समसामयिकी जून 2019/संस्कृति

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रॉक पेंटिंग्स (शैल चित्रकला)[सम्पादन]

  • नीलगिरि के जंगलों में किल कोटागिरी(Kil Kotagir)के करिकियूर में 40 प्रतिशत रॉक पेंटिंग्स (शैल चित्रकला) मानवीय हस्तक्षेप के कारण नष्ट हो रही है।
  • इरुला आदिवासी समुदायजो नीलगिरी वन के रॉक आर्ट साइट के उत्तराधिकारी हैं,अवैध ट्रेकर्स द्वारा इन चित्रकलाओं को पहुँच रही क्षति के कारण बेहद नाराज़ है।
  • इन पर पाई जाने वाली लिपियों के चित्र उत्तरी भारत के सिंधु सभ्यता स्थलों में पाई गई लिपि से मिलते जुलते हैं।
  • इरुला आदिवासी/जनजाति:-तमिलनाडु के उत्तरी ज़िलों तिरुवलुर जनपद (बड़ी संख्या में),चेंगलपट्टू,कांचीपुरम,तिरुवान्नामलाई आदि तथा केरल के वायनाड, इद्दुक्की, पलक्कड़ आदि ज़िलों में बड़ी संख्या में निवास करती हैं।
  • इस जनजाति समूह की उत्पत्ति दक्षिण पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया के जातीय समूहों से हुई है।
  • ये इरुला भाषा बोलते हैं जो कन्नड़ और तमिल की तरह द्रविड़ भाषा से संबंधित है।कमज़ोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups- PVTGs) में से एक हैं।