योग और हमारा स्वास्थ्य/कर्णपीड़ासन

विकिपुस्तक से
कर्णपीड़ासन

इस आसन को करने से कान में पीड़ा होती है इसीलिए इसे कर्णपीड़ासन कहते है।

  • कर्णपीड़ासन करने की विधि
  1. पीठ के बल धरती पर लेट जाए।
  2. अपने दोनों पैरों को उठायें और पीछेे की ओर इतना ले जाएँ की दोनों घुटने कानों को छुएं।
  3. इस स्थिति में स्थिर रहें।
  • कर्णपीड़ासन करने की लाभ
  1. इस आसन के निरंतर अभ्यास से मस्तिष्क, गला, नाक, कान, इत्यादि शारीरिक अंगो को लाभ होता है।
  2. आँखों की रौशनी बढ़ती है।
  3. मोटापा, श्वास से सम्बंधित रोग जैसे दमा, कान के रोग, बवासीर, कब्ज़, रक्त के दोष, इत्यादि रोग दूर होते हैं।