सामग्री पर जाएँ

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विषयवार अध्ययन/शिक्षा

विकिपुस्तक से

व्==== शिक्षा के संबंध में महापुरुषों के विचार ==== एपीजे अब्दुल कलाम

वास्तव में शिक्षा सत्य की खोज है यह ज्ञान और अंतर्ज्ञान के माध्यम से अंतहीन यात्रा है इस तरह की यात्रा से मानवतावाद के विकास का नया रास्ता खुलता है जहां नगर ना नए रसिया और ना ही दुश्मनी की गुंजाइश है{{pink


रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने निबंध ए पोएट्स स्कूल में आसपास की दुनिया के परस्पर संवेदना के महत्व पर जोर देते हुए लिखा।:-

हम इसे स्वीकार करने के लिए इस दुनिया में आए हैं,केवल इसे जानने के लिए नहीं हम ज्ञान से शक्तिशाली बन सकते हैं, लेकिन हम सहानुभूति से परिपूर्णता प्राप्त करते हैं।

उच्चतम शिक्षा वह है जो हमें केवल जानकारी नहीं देती है बल्कि हमारे जीवन को सभी अस्तित्व के साथ में सामंजस्य तय करती है।

महात्मा गांधी
[सम्पादन]
  1. ऐसी शिक्षा जो हमें अच्छे और बुरे के बीच भेद करना नहीं सिखाती, एक के अनुकूल और दूसरे को त्यागना नहीं सिखाती वह मिथ्या है।
  2. शिक्षा को इतना क्रांतिकारी बनाया जाना चाहिए जिससे कि सबसे गरीब ग्रामीण की इच्छाओं का जवाब देने की बजाय एक साम्राज्यवादी शोषण कर्ता को जवाब दिया जा सके।
  3. अपने आप में साक्षरता कोई शिक्षा नहीं है।
  4. साक्षरता शिक्षा का अंत नहीं है और ना ही शुरुआत है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक और नहीं है जो छात्रों के दिमाग में तथ्यों को जबरन वास्तविक शिक्षक वह कहलाता है जो उसे आगामी कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें 4 अप्रैल 2006 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में दिए अपने भाषण में एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा:-शिक्षा प्रणाली को छात्रों की शक्ति का पता लगाना और उसका निर्माण करना है साथ ही उनकी रचनात्मकता को बाहर लाना है। जिससे धीरे-धीरे एक जिम्मेदार नागरिक का विकास हो सके इसलिए हमारी शिक्षा प्रणाली को यह चाहिए कि वह छात्रों को यह जानने में मदद करने के लिए खुद को फिर से उन्मुख करें कि वह किस ताकत के मालिक हैं क्योंकि इस ग्रह पर पैदा होने वाले हर इंसान को कुछ खास ताकतें प्राप्त हुई हैं। वास्तव में शिक्षा सत्य की खोज है ..... यह मनुष्य के व्यक्तित्व को एक महान आत्मा और ब्रह्मांड में कीमती चीज में बदल देता है अपने वास्तविक अर्थों में सार्वभौमिक भाईचारा ऐसी शिक्षा के लिए सहारा बन जाता है वास्तविक शिक्षा मनुष्य की गरिमा को बढ़ाती है। और उसके स्वाभिमान को बढ़ाती हैं यदि शिक्षा का वास्तविक अर्थ प्रत्येक व्यक्ति द्वारा महसूस किया जा सकता है और मानव गतिविधि के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सकता है तो दुनिया में रहने के लिए एक बेहतर जगह होगी।