सामग्री पर जाएँ

समसामयिकी 2020/भारत का अन्य देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास

विकिपुस्तक से
  • जून 2020 को भारत सरकार ऑस्ट्रेलिया को ‘मालाबार नौसैनिक अभ्यास’ में शामिल करने पर विचार कर रही है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया हमेशा से ही एक मुक्त, खुले, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समर्थक रहे हैं। वर्ष 2016 से ही ऑस्ट्रेलिया ने मालाबार नौसैनिक अभ्यास में शामिल होने की इच्छा ज़ाहिर की है, परंतु भारत अभी तक ऑस्ट्रेलिया को इस नौसैनिक अभ्यास शामिल करने से बचता रहा है। इस मुद्दे पर भारतीय पक्ष का यह मत रहा है कि इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने से यह चीन के खिलाफ एक ‘चतुष्पक्षीय सैन्य गठबंधन’ के समान प्रतीत होगा जो क्षेत्र में भारत और चीन के बीच तनाव को और अधिक बढ़ा सकता है। हालाँकि इस बात की भी उम्मीद है कि हाल के दिनों में ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा' (Line of Actual Control- LAC) पर चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ने से यह निर्णय बदल भी सकता है।

मालाबार नौसैनिक अभ्यास भारत-अमेरिका-जापान की नौसेनाओं के बीच वार्षिक रूप से आयोजित किया जाने वाला एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास है। इसकी शुरुआत भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 1992 में एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में हुई थी।

वर्ष 2015 में इस अभ्यास में जापान के शामिल होने के बाद से यह एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास बन गया।

भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग:-

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त के अनुसार, मालाबार नौसैनिक अभ्यास के संदर्भ में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार समूह के सदस्यों को ही है, परंतु ऑस्ट्रेलिया के लिये इस समूह में शामिल होना प्रसन्नता की बात होगी। पिछले 6 वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में चार गुना वृद्धि हुई है।

दोनों देशों ने ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास’ (AUSINDEX) और युद्ध अभ्यास 'पिच ब्लैक' (Pitch Black) के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट’ (Mutual Logistics Support Agreement- MLSA) की घोषणा द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है। इसके तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य अड्डों का उपयोग कर सकेंगे। यह समझौता दोनों देशों के लिये सैन्य आपूर्ति को आसान बनाने के साथ परिचालन सुधार में सहायक होगा।

वर्ष 2016 में भारत और अमेरिका के बीच 'लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट' (Logistics Exchange Memorandum of Agreement- LEMOA) पर हस्ताक्षर होने के बाद ऑस्ट्रेलिया पहला देश बना जिसने भारत के समक्ष MLSA का मसौदा प्रस्तुत किया था।

इस समझौते पर पिछले वर्ष भारतीय रक्षा मंत्री की कैनबरा (Canberra) यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किया जाना प्रस्तावित था परंतु यह यात्रा रद्द होने और इसके बाद जनवरी 2020 में ऑस्ट्रेलिया की वनाग्नि तथा मई 2020 में COVID-19 के कारण इसे विलंबित कर दिया गया था। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच समुद्री क्षेत्र जागरूकता को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक ‘समुद्री सहयोग समझौते’ (Maritime Cooperation Agreement) पर कार्य किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय नौसेना के गुरुग्राम स्थित ‘सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र’ (Information Fusion Centre - Indian Ocean Region or IFC-IOR) पर अपने एक संपर्क अधिकारी को तैनात करने पर सहमति ज़ाहिर की है।

  • अभ्यास 'मिलन 2020' को कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने बहु-राष्ट्र मेगा नौसैनिक टाल दिया है।

इसका उद्देश्य मित्र राष्ट्रों की नौ सेनाओं के बीच व्यावसायिक संपर्कों को बढ़ाना एवं सामुद्रिक क्षेत्र में एक-दूसरे की शक्तियों तथा सर्वश्रेष्ठ‍ प्रचलनों से ज्ञान प्राप्त करना है। मुख्य बिंदु: मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसेना अभ्‍यास की श्रृंखला है जिसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी। वर्ष 1995 के बाद से अब तक नौसेना ने विदेशी नौसेनाओं के बीच मैत्रीपूर्ण पेशेवर बातचीत को बढ़ाने और एक-दूसरे के सर्वोत्तम तरीकों को सीखने के लिये ‘समुद्र पार तालमेल’ के विषय के साथ मिलन अभ्यास के 10 संस्करण आयोजित किये हैं। वर्ष 2018 तक इसका आयोजन अंडमान एवं निकोबार कमान में किया गया। परंतु अभ्यास की बढ़ती संभावना और जटिलता के कारण पहली बार इसका आयोजन विशाखापत्‍तनम कमान में किया जाना था। इस अभ्यास में दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को आमंत्रित किया गया था जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं।

  • इंद्रधनुष युद्धाभ्यास (Indradhanush Exercise) के पाँचवें संस्करण का आयोजन 24 फरवरी,2020 को भारतीय वायु सेना और ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के मध्य उत्तर प्रदेश के हिंडन वायु सेना स्टेशन पर हुआ। इस संस्करण में 'बेस डिफेंस एंड फोर्स प्रोटेक्शन' पर ज़ोर दिया गया है।

यह युद्धाभ्यास दोनों देशों को अपने-अपने देश के प्रतिष्ठानों को आतंकी खतरों से निपटने हेतु मान्य रणनीतियों और युक्तियों को साझा करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।

भारत एवं ब्रिटेन के बीच होने वाले अन्य युद्धाभ्यास
  1. अजेय वारियर- सैन्य अभ्यास
  2. कोंकण- नौसेना अभ्यास
  • अजेय वारियर-2020 (AJEYA WARRIOR-2020) कापाँचवं संस्करण भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच 13-26 फरवरी, 2020 के मध्य यूनाइटेड किंगडम के सेलिसबरी मैदान में आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य शहरी तथा अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में विद्रोह तथा आतंकवादी क्रियाकलापों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु संयुक्त सामरिक स्तर पर अंतर–संचालन क्षमता को बढ़ावा प्रदान करना है।

यह अभ्यास दो साल में एक बार (बारी-बारी से एक बार भारत में तथा एक बार यूनाइटेड किंगडम में) आयोजित किया जाता है। इसमें सैन्य अभ्यास के दौरान आधुनिक हथियार प्रणाली,उपकरण एवं सिम्युलेटर प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। इस अभ्यास के अंतर्गत दोनों देशों की सेनाओं द्वारा आपसी कौशल में वृद्धि करने तथा अनुभवों के आदान-प्रदान पर बल दिया जाता है। इस सैन्य अभ्यास द्वारा भारत और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं के बीच सकारात्मक सैन्य संबंधों को स्थापित करने तथा बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है।

  • भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सम्प्रीति–2020’ का आयोजन 03 से 16 फरवरी,2020 तक भारत के उमरोई (मेघालय) में किया गया।

उद्देश्य: इसका उद्देश्य भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच व्यापक स्तर पर अंतर-संचालन और सहयोग को बढ़ाना है। यह दोनों देशों के बीच नौवाँ अभ्यास है। पहला अभ्यास वर्ष 2009 में किया गया था। यह अभ्यास दोनों देशों की आपसी साझेदारी, मज़बूत सैन्य विश्वास और रणनीतिक सहयोग को सुनिश्चित करता है।