व्याकरण भास्कर/लिपि
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प्रत्येक भाषा की एक अपनी लिपि होती है। भाषा की विभिन्नता के कारण अक्षरों के लेख संकेत भी भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। भाषाओं को लिखने के लिए ऐसे चिन्हों की जरूरत होती है, जो उनकी ध्वनियों का स्थान ले सके, इन्हीं चिन्ह या चित्रात्मक प्रतीकों को लिपि कहा जाता है। लिपि लेखनी द्वारा हाथ से लिखी जाती है और यंत्र के द्वारा छापी भी जाती है।
लिपि एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचार भावना और विश्वासों को सुरक्षित रखता है। लिपि का सर्वे प्रमुख कार्य भावों और विचारों को अंकित करना है हिंदी भाषा का लेखन देवनागरी लिपि में किया जाता है और इसके अपने लिपि चिन्ह है।