सामान्य अध्ययन २०१९/विश्व इतिहास के पहलू
मिस्र के पुरातन मंत्रालय (Egyptian Ministry of Antiquities) ने पहली बार ‘बेंट’ पिरामिड (Bent Pyramid) को दर्शकों/पर्यटकों के लिये खोले जाने की अनुमति दी है। अब पर्यटक 79 मीटर लंबाई वाली एक संकीर्ण सुरंग के माध्यम से पिरामिड में प्रवेश कर सकेंगे। यह पिरामिड मेम्फिस पिरामिड फील्ड्स (Memphis Pyramid Fields) का हिस्सा है। ‘मेम्फिस पिरामिड फील्ड्स’ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है जो दाहशूर शाही नेक्रोपोलिस/कब्रिस्तान (Dahshur Royal Necropolis) में काहिरा के दक्षिण में 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। लगभग 100 मीटर लंबा बेंट पिरामिड 4600 साल पहले प्राचीन मिस्र में चौथे राजवंश के संस्थापक फैरो स्नेहफ्रू (Sneferu) के लिये बनाया गया था। इस संरचना को पिरामिड निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। यह 18 मीटर ऊँचा पिरामिड है जिसकी खुदाई वर्ष 1956 में की गई थी। इस पिरामिड को विकास एवं नवीकरण कार्यों के पूरा होने के बाद पर्यटकों के लिये खोला गया है।
बेंट पिरामिड यह पिरामिड 25 वीं शताब्दी ईसा पूर्व मिस्र में चौथे राजवंश के संस्थापक फैरो स्नेहफ्रू (Pharaoh Sneferu) के लिये बनाए गए तीन पिरामिडों में से एक है। इस पिरामिड के निर्माण में कुछ खामियाँ होने तथा उनमें सुधार के कारण इसे 'बेंट' आकार दिया गया। इसका आकार कोणीय है जो मेम्फिस नेक्रोपोलिस में इसे अन्य पिरामिडों से अलग बनाता है।
क्यूबा की क्रांति
Cuba's Revolution
हाल ही में क्यूबाई क्रांति (जिसे फिदेल कास्त्रो और अर्नेस्टो चे’ ग्वेरा ने अंजाम दिया था) के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि क्यूबा के महान क्रांतिकारी चे ग्वेरा की बेटी अलाइदा ग्वेरा (Aleida Guevara) थी।
1950 के दशक में क्यूबा का नेतृत्व फुलगेनसियो बतिस्ता (Fulgencio Batista) की भ्रष्ट और दमनकारी सैन्य सरकार के हाथों में था। चूँकि वह क्यूबा में अमेरिकी हितों का समर्थन करता था इसलिये अमेरिका ने भी क्यूबा में शासन करने में उसका साथ दिया। बतिस्ता शासन के प्रति लोगों के बीच असंतोष का माहौल था। बतिस्ता शासन क्यूबा के लोगों के बीच बेहद अलोकप्रिय था। वर्ष 1956 में फिदेल कास्त्रो और चे ग्वेरा ने छापामार लड़ाकों का एक समूह बनाया और सरकारी बलों के खिलाफ एक क्रांतिकारी युद्ध की शुरुआत की। वर्ष 1958 तक यह क्रांति पूरे क्यूबा में फैल गई थी तथा इसकी समाप्ति वर्ष 1959 की शुरुआत में क्यूबा की राजधानी हवाना के पतन के साथ हुई। बतिस्ता वर्ष 1959 में देश छोड़कर भाग गया और कास्त्रो ने क्यूबा को अमेरिकी प्रभाव से मुक्त कर एक उदार राष्ट्रवादी सरकार का गठन किया।