हिंदी सिनेमा 2024/बेमिसाल
बेमिसाल पर फिल्म समीक्षा प्रकाशित- 5 मार्च 1982 निर्माता- देवेश घोष निर्देशक- हषिकेश मुखर्जी मुख्य कलाकार-
अमिताभ बच्चन, राखी, देवेन वर्मा, विनोद मेहरा
अमिताभ बच्चनु इस फिल्म सुधीर की भूमिका निभाते है। एक अनार्थ जिसे एक दयालु सरकारी अधिकारी सहारा देता है। यह अधिकारी सुधीर को अपने बेटे प्रशांत (विनोद मेहरा) की तरह पालता- पोषता है। एक दिन जब अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण अपने आखिरी सासे गिन रहा था, तभी वह अपनी बहू कविता (राखी) से बोलता है मेरा बेटा प्रशांत कामजोर है| लेकिन जब भी संकट आये तुम आंखें बंद करके सुधीर पर भरोसा कर सकती हो| सुधीर उस दयालु व्यक्ति जिसने उसे बचपन में सहारा दिया था के बेटे को बचाने के लिए चुपके से कदम आगे बढ़ाता है। सुधीर जो कुर्बानिया देता है,वे बहुत बाद में सामने आती है जब समय ये बताता है कि उसने अपने दोस्त को कितना कुछ दिया है जिसके पिता ने उसे उस समय सहारा दिया जब वह सड़कों पर मारा फिरता था|इस फिल्म में गोद को लेकर संदेश है|इस अधिकारी को सलाह दी गई थी कि एक कुत्ते को ले आओ लेकिन फुटपाथ से किसी बच्चे को घर मत लाओ पर अनहोन किसी की नहीं सुनी| अमिताभ बच्चन ने सुधीर के किरदार के रुप मैं पूरी खामोशी के साथ बलिदान देने की भूमिका को बहुत ही अधिक बुद्धिमान और संवेदनशील से निभाया|सुधीर और उसके दोस्त प्रशांत की पत्नी कविता के बीच जो रिश्ता बनता है वह बहुत ही अनोखा है|पूरी फिल्म में वह कविता को सखी कहती है वह उसे अपने गेहरे राज बताता है और अंत में जब सुधीर जेल जाता है वाह कविता उसे मिलाने आती है वाह कविता से कहती है वाह उसके लिए कितना मायने रखती है और इसलिए नहीं कि वाह उसके दोस्त की पत्नी है|प्रशांत चिकित्सा कदाचार के आकर्षण जाल में फ़स जाता है| इसमें सुधीर का विशिष्ट भाई जो सुधीर से कहता है कि जिस औरत ने उसे बरबाद किया है वह उससे बदला ले| यह फिल्म कुर्बानियों का आदर्श, हमारे सामने पेश करती है। स्त्री और पुरुष के रिश्तों को यह फिल्म भावनाओं संवेदनाओं के बहुत तक ले जाती है।
इस फिल्म की IMDB रेटिंग-6.9/10