विनय पिटक:-संघ संबंधी नियम और दैनिक जीवन संबंधी आचार विचारों विधि निषेध का संग्रह
सुत्त पिटक:-नैतिक एवं सिद्धांत संबंधित प्रवचन, बौद्ध धर्म के सिद्धांत एवं उपदेश संग्रह।
अभिधम्म पिटक:-दार्शनिक सिद्धांतों का संग्रह, प्रश्नोत्तर के रूप में,इसके अंतर्गत साथ ग्रंथ आते हैं:-धम्मसंगणि,विभंग,धातु कथा युगल पंक्ति कथावस्तु यमक और पठान
सर्वप्रथम स्तूप शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है।
अनित्य वाद का तार्किक विकास है।
महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर पद्मपाणि
बोधिसत्त्व पद्मापानी:-अजंता में चित्रित चित्रकारी।
हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह स्थित है:- कार्ले।
मुंबई स्थित कण्हेरी गुफा 11 सिरों वाक्य बोधिसत्व का अंकन।
प्रथम शताब्दी ईस्वी में नागार्जुन को चीन भेजा गया।कनिष्क के दरबार से। नागार्जुन शून्यवाद के मत का प्रवर्तक थे।
तप और भोग की अति का परिहार एवं मध्यम मार्ग का अनुसरण केवल बौद्ध धर्म किया गया था जैन धर्म में नहीं।
जबकि वेद प्रमाण के प्रति अनास्था
कर्मकांडओं की फलवता का निषेध
तथा प्राणियों की हिंसा का निषेध दोनों धर्म में है।