सर्जरी के बाद अस्पताल में देखभाल

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शल्य चिकित्सा के बाद आप रिकवरी रूम में आंखें खोलेंगे। नर्स प्रायः आपकी जांच करेगी और दर्द की दवाइयां देगी। होश में आने पर जरूरत होगी तो आपको आपके कमरे में ले जाया जायेगा।

शल्य चिकित्सा के बाद का पहला घंटा[सम्पादन]

  • आपके अपने कमरे में पहुंच जाने के बाद आपका परिवार आपसे मिलने आ सकेगा।
  • नर्सिंग स्टाफ थोड़ी-थोड़ी देर पर आपका तापमान, रक्तचाप, हृदय गति, स्वांस की दर जांचेगा।
  • आपकी नर्स आपकी पट्टी और आपके इन्सीजन से होने वाले रिसाव को जांचेगी।
  • अगर आप आराम से नहीं हैं तो अपनी नर्स को बतायें।
  • अगर आपके चीरे में सूजन आ जाती है या खून बहता है या आपको दर्द होता है आप अपने पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी महसूसस करते हैं तो अपनी नर्स को फौरन बतायें।
  • आपको कुछ घंटे आक्सीजन दिया जा सकता है या हार्ट मॉनीटर लगाया जा सकता है।
  • आपके मूत्राशय से पेशाब निकालने के लिए नली लगायी जा सकती है या शरीर से तरल निकालने के लिए दूसरी नलियां लगायी जा सकती हैं। प्रायः आपके घर जाने से पहले ये नलियां निकाल दी जाती हैं। अगर आपके घर जाते समय नलियां लगी रहती हैं तो आपको उनकी देख-रेख के बारे में बताया जायेगा।
  • ईकेजी, छाती का एक्स-रे या खून की जांचें को जा सकती हैं।
  • आपके डॉक्टर आपको शल्य चिकित्सा के बारे में बतायेंगे।

आईवी (इंट्रावीनस) फ्लूइड्स (द्रव) और एंटीबायोटिक्स[सम्पादन]

  • आपको कुछ समय तक आईवी ट्यूब के जरिये तरल पदार्थ दिया जा सकता है। शल्य चिकित्सा के बाद आप जब तक अच्छी तरह तरल पेय पीने लायक नहीं हो जायेंगे आईवी लगा रहेगा। अगर आपको आईवी के जरिये दवाइयां दी जा रही है तो अपेक्षाकृत लंबे अरसे तक आपको आईवी लगा रहेगा।
  • आपको संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।

चीरा[सम्पादन]

  • आपका चीरा पट्टी से ढंका रहेगा। आपके डाक्टर और नर्सें आपकी पट्टी की जांच करेंगे और जरूरत होने पर आपकी पट्टी बदलेंगे। जैसे-जैसे इन्सीजन भरता जायेगा, पट्टी छोटी होती जायेगी।
  • आपका चीरा टांकों या स्टैपेल्स या विशेष किस्म के टेपों से ढंका रहेगा जिन्हें स्टेरीस्ट्रिप्स कहा जाता है। इन्हें 7 से 14 दिन में आपके दुबारा डाक्टर के पास जाने पर निकाला जायेगा।
  • आपकी नर्स आपको बतायेगी कि चीरे की देख-भाल कैसे करनी है।

दर्द नियंत्रण[सम्पादन]

  • हम आपको आराम से रखने के प्रयास केरंगे। नर्स आपसे 0 से 10 के पैमाने पर आपके दर्द का स्तर पूछेगी जिस पर शून्य का अर्थ है कोई दर्द नहीं और 10 का अर्थ है असह्य दर्द।
  • आपको इन्सीजन वाली जगह पर शल्य चिकित्सा के बाद कई दिन तक दर्द हो सकता है। आपको शल्य क्रिया के दौरान जिस तरह रखा गया था उसकी वजह से आपके शरीर के दूसरे हिस्सों में टीस का एहसास हो सकता है।
  • आपके डॉक्टर आपके लिए दर्द निवारक दवाइयों का नुस्खा देंगे। आपको जब भी दर्द हो या दवा की जरूरत हो आप बेझिझक अपनी नर्स को बता दें। इससे पहले कि आपका दर्द काफी बढ़ जाये दर्द की दवा मांग लें। अगर आपके दर्द को नियंत्रित नहीं किया गया तो आपके स्वास्थ्य लाभ में ज्यादा वक्त लगेगा। किसी गतिविधि से पहले या दर्द के काफी बढ़ जाने से पहले ही दर्द की दवा ले लेना अच्छा रहता है। अगर आपका दर्द बदतरीन हो जाता है या दवा से नियंत्रित नहीं होता तो अपनी नर्स को बतायें।

गतिविधि[सम्पादन]

  • बिना मदद के विस्तर से न उठें। अस्पताली कर्मचारी आपको बतायेंगे कि बिना सहारे के उठना कब निरापद होता है।
  • पहले आपको सहारा देकर आपके विस्तर की पाटी पर बैठाया जायेगा। उसके बाद आपकी गतिविधि बढ़ कर कुर्सी पर बैठने, कमरे में टहलने, उसके बाद हॉल वे में चलने तक पहुंच जायेगी। हर दिन आपके विस्तर से बाहर रहने और चल कर जाने की दूरी बढ़ती जायेगी।
  • शल्य क्रिया के बाद समस्याएं न खड़ी हों इसके लिए इन्सेंटिव स्पाइरोमीटर से अपने फेफड़ों का व्यायाम करें। खांसने और गहरी सांसें लेने से भी आपके फेफड़े साफ रहते हैं। अगर आपके उदर भाग या छाती में चीरे लगे हैं तो उनके बचाव के लिए खांसते समय तकिया या कंबल लपेट लें। इससे आप बेहतर ढंग से खांस सकेंगे और दर्द कम करने में मदद मिलेगी। जब जाग रहे हों हर घंटे- दो घंटे पर ये व्यायाम करते रहें।

खून के थक्के[सम्पादन]

खून के थक्के जमने की आशंका से बचने में मदद के लिएः

  • अस्पताल कर्मचारी विस्तर से उठ कर चलने में आपकी मदद करेंगे।
  • आपके पैरों में रक्त संचार होता रहे इसके लिए अस्पताली कर्मचारी आपको टखनों के एक व्यायामके बारे में बतायेंगे जिसे ‘‘एंकल पंप्स’’ कहा जाता है। जब जाग रहे हों तो घंटे-घंटे पर एंकल पंप करें।
  • आपके पैरों पर खास किस्म की जुर्राबें चढ़ी हो सकती हैं।
  • आपका खून पतला करने के लिए आपके पेट में दवा की सूइयां लगायी जा सकती हैं।

आहार और पेट की गतिविधि[सम्पादन]

  • आपको सबसे पहले बर्फ की डलियां दी जा सकती हैं। अगर आपको मितली नहीं आती तो आपको स्वच्छ तरल और उसके बाद हल्का खाना दिया जा सकता है।
  • अगर आपको मितली आती है तो अपनी नर्स को बतायें।
  • शल्य क्रिया और दर्द की दवाइयों के कारण आपको कोष्ठबद्धता हो सकती है। नर्सें आपसे आपके पेट की गतिविधि के बारे में पूछेंगी। मल को नरम करने वाली और दस्तावर दवाइयां दी जा सकती हैं।

घर जाने की तैयारी[सम्पादन]

  • अस्पताल के कर्मचारी आपको घर पर अपनी देख-भाल के बारे में बतायेंगे और आपको लिखित निर्देश दिये जायेंगे।
  • परिवार और मित्रों को आपकी देख-भाल के बारे में सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि वे जरूरत पड़ने पर आपकी सहायता कर सकें। आपको शल्य क्रिया के बाद दो हफ्ते तक किसी को चौबीसों घंटे अपने पास रखना चाहिए। वैसे यह इस पर निर्भर करता है कि आपकी किस तरह की शल्य क्रिया हुई है।
  • अगर आपके साथ रहने वाला कोई नहीं है तो शल्य क्रिया से पहले ही डाक्टर के कार्यालय को इस संबंध में बता दें ताकि आप अपने मामले में शल्य क्रिया के बाद के विकल्पों पर चर्चा कर सकें। कुछ मरीजों को शल्यक्रिया के बाद कुछ दिनों के लिए किसी पुनर्वास सुविधा में रहना पड़ सकता है।