योग और हमारा स्वास्थ्य/मार्जरासन

विकिपुस्तक से

मार्जरासन[सम्पादन]

मार्जरीआसन या बिडालासन
बिल्ली आसन्

मार्जरासन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन हैं। इसे कुछ लोग मार्जरी आसन और कैट पोज़ के नाम से भी जानते हैं। यह आसन हमारे शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक हैं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता हैं। इसके साथ यह पीठ दर्द और गर्दन दर्द में राहत दिलाता है।

मार्जरासन करने की विधि[सम्पादन]

  1. अपने घुटनों और हाथों के बल आये और शरीर को एक मेज़ कई तरह बना लें अपनी पीठ से मेज़ का ऊपरी हिस्सा बनाएं और हाथ और पैर से मेज़ के चारों पैर बनाएं।
  2. अपने हाथ कन्धों के ठीक नीचे, हथेलियां ज़मीन से चिपकी हुई रखें और घुटनो मेँ पुट्ठों जितना अंतर रखें।
  3. गर्दन सीधी नज़रें सामने रखें।
  4. साँस लेते हुए अपनी ठोड़ी को ऊपर कि ओर सर को पीछे की ऒर ले जाएँ, अपनी नाभि को जमीन की ऒर दबाएं और अपनी कमर के निचे के हिस्से को छत की ओर ले जाएँ। दोनों पुटठों को सिकोड़ लें।
  5. इस स्थिति को बनाएँ रखें ओर लंबी गहरी साँसें लेते और छोड़ते रहें।
  6. अब इसकी विपरीत स्थिति करें - साँस छोड़ते हुए ठोड़ी को छाती से लगाएं ओर पीठ को धनुष आकार मेँ जितना उपर हो सके उतना उठाएं, पुट्ठों को ढीला छोड़ दें।
  7. इस स्थिति को कुछ समय तक बनाएँ रखें और फिर पहले कि तरह मेज़नुमा स्तिथि मेँ आ जाएँ।
  8. इस प्रक्रिया को पाँच से छः बार दोहराएं और विश्राम करें।

मार्जरासन के फायदे[सम्पादन]

  1. रिड की हड्डी को लचीला बनाता है।
  2. कंधों और कलाई कि क्षमता बढ़ाता है।
  3. पाचन प्रक्रिया की ग्रंथियों की मालिश करता है।
  4. पाचन प्रक्रिया सुधारता है।
  5. पेट को सुडौल बनता है।
  6. रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
  7. मन को शांत करता है।

मार्जरासन करने कि सावधानिया[सम्पादन]

अगर पीठ और गरदन मेँ दर्द है तो विशेषज्ञ की सलाह लें।