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समसामयिकी 2020/गरीबी और भूख से संबंधित विषय

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गरीबी

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  • केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय’ द्वारा छोटे दुकानदारों और फेरीवालों को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (The Pradhan Mantri Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi- PM SVANidhi) या पीएम स्वनिधि नामक योजना की शुरुआत की गई है।

इस योजना के तहत छोटे दुकानदार 10,000 रुपए तक के ऋण के लिये आवेदन कर सकेंगे। ऋण प्राप्त करने के लिये आवेदकों को किसी प्रकार की ज़मानत या कोलैट्रल (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी। इस योजना के तहत प्राप्त हुई पूंजी को चुकाने के लिये एक वर्ष का समय दिया जाएगा, विक्रेता इस अवधि के दौरान मासिक किश्तों के माध्यम से ऋण का भुगतान कर सकेंगे। साथ ही इस योजना के तहत यदि लाभार्थी लिये गए ऋण पर भुगतान समय से या निर्धारित तिथि से पहले ही करते हैं तो उन्हें 7% (वार्षिक) की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण’ (DBT) के माध्यम से 6 माह के अंतराल पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी। निर्धारित तिथि से पहले ऋण के पूर्ण भुगतान पर कोई ज़ुर्माना नहीं लागू होगा। ऋण जारी करने की प्रक्रिया जुलाई माह से शुरू की जाएगी। इस योजना के लिये सरकार द्वारा 5,000 करोड़ रुपए की राशि मंज़ूर की गई है, यह योजना मार्च 2022 तक लागू रहेगी। यह पहली बार है जब सूक्ष्म-वित्त संस्थानों (Micro finance Institutions- MFI)/ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Financial Company- NBFC)/स्वयं सहायता समूह (Self Help Group-SHG), बैंकों को शहरी क्षेत्र की गरीब आबादी से जुड़ी किसी योजना में शामिल किया गया है। इन संस्थानों को ज़मीनी स्तर पर उनकी उपस्थिति और छोटे व्यापारियों व शहरों की गरीब आबादी के साथ निकटता के कारण इस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना के प्रभावी वितरण और इसके क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिये वेब पोर्टल और मोबाइल एप युक्त एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास किया जा रहा है। यह प्लेटफॉर्म क्रेडिट प्रबंधन के लिये वेब पोर्टल और मोबाइल एप को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के ‘उद्यम मित्र’ पोर्टल से तथा ब्याज सब्सिडी के स्वचालित प्रबंधन हेतु MoHUA के ‘पैसा पोर्टल’ (PAiSA Portal) से जोड़ेगा।

  • COVID -19 महामारी के चलते प्रवासी मज़दूरों के समक्ष उत्पन्न रोज़गार की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून, 2020 को ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ (Garib Kalyan Rojgar Abhiyan- GKRA) की शुरुआत की जाएगी । इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया ज़िले के ग्राम तेलिहार से की जाएगी। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। यह 125 दिनों का अभियान होगा, जिसे मिशन मोड रूप में संचालित किया जाएगा।

इस अभियान में छ: राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड तथा ओडिशा को शामिल किया गया है। छ: ज़िलों के 25,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों के साथ कुल 116 ज़िलों को इस अभियान के लिये चुना गया है, जिसमें 27 आकांक्षी ज़िले (aspirational districts) भी शामिल हैं। इस कार्यक्रम में शामिल छ: राज्यों के 116 ज़िलों के गाँव कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres) तथा ‘कृषि विज्ञान केंद्रों’ (Krishi Vigyan Kendras) के माध्यम से शामिल होंगे, जो कोरोना के कारण लागू शारीरिक दूरी के मानदंडों को भी ध्यान में रखेंगे । इस अभियान में 12 विभिन्न मंत्रालयों को समनवित किया जाएगा, जिसमें पंचायती राज, ग्रामीण विकास, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सीमा सड़कें, दूरसंचार तथा कृषि मंत्रालय शामिल हैं।

  • ऑक्सफैम (Oxfam) द्वारा वैश्विक गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने हेतु ‘टाइम टू केयर’ (Time to Care) नामक रिपोर्ट का प्रकाशन किया गया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक असमानता का कारण अत्यधिक गरीबी और अधिकतम धन पर कुछ लोगों का नियंत्रण होना है। वर्ष 2019 में पूरे विश्व के 2,153 अरबपतियों के पास 4.6 बिलियन (वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत) लोगों से अधिक संपत्ति है। दुनिया के 22 सबसे अमीर पुरुषों के पास अफ्रीका की सभी महिलाओं की संपत्ति की तुलना में अधिक संपत्ति है। दुनिया के सबसे अमीर 1% लोगों के पास 6.9 बिलियन लोगों की तुलना में दोगुनी से अधिक संपत्ति है। वर्ष 2011-2017 के बीच जी-7 देशों में औसत मज़दूरी 3% बढ़ी, जबकि अमीर शेयरधारकों के लाभांश में 31% की वृद्धि देखी गई है। अगले 10 वर्षों में सबसे अमीर 1% लोगों की संपत्ति पर अतिरिक्त 0.5% कर लगाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुजुर्ग देखभाल आदि क्षेत्रों में 117 मिलियन लोगों के लिये नौकरियों का सृजन किया जा सकता है।

दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना

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इस योजना के दो घटक हैं—एक शहरी भारत के लिए और दूसरा ग्रामीण भारत के लिए। शहरी घटक का कार्यान्वयन केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय करेगा जबकि ग्रामीण घटक का कार्यान्वय केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाएगा| दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना शहरी योजना,शहरी गरीबों को स्वयं–सहायता समूहों से वित्तीय और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक समूह को 10 हजार रुपए का सहयोग दिया जाएगा जो बदले में बैंक लिंकेज के साथ मदद करेगा।

  1. प्रत्येक शहरी गरीब पर 15000 से 18000 रुपये खर्च कर उन्हें कुशल बनाया जाएगा|
  2. विक्रेताओं के कौशल को बढ़ावा देने के लिए विक्रेता बाजार का विकास
  3. शहर आजीविका केंद्रों के जरिए शहरी नागरिकों द्वारा शहरी गरीबों को बाजारोन्मुख कौशल में प्रशिक्षित करने की बड़ी मांग को पूरा किया जाएगा. प्रत्येक केंद्र को 10 लाख रुपये का पूंजी अनुदान दिया जाएगा|
  4. सूक्ष्म उद्यमों (माइक्रो–इंटरप्राइजेज) और समूह उद्यमों (ग्रुप इंटरप्राइजेज) की स्थापना के जरिए स्व– रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा. इसमें व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए 2 लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी औऱ समूह उद्यमों पर 10 लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी. सब्सिडी वाले ब्याज की दर 7 प्रतिशत होगी|
  5. शहरी बेघरों के लिए स्थायी आवासों का निर्माण और अन्य जरूरी सेवाओं का प्रावधान|
  6. सभी 4041 शहरों और कस्बों को कवर कर पूरे शहरी आबादी को लगभग कवर किया जाएगा. फिलहाल, शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत केवल 790 शहर और कस्बे ही आते हैं|[]

दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना ग्रामीण के तहत प्रदान किए जाने वाले कौशल अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के समतुल्य होंगे और मेक इन इंडिया अभियान के पूरक बनेंगे|

  1. आगामी तीन वर्षों अर्थात 2017 तक 10 लाख ग्रामीण युवाओँ को प्रशिक्षित करना|
  2. योजना में शामिल होने की न्यूनतम आयु 15 वर्ष; अभी तक आजीविका कौशल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी|
  3. विकलांगों के प्रशिक्षण की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा और ग्रामीण युवाओं में कौशल विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों सहित निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा|
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना होगी|

वन नेशन-वन राशन कार्ड

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मणिपुर,नागालैंड,उत्तराखंड राज्यों एवं जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ (One Nation-One Ration Card- ONORC) योजना में शामिल किया गया हैं। इस योजना में अब तक कुल 24 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है। शेष राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मार्च 2021 तक इस योजना के तहत एकीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को वर्ष 2019 में राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी सुविधा के तहत शुरू किया गया था। इस योज़ना के तहत प्रवासी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Migratory National Food Security Act- NFSA), 2013 के लाभार्थी देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान ( Fair Price Shop- FPS) से अपने हिस्से के खाद्यान्न कोटे की खरीद कर सकते हैं। ऐसा योजना के तहत पात्र व्यक्ति द्वारा आधार द्वारा प्रमाणिक अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके किया जा सकता है। इस योजना में लगभग 65 करोड़ लाभार्थी शामिल है, जिनमें से कुल 80% लाभार्थी NFSAके अंतर्गत हैं, जो अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कहीं से भी रियायती दर पर राशन प्राप्त कर सकते हैं।

यह योजना वर्ष 2030 तक भूख को खत्म करने के लिये सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Developmental Goals- SDG)- 2 के तहत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित होगी।

‘प्रधानमंत्री का नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम’ (PM’s New 15 PP)

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केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री (Union Minister of Minority Affairs- UMMA) ने लोकसभा में अतारांकित प्रश्न (जिनका जवाब लिखित मे दिया आता है) के जवाब में बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय, अल्पसंख्यक समुदायों के लिये क्रियान्वित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विभिन्न तरीकों से समय- समय पर मूल्यांकन करता है ताकि विभिन्न योजनाओं के तहत किये जाने वाले परिव्यय का 15% अनिवार्य रूप से अल्पसंख्यकों के लिये आवंटित किया जा सके। प्रधानमंत्री के नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं/पहलों का संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा सतत् मूल्यांकन किया जाता है।प्रमुख योजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:- शैक्षिक सशक्तीकरण:

  1. छात्रवृत्ति योजनाएँ:-प्री- मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट- मैट्रिक छात्रवृत्ति और मेरिट आधारित छात्रवृत्ति।
  2. नया सवेरा:-सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों पाने के लिये कौशल प्रदान करना तथा प्रतिष्ठित संस्थानों के तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिये अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों एवं उम्मीदवारों को नि:शुल्क कोचिंग व अन्य सहायता प्रदान करना।
  3. नई उड़ान:-संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एवं राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को सहायता प्रदान करना।
  4. पढ़ो परदेश:-विदेश मे अध्ययन हेतु ‘ब्याज सब्सिडी’ प्रदान करने के लिये वर्ष 2013-14 में प्रारंभ की गई एक योजना है।
  5. मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना (Maulana Azad National Fellowship Scheme):-अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को M. Phil एवं Ph. D. के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  6. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन निम्नलिखित दो अन्य योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा हैं-

a. बेगम हज़रत महल राष्ट्रीय छात्रवृति योजना:-कक्षा 9 से 12 के लिये। b. गरीब नवाज़ रोज़गार कार्यक्रम आर्थिक सशक्तीकरण: रोज़गारोन्मुखी कौशल विकास कार्यक्रम: a. सीखो और कमाओ योजना:

इस योजना में अल्पसंख्यक युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार आधुनिक और पारंपरिक कौशल प्रदान किया जाता है। b. उस्ताद (USTAAD):-इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यकों की परंपरागत कला के संरक्षण के लिये प्रशिक्षण एवं कौशल में सुधार करना है। c. नई मंज़िल:-मदरसे एवं मुख्य धारा के छात्रों के मध्य शैक्षणिक एवं कौशल अंतराल को कम करने के लिये एक सेतु पाठ्यक्रम (Bridge Course) है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम (National Minorities Development Finance Corporation- NMDFC) ऋण योजनाएँ: यह निगम अल्पसंख्यकों में पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये रियायती दर पर ऋण प्रदान करती हैं। बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण अवसंरचना सहायता (Infrastructure Support): प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (Pradhan Mantri Jan Vikas Karyakram- PMJ VK):

इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल के क्षेत्र में बेहतर सामाजिक-आर्थिक अवसंरचना प्रदान करना है। योजनाओं की निगरानी: विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी विभिन्न तंत्रों एवं बाहरी एजेंसियों द्वारा समय-समय पर की जा रही है ताकि इन योजनाओं की प्रभावशीलता एवं दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कुछ उपाय इस प्रकार हैं: थर्ड पार्टी स्टडी/मॉनिटरिंग ज़िला/राज्य स्तरीय समिति अधिकार प्राप्त समिति अधिकारियों द्वारा फील्ड/क्षेत्र भ्रमण क्षेत्रीय समन्वय बैठक का आयोजन सांस्‍कृतिक एवं सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित किये बगैर देश में विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता, अत: समाज में सामाजिक सौहार्द का माहौल बनाना होगा तभी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

  1. https://www.yojanagyan.in/deendayal-antyodaya-yojana/