योग और हमारा स्वास्थ्य/पादहस्तासन
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हस्तपादासन एक योग है, जो की तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त + पद + आसन इन तीनों का अर्थ होता है हस्त = हाथ , पद = पैर , आसन = मुद्रा । इसको करने से बहुत लाभ होते हैं। योग की कई क्रियाओं में से एक है हस्तपादन आसन। इस योग आसन से आपको कई फायदे मिलते हैं। त्वचा के दाग धब्बों के अलावा यह आंखों के नीचे पड़ने वाले काले घेरे को भी खत्म करता है।
हस्तपादासन योग को करने की विधि :-
- दोनों पैर आपस मे मिलाकर खड़े हो जाएँ।
- अब अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ इस प्रकार रखें की शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबर हो।
- अब अपने दोनों हाथों को सर के ऊपर लायें बिना मोड़े और धीरे-धीरे सांस लेते रहें।
- इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए शरीर के कमर से ऊपर के भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं। इस क्रिया में घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें तथा धड़ को तब तक झुकाएं जब तक हाथों से एड़ियों को न पकड़ लें।
- अब मुंह को धीरे-धीरे घुटनों की तरफ करके घुटनों के बीच की खाली जगह में रखें या घुटनों से सटाएं। पैर व् घुटने बिलकुल सीधे रखने हैं।
- अभ्यास की शुरूआत में इस स्थिति में 15 सैकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- फिर 5-7 सैकेंड तक आराम करें और दोबारा इस क्रिया को करें। इस क्रिया को 6 से 7 बार करें।
हस्तपादासन के फायदे :-
- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है।
- इस आसन को करने से रक्त संचालन में वृद्धि होती है।
- इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज व् एसिडिटी से मुक्ति पायी जा सकती है।
- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है।
- बड़ी आंत का अन्तिम भाग स्वच्छ रहता है।
- पेट व प्रजनन अंगों को ठीक करता है।
- इस आसन के करने से पैर के सभी दर्द दूर होते हैं।
- छाती और हाथ मजबूत होते हैं।
- शरीर लचीला बनता है।
- चेहरा सुंदर बनता है।
सावधानी
- पीठ दर्द वाले रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- यह आसन हमेसा खाली पेट ही करना चाहिए।
- हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी इसको न करें।