सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/विकास और रोजगार
ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
ग्रामिण विकास
[सम्पादन]भारतनेट के माध्यम से 250,000 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा रहा है। इसे भारत ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो फरवरी 2012 में DoT के तहत स्थापित एक स्पेशल पर्पज़ व्हीकल है। यह परियोजना यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund-USOF) द्वारा वित्तपोषित है। दूरसंचार सेवाओं में सुधार के उद्देश्य से इस वित्तकोष की स्थापना की गई थी
- भारत के कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न एवं मौसमी दोनों तरह की बेरोज़गारी पाई जाती है।
- शहरी और ग्रामीण दोनों ही वर्गों में पुरुषों की श्रमशक्ति की भागीदारी महिलाओं की तुलना में अधिक है। शहरी क्षेत्रों में तो पुरुष और महिला भागीदारी का अंतर बहुत बड़ा है। केवल 15 प्रतिशत शहरी महिलाएँ ही किसी आर्थिक कार्य में व्यस्त दिखाई देती हैं, किंतु ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की रोज़गार बाज़ार में भागीदारी 25 प्रतिशत आँकी गई है।
- अनियत रोज़गार (casual wage labourers) में महिलाओं का अंश पुरुषों से अधिक है। निर्माण कार्य में लगे मज़दूर अनियत मज़दूरी वाले श्रमिक कहलाते हैं। ऐसे मज़दूर जो अन्य लोगों के खेतों पर अनियत रूप से कार्य करते हैं और उसके बदले पारिश्रमिक प्राप्त करते हैं, इसी श्रेणी में आते हैं।
रोजगार से संबंधित प्रश्न
[सम्पादन]प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) का एक प्रमुख कार्यक्रम है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) इसे प्रशिक्षण भागीदारों की मदद से क्रियान्वित करता है। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2020 तक 10 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) युवाओं को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इसका अगला चरण वर्ष 2020 से वर्ष 2025 के मध्य पूरा किया जाएगा। अतः कथन 2 सही है। यह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) का प्रमुख कार्यक्रम है तथा इसे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। अतः कथन 1 सही नहीं है। इस योजना को पहले की एक योजना मानक प्रशिक्षण आकलन एवं पारितोषिक (Standard Training Assessment and Reward-STAR) के स्थान पर लाया गया है।