सामग्री पर जाएँ

समसामयिकी नवंबर 2019/सुरक्षा

विकिपुस्तक से

उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित

[सम्पादन]

सुनियोजित और कुशल औद्योगिक आधार की सुविधा प्रदान करेंगे जिससे देश में रक्षा क्षेत्र में उत्पादन बढ़ेगा। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2012-2018 के बीच भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक (13% के साथ) बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में 6 शहर शामिल हैं: लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट और झांसी। तमिलनाडु डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 5 शहर शामिल हैं: चेन्नई, होसुर, सलेम, कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली। फरवरी, 2018 के बजट भाषण घोषित।

रक्षा अधिग्रहण परिषद(DAC),2001में स्थापित

[सम्पादन]

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं के लिये 22,800 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के पूंजीगत सामान की खरीद को मंज़ूरी दी है। प्रमुख तथ्य

  • ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिये DAC ने असॉल्ट राइफलों हेतु ‘थर्मल इमेजिंग नाइट साइट्स’ के स्वदेशी डिज़ाइन, विकास एवं विनिर्माण के लिये मंज़ूरी दी।
  • ‘थर्मल इमेजिंग नाइट साइट्स’
  • इसका विनिर्माण भारत के निजी उद्योग द्वारा किया जाएगा और इनका उपयोग अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों द्वारा किया जाएगा।
  • इससे सैनिकों को अंधेरे के साथ-साथ हर तरह के मौसम में लम्बी दूरी से सटीक निशाना लगाने में मदद मिलेगी,जिससे रात्रि में भी बड़ी तत्परता के साथ जंग करने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी।

‘एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल’Airborne Warning and Control System (AWACS)

  • सफल स्वदेशी ‘एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल’ कार्यक्रम के बाद DAC ने अतिरिक्त एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) इंडिया एयरक्राफ्ट की खरीद के लिये आवश्यकता की स्वीकार्यता को दोबारा सत्यापित किया।
  • इन विमानों के लिये रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा मिशन प्रणालियों और उप-प्रणालियों की स्वदेश में ही डिज़ाइनिंग की जाएगी और फिर इनका विकास किया जाएगा तथा बाद में मुख्य प्लेटफॉर्म पर इन्हें एकीकृत किया जाएगा।
  • इससे भारतीय वायु सेना की हवाई रक्षा तथा आक्रामक क्षमता दोनों को ही काफी हद तक बढ़ाने में मदद मिलेगी।

‘पनडुब्बी-रोधी युद्ध पी8 I’नौसेना के लिये,मध्यम दूरी वाले ‘पनडुब्बी-रोधी युद्ध पी8I’ विमान की खरीद को भी मंज़ूरी दे दी है। समुद्री तटों की निगरानी,पनडुब्बी-रोधी युद्ध और एंटी-सरफेस वेसल (ASV) से हमले करने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। ‘ट्विन इंजन हैवी हेलिकॉप्टर’(TEHH)भारतीय तटरक्षक के लिये। समुद्री आतंकवाद की रोकथाम के साथ-साथ तलाशी एवं बचाव अभियान चलाने के मिशन शुरू करने में मदद मिलेगी।

एंटी-टैंक मिसाइल ‘स्पाइक’LR'लांग-रेंज)

[सम्पादन]
  • भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश में इंदौर ज़िले के समीप महू के इंफैंट्री स्कूल में इसका सफल परीक्षण किया।
  • यह चार किलोमीटर की दूरी तक शत्रु के टैंक पर अचूक निशाना साध सकती है।
  • स्पाइक LR चौथी पीढ़ी की मिसाइल है,जिसे हाल ही में सेना में शामिल किया गया है।स्पाइक LR 'दागो और भूल जाओ' की क्षमता के साथ ही 'दागो, देखो और फिर निशाना साधो' (फायर, ऑब्जर्व एंड अपडेट) तकनीक से भी लैस है।
  • यह हवा में ही लक्ष्य बदलने की क्षमता भी रखती है। इसे ऊँचे या कम ऊँचाई वाले ट्रैक से दागा जा सकता है।
  • भारतीय सेना ने इसका DRDO के ज़रिये देश में निर्माण का फैसला किया है। फिलहाल तात्कालिक जरूरतें पूरी करने के लिये सीमित मात्रा में इन्हें इज़राइल से हासिल किया गया हैं। भारत ने 240 स्पाइक मिसाइलों के लिये इज़राइल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इनको उत्तरी युद्ध क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया है और इस समय इनका इस्तेमाल किया जा रहा है।