समसामयिकी 2020/भारत-अमेरिका

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फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति की हालिया दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊर्जा मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद, हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। भारत और अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के संबंधों को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी बताया।

दोनों ही देशों ने औपनिवेशिक सरकारों के खिलाफ संघर्ष कर स्वतंत्रता प्राप्त की (अमेरिका वर्ष 1776 और भारत वर्ष 1947) तथा स्वतंत्र राष्ट्रों के रूप में दोनों ने शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया परंतु आर्थिक और वैश्विक संबंधों के क्षेत्र में भारत तथा अमेरिका के दृष्टिकोण में असमानता के कारण दोनों देशों के संबंधों में लंबे समय तक कोई प्रगति नहीं हुई।

अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा:-भारत और अमेरिका के संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिये दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौते किये गए है। जिनमें रक्षा, ऊर्जा, तकनीकी के साथ कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दे शामिल हैं।
  • रक्षा क्षेत्र:
  1. दोनों देशों के बीच लगभग 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा खरीद पर सहमति बनी है।
  2. भारत अमेरिका से 24 एम.एच.60 (MH-60) रोमियो हेलिकॉप्टर और 6 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का आयात करेगा।
  3. इसके साथ ही इस समझौते के तहत अमेरिका से उन्नत रक्षा प्रणाली, हथियार युक्त एवं गैर हथियार वाले ड्रोन विमानों का आयात किया जाएगा।
  4. अन्य सुरक्षा मुद्दों में दोनों देशों ने मानव तस्करी, हिंसक अतिवाद, साइबर अपराध (Cybercrime), ड्रग तस्करी जैसे अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से साथ मिलकर निपटने पर सहमति जाहिर की।

दोनों देशों ने ‘बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते’ ( Basic Exchange and Cooperation Agreement- BECA) सहित अन्य रक्षा समझौतों को शीघ्र पूरा करने के लिये तत्परता ज़ाहिर की है।

  • ऊर्जा क्षेत्र में
  1. सहयोग बढ़ाने के लिये भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और अमेरिकी कंपनी एक्सॉन मोबिल एल.एन.जी. लिमिटेड (Exxon Mobil LNG LTD.) के बीच प्राकृतिक गैस के आयात पर सहमति बनी है।
  2. भारत में नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिये यूएस इंटरनेशनल डेवलप्मेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (U.S. International Development Finance Corporation-DFC) भारत में अपनी वित्तीय इकाई की स्थापना के माध्यम से 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा।
  3. इसके साथ ही दोनों देशों ने ‘न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’(Nuclear Power Corporation of India) और ‘वेस्टिंगहॉउस इलेक्ट्रिक कंपनी’(Westinghouse Electric Company) के सहयोग से भारत में 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की योजना को जल्द ही अंतिम रूप देने पर सहमति जाहिर की है।
  4. इसके साथ ही ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी हस्तांतरण पर भी समझौते किये गए हैं।
  • स्वास्थ्य:
  1. मानसिक स्वास्थ के मामलों में सहयोग के लिये भारत के ‘स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग’ तथा अमेरिका के ‘हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज’ (Health and Human Services) विभाग के बीच समझौता-ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
  2. महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के लिये अमेरिका की 'वुमेन्स ग्लोबल डेवलपमेंट एंड प्राॅस्पेरिटी’ (Women’s Global Development and Prosperity ‘W-GDP’) पहल और भारत सरकार के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के माध्यम से सहयोग।
  3. इसके साथ ही नशीले पदार्थों/दवाओं पर नियंत्रण के लिये अमेरिका के ‘काउंटर नारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप’ (Counternarcotics Working Group) के माध्यम से सहयोग।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग पर दोनों देशों ने संतोष व्यक्त किया है। दुनिया के पहले दोहरे-आवृत्ति वाले ‘नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह’ (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar-NISAR) उपग्रह को वर्ष 2022 तक विकसित कर उसे लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, मंगल और अन्य ग्रहों के लिये मिशन, हेलियोफिज़िक्स (Heliophysics), मानव स्पेसफ्लाइट तथा वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग में अग्रिम मदद पर सहमति दी गई। ‘यंग इनोवेटर्स’ इंटर्नशिप के माध्यम से उच्च शिक्षा में सहयोग को बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता, सुरक्षित, प्रभावी और सस्ती दवाओं तक उपभोक्ताओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU) पर हस्ताक्षर करना। भारत और अमेरिका ने एक ऐसे नवीन डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया जो सुरक्षित तथा विश्वसनीय हो।

ब्लू डॉट नेटवर्क (Blue Dot Network) की अवधारणा में दोनों देशों ने रुचि दिखाई है। ब्लू डॉट नेटवर्क एक बहु-हितधारक पहल है जो वैश्विक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये उच्च गुणवत्ता वाले विश्वसनीय मानकों को बढ़ावा देने के लिये सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाएगी।

भारत-अमेरिका के बीच महत्त्वपूर्ण समझौते:

  1. सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (General Security Of Military Information Agreement)-वर्ष 2002
  2. भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (वर्ष 2008)
  3. लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement)-वर्ष 2016
  4. भारत-अमेरिका सामरिक उर्जा भागीदारी (वर्ष 2017 में घोषित)
  5. संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement -COMCASA)-वर्ष 2018
  6. आतंकवाद विरोध पर द्विपक्षीय संयुक्त कार्यदल की बैठक (पिछली बैठक मार्च 2019 )
  7. साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता

रक्षा और विदेश मंत्रियों की 2+2 की वार्ताओं और भारत-अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-जापान (QUAD) आदि के माध्यम से सहयोग और परामर्श को बढ़ने पर जोर दिया गया।

  • वर्ष 2018 में अमेरिका ने भारत सहित विभिन्न देशों से स्टील आयात पर 25% और एल्युमीनियम आयात पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया था जिसके कारण भारत के इस्पात निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी वर्ष 2017-18 के 3.3% से कम होकर वर्ष 2018-19 में 2.5% रह गई है। भारत ने मार्च 2018 में WTO में अमेरिकी फैसले को चुनौती भी दी थी। अतः अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाया जाने वाला कर भी दोनों देशों के बीच अहम मुद्दा है।

अमेरिका ने जून 2019 में सामान्‍य प्राथमिकता प्रणाली (Generalized System of Preferences- GSP) के तहत भारतीय उत्पादों को शुल्क में मिलने वाली छूट को समाप्त करने का निर्णय लिया। इस प्रकार GSP भी भारत और अमेरिकी व्यापार संबंधों में एक बड़ा मुद्दा है। ध्यातव्य है कि हाल ही में अमेरिका ने भारत को विकासशील देशों की श्रेणी से भी हटा दिया है जो कि GSP विवाद को एक नया आयाम प्रदान करता है क्योंकि GSP का फायदा केवल विकासशील देशों को प्रदान किया जाता है।