सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सहायिका/सरकारी योजना
- जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम की शुरुआत वर्ष 1978 में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिये की गई थी, क्योंकि लकड़ी की तस्करी उस समय की सबसे बड़ी समस्या थी एवं इसके तहत गिरफ्तार लोग काफी आसानी से छोटी-मोटी सज़ा पाकर छूट जाते थे।
यह अधिनियम राज्य प्रशासन को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा दायर किये 2 वर्षों तक जेल में रख सकता है।
- चित्त आदंगल तालुक कार्यालय में एक दस्तावेज़ है जिसमें विवरण संख्या जैसे कि सर्वेक्षण संख्या, वर्तमान स्वामी, पट्टा संख्या आदि शामिल होते हैं।
आदंगल रिकॉर्ड में किसी विशेष गाँव के प्रत्येक भूखंड की सर्वेक्षण संख्या, किरायेदार, किरायेदारी की अवधि, क्षेत्र का विस्तार, उगाई गई फसल और उसकी स्थिति का विवरण होता है।
समग्र वेदिका पहल तेलंगाना सरकार ने विभिन्न सरकारी सेवाओं हेतु नागरिक विवरणों को ट्रैक करने के लिये अपना सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसे के नाम से जाना जाता है। समग्र वेदिका पहल 2017 में बनाई गई तथा यह राज्य को लगभग 25 विभागों से नागरिक डेटा को सत्यापित करने या जाँचने की अनुमति देता है। यह प्लेटफॉर्म राज्य को आधार प्लेटफॉर्म पर भरोसा किये बिना सभी सरकारी विभागों के नागरिक डेटा को समेकित रूप से एकीकृत और जाँच पड़ताल करने की अनुमति देता है। प्रत्येक व्यक्ति के बारे में सात श्रेणियों की सूचना को इस समूहन कार्य से जोड़ा गया था जिनमें अपराध परिसंपत्तियाँ, उपयोगिताएँ, सब्सिडी, शिक्षा, कर एवं पहचान शामिल थे। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति के डेटा को पति-पत्नी, भाई-बहन, माता-पिता और अन्य सगे संबंधियों से जोड़ा गया था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निम्नलिखित दो खंड हैं, जिनमें से एक सांख्यिकी से संबंधित है और दूसरा कार्यक्रम कार्यान्वयन से। कार्यक्रम कार्यान्वयन खंड में तीन प्रभाग हैं-
- बीस सूत्री कार्यक्रम,
- आधारभूत संरचना निगरानी और परियोजना निगरानी,
- सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना।
उपर्युक्त दो खंडों के अलावा सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के एक प्रस्ताव के माध्यम से गठित राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) तथा एक स्वायत्त भारतीय सांख्यिकी संस्थान भी है, जिसे संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया है। अतः कथन 2 सही है। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त का कार्यालय गृह मंत्रालय के अधीन है।
भारत सरकार ने 1 जून, 2005 को एक संकल्प के माध्यम से राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) की स्थापना की थी। NSC का गठन 12 जुलाई, 2006 से सांख्यिकीय मामलों में नीतियों, प्राथमिकताओं और मानकों को विकसित करने हेतु अधिदेश के साथ किया गया था। NSC में एक अध्यक्ष और चार अतिरिक्त सदस्य होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास विशिष्ट सांख्यिकी क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञता एवं अनुभव होता है। NSC की स्थापना 2001 में भारतीय सांख्यिकी प्रणाली की समीक्षा हेतु गठित रंगराजन आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई थी।
फेम इंडिया (भारत में हाइब्रिड एवं विद्युत वाहनों को त्वरित ढंग से अपनाना एवं विनिर्माण) योजना देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहन देने की पहल है। फेम इंडिया-II वर्तमान योजना फेम इंडिया-1 का एक विस्तारित संस्करण है, जिसे 1 अप्रैल, 2015 में लॉन्च किया गया था। योजना का अंतिम उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन को बढ़ाने और इलेक्ट्रिक परिवहन अवसंरचना के निर्माण के लिये वित्तीय प्रोत्साहन देती है। इलेक्ट्रिक परिवहन अवसंरचना हाइड्रो-कार्बन आधारित ईंधनों पर भारत की निर्भरता को कम करने में सहायता करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये एक आवश्यक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करके, योजना पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा के मुद्दे के समाधान में भी सहायक होगी।