सामग्री पर जाएँ

हिंदी सिनेमा 2024/376डी

विकिपुस्तक से

376-D फिल्म समीक्षा

शीर्षक  :- 376 -D विमोचन तिथी :- 9 अक्टूबर ,2020 निर्देशक।  :- गुनवीर कौर और रॉबिन सिकरवार कार्य अवधि  :- 2घंटे 8 मिनट भाषा  :- हिंदी कलाकार  :- विवेक कुमार , दीक्षा जोशी ,सुमित सिंह

            सिकरवार,प्रियंका शर्मा आदि 

हिंदी सिनेमा में महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न तथा बलात्कार पर कई फिल्मे बनी हैं , जैसे दामिनी पिंक, आदि फिल्में जो लड़कियों के साथ घटी रेप जैसी घटनाओं को बयां करती हैं । भारत जैसे देश में लड़कियो के साथ किए गए बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आती दिखाई देती है , परंतु इस कहानी में रेप पीड़िता कोई लड़की नहीं , बल्कि लड़का है जिसे अपने न्याय के लिए लड़ते दर्शाया गया है ।

कहानी का सार

376 डी में लीड रोल में अभिनेता विवेक कुमार ( संजू) जो की अपने भाई के साथ कहीं से घूम कर घर वापस घर जा रहे होते है ,लेकिन उन्होंने लड़कियों के कपड़े पहने होते हैं,और कुछ ही क्षण में कुछ बदमाश आते हैं और उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा लेते है और उनके साथ गैंगरेप जैसे जगन्य अपराध का अंजाम देते हैं । और इस घटना के बाद संजू का भाई कोमा में चला जाता है ,और तब संजू को लगता है कि उन्हें इस लड़ाई को लड़ना चाहिए ताकि उन्हें इंसाफ मिल सकें।

376 D आईपीसी की धारा 376 D में रेप के लिए सजा का प्रावधान किया गया है, दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती हैं ,साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इस फिल्म के माध्यम से  यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि संसार में ऐसे  कितने लड़के होते है जिनके  साथ ऐसी घिनौनी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है , परंतु  वो डर के कारण  आगे नहीं आ पाते और ऐसे मामले दब जाते है। 

ऐसा नहीं है की ऐसे घिनौने अपराधो का सामना केवल लड़कियों को करना पड़ता है बल्कि देश में ऐसे कई दरिंदे घूम रहे हैं जिनका सामना लडको को भी करना पड़ता है ।

यह फिल्म क्यों जरूरी है यह फिल्म समाज में रहने वाले लोगो की सोच को दर्शाती है । यह एक ऐसी कहानी है जो समाज को एक नया आइना दिखाती हैं ,इस फिल्म के माध्यम से यह दर्शाने के प्रयास किया है की बलात्कार जैसी घिनौनी घटनाओं का शिकार कोई भी हो सकता है,अपराध - अपराध है चाहे लड़की हो या लड़का अपनी आवाज उठाए और अपने न्याय के लिए लड़े।