योग और हमारा स्वास्थ्य/त्रिकोणासन
दिखावट
यह आसन पार्श्व कोणासन से मिलता जुलता है। इस योग से हिप्स, पैर, टखनों, पैरों और छाती का व्यायाम होता है। यह मुद्रा कमर के लिए भी लाभप्रद है।
त्रिकोणासन करने की विधि
- विश्राम की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- दाएं पैर को 3 से 5 फीट फैलाएं।
- बाएं पैर को 45 डिग्री और दाएं पैर को 90 डिग्री मोड़े।
- सांस लेते हुए कंधों की ऊँचाई में बांहों को फैलाएं।इस स्थिति में हथेलियों को ज़मीन की दिशा में रखना चाहिए।
- हिप्स को पीछे ले जाएं और शरीर के ऊपरी भाग को दायीं ओर लाएं।
- सांस छोड़ते हुए दायी हथेली को दांए पैर के पीछे ले जाएं।
- बाएं हाथ को छत की दिशा में ऊपर ले जाएं।
- सिर को बायें हाथ की दिशा में घुमाकर देखें। इस अवस्था में मेरूदंड सीधा और गर्दन रिलैक्स होना चाहिए।
- इस मुद्रा में 10 से 30 सेकेण्ड तक बने रहें।
त्रिकोणासन करने के फायदे
आप नियमित रूप से त्रिकोण मुद्रा का अभ्यास करते हैं तो शरीर से तनाव दूर होता है और लचीलापन आता है। इस योग के अभ्यास से हिप्स ,पैर, टखनों एवं पैरो में दृढता आती है, और इनमें लोच बना रहता है। योग की इस मुद्रा से रीढ़ की हड्डियां सीधी रहती है एवं छाती फैलती है।
सावधानियां
जब कमर में तकलीफ या परेशानी हो उस समय इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए।