योग और हमारा स्वास्थ्य/शवासन

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शवासन[सम्पादन]

शवासन

मृत शरीर जैसे निष्क्रिय होता है, उसी प्रकार इस आसन में शरीर निष्क्रिय मुद्रा में होता है, अत: इसे शवासन कहा जाता है। इस आसन का अभ्यास कोई भी कर सकता है। यह शरीर को आराम प्रदान करने वाला योग है।

शवासन करने की विधि[सम्पादन]

  1. पीठ के बल लेट जाएं। इस अवस्था में पैर ज़मीन पर बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
  2. सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को अपनी अपनी दिशा में हल्का सा घुमाएं।
  3. दोनों हाथों को शरीर के दोनो तरह हिप्स से 6 से 8 इंच की दूरी पर फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियों को छत की दिशा में रखें।
  4. सांस छोड़ते हुए कंधे को ज़मीन से लगाएं और बांहों को कंधे से दूर ले जाएं।
  5. आंखों को धीरे धीरे बंद करें और इस मुद्रा में 5 से 20 मिनट तक बने रहें।

शवासन करने के लाभ[सम्पादन]

  1. थकान एवं मानसिक परेशानी की स्थिति में यह आसन शरीर और मन को नई उर्जा प्रदान करने वाला है।
  2. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए भी इस आसन का अभ्यास बहुत ही अच्छा होता है।
  3. योग अभ्यास के दौरान सबसे अंत में इसका अभ्यास करना चाहिए इससे शरीर रिलैक्स हो जाता है।
  4. सिर दर्द, अनिद्रा और चिंता की स्थिति में शवासन बहुत ही लाभप्रद होता है।