योग और हमारा स्वास्थ्य/शीर्षासन
शीर्षासन
[सम्पादन]![शीर्षासन](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/8/88/Salamba_Sirsasana_-_Supported_Headstand.jpg/200px-Salamba_Sirsasana_-_Supported_Headstand.jpg)
सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं। शीर्षासन एक ऐसा आसन है जिसके अभ्यास से हम सदैव कई बड़ी-बड़ी बीमारियों से दूर रहते हैं। हालांकि यह आसन काफी मुश्किल है। यह हर व्यक्ति के लिए सहज नहीं है। शीर्षासन से हमारा पाचनतंत्र अच्छा रहता है, रक्त संचार सुचारू रहता है। शरीर को बल प्राप्त होता है।
शीर्षासन करने की विधि
[सम्पादन]- शीर्षासन करने के लिए के सबसे पहले दरी बिछा कर समतल स्थान पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं।
- अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
- दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें।
- अब सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें। सांस सामान्य रखें।
- सिर को जमीन पर टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर छोड़ते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें।
- शरीर का भार सिर पर लें।
शीर्षासन करने के लाभ
[सम्पादन]- चेहरे को लम्बे समय तक चमकदार और स्वस्थ बनाये रखने मे यह बहुत कारगर है।
- उल्टा खड़े होने की स्थिति में ताजा पोषण और ऑक्सीजन चेहरे की तरफ संचारित होते हैं जिससे त्वचा चमकदार हो जाती है।
- शीर्षासन से सिर नीचे की ओर मुड़ जाता है जिससे चहरे में चमक आती है।
- सिर पर सफेद बाल अपने आप ही काले होने लग जाते हैं।
- शीर्षासन करने से खून साफ होता है।
- अवसाद की बीमारी दूर होती है, पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है।
- स्मरण शक्ति काफी अधिक बढ़ जाती है।