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भारत का भूगोल/जनजातियाँ एवं भाषाएँ

विकिपुस्तक से
  • भारतीय संविधान अनुसूचित जनजाति को परिभाषित नहीं करता।संविधान के अनुच्छेद 366(25) के अनुसार अनुसूचित जनजाति उन समुदायों को कहा गया है जो संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित हैं।
  • सांस्कृतिक विशेषीकरण और विभिन्न आवास उनके निर्धारण का आधार।
  • जनजातीय क्षेत्रों के अनुसार देश को 7 हिस्सों में बांटा गया है उत्तरी पूर्वोत्तर पूर्वी मध्य पश्चिमी दक्षिणी और द्वीपीय क्षेत्र।
  • भारत में कुल जनसंख्या का 8.6% जनजातियां पाई जाती हैं।
  • इसकी सर्वाधिक जनसंख्या मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र,उड़ीसा में पाई जाती है।वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब,हरियाणा,चंडीगढ़,दिल्ली तथा पुडुचेरी में जनजातीय समुदाय नहीं पाए जाते हैं।
  • भारत का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है।
  1. भील(17071049)>गोंड>संथाल>नैकदा
  • भारत की प्रमुख जनजातियां
  • बोंडा जनजाति का अधिवास ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश राज्यों के संधि-स्थल के पास दक्षिण-पश्चिम ओडिशा के मलकानगिरि ज़िले के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में है।[]इनके यहाँ‘डांगर चास’ नामक स्थानांतरी कृषि का एक अद्वितीय रूप प्रचलन में है, जो जलवायु या वनों को हानि पहुँचाए बिना दुनिया भर में इन देशज समुदायों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।

ये देश के 75 वर्गीकृत विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) में से एक हैं। बिरहोर, बोंडो, दिदाई, डोंगरिया-कोंध, जुआंग आदि ओडिशा के अन्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह हैं। थारू:- उत्तराखंड के नैनीताल जिले से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के तराई क्षेत्र तक निवास करनेवाली, ये दीपावली को शोक पर्व के रूप में मनाते हैं। इनमें संयुक्त परिवार की प्रथा है।किरात वंशी तथा उत्तराखंड की सबसे बड़ी जनजाति है। भोटिया:- उत्तराखंड की पहाड़ियों एवं उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में निवास करने वाली ये मंगोल प्रजाति के होते हैं।ऋतु प्रवास करती है। भुटिया-सिक्किम,पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा में पाई जाती है। यह भी ऋतु प्रवास करती हैं।

  • जौनसारी:- उत्तराखंड में स्थाई निवास करने वाली कृषक जनजाति इनमें बहुपति विवाह प्रथा प्रचलित।
  • बुक्सा उत्तराखंड के नैनीताल पौड़ी एवं गढ़वाल जिलों में मुख्य रूप से तथा उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में पाई जाती है।राजपूत वंशी & अनुलोम प्रतिलोम विवाह प्रचलित।
  • राजी उत्तराखंड की इन जनजातियों का स्थानीय नाम बनरौत।धर्म हिंदू,कृषि की झूमिंग प्रथा प्रचलित।
  • खरवार उत्तर प्रदेश के देवरिया बलिया गाजीपुर वाराणसी एवं सोनभद्र जिलों में निवास करने वाली।यह स्वभाव से अत्यंत क्रोधी एवं शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं यह उत्तर प्रदेश की दूसरी बड़ी जनजाति है।
  • गद्दी पश्चिमी हिमालय की धौलाधार श्रेणी जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तथा चंबा जिलों में निवास करती है।स्वयं को गढ़वाल(राजस्थान) शासकों के वंशज मानते हैं।धौलाधार श्रेणी की मुख्य जनजातियों में गद्दी,लद्दाखी,गुज्जर,बकरवाल,लाहोली,बारी प्रमुख हैं।
  • गोंड यह गोंडवाना के मूल निवासी हैं।बिहार पश्चिम बंगाल झारखंड महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश उड़ीसा कर्नाटक आंध्र प्रदेश(तेलंगाना सहित) गुजरात में पाई जाती है।आखेट तथा मछली पर निर्भर रहने वाली ये जनजातियां स्थानांतरित कृषि भी करते हैं। यह कम वस्त्र पहनते हैं परंतु स्त्रियों को आभूषण पहनने का बड़ा शौक है।पशु बलि इनकी महत्वपूर्ण प्रथा है उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है।
  • भील:-इस शब्द की उत्पत्ति तमिल भाषा के बिल्लुवर शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है धनुषकारी।यह प्रोटो ऑस्ट्रेलॉयड् प्रजाति के हैं। गुजरात मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र कर्नाटक त्रिपुरा आंध्र प्रदेश तेलंगाना सहित राजस्थान प्रांतों में निवास करने वाले घूमर नृत्य प्रमुख।
  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Bonda_people