरु
{प॰च॰३२,१३.५} सरेॅ सरेॅ सर-परिमाणुप्पण्णी $ कमलिणि एक्क-एक्क णिप्पण्णी
{प॰च॰३२,१३.६} एक्केक्कहेॅ पउमिणिहेॅ विसालइँ $ पङ्कयाइँ वत्तीस स-णालइँ
{प॰च॰३२,१३.७} कमलेॅ कमलेॅ वत्तीस जि पत्तइँ $ पत्तेॅ पत्तेॅ णट्टाइ मि तेत्तइँ
{प॰च॰३२,१३.८} वद्धिउ जम्वूदीव-पमाणें $ पुणु जि परिट्ठिउ तेण जि थाणें
{प॰च॰३२,१३.९} तहिॅ दुग्घोट्टेॅ चडेॅवि सुर-सुन्दरु $ वन्दणहत्तिऍ आउ पुरन्दरु
{प॰च॰३२,१३.१०} पुरउ सुरिन्दहेॅ णयणाणन्देॅहिॅ $ गुरु पोमाइउ वन्दिण-वन्देॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३२,१३.११} "देवहेॅ दाणवहेॅ $ खल-माणवहेॅ $ रिसि-चलणेॅहिॅ केव ण लग्गहेॅ
जेहिॅ तवन्तऍहिॅ $ अचलन्तऍहिॅ $ इन्दु वि अवयारिउ सग्गहेॅ"
कण्ड २, संधि ३२, कडवक १४॒
{प॰च॰३२,१४.१} जिणवर-चलण-कमल-दल-सेवहिॅ $ केवल-णाण-पुज्ज किय देवहिॅ
{प॰च॰३२,१४.२} भणइ पुरन्दरु "अहेॅ अहेॅ लोयहेॅ $ जइ सङ्किय जर-मरण-विओयहेॅ
{प॰च॰३२,१४.३} जइ णिव्विण्णा चउ-गइ-गमणहेॅ $ तो कि ण ढुक्कहेॅ जिणवर-भवणहेॅ
{प॰च॰३२,१४.४} पुत्तु कलत्तु जाव मणेॅ चिन्तहेॅ $ जिणवर-विम्वु ताव कि ण चिन्तहेॅ
{प॰च॰३२,१४.५} चिन्तहेॅ जाव मासु मयरासणु $ कि ण चिन्तवहेॅ ताव जिणसासणु
{प॰च॰३२,१४.६} चिन्तहेॅ जाव रिद्धि सिय सम्पय $ कि ण चिन्तवहेॅ ताव जिणवर-पय
{प॰च॰३२,१४.७} चिन्तहेॅ जाव रूउ धणु जोव्वणु $ धण्णु सुवण्णु अण्णु घरु परियणु
{प॰च॰३२,१४.८} चिन्तहेॅ जाव वलिउ भुव-पञ्जरु $ कि ण चिन्तवहेॅ ताव परमक्खरु
घत्ता॒
{प॰च॰३२,१४.९} पेक्खहु धम्म-फलु $ चउरङ्ग-वलु $ पयहिण ति-वार देवाविउ
स इं भु वणेसरहेॅ $ परमेसरहेॅ $ अत्थक्कऍ सेव कराविउ"
[३३. तेत्तीसमो संधि] ----------
उप्पण्णऍ णाणेॅ $ पुच्छइ रहु-तणउ
"कुलभूसण-देव $ किं उवसग्गु कउ"
कण्ड २, संधि ३३, कडवक १॒
{प॰च॰३३,१.१} तं णिसुणेॅवि पभणइ परम-गुरु $ "सुणु जक्खथाणु णामेण पुरु
{प॰च॰३३,१.२} तहिॅ कासव-सुरव महाभविय $ एयारह-गुणथाणग्घविय
{प॰च॰३३,१.३} एक्कोवर किङ्कर पुरवइहेॅ $ णं तुम्वुरु-णारय सुरवइहेॅ
{प॰च॰३३,१.४} हम्मन्तु विहङ्गमु लुद्धऍहिॅ $ परिरक्खिउ तेहिॅ पवुद्धऍहिॅ
{प॰च॰३३,१.५} खगवइ पुणु वहुकालेण मुउ $ विञ्झाचलेॅ भिल्लाहिवइ हुउ
{प॰च॰३३,१.६} तो कासव-सुरव वे वि मरेॅवि $ थिय अमियसरहेॅ घरेॅ ओअरेॅवि
{प॰च॰३३,१.७} उवओवादेविहेॅ दोहलेॅहिॅ $ उप्पण्णा वड्डेॅहिॅ सोहलेॅहिॅ
{प॰च॰३३,१.८} वद्धावउ आयउ वन्धुजणु $ किउ उइय-मुइय णामग्गहणु
घत्ता॒
{प॰च॰३३,१.९} णं अमर-कुमार $ छुडु सग्गहेॅ पडिय
णाणङ्कुस-हत्थ $ जोव्वण-गऍ चडिय
कण्ड २, संधि ३३, कडवक २॒
{प॰च॰३३,२.१} तो पउमिणिपुर-परमेसरहेॅ $ दरिसाविय विजय-महीहरहेॅ
{प॰च॰३३,२.२} तेण वि णिय-सुअहेॅ जयन्धरहेॅ $ किय किङ्कर वड्ढिय-रणभरहेॅ
{प॰च॰३३,२.३} अच्छन्ति जाम भुञ्जन्ति सिय $ तो ताम जणेरहेॅ गमण-किय
{प॰च॰३३,२.४} पट्ठविउ णरिन्दें अमियसरु $ अइभूमि-लेह-रिञ्छोलि-धरु
{प॰च॰३३,२.५} वसुभूइ सहेज्जउ तासु गउ $ तें णवर पाण-विच्छोउ कउ
{प॰च॰३३,२.६} पल्लट्टइ पल्लट्टिउ भणेॅवि $ ते उइय-मुइय तिण-समु गणेॅवि
{प॰च॰३३,२.७} सो उवउवाएविऍ सह्ũ जियइ $ अमिओवमु अहर-पाणु पियइ
{प॰च॰३३,२.८} परियाणेॅवि जेट्ठें दुच्चरिउ $ वसुभूइहेॅ जीविउ अवहरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,२.९} उप्पण्णउ विञ्झेॅ $ होप्पिणु पल्लिवइ
पुव्वक्किउ कम्मु $ सव्वहेॅ परिणवइ
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ३॒
{प॰च॰३३,३.१} जय-पव्वय-पवरुज्जाणु जहिॅ $ रिसि-सङ्घु पराइउ ताव तहिॅ
{प॰च॰३३,३.२} किय रुक्खेॅ रुक्खेॅ आवास-किय $ णं रुक्खेॅ रुक्खेॅ अवइण्ण सिय
{प॰च॰३३,३.३} संजायइँ अङ्गइँ कोमलइँ $ अहियइँ पण्णइँ फुल्लइँ फलइँ
{प॰च॰३३,३.४} रिसि रुक्ख व अविचल होवि थिय $ किसलऍ परिवेढावेढि किय
{प॰च॰३३,३.५} रिसि रुक्ख व तवण-ताव तविय $ रिसि रुक्ख व मूल-गुणग्घविय
{प॰च॰३३,३.६} रिसि रुक्ख व आलवाल-रहिय $ रिसि रुक्ख व मोक्ख-फलब्भहिय
{प॰च॰३३,३.७} गउ णन्दणवणिउ तुरन्तु तहिॅ $ सो विजय-महीहर-राउ जहिॅ
{प॰च॰३३,३.८} "परमेसर केसरि-विक्कमेॅहिॅ $ उज्जाणु लइउ जइ-पुङ्गवेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,३.९} वारन्तहेॅ मज्झु $ उम्मग्गिम करेॅवि
रिसि-सीह-किसोर (व) $ थिय वणेॅ पइसरेॅवि
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ४॒
{प॰च॰३३,४.१} तं णिसुणेॅवि णरवइ गयउ तहिॅ $ आवासिउ महरिसि-सत्थु जहिॅ
{प॰च॰३३,४.३} वोल्लाविय "अहेॅ अहेॅ मुणिवरहेॅ $ अवुहहेॅ अयाण-परमक्खरहेॅ
{प॰च॰३३,४.३} परमप्पउ अप्पउ होवि थिउ $ कज्जेण केण रिसि-वेसु किउ
{प॰च॰३३,४.४} अइदुल्लहु लहेॅवि मणुअत्तणउ $ कें कज्जें विणडहेॅ अप्पणउ
{प॰च॰३३,४.५} कहेॅ केरउ परम-मोक्ख-गमणु $ वरि माणिउ मणहरु तरुणियणु
{प॰च॰३३,४.६} सच्छाइँ आयइँ अङ्गाइँ $ सोलह-आहरणहँ जोग्गाइँ
{प॰च॰३३,४.७} वित्थिण्णइँ आयइँ कडियलइँ $ हय-गय-रह-वाहण-पच्चलइँ
{प॰च॰३३,४.८} लायण्णइँ रूवइं जोव्वणइँ $ णिप्फलइँ गयइँ तुम्हहँ तणइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,४.९} सुपसिद्धउ लोऍ $ एक्कु वि तउ ण कउ
तुम्हार-किलेसु $ सयलु णिरत्थु गउ"
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ५॒
{प॰च॰३३,५.१} तो मोक्ख-रुक्ख-फल-वद्धणेॅण $ महिपालु वुत्तु मइवद्धणेॅण
{प॰च॰३३,५.२} "पइँ अप्पउ काइँ विडम्वियउ $ अच्छहि सुह-दुक्ख-करम्वियउ
{प॰च॰३३,५.३} कहेॅ घरु कहेॅ पुत्त-कलत्ताइँ $ धय-चिन्धइँ चामर-छत्ताइँ
{प॰च॰३३,५.४} स-विमाणइँ जाणइँ जोग्गाइँ $ रह-तुरय-महग्गय-दुग्गाइँ
{प॰च॰३३,५.५} धण-धण्णइँ जीविय-जोव्वणइँ $ जल-कीलउ पाणइँ उववणइँ
{प॰च॰३३,५.६} वइसणउ वसुन्धरि वज्जाइँ $ णउ कासु वि होन्ति सहेज्जाइँ
{प॰च॰३३,५.७} आयहिॅ वहुयहिॅ वेयारियइँ $ वम्भाणहँ लक्खइँ मारियइँ
{प॰च॰३३,५.८} सुरवइहिॅ सहासइँ पाडियइँ $ चक्कवइ-सयइँ णिद्धाडियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,५.९} एय वि अवरे वि $ कालें कवलु किय
सिय कहेॅ समाणु $ एक्कु वि पउ ण गय"
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ६॒
{प॰च॰३३,६.१} परमेसरु पुणु वि पुणु वि कहइ $ "जिउ तिण्णि अवत्थउ उव्वहइ
{प॰च॰३३,६.२} उप्पत्ति-जरा-मरणावसरु $ पहिलउ जेॅ णिवद्धउ देह-घरु
{प॰च॰३३,६.३} पुग्गल-परिमाण-सुत्तु धरेॅवि $ कर-चलण चयारि खम्भ करेॅवि
{प॰च॰३३,६.४} वहु-अत्थि-जिअन्तहिॅ ढङ्कियउ $ मासिट्टु चम्म-छुह-पङ्कियउ
{प॰च॰३३,६.५} सिर-कलसालङ्किउ संचरइ $ माणुसु वर-भवणहेॅ अणुहरइ
{प॰च॰३३,६.६} तरुणत्तणु जाम ताम वहइ $ पुणु पच्छऍ जुण्ण-भाउ लहइ
{प॰च॰३३,६.७} सिरु कम्पइ जम्पइ ण वि वयणु $ ण सुणन्ति कण्ण ण णियइ णयणु
{प॰च॰३३,६.८} ण चलन्ति चलण ण करन्ति कर $ जर-जज्जरिहोइ सरीरु पर
घत्ता॒
{प॰च॰३३,६.९} पुणु पच्छिम-कालेॅ $ णिवडइ देह-घरु
जिउ जेम विहङ्गु $ उड्डइ मुऍवि तरु"
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ७॒
{प॰च॰३३,७.१} तं णिसुणेॅवि णरवइ उवसमिउ $ णिय-णन्दणु णिय-पऍ सण्णिमिउ
{प॰च॰३३,७.२} अप्पुणु पुणु भाव-गाह-गहिउ $ णिक्खन्तु णराहिव-सय-सहिउ
{प॰च॰३३,७.३} तहिॅ उइय-मुइय णिग्गन्थ थिय $ कर-कमलेॅहिॅ केसुप्पाड किय
{प॰च॰३३,७.४} पुणु सवण-सङ्घु तहेॅ पुरवरहेॅ $ गउ वन्दणहत्तिऍ जिणवरहेॅ
{प॰च॰३३,७.५} सम्मेयहेॅ जन्त जन्त वलिय $ पहु छड्डेॅवि उप्पहेण चलिय
{प॰च॰३३,७.६} ते उइय-मुइय दुइ णिव्वडिय $ वसुभूइ-भिल्ल-पल्लिहेॅ पडिय
{प॰च॰३३,७.७} धाइउ धाणुक्कु वद्ध-वइरु $ गुञ्जाहल-णयणु पीय-मइरु
{प॰च॰३३,७.८} दुप्पेच्छ-वच्छु थिर-थोर-करु $ अप्फालिय-धणुहरु गहिर-सरु
घत्ता॒
{प॰च॰३३,७.९} वइरइँ ण कुहन्ति $ होन्ति ण जज्जरइँ
हउ हणइ णिरुत्तु $ सत्त-भवन्तरइँ
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ८॒
{प॰च॰३३,८.१} हक्कारिय विण्णि वि दुद्धरेण $ णिय-वइयर-वइर-विरुद्धएण
{प॰च॰३३,८.२} "अहेॅ संचारिम-णर-वणयरहेॅ $ कहिॅ गम्मइ एवहिॅ महु मरहेॅ"
{प॰च॰३३,८.३} तं सुणेॅवि महावय-धारऍण $ धीरिउ लहुवउ वड्डारऍण
{प॰च॰३३,८.४} "मं भीहि थाहि अण्णहेॅ भवहेॅ $ उवसग्ग-सहणु भूसणु तवहेॅ"
{प॰च॰३३,८.५} तहिॅ तेहऍ विहुरेॅ समावडिऍ $ अधुरन्धरेॅ गरुअ-भारेॅ पडिऍ
{प॰च॰३३,८.६} थिउ खन्धु समड्डेॅवि एक्कु जणु $ भिल्लाहिउ अब्भुद्धरण-मणु
{प॰च॰३३,८.७} जो पुव्व-भवन्तरेॅ पक्खियउ $ पुरेॅ जक्खथाणेॅ परिरक्खियउ
{प॰च॰३३,८.८} तें वुच्चइ "लोद्धा ओसरहि $ को मारइ रिसि तुह्ũ महु मरहि"
घत्ता॒
{प॰च॰३३,८.९} वोलाविय तेण $ कालन्तरेॅण मय
दय चडेॅवि णिसेणि $ लीलऍ सग्गु गय
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ९॒
{प॰च॰३३,९.१} पावासउ पउरु पाउ करेॅवि $ वहु-कालु णरय-तिरियहिॅ फिरेॅवि
{प॰च॰३३,९.२} वसुभूइ-भिल्लु धण-जण-पउरेॅ $ पट्टणेॅ उप्पण्णु अरिट्ठउरेॅ
{प॰च॰३३,९.३} णामेण अणुद्धरु दुद्दरिसु $ कणयप्पह-जणणि-जणिय-हरिसु
{प॰च॰३३,९.४} दुल्लङ्घहेॅ णिय-कुल-पव्वयहेॅ $ णन्दण णरवइहेॅ पियव्वयहेॅ
{प॰च॰३३,९.५} ते उइय-मुइय तासु जि तणय $ विण्णाण-कला-पर-पार-गय
{प॰च॰३३,९.६} गिरि-धीर महोवहि-गहिर-गुण $ पय-पालण रज्ज-कज्ज-णिउण
{प॰च॰३३,९.७} णामङ्किय रयण-विचित्त-रह $ पउमावइ-सुअ ससि-सूर-पह
{प॰च॰३३,९.८} छद्दिवसइँ सल्लेहणु करेॅवि $ गउ सग्गु पियव्वउ तहिॅ मरेॅवि
{प॰च॰३३,९.९} जगडन्तु अणुद्धरु डामरिउ $ रणेॅ रयण-विचित्तरहें धरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,९.१०} पच्चण्डेॅहिॅ तेहिॅ $ छड्डाविय-डमरु
हुउ अवर-भवेण $ अग्गिकेउ अमरु
कण्ड २, संधि ३३, कडवक १०॒
{प॰च॰३३,१०.१} वहु-कालें रयण-विचित्तरह $ तउ करेॅवि मरेॅवि परिभमेॅवि पह
{प॰च॰३३,१०.२} उप्पण्ण वे वि सिद्धत्थपुरेॅ $ कण-कञ्चण-जण-धण-पय-पउरेॅ
{प॰च॰३३,१०.३} विमलग्गमहिसि-खेमङ्करह्ũ $ अवरोप्परु णयण-सुहङ्करह्ũ
{प॰च॰३३,१०.४} कुलभूसणु पढमु पुत्तु पवरु $ लहु देसविहूसणु एक्कु अवरु
{प॰च॰३३,१०.५} अण्णु वि उप्पण्ण एक्क दुहिय $ कमलोच्छव रुन्द-चन्द-मुहिय
{प॰च॰३३,१०.६} वेण्णि मि कुमार सालहिॅ णिमिय $ आयरियहेॅ कहेॅ वि समुल्लविय
{प॰च॰३३,१०.७} पढमाण जुवाण-भावेॅ चडिय $ णं दइवें वे अणङ्ग घडिय
{प॰च॰३३,१०.८} वित्थय-वच्छयल पलम्व-भुअ $ णं सग्गहेॅ इन्द-पडिन्द चुअ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,१०.९} कमलोच्छव ताम $ कहि मि समावडिय
णं वम्मह-भल्लि $ हियऍ झत्ति पडिय
कण्ड २, संधि ३३, कडवक ११॒
{प॰च॰३३,११.१} कुलभूसण-देसविहूसणह्ũ $ णिय-वहिणि-रूव-पेसिय-मणह्ũ
{प॰च॰३३,११.२} पडिहाइ ण चन्दण-लेव-छवि $ धवलामल-कोमल-कमलु ण वि
{प॰च॰३३,११.३} ण वि जलु जलद्द दाहिण-पवणु $ कुसुमाउहेण ण णडिउ कवणु
{प॰च॰३३,११.४} पेक्खेप्पिणु पयइँ सु-कोमलइँ $ ण सहन्ति रूइ-रत्तुप्पलइँ
{प॰च॰३३,११.५} पेक्खेॅवि थणवट्टइँ चक्कलइँ $ उच्चिट्ठइँ करि-कुम्भत्थलइँ
{प॰च॰३३,११.६} पेक्खेप्पिणु मुहु वालहेॅ तणउ $ पडिहाइ ण चन्दणु चन्दिणउ
{प॰च॰३३,११.७} लोयणइँ रूवेॅ पङ्गुत्ताइँ $ ढोरा इव कद्दमेॅ खुत्ताइँ
{प॰च॰३३,११.८} पेक्खेप्पिणु केस-कलाउ मणेॅ $ ण सुहन्ति मोर णच्चन्त वणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,११.९} दिट्ठी-विस वाल $ सप्पहेॅ अणुहरइ
जो जोअइ को वि $ सो सयलु वि मरइ
कण्ड २, संधि ३३, कडवक १२॒
{प॰च॰३३,१२.१} तहिॅ अवसरेॅ पणइहिॅ पहु भणिउ $ "खेमङ्कर तुह्ũ जणणिऍ जणिउ
{प॰च॰३३,१२.२} तुह्ũ महियलेॅ धण्णउ एक्कु पर $ कमलोच्छव दुहिय जासु पवर
{प॰च॰३३,१२.३} कुल-देसविहूसण जमल सुय $ तं णिसुणेॅवि णाइँ कुमार मुय
{प॰च॰३३,१२.४} हय-हियय काइँ चिन्तवसि तुह्ũ $ पाविज्जइ जेहिॅ महन्तु दुहु
{प॰च॰३३,१२.५} खल-खुद्दइँ दुक्किय-गाराइँ $ णारइय णरय-पइसाराइँ
{प॰च॰३३,१२.६} गय-वाहि-दुक्ख-हक्काराइँ $ सिव-सासय-गमण-णिवाराइँ
{प॰च॰३३,१२.७} तित्थङ्कर-गणहर-णिन्दियइँ $ णउ खञ्चहि पञ्च वि इन्दियइँ
{प॰च॰३३,१२.८} रूवेण पयङ्गु मीणु रसेॅण $ मिगु सवणें भसलु गन्धवसेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰३३,१२.९} फरिसेण विणासु $ मत्त-गइन्दु गउ
जो सेवइ पञ्च $ तहेॅ उत्तारु कउ"
कण्ड २, संधि ३३, कडवक १३॒
{प॰च॰३३,१३.१} तो किय णिवित्ति परिणेवाहेॅ $ सावज्जु रज्जु भुञ्जेवाहेॅ
{प॰च॰३३,१३.२} पारद्धु पयाणउ तव-पहेॅण $ णिय-देहमएण महारहेॅण
{प॰च॰३३,१३.३} विहि विण्णाणिय उप्पाइऍण $ दुट्ठट्ठ-कम्म-पच्छाइऍण
{प॰च॰३३,१३.४} इन्दिय-तुरङ्ग-संचालिऍण $ सत्तविह-धाउ-वन्धालिऍण
{प॰च॰३३,१३.५} चल-चलण-चक्क-संजोइऍण $ मण-पक्कल-सारहि-चोइऍण
{प॰च॰३३,१३.६} तव-संजम-णियम-धम्म-भरेॅण $ आइय णिय-णिय-तणु-रहवरेॅण
{प॰च॰३३,१३.७} थिय पडिमा-जोग्गें गिरि-सिहरेॅ $ सो अग्गिकेउ तेहऍ ऽवसरेॅ
{प॰च॰३३,१३.८} संचलिउ णहङ्गणेॅ कहिॅ वि जाम $ गउ अम्हहँ उप्परि खलिउ ताम
{प॰च॰३३,१३.९} पुव्वभउ सरेॅवि कोहें जलिउ $ थिउ रुन्धेॅवि णहयलेॅ किलिकिलिउ
{प॰च॰३३,१३.१०} उवसग्गु जाम पारम्भियउ $ वहु-रूवेॅहिॅ गयणेॅ वियम्भियउ
{प॰च॰३३,१३.११} पडिवण्णऍ तहिॅ तेहऍ ऽवसरेॅ $ वट्टन्तऍ गुरु-उवसग्ग-भरेॅ
{प॰च॰३३,१३.१२} तुम्हहँ जेॅ पहावें तट्ठाइँ $ असुरइँ धणु-रवेॅण पणट्ठाइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,१३.१३} तो अम्हहँ वप्पु $ कालन्तरेॅण मुउ
सो दीसइ एत्थु $ गारुडु देउ हुउ
कण्ड २, संधि ३३, कडवक १४॒
{प॰च॰३३,१४.१} तो गरुडें परिओसिय-मणेॅण $ वे विज्जउ दिण्णउ तक्खणेॅण
{प॰च॰३३,१४.२} राहवहेॅ सीहवाहणि पवर $ लक्खणहेॅ गरुडवाहणि अवर
{प॰च॰३३,१४.३} पहिलारी सत्त-सऍहिॅ सहिय $ अणुपच्छिम तिहिॅ सऍहिॅ अहिय
{प॰च॰३३,१४.४} तो कोसल-सुऍण सु-दुल्लहेॅण $ वुच्चइ वइदेही-वल्लहेॅण
{प॰च॰३३,१४.५} "अछन्तु ताव तुम्हह्ũ जेॅ घरेॅ $ अवसरेॅ पडिवण्णेॅ पसाउ करेॅ"
{प॰च॰३३,१४.६} सह्ũ गरुडें संभासणु करेॅवि $ गुरु पुच्छिउ पुणु चलणेॅहिॅ धरेॅवि
{प॰च॰३३,१४.७} "अम्हह्ũ हिण्डन्तह्ũ धरणि-वहेॅ $ जं जिम होसइ तं तेम कहेॅ"
{प॰च॰३३,१४.८} कुलभूसणु अक्खइ हलहरहेॅ $ "जलु लङ्घेॅवि दाहिण-सायरहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३३,१४.९} संगाम-सयाइँ $ विहि मि जिणेवाइँ
महि-कण्डइँ तिण्णि $ स इं भु ञ्जेवाइँ"
[३४. चउतीसमो संधि] ----------
केवलेॅ केवलीहेॅ उप्पण्णऍ $ चउविह-देव-णिकाय-पवण्णऍ
पुच्छइ रामु "महावय-धारा $ धम्म-पाव-फलु कहहि भडारा
कण्ड २, संधि ३४, कडवक १॒
{प॰च॰३४,१.१} काइँ फलु पञ्च-महव्वयह्ũ $ अणुवय-गुणवय-सिक्खावयह्ũ
{प॰च॰३४,१.२} काइँ फलु लइऍ अणत्थमिऍ $ उववास-पोसहऍ संथविऍ
{प॰च॰३४,१.३} फलु काइँ जीव-मम्भीसियऍ $ परहणेॅ परदारेॅ अहिंसियऍ
{प॰च॰३४,१.४} काइँ फलु सच्चें वोल्लिऍण $ अलिअक्खरेण आमेल्लिऍण
{प॰च॰३४,१.५} काइँ फलु जिणवर-अञ्चियऍ $ वर-विउलेॅ घरासमेॅ वञ्चियऍ
{प॰च॰३४,१.६} काइँ फलु मासें छण्डिऍण $ रत्तिद्दिउ देहें दण्डिऍण
{प॰च॰३४,१.७} काइँ फलु जिण-संमज्जणेॅण $ वलि-दीवङ्गार-विलेवणेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰३४,१.८} किं चारित्तेॅ णाणेॅ वऍ दंसणेॅ $ अण्णु पसंसिऍ जिणवर-सासणेॅ
जं फलु होइ अणङ्ग-वियारा $ तं विण्णासेॅवि कहहि भडारा"
कण्ड २, संधि ३४, कडवक २॒
{प॰च॰३४,२.१} पुणु पुणु वि पडीवउ भणइ वलु $ "कहेॅ सुक्किय-दुक्किय-कम्म-फलु
{प॰च॰३४,२.२} कम्मेण केण रिउ-डमर-कर $ सयरायर महि भुञ्जन्ति णर
{प॰च॰३४,२.३} कम्मेण केण पर-चक्क-धर $ रह-तुरय-गऍहिॅ वुज्झन्ति णर
{प॰च॰३४,२.४} परियरिय सु-णारिहिॅ णरवरेॅहिॅ $ विज्जिज्जमाण वर-चामरेॅहिॅ
{प॰च॰३४,२.५} सुन्दर सच्छन्द मइन्द जिह $ जोहेॅहिॅ जोह वुज्झन्ति किह
{प॰च॰३४,२.६} कम्मेण केण किय पङ्गुलय $ णर कुण्ट मुण्ट वहिरन्धलय
{प॰च॰३४,२.७} काणीण दीण-मुह-काय-सर $ वाहिल्ल भिल्ल णाहल सवर
{प॰च॰३४,२.८} दालिद्दिय पर-पेसणइँ कर $ कें कम्में उप्पज्जन्ति णर
घत्ता॒
{प॰च॰३४,२.९} धीर-सरीर वीर तव-सूरा $ सव्वह्ũ जीवह्ũ आसाऊरा
इन्दिय-पसवण पर-उवयारा $ ते कहिॅ णर पावन्ति भडारा
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ३॒
{प॰च॰३४,३.१} के वि अण्ण णर दुह-परिचत्ता $ देवलोऍ देवत्तणु पत्ता
{प॰च॰३४,३.२} चन्दाइच्च-राहु-अङ्गारा $ अण्णहेॅ अण्ण होन्ति कम्मारा
{प॰च॰३४,३.३} हंस स-मेस-महिस-विस-कुञ्जर $ मोर-तुरङ्ग-रिच्छ-मिग-सम्वर
{प॰च॰३४,३.४} जइ देवह्ũ जेॅ मज्झेॅ संभूआ $ तो किं कज्जें वाहण हूआ
{प॰च॰३४,३.५} ऍहु जो दीसइ कुलिस-प्पहरणु $ सहसणयणु अइरावय-वाहणु
{प॰च॰३४,३.६} गिज्जइ किण्णर-मिहुण-सहासेॅहिॅ $ सुरवर जय भणन्ति चउपासेॅहिॅ
{प॰च॰३४,३.७} हाहा-हूहू-तुम्वुरु-णारा $ तेज्जा-तेण्णा जसु चक्कारा
{प॰च॰३४,३.८} चित्तङ्गो वि मुरव पडिपेल्लइ $ रम्भ तिलोत्तिम सइ उव्वेल्लइ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,३.९} अप्पणु असुर-सुरह्ũ अब्भन्तरेॅ $ मोक्खु जेम थिउ सव्वह्ũ उप्परेॅ
दीसइ जसु एवड्डु पहुत्तणु $ पत्तु फलेण केण इन्दत्तणु"
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ४॒
{प॰च॰३४,४.१} तं वयणु सुणेॅवि कुलभूसणेॅण $ कन्दप्प-दप्प-विद्धंसणेॅण
{प॰च॰३४,४.२} "सुणु अक्खमि" वुच्चइ तेण वलु $ आयण्णहि धम्महेॅ तणउ फलु
{प॰च॰३४,४.३} महु मज्जु मंसु जो परिहरइ $ छज्जीव-णिकायहेॅ दय करइ
{प॰च॰३४,४.४} पुणु पच्छइ सल्लेहणेॅ मरइ $ सो मोक्ख-महा-पुरेॅ पइसरइ
{प॰च॰३४,४.५} जो घइँ दरिसावइ पाणिवह $ अण्णु वि महु-मंसहेॅ तणिय कह
{प॰च॰३४,४.६} सो जोणी-जोणि परिब्भमइ $ चउरासी लक्ख जाम कमइ
{प॰च॰३४,४.७} ऍउ सुक्किय-दुक्किय-कम्म-फलु $ सुणु एवहिॅ सच्चहेॅ तणउ फलु
{प॰च॰३४,४.८} तुल-तोलिय महि स-महीहरिय $ स-सुरासुर स-घण स-सायरिय
घत्ता॒
{प॰च॰३४,४.९} वरुणु कुवेरु मेरु कइलासु वि $ तुल-तोलिउ तइलोक्कु असेसु वि
तो वि ण गरुवत्तणउ पगासिउ $ सच्चु सउत्तरु सव्वह्ũ पासिउ
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ५॒
{प॰च॰३४,५.१} जो सच्चउ ण चवइ कापुरिसु $ सो जीवइ जणवऍ तिण-सरिसु
{प॰च॰३४,५.२} जो णरु पर-दव्वु ण अहिलसइ $ सो उत्तिम-सग्ग-लोऍ वसइ
{प॰च॰३४,५.३} जो घइँ रत्तिद्दिणु मूढ-मणु $ चोरन्तु ण थक्कइ एक्कु खणु
{प॰च॰३४,५.४} सो हम्मइ छिज्जइ भिज्जइ वि $ कप्पिज्जइ सूलेॅ भरिज्जइ वि
{प॰च॰३४,५.५} जो दुद्धरु वम्भचेरु धरइ $ तहेॅ जमु आरुट्ठउ किं करइ
{प॰च॰३४,५.६} जो घइँ तं जोणि चारु रमइ $ सो पङ्कऍ भमरु जेम मरइ
{प॰च॰३४,५.७} जो करइ णिवित्ति परिग्गहहेॅ $ सो मोक्खहेॅ जाइ सुहावहहेॅ
{प॰च॰३४,५.८} जो घइँ अविअण्हु परिग्गहहेॅ $ सो जाइ पुरहेॅ तमतमपहहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,५.९} अहवइ णिव्वण्णिज्जइ केत्तिउ $ एक्केक्कहेॅ वयहेॅ फलु एत्तिउ
जो घइँ पञ्च वि धरइ वयाइँ $ तासु मोक्खु पुच्छिज्जइ काइँ
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ६॒
{प॰च॰३४,६.१} फलु एत्तिउ पञ्च-महव्वयहेॅ $ सुणु एवहिॅ पञ्चाणुव्वयहेॅ
{प॰च॰३४,६.२} जो करइ णिरन्तर जीव-दया $ पविरलु असच्चु सच्चउ मि सया
{प॰च॰३४,६.३} किस हिंस अहिंस सउत्तरिय $ ते णरय-महाणइ-उत्तरिय
{प॰च॰३४,६.४} जे णर स-दार-संतुट्ठ-मण $ परहण-परणारी-परिहरण
{प॰च॰३४,६.५} अपरिग्गह-दाण-करण पुरिस $ ते होन्ति पुरन्दर-समसरिसु
{प॰च॰३४,६.६} फलु एत्तिउ पञ्चाणुव्वयह्ũ $ सुणु एवहिॅ तिहि मि गुणव्वयह्ũ
{प॰च॰३४,६.७} दिस-पच्चक्खाणु पमाण-वउ $ खल-संगहु जासु ण वड्ढियउ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,६.८} इय तिहिॅ गुणवएहिॅ गुणवन्तउ $ अच्छइ सग्गेॅ सुहइँ भुञ्जन्तउ
जासु ण तिहि मि मज्झेॅ एक्कु वि $ गुणु तहेॅ संसारहेॅ छेउ कहिॅ पुणु
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ७॒
{प॰च॰३४,७.१} फलु एत्तिउ तिहि मि गुणव्वयह्ũ $ सुणु एवहिॅ चउ-सिक्खावयह्ũ
{प॰च॰३४,७.२} जो पहिलउ सिक्खावउ धरइ $ जिणवरेॅ तिकाल-वन्दण करइ
{प॰च॰३४,७.३} सो णरु उप्पज्जइ जहिॅ जेॅ जहिॅ $ वन्दिज्जइ लोऍहिॅ तहिॅ जेॅ तहिॅ
{प॰च॰३४,७.४} जो घइँ पुणु विसयासत्त-मणु $ वरिसहेॅ वि ण पेच्छइ जिण-भवणु
{प॰च॰३४,७.५} सो सावउ मज्झेॅ ण सावयह्ũ $ अणुहरइ णवर वण-सावयह्ũ
{प॰च॰३४,७.६} जो वीयउ सिक्खावउ धरइ $ पोसह-उववास-सयइँ करइ
{प॰च॰३४,७.७} सो णरु देवत्तणु अहिलसइ $ सोहम्मेॅ वहुव-मज्झेॅ रमइ
{प॰च॰३४,७.८} जो तइयउ सिक्खावउ धरइ $ तवसिहिॅ आहार-दाणु करइ
{प॰च॰३४,७.९} अण्णु वि सम्मत्त-भारु वहइ $ देवत्तणु देवलोऍ लहइ
{प॰च॰३४,७.१०} जो चउथउ सिक्खावउ धरइ $ सण्णासु करेप्पिणु पुणु मरइ
{प॰च॰३४,७.११} सो होइ तिलोयहेॅ वड्ढियउ $ णउ जम्मण-मरण-विओअ-भउ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,७.१२} सामाइउ उववासु स-भोयणु $ पच्छिम-कालेॅ अण्णु सल्लेहणु
चउ सिक्खावयाइँ जो पालइ $ सो इन्दहेॅ इन्दत्तणु टालइ
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ८॒
{प॰च॰३४,८.१} ऍउ फलु सिक्खावऍ संथविऍ $ सुणु एवहिॅ कहमि अणत्थमिऍ
{प॰च॰३४,८.२} वरि खद्धु मंसु वरि मज्जु महु $ वरि अलिउ वयणु हिंसाऍ सह्ũ
{प॰च॰३४,८.३} वरि जीविउ गउ सरीरु ल्हसिउ $ णउ रयणिहिॅ भोयणु अहिलसिउ
{प॰च॰३४,८.४} पुव्वण्हउ गण-गन्धव्वयह्ũ $ मज्झण्हउ सव्वह्ũ देवयह्ũ
{प॰च॰३४,८.५} अवरण्हउ पियर-पियामहह्ũ $ णिसि रक्खस-भूय-पेय-गहह्ũ
{प॰च॰३४,८.६} णिसि-भोयणु जेण ण परिहरिउ $ भणु तेण काइँ ण समायरिउ
{प॰च॰३४,८.७} किमि-कीड-पयङ्ग-सयइँ असइ $ कुसरीर-कुजोणिहिॅ सो वसइ
{प॰च॰३४,८.८} जो घइँ णिसि-भोयणु उम्महइ $ विमलत्तणु विमल-गोत्तु लहइ"
घत्ता॒
{प॰च॰३४,८.९} सुअउ ण सुणइ ण दिट्ठउ देक्खइ $ केण वि वोल्लिउ कहेॅ वि ण अक्खइ
भोअणेॅ मउणु चउत्थउ पालइ $ सो सिव-सासय-गमणु णिहालइ"
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ९॒
{प॰च॰३४,९.१} परमेसरु सुट्ठु एम कहइ $ जो जं मग्गइ सो तं लहइ
{प॰च॰३४,९.२} सम्मत्तइँ को वि को वि वयइँ $ केॅ वि गुण-गण-वयण-रयण-सयइँ
{प॰च॰३४,९.३} तवचरणु लइज्जइ पत्थिवेॅण $ वंसत्थल-णयर-णराहिवेॅण
{प॰च॰३४,९.४} गय वन्दणहत्ति करेवि सुर $ जाणइऍ धरिज्जइ धम्म-धुर
{प॰च॰३४,९.५} राहवेॅण वि वयइँ समिच्छियइँ $ गुरु-दिण्णइँ सिरेॅण पडिच्छियइँ
{प॰च॰३४,९.६} वउ णवर ण थक्कइ लक्खणहेॅ $ वालुअपह-णरय-णिरिक्खणहेॅ
{प॰च॰३४,९.७} तहिॅ तिण्णि वि कइ वि दिवस थियइँ $ जिण-पुज्जउ जिण-ण्हवणइँ कियइँ
{प॰च॰३४,९.८} णिग्गन्थ-सयइँ भुञ्जावियइँ $ दीणहँ दाणइँ देवावियइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,९.९} तिहुअण-जण-मण-णयणाणन्दहेॅ $ वन्दणहत्ति करेवि जिणिन्दहेॅ
जाणइ-हरि-हलहरइँ पहिट्ठइँ $ तिण्णि वि दण्डारण्णु पइट्ठइँ
कण्ड २, संधि ३४, कडवक १०॒
{प॰च॰३४,१०.१} दिट्ठ महाडइ णाइँ विलासिणि $ गिरिवर-थणहर-सिहर-पगासिणि
{प॰च॰३४,१०.२} पञ्चाणण-णह-णियर-वियारिय $ दीहर-सर-लोयण-विप्फारिय
{प॰च॰३४,१०.३} कन्दर-दरि-मुह-कुहर-विहूसिय $ तरुवर-रोमावलि-उद्धूसिय
{प॰च॰३४,१०.४} चन्दण-अगरु-गन्ध-डिविडिक्किय $ इन्दगोव-कुङ्कुम-चञ्चिक्किय
{प॰च॰३४,१०.५} अहवइ किं वहुणा वित्थारें $ णं णच्चइ गय-पय-संचारें
{प॰च॰३४,१०.६} उज्झर-मुरवप्फालिय-सद्दें $ वरहिण-थिर-सुपरिट्ठिय-छन्दें
{प॰च॰३४,१०.७} महुअरि-तिय-उवगीय-वमालें $ अहिणव-पल्लव-कर-संचालें
{प॰च॰३४,१०.८} सीहोरालि-समुट्ठिय-कलयलु $ णाइँ पढइ मुणि-सुव्वय-मङ्गलु
घत्ता॒
{प॰च॰३४,१०.९} तहेॅ अब्भन्तरेॅ अमर-मणोहरु $ णयण-कडक्खिउ एक्कु लयाहरु
तहिॅ रइ करेॅवि थियइँ सच्छन्दइँ $ जोगु लएविणु जेम मुणिन्दइँ
कण्ड २, संधि ३४, कडवक ११॒
{प॰च॰३४,११.१} तहिॅ तेहऍ वणेॅ रिउ-डमर-करु $ परिभमइ समुद्दावत्त-धरु
{प॰च॰३४,११.२} आरण्ण-गइन्देॅ समारुहइ $ वण-गोवउ वण-महिसिउ दुहइ
{प॰च॰३४,११.३} तं खीरु वि चिरिडिहिल्लु महिउ $ जाणइहेॅ समप्पइ घिय-सहिउ
{प॰च॰३४,११.४} स वि पक्कावइ घण-हण्डियहिॅ $ वण-धण्णन्दुलेॅहिॅ सुकण्डिऍहिॅ
{प॰च॰३४,११.५} णाणाविह-फल-रस-तिम्मणेॅहिॅ $ करवन्द-करीरेॅहिॅ सालणेॅहिॅ
{प॰च॰३४,११.६} इय विविह-भक्ख भुञ्जन्ताह्ũ $ वण-वासेॅ तिहि मि अच्छन्ताह्ũ
{प॰च॰३४,११.७} मुणि गुत्त-सुगुत्त ताव अइय $ असुदाणिय दोड्ड-महव्वइय
{प॰च॰३४,११.८} कालामुह-कावालिय भगव $ मुणि संकर तवण तवसि गुरव
घत्ता॒
{प॰च॰३४,११.९} वन्दाइरिय भोय पव्वइया $ हवि जिह भूइ-पुञ्ज-पच्छविया
ते जर-जम्मणा-मरण-वियारा $ वण-चरियऍ पइसन्ति भडारा
कण्ड २, संधि ३४, कडवक १२॒
{प॰च॰३४,१२.१} जं पइसन्त पदीसिय मुणिवर $ सावय जिह तिह पणविय तरुवर
{प॰च॰३४,१२.२} अलि-मुहलिय खर-पवणायम्पिय $ "थाहु थाहु" णं एम पजम्पिय
{प॰च॰३४,१२.३} के वि कुसुम-पब्भारु मुअन्ति $ पाय-पुज्ज णं विहि मि करन्ति
{प॰च॰३४,१२.४} तो वि ण थक्क महव्वय-धारा $ रामासमेॅ पइसन्ति भडारा
{प॰च॰३४,१२.५} रिसि पेक्खेप्पिणु सीय विणिग्गय $ णं पच्चक्ख महा-वणदेवय
{प॰च॰३४,१२.६} "राहव पेक्खु पेक्खु अच्छरियउ $ साहु-जुअलु चरियऍ णीसरियउ"
{प॰च॰३४,१२.७} वलु वयणेण तेण गञ्जोल्लिउ $ "थाहु थाहु" सिरु णवेॅवि पवोल्लिउ
{प॰च॰३४,१२.८} विणयङ्कुसेॅण साहु-गय वालिय $ किउ सम्मज्जणु पाय पखालिय
{प॰च॰३४,१२.९} दिण्ण ति-वार धार सलिलेण वि $ कम चच्चिय गोसीर-रसेण वि
{प॰च॰३४,१२.१०} पुप्फक्खय-वलि-दीवङ्गारेॅहिॅ $ एम पयच्चेॅवि अट्ठ-पयारेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,१२.११} वन्दिय गुरु गुरु-भत्ति करेवि $ लग्ग परीसवि सीयाएवि
मुह-पिय अच्छ पच्छ मण-भाविणि $ भुत्त पेज्ज कामुऍहिॅ व कामिणि
कण्ड २, संधि ३४, कडवक १३॒
{प॰च॰३४,१३.१} दिण्णु पाणु पुणु मुहहेॅ पियारउ $ चारण-भोग्गु जेम हलुवारउ
{प॰च॰३४,१३.२} सिद्धउ सिद्धु जेम सिद्धीहउ $ जिणवर-आउ जेम अइदीहउ
{प॰च॰३४,१३.३} पुणु अग्गिमउ दिण्णु हियइच्छिउ $ जिह सु-कलत्तु सु-णेहु स-इच्छउ
{प॰च॰३४,१३.४} सुद्धइँ पुणु सालणइँ विचित्तइँ $ तिक्खइँ णाइँ विलासिणि-चित्तइँ
{प॰च॰३४,१३.५} दिण्णइँ पुणु तिम्मणइँ मणिट्ठइँ $ अहिणव-कइ-वयणा इव मिट्ठइँ
{प॰च॰३४,१३.६} पच्छइ सिसिरु स-मच्छरु सुद्धउ $ दुट्ठ-कलत्तु जेम अइ-थद्धउ
{प॰च॰३४,१३.७} पुणु मय-सलिलु दिण्णु सीयालउ $ णं जिण-वयणु पाव-पक्खालउ
{प॰च॰३४,१३.८} लीलऍ जिमिय भडारा जावेॅहिॅ $ पञ्चच्छरिउ पदरिसिउ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३४,१३.९} दुन्दुहि गन्धवाउ रयणावलि $ साहुक्कारु अण्णु कुसुमञ्जलि
पुण्ण-पवित्तइँ सासय-दूअइँ $ पञ्च वि अच्छरियइँ स इं भू अइँ
[३५. पञ्चतीसमो संधि] ----------
गुत्त-सुगुत्तहँ तणेॅण पहावें रामु स-सीय परम-सब्भावें
देवेॅहिॅ दाण-रिद्धि खणेॅ दरिसिय वल-मन्दिरेॅ वसुहार पवरिसिय
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १॒
{प॰च॰३५,१.१} जाय महग्घ रयण सु-पगासइँ $ लक्खहँ तिण्णि सयइँ पञ्चासइँ
{प॰च॰३५,१.२} वरिसेॅवि रयण-वरिसु सइँ हत्थें $ रामु पसंसिउ सुरवर-सत्थें
{प॰च॰३५,१.३} "तिहुवणेॅ णवर एक्कु वलु धण्णउ $ दिव्वाहारु जेण वणेॅ दिण्णउ"
{प॰च॰३५,१.४} मणेॅ परितुट्ठइँ अमर-सयाइँ $ "अण्णें दाणें किज्जइ काइँ
{प॰च॰३५,१.५} अण्णें धरिउ भुवणु सयरायरु $ अण्णें धम्मु कम्मु पुरिसायरु
{प॰च॰३५,१.६} अण्णें रिद्धि-विद्धि वंसुब्भउ $ अण्णें पेम्मु विलासु स-विब्भमु
{प॰च॰३५,१.७} अण्णें गेउ वेउ सिद्धक्खरु $ अण्णें जाणु झाणु परमक्खरु
{प॰च॰३५,१.८} अण्णु मुएवि अण्णु किं दिज्जइ $ जेण महन्तु भोगु पाविज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१.९} अण्ण-सुवण्ण-कण्ण-गोदाणह्ũ $ मेइणि-मणि-सिद्धन्त-पुराणह्ũ
सव्वह्ũ अण्ण-दाणु उच्चासणु $ पर-सासणह्ũ जेम जिण-सासणु"
कण्ड २, संधि ३५, कडवक २॒
{प॰च॰३५,२.१} दाण-रिद्धि पेक्खेवि खगेसरु $ णवर जडाइ जाउ जाईसरु
{प॰च॰३५,२.२} गग्गर-वयणउ मुणि-अणुराएं $ पहउ णाइँ सिरेॅ मोग्गर-घाएं
{प॰च॰३५,२.३} जिह जिह सुमरइ णियय-भवन्तरु $ तिह तिह मेल्लेइ अंसु णिरन्तरु
{प॰च॰३५,२.४} "मइँ पावेण तिलोयाणन्दह्ũ $ पञ्च-सयइँ पीलियइँ मुणिन्दह्ũ"
{प॰च॰३५,२.५} एम पलाउ करन्तु विहङ्गउ $ गुरु-चलणेहिॅ पडिउ मुच्छंगउ
{प॰च॰३५,२.६} पय-पक्खालण-जलेॅणासासिउ $ राहवचन्दें पुणु उवयासिउ
{प॰च॰३५,२.७} सीयऍ वुत्तु "पुत्तु महु एवहिॅ $ छुडु वद्धउ छुडु धरउ सुखेवेॅहिॅ"
{प॰च॰३५,२.८} ताव रयण-उज्जोवें भिण्णा $ जाय पक्ख चामीयर-वण्णा
घत्ता॒
{प॰च॰३५,२.९} विद्दुम-चञ्चु णील-णिह-कण्ठउ $ पय-वेरुलिय-वण्ण मणि-पट्ठउ
तक्खणेॅ पञ्च-वण्णु णिव्वडियउ $ वीयउ रयण-पुञ्जु णं पडियउ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ३॒
{प॰च॰३५,३.१} भावें विहि मि पयाहिण देन्तउ $ णडु जिह हरिस-विसाऍहिॅ जन्तउ
{प॰च॰३५,३.२} दिट्ठु पक्खि जं णयणाणन्दणु $ भणइ णवेप्पिणु दसरह-णन्दणु
{प॰च॰३५,३.३} "हे मुणिवर गयणङ्गण-गामिय $ चउगइ-दुक्ख-महाणइ-णामिय
{प॰च॰३५,३.४} कहि कज्जेण केण सच्छायउ $ पक्खि सुवण्ण-वण्णु जं जायउ"
{प॰च॰३५,३.५} तं णिसुणेवि वुत्तु णीसङ्गें $ "सयलु वि उत्तिम-पुरिस-पसङ्गें
{प॰च॰३५,३.६} णरु हलुवो वि होइ गरुआरउ $ रुक्खु वि सेल-सिहरेॅ वड्डारउ
{प॰च॰३५,३.७} मेरु-णियम्वेॅ तिणु वि हेमुज्जलु $ सिप्पिउडेसु जलु वि मुत्ताहलु
{प॰च॰३५,३.८} तिह विहङ्गु मणि-रयणुज्जोएं $ जाउ सुवण्ण-वण्णु मुणि-तोएं"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,३.९} तं णिसुणेवि वयणु असगाहें $ पुच्छिउ पुणु वि णाहु णरणाहें
"विहलङ्घलु घुम्मन्तु विहङ्गउ $ कवणें कारणेण मुच्छंगउ"
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ४॒
{प॰च॰३५,४.१} भणइ ति-णाण-पिण्ड-परमेसरु $ "एहु विहङ्गु आसि रज्जेसरु
{प॰च॰३५,४.२} पट्टणु दण्डाउरु भुञ्जन्तउ $ दण्डउ णामु वउद्धहँ भत्तउ
{प॰च॰३५,४.३} एक्क-दिवसेॅ पारद्धिऍ चलियउ $ ताव तिकाल-जोगि मुणि मिलियउ
{प॰च॰३५,४.४} थिउ अत्तावणेॅ लम्विय-वाहउ $ अविचलु मेरु जेम दुग्गाहउ
{प॰च॰३५,४.५} तं पेक्खेॅवि आरुट्ठु महव्वलु $ "अवसु अज्जु अवसवणु अमङ्गलु"
{प॰च॰३५,४.६} एम चवन्तें विसहरु घाऍवि $ रोसें मुणिवर कण्ठें लाऍवि
{प॰च॰३५,४.७} गउ णिय-णयरु णराहिउ जावेॅहिॅ $ थिउ णीसङ्गु णिरोहें तावेॅहिॅ
{प॰च॰३५,४.८} "एउ को वि फेडेसइ जइयह्ũ $ लम्विय हत्थुच्चायमि तइयह्ũ"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,४.९} जावण्णेक्क-दिवसेॅ पहु आवइ $ तं जेॅ भडारउ तहिॅ जेॅ विहावइ
गलऍ भुअङ्गम-मडउ णिवद्धउ $ कण्ठाहरणु णाइँ आइद्धउ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ५॒
{प॰च॰३५,५.१} जं अविचलु वि दिट्ठु मुणि-केसरि $ फेडेॅवि विसहर-कण्ठा-मञ्जरि
{प॰च॰३५,५.२} वोल्लाविउ "वोल्लहि परमेसर $ तव-चरणेण काइँ तवणेसर
{प॰च॰३५,५.३} खणिउ सरीरु जीउ खण-मेत्तउ $ जो झायहि सो गयउ अतीतउ
{प॰च॰३५,५.४} तुहु मि खणिउ ण ऽज्ज वि सिद्धत्तणु $ आयहेॅ किं पमाणु किं लक्खणु"
{प॰च॰३५,५.५} सयलु णिरत्थु वुत्तु जं राएं $ मुणिवरु चवेॅवि लग्गु णयवाएं
{प॰च॰३५,५.६} "जइ पुणु सो ज्जेॅ पक्खु वोल्लेवउ $ ता खण-सद्दु ण उच्चारेवउ
{प॰च॰३५,५.७} खणिउ खयारु णयारु वि होसइ $ खण-सद्दहेॅ उच्चारु ण दीसइ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,५.८} अघडिउ अघडमाणु अघडन्तउ $ खणिएं खणिउ खणन्तर-मेत्तउ
सुण्णें सुण्ण-वयणु सुण्णासणु $ सव्वु णिरत्थु वउद्धह्ũ सासणु"
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ६॒
{प॰च॰३५,६.१} खण-सद्देण णिरुत्तरु जायउ $ पुणु वि पवोल्लिउ दण्डय-रायउ
{प॰च॰३५,६.२} "तो घइँ सव्वु अत्थि जं दीसइ $ पुणु तवचरणु कासु किज्जेसइ"
{प॰च॰३५,६.३} तं णिसुणेप्पिणु भणइ मुणीसरु $ जो कइ-गवय वाइ वाईसरु
{प॰च॰३५,६.४} "अम्हइँ राय ण वोल्लह्ũ एवं $ णेआइऍहिॅ हसिज्जह्ũ जेवं
{प॰च॰३५,६.५} अत्थि णत्थि दोण्णि वि पडिवज्जह्ũ $ तुह्ũ जिह णउ खणवाएं भज्जह्ũ"
{प॰च॰३५,६.६} तं णिसुणेवि भणइ दणुदारउ $ "जाणिउ परम-पक्खु तुम्हारउ
{प॰च॰३५,६.७} अत्थि ण अत्थि णिच्च-संदेहो $ पुणु धवलउ पुणु सामल-देहो
{प॰च॰३५,६.८} पुणु वि मत्त-करि पुणु पञ्चाणणु $ खत्तिउ वइसु सुद्दु पुणु वम्भणु"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,६.९} भणिउ भडारउ "किं वित्थारें $ एक्कु चोरु चिरु धरिउ तलारें
गीवा-मुह-णासच्छि गविट्ठउ $ सीसु लएन्तह्ũ कहि मि ण दिट्ठउ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ७॒
{प॰च॰३५,७.१} अहवइ एण काइँ संदेहें $ अत्थि वि णत्थि वि णीसंदेहें
{प॰च॰३५,७.२} जेत्थु अत्थि तहिॅ अत्थि भणेवउ $ जहिॅ ण अत्थि तहिॅ णत्थि भणेवउ"
{प॰च॰३५,७.३} सच्छन्देण णराहिउ भाविउ $ लइउ धम्मु पुणु मुणि पाराविउ
{प॰च॰३५,७.४} साहुह्ũ पञ्च-सयइँ धरियाइँ $ णिसुअइँ तेसट्ठि वि चरियाइँ
{प॰च॰३५,७.५} तो एत्थन्तरेॅ जण-मण-भाविणि $ कुइय खणद्धें दुण्णय-सामिणि
{प॰च॰३५,७.६} पुणु मयवद्धणु पुत्तु महन्तउ $ "णरवइ जाउ जिणेसर-भत्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,७.७} तो वरि मन्तु किं पि मन्तिज्जइ $ जिणहरेॅ सव्वु दव्वु पुञ्जिज्जइ
जेण गवेसण पहु कारावइ $ साहुह्ũ पञ्च-सयइँ मारावइ"
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ८॒
{प॰च॰३५,८.१} एक्क-दिवसेॅ तं तेम कराविउ $ जिणहरेॅ सव्वु दव्वु पुञ्जाविउ
{प॰च॰३५,८.२} मयवद्धणेॅण णिवहेॅ वज्जरियउ $ "तुह भण्डारु मुणिन्देॅहिॅ हरियउ"
{प॰च॰३५,८.३} तें आलावें दण्डयराएं $ हसियउ पुणु पुणु सीह-णिणाएं
{प॰च॰३५,८.४} "पत्तिय सेल-सिहरेॅ सयवत्तइँ $ पत्तिय महियलेॅ गह-णक्खत्तइँ
{प॰च॰३५,८.५} पत्तिय विवरिय चन्द-दिवायर $ पत्तिय परिभमन्ति रयणायर
{प॰च॰३५,८.६} पत्तिय णहेॅ हवन्ति कुलपव्वय $ पत्तिय एक्कहिॅ मिलिय दिसा-गय
{प॰च॰३५,८.७} पत्तिय णउ चउवीस वि जिणवर $ पत्तिय णउ चक्कवइ ण कुलयर
{प॰च॰३५,८.८} पत्तिय णउ तेसट्ठि पुराणइम् $ पञ्चेन्दियइँ ण पञ्च वि णाणइं
{प॰च॰३५,८.९} सोलह सग्ग भग्गइँ उप्पत्तिय $ मुणि चोरन्ति मन्ति मं पत्तिय"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,८.१०} जं णरवइ वोल्लिउ कइवारें $ मन्तिउ मन्तु पुणु वि परिवारें
"लहु रिसि-रूउ एक्कु दरिसावह्ũ $ पुणु महएवि-पासु वइसारह्ũ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ९॒
{प॰च॰३५,९.१} अवसें रोसें पुर-परमेसरु $ मुणिवर घल्लेसइ रज्जेसरु
{प॰च॰३५,९.२} एम भणेवि पुणु वि कोक्काविउ $ तक्खणेॅ मुणिवर-वेसु धराविउ
{प॰च॰३५,९.३} तेण समाणउ जण-मण-भाविणि $ लग्ग वियारेॅहिॅ दुण्णय-सामिणि
{प॰च॰३५,९.४} तो एत्थन्तरेॅ गञ्जोलिय-तणु $ गउ णिय-णिवहेॅ पासु मयवद्धणु
{प॰च॰३५,९.५} "णरवइ पेक्खु पेक्खु मुणि-कम्मइँ $ ढुक्कु पमाणहेॅ वोल्लिउ जं मइँ
{प॰च॰३५,९.६} मूढ अवुह ण वुज्झहि अज्ज वि $ हिउ भण्डारु जाव हिय भज्ज वि"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,९.७} जाणन्तो वि तो वि मणेॅ मूढउ $ णरवइ कोव-गइन्दारूढउ
दिण्णाणत्ती णरवर-विन्दह्ũ $ धरियइँ पञ्च वि सयइँ मुणिन्दह्ũ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १०॒
{प॰च॰३५,१०.१} पहु-आएसें धरिय भडारा $ जे पञ्चेन्दिय-पसर-णिवारा
{प॰च॰३५,१०.२} जे कलि-कलुस-कसाय-वियारा $ जे संसार-घोर-उत्तारा
{प॰च॰३५,१०.३} जे चारित्त-पुरहेॅ पागारा $ जे कम्मट्ठ-दुट्ठ-दणु-दारा
{प॰च॰३५,१०.४} जे णीसङ्ग अणङ्ग-वियारा $ जे भवियायण-अब्भुद्धारा
{प॰च॰३५,१०.५} जे सिव-सासय-सुह-हक्कारा $ जे गारव-पमाय-विणिवारा
{प॰च॰३५,१०.६} जे दालिद्द-दुक्ख-खयकारा $ सिद्धि-वरङ्गण-पाण-पियारा
{प॰च॰३५,१०.७} जे वायरण-पुराणइँ जाणा $ सिद्धन्तिय एक्केक्क-पहाणा
{प॰च॰३५,१०.८} तें तेहा रिसि जन्तेॅ छुहाविय $ रसमसकसमसन्त पीलाविय
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१०.९} पञ्च वि सय पीलाविय जावेॅहिॅ $ मुणिवर वेण्णि पराविय तावेॅहिॅ
घोर-वीर-तवचरणु चरेप्पिणु $ आतावणेॅ तव-तवणु तवेप्पिणु
कण्ड २, संधि ३५, कडवक ११॒
{प॰च॰३५,११.१} केण वि ताम वुत्तु "मं पइसहेॅ $ वेण्णि वि पाण लएप्पिणु णासहेॅ
{प॰च॰३५,११.२} गुरु तुम्हारा आवइ पाविय $ राएं जन्तेॅ छुहेॅवि पीलाविय"
{प॰च॰३५,११.३} तं णिसुणेवि एक्कु मुणि कुद्धउ $ णं खय-कालेॅ कियन्तु विरुद्धउ
{प॰च॰३५,११.४} घोरु रउद्दु झाणु आऊरिउ $ वउ सम्मत्तु सयलु संचूरिउ
{प॰च॰३५,११.५} अप्पाणेणप्पाणु विहत्तिउ $ तक्खणेॅ छार-पुञ्जु परिअत्तिउ
{प॰च॰३५,११.६} जो कोवाणलु तेण विमुक्कउ $ गउ णयरहेॅ सवडम्मुहु ढुक्कउ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,११.७} पट्टणु चाउद्दिसु संदीविउ $ स-धरु स-राउलु जालालीविउ
जं जं कुम्भ-सहासेॅहिॅ घिप्पइ $ विहि-परिणामें जलु वि पलिप्पइ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १२॒
{प॰च॰३५,१२.१} पट्टणु दड्ढु असेसु वि जावेॅहिॅ $ खल जम-जोह पराविय तावेॅहिॅ
{प॰च॰३५,१२.२} जे तइलोक्कु वि जिणेॅवि समत्था $ असि-घण-सङ्खल-णियल-विहत्था
{प॰च॰३५,१२.३} कक्कड-कविल-केस भीसावण $ काल-कियन्त-लील-दरिसावण
{प॰च॰३५,१२.४} कसण-सरीर वीर फुरियाधर $ पिङ्गल-णयण झसर-मोग्गर-धर
{प॰च॰३५,१२.५} जीह-ललन्त दन्त-उद्दन्तुर $ उब्भड-वियड-दाढ भय-भासुर
{प॰च॰३५,१२.६} जम-दूएहिॅ तेहिॅ कन्दन्तउ $ णरवइ णिउ स-मन्ति स-कलत्तउ
{प॰च॰३५,१२.७} गम्पिणु जमरायहेॅ जाणाविउ $ "एण मुणिन्द-णिवहु पीलाविउ"
{प॰च॰३५,१२.८} तं णिसुणेप्पिणु कुइउ पयावइ $ "तीहि मि दरिसावहेॅ गरुयावइ"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१२.९} पहु-आएसें दुण्णय-सामिणि $ घत्तिय छट्ठिहिॅ पुढविहिॅ पाविणि
जहिॅ दुक्खइँ अइ-घोर-रउद्दइँ $ णवराउसु वावीस-समुद्दइँ
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १३॒
{प॰च॰३५,१३.१} अण्णोण्णेण जेत्थु हक्कारिउ $ अण्णोणेण पहर-णिद्दारिउ
{प॰च॰३५,१३.२} अण्णोण्णेण दलेॅवि दलवट्टिउ $ अण्णोण्णेण हणेॅवि णिव्वट्टिउ
{प॰च॰३५,१३.३} अण्णोण्णेण तिसूलें भिण्णउ $ अण्णोण्णेण दिसा-वलि दिण्णउ
{प॰च॰३५,१३.४} अण्णोण्णेण कडाहेॅ पमेल्लिउ $ अण्णोण्णेण हुआसणेॅ पेल्लिउ
{प॰च॰३५,१३.५} अण्णोण्णेॅण वइतरणिहेॅ घत्तिउ $ अण्णोण्णेण धरेॅवि णिज्जन्तिउ
{प॰च॰३५,१३.६} अण्णोण्णेण सिलहु अप्फालिउ $ अण्णोण्णेण दुहाऍहिॅ फालिउ
{प॰च॰३५,१३.७} अण्णोण्णेण धरेॅवि आवीलिउ $ अण्णोण्णेण वत्थु जिह पीलिउ
{प॰च॰३५,१३.८} अण्णोण्णेण घरट्टऍ दलियउ $ अण्णोण्णेण पयरु जिह मिलियउ
{प॰च॰३५,१३.९} अण्णोण्णेण वि कूवेॅ पमुक्कउ $ अण्णोण्णेण धरेप्पिणु रुक्कउ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१३.१०} अण्णोण्णेण पलोइउ रागें $ अण्णोण्णेण वियारिउ खग्गें
अण्णोण्णेण गिलिज्जइ जेत्थु $ दुण्णय-सामिणि पत्तिय तेत्थु
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १४॒
{प॰च॰३५,१४.१} अण्णु वि कियउ जेण मन्तित्तणु $ घत्तिउ असिपत्तवणेॅ अलक्खणु
{प॰च॰३५,१४.२} जहिॅ तं तिणु मि सिलीमुह-सरिसउ $ अण्णु वि अग्गि-वण्णु णिप्फरिसउ
{प॰च॰३५,१४.३} जहिॅ ते लोह-रुक्ख कण्टाला $ असि-पत्तल असराल विसाला
{प॰च॰३५,१४.४} दुग्गम दुण्णिरिक्ख दुल्ललिय $ णाणाविह-पहरण-फल-भरिया
{प॰च॰३५,१४.५} जहिॅ णिवडन्ति ताहँ फल-पत्तइँ $ तहिॅ छिन्दन्ति णिरन्तर गत्तइँ
{प॰च॰३५,१४.६} तं तेहउ वणु मुऍवि पणट्ठउ $ पुणु वइतरणिहेॅ गम्पि पइट्ठउ
{प॰च॰३५,१४.७} जहिॅ तं सलिलु वहइ दुग्गन्धउ $ रस-वस-सोणिय-मंस-समिद्धउ
{प॰च॰३५,१४.८} उण्हउ खारु तोरु अइ-विरसउ $ मण्ड पियाविउ पूय-विमिस्सउ
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१४.९} इय संताव-दुक्ख-संतत्तउ $ खणेॅ खणेॅ उप्पज्जन्तु मरन्तउ
थिउ सत्तंऍ णरऍ मयवद्धणु $ मेइणि जाम मेरु गयणङ्गणु
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १५॒
{प॰च॰३५,१५.१} ताव विरुद्धएहिॅ हक्कारिउ $ णरवइ णारएहिॅ पच्चारिउ
{प॰च॰३५,१५.२} "मरु मरु संभरु दुच्चरियाइँ $ जाइँ आसि पइँ संचरियाइँ
{प॰च॰३५,१५.३} पञ्च-सयइँ मुणिवरह्ũ हयाइँ $ लइ अणुहुञ्जहि ताइँ दुहाइँ"
{प॰च॰३५,१५.४} एम भणेप्पिणु खग्गेॅहिॅ छिण्णउ $ पुणु वाणेॅहिॅ भल्लेहिॅ भिण्णउ
{प॰च॰३५,१५.५} पुणु तिलु तिलु करवत्तेॅहिॅ कप्पिउ $ पुणु गिद्धह्ũ सिव-साणह्ũ अप्पिउ
{प॰च॰३५,१५.६} पुणु पेल्लाविउ मग्ग-गइन्देॅहिॅ $ पुणु वेढाविउ पण्णय-विन्देॅहिॅ
{प॰च॰३५,१५.७} पुणु कण्डिउ पुणु जन्तेॅ छुहाविउ $ अद्धु सहासु वार पीलाविउ
{प॰च॰३५,१५.८} दुक्खु दुक्खु पुणु कह वि किलेसेॅहिॅ $ परिभमन्तु भव-जोणि-सहासेॅहिॅ
{प॰च॰३५,१५.९} एत्थु विहङ्गु जाउ णिय-काणणेॅ $ एवहिॅ अच्छइ तुम्ह-घरङ्गणेॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१५.१०} ताव पक्खि मणेॅ पच्छुत्ताविउ $ "किह मइँ सवण-सङ्घु संताविउ
एत्तिय-मत्तें अब्भुद्धरणउ $ महु मुयहेॅ वि जिणवरु सरणउ"
कण्ड २, संधि ३५, कडवक १६॒
{प॰च॰३५,१६.१} जं आयण्णिउ पक्खि-भवन्तरु $ जाणइ-कन्तें पभणिउ मुणिवरु
{प॰च॰३५,१६.२} "तो वरि अम्हह्ũ वयइँ चडावहु $ पक्खिहेॅ सुहय-पन्थु दरिसावहु"
{प॰च॰३५,१६.३} तं वलएवहेॅ वयणु सुणेप्पिणु $ पञ्चाणुव्वय उच्चारेप्पिणु
{प॰च॰३५,१६.४} दिण्ण पडिच्छिय तिहि मि जणेहिॅ $ पुणु अहिणन्दिय एक्क-मणेहिॅ
{प॰च॰३५,१६.५} मुणिवर गय आयासहेॅ जावेॅहिॅ $ लक्खणु भवणु पराइउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰३५,१६.६} "राहव एउ काइँ अच्छरियउ $ जं मन्दिरु णिय-रयणेॅहिॅ भरियउ"
{प॰च॰३५,१६.७} तेण वि कहिउ सव्वु जं वित्तउ $ "मइँ आहार-दाण-फलु पत्तउ
{प॰च॰३५,१६.८} तक्खणेॅ पञ्चच्छरिउ पदरिसिउ $ मेहेॅहिॅ जिह अणवरउ पवरिसिउ"
घत्ता॒
{प॰च॰३५,१६.९} रामहेॅ वयणु सुणेवि अणन्तें $ गेण्हवि मणि-रयणइँ वलवन्तें
वड-पारोह-समेहिॅ पचण्डेॅहिॅ $ रहवरु घडिउ स यं भु व-दण्डेॅहिॅ
[३६. छत्तीसमो संधि] ----------
रहु कोड्डावणउ मणि-रयण-सहासेॅहिॅ घडियउ
गयणहेॅ उच्छलेॅवि णं दिणयर-सन्दणु पडियउ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १॒
{प॰च॰३६,१.१} तहिॅ तेहऍ सुन्दरेॅ सुप्पवहेॅ $ आरण्ण-महागय-जुत्त-रहेॅ
{प॰च॰३६,१.२} धुरेॅ लक्खणु रहवरेॅ दासरहि $ सुर-लीलऍ पुणु विहरन्ति महि
{प॰च॰३६,१.३} तं कण्हवण्ण-णइ मुऍवि गय $ वणेॅ कहि मि णिहालिय मत्त गय
{प॰च॰३६,१.४} कत्थ वि पञ्चाणण गिरि-गुहेॅहिॅ $ मुत्तावलि विक्खिरन्ति णहेॅहिॅ
{प॰च॰३६,१.५} कत्थ वि उड्डाविय सउण-सय $ णं अडविहेॅ उड्डेॅवि पाण गय
{प॰च॰३६,१.६} कत्थ वि कलाव णच्चन्ति वणेॅ $ णावइ णट्टावा जुवइ-जणेॅ
{प॰च॰३६,१.७} कत्थ इ हरिणइँ भय-भीयाइँ $ संसारहेॅ जिह पव्वइयाइँ
{प॰च॰३६,१.८} कत्थ वि णाणाविह-रुक्ख-राइ $ णं महि-कुलवहुअहेॅ रोम-राइ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१.९} तहेॅ दण्डयवणहेॅ $ अग्गऍ दीसइ जलवाहिणि
णामें कोञ्चणइ $ थिर-गमण णाइँ वर-कामिणि
कण्ड २, संधि ३६, कडवक २॒
{प॰च॰३६,२.१} कोञ्चणइहेॅ तीरेॅण संठियइँ $ लय-मण्डवेॅ गम्पि परिट्ठियइँ
{प॰च॰३६,२.२} छुडु जेॅ छुडु जेॅ सरयहेॅ आगमणेॅ $ सच्छाय महादुम जाय वणेॅ
{प॰च॰३६,२.३} णव-णलिणिहेॅ कमलइँ विहसियइँ $ णं कामिणि-वयणइँ पहसियइं
{प॰च॰३६,२.४} धवलेण णिरन्तर-णिग्गऍण $ घण-कलसेॅहिॅ गयण-महग्गऍण
{प॰च॰३६,२.५} अहिसिञ्चेॅवि तक्खणेॅ वसुह-सिरि $ णं थविय अवाहिणि कुम्भइरि
{प॰च॰३६,२.६} तहिॅ तेहऍ सरऍ सुहावणऍ $ परिभमइ जणद्दणु काणणऍ
{प॰च॰३६,२.७} कोवण्ड-सिलीमुह-गहिय-करु $ गज्जन्त-मत्त-मायङ्ग-धरु
{प॰च॰३६,२.८} वणेॅ ताम सुअन्धु वाउ अइउ $ जो पारियाय-कुसुमब्भहिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,२.९} कड्ढिउ भमरु जिह $ तें वाएं सुट्ठु सुअन्धें
धाइउ महुमहणु $ जिह गउ गणियारिहेॅ गन्धें
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ३॒
{प॰च॰३६,३.१} थोवन्तरेॅ परिओसिय-मणेॅण $ वंसत्थलु लक्खिउ लक्खणेॅण
{प॰च॰३६,३.२} णं सयण-विन्दु आवासियउ $ णं मयउलु वाहें तासियउ
{प॰च॰३६,३.३} अण्णेक्क-पासेॅ कोड्डावणउउ $ जम-जिह जेम भीसावणउ
{प॰च॰३६,३.४} गयणङ्गणेॅ खग्गु णिहालियउ $ णाणाविह-कुसुमोमालियउ
{प॰च॰३६,३.५} लक्खणहेॅ णाइँ अब्भुद्धरणु $ णं सम्वुकुमारहेॅ जमकरणु
{प॰च॰३६,३.६} तं सूरहासु णामेण असि $ जसु तेएं णिय पह मुअइ ससि
{प॰च॰३६,३.७} जसु धारहेॅ काल-दिट्ठि वसइ $ जसु कालु कियन्तु वि जमु तसइ
{प॰च॰३६,३.८} तें हत्थु पसारेॅवि लइउ किह $ पर-णर-णिप्पसरु कलत्तु जिह
घत्ता॒
{प॰च॰३६,३.९} पुणु कीलन्तऍण $ असिवत्तें हउ वंसत्थलु
ताव समुच्छलेॅवि $ सिरु पडिउ स-मउडु स-कुण्डलु
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ४॒
{प॰च॰३६,४.१} जं दिट्ठु विवाइउ सिर-कमलु $ सिरिवच्छें विहुणिउ भुय-जुअलु
{प॰च॰३६,४.२} "धिम्मइँ णिक्कारणु वहिउ णरु $ वत्तीस वि लक्खण-लक्ख-धरु"
{प॰च॰३६,४.३} पुणु जाम णिहालइ वंस-वणु $ णर-रुण्डु दिट्ठु फन्दन्त-तणु
{प॰च॰३६,४.४} तं पेक्खेॅवि चिन्तइ खग्गधरु $ "थिउ माया-रूवें को वि णरु"
{प॰च॰३६,४.५} गउ एम भणेप्पिणु महुमहणु $ णिविसेण परायउ णिय-भवणु
{प॰च॰३६,४.६} राहवेण वुत्तु "भो सुहड-ससि $ कहिॅ लद्धु खग्गु कहिॅ गयउ असि
{प॰च॰३६,४.७} तेण वि तं सयलु वि अक्खियउ $ वंसत्थलु जिह वणेॅ लक्खियउ
{प॰च॰३६,४.८} जिह लद्धु खग्गु तं अतुल-वलु $ जिह खुडिउ कुमारहेॅ सिर-कमलु
घत्ता॒
{प॰च॰३६,४.९} वुच्चइ राहवेॅण $ "मं एत्तिय मुहिवऍ साडिय
असि सावण्णु णवि $ पइँ जमहेॅ जीह उप्पाडिय"
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ५॒
{प॰च॰३६,५.१} जं एहिय भीसण वत्त सुय $ वेवन्ति पजम्पिय जणय-सुय
{प॰च॰३६,५.२} "लय-मण्डवेॅ विउलेॅ णिविट्ठाह्ũ $ सुहु णाहि वणेॅ वि पइट्ठाह्ũ
{प॰च॰३६,५.३} परिभमइ जणद्दणु जहिॅ जेॅ जहिॅ $ दिवेॅदिवेॅ कडमद्दणु तहिॅ जेॅ तहिॅ
{प॰च॰३६,५.४} कर-चलण-देह-सिर-कण्डणह्ũ $ णिव्विण्ण माऍ हũ भण्डणह्ũ
{प॰च॰३६,५.५} हũ ताएं दिण्णी केहाह्ũ $ कलि-काल-कियन्तह्ũ जेहाह्ũ"
{प॰च॰३६,५.६} तं वयणु सुणेप्पिणु भणइ हरि $ "जइ राजु ण पोरिसु होइ वरि
{प॰च॰३६,५.७} जिम दाणें जेॅम सुकइत्तणेॅण $ जिम आउहेण जिम कित्तणेॅण
{प॰च॰३६,५.८} परिभमइ कित्ति सव्वहेॅ णरहेॅ $ धवलन्ति भुवणु जिह जिणवरहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,५.९} आयह्ũ एत्तियह्ũ $ जसु एक्कु वि चित्तेॅ ण भावइ
सो जाउ ज्जि मुउ $ परिमिसु जं जमु णेवावइ"
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ६॒
{प॰च॰३६,६.१} एत्थन्तरेॅ सुर-संतावणहेॅ $ लहु वहिणि सहोयर रावणहेॅ
{प॰च॰३६,६.२} पायाललङ्क-लङ्केसरहेॅ $ धण पाण-पियारी तहेॅ खरहेॅ
{प॰च॰३६,६.३} चन्दणहि णाम रहसुच्छलिय $ णिय-पुत्तहेॅ पासु समुच्चलिय
{प॰च॰३६,६.४} "लइ वारह-वरिसइँ भरियाइँ $ चउ-दिवसेॅहिॅ पुणु सोत्तरियाइँ
{प॰च॰३६,६.५} अण्णहिॅ तहिॅ दिवसहिॅ करेॅ चडइ $ तं खग्गु अज्जु णहेॅ णिव्वडइ"
{प॰च॰३६,६.६} सो एव चवन्ती महुर-सर $ वलि-दीवङ्गारय-गहिय-कर
{प॰च॰३६,६.७} सज्जण-मण-णयणाणन्दणहेॅ $ गय पासु पत्त णिय-णन्दणहेॅ
{प॰च॰३६,६.८} ताणन्तरेॅ असि-दलवट्टियउ $ वंसत्थलु दिट्ठु णिवट्टियउ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,६.९} दिट्ठु कुमार-सिरु $ स-मउडु मणि-कुण्डल-मण्डिउ
जन्तेॅहिॅ किण्णरेॅहिॅ $ वर-कणय-कमलु णं छण्डिउ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ७॒
{प॰च॰३६,७.१} सिर-कमलु णिएप्पिणु गीढ-भय $ रोमन्ती महियलेॅ मुच्छ-गय
{प॰च॰३६,७.२} कन्दन्ति रुवन्ति स-वेयणिय $ णिज्जीव जाय णिच्चेयणिय
{प॰च॰३६,७.३} पुणु दुक्खु दुक्खु संवरिय-मण $ मुह-कायर दर-मउलिय-णयण
{प॰च॰३६,७.४} णं मुच्छऍ किउ सहियत्तणउ $ जं रक्खिउ जीवु गवण-मणउ
{प॰च॰३६,७.५} पुणु उट्ठेॅवि विहुणइ भुअजुअलु $ पुणु सिरु पुणु पहणइ वच्छयलु
{प॰च॰३६,७.६} पुणु कोक्कइ पुणु धाहहिॅ रडइ $ पुणु दीसउ णिहालइ पुणु पडइ
{प॰च॰३६,७.७} पुणु उट्ठइ पुणु कन्दइ कणइ $ पुणुरुत्तेॅहिॅ अप्पउ आहणइ
{प॰च॰३६,७.८} पुणु सिरु अप्फालइ धरणिवहेॅ $ रोवन्तिहेॅ सुर रोवन्ति णहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,७.९} जे चउदिसेॅहिॅ थिय $ णिय डाल पसारेॅवि तरुवर
"मा रुव चन्दणहि" $ णं साहारन्ति सहोयर
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ८॒
{प॰च॰३६,८.१} अप्पाणउ तो वि ण संथवइ $ रोवन्ति पुणु वि पुणु उट्ठवइ
{प॰च॰३६,८.२} "हा पुत्त विउज्झहि लुहहि मुहु $ हा विरुअऍ णिद्दऍ सुत्तु तुह्ũ
{प॰च॰३६,८.३} हा किण्णालावहि पुत्त मइँ $ हा किं दरिसाविय माय पइँ
{प॰च॰३६,८.४} हा उवसंहारहि रूवु लहु $ हा पुत्त देहि पिय-वयणु महु
{प॰च॰३६,८.५} हा पुत्त काइँ किउ रुहिर-वडु $ हा पुत्त एहि उच्छङ्गेॅ चडु
{प॰च॰३६,८.६} हा पुत्त लाइ मुहेॅ मुह-कमलु $ हा पुत्त एहि पिउ थण-जुअलु
{प॰च॰३६,८.७} हा पुत्त देहि आलिङ्गणउ $ जें णच्चमि वणेॅ वद्धावणउ
{प॰च॰३६,८.८} णव-मासु छुद्धु जें मइँ उअरेॅ $ तं सहल मणोरह अज्जु जणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,८.९} हा हा दड्ढ विहि $ कहिॅ णियउ पुत्तु कहेॅ सङ्घमि
काइँ कियन्त किउ $ हा दइव कवण दिस लङ्घमि
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ९॒
{प॰च॰३६,९.१} हा अज्जु अमङ्गलु विहिॅ पुरहँ $ पायाललङ्क-लङ्काउरहँ
{प॰च॰३६,९.२} हा अज्जु दुक्खु वन्धव-जणहेॅ $ हा अज्जु पडिय भुअ रावणहेॅ
{प॰च॰३६,९.३} हा अज्जु खरहेॅ रोवावणउ $ हा अज्जु रिउह्ũ वद्धावणउ
{प॰च॰३६,९.४} हा अज्जु फुट्टु कि ण जमहेॅ सिरु $ हा पुत्त णिवारिउ मइ मि चिरु
{प॰च॰३६,९.५} तं खग्गु ण सावण्णहेॅ णरहेॅ $ पर होइ अद्ध-चक्केसरहेॅ
{प॰च॰३६,९.६} किं तेण जि पाडिउ सिर-कमलु $ मणि-कुण्डल-मण्डिय-गण्डयलु"
{प॰च॰३६,९.७} पुणु पुणु दरिसावइ सुर यणहेॅ $ रवि-हुअवह-वरुण-पहञ्जणहेॅ
{प॰च॰३६,९.८} "अहेॅ देवहेॅ वालु ण रक्खियउ $ सव्वेॅहिॅ मिलेवि उपेक्खियउ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,९.९} तुम्हहँ दोसु णवि $ महु दोसु जाहेॅ मणु ताविउ
मञ्छुडु अण्ण-भवेॅ $
मइँ अण्णु को वि संताविउ"
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १०॒
{प॰च॰३६,१०.१} एत्थन्तरेॅ सोएं परियरिय $ णडि जिह तिह पुणु मच्छर-भरिय
{प॰च॰३६,१०.२} णिड्डरिय-णयण विप्फुरिय-मुह $ विकराल णाइँ खय-काल-छुह
{प॰च॰३६,१०.३} परिवद्धिय रवि-मण्डलेॅ मिलिय $ जम-जीह जेम णहेॅ किलिगिलिय
{प॰च॰३६,१०.४} "जें घाइउ पुत्तु महु त्तणउ $ खर-णन्दणु रावण-भायणउ
{प॰च॰३६,१०.५} तहेॅ जीविउ जइ ण अज्जु हरमि $ तो हुयवह-पुञ्जेॅ पईसरमि"
{प॰च॰३६,१०.६} इय पइज करेप्पिणु चन्दणहि $ किर वलेॅवि पलोवइ जाम महि
{प॰च॰३६,१०.७} लय-मण्डवेॅ लक्खिय वे वि णर $ णं धरणिहेॅ उब्भिय उभय कर
{प॰च॰३६,१०.८} तहिॅ एक्कु दिट्ठु करवाल-भुउ $ "लइ एण जि हउ महु तणउ सुउ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१०.९} एण जि असिवरेॅण $ णियमत्थहेॅ कुल-पायारहेॅ
सह्ũ वंसत्थलेॅण $ सिरु पाडिउ सम्वुकुमारहेॅ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक ११॒
{प॰च॰३६,११.१} जं दिट्ठ वणन्तरेॅ वे वि णर $ गउ पुत्त-विओउ कोउ णवर
{प॰च॰३६,११.२} आयामिय विरह-महाभडेॅण $ णच्चाविय मयरद्धय-णडेॅण
{प॰च॰३६,११.३} पुलइज्जइ पासेइज्जइ वि $ परितप्पइ जर-खेइज्जइ वि
{प॰च॰३६,११.४} मुच्छिज्जइ उम्मुच्छिज्जइ वि $ रुणुरुणइ वियारहिॅ भज्जइ वि
{प॰च॰३६,११.५} "वरि एउ रूउ उवसंघरमि $ सुर-सुन्दरु कण्ण-वेसु करमि
{प॰च॰३६,११.६} पुणु जामि उम्वर-भवणु $ परिणेसइ अवसें एक्कु जणु"
{प॰च॰३६,११.७} हियइच्छिउ तक्खणेॅ रूउ किउ $ णं कामहेॅ कोडु जेॅ तिं विहिउ
{प॰च॰३६,११.८} गय तहिॅ जहिॅ तिण्णि वि जणइँ वणेॅ $ पुणु धाहहिॅ रुअणहिॅ लग्ग खणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,११.९} पभणइ जणय-सुय $ "वल पेक्खु कण्ण किह रोवइ
जं कालन्तरिउ $ तं दुक्खु णाइँ उक्कोवइ"
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १२॒
{प॰च॰३६,१२.१} रोवन्ती वड्डें मलहरेॅण $ हक्कारेॅवि पुच्छिय हलहरेॅण
{प॰च॰३६,१२.२} "कहि सुन्दरि रोवहि काइँ तुह्ũ $ किं पडिउ किं पि णिय-सयण-दुहु
{प॰च॰३६,१२.३} किं केण वि कहिॅ वि परिब्भविय" $ तं वयणु सुणेवि वाल चविय
{प॰च॰३६,१२.४} "हũ पाविणि दीण दयावणिय $ णिव्वन्धव रुवमि वराय णिय
{प॰च॰३६,१२.५} वणेॅ भुल्ली णउ जाणमि दिसउ $ णउ जाणमि कवणु देसु विसउ
{प॰च॰३६,१२.६} कहिॅ गच्छमि चक्कवूहेॅ पडिय $ महु पुण्णेॅहिॅ तुम्ह समावडिय
{प॰च॰३६,१२.७} जइ अम्हह्ũ उप्परि अत्थि मणु $ तो परिणउ विण्ह वि एक्कु जणु"
{प॰च॰३६,१२.८} तं वयणु सुणेवि हलाउहेॅण $ किय णक्खच्छोडी राहवेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१२.९} करयलु दिण्णु मुहेॅ $ किय वङ्क भũह सिरु चालिउ
"सुन्दर ण होइ वहु" $ सोमित्तिहेॅ वयणु णिहालिउ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १३॒
{प॰च॰३६,१३.१} जो णरवइ अइ-सम्माण-करु $ सो पत्तिय अत्थ-समत्थ-हरु
{प॰च॰३६,१३.२} जो होइ उवायणेॅ वच्छलउ $ सो पत्तिय विसहरु केवलउ
{प॰च॰३६,१३.३} जो मित्तु अकारणेॅ एइ घरु $ सो पत्तिय दुट्ठु कलत्त-हरु
{प॰च॰३६,१३.४} जो पन्थिउ अलिय-सणेहियउ $ सो पत्तिय चोरु अणेहियउ
{प॰च॰३६,१३.५} जो णरु अत्थक्कऍ लल्लि-करु $ सो सत्तु णिरुत्तउ जीव-हरु
{प॰च॰३६,१३.६} जा कामिणि कवड-चाडु कुणइ $ सा पत्तिय सिर-कमलु वि लुणइ
{प॰च॰३६,१३.७} जा कुलवहु सवहेॅहिॅ ववहरइ $ सा पत्तिय विरुय-सयइँ करइ
{प॰च॰३६,१३.८} जा कण्ण होवि पर-णरु वरइ $ सा किं वड्ढन्ती परिहरइ
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१३.९} आयह्ũ अट्ठहु मि $ जो णरु मूढउ वीसम्भइ
लोइउ धम्मु जिह $ छुडु विप्पउ पऍ पऍ लब्भइ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १४॒
{प॰च॰३६,१४.१} चिन्तेप्पिणु थेरासण-मुहेॅण $ सोमित्ति वुत्तु सीराउहेॅण
{प॰च॰३६,१४.२} "महु अत्थि भज्ज सुमणोहरिय $ लइ लक्खण वहु लक्खण-भरिय"
{प॰च॰३६,१४.३} जं एव समासऍ अक्खियउ $ कण्हेण वि मणेॅ उवलक्खियउ
{प॰च॰३६,१४.४} "हũ लेमि कुमारि स-लक्खणिय $ जा आगमेॅ सामुद्दऍ भणिय
{प॰च॰३६,१४.५} जङ्घोरु-अहङ्गय वट्ट-थण $ दीहर-कर-णक्खङ्गुलि-णयण
{प॰च॰३६,१४.६} रत्तंहि गइन्द-णिरिक्खणिय $ चामीयर-वण्ण सपुज्जणिय
{प॰च॰३६,१४.७} जा उण्णय णासेॅ णिलाडेॅ तिय $ सा होइ ति-पुत्तह्ũ मायरिय
{प॰च॰३६,१४.८} कायङ्घि स-गग्गर तावसिय $ सम-चलणङ्गुलि अचिराउसिय
{प॰च॰३६,१४.९} जा हंस-वंस वरवीण-सर $ महु-वण्ण महा-घण-छाय-धर
{प॰च॰३६,१४.१०} सुह-भमर-णाहि-सिर-भमर-थण $ सा वहु-सुय वहु-धण वहु-सयण
{प॰च॰३६,१४.११} जहेॅ वामऍ करयलेॅ होन्ति सय $ मीणारविन्द-विस-दाम-धय
{प॰च॰३६,१४.१२} गोउरु घरु गिरिवरु अहव सिल $ सु-पसत्थ स-लक्खण सा महिल
{प॰च॰३६,१४.१३} चक्कङ्कुस-कुण्डल-उद्धरिह $ रोमावलि वलिय भुयङ्गु जिह
{प॰च॰३६,१४.१४} अद्धेन्दु-णिडालें सुन्दरेॅण $ मुत्ताहल-सम-दन्तन्तरेॅण
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१४.१५} आऍहिॅ लक्खणेॅहिॅ $ सामुद्देॅहिॅ वणिय सुणिज्जइ
चक्काहिवहेॅ तिय $ चक्कवइ पुत्तु उप्पज्जइ
कण्ड २, संधि ३६, कडवक १५॒
{प॰च॰३६,१५.१} वहु राहव एह अलक्खणिय $ हũ भणमि ण लक्खणेण भणिय
{प॰च॰३६,१५.२} जङ्घोरु-करेहिॅ समंसलिय $ चल-लोयण गमणुत्तावलिय
{प॰च॰३६,१५.३} कुम्मुण्णय-पय विसमङ्गुलिय $ धुय-कविल-केसि खरि पङ्गुलिय
{प॰च॰३६,१५.४} सव्वङ्ग-समुट्ठिय-रोम-रइ $ तहेॅ पुत्तु वि भत्तारु वि मरइ
{प॰च॰३६,१५.५} कडि-लञ्छण भũहावलि-मिलिय $ सा देव णिरुत्तउ झेन्दुलिय
{प॰च॰३६,१५.६} दालिद्दिणि तित्तिर-लोयणिय $ पारेवयच्छि जण-भोजणिय
{प॰च॰३६,१५.७} विरसउह-दिट्ठि विरसउह-सर $ सा दुक्खह्ũ भायण होइ पर
{प॰च॰३६,१५.८} णासग्गें थोरें मन्थरेॅण $ सा लञ्जिय किं वहु-वित्थरेण
{प॰च॰३६,१५.९} कडि-चिहुर-णाहि मुह-मासुरिय $ सा रक्खसि वहु-भय-भासुरिय
{प॰च॰३६,१५.१०} कडु-अङ्गिय मत्त-गइन्द-छवि $ हũ एहिय परिणमि कण्ण णवि"
घत्ता॒
{प॰च॰३६,१५.११} पभणइ चन्दणहि $ "किं णियय-सहावें लज्जमि
जइ हũ णिसियरिय $ तो पइ मि अज्जु स इं भु ञ्जमि"
[३७. सत्ततीसमो संधि] ----------
चन्दणहि अलज्जिय एम पगज्जिय "मरु मरु भूयह्ũ देमि वलि"
णिय-रूवें वड्ढिय रण-रसेॅ अड्ढिय रावण-रामह्ũ णाइँ कलि
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १॒
{प॰च॰३७,१.१} पुणु पुणु वि पवड्ढिय किलिकिलन्ति $ जालावलि-जाला-सय मुअन्ति
{प॰च॰३७,१.२} भय-भीसण कोवाणल-सणाह $ णं धरऍ समुब्भिय पवर वाह
{प॰च॰३७,१.३} णह-सरि-रवि-कमलहेॅ कारणत्थि $ अहवइ णं अब्भुद्धारणत्थि
{प॰च॰३७,१.४} णं घुसलइ अब्भ-चिरिड्डिहिल्लु $ तारा-वुव्वुव-सय-विड्डिरिल्लु
{प॰च॰३७,१.५} ससि-लोणिय-पिण्डउ लेवि धाइ $ गह-डिम्भहेॅ पीहउ देइ णाइँ
{प॰च॰३७,१.६} अहवइ किं वहुणा वित्थरेण $ णं णहयल-सिल गेण्हइ सिरेण
{प॰च॰३७,१.७} णं हरि-वल-मोत्तिय-कारणेण $ महि-गयण-सिप्पि फोडइ खणेण
{प॰च॰३७,१.८} वलएवें वुच्चइ "वच्छ वच्छ $ तुह्ũ वहुयहेॅ चरियइँ पेच्छ पेच्छ"
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१.९} चन्दणहि पजम्पिय $ तिणु वि ण कम्पिय $ "लइउ खग्गु हउ पुत्तु जिह
तिण्णि वि खज्जन्तइँ $ मारिज्जन्तइँ $ रक्खेज्जहेॅ अप्पाणु तिह"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक २॒
{प॰च॰३७,२.१} वयणेण तेण असुहावणेण $ करवालु पदरिसिउ महुमहेण
{प॰च॰३७,२.२} दढ-कढिण-कढोरुप्पीलणेण $ अङ्गुलि-अङ्गुट्ठावीलणेण
{प॰च॰३७,२.३} तं मण्डलग्गु थरहरइ केम $ भत्तार-भएं सुकलत्तु जेम
{प॰च॰३७,२.४} अणवरय-मउज्झरेॅ णर-णिसुम्भेॅ $ तहिॅ दारिज्जन्तेॅ गइन्द-कुम्भेॅ
{प॰च॰३७,२.५} जो धारहिॅ मोत्तिय-णियरु लग्गु $ पासेव-फुलिङ्गु वहु व वलग्गु
{प॰च॰३७,२.६} तं तेहउ खग्गु लएवि तेण $ विज्जाहरि पभणिय लक्खणेण
{प॰च॰३७,२.७} "जें लइउ सीसु तुह णन्दणासु $ करवालु एउ तं सूरहासु
{प॰च॰३७,२.८} जइ अत्थि को वि रण-भर-समत्थु $ तहेॅ सव्वहेॅ उब्भिउ धम्म-हत्थु"
{प॰च॰३७,२.९} खर-घरणिऍ वुत्तु "ण होइ कज्जु $ को वारइ मारइ मइ मि अज्जु"
घत्ता॒
{प॰च॰३७,२.१०} सा एव भणेप्पिणु $ गलगज्जेप्पिणु $ चलणेॅहिॅ अप्फालेवि महि
खर-दूसण-वीरह्ũ $ अतुल-सरीरह्ũ $ गय कूवारें चन्दणहि
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ३॒
{प॰च॰३७,३.१} रोवन्ति पधाइय दीण-वयण $ जलहर जिह जिह वरिसन्ति णयण
{प॰च॰३७,३.२} लम्वन्ति लम्व-कडियल-समग्ग $ णं चन्दण-लयहेॅ भुअङ्ग लग्ग
{प॰च॰३७,३.३} वीया-मयलञ्छण-सण्णिहेहिॅ $ अप्पाणु वियारिउ णिय-णहेहिॅ
{प॰च॰३७,३.४} रुहिरोल्लिय-थणघिप्पन्त-रत्त $ णं कणय-कलस कुङ्कुम-विलित्त
{प॰च॰३७,३.५} णं दावइ लक्खण-राम-कित्ति $ णं खर-दूसण-रावण-भवित्ति
{प॰च॰३७,३.६} णं णिसियर-लोयहेॅ दुक्ख-खाणि $ णं मन्दोयरिहेॅ सुपुरिस-हाणि
{प॰च॰३७,३.७} णं लङ्कहेॅ पइसारन्ति सङ्क $ णिविसेण पत्त पायाललङ्क
{प॰च॰३७,३.८} णिय-मन्दिरेॅ धाहावन्ति णारि $ णं खरदूसणहेॅ पइट्ठ मारि
अत्ता
{प॰च॰३७,३.९} कूवारु सुणेप्पिणु $ धण पेक्खेप्पिणु $ राएं वलेॅवि पलोइयउ
तिहुयणु संघारेॅवि $ पलउ समारेॅवि $ णाइँ कियन्तें जोइयउ
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ४॒
{प॰च॰३७,४.१} कूवारु सुणेॅवि कुल-भूसणेण $ चन्दणहि पपुच्छिय दूसणेण
{प॰च॰३७,४.२} "कहेॅ केणुप्पाडिउ जमहेॅ णयणु $ कहेॅ केण पजोइउ काल-वयणु
{प॰च॰३७,४.३} कहि केण कियन्तहेॅ कियउ मरणु $ कहि केण कियउ विस-कन्द-चरणु
{प॰च॰३७,४.४} कहि केण वद्धु पवणेण पवणु $ कहि केण दड्ढु जलणेण जलणु
{प॰च॰३७,४.५} कहि केण भिण्णु वज्जेण वज्जु $ कहि केण धरिउ जलु जलेॅण अज्जु
{प॰च॰३७,४.६} कहि केण भाणु उण्हेण तविउ $ कहि केण समुद्दु तिसाऍ खविउ
{प॰च॰३७,४.७} कहि केण खुडिउ फणि-मणि-णिहाउ $ कहेॅ केण सहिउ सुर-कुलिस-घाउ
{प॰च॰३७,४.८} कहेॅ केण हुआसणेॅ झम्प दिण्ण $ कहेॅ केण दसाणण-पाय छिण्ण"
घत्ता॒
{प॰च॰३७,४.९} चन्दणहि पवोल्लिय $ अंसुजलोल्लिय $ "जण-वल्लहु महु तणउ सुउ
ओलग्गइ पाणेॅहिॅ $ विणय-समाणेॅहिॅ $ णरवइ सम्वुकुमारु मुउ"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ५॒
{प॰च॰३७,५.१} आयण्णेॅवि सम्वुकुमार-मरणु $ संतावण-सोय-विओय-करणु
{प॰च॰३७,५.२} पविरल-मुहु वाह-भरन्त-णयणु $ दुक्खाउरु दर-ओहुल्ल-वयणु
{प॰च॰३७,५.३} खरु रुयइ स-दुक्खउ "अतुल-पिण्डु $ हा अज्जु पडिउ महु वाहु-दण्डु
{प॰च॰३७,५.४} हा अज्जु जाय मणेॅ गरुअ सङ्क $ हा अज्जु सुण्ण पायाललङ्क
{प॰च॰३७,५.५} हा णन्दण सुर-पञ्चाणणासु $ कवणुत्तरु देमि दसाणणासु"
{प॰च॰३७,५.६} एत्थन्तरेॅ ताम तिमुण्ड-धारि $ वहु-वुद्धि पजम्पिउ वम्भयारि
{प॰च॰३७,५.७} "हे णरवइ मूढा रुअहि काइँ $ संसारेॅ भमन्तह्ũ सुअ-सयाइँ
{प॰च॰३७,५.८} आयाइँ मुआइँ गयाइँ जाइँ $ को सक्कइ राय गणेवि ताइँ
घत्ता॒
{प॰च॰३७,५.९} कहेॅ घरु कहेॅ परियणु $ कहेॅ सम्पय-धणु $ माय वप्पु कहेॅ पुत्तु तिय
कें कज्जें रोवहि $ अप्पउ सोयहि $ भव-संसारहेॅ एह किय"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ६॒
{प॰च॰३७,६.१} जं दुक्खु दुक्खु संथविउ राउ $ पडिवोल्लिउ णिय-घरिणिऍ सहाउ
{प॰च॰३७,६.२} "कहेॅ केण वहिउ महु तणउ पुत्तु" $ तं वयणु सुणेॅवि धणिअऍ वुत्तु
{प॰च॰३७,६.३} "सुणु णरवइ दुग्गमेॅ दुप्पवेसेॅ $ दुग्घोट्ट-थट्ट-घट्टण-पवेसेॅ
{प॰च॰३७,६.४} पञ्चाणण-लक्खुक्खय-करालेॅ $ तहिॅ तेहऍ दण्डय-वणेॅ विसालेॅ
{प॰च॰३७,६.५} वे मणुस दिट्ठ सोण्डीर वीर $ मेहारविन्द-सण्णिह-सरीर
{प॰च॰३७,६.६} कोवण्ड-सिलीमुह-गहिय-हत्थ $ पर-वल-वल-उत्थल्लण-समत्थ
{प॰च॰३७,६.७} तहिॅ एक्कु दिट्ठु तियसह्ũ असज्झु $ तें लइउ खग्गु हउ पुत्तु मज्झु
{प॰च॰३७,६.८} अण्णु वि अवलोवहि देव देव $ कक्खोरु वियारिउ पेक्खु केव
घत्ता॒
{प॰च॰३७,६.९} वणेॅ धरेॅवि रुयन्ती $ धाह मुअन्ती $ कह वि ण भुत्त तेण णरेॅण
णिय-पुण्णेॅहिॅ चुक्की $ णह-मुह-लुक्की $ णलिणि जेम सरेॅ कुञ्जरेॅण"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ७॒
{प॰च॰३७,७.१} तं वयणु सुणेॅवि वहु-जाणएहिॅ $ उवलक्खिय अण्णेॅहिॅ राणएहिॅ
{प॰च॰३७,७.२} "मालूर-पवर-पीवर-थणाऍ $ पर एयइँ कम्मइँ अडयणाऍ
{प॰च॰३७,७.३} मञ्छुडु ण समिच्छिय सुपुरिसेण $ अप्पउ विद्धंसेॅवि आय तेण"
{प॰च॰३७,७.४} एत्थन्तरेॅ णिवइ णिएइ जाव $ णह-णियर-वियारिय दिट्ठ ताव
{प॰च॰३७,७.५} किंसुय-लय व्व आरत्त-वण्ण $ रत्तुप्पल-माल व भमर-छण्ण
{प॰च॰३७,७.६} तहिॅ अहरु दिट्ठु दसणग्ग-भिण्णु $ णं वाल-तवणु फग्गुणेॅ उइण्णु
{प॰च॰३७,७.७} तं णयण-कडक्खेॅवि खरु विरुद्धु $ णं केसरि मयगल-गन्ध-लुद्धु
{प॰च॰३७,७.८} भडु भिउडि-भयङ्करु मुह-करालु $ णं जगहेॅ समुट्ठिउ पलय-कालु
घत्ता॒
{प॰च॰३७,७.९} अमर वि आकम्पिय $ एम पजम्पिय $ "कहेॅ उप्परि आरुट्ठु खरु"
रहु खञ्चिउ अरुणें $ सह्ũ ससि-वरुणें $ "मइँ वि गिलेसइ णवर णरु"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ८॒
{प॰च॰३७,८.१} उट्ठन्तें उट्ठिउ भड-णिहाउ $ अट्ठाण-खोहु णिविसेण जाउ
{प॰च॰३७,८.२} चूरन्त परोप्परु सुहड ढुक्क $ णं जलणिहि णिय-मज्जाय-चुक्क
{प॰च॰३७,८.३} सीसेण सीसु पट्टेण पट्टु $ चलणेण चलणु करु कर-णिहट्ठु
{प॰च॰३७,८.४} मउडेण मउडु तुट्टेवि लग्गु $ मेहलु मेहल-णिवहेण भग्गु
{प॰च॰३७,८.५} उट्ठन्ति के वि तिण-समु गणन्ति $ ओहावण-माणें ण वि णमन्ति
{प॰च॰३७,८.६} अह णमइ को वि किवणत्तणेण $ पडिओ वि ण उट्ठइ भडु भरेण
{प॰च॰३७,८.७} दूसणेण णिवारिय वद्ध-कोह $ विहडप्फड सण्णज्झन्ति जोह
{प॰च॰३७,८.८} "जइ पउ वि देहु आरूसमाण $ तो होसइ रायहेॅ तणिय आण
घत्ता॒
{प॰च॰३७,८.९} मं कज्जु विणासहेॅ $ ताम वईसहेॅ $ जो असि-रयणु मण्ड हरइ
सिरु खुडइ कुमारहेॅ $ विज्जा-पारहेॅ $ सो किं तुम्हहिॅ ओसरइ
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ९॒
{प॰च॰३७,९.१} तो वरि किज्जउ महु तणिय वुद्धि $ णरवइ असहायहेॅ णत्थि सिद्धि
{प॰च॰३७,९.२} णाव वि ण वहइ विणु तारएण $ जलणु वि ण जलइ विणु मारुएण
{प॰च॰३७,९.३} एक्कल्लउ गम्पिणु काइँ करहि $ रयणायरेॅ सन्तेॅ तिसाऍ मरहि
{प॰च॰३७,९.४} सन्ते वि महग्गऍ विसहेॅ चडहि $ जिणेॅ अच्चिए वि संसारेॅ पडहि
{प॰च॰३७,९.५} जसु सारहि फुडु भुवणेक्कवीरु $ सुरवर-पहरण-चड्डिय-सरीरु
{प॰च॰३७,९.६} जग-केसरि अरि-कुल-पलय-कालु $ पर-वल-वगलामुहु भुअ-विसालु
{प॰च॰३७,९.७} दुद्दम-दाणव-दुग्गाह-गाहु $ सुरकरि-कर-सम-थिर-थोर-वाहु
{प॰च॰३७,९.८} तेलोक्क-भुवग्गल-भड-तडक्क $ दुद्दरिसण भीसण जम-झडक्क
घत्ता॒
{प॰च॰३७,९.९} तहेॅ तिहुअण-मल्लहेॅ $ सुर-मण-सल्लहेॅ $ तियस-विन्द-संतावणहेॅ
गउ सम्वु सुहग्गइ $ पइँ ओलग्गइ $ गम्पि कहिज्जइ रावणहेॅ
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १०॒
{प॰च॰३७,१०.१} आयण्णेॅवि तं दूसणहेॅ वयणु $ खरु खरउ पवोल्लिउ गुञ्ज-णयणु
{प॰च॰३७,१०.२} "धिद्धिॅ लज्जिज्जइ सुपुरिसाह्ũ $ पर एयइँ कम्मइँ कुपुरिसाह्ũ
{प॰च॰३७,१०.३} साहीणु जीउ देहत्थु जाव $ किह गम्मइ अण्णहेॅ पासु ताव
{प॰च॰३७,१०.४} जाएं जीवें मरिएवउं जेॅ $ तो वरि पहरिउ वर-वइरि-पुञ्जेॅ
{प॰च॰३७,१०.५} जें लब्भइ साहुक्कारु लोऍ $ अजरामरु को वि ण मच्च-लोऍ
{प॰च॰३७,१०.६} जिम भिडिउ अज्जु अरि-वर-समुद्देॅ $ जिम जणिय मणोरह सयण-विन्देॅ
{प॰च॰३७,१०.७} जिम असि-सव्वल-कोन्तेहिॅ भिण्णु $ जिम जस-पडहउ तइलोक्केॅ दिण्णु
{प॰च॰३७,१०.८} जिम णहेॅ तोसाविउ सुर-णिहाउ $ जिम महु मि अज्जु खय-कालु आउ
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१०.९} जिम सत्तु-सिलायलेॅ $ वहु-सोणिय-जलेॅ $ धुउ परिहव-पडु अप्पणउ
जिम स-धउ स-साहणु $ स-भडु स-पहरणु $ गउ णिय-पुत्तहेॅ पाहुणउ"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक ११॒
{प॰च॰३७,११.१} तं णिसुणेॅवि णिय-कुल-भूसणेण $ लहु लेहु विसज्जिउ दूसणेण
{प॰च॰३७,११.२} सण्णद्धु खरु वि वहु-समर-सूरु $ अप्फालेॅवि वलेॅ संगाम-तूरु
{प॰च॰३७,११.३} विहडप्फड भड सण्णद्ध के वि $ सम्माण-दाणु रिणु संभरेवि
{प॰च॰३७,११.४} केण वि करेण करवालु गहिउ $ केण वि धणुहरु तोणीर-सहिउ
{प॰च॰३७,११.५} केण वि मुसण्ढि मोग्गरु पचण्डु $ केण वि हुलि केण वि चित्तदण्डु
{प॰च॰३७,११.६} णाणाविह-पहरण-गहिय-हत्थ $ सण्णद्ध सुहड रण-भर-समत्थ
{प॰च॰३७,११.७} णीसरिउ सेण्णु परिहरेॅवि सङ्कु $ णं वमेॅवि लग्ग पायाल-लङ्क
{प॰च॰३७,११.८} रह-तुरय-गइन्द-णरिन्द-विन्द $ णं सु-कइ-मुहहेॅ णिग्गन्ति सद्द
घत्ता॒
{प॰च॰३७,११.९} खर-दूसण-साहणु $ हरिस-पसाहणु $ अमरिस-कुद्धउ धाइयउ
गयणङ्गणेॅ लीयउ $ णावइ वीयउ $ जोइस-चक्कु पराइयउ
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १२॒
{प॰च॰३७,१२.१} जं दिट्ठु णहङ्गणेॅ दणु-णिहाउ $ वलएवें वुत्तु सुमित्ति-जाउ
{प॰च॰३७,१२.२} "ऍउ दीसइ काइँ णहग्ग-मग्गेॅ $ किं किण्णर-णिवहु व चलिउ सग्गेॅ
{प॰च॰३७,१२.३} किं पवर पक्खि किं घण विसट्ट $ किं वन्दण-हत्तिऍ सुर पयट्ट"
{प॰च॰३७,१२.४} तं वयणु सुणेप्पिणु भणइ विण्हु $ "वल दीसइ वइरिहिॅ तणउ चिण्हु
{प॰च॰३७,१२.५} खग्गेण विवाइउ सीसु जासु $ कुढेॅ लग्गउ मञ्छुडु को वि तासु"
{प॰च॰३७,१२.६} अवरोप्परु ए आलाव जाव $ हक्कारिउ लक्खणु खरेॅण ताव
{प॰च॰३७,१२.७} "जिह सम्वुकुमारहेॅ लइय पाण $ तिह पाव पडिच्छहि एन्त वाण
{प॰च॰३७,१२.८} जिह लइउ खग्गु पर-णारि भुत्त $ तिह पहरु पहरु पुण्णालि-पुत्त"
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१२.९} एक्केक्क-पहाणह्ũ $ खरेॅण समाणह्ũ $ चउदह सहस समावडिय
गय जेम मइन्दहेॅ $ रिउ गोविन्दहेॅ $ हक्कारेप्पिणु अब्भिडिय
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १३॒
{प॰च॰३७,१३.१} एत्थन्तरेॅ भड-कडमद्दणेण $ जोक्कारिउ रामु जणद्दणेण
{प॰च॰३७,१३.२} "तुह्ũ सीय पयत्तें रक्खु देव $ हũ धरमि सेण्णु मिग-जूहु जेम
{प॰च॰३७,१३.३} जव्वेल करेसमि सीह-णाउ $ तव्वेल एज्ज धणुहर-सहाउ
{प॰च॰३७,१३.४} तं वयणु सुणेॅवि विहसिय-मुहेण $ आसीस दिण्ण सीराउहेण
{प॰च॰३७,१३.५} "जसवन्तु चिराउसु होहि वच्छ $ करेॅ लग्गउ जय-सिरि-वहुअ सच्छ"
{प॰च॰३७,१३.६} तं लेवि णिमित्तु जणद्दणेण $ वइदेहि णमिय रिउ-मद्दणेण
{प॰च॰३७,१३.७} तं णिसुणेॅवि सीयऍ वुत्तु एम $ "पञ्चिन्दिय भग्ग जिणेण जेम
{प॰च॰३७,१३.८} वावीस परीसह चउ कसाय $ जर-जम्म-मरण मण-काय-वाय
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१३.९} जिह भग्गु परम्मुहु $ रणेॅ कुसुमाउहु $ लोहु मोहु मउ माणु खलु
तिह तुह्ũ भञ्जेज्जहि $ समरेॅ जिणेज्जहि $ सयलु वि वइरिहिॅ तणउ वलु"
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १४॒
{प॰च॰३७,१४.१} आसीस-वयणु तं लेवि तेण $ अप्फालिउ धणुहरु महुमहेण
{प॰च॰३७,१४.२} तें सद्दें वहिरिउ जगु असेसु $ थरहरिय वसुन्धरी डरिउ सेसु
{प॰च॰३७,१४.३} खरलक्खण वे वि भिडन्ति जाव $ हक्कारिउ हरि तिसिरेण ताव
{प॰च॰३७,१४.४} ते भिडिय परोप्पर हणु भणन्त $ णं मत्त महागय गुलुगुलन्त
{प॰च॰३७,१४.५} णं केसरि घोरोरालि देन्त $ वाणेहिॅ वाण छिन्दन्ति एन्त
{प॰च॰३७,१४.६} मोग्गर-खुरुप्प-कण्णिय पडन्ति $ जीवेहिॅ जीव णं खयहेॅ जन्ति
{प॰च॰३७,१४.७} एत्थन्तरेॅ अतुल-परक्कमेण $ अद्धेन्दु मुक्कु पुरिसोत्तमेण
{प॰च॰३७,१४.८} तहेॅ तिसिरउ चुक्कु ण कह वि भिण्णु $ धणुहरु पाडिउ धय-दण्डु छिण्णु
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१४.९} अण्णुण्ण पुणुप्पुणु $ समरेॅ वहुग्गुणु $ जं जं तिसिरउ लेवि धणु
तं तं उक्कण्ठइ $ खणु वि ण संथइ $ दइव-विहूणहेॅ जेम धणु
कण्ड २, संधि ३७, कडवक १५॒
{प॰च॰३७,१५.१} धणुहरु सरु सारहि छत्त-दण्डु $ जं वाणहिॅ किउ सय-कण्ड-कण्डु
{प॰च॰३७,१५.२} तं अमरिस-कुद्धें दुद्धरेण $ संभरिय विज्ज विज्जाहरेण
{प॰च॰३७,१५.३} अप्पाणु पदरिसिउ वद्धमाणु $ तिहिॅ वयणेॅहिॅ तिहिॅ सीसेॅहिॅ समाणु
{प॰च॰३७,१५.४} पहिलउ सिरु कक्कड-कविल-केसु $ पिङ्गल-लोयणु किय-वाल-वेसु
{प॰च॰३७,१५.५} वीयउ सिरु वयणु वि णव-जुवाणु $ उब्भिण्ण-वियड-मासुरि-समाणु
{प॰च॰३७,१५.६} तइयउ सिरु धवलउ धवल-वयणु $ फुरिआहरु दर-णिड्डरिय-णयणु
{प॰च॰३७,१५.७} दुद्दरिसणु भीसणु वियड-दाढु $ जिण-भत्तउ जिणवर-धम्म-गाढु
{प॰च॰३७,१५.८} एत्थन्तरेॅ पर-वल-मद्दणेण $ वच्छत्थलेॅ विद्धु जणद्दणेण
घत्ता॒
{प॰च॰३७,१५.९} णाराऍहिॅ भिन्देॅवि $ सीसइँ छिन्देॅवि $ रिउ महि-मण्डलेॅ पाडियउ
सुरवरेॅहिॅ पचण्डेॅहिॅ $ स इं भु व-दण्डेॅहिॅ $ कुसुम-वासु सिरेॅ पाडियउ
[३८. अट्ठतीसमो संधि] ----------
तिसिरउ लक्खणेॅण समरङ्गणेॅ घाइउ जावेॅहिॅ
तिहुअण-डमर-करु दहवयणु पराइउ तावेॅहिॅ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १॒
{प॰च॰३८,१.१} लेहु विसज्जिउ जो सुर-सीहहेॅ $ अग्गऍ पडिउ गम्पि दसगीवहेॅ
{प॰च॰३८,१.२} पडिउ णाइँ वहु-दुक्खहँ भारु $ णाइँ णिसायर-कुल-संघारु
{प॰च॰३८,१.३} णाइँ भयङ्करु कलहहेॅ मूलु $ णाइँ दसाणण-मत्था-सूलु
{प॰च॰३८,१.४} लेहें कहिउ सव्वु अहिणाणेॅहिॅ $ "सम्वुकुमारु उलग्गइ पाणेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१.५} अण्णु वि खग्ग-रयणु उद्दालिउ $ खर-घरिणिहेॅ हियवउ विद्दारिउ
{प॰च॰३८,१.६} तं णिसुणेवि वे वि जसभूसण $ पर-वलेॅ भिडिय गम्पि खर-दूसण
{प॰च॰३८,१.७} णारि-रयणु णिरुवमु सोहग्गउ $ अच्छइ रावण तुज्झु जेॅ जोग्गउ"
{प॰च॰३८,१.८} लेहु णिऍवि अत्थाणु विसज्जेॅवि $ पुप्फविमाणेॅ चडिउ गलगज्जेॅवि
{प॰च॰३८,१.९} करेॅ करवालु करेप्पिणु धाइउ $ णिविसें दण्डारण्णु पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१.१०} ताव जणद्दणेॅण $ खरदूसण-साहणु रुद्धउ
थिउ चउरङ्गु वलु $ णहेॅ णिच्चलु संसऍ छुद्धउ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक २॒
{प॰च॰३८,२.१} तो एत्थन्तरेॅ दीहर-णयणें $ लक्खणु पोमाइउ दहवयणें
{प॰च॰३८,२.२} "वरि एक्कल्लओ वि पञ्चाणणु $ णउ सारङ्ग-णिवहु वुण्णाणणु
{प॰च॰३८,२.३} वरि एक्कल्लओ वि मयलञ्छणु $ ण य णक्खत्त-णिवहु णिल्लञ्छणु
{प॰च॰३८,२.४} वरि एक्कल्लओ वि रयणायरु $ णउ जलवाहिणि-णियरु स-वित्थरु
{प॰च॰३८,२.५} वरि एक्कल्लओ वि वइसाणरु $ णउ वण-णिवहु स-रुक्खु स-गिरिवरु
{प॰च॰३८,२.६} चउदह सहस एक्कु जो रुम्भइ $ सो समरङ्गणेॅ मइ मि णिसुम्भइ
{प॰च॰३८,२.७} पेक्खु केम पहरन्तु पईसइ $ धणुधरु सरु संधाणु ण दीसइ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,२.८} णहि गय णहि तुरय $ णहि रहवर णहि धय-दण्डइँ
णवरि पडन्ताइँ $ दीसन्ति महियले रुण्डइँ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ३॒
{प॰च॰३८,३.१} हरि पहरन्तु पसंसिउ जावेॅहिॅ $ जाणइ णयणकडक्खिय तावेॅहिॅ
{प॰च॰३८,३.२} सुकइ-कह व्व सु-सन्धि सु-सन्धिय $ सु-पय सु-वयण सु-सद्द सु-वद्धिय
{प॰च॰३८,३.३} थिर-कलहंस-गमण गइ-मन्थर $ किस मज्झारेॅ णियम्वेॅ सु-वित्थर
{प॰च॰३८,३.४} रोमावलि मयरहरुत्तिण्णी $ णं पिम्पिलि-रिञ्छोलि विलिण्णी
{प॰च॰३८,३.५} अहिणव-हुण्ड-पिण्ड-पीण-त्थण $ णं मयगल उर-खम्भ-णिसुम्भण
{प॰च॰३८,३.६} रेहइ वयण-कमलु अकलङ्कउ $ णं माणस-सरेॅ वियसिउ पङ्कउ
{प॰च॰३८,३.७} सु-ललिय-लोयण ललिय-पसण्णहँ $ णं वरइत्त-मिलिय वर-कण्णहँ
{प॰च॰३८,३.८} घोलइ पुट्ठिहिॅ वेणि महाइणि $ चन्दण-लयहिॅ ललइ णं णाइणि
घत्ता॒
{प॰च॰३८,३.९} किं वहु-जम्पिऍण $ तिहिॅ भुवणेॅहिॅ जं जं चङ्गउ
तं तं मेलवेॅवि $ णं दइवें णिम्मिउ अङ्गउ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ४॒
{प॰च॰३८,४.१} तो एत्थन्तरेॅ णिय-कुल-दीवें $ रामु पसंसिउ पुणु दहगीवें
{प॰च॰३८,४.२} "जीविउ एक्कु सहलु पर एयहेॅ $ जसु सुहवत्तणु गउ परिछेयहेॅ
{प॰च॰३८,४.३} जेण समाणु एह धण जम्पइ $ मुह-मुहेण तम्वोलु समप्पइ
{प॰च॰३८,४.४} हत्थें हत्थ धरेॅवि आलावइ $ चलण-जुअलु उच्छङ्गेॅ चडावइ
{प॰च॰३८,४.५} जं आलिङ्गइ वलय-सणाहहिॅ $ मालइ-माला-कोमल-वाहहिॅ
{प॰च॰३८,४.६} जं पेल्लावइ थण-मायङ्गेॅहिॅ $ मुहु परिचुम्वइ णाणा-भङ्गेॅहिॅ
{प॰च॰३८,४.७} जं अवलोयइ णिम्मल-तारेॅहिॅ $ णयणहिॅ विब्भम-भरिय-वियारेॅहिॅ
{प॰च॰३८,४.८} जं अणुहुञ्जइ इच्छेॅवि णिय-मणेॅ $ तासु मल्लु को सयलेॅ वि तिहुअणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,४.९} धण्णउ एहु णरु $ जसु एह णारि हियइच्छिय
जाव ण लइय मइँ $ कउ अङ्गहेॅ ताव सुहच्छिय"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ५॒
{प॰च॰३८,५.१} सीय णिएवि जाउ उम्माहउ $ दहमुहु वम्मह-सर-पहराहउ
{प॰च॰३८,५.२} पहिलऍ वयणु वियारेॅहिॅ भज्जइ $ पेम्म-परव्वसु कहेॅ वि ण लज्जइ
{प॰च॰३८,५.३} वीयऍ मुह-पासेउ वलग्गइ $ सरहसु गाढालिङ्गणु मग्गइ
{प॰च॰३८,५.४} तइयऍ अइ विरहाणलु तप्पइ $ काम-गहिल्लउ पुणु पुणु जम्पइ
{प॰च॰३८,५.५} चउथऍ णीससन्तु णउ थक्कइ $ सिरु संचालइ भũहउ वङ्कइ
{प॰च॰३८,५.६} पञ्चमेॅ पञ्चम-झुणि आलावइ $ विहसेॅवि दन्त-पन्ति दरिसावइ
{प॰च॰३८,५.७} छट्ठऍ अङ्गु वलइ करु मोडइ $ पुणु दाढियउ लएप्पिणु तोडइ
{प॰च॰३८,५.८} वट्टइ तल्लवेल्ल सत्तमयहेॅ $ मुच्छउ एन्ति जन्ति अट्ठमयहेॅ
{प॰च॰३८,५.९} णवमउ वट्टइ मरणहेॅ ढुक्कउ $ दसमऍ पाणहिॅ कह वि ण मुक्कउ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,५.१०} दहमुहु "दहमुहेॅहिॅ $ जाणइ किर मण्डऍ भुञ्जमि"
अप्पउ संथवइ $ "णं णं सुर-लोयहेॅ लज्जमि"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ६॒
{प॰च॰३८,६.१} तो एत्थन्तरेॅ सुर-संतासें $ चिन्तिउ एक्कु उवाउ दसासें
{प॰च॰३८,६.२} अवलोयणिय विज्ज मणेॅ झाइय $ "दे आएसु" भणन्ति पराइय
{प॰च॰३८,६.३} "किं घोट्टेण महोवहि घोट्टमि $ किं पायालु णहङ्गणेॅ लोट्टमि
{प॰च॰३८,६.४} किं सह्ũ सुरेॅहिॅ सुरेन्दु परज्जमि $ किं मयरद्धय-पुरि-गउ भञ्जमि
{प॰च॰३८,६.५} किं जम-महिस-सिङ्गु मुसुमूरमि $ किं सेसहेॅ फणिमणि संचूरमि
{प॰च॰३८,६.६} किं तक्खयहेॅ दाढ उप्पाडमि $ काल-कियन्त-वयणु किं फाडमि
{प॰च॰३८,६.७} किं रवि-रह-तुरङ्ग उद्दालमि $ किं गिरि मेरु करग्गें टालमि
{प॰च॰३८,६.८} किं तइलोक्क-चक्कु संघारमि $ किं अत्थक्कऍ पलउ समारमि"
घत्ता॒
{प॰च॰३८,६.९} वुत्तु दसाणणेॅण $ "एक्केण वि ण वि महु कज्जु
तं सङ्केउ कहेॅ $ जें हरमि एह तिय अज्जु"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ७॒
{प॰च॰३८,७.१} दहवयणहेॅ वयणेण सु-पुज्जऍ $ पभणिउ पुणु अवलोयणि-विज्जऍ
{प॰च॰३८,७.२} "जाव समुद्दावत्तु करेक्कहेॅ $ वज्जावत्तु चाउ अण्णेक्कहेॅ
{प॰च॰३८,७.३} जावग्गेउ वाणु करेॅ एक्कहेॅ $ वायवु वारुणत्थु अण्णेक्कहेॅ
{प॰च॰३८,७.४} जाम सीरु गम्भीरु करेक्कहेॅ $ करयलेॅ चक्काउहु अण्णेक्कहेॅ
{प॰च॰३८,७.५} ताव णारि को हरइ दिसेवह्ũ $ मण्डऍ वासुएव-वलएवह्ũ
{प॰च॰३८,७.६} इय पच्छण्ण वसन्ति वणन्तरेॅ $ तेसट्ठी-पुरिसह्ũ अब्भन्तरेॅ
{प॰च॰३८,७.७} जिण चउवीस अद्ध गोवद्धण $ णव केसव राम णव रावण
घत्ता॒
{प॰च॰३८,७.८} ओए भवट्ठम $ इय वासुएव-वलएव
जाव ण वहिय रणेॅ $ तिय ताम लइज्जइ केव
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ८॒
{प॰च॰३८,८.१} अहवइ एण काइँ सुणेॅ रावण $ एह णारि तिहुअण-संतावण
{प॰च॰३८,८.२} लइ लइ जइ अजरामरु वट्टहि $ लइ लइ जइ उप्पहेॅण पयट्टहि
{प॰च॰३८,८.३} लइ लइ जइ वड्डत्तणु कण्डहि $ लइ लइ जइ जिण-सासणु छण्डहि
{प॰च॰३८,८.४} लइ लइ जइ सुरवरह्ũ ण लज्जहि $ लइ लइ जइ णरयहेॅ गमु सज्जहि
{प॰च॰३८,८.५} लइ लइ जइ परलोउ ण जाणहि $ लइ लइ जइ णिय-आउ ण माणहि
{प॰च॰३८,८.६} लइ लइ जइ णिय-रज्जु ण इच्छहि $ लइ लइ जइ जम-सासणु पेच्छहि
{प॰च॰३८,८.७} लइ लइ जइ णिव्विण्णउ पाणह्ũ $ लइ लइ जइ उरु-उड्डहि वाणह्ũ"
{प॰च॰३८,८.८} तं णिसुणेवि वयणु असुहावणु $ अइ-मयणाउरु पभणइ रावणु
घत्ता॒
{प॰च॰३८,८.९} "माणवि एह तिय $ जं जिज्जइ एक्कु मुहुत्तउ
सिव-सासय-सुहहेॅ $ तहेॅ पासिउ एउ वहुत्तउ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ९॒
{प॰च॰३८,९.१} विसयासत्त-चित्तु परियाणेॅवि $ विज्जऍ वुत्तु णिरुत्तउ जाणेॅवि
{प॰च॰३८,९.२} "णिसुणु दसाणण पिसुणमि भेउ $ वेण्ह वि अत्थि एक्कु सङ्केउ
{प॰च॰३८,९.३} एहु जो दीसइ सुहडु रणङ्गणेॅ $ वावरन्तु खर-दूसण-साहणेॅ
{प॰च॰३८,९.४} एयहेॅ सीहणाउ आयण्णेॅवि $ इट्ठ-कलत्तु व तिण-समु मण्णेॅवि
{प॰च॰३८,९.५} धावइ सीहु जेम ओरालेॅवि $ वज्जावत्तु चाउ अप्फालेॅवि
{प॰च॰३८,९.६} तुह्ũ पुणु पच्छऍ धण उद्दालहि $ पुप्फ-विमाणेॅ छुहेॅवि संचालहि"
{प॰च॰३८,९.७} तं णिसुणेप्पिणु पभणिउ राउ $ "तो घइँ पइँ जेॅ करेवउ णाउ"
{प॰च॰३८,९.८} पहु-आएसें विज्ज पधाइय $ णिविसें तं संगामु पराइय
घत्ता॒
{प॰च॰३८,९.९} लक्खणु गहिय-सरु $ जं णिसुणिउ णाउ भयङ्करु
धाइउ दासरहि $ णहेॅ स-धणु णाइँ णव-जलहरु
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १०॒
{प॰च॰३८,१०.१} भीसणु सीह-णाउ णिसुणेप्पिणु $ धणुहरु करेॅ सज्जीउ करेप्पिणु
{प॰च॰३८,१०.२} तोणा-जुवलु लएवि पधाइउ $ "मञ्छुडु लक्खणु रणेॅ विणिवाइउ"
{प॰च॰३८,१०.३} कुढेॅ लग्गन्तेॅ रामेॅ सुणिमित्तइँ $ सउणु ण देन्ति होन्ति दु-णिमित्तइँ
{प॰च॰३८,१०.४} फुरइ स-वाहउ वामउ लोयणु $ पवहइ दाहिण-पवणु अलक्खणु
{प॰च॰३८,१०.५} वायसु विरसु रसइ सिव कन्दइ $ अग्गऍ कुहिणि भुअङ्गमु छिन्दइ
{प॰च॰३८,१०.६} जम्वू पङ्गुरन्त उद्धाइय $ णाइँ णिवारा सयण पराइय
{प॰च॰३८,१०.७} दाहिणेण पिङ्गलय समुट्ठिय $ णहेॅ णव गह विवरीय परिट्ठिय
{प॰च॰३८,१०.८} तो वि वीरु अवगण्णेॅवि धाइउ $ तक्खणेॅ तं सङ्गामु पराइउ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१०.९} दिट्ठइँ राहवेॅण $ लक्खण-सर-हंसेॅहिॅ खुडियइँ
गयण-महासरहेॅ $ सिर-कमलइँ महियलेॅ पडियइँ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक ११॒
{प॰च॰३८,११.१} दिट्ठु रणङ्गणु राहवचन्दें $ रमिउ वसन्तु णाइँ गोविन्दें
{प॰च॰३८,११.२} कुण्डल-कडय-मउड-फल दरिसिय $ दणु-दवणा-मञ्जरिय पदरिसिय
{प॰च॰३८,११.३} गिद्धावलि-किय-चक्कन्दोलउ $ णरवर-सिरइँ लएप्पिणु केलउ
{प॰च॰३८,११.४} रणेॅ खेल्लन्ति परोप्परु चच्चरि $ पुणु पियन्ति सोणिय-कायम्वरि
{प॰च॰३८,११.५} तेहउ समर-वसन्तु रमन्तउ $ लक्खणु पोमाइउ पहरन्तउ
{प॰च॰३८,११.६} "साहु वच्छ पर तुज्झु जि छज्जइ $ अण्णहेॅ कासु एउ पडिवज्जइ
{प॰च॰३८,११.७} पइँ इक्खाउ-वंसु उज्जालिउ $ जस-पडहउ तिहुअणेॅ अप्फालिउ"
{प॰च॰३८,११.८} तं णिसुणेप्पिणु भणइ महाइउ $ "विरुअउ कियउ देव जं आइउ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,११.९} मेल्लेॅवि जणय-सुय $ किं राहव थाणहेॅ चलियउ
अक्खइ मज्झु मणु $ हिय जाणइ केण वि छलियउ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १२॒
{प॰च॰३८,१२.१} पुणरवि वुच्चइ मरगय-वण्णें $ "हũ ण करेमि णाउ किउ अण्णें"
{प॰च॰३८,१२.२} तं णिसुणेवि णियत्तइ जावेॅहिॅ $ सीया-हरणु पढुक्किउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१२.३} आउ दसाणणु पुप्फ-विमाणें $ णाइँ पुरन्दरु सिविया-जाणें
{प॰च॰३८,१२.४} पासु पढुक्किउ राहव-घरिणिहेॅ $ मत्त-गइन्दु जेम पर-करिणिहेॅ
{प॰च॰३८,१२.५} उभय-करेॅहिॅ संचालिय थाणहेॅ $ णाइँ सरीर-हाणि अप्पाणहेॅ
{प॰च॰३८,१२.६} णाइँ कुलहेॅ भवित्ति हक्कारिय $ लङ्कहेॅ सङ्क णाइँ पइसारिय
{प॰च॰३८,१२.७} णिसियर-लोयहेॅ णं वज्जासणि $ णाइँ भयङ्कर-राम-सरासणि
{प॰च॰३८,१२.८} णं जस-हाणि खाणि वहु-दुक्खह्ũ $ णं परलोय-कुहिणि किय मुक्खह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१२.९} तक्खणेॅ रावणेॅण $ ढोइउ विमाणु आयासहेॅ
कालें कुद्धऍण $ हिउ जीविउ णं वण-वासहेॅ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १३॒
{प॰च॰३८,१३.१} चलिउ विमाणु जं जेॅ गयणङ्गणेॅ $ सीयऍ कलुणु पकन्दिउ तक्खणेॅ
{प॰च॰३८,१३.२} तं कूवारु सुणेवि महाइउ $ धुणेॅवि सरीरु जडाइ पधाइउ
{प॰च॰३८,१३.३} पहउ दसाणणु चञ्चू-घाऍहिॅ $ पक्खुक्खेवेॅहिॅ णहर-णिहाऍहिॅ
{प॰च॰३८,१३.४} एक्क-वार ओससइ ण जावेॅहिॅ $ सयसय-वार झडप्पइ तावेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१३.५} जाउ विसण्ठुलु वइरि-वियारणु $ चन्दहासु मणेॅ सुमरइ पहरणु
{प॰च॰३८,१३.६} सीय वि धरइ णियङ्गु वि रक्खइ $ लज्जइ चउदिसु णयणकडक्खइ
{प॰च॰३८,१३.७} दुक्खु दुक्खु तें धीरेॅवि अप्पउ $ कर-णिट्ठुर-दढ-कढिण-तलप्पउ
{प॰च॰३८,१३.८} पहउ विहङ्गु पडिउ समरङ्गणेॅ $ देवेॅहिॅ कलयलु कियउ णहङ्गणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१३.९} पडिउ जडाइ रणेॅ $ खर-पहर-विहुर-फन्दन्तउ
जाणइ-हरि-वलह्ũ $ तिण्हि मि चित्तइँ पाडन्तउ
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १४॒
{प॰च॰३८,१४.१} पडिउ जडाइ जं जेॅ फन्दन्तउ $ सीयऍ किउ अक्कन्दु महन्तउ
{प॰च॰३८,१४.२} "अहेॅ अहेॅ देवहेॅ रणेॅ दुवियड्ढहेॅ $ णिय परिहास ण पालिय सण्ढहेॅ
{प॰च॰३८,१४.३} वरि सुहडत्तणु चञ्चू-जीवहेॅ $ जो अब्भिट्टु समरेॅ दसगीवहेॅ
{प॰च॰३८,१४.४} णउ तुम्हेॅहिॅ रक्खिउ वड्डत्तणु $ सूरहेॅ तणउ दिट्ठु सूरत्तणु
{प॰च॰३८,१४.५} सच्चउ चन्दु वि चन्द-गहिल्लउ $ वम्भु वि सोत्तिउ हरु दुम्महिलउ
{प॰च॰३८,१४.६} वाउ वि चवलत्तणेॅण दमिज्जइ $ धम्मु वि रण्ड-सएहिॅ लइज्जइ
{प॰च॰३८,१४.७} वरुणु वि होइ सहावें सीयलु $ तासु कहि मि किं सङ्कइ पर-वलु
{प॰च॰३८,१४.८} इन्दु वि इन्दवहेण रमिज्जइ $ को सुरवर-सण्डेॅहिॅ रक्खिज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१४.९} जाउ किं जम्पिऍण $ जगेॅ अण्णु ण अब्भुद्धरणउ
राहउ इह-भवहेॅ $ पर-लोयहेॅ जिणवरु सरणउ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १५॒
{प॰च॰३८,१५.१} पुणु वि पलाउ करन्ति ण थक्कइ $ "कुढेॅ लग्गउ लग्गउ जो सक्कइ
{प॰च॰३८,१५.२} हũ पावेण एण अवगण्णेॅवि $ णिय तिहुअणु अ-मणूसउ मण्णेॅवि"
{प॰च॰३८,१५.३} पुणु वि कलुणु कन्दन्ति पयट्टइ $ "ऍउ अवसरु सप्पुरिसहेॅ वट्टइ
{प॰च॰३८,१५.४} अह मइँ कवणु णेइ कन्दन्ती $ लक्खण-राम वे वि जइ हुन्ती
{प॰च॰३८,१५.५} हा हा दसरह माम गुणोवहि $ हा हा जणय जणय अवलोयहि
{प॰च॰३८,१५.६} हा अपराइऍ हा हा केक्कइ $ हा सुप्पहेॅ सुमित्तेॅ सुन्दर-मइ
{प॰च॰३८,१५.७} हा सत्तुहण भरह भरहेसर $ हा भामण्डल भाइ सहोयर
{प॰च॰३८,१५.८} हा हा पुणु वि राम हा लक्खण $ को सुमरमि कहेॅ कहमि अ-लक्खण
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१५.९} को संथवइ मइँ $ को सुहि कहेॅ दुक्खु महन्तउ
जहिॅ जहिॅ जामि हũ $ तं तं जि पएसु पलित्तउ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १६॒
{प॰च॰३८,१६.१} तहिॅ अवसरेॅ वट्टन्तेॅ सु-विउलऍ $ दाहिण-लवण-समुद्दहेॅ कूलऍ
{प॰च॰३८,१६.२} अत्थि पचण्डु एक्कु विज्जाहरु $ वर-करवाल-हत्थु रणेॅ दुद्धरु
{प॰च॰३८,१६.३} भामण्डलहेॅ चलिउ ओलग्गऍ $ सुअ कन्दन्ति सीय तामग्गऍ
{प॰च॰३८,१६.४} वलिउ विमाणु तेण पडिवक्खहेॅ $ "णं तिय का वि भणइ मइँ रक्खहेॅ
{प॰च॰३८,१६.५} लक्खण-राम वे वि हक्कारइ $ भामण्डलहेॅ णामु उच्चारइ
{प॰च॰३८,१६.६} मञ्छुडु एह सीय ऍहु रावणु $ अण्णु ण पर-कलत्त-संतावणु
{प॰च॰३८,१६.७} अच्छउ णिवहेॅ पासु जाएवउ $ एण समाणु अज्जु जुज्झेवउ"
{प॰च॰३८,१६.८} एम भणेवि तेण हक्कारिउ $ "कहिॅ तिय लेवि जाहि" पच्चारिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१६.९} "विहि मि भिडन्ताह्ũ $ जिह हणइ एक्कु जिह हम्मइ
गेण्हेॅवि जणय-सुय $ वलु वलु कहिॅ रावण गम्मइ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १७॒
{प॰च॰३८,१७.१} वलिउ दसाणणु तिहुअण-कण्टउ $ सीहहेॅ सीहु जेम अब्भिट्टउ
{प॰च॰३८,१७.२} जेम गइन्दु गइन्दहेॅ धाइउ $ मेहहेॅ मेहु जेम उद्धाइउ
{प॰च॰३८,१७.३} भिडिय महावल विज्जा-पाणेॅहिॅ $ वे वि परिट्ठिय सिविया-जाणेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१७.४} वे वि पसाहिय णाणाहरणेॅहिॅ $ वेण्णि वि वावरन्ति णिय-करणेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१७.५} वेण्णि वि घाय देन्ति अवरोप्परु $ मणेॅ विरुद्धु भामण्डल-किङ्करु
{प॰च॰३८,१७.६} वर-करवालु करेप्पिणु करयलेॅ $ पहउ दसाणणु वियड-उरत्थलेॅ
{प॰च॰३८,१७.७} पडिउ घुलेप्पिणु जण्हुव-जोत्तेॅहिॅ $ रुहिरु पदरिसिउ दसहि मि सोत्तेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१७.८} पुणु विज्जाहरेण पच्चारिउ $ "सुरवर-समर-सऍहिॅ अ-णिवारिउ
{प॰च॰३८,१७.९} तुह्ũ सो रावणु तिहुवण-कण्टउ $ एक्कें घाएं णवर पलोट्टिउ"
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१७.१०} चेयणु लहेॅवि रणेॅ $ भडु उट्ठिउ कुरुडु स-मच्छरु
तहेॅ विज्जाहरहेॅ $ थिउ रासिहिॅ णाइँ सणिच्छरु
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १८॒
{प॰च॰३८,१८.१} उट्ठिउ वीसपाणि असि लेन्तउ $ णाइँ स-विज्जु मेहु गज्जन्तउ
{प॰च॰३८,१८.२} विज्जा-छेउ करेॅवि विज्जाहरेॅ $ घत्तिउ कम्वूदीवब्भन्तरेॅ
{प॰च॰३८,१८.३} पुणु दससिरु संचल्लु स-सीयउ $ णहयलेॅ णाइँ दिवायरु वीयउ
{प॰च॰३८,१८.४} मज्झेॅ समुद्दहेॅ जयसिरि-माणणु $ पुणु वोल्लेवऍ लग्गु दसाणणु
{प॰च॰३८,१८.५} "काइँ गहिल्लिऍ मइँ ण समिच्छहि $ किं महएवि-पट्टु ण समिच्छहि
{प॰च॰३८,१८.६} किं णिक्कण्टउ रज्जु ण भुञ्जहि $ किं ण वि सुरय-सोक्खु अणुहुज्जहि
{प॰च॰३८,१८.७} किं महु केण वि भग्गु मडप्फरु $ किं दूहउ किं कहि मि असुन्दरु"
{प॰च॰३८,१८.८} एम भणेॅवि आलिङ्गइ जावेॅहिॅ $ जणय-सुयऍ णिब्भच्छिउ तावेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१८.९} "दिवसेॅहिॅ थोवेॅहिॅ $ तुह्ũ रावण समरेॅ जिणेवउ
अम्हह्ũ वारियऍ $ राम-सरेॅहिॅ आलिङ्गेवउ"
कण्ड २, संधि ३८, कडवक १९॒
{प॰च॰३८,१९.१} णिट्ठुर-वयणेॅहिॅ दोच्छिउ जावेॅहिॅ $ दहमुहु हुअउ विलक्खउ तावेॅहिॅ
{प॰च॰३८,१९.२} "जइ मारमि तो एह ण पेच्छमि $ वोल्लउ सव्वु हसेप्पिणु अच्छमि
{प॰च॰३८,१९.३} अवसें कं दिवसु इ इच्छेसइ $ सरहसु कण्ठ-ग्गहणु करेसइ
{प॰च॰३८,१९.४} "अण्णु वि मइँ णिय-वउ पालेव्वउ $ मण्डऍ पर-कलत्तु ण लएव्वउ"
{प॰च॰३८,१९.५} एम भणेवि चलिउ सुर-डामरु $ लङ्क पराइउ लद्ध-महावरु
{प॰च॰३८,१९.६} सीयऍ वुत्तु "ण पइसमि पट्टणेॅ $ अच्छमि एत्थु विउलेॅ णन्दणवणेॅ
{प॰च॰३८,१९.७} जाव ण सुणमि वत्त भत्तारहेॅ $ ताव णिवित्ति मज्झु आहारहेॅ"
{प॰च॰३८,१९.८} तं णिसुणेॅवि उववणेॅ पइसारिय $ सीसव-रुक्ख-मूलेॅ वइसारिय
घत्ता॒
{प॰च॰३८,१९.९} मेल्लेॅवि सीय वणेॅ $ गउ रावणु घरहेॅ तुरन्तउ
धवलेॅहिॅ मङ्गलेॅहिॅ $ थिउ रज्जु स इं भु ञ्जन्तउ
[३९. एगुणचालीसमो संधि] ----------
कुढेॅ लग्गेप्पिणु लक्खणहेॅ वलु जाम पडीवउ आवइ
तं जि लयाहरु तं जि तरु पर सीय ण अप्पउ दावइ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक १॒
{प॰च॰३९,१.१} णीसीयउ वणु अवयज्जियउ $ णं सररुहु लच्छि-विसज्जियउ
{प॰च॰३९,१.२} णं मेह-विन्दु णिव्विज्जुलउ $ णं मुणिवर-वयणु अ-वच्छलउ
{प॰च॰३९,१.३} णं भोयणु लवण-जुत्ति-रहिउ $ अरहन्त-विम्वु णं अ-वसहिउ
{प॰च॰३९,१.४} णं दत्ति-विवज्जिउ किविण-धणु $ तिह सीय-विहूणउ दिट्ठु वणु
{प॰च॰३९,१.५} पुणु जोअइ गुहिलेॅहिॅ पइसरेॅवि $ थिय जाणइ जाणइ ओसरेॅवि
{प॰च॰३९,१.६} पुणु जोवइ गिरि-विवरन्तरेॅहिॅ $ थिय जाणइ ल्हिक्केॅवि कन्दरेॅहिॅ
{प॰च॰३९,१.७} ताणन्तरेॅ दिट्ठु जडाइ वणेॅ $ संसूडिय-गत्तउ पडिउ रणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,१.८} पहर-विहुर-घुम्मन्त-तणु $ जं दिट्ठु पक्खि णिद्दलियउ
तावेॅहिॅ वुज्झिउ राहवेॅण $ हिय जाणइ केण वि छलियउ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक २॒
{प॰च॰३९,२.१} पुणु दिण्ण तेण सुह वसु-हारा $ उच्चारेॅवि पञ्च णमोक्कारा
{प॰च॰३९,२.२} जे सारभूय जिण-सासणहेॅ $ जे मरण-सहाय भव्व-जणहेॅ
{प॰च॰३९,२.३} लद्धेहिॅ जेहिॅ दिढ होइ मइ $ लद्धेहिॅ जेहिॅ परलोय-गइ
{प॰च॰३९,२.४} लद्धेहिॅ जेहिॅ संभवइ सुहु $ लद्धेहिॅ जेहिॅ णिज्जरइ दुहु
{प॰च॰३९,२.५} ते दिण्ण विहङ्गहेॅ राहवेॅण $ किय-णिसियर-णियर-पराहवेॅण
{प॰च॰३९,२.६} "जाएज्जहि परम-सुहावहेॅण $ अणरण्णाणन्तवीर-पहेॅण"
{प॰च॰३९,२.७} तं वयणु सुणेॅवि सव्वायरेॅण $ लहु पाण विसज्जिय णहयरेॅण
{प॰च॰३९,२.८} जं मुउ जडाइ हिय जणय-सुअ $ धाहाविउ उब्भा करेॅवि भुअ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,२.९} "कहिॅ हũ कहिॅ हरि कहिॅ घरिणि $ कहिॅ घरु कहिॅ परियणु छिण्णउ
भूय-वलि व्व कुडुम्वु जगेॅ $ हय-दइवें कह विक्खिण्णउ"
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ३॒
{प॰च॰३९,३.१} वलु एम भणेवि पमुच्छियउ $ पुणु चारण-रिसिहिॅ णियच्छियउ
{प॰च॰३९,३.२} चारण वि होन्ति अट्ठविह-गुण $ जे णाण-पिण्ड सीलाहरण
{प॰च॰३९,३.३} फल-फुल्ल-पत्त-णह-गिरि-गमण $ जल-तन्तुअ-जङ्घा-संचरण
{प॰च॰३९,३.४} तहिॅ वीर सुधीर विसुद्ध-मण $ णह-चारण आइय वेण्णि जण
{प॰च॰३९,३.५} तें अवही-णाणें जोइयउ $ रामहेॅ कलत्तु विच्छोइयउ
{प॰च॰३९,३.६} आऊरेॅवि गल-गम्भीर-झुणि $ पुणु लग्गु चवेवऍ जेट्ठ-मुणि
{प॰च॰३९,३.७} "भो चरम-देह सासय-गमण $ कें कज्जें रोवहि मूढ-मण
{प॰च॰३९,३.८} तिय दुक्खह्ũ खाणि विओय-णिहि $ तहेॅ कारणेॅ रोवहि काइँ विहि
घत्ता॒
{प॰च॰३९,३.९} किं पइँ ण सुइय एह कह $ छज्जीव-णिकाय-दयावरु
जिह गुणवइ-अणुअत्तणेॅण $ जिणयासु जाउ वणेॅ वाणरु"
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ४॒
{प॰च॰३९,४.१} जं णिसुणिउ को वि चवन्तु णहेॅ $ मुच्छा-विहलङ्घलु धरणि-वहेॅ
{प॰च॰३९,४.२} "हा सीय" भणन्तु समुट्ठियउ $ चउ-दिसउ णियन्तु परिट्ठियउ
{प॰च॰३९,४.३} णं करि करिणिहेॅ विच्छोइयउ $ पुणु गयण-मग्गु अवलोइयउ
{प॰च॰३९,४.४} तहिॅ ताव णिहालिय विण्णि रिसि $ संगहिय जेहिॅ परलोय-किसि
{प॰च॰३९,४.५} ते गुरु गुरु-भत्ति करेवि थुय $ "हो धम्म-विद्धि सिरि-णमिय-भुय
{प॰च॰३९,४.६} गिरि-मेरु-समाणउ जेत्थु दुहु $ तहेॅ कारणेॅ रोवहि काइँ तुह्ũ
{प॰च॰३९,४.७} खल तियमइ जेण ण परिहरिय $ तहेॅ णरय-महाणइ दुत्तरिय
{प॰च॰३९,४.८} रोवन्ति एम पर कप्पुरिस $ तिण-समु गणन्ति जे सप्पुरिस
घत्ता॒
{प॰च॰३९,४.९} तियमइ वाहिहेॅ अणुहरइ $ खणेॅ खणेॅ दुक्खन्ति ण थक्कइ
हम्मइ जिण-वयणोसहेॅण $ जें जम्म-सए वि ण ढुक्कइ"
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ५॒
{प॰च॰३९,५.१} तं वयणु सुणेप्पिणु भणइ वलु $ मेल्लन्तु णिरन्तरु अंसु-जलु
{प॰च॰३९,५.२} "लब्भन्ति गाम-वरपट्टणइँ $ सीयल-विउलइँ णन्दण-वणइँ
{प॰च॰३९,५.३} लब्भन्ति तुरङ्गम मत्त गय $ रह कणय-दण्ड-धुव्वन्त-धय
{प॰च॰३९,५.४} लब्भन्ति भिच्चवर आण-कर $ लब्भइ अणुहुञ्जेॅवि स-धर धर
{प॰च॰३९,५.५} लब्भइ घरु परियणु वन्धु-जणु $ लब्भइ सिय संपय दव्वु धणु
{प॰च॰३९,५.६} लब्भइ तम्वोलु विलेवणउ $ लब्भइ हियइच्छिउ भोयणउ
{प॰च॰३९,५.७} लब्भइ भिङ्गारोलम्वियउ $ पाणिउ कप्पूर-करम्वियउ
{प॰च॰३९,५.८} हियइच्छिउ मणहरु पियवयणु $ पर एहु ण लब्भइ तिय-रयणु
घत्ता॒
{प॰च॰३९,५.९} तं जोव्वणु तं मुह-कमलु $ तं सुरउ सवट्टण-हत्थउ
जेण ण माणिउ एत्थु जगेॅ $ तहेॅ जीविउ सव्वु णिरत्थु"
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ६॒
{प॰च॰३९,६.१} परमेसरु पभणइ वलेॅवि मुहु $ "तिय-रयणु पसंसहि काइँ तुह्ũ
{प॰च॰३९,६.२} पेक्खन्तह्ũ पर वण्णुज्जलउ $ अब्भन्तरेॅ रुहिर-चिलिव्विलउ
{प॰च॰३९,६.३} दुग्गन्ध-देहु घिणि-विट्टलउ $ पर चम्में हड्डह्ũ पोट्टलउ
{प॰च॰३९,६.४} मायामें जन्तें परिभमइ $ भिण्णउ णव-णाडिहिॅ परिसवइ
{प॰च॰३९,६.५} कम्मट्ठ-गण्ठि-सय-सिक्किरिउ $ रस-वस-सोणिय-कद्दम-भरिउ
{प॰च॰३९,६.६} वहु-मंस-रासि किमि-कीड-हरु $ खट्टहेॅ वइरिउ भूमीहेॅ भरु
{प॰च॰३९,६.७} आहारहेॅ पिसिवउ सीवियउ $ णिसि मडउ दिवसेॅ संजीवियउ
{प॰च॰३९,६.८} णीसासूसासु करन्ताह्ũ $ गउ जम्मु जियन्त-मरन्ताह्ũ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,६.९} मरण-कालेॅ किमि-कप्परिउ $ जें पेक्खेॅवि मुहु वङ्किज्जइ
घिणिहिणन्तु मक्खिय-सऍहिॅ $ तं तेहउ केम रमिज्जइ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ७॒
{प॰च॰३९,७.१} तं चलण-जुअलु गइ-मन्थरउ $ सउणहिॅ खज्जन्तु भयङ्करउ
{प॰च॰३९,७.२} तं सुरय-णियम्वु सुहावणउ $ किमि-विलविलन्तु चिलिसावणउ
{प॰च॰३९,७.३} तं णाहि-पएसु किसोयरउ $ खज्जन्त-माणु थिउ भासुरउ
{प॰च॰३९,७.४} तं जोव्वणु अवरुण्डण-मणउ $ सुज्जन्तु णवर भीसावणउ
{प॰च॰३९,७.५} तं सुन्दरु वयणु जियन्ताह्ũ $ किमि-कप्पिउ णवर मरन्ताह्ũ
{प॰च॰३९,७.६} तं अहर-विम्वु वण्णुज्जलउ $ लुञ्चन्तु सिवहिॅ घिणि-विट्टलउ
{प॰च॰३९,७.७} तं णयण-जुअलु विब्भम-भरिउ $ विच्छायउ काऍहिॅ कप्परिउ
{प॰च॰३९,७.८} सो चिहुर-भारु कोड्डावणउ $ उड्डन्तु णवर भीसावणउ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,७.९} तं माणुसु तं मुह-कमलु $ ते थण तं गाढालिङ्गणु
णवर धरेप्पिणु णासउडु $ वोल्लेवउ "धिधि चिलिसावणु"
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ८॒
{प॰च॰३९,८.१} तहिॅ तेहऍ रस-वस-पूय-भरेॅ $ णव मास वसेवउ देह-घरेॅ
{प॰च॰३९,८.२} णव-णाहि-कमलु उत्थल्लु जहिॅ $ पहिलउ जेॅ पिण्ड-संवन्धु तहिॅ
{प॰च॰३९,८.३} दस-दिवसु परिट्ठिउ रुहिर-जलेॅ $ कणु जेम पइण्णउ धरणियलेॅ
{प॰च॰३९,८.४} विहिॅ दसरत्तेहिॅ समुट्ठियउ $ णं जलेॅ डिण्डीरु परिट्ठियउ
{प॰च॰३९,८.५} तिहिॅ दसरत्तेॅहिॅ वुव्वुउ घडिउ $ णं सिसिर-विन्दु कुङ्कुमेॅ पडिउ
{प॰च॰३९,८.६} दसरत्तेॅ चउत्थऍ वित्थरिउ $ णावइ पवलङ्कुरु णीसरिउ
{प॰च॰३९,८.७} पञ्चमेॅ दसरत्तेॅ जाउ वलिउ $ णं सूरण-कन्दु चउप्फलिउ
{प॰च॰३९,८.८} दस-दसरत्तेॅहिॅ कर-चरण-सिरु $ वीसहिॅ णिप्पण्णु सरीरु थिरु
{प॰च॰३९,८.९} णवमासिउ देहहेॅ णीसरिउ $ वड्ढन्तु पडीवउ वीसरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,८.१०} जेण दुवारें आइयउ $ जो तं परिहरेॅवि ण सक्कइ
पन्तिहिॅ जुत्तु वइल्लु जिह $ भव-संसारेॅ भमन्तु ण थक्कइ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ९॒
{प॰च॰३९,९.१} ऍउ जाणेॅवि धीरहि अप्पणउ $ करेॅ कङ्कणु जोवहि दप्पणउ
{प॰च॰३९,९.२} चउगइ-संसारेॅ भमन्तऍण $ आवन्तें जन्त-मरन्तऍण
{प॰च॰३९,९.३} जगेॅ जीवें को ण रुवावियउ $ को गरुअ धाह ण मुआवियउ
{प॰च॰३९,९.४} को कहि मि णाहिॅ संतावियउ $ को कहि मि ण आवइ पावियउ
{प॰च॰३९,९.५} को कहि ण दड्ढु को कहिॅ ण मुउ $ को कहिॅ ण भमिउ को कहिॅ ण गउ
{प॰च॰३९,९.६} कहिॅ ण वि भोयणु कहिॅ ण वि सुरउ $ जगेॅ जीवहेॅ किं पि ण वाहिरउ
{प॰च॰३९,९.७} तइलोक्कु वि असिउ असन्तऍण $ महि सयल दड्ढ डज्झन्तऍण
घत्ता॒
{प॰च॰३९,९.८} सायरु पीउ पियन्तऍण $ अंसुऍहिॅ रुअन्तें भरियउ
हड्ड-कलेवर-संचऍण $ गिरि मेरु सो वि अन्तरियउ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक १०॒
{प॰च॰३९,१०.१} अहवइ किं वहु-चविएण राम $ भवे भमिउ भयङ्करेॅ तुहु मि ताम
{प॰च॰३९,१०.२} णडु जिह तिह वहु-रूवन्तरेॅहिॅ $ जर-जम्मण-मरण-परम्परेॅहिॅ
{प॰च॰३९,१०.३} सा सीय वि जोणि-सएहिॅ आय $ तुह्ũ कहि मि वप्पु सा कहि मि माय
{प॰च॰३९,१०.४} तुह्ũ कहि मि भाउ सा कहि मि वहिणि $ तुह्ũ कहि मि दइउ सा कहि मि घरिणि
{प॰च॰३९,१०.५} तुह्ũ कहि मि णरऍ सा कहि मि सग्गेॅ $ तुह्ũ कहि मि महिहिॅ सा गयण-मग्गेॅ
{प॰च॰३९,१०.६} तुह्ũ कहि मि णारि सा कहि मि जोहु $ किं सिविणा-रिद्धिहेॅ करहि मोहु
{प॰च॰३९,१०.७} उम्मेट्ठु विओअ-गइन्दएसु $ जगडन्तु भमइ जगु णिरवसेसु
{प॰च॰३९,१०.८} जइ ण धरिउ जिण-वयणङ्कुसेण $ तो खज्जइ माणुसु माणुसेण"
घत्ता॒
{प॰च॰३९,१०.९} एम भणेप्पिणु वे वि मुणि $ गय कहि मि णहङ्गण-पन्थें
रामु परिट्ठिउ किविणु जिह $ धणु एक्कु लएवि स-हत्थें
कण्ड २, संधि ३९, कडवक ११॒
{प॰च॰३९,११.१} विरहाणल-जाल-पलित्त-तणु $ चिन्तेवऍ लग्गु विसण्ण-मणु
{प॰च॰३९,११.२} "सच्चउ संसारेॅ ण अत्थि सुहु $ सच्चउ गिरि-मेरु-समाणु दुहु
{प॰च॰३९,११.३} सच्चउ जर-जम्मण-मरण-भउ $ सच्चउ जीविउ जल-विन्दु-सउ
{प॰च॰३९,११.४} कहेॅ घरु कहेॅ परियणु वन्धु-जणु $ कहेॅ माय-वप्पु कहेॅ सुहि-सयणु
{प॰च॰३९,११.५} कहेॅ पुत्तु मित्तु कहेॅ किर घरिणि $ कहेॅ भाय सहोयर कहेॅ वहिणि
{प॰च॰३९,११.६} फलु जाव ताव वन्धव सयण $ आवासिय पायवेॅ जिह सउण"
{प॰च॰३९,११.७} वलु एम भणेप्पिणु णीसरिउ $ रोवन्तु पडीवउ वीसरिउ
घत्ता॒
{प॰च॰३९,११.८} णिद्धणु लक्खण-वज्जियउ $ अण्णु वि वहु-वसणेॅहिॅ भुत्तउ
राहउ भमइ भुअङ्गु जिह $ वणेॅ "हा हा सीय" भणन्तउ
कण्ड २, संधि ३९, कडवक १२॒
{प॰च॰३९,१२.१} हिण्डन्तें भग्ग-मडप्फरेॅण $ वण-देवय पुच्छिय हलहरेॅण
{प॰च॰३९,१२.२} "खणेॅ खणेॅ वेयारहि काइँ मइँ $ कहेॅ कहि मि दिट्ठ जइ कन्त पइँ"
{प॰च॰३९,१२.३} वलु एम भणेप्पिणु संचलिउ $ तावग्गऍ वण-गइन्दु मिलिउ
{प॰च॰३९,१२.४} "हे कुञ्जर कामिणि-गइ-गमण $ कहेॅ कहि मि दिट्ठ जइ मिगणयण"
{प॰च॰३९,१२.५} णिय-पडिरवेण वेयारियउ $ जाणइ सीयऍ हक्कारियउ
{प॰च॰३९,१२.६} कत्थइ दिट्ठइँ इन्दीवरइँ $ जाणइ धण-णयणइँ दीहरइँ
{प॰च॰३९,१२.७} कत्थइ असोय-तरु हल्लियउ $ जाणइ धण-वाहा-डोल्लियउ
{प॰च॰३९,१२.८} वणु सयलु गवेसेॅवि सयल महि $ पल्लट्टु पडीवउ दासरहि
घत्ता॒
{प॰च॰३९,१२.९} तं जि पराइउ णिय-भवणु $ जहिॅ अच्छिउ आसि लयत्थले
चाव-सिलिम्मुह-मुक्क-करु $ वलु पडिउ स इं भु व-मण्डलेॅ
[४०. चालीसमो संधि] ----------
दसरह-तव-कारणु $ सव्वुद्धारणु $ वज्जयण्ण-सम्मय-भरिउ
जिणवर-गुण-कित्तणु $ सीय-सइत्तणु $ तं णिसुणहु राहव-चरिउ
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १॒
ध्रुवकं
{प॰च॰४०,१.१} तं सन्तं गयागसं $ धीसं संताव-पाव-संतासं
चारु-रुचा-णएण $ वंदे देवं संसार-घोर-सासं
{प॰च॰४०,१.२} असाहणं $ कसाय-सोय-साहणं
{प॰च॰४०,१.३} अवाहणं $ पमाय-माय-वाहणं
{प॰च॰४०,१.४} अवन्दणं $ तिलोय-लोय-वन्दणं
{प॰च॰४०,१.५} अपुज्जणं $ सुरिन्दराय-पुज्जणं
{प॰च॰४०,१.६} असासणं $ तिलोय-छेय-सासणं
{प॰च॰४०,१.७} अवारणं $ अपेय-भेय-वारणं
{प॰च॰४०,१.८} अणिन्दियं $ जय-प्पह्ũ अणिन्दियं
{प॰च॰४०,१.९} महन्तयं $ पचण्ड-वम्महन्तयं
{प॰च॰४०,१.१०} रवण्णयं $ घणालि-वार-वण्णयं
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१.११} मुणि-सुव्वय-सामिउ $ सुह-गइ-गामिउ $ तं पणवेप्पिणु दिढ-मणेॅण
पुणु कहमि महव्वलु $ खर-दूसण-वलु $ जिह आयामिउ लक्खणेॅण
कण्ड २, संधि ४०, कडवक २॒
दुवई
{प॰च॰४०,२.१} हिय एत्तहेॅ वि सीय एत्तहेॅ वि विओउ महन्तु राहवे $ हरि एत्तहेॅ वि भिडिउ एत्तहेॅ वि विराहिउ मिलिउ आहवे
{प॰च॰४०,२.२} ताव तेत्थु भीसावणे वणे $ एक्कमेक्क-हक्कारणे रणे
{प॰च॰४०,२.३} कुरुड-दिट्ठि-वयणुब्भडे भडे $ विरइए महा-वित्थडे थडे
{प॰च॰४०,२.४} वावरन्त-भय-भासुरे सुरे $ जज्जरङ्ग-पहराउरे उरे
{प॰च॰४०,२.५} असि-सवाहु-पडियप्फरे फरे $ जम्पमाण-कडुअक्खरे खरे
{प॰च॰४०,२.६} दलिय-कुम्भ-वियलङ्गए गए $ सिरु धुणाविए आहए हए
{प॰च॰४०,२.७} रुहिर-विन्दु-चच्चिक्किए किए $ सायरे व्व सुर-मन्थिए थिए
{प॰च॰४०,२.८} छत्त-दण्ड-सय-कण्ड-कण्डिए $ हड्ड-रुण्ड-विच्छड्ड-मण्डिए
{प॰च॰४०,२.९} तहिॅ महाहवे घोर-दारुणे $ दिट्ठु वीरु पहरन्तु साहणे
घत्ता॒
{प॰च॰४०,२.१०} तिलु तिलु कप्परियइँ $ उरेॅ जज्जरियइँ $ रत्तच्छइँ फुरियाणणइँ
दिट्ठइँ गम्भीरइँ $ सुहड-सरीरइँ $ सर-सल्लियइँ सवाहणइँ
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ३॒
दुवई
{प॰च॰४०,३.१} को वि सुभडु स-तुरङ्गमु को वि सजाणु सल्लिओ $ को वि पडन्तु दिट्ठु आयासहेॅ लक्खण-सर-विरल्लिओ
{प॰च॰४०,३.२} भडो को वि दिट्ठो परिच्छिन्न-गत्तो $ स-दन्ती स-मन्ती स-चिन्धो स-छत्तो
{प॰च॰४०,३.३} भडो को वि वावल्ल-भल्लेहिॅ भिण्णो $ भडो को वि कप्पद्दुमो जेम छिण्णो
{प॰च॰४०,३.४} भडो को वि तिक्खग्ग-णाराय-विद्धो $ महा-सत्थवन्तो व्व सत्थेहिॅ विद्धो
{प॰च॰४०,३.५} भडो को वि कुद्धाणणो विप्फुरन्तो $ मरन्तो वि हक्कार-डक्कार देन्तो
{प॰च॰४०,३.६} भडो को वि भिण्णो स-देहो समत्थो $ पमुच्छाविओ को वि कोवण्ड-हत्थो
{प॰च॰४०,३.७} मुओ को वि कोवुब्भडो जीवमाणो $ चलच्चामर-च्छोह-विज्जिज्जमाणो
{प॰च॰४०,३.८} वसा-कद्दमे मद्दवे को वि खुत्तो $ खलन्तो वलन्तो णियन्तेहिॅ गुत्तो
{प॰च॰४०,३.९} भडो को वि भिण्णो खुरुप्पेहिॅ एन्तो $ णियन्तो कुसिद्धो व्व सिद्धिॅ ण पत्तो
घत्ता॒
{प॰च॰४०,३.१०} लक्खण-सर-भरियउ $ अद्धुव्वरियउ $ खर-दूसण-वलु दिट्ठु किह
साहारु ण वन्धइ $ गमणु ण सन्धइ $ णवलउ कामिणि-पेम्मु जिह
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ४॒
दुवई
{प॰च॰४०,४.१} परधण-परकलत्त-परिसेसह्ũ परवल-सण्णिवायह्ũ $ एक्कें लक्खणेण विणिवाइय सत्त सहास रायह्ũ
{प॰च॰४०,४.२} जीवन्तऍ अद्धऍ वइरि-सेण्णेॅ $ अद्धऍ दलवट्टिऍ महि-णिसण्णेॅ
{प॰च॰४०,४.३} तहिॅ अवसरेॅ पवर-जसाहिएण $ जोक्कारिउ विण्हु विराहिएण
{प॰च॰४०,४.४} "पाइक्कहेॅ वट्टइ एहु कालु $ हũ भिच्चु देव तुह्ũ सामिसालु
{प॰च॰४०,४.५} कहिओ ऽसि आसि जो चारणेहिॅ $ सो लक्खिओ ऽसि सइँ लोयणेहिॅ
{प॰च॰४०,४.६} तं सहल मणोरह अज्जु जाय $ जं दिट्ठ तुहारा वे वि पाय
{प॰च॰४०,४.७} णिय-जणणिहेॅ हũ गब्भत्थु जइउ $ विणिवाइउ पिउ महु तणउ तइउ
{प॰च॰४०,४.८} सह्ũ ताएं महु पाइक्क-पवरु $ उद्दालिउ तमलङ्कार-णयरु
{प॰च॰४०,४.९} तें समर-महब्भय-भीसणेहिॅ $ सह्ũ पुव्व-वइरु खर-दूसणेहिॅ"
घत्ता॒
{प॰च॰४०,४.१०} जय-लच्छि-पसाहिउ $ भणइ विराहिउ $ "पहु पसाउ महु पेसणहेॅ
तुह्ũ खरु आयामहि $ रणउहेॅ णामहि $ हउम् अब्भिट्टमि दूसणहेॅ"
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ५॒
दुवई
{प॰च॰४०,५.१} तं णिसुणेवि वयणु विज्जाहरु मम्भीसिउ कुमारेॅणं $ "वइसरु ताव जाव रिउ पाडमि एक्कें सर-पहारेॅणं
{प॰च॰४०,५.२} एउ सेण्णु खर-दूसण-केरउ $ वाणेॅहिॅ करमि अज्जु विवरेरउ
{प॰च॰४०,५.३} स-धउ स-वाहणु स-पहु स-हत्थें $ लायमि सम्वु-कुमारहेॅ पन्थें
{प॰च॰४०,५.४} तुज्झु वि जम्म-भूमि दरिसावमि $ तमलङ्कार-णयरु भुञ्जावमि"
{प॰च॰४०,५.५} हरि-वयणेॅहिॅ हरिसिउ विज्जाहरु $ चलणेॅहिॅ पडिउ सीसेॅ लाऍवि करु
{प॰च॰४०,५.६} ताव खरेण समरेॅ णिव्वूढें $ पुच्छिउ मन्ति विमाणारूढें
{प॰च॰४०,५.७} "दीसइ कवणु एहु वीसत्थउ $ णरु पणमन्तु कियञ्जलि-हत्थउ
{प॰च॰४०,५.८} वाहुवलेण वलेण विवलियउ $ णं खय-कालु कियन्तहेॅ मिलियउ"
{प॰च॰४०,५.९} पभणइ मन्ति विमाणेॅ पइट्ठउ $ "किं पइँ वइरि कयावि ण दिट्ठउ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,५.१०} णामेण विराहिउ $ पवर-जसाहिउ $ वियड-वच्छु थिर-थोर-भुउ
अणुराहा-णन्दणु $ स-वलु स-सन्दणु $ ऍहु सो चन्दोअरहेॅ सुउ"
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ६॒
दुवई
{प॰च॰४०,६.१} मन्ति-णिवाण विहि मि अवरोप्परु ए आलाव जावेॅहिॅ $ विण्हु-विराहिएहिॅ आयामिउ पर-वलु सयलु तावेॅहिॅ
{प॰च॰४०,६.२} तो खरो ऽरिमद्दणेण $ कोक्किओ जणद्दणेण
{प॰च॰४०,६.३} एत्तहे स-सन्दणेण $ सो ऽणुराह-णन्दणेण
{प॰च॰४०,६.४} आहवे समत्थएण $ चाव-वाण-हत्थएण
{प॰च॰४०,६.५} गुञ्ज-वण्ण-लोयणेण $ भीसणावलोयणेण
{प॰च॰४०,६.६} कुम्भि-कुम्भ-दारणेण $ पुव्व-वइर-कारणेण
{प॰च॰४०,६.७} दूसणो जसाहिवेण $ कोक्किओ विराहिएण
{प॰च॰४०,६.८} एहु वे (?) हओ हयस्स $ चोइओ गओ गयस्स
{प॰च॰४०,६.९} वाहिउ रहो रहस्स $ धाइओ णरो णरस्स
घत्ता॒
{प॰च॰४०,६.१०} स-गुड-स-सण्णाहइँ $ कवय-सणाहइँ $ सप्पहरणइँ स-वाहणइँ
णिय-वइरु सरेप्पिणु $ हक्कारेप्पिणु $ भिडियइँ वेण्णि मि साहणइँ
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ७॒
दुवई
{प॰च॰४०,७.१} सेण्णहेॅ भिडिउ सेण्णु दूसणहेॅ विराहिउ खरहेॅ लक्खणो $ हय पडु पडह तूर किउ कलयलु गल-गम्भीर-भीषणो
{प॰च॰४०,७.२} तहिॅ रण-संगमेॅ $ वुण्ण-तुरङ्गमेॅ
{प॰च॰४०,७.३} रह-गय-गोन्दलेॅ $ वज्जिय-मन्दलेॅ
{प॰च॰४०,७.४} भड-कडमद्दणेॅ $ मोडिय-सन्दणेॅ
{प॰च॰४०,७.५} णरवर-दण्डिऍ $ किय-किलिविण्डिऍ
{प॰च॰४०,७.६} वाला-लुञ्चिऍ $ रह-सय-खञ्चिऍ
{प॰च॰४०,७.७} तहिॅ अपरायण $ खर-णारायण
{प॰च॰४०,७.८} भिडिय महव्वल $ वियड-उरत्थल
{प॰च॰४०,७.९} वे वि समच्छर $ वे वि भयङ्कर
{प॰च॰४०,७.१०} वे वि अकायर $ वे वि जसायर
{प॰च॰४०,७.११} वे वि महब्भड $ वे वि अणुब्भड
{प॰च॰४०,७.१२} वे वि धणुद्धर $ वेण्णि वि दुद्धर
घत्ता॒
{प॰च॰४०,७.१३} वेण्णि वि जस-लुद्धा $ अमरिस-कुद्धा $ तिहुयण-मल्ल समावडिय
अमरिन्द-दसाणण $ विप्फुरियाणण $ णाइँ परोप्परु अब्भिडिय
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ८॒
दुवई
{प॰च॰४०,८.१} ताम जणद्दणेण अद्धेन्दु विसज्जिउ रणेॅ भयङ्करो $ णं खय-कालेॅ कालु उद्धाइउ तिहुअण-जण-खयङ्करो
{प॰च॰४०,८.२} संचल्लु वाणु $ णहयल-समाणु
{प॰च॰४०,८.३} रिउ-रहहेॅ ढुक्कु $ खरु कह वि चुक्कु
{प॰च॰४०,८.४} सारहि वि भिण्णु $ धय-दण्डु छिण्णु
{प॰च॰४०,८.५} धणुहरु वि भग्गु $ कत्थ वि ण लग्गु
{प॰च॰४०,८.६} पाडिउ विमाणु $ विज्जऍ समाणु
{प॰च॰४०,८.७} खरु विरहु जाउ $ थिउ असि-सहाउ
{प॰च॰४०,८.८} धाइउ तुरन्तु $ मुह-विप्फुरन्तु
{प॰च॰४०,८.९} एत्तहेॅ वि तेण $ णारायणेण
{प॰च॰४०,८.१०} तं सूरहासु $ किउ करेॅ पगासु
{प॰च॰४०,८.११} अब्भिट्ट वे वि $ असिवरइँ लेवि
घत्ता॒
{प॰च॰४०,८.१२} णाणाविह-थाणेॅहिॅ $ णिय-विण्णाणेॅहिॅ $ वावरन्ति असि-गहिय-कर
कसणङ्गय दीसिय $ विज्जु-विहूसिय $ णं णव-पाउसेॅ अम्वुहर
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ९॒
दुवई
{प॰च॰४०,९.१} हत्थि व उद्ध-सोण्ड सीह व लङ्गूल-वलग्ग-कन्धरा $ णिट्ठुर महिहर व्व अइ-खार समुद्द व अहि व दुद्धरा
{प॰च॰४०,९.२} अब्भिट्ट वे वि सोण्डीर वीर $ संगाम-धीर
{प॰च॰४०,९.३} एत्थन्तरेॅ अमर- वरङ्गणाहँ $ हरिसिय-मणाहँ
{प॰च॰४०,९.४} अवरोप्परु वोल्लालाव हूय $ "कहेॅ गुण पहूय"
{प॰च॰४०,९.५} तं णिसुणेॅवि कुवलय-णयणियाऍ $ ससि-वयणियाऍ
{प॰च॰४०,९.६} णिब्भच्छिय अच्छर अच्छराऍ $ वहु-मच्छराऍ
{प॰च॰४०,९.७} "खरु मुऍवि अण्णु किं को वि सूरु $ पर-सिमिर-चूरु"
{प॰च॰४०,९.८} अण्णेक्क पजम्पिय तक्खणेण $ "सह्ũ लक्खणेण
{प॰च॰४०,९.९} खरु गद्दहु किह किज्जइ समाणु $ जो अघडमाणु"
{प॰च॰४०,९.१०} एत्थन्तरेॅ णिसियर-कुल-पईवेॅ $ खरु पहउ गीवेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,९.११} कोवाणल-णालउ $ कलि-कण्टालउ $ दसण-सकेसरु अहर-दलु
महुमहण-सरग्गें $ असि-णहरग्गें $ खुण्टेॅवि घत्तिउ सिर-कमलु
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १०॒
दुवई
{प॰च॰४०,१०.१} एत्तहेॅ लक्खणेण विणिवाइउ णिसियर-सेण्ण-सारओ $ एत्तहेॅ दूसणेण किउ विरहु विराहिउ विण्णि वारओ
{प॰च॰४०,१०.२} छुडु छुडु समरेॅ परज्जिउ साहणु $ रह-गय-वाहणु
{प॰च॰४०,१०.३} छुडु छुडु जीव-गाहि आयामिउ $ पर-वल-सामिउ
{प॰च॰४०,१०.४} छुडु छुडु चिहुरहँ हत्थु पसारिउ $ कह वि ण मारिउ
{प॰च॰४०,१०.५} ताव खरहेॅ सिरु खुडेॅवि महाइउ $ लक्खणु धाइउ
{प॰च॰४०,१०.६} णिय-साहणेॅ मम्भीस करन्तउ $ रिउ कोक्कन्तउ
{प॰च॰४०,१०.७} "दूसण पहरु पहरु जइ सक्कहि $ अहिमुहु थक्कहि"
{प॰च॰४०,१०.८} तं णिसुणेवि वयणु आरुट्ठउ $ चित्तें दुट्ठउ
{प॰च॰४०,१०.९} वलिउ णिसिन्दु गइन्दु व सीहहेॅ $ रण-सय-लीहहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१०.१०} दससन्दण-जाएं $ वर-णाराएं $ वियड-उरत्थलेॅ विद्धु अरि
रेवा-जल-वाहें $ मयर-सणाहें $ णाइँ वियारिउ विञ्झइरि
कण्ड २, संधि ४०, कडवक ११॒
दुवई
{प॰च॰४०,११.१} उद्धुअ-पुच्छ-दण्ड-वेयण्ड-रसन्तय-मत्त-वाहणं
पाडिएं अतुल-मल्लेॅ खरेॅ दूसणेॅ पडियम् असेस-साहणं
{प॰च॰४०,११.२} सत्त सहास भिडन्तें मारिय $ दूसणेण सह्ũ सत्त वियारिय
{प॰च॰४०,११.३} चउदह सहस णरिन्दह्ũ घाइय $ णं कप्पद्दुम व्व विणिवाइय
{प॰च॰४०,११.४} मण्डिय मेइणि णरवर-छत्तेॅहिॅ $ णावइ सरय-लच्छि सयवत्तेॅहिॅ
{प॰च॰४०,११.५} कत्थइ रत्तारत्त पदीसिय $ णाइँ विलासिणि घुसिण-विहूसिय
{प॰च॰४०,११.६} तो एत्थन्तरेॅ रह-गय-वाहणेॅ $ कलयलु घुट्ठु विराहिय-साहणेॅ
{प॰च॰४०,११.७} दिण्णाणन्द-भेरि अणुराएं $ रणु परिअञ्चिउ दसरह-जाएं
{प॰च॰४०,११.८} "चन्दोअर-सुअ महु करेॅ वुत्तउ $ ताम महाहवेॅ अच्छु मुहुत्तउ
{प॰च॰४०,११.९} जाव गवेसमि भाइ महारउ $ सह्ũ वइदेहिऍ पाण-पियारउ"
घत्ता॒
{प॰च॰४०,११.१०} खर-दूसण मारेॅवि $ जिणु जयकारेॅवि $ लक्खणु रामहेॅ पासु गउ
णं तिहुअणु घाऍवि $ जम-पहेॅ लाऍवि $ कालु कियन्तहेॅ सम्मुहउ
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १२॒
दुवई
{प॰च॰४०,१२.१} हलहरु लक्खणेण लक्खिज्जइ सीया-सोय-णिब्भरो $ घत्तिय तोण-वाण महि-मण्डलेॅ कर-परिचत्त-धणुहरो
{प॰च॰४०,१२.२} विओय-सोय-तत्तओ $ करि व्व भग्ग-दन्तओ
{प॰च॰४०,१२.३} तरु व्व छिण्ण-डालओ $ फणि व्व णिप्फणालओ
{प॰च॰४०,१२.४} गिरि व्व वज्ज-सूडिओ $ ससि व्व राहु-पीडिओ
{प॰च॰४०,१२.५} अपाणिउ व्व मेहओ $ वणे विसण्ण-देहओ
{प॰च॰४०,१२.६} वलो सुमित्ति-पुत्तिणं $ पपुच्छियो तुरन्तिणं
{प॰च॰४०,१२.७} "ण दीसए विहङ्गओ $ स-सीयओ कहिॅ गओ"
{प॰च॰४०,१२.८} सुणेवि तस्स जम्पियं $ तम् अक्खियं ण जं पियं
{प॰च॰४०,१२.९} "वणे विणट्ठ जाणई $ ण को वि वत्त जाणई
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१२.१०} जो पक्खि रणे ऽज्जउ $ दिण्णु सहेज्जउ $ सो वि समरेॅ संघारियउ
केणावि पचण्डें $ दिढ-भुअ-दण्डें $ णेवि तलप्पऍ मारियउ"
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १३॒
दुवई
{प॰च॰४०,१३.१} ए आलाव जाव वट्टन्ति परोप्परु राम-लक्खणे $ ताव विराहिओ वि वल-परिमिउ पत्तु तहिॅ जि तक्खणे
{प॰च॰४०,१३.२} तो ताव कियञ्जलि-हत्थएण $ महिवीढोणामिय-मत्थएण
{प॰च॰४०,१३.३} वलएउ णमिउ विज्जाहरेण $ जिणु जम्मणेॅ जेम पुरन्दरेॅण
{प॰च॰४०,१३.४} आसीस देवि गुरु-मलहरेण $ सोमित्ति पपुच्छिउ हलहरेण
{प॰च॰४०,१३.५} "सह्ũ सेण्णें पणमिउ कवणु एहु $ णं तारा-परिम्मिउ हरिणदेहु"
{प॰च॰४०,१३.६} तं वयणु सुणेप्पिणु पुरिस-सीहु $ थिर-थोर-महाभुअ-फलिह-दीहु
{प॰च॰४०,१३.७} सब्भावें रामहेॅ कहइ एम $ "चन्दोयर-णन्दणु एहु देव
{प॰च॰४०,१३.८} खर-दूसणारि महु परम-मित्तु $ गिरि मेरु जेम थिर-थोर-चित्तु"
{प॰च॰४०,१३.९} तो एम पसंसेॅवि तक्खणेण $ "हिय जाणइ" अक्खिउ लक्खणेण
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१३.१०} "कहिॅ कुडेॅ लग्गेसमि $ कहि मि गवेसमि $ दइवेॅ परम्मुहेॅ किं करमि
वलु सीया-सोएं $ मरइ विओएं $ एण मरन्तें हũ मरमि"
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १४॒
दुवई
{प॰च॰४०,१४.१} तं णिसुणेवि वयणु चिन्ताविउ चन्दोयरहेॅ णन्दणो $ विमणु विसण्ण-देहु गह-पीडिउ णं सारङ्ग-लञ्छणो
{प॰च॰४०,१४.२} "जं जं किं पि वत्थु आसङ्घमि $ तं तं णिप्फलु कहिॅ अवठम्भमि
{प॰च॰४०,१४.३} एय मुएवि कालु किह खेविउ $ णिद्धणो वि वरि वड्डउ सेविउ
{प॰च॰४०,१४.४} होउ म होउ तो वि ओलग्गमि $ मुणि जिह जिण दिढु चलणेहिॅ लग्गमि
{प॰च॰४०,१४.५} विहि केत्तडउ कालु विणडेसइ $ अवसें कं दिवसु वि सिय होसइ"
{प॰च॰४०,१४.६} एम भणेवि वुत्तु णारायणु $ "कुढेॅ लग्गेवउ केत्तिउ कारणु
{प॰च॰४०,१४.७} ताव गवेसह्ũ जाम णिहालिय" $ लहु सण्णाह-भेरि अप्फालिय
{प॰च॰४०,१४.८} साहणु दस-दिसेहिॅ संचल्लिउ $ आउ पडिवउ जय-सिरि-मेल्लिउ
{प॰च॰४०,१४.९} जोइस-चक्कु णाइँ परियत्तउ $ णं सिद्धत्तणु सिद्धि ण पत्तउ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१४.१०} विज्जाहर-साहणु $ स-धउ स-वाहणु $ थिउ हेट्ठामुहु विमण-मणु
हिम-वाएं दड्ढउ $ मयरन्दड्ढउ $ णं कोमाणउ कमल-वणु
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १५॒
दुवई
{प॰च॰४०,१५.१} वुत्तु विराहिएण "सुर-डामरेॅ तिहुअण-जण-भयावणे $ वणेॅ णिवसह्ũ ण होइ खर-दूसणेॅ मुऍ जीवन्तेॅ रावणे
{प॰च॰४०,१५.२} सम्वुक्कु वहेॅवि असि-रयणु लेवि $ को जीवइ जम-मुहेॅ पइसरेवि
{प॰च॰४०,१५.३} जहिॅ अच्छइ इन्दइ भाणुकण्णु $ पञ्चामुहु मउ मारिच्चि अण्णु
{प॰च॰४०,१५.४} घणवाहणु जहिॅ अक्खय-कुमारु $ सहसमइ विहीसणु दुण्णिवारु
{प॰च॰४०,१५.५} हणुवन्तु णीलु णलु जम्ववन्तु $ सुग्गीउ समर-भर-उव्वहन्तु
{प॰च॰४०,१५.६} अङ्गङ्गय-गवय-गवक्ख जेत्थु $ तहेॅ वन्धु वहेॅवि को वसइ एत्थु"
{प॰च॰४०,१५.७} वयणेण तेण लक्खणु विरुद्धु $ गय-गन्धें णाइँ मइन्दु कुद्धु
{प॰च॰४०,१५.८} "सुट्ठु वि रुट्ठेहिॅ मयङ्गमेहिॅ $ किं रुम्भइ सीहु कुरङ्गमेहिॅ
{प॰च॰४०,१५.९} रोमग्गु वि वङ्कु ण होइ जेहिॅ $ किं णिसियर-सण्ढेॅहिॅ गहणु तेहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१५.१०} जे णरवइ अक्खिय $ रावण-पक्खिय $ ते वि रणङ्गणेॅ णिट्ठवमि
छुडु दिन्तु णिरुत्तउ $ जुज्झु महन्तउ $ दूसण-पन्थें पट्ठवमि"
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १६॒
दुवई
{प॰च॰४०,१६.१} भणइ पुणो वि एम विज्जाहरु "अच्छेॅवि किं करेसह्ũ $ तमलङ्कार-णयरु पइसेप्पिणु जाणइ तहिॅ गवेसह्ũ"
{प॰च॰४०,१६.२} वलु वयणेण तेण, सह्ũ साहणेण, संचल्लिउ $ णाइँ महासमुद्दु, जलयर-रउद्दु, उत्थल्लिउ
{प॰च॰४०,१६.३} दिण्णाणन्द-भेरि, पडिवक्ख-खेरि, खर-वज्जिय $ णं मयरहर-वेल, कल्लोलवोल, गलगज्जिय
{प॰च॰४०,१६.४} उब्भिय कणय-दण्ड, धुव्वन्त धवल, धुअ-धयवड $ रसमसकसमसन्त-, तडतडयडन्त-, कर गय-घड
{प॰च॰४०,१६.५} कत्थइ खिलिहिलन्त, हय हिलिहिलन्त, णीसरिया $ चञ्चल-चडुल-चवल, चलवलय पवल, पक्खरिया
{प॰च॰४०,१६.६} कत्थइ पहेॅ पयट्ट, दुग्घोट्ट-थट्ट, मय-भरिया $ सिरेॅ गुमुगुमुगुमन्त, -चुमुचुमुचुमन्त, -चञ्चरिया
{प॰च॰४०,१६.७} चन्दण-वहल-परिमलामोय-सेय-किय-कद्दमेॅ $ रह-खुप्पन्त-चक्क-वित्थक्क-छडय-भड-मद्दवेॅ
{प॰च॰४०,१६.८} एम पयट्टु सिमिरु, णं वहल-तिमिरु, उद्धाइउ $ तमलङ्कार-णयरु णिमिसन्तरेण संपाइउ
{प॰च॰४०,१६.९} पिय-विरहेण रामु, अइ-खाम-खामु, झीणङ्गउ $ पय-मग्गेण तेण, कन्तहेॅ तणेण, णं लग्गउ
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१६.१०} दहवयणु स-सीयउ $ पाणहँ भीयउ $ मञ्छुडु एत्तहेॅ णट्ठु खलु
मेइणि विद्दारेॅवि $ मग्गु समारेॅवि $ णं पायालेॅ पइट्ठु वलु
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १७॒
दुवई
{प॰च॰४०,१७.१} ताव पचण्डु वीरु खर-दूसण-णन्दणु तण्णिवारणो
सो सण्णहेॅवि सुण्डु पुर-वारेॅ परिट्ठिउ गहिय-पहरणो
{प॰च॰४०,१७.२} जं थक्कु सुण्डु रणमुहेॅ रउद्दु $ उद्धाइउ राहव-वल-समुद्दु
{प॰च॰४०,१७.३} णवर कलयलारावु उट्ठिउ दोहिॅ मि सेण्णेहिॅ अब्भिट्टमाणेहिॅ $ जायं च जुज्झं महा-गोन्दलुद्दाम-घोरारुणं मुक्क-हाहारवं
{प॰च॰४०,१७.४} विरसिय-सय-सङ्ख-कंसाल-कोलाहलं काहलं टट्टरी- $ हल्लरी-मद्दलुल्लोल-वज्जन्त-भम्भीस-भेरी-सरुञ्जा-हुडुक्काउलं
{प॰च॰४०,१७.५} पसहिय-गय-गिल्ल-कल्लोल-गज्जन्त-गम्भीर-भीसावणोरालि-मेल्लन्त-रुण्टन्त- $ घण्टा-जुअं पाडियं मेट्ठ-पाइक्कयं भिण्ण-वच्छत्थलं
{प॰च॰४०,१७.६} सललिय-रह-चक्क-खोणी-पक्खुप्पन्त-धुप्पन्त-चिन्धावली-हेमदण्डुज्जलं चामरु- $ च्छोह-विज्जिज्जमाणं स-जोहं महासन्दणावीढयं
{प॰च॰४०,१७.७} हिलिहिलिय-तुरङ्गम् उव्वुण्ण-कण्णं चलं चञ्चलङ्गं महा-दुज्जयं दुद्धरं $ दुण्णिरिक्खं मही-मण्डलावत्त-देन्तं हयाणं वलं
{प॰च॰४०,१७.८} हुलि-हल-मुसलग्ग-कोन्तेहिॅ अद्धेन्दु-सूलेहिॅ वावल्ल-भल्लेहिॅ णाराय-सल्लेहिॅ $ भिण्णं करालं ललन्तन्त-मालं अ-सीसं कवन्धं पणच्चावियं
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१७.९} तहिॅ सुन्द-विराहिय $ समर-जसाहिय $ अवरोप्परु वड्ढन्त-कलि
पहरन्ति महा-रणेॅ $ मेइणि-कारणेॅ $ णं भरहेसर-वाहुवलि
कण्ड २, संधि ४०, कडवक १८॒
दुवई
{प॰च॰४०,१८.१} चन्दणहाऍ ताव जुज्झन्तु णिवारिउ णियय-णन्दणो $ "दीसइ ओहु जोहु खर-दूसण-सम्वुकुमार-मद्दणो
{प॰च॰४०,१८.२} जुज्झेवउ सुन्द ण होइ कज्जु $ जीवन्तहँ होसइ अण्णु रज्जु
{प॰च॰४०,१८.३} वरि गम्पिणु सुर-पञ्चाणणासु $ कूवारउ करहु दसाणणासु
{प॰च॰४०,१८.४} ओसरिउ सुण्डु वयणेण तेण $ गउ लङ्क पराइउ तक्खणेण
{प॰च॰४०,१८.५} एत्थु स-विराहिउ पइट्ठु रामु $ णं कामिणि जणु मोहन्तु कामु
{प॰च॰४०,१८.६} खर-दूसण-मन्दिरेॅ पइसरेवि $ चन्दोयर-पुत्तहेॅ रज्जु देवि
{प॰च॰४०,१८.७} साहारु ण वन्धइ कहि मि रामु $ वइदेहि-विओएं खामु खामु
{प॰च॰४०,१८.८} रह-तिक्क-चउक्केॅहिॅ परिभमन्तु $ दीहिय-विहार-मढ परिहरन्तु
{प॰च॰४०,१८.९} गउ ताम जाम जिण-भवणु दिट्ठु $ परिअञ्चेॅवि अब्भन्तरेॅ पइट्ठु
घत्ता॒
{प॰च॰४०,१८.१०} जिणवरु णिज्झाऍवि $ चित्तें झाऍवि $ जाइ णिरारिउ विउलमइ
आहुट्ठेॅहिॅ भासेॅहिॅ $ थोत्त-सहासेॅहिॅ $ थुअउ स यं भु वणाहिवइ
[४१. एक्कचालीसमो संधि] ----------
खर-दूसण गिलेॅवि चन्दणहिहेॅ तित्ति ण जाइय
णं खय-काल-छुह रावणहेॅ पडीवी धाइय
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १॒
{प॰च॰४१,१.१} सम्वुकुमार-वीरेॅ अत्थन्तऍ $ खर-दूसण-संगामेॅ समत्तऍ
{प॰च॰४१,१.२} दूरोसारिऍ सुन्द-महव्वलेॅ $ तमलङ्कार-णयरु गऍ हरि-वलेॅ
{प॰च॰४१,१.३} एत्थ ऍ असुर-मल्लेॅ सुर-डामरेॅ $ लङ्काहिवेॅ वहु-लद्ध-महावरेॅ
{प॰च॰४१,१.४} पर-वल-वल-पवणाहिन्दोलणेॅ $ वइरि-समुद्द-रउद्द-विरोलणेॅ
{प॰च॰४१,१.५} मुक्कङ्कुस-मयगल-गलथल्लणेॅ $ दाण-रणङ्गणेॅ हत्थुत्थलणेॅ
{प॰च॰४१,१.६} विहडिय-भड-थड-किय-कडमद्दणेॅ $ कामिणि-जण-मण-णयणाणन्दणेॅ
{प॰च॰४१,१.७} सीयऍ सहु सुरवर-संतावणेॅ $ छुडु छुडु लङ्क पइट्ठऍ रावणेॅ
{प॰च॰४१,१.८} तहिॅ अवसरेॅ चन्दणहि पराइय $ णिवडिय कम-कमलेॅहिॅ दुह-घाइय
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१.९} "सम्वुकुमारु मुउ $ खर-दूसण जम-पहेॅ लाइय
पइँ जीवन्तऍण $ एही अवत्थ हũ पाइय"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक २॒
{प॰च॰४१,२.१} तं चन्दणहिहेॅ वयणु दयावणु $ णिसुणेॅवि थिउ हेट्ठामुहु रावणु
{प॰च॰४१,२.२} णं मयलञ्छणु णिप्पहु जाइयउ $ गिरि व दवग्गि-दड्ढु विच्छायउ
{प॰च॰४१,२.३} णं मुणिवरु चारित्त-विभट्ठउ $ भविउ व भव-संसारहेॅ तट्ठउ
{प॰च॰४१,२.४} वाह-भरन्त-णयणु मुह-कायरु $ गहेॅण गहिउ णं हूउ दिवायरु
{प॰च॰४१,२.५} दुक्खु दुक्खु दुक्खेणामेल्लिउ $ सयण-सणेहु सरन्तु पवोल्लिउ
{प॰च॰४१,२.६} "घाइउ जेण सम्वु खरु दूसणु $ तं पइट्ठवमि अज्जु जमसासणु
{प॰च॰४१,२.७} अहवइ एण काइँ माहप्पें $ को ण मरइ अपूरें मप्पें
{प॰च॰४१,२.८} धीरी होहि पमायहि सोओ $ कासु ण जम्मण-मरण-विओओ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,२.९} को वि ण वज्जमउ $ जाएं जीवें मरिएवउ
अम्हेॅहिॅ तुम्हेॅहिॅ मि $ खर-दूसण-पहेॅ जाएवउ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ३॒
{प॰च॰४१,३.१} धीरेॅवि णियय वहिणि सिय-माणणु $ रयणिहिॅ गउ सोवणऍ दसाणणु
{प॰च॰४१,३.२} वर-पल्लङ्केॅ चडिउ लङ्केसरु $ णं गिरि-सिहरेॅ मइन्दु स-केसरु
{प॰च॰४१,३.३} णं विसहरु णीसासु मुअन्तउ $ णं सज्जणु खल-खेइज्जन्तउ
{प॰च॰४१,३.४} सीया-मोहें मोहिउ रावणु $ गायइ वायइ पढइ सुहावणु
{प॰च॰४१,३.५} णच्चइ हसइ वियारेॅहिॅ भज्जइ $ णिय-भूअह्ũ जि पडीवउ लज्जइ
{प॰च॰४१,३.६} दंसण-णाण-चरित्त-विरोहउ $ इह-लोयहेॅ पर-लोयहेॅ दोहउ
{प॰च॰४१,३.७} मयण-परव्वसु एउ ण जाणइ $ जिह संघरु करेसइ जाणइ
{प॰च॰४१,३.८} अच्छइ मयण-सरेॅहिॅ जज्जरियउ $ खर-दूसण-णाउ मि वीसरियउ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,३.९} चिन्तइ दहवयणु $ "धणु धण्णु सुवण्णु समत्थउ
रज्जु वि जीविउ वि $ विणु सीयऍ सव्वु णिरत्थउ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ४॒
{प॰च॰४१,४.१} तहिॅ अवसरेॅ आइय मन्दोवरि $ सीहहेॅ पासु व सीह-किसोयरि
{प॰च॰४१,४.२} वर-गणियारि व लीला-गामिणि $ पियमाहविय व महुरालाविणि
{प॰च॰४१,४.३} सारङ्गि व विप्फारिय-णयणी $ सत्तावीसंजोयण-वयणी
{प॰च॰४१,४.४} कलहंसि व थिर-मन्थर-गमणी $ लच्छि व तिय-रूवें जूरवणी
{प॰च॰४१,४.५} अह पोमाणिहेॅ अणुहरमाणी $ जिह सा तिह एह वि पउराणी
{प॰च॰४१,४.६} जिह सा तिह एह वि वहु-जाणी $ जिह सा तिह एह वि वहु-माणी
{प॰च॰४१,४.७} जिह सा तिह एह वि सुमणोहर $ जिह सा तिह एह वि पिय-सुन्दर
{प॰च॰४१,४.८} जिह सा तिह एह वि जिण-सासणेॅ $ जिह सा तिह एह वि ण कु-सासणेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,४.९} किं वहु-जम्पिऍण $ उवमिज्जइ काहेॅ किसोयरि
णिय-पडिछन्दऍण $ थिय सइँ जेॅ णाइँ मन्दोयरि
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ५॒
{प॰च॰४१,५.१} तहिॅ पल्लङ्केॅ चडेॅवि रज्जेसरि $ पभणिय लङ्कापुर-परमेसरि
{प॰च॰४१,५.२} "अहेॅ दहमुह दहवयण दसाणण $ अहेॅ दससिर दसास सिय-माणण
{प॰च॰४१,५.३} अहेॅ तइलोक्क-चक्क-चूडामणि $ वइरि-महीहर-खर-वज्जासणि
{प॰च॰४१,५.४} वीसपाणि णिसियर-णरकेसरि $ सुर-मिग-वारण दारण-अरि-करि
{प॰च॰४१,५.५} पर-णरवर-पायार-पलोट्टण $ दुद्दम-दाणव-वल-दलवट्टण
{प॰च॰४१,५.६} जइयह्ũ भिडिउ रणङ्गणेॅ इन्दहेॅ $ जाउ कुल-क्खउ सज्जण-विन्दहेॅ
{प॰च॰४१,५.७} तहिॅ वि कालेॅ पइँ दुक्खु ण णायउ $ जिह खर-दूसण-मरणें जायउ"
{प॰च॰४१,५.८} भणइ पडीवउ णिसियर-णाहो $ "सुन्दरि जइ ण करइ अवराहो
घत्ता॒
{प॰च॰४१,५.९} तो हũ कहमि तउ $ णउ खर-दूसण-दुक्खु ऽच्छइ
एत्तिउ डाहु पर $ जं मइँ वइदेहि ण इच्छइ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ६॒
{प॰च॰४१,६.१} तं णिसुणेवि वयणु ससिवयणऍ $ पुणु वि हसेवि वुत्तु मिगणयणऍ
{प॰च॰४१,६.२} "अहेॅ दहगीव जीव-संतावण $ एउ अजुत्तु वुत्तु पइँ रावण
{प॰च॰४१,६.३} किं जगेॅ अयस-पडहु अप्फालहि $ उभय विसुद्ध वंस किं मइलहि
{प॰च॰४१,६.४} किं णारइयहेॅ णरऍ ण वीहहि $ पर-धणु पर-कलत्तु जं ईहहि
{प॰च॰४१,६.५} जिणवर-सासणेॅ पञ्च विरुद्धइँ $ दुग्गइ जाइ णिन्ति अविसुद्धइँ
{प॰च॰४१,६.६} पहिलउ वहु छज्जीव-णिकायह्ũ $ वीयउ गम्मइ मिच्छावायह्ũ
{प॰च॰४१,६.७} तइयउ जं पर-दव्वु लइज्जइ $ चउत्थउ पर-कलत्तु सेविज्जइ
{प॰च॰४१,६.८} पञ्चमु णउ पमाणु घरवारहेॅ $ आयहिॅ गम्मइ भव-संसारहेॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,६.९} पर-लोऍ वि ण सुहु $ इह-लोऍ वि अयस-पडाइय
सुन्दर होइ ण तिय $ ऍय-वेसें जमउरि आइय"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ७॒
{प॰च॰४१,७.१} पुणु पुणु पिहुल-णियम्व किसोयरि $ भणइ हियत्तणेण मन्दोयरि
{प॰च॰४१,७.२} "जं सुहु कालकूडु विसु खन्तह्ũ $ जं सुहु पलयाणलु पइसन्तह्ũ
{प॰च॰४१,७.३} जं सुहु भव-संसारेॅ भमन्तह्ũ $ जं सुहु णारइयह्ũ णिवसन्तह्ũ
{प॰च॰४१,७.४} जं सुहु जम-सासणु पेच्छन्तह्ũ $ जं सुहु असि-पञ्जरेॅ अच्छन्तह्ũ
{प॰च॰४१,७.५} जं सुहु पलयाणल-मुह-कन्दरेॅ $ जं सुहु पञ्चाणण-दाढन्तरेॅ
{प॰च॰४१,७.६} जं सुहु फणि-माणिक्कु खुडन्तह्ũ $ तं सुहु एह णारि भुञ्जन्तह्ũ
{प॰च॰४१,७.७} जाणन्तो वि तो वि जइ वञ्छहि $ तो कज्जेण केण मइँ पुच्छहि
{प॰च॰४१,७.८} तउ पासिउ किं कोइ वि वलियउ $ जेण पुरन्दरो वि पडिखलियउ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,७.९} जं जसु आवडइ $ तहेॅ तं अणुराउ ण भज्जइ
जइ वि असुन्दरउ $ जं पहु करेइ तं छज्जइ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ८॒
{प॰च॰४१,८.१} तं णिसुणेवि वयणु दहवयणें $ पभणिय णारि विरिल्लिय-णयणें
{प॰च॰४१,८.२} "जइयह्ũ गयउ आसि अचलिन्दहेॅ $ वन्दण-हत्तिऍ परम-जिणिन्दहेॅ
{प॰च॰४१,८.३} तइयह्ũ दिट्ठु एक्कु मइँ मुणिवरु $ णाउं अणन्तवीरु परमेसरु
{प॰च॰४१,८.४} तासु पासेॅ वउ लइउ ण भञ्जमि $ मण्डऍ पर-कलत्तु णउ भुञ्जमि
{प॰च॰४१,८.५} अहवइ एण काइँ मन्दोअरि $ जइ णन्दन्ति णियहि लङ्काउरि
{प॰च॰४१,८.६} जइ मग्गहि धणु धण्णु सुवण्णउ $ राउलु रिद्धि-विद्धि-संपण्णउ
{प॰च॰४१,८.७} जइ आरुहहि तुरङ्ग-गइन्देॅहिॅ $ जइ वन्दिज्जइ वन्दिण-वन्देॅहिॅ
{प॰च॰४१,८.८} जइ मग्गहि णिक्कण्टउ रज्जु $ जइ किर वि मइँ जियन्तेॅण कज्जु
घत्ता॒
{प॰च॰४१,८.९} सयलन्तेउरहेॅ $ जइ इच्छहि णउ रण्डत्तणु
तो वरि जाणइहेॅ $ मन्दोयरि करेॅ दूअत्तणु"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ९॒
{प॰च॰४१,९.१} तं णिसुणेॅवि वयणु दहवयणहेॅ $ पभणिय मन्दोयरि पुरि मयणहेॅ
{प॰च॰४१,९.२} "हो हो सव्वु लोउ जगेॅ दूहउ $ पइँ मेल्लेविणु अण्णु ण सूहउ
{प॰च॰४१,९.३} सुरकरि-अहिसिञ्चिय-सिय-सेविहेॅ $ जो आएसु देहि महएविहेॅ
{प॰च॰४१,९.४} एव वि करमि तुहारउ वुत्तउ $ पहु-छन्देण अजुत्तु वि जुत्तउ"
{प॰च॰४१,९.५} ए आलाव परोप्परु जावेॅहिॅ $ रयणिहेॅ चउ पहरा हय तावेॅहिॅ
{प॰च॰४१,९.६} अरुणुग्गमेॅ अच्चन्त-किसोयरि $ सीयहेॅ दूई गय मन्दोयरि
{प॰च॰४१,९.७} सह्ũ अन्तेउरेण उद्धूसिय $ गणियारि व गणियारि-विहूसिय
{प॰च॰४१,९.८} वणु गिव्वाणरवणु संपाइय $ राहव-घरिणि तेत्थु णिज्झाइय
घत्ता॒
{प॰च॰४१,९.९} वे वि मणोहरिउ $ रावण-रामह्ũ पिय-णारिउ
दाहिण-उत्तरेण $ णं दिस-गइन्द-गणियारिउ
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १०॒
{प॰च॰४१,१०.१} राम-घरिणि जं दिट्ठ किसोयरि $ हरिसिय णिय-मणेण मन्दोयरि
{प॰च॰४१,१०.२} "अहिणव-णारि-रयणु अवइण्णउ $ एउ ण जाणह्ũ कहिॅ उप्पण्णउ
{प॰च॰४१,१०.३} सुरह्ũ मि कामुक्कोयण-गारउ $ मुणि-मण-मोहणु णयण-पियारउ
{प॰च॰४१,१०.४} साहु साहु णिउणो ऽसि पयावइ $ तुह विण्णाण-सत्ति को पावइ
{प॰च॰४१,१०.५} अह किं वित्थरेण वहु-वोल्लऍ $ सइम् कामो वि पडइ कामिल्लऍ
{प॰च॰४१,१०.६} कवणु गहणु तो लङ्का-राएं" $ एम पसंसेॅवि मणेॅ अणुराएं
{प॰च॰४१,१०.७} पिय-वयणेॅहिॅ दसाणण-पत्तिऍ $ वुच्चइ राम-घरिणि विहसन्तिऍ
{प॰च॰४१,१०.८} "किं वहु-जम्पिएण परमेसरि $ जीविउ एक्कु सहलु तउ सुन्दरि
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१०.९} सुरवर-डमर-करु $ तइलोक्क-चक्क-संतावणु
काइँ ण अत्थि तउ $ जहेॅ आणवडिच्छउ रावणु"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक ११॒
{प॰च॰४१,११.१} इन्दइ-भाणुकण्ण-घणवाहण $ अक्खय-मय-मारिच्च-विहीसण
{प॰च॰४१,११.२} जं चलणेहिॅ घिवहि आरूसेॅवि $ तं सीसेण लयन्ति असेस वि
{प॰च॰४१,११.३} अण्णु वि सयलु एउ अन्तेउरु $ सालङ्कारु स-दोरु स-णेउरु
{प॰च॰४१,११.४} अट्ठारह सहास वर-विलयह्ũ $ णिच्च-पसाहिय-सोहिय-तिलयह्ũ
{प॰च॰४१,११.५} आयह्ũ सव्वह्ũ तुह्ũ परमेसरि $ णीसावण्णु रज्जु करि सुन्दरि
{प॰च॰४१,११.६} रावणु मुऍवि अण्णु को चङ्गउ $ रावणु मुऍवि कवणु तणु-अङ्गउ
{प॰च॰४१,११.७} रावणु मुऍवि अण्णु को सूरउ $ पर-वल-महणु कुलासा-पूरउ
{प॰च॰४१,११.८} रावणु मुऍवि अण्णु को वलियउ $ सुरवर-णियरु जेण पडिखलियउ
{प॰च॰४१,११.९} रावणु मुऍवि अण्णु को भल्लउ $ जो तिहुयणहेॅ मल्लु एक्कल्लउ
{प॰च॰४१,११.१०} रावणु मुऍवि अण्णु को सूहउ $ जं आपेक्खेॅवि मयणु वि दूहउ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,११.११} तहेॅ लङ्केसरहेॅ $ कुवलय-दल-दीहर-णयणहेॅ
भुञ्जहि सयल महि $ महएवि होहि दहवयणहेॅ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १२॒
{प॰च॰४१,१२.१} तं तहेॅ कडुअ-वयणु आयण्णेॅवि $ रावणु जीविउ तिण-समु मण्णेॅवि
{प॰च॰४१,१२.२} सील-वलेण वलिय णउ कम्पिय $ रूसेॅवि णिट्ठुर वयण पजम्पिय
{प॰च॰४१,१२.३} "हलेॅ हलेॅ काइँ काइँ पइँ वुत्तउ $ उत्तिम-णारिहेॅ एउ ण जुत्तउ
{प॰च॰४१,१२.४} किह दइयहेॅ दूअत्तणु किज्जइ $ एण णाइँ महु हासउ दिज्जइ
{प॰च॰४१,१२.५} मञ्छुडु तुह्ũ पर-पुरिस-पइद्धी $ तें कज्जें महु देहि दुवुद्धि
{प॰च॰४१,१२.६} मत्थऍ पडउ वज्जु तहेॅ जारहेॅ $ हũ पुणु भत्तिवन्त भत्तारहेॅ"
{प॰च॰४१,१२.७} सीयऍ वयणु सुणेॅवि मणेॅ डोल्लिय $ णिसियर-णाह-णारि पडिवोल्लिय
{प॰च॰४१,१२.८} "जइ महएवि-पट्टु ण पडिच्छहि $ जइ लङ्काहिउ कह वि ण इच्छहि
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१२.९} तो कन्दन्ति पइँ $ तिलु तिलु करवत्तेॅहिॅ कप्पइ
अण्णु मुहुत्तऍण $ णिसियरहँ विहञ्जेॅवि अप्पइ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १३॒
{प॰च॰४१,१३.१} पुणुपुणुरुत्तेॅहिॅ जणयहेॅ धीयऍ $ णिब्भच्छिय मन्दोयरि सीयऍ
{प॰च॰४१,१३.२} "केत्तिउ वारवार वोल्लिज्जइ $ जं चिन्तिउ मणेण तं किज्जइ
{प॰च॰४१,१३.३} जइ वि अज्जु करवत्तेॅहिॅ कप्पहेॅ $ जइ वि धरेॅवि सिव-साणहेॅ अप्पहेॅ
{प॰च॰४१,१३.४} जइ वि वलन्तेॅ हुआसणेॅ मेल्लहेॅ $ जइ वि महग्गय-दन्तेॅहिॅ पेल्लहेॅ
{प॰च॰४१,१३.५} तो वि खलहेॅ तहेॅ दुक्किय-कम्महेॅ $ पर-पुरिसहेॅ णिवित्ति इह जम्महेॅ
{प॰च॰४१,१३.६} एक्कु जि णिय-भत्तारु पहुच्चइ $ जो जय-लच्छिऍ खणु वि ण मुच्चइ
{प॰च॰४१,१३.७} जो असुरा-सुर-जण-मण-वल्लहु $ तुम्हारिसह्ũ कुणारिहिॅ दुल्लहु
{प॰च॰४१,१३.८} जो णरवर-मइन्दु भीसावणु $ धणु-लङ्गूल-लील-दरिसावणु
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१३.९} सर-णहरारुणेॅण $ धणुवेय-ललाविय-जीहें
दहमुह-मत्त-गउ $ फाडेवउ राहव-सीहें"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १४॒
{प॰च॰४१,१४.१} रामण-रामचन्द-रमणीयह्ũ $ जाम वोल्ल मन्दोवरि-सीयह्ũ
{प॰च॰४१,१४.२} ताव दसाणणु सयम् एवाइउ $ हत्थि व गङ्गा-वेणि पराइउ
{प॰च॰४१,१४.३} भसलु व गन्ध-लुद्धु विहडप्फडु $ जाणइ-वयण-कमल-रस-लम्पडु
{प॰च॰४१,१४.४} करयल धुणइ झुणइ वुक्कारइ $ खेड्डु करेवि देवि पच्चारइ
{प॰च॰४१,१४.५} "विण्णत्तिऍ पसाउ परमेसरि $ हũ कवणेण हीणु सुर-सुन्दरि
{प॰च॰४१,१४.६} किं सोहग्गें भोग्गें ऊणउ $ किं विरुयउ किं अत्थ-विहूणउ
{प॰च॰४१,१४.७} किं लावण्णें वण्णें हीणउ $ किं संमाणेॅ दाणेॅ रणेॅ दीणउ
{प॰च॰४१,१४.८} कहेॅ कज्जेण केण ण समिच्छहि $ जें महएवि-पट्टु ण पडिच्छहि"
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१४.९} राहव-गेहिणिऍ $ णिब्भच्छिउ णिसियर-राणउ
"ओसरु दहवयण $ तुह्ũ अम्हह्ũ जणय-समाणउ
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १५॒
{प॰च॰४१,१५.१} जाणन्तो वि तो वि मं मुज्झहि $ गेण्हेॅवि पर-कलत्तु कहिॅ सुज्झहि
{प॰च॰४१,१५.२} जाम ण अयस- पडहु उब्भासइ $ जाम ण लङ्काणयरि विणासइ
{प॰च॰४१,१५.३} जाम ण लक्खण-सीहु विरुज्झइ $ जाम ण राम-कियन्तु विवुज्झइ
{प॰च॰४१,१५.४} जाम ण सरवर-धोरणि सन्धइ $ जाम ण तोणा-जुअलु णिवन्धइ
{प॰च॰४१,१५.५} जाव ण वियड-उरत्थलु भिन्दइ $ जाव ण वाहु-दण्ड तउ छिन्दइ
{प॰च॰४१,१५.६} सरवरेॅ हंसु जेम दल-विमलइँ $ जाव ण तोडइ दस-सिर-कमलइं
{प॰च॰४१,१५.७} जाम ण गिद्ध-पन्ति णिव्वट्टइ $ जाम ण णिसियर-वलु आवट्टइ
{प॰च॰४१,१५.८} जाम ण दरिसावइ धय-चिन्धइँ $ जाम ण रणेॅ णच्चन्ति कवन्धइँ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१५.९} जाम ण आहयणेॅ $ कप्पिज्जइ वर-णारायहिॅ
ताव णराहिवइ $ पडु राहवचन्दहेॅ पायहिॅ"
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १६॒
{प॰च॰४१,१६.१} तं णिसुणेॅवि आरुट्ठु दसाणणु $ णं घणेॅ गज्जमाणेॅ पञ्चाणणु
{प॰च॰४१,१६.२} कोवाणल-पलित्तु लङ्केसरु $ चिन्तइ विज्जाहर-परमेसरु
{प॰च॰४१,१६.३} "किं जम-सासण-पन्थें लायमि $ किं उवसग्गु किं पि दरिसावमि
{प॰च॰४१,१६.४} अवसें भय-वसेण इच्छेसइ $ महु मयणग्गि समुल्हावेसइ"
{प॰च॰४१,१६.५} तहिॅ अवसरेॅ स-तुरङ्गु स-रहवरु $ गउ अत्थवणहेॅ ताम दिवायरु
{प॰च॰४१,१६.६} आय रत्ति णाणाविह-रूवेॅहिॅ $ अट्टहास मेल्लन्तेॅहिॅ भूऍहिॅ
{प॰च॰४१,१६.७} खर-साणउल-विराल-सियालेॅहिॅ $ वहु-चामुण्ड-रुण्ड-वेयालेॅहिॅ
{प॰च॰४१,१६.८} रक्खस-सीह-वग्घ-गय-गण्डेॅहिॅ $ मेस-महिस-वस-तुरय-णिसण्डेॅहिॅ
{प॰च॰४१,१६.९} तं उवसग्गु णिएवि भयावणु $ तो वि ण सीयहेॅ सरणु दसाणणु
{प॰च॰४१,१६.१०} घोरु रउद्दु झाणु संचूरेॅवि $ थिय मणेॅ धम्म-झाणु आऊरेॅवि
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१६.११} "जाव ण णीसरिय $ उवसग्ग-भयहेॅ गम्भीरहेॅ
ताव णिवित्ति महु $ चउविह-आहार-सरीरहेॅ
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १७॒
{प॰च॰४१,१७.१} पहय पओस पणासेॅवि णिग्गय $ हत्थि-हड व्व सूर-पहराहय
{प॰च॰४१,१७.२} णिसियरि व्व गय घोणावङ्किय $ भग्ग-मडप्फर माण-कलङ्किय
{प॰च॰४१,१७.३} सूर-भएण णाइँ रणु मेल्लेॅवि $ पइसइ णयरु कवाडइँ पेल्लेॅवि
{प॰च॰४१,१७.४} दीवा पज्जलन्ति जे सयणेॅहिॅ $ णं णिसि वलेॅवि णिहालइ णयणेॅहिॅ
{प॰च॰४१,१७.५} उट्ठिउ रवि अरविन्दाणन्दउ $ णं महि-कामिणि-केरउ अन्दउ
{प॰च॰४१,१७.६} णं सञ्झाऍ तिलउ दरिसाविउ $ णं सुकइहेॅ जस-पुञ्जु पहाविउ
{प॰च॰४१,१७.७} णं मम्भीस देन्तु वल-पत्तिहेॅ $ पच्छलेॅ णाइँ पधाइउ रत्तिहेॅ
{प॰च॰४१,१७.८} णं जग-भवणहेॅ वोहिउ दीवउ $ णाइँ पुणु वि पुणु सो ज्जेॅ पडीवउ
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१७.९} तिहुअण-रक्खसहेॅ $ दारेॅवि दिसि-वहु-मुह-कन्दरु
उवरेॅ पईसरेॅवि $ णं सीय गवेसइ दिणयरु
कण्ड २, संधि ४१, कडवक १८॒
{प॰च॰४१,१८.१} रयणिहेॅ तिमिर-णियर-रऍ भग्गऍ $ णिव रावणहेॅ आय ओलग्गऍ
{प॰च॰४१,१८.२} मय-मारिच्च-विहीसण-राणा $ अवरेॅ वि भुवणेक्केक्क-पहाणा
{प॰च॰४१,१८.३} खर-दूसण-सोएण णयाणण $ णं णिक्केसर वर पञ्चाणण
{प॰च॰४१,१८.४} णिय-णिय-आसणेहिॅ थिय अविचल $ भग्ग-विसाण णाइँ वर मयगल
{प॰च॰४१,१८.५} मन्ति-महल्लएहिॅ एत्थन्तरेॅ $ णिसुणिय सीय रुअन्ति पडन्तरेॅ
{प॰च॰४१,१८.६} भणइ विहीसणु "ऍहु को रोवइ $ वारवार अप्पाणउ सोअइ
{प॰च॰४१,१८.७} णावइ पर-कलत्तु विच्छोइउ" $ पुणु दहवयणहेॅ वयणु पजोइउ
{प॰च॰४१,१८.८} "मञ्छुडु एउ कम्मु तुह केरउ $ अण्णहेॅ कासु चित्तु विवरेरउ"
{प॰च॰४१,१८.९} तं णिसुणेवि सीय आसासिय $ कलयण्ठि वि पिय-वयणेॅहिॅ भासिय
{प॰च॰४१,१८.१०} "ऍहु दुज्जणहेॅ मज्झेॅ को सज्जणु $ णिम्व-वणहेॅ अब्भन्तरेॅ चन्दणु
घत्ता॒
{प॰च॰४१,१८.११} विहुरेॅ समावडिऍ $ ऍहु को साहम्मिय-वच्छलु
जो मइँ धीरवइ $ एवड्डु कासु स इं भु व-वलु"
[४२. बायालीसमो संधि] ----------
पुणु वि विहीसणेॅण दुव्वयणेॅहिॅ रावणु दोच्छइ
तेत्थु पडन्तरेॅण आसण्णउ होऍवि पुच्छइ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक १॒
{प॰च॰४२,१.१} "अक्खहि सुन्दरि वत्त णिभन्ती $ कहिॅ आणिय तुह्ũ एत्थु रुवन्ती
{प॰च॰४२,१.२} कासु धीय कहि को तुम्हहँ पइ" $ अवख वहन्तु विहीसणु जम्पइ
{प॰च॰४२,१.३} "कवणु ससुरु कहि को तुह देवरु $ अत्थि पसिद्धउ को तुह भायरु
{प॰च॰४२,१.४} सप्परियण कहि तुह्ũ एक्कल्ली $ अक्खहि केम वणन्तरेॅ भुल्ली
{प॰च॰४२,१.५} कें कज्जेॅण वणवासु पइट्ठी $ चक्केसरेॅण केम तुह्ũ दिट्ठी
{प॰च॰४२,१.६} किं माणुसि किं खेयर-णन्दिणी $ किं कुसील किं सीलहेॅ भायणि
{प॰च॰४२,१.७} अण्णु वि कवणु तुम्ह देसन्तरु $ कहहि वियारेॅवि णियय-कहन्तरु"
{प॰च॰४२,१.८} एम विहीसण-वयणु सुणेविणु $ लग्ग कहेव्वऍ जिम णिसुणइ जणु
घत्ता॒
{प॰च॰४२,१.९} "अह किं वहुएण $ लहुअ वहिणि भामण्डलहेॅ
हũ सीयाएवि $ जणयहेॅ सुअ गेहिणि वलहेॅ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक २॒
{प॰च॰४२,२.१} वन्धेॅवि राय-पट्टु भरहेसहेॅ $ तिण्णि वि संचल्लिय वणवासहेॅ
{प॰च॰४२,२.२} सीहोयरहेॅ मडप्फरु भञ्जेॅवि $ दसउर-णाहहेॅ णिय-मणु रञ्जेॅवि
{प॰च॰४२,२.३} पुणु कल्लाणमाल मम्भीसेॅवि $ णम्मय मेल्लेॅवि विञ्झु पईसेॅवि
{प॰च॰४२,२.४} रुद्दभुत्ति णिय-चलणेॅहिॅ पाडेॅवि $ वालिखिल्लु णिय-णयरहेॅ धाडेॅवि
{प॰च॰४२,२.५} रामउरिहिॅ चउ मास वसेप्पिणु $ धरणीधरहेॅ धीय परिणेप्पिणु
{प॰च॰४२,२.६} फेडेॅवि अइवीरहेॅ वीरत्तणु $ पइसरेवि खेमञ्जलि-पट्टणु
{प॰च॰४२,२.७} तेत्थु वि पञ्च पडिच्छेॅवि सत्तिउ $ सत्तुदवणु मसि-वण्णु पवित्तिउ
{प॰च॰४२,२.८} पुणु तहेॅ तणिय धीय परिणेप्पिणु $ मुणि-जुअलहेॅ उवसग्गु हरेप्पिणु
घत्ता॒
{प॰च॰४२,२.९} हरि-सीय-वलाइँ $ आयइं सज्जइँ आइयइँ
णं मत्त-गयाइँ $ दण्डारण्णु पराइयइँ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ३॒
{प॰च॰४२,३.१} तहिॅ मि कालेॅ मुणि-गुत्त-सुगुत्तहँ $ संजम-णियम-धम्म-संजुत्तहँ
{प॰च॰४२,३.२} वणेॅ आहार-दाणु दरिसावेॅवि $ सुरवर-रयण-वरिसु वरिसावेॅवि
{प॰च॰४२,३.३} पक्खिहेॅ पक्ख सुवण्ण समारेॅवि $ सम्वुकुमारु वीरु संघारेॅवि
{प॰च॰४२,३.४} अच्छह्ũ जाव तेत्थु वण-कीलऍ $ एक्क कुमारि आय णीय-लीलऍ
{प॰च॰४२,३.५} पासु पढुक्किय करिणि व करिणहेॅ $ पुणु णिल्लज्ज भणइ "मइँ परिणहेॅ"
{प॰च॰४२,३.६} वल-णारायणेहिॅ उवलक्खिय $ पुणु थोवन्तरेॅ जाय विलक्खिय
{प॰च॰४२,३.७} गय खर-दूसणाह्ũ कूवारेॅहिॅ $ भिडिय ते वि सह्ũ समरेॅ कुमारेॅहिॅ
घत्ता॒
{प॰च॰४२,३.८} किं मुक्कु ण मुक्कु $ सीह-णाउ रणेॅ लक्खणेॅण
तं सद्दु सुणेवि $ रामु पधाइउ तक्खणेॅण
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ४॒
{प॰च॰४२,४.१} गउ लक्खणहेॅ गवेसउ जावेॅहिॅ $ हũ अवहरिय णिसिन्दें तावेॅहिॅ
{प॰च॰४२,४.२} अज्जु वि जण-मण-णयणाणन्दहेॅ $ पासु णेहु मइँ राहवचन्दहेॅ"
{प॰च॰४२,४.३} लइउ णाउं जं दसरह-जणयह्ũ $ हरि-हलहर-भामण्डल-तणयह्ũ
{प॰च॰४२,४.४} चित्तु विहीसण-रायहेॅ डोल्लिउ $ "तुम्हेॅहिॅ सुयउ सुयउ जं वोल्लिउ
{प॰च॰४२,४.५} ते हũ आउ आसि विणिवाऍवि $ णवर जियन्ति भन्ति उप्पाऍवि
{प॰च॰४२,४.६} ढुक्कु पमाणहेॅ मुणिवर-भासिउ $ जिह "खउ लक्खण-रामहेॅ पासिउ"
{प॰च॰४२,४.७} एव वि करहि महारउ वुत्तउ $ उत्तिम-पुरिसह्ũ एउ ण जुत्तउ
{प॰च॰४२,४.८} एक्कु विणासु अण्णु लज्जिज्जइ $ धिद्धिक्कारु लोऍ पाविज्जइ
घत्ता॒
{प॰च॰४२,४.९} णिय-कित्तिहेॅ राय $ सायर-रसण-खलन्तियहेॅ
मं भञ्जहि पाय $ तिहुयणेॅ परिसक्कन्तियहेॅ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ५॒
{प॰च॰४२,५.१} रावणा जे रमन्ति परदारइँ $ दुक्खइँ ते पावन्ति अपारइँ
{प॰च॰४२,५.२} जहिॅ ते सत्त णरय भय-भीसण $ हसहसहसहसन्त स-हुवासण
{प॰च॰४२,५.३} हुहुहुहुहुहुहुहन्त स-उपद्दव $ सिमिसिमिसिमिसिमन्त-किमि-कद्दम
{प॰च॰४२,५.४} रयणि-सकर-वालुय-पङ्क-प्पह $ धूमप्पह-तमपह-तमतमपह
{प॰च॰४२,५.५} तहिॅ असरालु कालु अच्छेवउ $ पहिलऍ उवहि-पमाणु जिवेवउ
{प॰च॰४२,५.६} तिण्णि सत्त वीसद्ध रउद्दइँ $ सत्तारह वावीस समुद्दइँ
{प॰च॰४२,५.७} पुणु तेतीस-जलहि-परिमाणइँ $ जहिॅ दुक्खइँ गिरि-मेरु-समाणइँ
{प॰च॰४२,५.८} जो पुणु णरउ णिगोउ सुणिज्जइ $ मेइणि जाव ताव तहिॅ छिज्जइ
{प॰च॰४२,५.९} तें कज्जें पर-दारु ण रम्मइ $ तं किज्जइ जं सुगइहिॅ गम्मइ"
घत्ता॒
{प॰च॰४२,५.१०} आरुट्ठु दसासु $ "किं पर-दारहेॅ एह किय
तिह्ũ कण्डह्ũ मज्झेॅ $ अक्खु पराइय कवण तिय"
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ६॒
{प॰च॰४२,६.१} तो अवहेरि करेवि विहीसणेॅ $ चडिउ महग्गऍ तिजगविहूषणेॅ
{प॰च॰४२,६.२} सीय वि पुप्फ-विमाणेॅ चडाविय $ पट्टणेॅ हट्ट-सोह दरिसाविय
{प॰च॰४२,६.३} संचल्लउ णिय-मण-परिओसें $ झल्लरि-पडह-तूर-णिग्घोसें
{प॰च॰४२,६.४} "सुन्दरि पेक्खु महारउ पट्टणु $ वरुण-कुवेर-वीर-दलवट्टणु
{प॰च॰४२,६.५} सुन्दरि पेक्खु पेक्खु चउ-वारइँ $ णं कामिणि-वयणइँ स-वियारइँ
{प॰च॰४२,६.६} सुन्दरि पेक्खु पेक्खु धय-छत्तइँ $ पप्फुलियइँ णाइँ सयवत्तइँ
{प॰च॰४२,६.७} सुन्दरि पेक्खु महारउ राउलु $ हीर-गहणु मणि-खम्भ-रमाउलु
{प॰च॰४२,६.८} सुन्दरि करहि महारउ वुत्तउ $ लइ चूडउ कण्ठउ कडिसुत्तउ
{प॰च॰४२,६.९} सुन्दरि करि पसाउ लइ चेलिउ $ चीणउ लाडु घोडु हरिकेलिउ
घत्ता॒
{प॰च॰४२,६.१०} महु जीविउ देहि $ वोल्लहि वयणु सुहावणउ
चडु गयवर-खन्धेॅ $ लइ महएवि-पसाहणउ"
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ७॒
{प॰च॰४२,७.१} सम्पइ दक्खवन्तु इय सेज्जऍ $ दोच्छिउ रावणु राहव-भज्जऍ
{प॰च॰४२,७.२} "केत्तिउ णियय-रिद्धि महु दावहि $ अप्पउ जणहेॅ मज्झेॅ दरिसावहि
{प॰च॰४२,७.३} एउ जं रावण रज्जु तुहारउ $ तं महु तिण-समाणु हलुआरउ
{प॰च॰४२,७.४} एउ जं पट्टणु सोमु सुदंसणु $ तं महु मणहेॅ णाइँ जमसासणु
{प॰च॰४२,७.५} एउ जं राउलु णयण-सुहङ्करु $ तं महु णाइँ मसाणु भयङ्करु
{प॰च॰४२,७.६} एउ जं दावहि खणेॅ खणेॅ जोव्वणु $ तं महु मणहेॅ णाइँ विस-भोयणु
{प॰च॰४२,७.७} एउ जं कण्ठउ कडउ स-मेहलु $ सील-विहूणहँ तं मलु केवलु
{प॰च॰४२,७.८} रहवर-तुरय-गइन्द-सयाइ मि $ आयहिॅ महु पुणु गण्णु ण काइ मि
घत्ता॒
{प॰च॰४२,७.९} सग्गेण वि काइँ $ जहिॅ चारित्तहेॅ कण्डणउ
किं समलहणेण $ महु पुणु सीलु जेॅ मण्डणउ"
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ८॒
{प॰च॰४२,८.१} जिह जिह चिन्तिय आस ण पूरइ $ तिह तिह रावणु हियऍ विसूरइ
{प॰च॰४२,८.२} "विहि तेत्तडउ देइ जं विहियउ $ किं वढ जाइ णिलाडऍ लिहियउ
{प॰च॰४२,८.३} हũ कम्मेण केण संखोहिउ $ जाणन्तो वि तो वि जं मोहिउ
{प॰च॰४२,८.४} धिधि अहिलसिय कुणारि विलीणी $ वुण्ण-कुरङ्गि जेम मुह-दीणी
{प॰च॰४२,८.५} आयहेॅ पासिउ जाउ सु-वेसउ $ महु घरेॅ अत्थि अणेयउ वेसउ"
{प॰च॰४२,८.६} एव विचित्तु चित्तु साहारेॅवि $ दुक्खु दुक्खु मण-पसरु णिवारेॅवि
{प॰च॰४२,८.७} सीयऍ समउ खेड्डु आमेल्लेॅवि $ तं गिव्वाणरमणु वणु मेल्लेॅवि
{प॰च॰४२,८.८} णरवर-विन्देॅहिॅ परिमिउ दहमुहु $ संचल्लिउ णिय-णयरिहेॅ अहिमुहु
घत्ता॒
{प॰च॰४२,८.९} गिरि दिट्ठु तिकूडु $ जण-मण-णयण-सुहावणउ
रवि-डिम्भहेॅ दिण्णु $ णं महि-कुलवहुअऍ थणउ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ९॒
{प॰च॰४२,९.१} णं धरु धरहेॅ गब्भु णीसरियउ $ सत्तहिॅ उववणेहिॅ परियरियउ
{प॰च॰४२,९.२} पहिलउ वणु णामेण पइण्णउ $ सज्जण-हियउ जेम वित्थिण्णउ
{प॰च॰४२,९.३} वीयउ जण-मण-णयणाणन्दणु $ णावइ जिणवर-विम्वु स-चन्दणु
{प॰च॰४२,९.४} तइयउ वणु सुहसेउ सुहावउ $ जिणवर-सासणु णाइँ स-सावउ
{प॰च॰४२,९.५} चउत्थउ वणु णामेण समुच्चउ $ वग-वलाय-कारण्ड-सकोञ्चउ
{प॰च॰४२,९.६} चारण-वणु पञ्चमउ रवण्णउ $ चम्पय-तिलय-वउल-संछण्णउ
{प॰च॰४२,९.७} छट्ठउ वणु णामेण णिवोहउ $ महुअर-रुणुरुण्टन्तु सुसोहउ
{प॰च॰४२,९.८} सत्तमु वणु सीयलु सच्छायउ $ पमउज्जाणु णाम-विक्खायउ
घत्ता॒
{प॰च॰४२,९.९} तहिॅ गिरिवर-पट्ठेॅ $ सोहइ लङ्काणयरि किह
थिय गयवर-खन्धेॅ $ गहिय-पसाहण वहुअ जिह
कण्ड २, संधि ४२, कडवक १०॒
{प॰च॰४२,१०.१} ताव
तेत्थु णिज्झाइय वावि असोय-मालिणी
हेमवण्ण स-पयोहर मणहर णाइँ कामिणी
{प॰च॰४२,१०.२} चउ-दुवार-चउ-गोउर-चउ-तोरण-रवण्णिया
चम्पय-तिलय-वउल-णारङ्ग-लवङ्ग-छण्णिया
{प॰च॰४२,१०.३} तहिॅ पएसेॅ वइदेहि ठवेप्पिणु गउ दसाणणो
झिज्जमाणु विरहेण विसंथुलु विमणु दुम्मणो
{प॰च॰४२,१०.४} मयण-वाणा-जज्जरियउ जरिउ दुवार-वारओ
दूइआउ आवन्ति जन्ति सयवार-वारओ
{प॰च॰४२,१०.५} वयणएहिॅ खर-महुरेॅहिॅ मुहु सूसइ विसूरए
छोहेॅ छोहेॅ णिवडन्तऍ जूआरो व्व जूरए
{प॰च॰४२,१०.६} सिरु धुणेइ कर मोडइ अङ्गु वलेइ कम्पए
अहरु लेवि णिज्झायइ कामसरेण जम्पए
{प॰च॰४२,१०.७} गाइ वाइ उव्वेल्लेइ हरिस-विसाय दावऍ
वारवार मुच्छिज्जइ मरणावत्थ पावए
{प॰च॰४२,१०.८} चन्दणेण सिञ्चिज्जइ चन्दण-लेउ दिज्जए
चामरेहिॅ विज्जिज्जइ तो वि मणेण झिज्जए
घत्ता॒
{प॰च॰४२,१०.९} किं रावणु एक्कु $ जो जो गरुअइँ गज्जियउ
जिण-धवलु मुएवि $ कामें को ण परज्जियउ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक ११॒
{प॰च॰४२,११.१} थिऍ दसाणणे विरह-भिम्भलेॅ $ जाय चिन्त वर-मन्ति-मण्डलेॅ
{प॰च॰४२,११.२} "एत्थु मल्लु को कुइऍ लक्खणे $ सिद्धु जासु असि-रयणु तक्खणे
{प॰च॰४२,११.३} णिहउ सम्वु जें दूषणो खरो $ होइ कु-इ ण सावण्णु सो णरो"
{प॰च॰४२,११.४} भणइ मन्ति सहसमइ-णामेॅणं $ "कवणु गहणु एक्केण रामेॅणं
{प॰च॰४२,११.५} लक्खणेण सह साहणेण वा $ रह-तुरङ्ग-गयवाहणेण वा
{प॰च॰४२,११.६} दुत्तरे दुसञ्चार-सायरे $ कहिॅ पएसु विच्ची-भयङ्करे
{प॰च॰४२,११.७} रावणस्स पवलं वलं महा $ अत्थि वीर एक्केक्क दूसहा
{प॰च॰४२,११.८} किं मुएण दूसणेॅण सम्वुणा $ सायरो किम् ओहट्टु विन्दुणा"
घत्ता॒
{प॰च॰४२,११.९} तं वयणु सुणेवि $ विहसेॅवि पञ्चामुहु भणइ
"किं वुच्चइ एक्कु $ जो एक्कु जेॅ सहसइँ हणइ
कण्ड २, संधि ४२, कडवक १२॒
{प॰च॰४२,१२.१} अण्णुऍ णिसुअ वत्त मइँ एहिय $ रावण-मन्दिरेॅ णीसन्देहिय
{प॰च॰४२,१२.२} जे जे णरवइ के-इ कइद्धय $ जम्वव-णल-सुग्गीवङ्गङ्गय
{प॰च॰४२,१२.३} समउ विराहिएण वण-सेवह्ũ $ मिलिया वासुएव-वलएवह्ũ
{प॰च॰४२,१२.४} तं णिसुणेवि दसाणण-भिच्चें $ वुच्चइ पञ्चामुहु मारिच्चें
{प॰च॰४२,१२.५} "एह अजुत्त वत्त पइँ अक्खिय $ रावणु मुऍवि ण अण्णहेॅ पक्खिय
{प॰च॰४२,१२.६} का वि अणङ्गकुसुम वलवन्तहेॅ $ दिण्णि खरेण धीय हणुवन्तहेॅ
{प॰च॰४२,१२.७} तं किं माम-वइरु वीसरियउ $ जें पडिवक्ख मिलइ भय-डरियउ"
{प॰च॰४२,१२.८} तो एत्थन्तरे भणइ विहीसणु $ "केत्तिउ चवहु वयणु सुण्णासणु
{प॰च॰४२,१२.९} एवहिॅ सो उवाउ चिन्तिज्जइ $ लङ्का-णाहु जेण रक्खिज्जइ"
{प॰च॰४२,१२.१०} एम भणेवि चउद्दिसु ताडिय $ पुरेॅ आसालिय विज्ज भमाडिय
घत्ता॒
{प॰च॰४२,१२.११} तियसहु मि दुलङ्घु $ दिढु माया-पायारु किउ
णीसङ्कु णिसिन्दु $ रज्जु स यं भु ञ्जन्तु थिउ
अउज्झा-कण्डं समत्तं
आइच्चुएवि-पडिमोवमाऍ $ आइच्चम्विमाए
वीअम् अउज्झा-कण्डं $ सयम्भू-घरिणीऍ लेहवियं