योग और हमारा स्वास्थ्य/हलासन
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हलासन
[सम्पादन]इस आसन में आकृति हल के समान बनती है इसलिए इसे हलासन कहते हैं।
हलासन करने में विधि
[सम्पादन]- सर्वप्रथम सीधे पीठ के बल लेट जाइए हाथों को शरीर के बराबर ज़मीन से सटा कर रखे।
- पैरों व पंजो को मिला लीजिए ।
- अब धीरे धीरे दोनो पैरों को ६० डिग्री -९० डिग्री पर उठाते हुए सिर के पीछे फर्श पर लगा दे।
- पैरों को बिल्कुल सीधा रखे ।
- हाथों ज़मीन पर ही सीधा रखे।
- ठोडी को सीने से सटा ले।
- कुछ देर इसी स्थिति में रुके ।
- साँस सामान्य बनाए रखे।
- अब धीरे से पैरो को घुटनो से सीधा रखते हुए वापिस लाए।
- शवासन में आराम।
हलासन करने के लाभ
[सम्पादन]- मेरूदंड लचीली होती है।
- दमा, कफ एवं रक्त सम्बन्धी रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
- मोटापे को दूर करता है।
- तंत्रिका तंत्र एवं लीवर में बहुत ही लाभकारी है।
- प्रतिदिन करने से कभी क़ब्ज़ नही होता। पेट पर चर्बी ख़त्म कर देता है।
- मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत ही उत्तम है।
- स्त्री रोगों में लाभकारी।
- थायरायड तथा पैराथायरायड ग्रंथियों को सक्रिय रखता है।