सामान्य अध्ययन २०१९/जन वितरण प्रणाली तथा अन्य कृषि सहायता
1 अक्तूबर, 2019 से दो नए क्लस्टर केरल और कर्नाटक तथा राजस्थान एवं हरियाणा राशन कार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी पहल में शामिल होंगे।
इससे पहले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तथा महाराष्ट्र और गुजरात के राशन-कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी शुरू की जा चुकी है। हालाँकि राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली के लिये रोडमैप तैयार किया जा रहा है जिसे जून 2020 तक लागू किये जाने की संभावना है। 1 जनवरी, 2020 तक देश के 11 राज्यों के प्रवासियों द्वारा ग्रिड के भीतर किसी भी अन्य राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गारंटीकृत राशन प्राप्त किये जाने की संभावना है। जिसके अंतर्गत कुछ राज्यों ने इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी को लागू करने का पहला चरण हासिल कर लिया है, जहाँ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थी अपने राज्य के भीतर पंजीकृत दुकान के अलावा किसी भी राशन की दुकान में राशन-कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। मार्च 2020 तक 13 अन्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों- तमिलनाडु, गोवा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, दमन और दीव, तथा दादरा एवं नगर हवेली में इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी।
‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन’(IMPDS)उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा लागू एक नई योजना है। यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर उन प्रवासी मज़दूरों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिक सहायक होगी जो बेहतर रोज़गार तलाशने के लिये दूसरे राज्यों में जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य देश के किसी भी भाग में उपस्थित सार्वजनिक वितरण प्रणाली/पोर्टलों का केंद्रीय प्रणाली/पोर्टलों से एकीकरण करना है। इस योजना के माध्यम से राशन कार्डधारकों/लाभार्थियों के दुहराव को रोका जा सकेगा।