भोजपुरी भाषा/प्रिंट वर्शन
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परिचय
भोजपुरी भाषा मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बिहार तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में, और नेपाल के तराई वाले कुछ हिस्सों में बोली जाती है। इसे जानने वाले पूरे विश्व में 5 करोड़ से अधिक लोग हैं। वर्ष 2011 में भारत में हुए जनगणना के अनुसार इस भाषा के बोलने वाले यहाँ लगभग 3.3 करोड़ लोग हैं। भाषा वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार यह हिन्द-आर्य परिवार के पूर्वी हिन्दी समूह की एक भाषा है, मैथिली और मगही इत्यादि के साथ मिलकर बिहारी नामक उपसमूह के अंतर्गत रखी जाती है। ऐतिहासिक विकासक्रम में यह मागधी प्राकृत से उत्पन्न भाषा है। भारत में इसे आधिकारिक रूप से भाषा का दर्जा नहीं प्राप्त है, बिहारी भाषाओं में से मात्र मैथिली ही भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है।
इतिहास
भोजपुरी भाषा का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है। मध्य काल में भोजपुर नामक एक स्थान में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी राजाओं ने एक गाँव बसाया था। इसे उन्होंने राजधानी बनाया और इसके राजा भोज के कारण इस स्थान का नाम भोजपुर पड़ गया। इसी नाम के कारण यहाँ बोले जाने वाली भाषा का नाम भी भोजपुरी पड़ गया।
इसे पहले ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न कैथी नामक एक ऐतिहासिक लिपि में लिखा जाता था। इसे "कयथी" या "कायस्थी", के नाम से भी जाना जाता है। यह देवनागरी लिपि से मिलती जुलती लिपि है। सोलहवीं सदी में इसका बहुत अधिक उपयोग किया जाता था। मुग़लों के शासन काल के दौरान भी इसका काफी उपयोग किया जाता था। अंग्रेजों ने इस लिपि का आधिकारिक रूप से बिहार के न्यायालयों में उपयोग किया। अंग्रेजों के समय से इसका उपयोग धीरे धीरे कम होने लगा था। बाद में इस लिपि के स्थान में देवनागरी लिपि का उपयोग होने लगा।
कैथी लिपि को वर्ष 2009 में मानक 5.2 में शामिल किया गया। कैथी का यूनिकोड में स्थान U+11080 से U+110CF है। इस सीमा में कुछ खाली स्थान भी है जिनके कोड बिन्दु निर्धारित नहीं किए गए हैं। वर्तमान में कई लोग इस लिपि को पढ़ नहीं पाते हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब किसी पुराने अभिलेख को पढ़ना पड़ता है, क्योंकि अभी भी कई सारे पुराने भू-अभिलेख कैथी लिपि में लिखे गए हैं और किसी भी प्रकार के कानूनी कार्यों में इसे पढ़ने की आवश्यकता पड़ जाती है। लेकिन इस लिपि को अधिक लोग नहीं जानते इसलिए इन कार्यों में बाधा उत्पन्न हो जाती है। भाषा के जानकारों के अनुसार यही स्थिति सभी जगह है। ऐसे में इस लिपि के संरक्षण की बहुत जरूरत है।
शब्द
भोजपुरी भाषा के शब्दों का स्रोत मुख्य रूप से संस्कृत है। इसके अलावा इसमें उर्दू से भी कई शब्द आ गए हैं।
शब्द[सम्पादन]
इन शब्दों के अर्थ लिखने और नए शब्दों को जोड़ने में आप भी मदद कर सकते हैं।
- है = बा
- था = रहिल
- होगा = होखी
सर्वनाम[सम्पादन]
- वह = उ
- यह = इ
- उसका = उनकर
- इसका = इनकरआर
- इसे = इनके
- उसे = उनके
- काला=कारिया
प्रश्न[सम्पादन]
- कोई = केहू
- कौन = के
- कैसा = कईसन
- कैसे = कइसे
- क्या = का
- क्यों = काहें
- किसे = केकरा
- कब =
- कहाँ = कहवां
- कितने = केतना
अन्य[सम्पादन]
- गया = गइल
- शुरुआत = सुरुआत
- विशेष = बिसेस
- शपथ = सपथ
- सब = सभ
- पेड़ = फेड़
- उम्र = उमिर
- प्रधान = परधान
- पश्चिमी = पच्छिमी
- वर्गीकरण = बर्गीकरण
- विज्ञान = बिज्ञान
- पूरब = पूरुब
वाक्य
भोजपुरी भाषा में उपयोग होने वाले वाक्य यहाँ दिये गए हैं। जो किसी से सामान्य बातचीत के दौरान आप उपयोग कर सकते हैं। इसके द्वारा आप किसी भोजपुरी बोलने वाले व्यक्ति से उसी के भाषा में बात कर सकते हैं। यह हिन्दी से लगभग समान ही है। इस कारण कुछ शब्दों आदि में ही अंतर है। इसके कारण आप इसे आसानी से समझ सकते हैं।
वाक्य[सम्पादन]
- स्वतंत्रता दिवस एगो बहुत महत्वपूर्ण दिवस हवे।
- स्वतंत्रता दिवस एक बहुत महत्वपूर्ण दिवस है।
- आम भारत के राष्ट्रीय फल हवे।
- आम भारत का राष्ट्रीय फल है।