2402:8100:208B:7A1B:0:0:44F0:453B के सदस्य योगदान
For 2402:8100:208B:7A1B:0:0:44F0:453B वार्ता अवरोध लॉग लॉग दुरुपयोग लॉग
२२ दिसम्बर २०१८
- १३:५८१३:५८, २२ दिसम्बर २०१८ अंतर इतिहास +३९१ कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि/विट्ठलविपुलदेव का जीवन परिचय स्वामी जी की मृत्यु के उपरान्त ये टट्टी संस्थान की गद्दी पर बैठे किन्तु स्वामी जी के वियोग की भावना इतनी प्रवल थी एक वर्ष बाद ही इनका परलोक गमन हो गया। प्रस्तुत पंक्ति में एक शब्द में एक त्रुटि थी जिसे, संशोधित कर टटिया स्थान किया गया है मैं टटिया स्थान का ही एक संत हूँ टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन