सामान्य अध्ययन २०१९/मानव संसाधन तथा रोजगार से संबंधित प्रश्न

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सामान्य अध्ययन २०१९
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  • मीडिया एवं मनोरंजन कौशल परिषद द्वारा मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के सहयोग से मंथन (Manthan) का आयोजन किया गया।

इसका उद्देश्य मीडिया और मनोरंजन उद्योग में कौशल विकास को बढ़ावा देना तथा कुशल युवाओं एवं कार्यबल को विकसित करना है। मंथन,मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में उपलब्ध अवसरों की अधिकता पर केंद्रित है। यह MESC और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग की संभावनाओं को बढ़ाता है। MESC के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने BSC ऐनिमेशन एवं VFX, BSC परफॉर्मिंग आर्ट्स और BSC फिल्म मेकिंग जैसे रोज़गारपरक पाठ्यक्रम विकसित किये हैं। संबंधित विश्वविद्यालयों को अपने कॉलेजों एवं स्वायत्त कॉलेजों के माध्यम से इन पाठ्यक्रमों को चलाने के लिये सशक्त बनाया गया है।

  • वर्तमान में टारगेट ओलंपिक पोडियम (Target Olympic Podium- TOP) योजना के तहत लगभग 352 एथलीट सहायता प्राप्त कर चुके हैं।

टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में राष्ट्रीय खेल विकास कोष के तहत हुई थी। अभी तक NSDF के कुल खर्च का लगभग 54.40% TOP योजना पर खर्च किया जा चुका है। इसका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की संभावना रखने वाले एथलीटों की पहचान कर उन्हें ओलंपिक की तैयारी के लिये समर्थन तथा सहायता देना है। ऐसे खेल जिनमें भारत की ओलंपिक में पदक जीतने की संभावना है, को उच्च प्राथमिकता वाले खेलों की सूची में रखा गया है, जो इस प्रकार हैं- (i) एथलेटिक्स, (ii) बैडमिंटन, (iii) हॉकी, (iv) शूटिंग, (v) टेनिस, (vi) भारोत्तोलन, (vii) कुश्ती, (viii) तीरंदाजी (ix) मुक्केबाज़ी उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अलावा अन्य खेलों को राष्ट्रीय खेल महासंघ (National Sports Federations- NSF) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने, भारत में अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करने, राष्ट्रीय चैंपियनशिप और कोचिंग शिविरों का आयोजन कराने के लिये यह सहायता दी जाती है।

  • यह मेला केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) की दीन दयाल दयाल उपाध्‍याय योजना की एक पहल है जिसका उद्देश्‍य ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने,उत्पादों को बेचने और थोक खरीदारों के साथ सीधे संपर्क बनाने का अवसर प्रदान करना है। इसकी आयोजनकर्त्ता लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद है।
  • सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा या UPR संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के तत्त्वावधान में एक राज्य-संचालित प्रक्रिया है जिसमें सदस्य राज्यों को यह बताना पड़ता है कि उन्होंने मानवाधिकार संरक्षण तथा अपने दायित्वों को पूरा करने के लिये क्या कार्रवाई की है। अतः कथन 1 सही है।

एक समीक्षा चक्र साढ़े चार साल तक चलता है, जिसके दौरान सदस्य राज्यों के रिकॉर्ड की समीक्षा की जाती है। पहला चक्र 2008 से 2011 तक चला, जबकि तीसरा चक्र 2017 से चल रहा है। अतः कथन 2 सही नहीं है।

  • राष्ट्रीय युवा सम्मेलन(National Youth Summit)

7 सितंबर, 2019 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन पावन चिंतन धारा चैरिटेबल ट्रस्ट, गाजियाबाद की एक यूथ विंग ‘युवा जागृति मिशन’ ने किया। नोट: कभी-कभी परीक्षा में राष्ट्रीय युवा सम्मेलन और राष्ट्रीय युवा महोत्सव को लेकर संशय की स्थिति बन जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने दोनों पदों के संदर्भ में संक्षिप्त विवरण देने का प्रयास किया है।

राष्ट्रीय युवा महोत्सव(National Youth Festival)

स्वामी विवेकानंद की वर्षगाँठ मनाने के लिये प्रत्येक वर्ष किसी एक राज्य में 12-16 जनवरी तक राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है, इसे देश के युवाओं की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर ध्यान देने के लिये मनाया जाता है। इस दिन 25 युवाओं और एक युवा संगठन को, जिन्होंने समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य किया हो, को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।

  • तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक कार्य पुरस्कार 2018(Tenzing Norgay National Adventure Awards,2018) युवाओं में सहनशक्ति की भावना विकसित करने,जोखिम उठाने,टीमवर्क में सहयोग देने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में त्‍वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया तथा साहसिक गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु संबंधित क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों को मान्यता देने के लिये दिये जाते हैं।

ये पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए जाते हैं-

  1. भू साहसिक कार्य (Land Adventure)जल साहसिक कार्य(Water Adventure) वायु रोमांच (Air Adventure)जीवन पर्यंत उपलब्धि

व्यक्तियों के चयन के लिये सचिव (युवा मामले) की अध्‍यक्षता में एक राष्‍ट्रीय चयन समिति का गठन किया गया था। इन पुरस्कारों के तहत प्रतिमा, प्रमाण-पत्र और पाँच-पाँच लाख रुपए की नकद राशि प्रदान की जाएगी। समिति की सिफारिशों और उचित जाँच के बाद सरकार ने निम्‍नलिखित व्‍यक्तियों को पुरस्‍कार देने का निर्णय लिया है- क्र.सं. नाम श्रेणियाँ

  1. अपर्णा कुमार-भू साहसिक कार्य
  2. दीपांकर घोष-भू साहसिक कार्य
  3. मणिकंदन के.-भू साहसिक कार्य
  4. प्रभात राजू कोली-जल साहसिक कार्य
  5. रामेश्‍वर जांगड़ा-वायु साहसिक कार्य
  6. वांगचुक शेरपा-जीवन पर्यंत उपलब्धि
  • राष्ट्रीय युवा पुरस्कार-12 अगस्त,2019 को केंद्रीय खेल मामले एवं कार्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने एक समारोह के तहत एकल (15-29 वर्ष की आयु के बीच) एवं संगठनों को वर्ष 2016-17 का राष्ट्रीय युवा पुरस्कार (National Youth Award) प्रदान किया।

यह पुरस्कार विकास तथा स्वास्थ्य,मानवाधिकार संवर्द्धन,सक्रिय नागरिकता,समुदायिक सेवा इत्यादि जैसे समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य तथा योगदान के लिये प्रदान किया जाता है। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के युवा मामलों के विभाग द्वारा दिये गए पुरस्कारों का प्रमुख उद्देश्य युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय विकास एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता अर्जित करने के लिये प्रेरित करना तथा युवाओं में समुदाय के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिये उन्हें प्रोत्साहित करना है। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार समारोह के दौरान ‘भारतीय युवाओं की दृष्टि से चीन-2019’ पर एक फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। यह उन युवा प्रतिनिधियों द्वारा लिये गए चित्रों की प्रदर्शनी थी जिन्होंने हाल ही में चीन में युवा विनिमय कार्यक्रम में भाग लिया था। एकल पुरस्कार के तहत एक पदक, एक प्रमाणपत्र तथा 50 हज़ार रुपए की नकद राशि प्रदान की जाती है, जबकि युवा संगठन के तहत दिये जाने वाले पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाणपत्र एवं 2 लाख रुपए की नकद राशि शामिल होती है। ‘भारतीय युवाओं की दृष्टि से चीन-2019’ पर फोटो प्रदर्शनी के लिये भी तीन एकल पुरस्कार दिये गए। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2016-17 निम्नलिखित 20 खिलाड़ियों एवं तीन संगठनों को प्रदान किया गया

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2016-17 प्राप्तकर्त्ता संगठन वर्ग:

  1. ईको-प्रो बहुउद्देशियी संस्था (महाराष्ट्र)
  2. केयर एंड शेयर फाउंडेशन (मणिपुर)
  3. समुत्कर्ष युवा विकास नवयुवक मंडल (राजस्थान)

जनसांख्यिकी[सम्पादन]

हाल ही में जारी प्रजनन दर से संबंधित आँकड़ों में सामने आया है कि उच्च शिक्षा के साथ कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate-TFR) का संबंध काफी जटिल होता है और कई बार राज्य की संस्कृति प्रजनन दर को ज़्यादा प्रभावित करती है। यह एक सामान्य धारणा है कि महिलाओं का शैक्षिक स्तर जितना अधिक होता है प्रजनन दर उतनी ही कम होती है। किसी भी राज्य की संस्कृति का असर TFR पर भी देखने को मिलता है। उदाहरणस्‍वरूप तमिलनाडु की कम पढ़ी-लिखी महिलाओं के बीच कुल प्रजनन दर उत्तर प्रदेश की पढ़ी-लिखी महिलाओं के बीच प्रजनन दर से कम है।

  • आर्थिक गणना 2019:- 29 जुलाई,2019 को त्रिपुरा से 7वीं आर्थिक गणना के क्षेत्र कार्य की शुरुआत की जाएगी इसके बाद यह कार्य पुद्दुचेरी में किया जाएगा।

अन्य राज्यों/संघशासित प्रदेशों में क्षेत्र कार्य अगस्त/सितंबर, 2019 में शुरू होगा। इस कार्य के लिये आँकड़े एकत्रित करने उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने तथा इनके प्रसार हेतु विकसित मोबाइल एप्लीकेशन पर आँकड़े एकत्र करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) द्वारा इस कार्य में लगाए जाने वाले गणनाकारों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। यह गणना सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 2019 में कराई जा रही है। आँकड़े जुटाने, उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने तथा इनके प्रसार के लिए IT आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें परिवारों के उद्यमों, गैर-जोत कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं/सेवाओं (स्वयं के उपभोग के अलावा) के उत्पादन एवं वितरण की गणना की जाएगी।

रोजगार से संबंधित प्रश्न[सम्पादन]

  • सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिल्‍ली हाट में शिल्पोत्सव-2019 (Shilpotsav-2019) का आयोजन किया जा रहा है।

शिल्‍पोत्‍सव का उद्देश्‍य समाज के कमज़ोर वर्गों के शिल्पियों को प्रोत्‍साहन देना है। शिल्‍पोत्‍सव-2019 का आयोजन 1-15 नवंबर, 2019 तक किया जा रहा है। महोत्सव में शिल्प कारीगरों को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सर्वोच्च निगमों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। ये है- राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्‍त और विकास निगम (National Backward Classes Finance & Development Corporation- NBCFDC) राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त और विकास निगम (National Scheduled Caste Finance & Development Corporation-NSFDC) राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त और विकास निगम (National Handicapped Finance & Development Corporation- NHFDC) राष्‍ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्‍त और विकास निगम (National Safai Karamchari Finance & Development Corporation- NSKFDC) नेशनल ट्रस्‍ट (National Trust) महोत्सव में सिल्‍क साडियाँ, दरियाँ, सिले-सिलाए वस्‍त्र, मिट्टी के उत्‍पाद, जूट उत्‍पाद, ड्रैस मैटिरियल, कश्‍मीरी शॉल/स्‍टोल, संगमरमर की कलाकृतियाँ और हथकरघा आदि उत्‍पाद शामिल होंगे।

  • स्किल बिल्ड प्लेटफार्म(Skills Build platform) की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत कार्यरत प्रशिक्षण महानिदेशालय (Directorate General of Training- DGT) द्वारा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी IBM ( International Business Machines) के सहयोग से की गई।

इसके तहत IBM के सहयोग से आईटी नेटवर्किंग और क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग के लिये इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्‍टीट॒यूट तथा नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्‍टिटयूट द्वारा दो वर्ष का एडवांस डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। यह प्लेटफॉर्म छात्रों को MyInnerGenius (माई इनर जिनियस) के माध्यम से ज्ञान संबंधी क्षमताओं और व्यक्तित्व से संबंधित स्व-आकलन की सुविधा प्रदान करेगा।

यह प्लेटफॉर्म उन्नति और एडुनेट फाउंडेशन जैसे प्रमुख गैर सरकारी संगठनों की सहायता से शुरू किया गया है।

उद्देश्य

  1. छात्रों को डिजिटल प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल जैसे कि बायो-डेटा तैयार करना,समस्या समाधान और संचार संबंधी मूलभूत ज्ञान प्रदान करना है।
  2. यह पहल रोज़गार के लिये श्रम बल तैयार करने तथा नए कॉलर कॅरियर्स (New Collar Carriers) के लिए आवश्यक,अगली पीढ़ी के कौशलों का निर्माण करने की IBM की वैश्विक प्रतिबद्धता का अंग है।
  3. भारत में आजीवन शिक्षण संभव बनाने और भारत सरकार की स्किल इंडिया पहल के साथ समायोजन के प्रति IBM की संकल्पबद्धता को और सुदृढ़ करेगा।
  • युवाह पहल (Yuwaah initiative):- महिला और बाल विकास मंत्रालय ने यूनिसेफ (UNICEF) द्वारा चलाई गई युवाह पहल (YuWaah Initiative) को लॉन्च किया है।
इसका लक्ष्य 10 से 14 वर्ष के किशोरों हेतु शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा वर्ष 2030 तक निजी क्षेत्रों के साथ कार्य करके 50 मिलियन युवा महिलाओं तथा 50 मिलियन युवाओं को इच्छुक आर्थिक अवसर प्रदान कराना है।
विश्व के किशोरों की कुल जनसंख्या का 21% हिस्सा भारत में निवास करता है।

यह पहल भारत में लिंगानुपात की चुनौती को भी कम करने में मददगार साबित होगी। भारत इस प्रकार की पहल की शुरूआत करने वाला विश्व का पहला देश है।

यह पहल वर्ष 2018 में न्यूयॉर्क में हुए ‘ग्लोबल जनरेशन अनलिमिटेड’ (Global Generation Unlimited) आंदोलन से संबंधित है।
ग्लोबल जनरेशन अनलिमिटेड(Global Generation Unlimited)की शुरुआत वर्ष 2018 में UNICEF द्वारा की गई थी। यह सभी देशों को युवाओं की शिक्षा,कौशल और सशक्तीकरण हेतु समर्थन करने तथा विस्तार करने के लिये एक एजेंडा प्रदान करता है।
  • सरस आजीविका मेला(SARAS Aajeevika Mela)का आयोजन नयी दिल्ली के इंडिया गेट पर 10 से 23 अक्तूबर,2019 तक किया गया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीन दयाल उपाध्याय योजना की एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिला स्वंय सहायता समूहों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने, उत्पादों को बेचने और थोक खरीदारों के साथ सीधे संपर्क बनाने का अवसर प्रदान करना है।

आयोजनकर्त्ता:-लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद (Council for Advancement of People’s Action and Rural Technology-CAPART)। CAPART ग्रामीण विकास मंत्रालय की विपणन शाखा है। लाभ:-मेले के माध्यम से "'स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को शहरी ग्राहकों की मांग और रुचि को समझने के लिये राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मौका मिलेगा।

  • यूथ को:लैब(Youth Co:Lab) का शुभारंभ अटल नवाचार मिशन,नीति आयोग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)) के संयुक्त प्रयास से किया गया। भारत में युवाओं के नेतृत्व वाली सामाजिक उद्यमिता और नवाचार को गति देने के उद्येश्य के लिए लॉन्च किया गाया।

इसके माध्यम से युवा उद्यमियों और नवोन्मेषकों को सरकारों,मेंटरों,इन्क्यूबेटरों तथा निवेशकों के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा,साथ ही युवाओं का उद्यम कौशल संवर्द्धन भी होगा। साथ हीं इसके माध्यम से देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये नई दिल्ली, हैदराबाद, बंगलुरू और मुंबई जैसे कई शहरों में युवा संवादों का आयोजन किया जाएगा। यह लैब संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास फ्रेमवर्क (United Nations Sustainable Development Framework- UNSDF) के एक हिस्से के रूप में कार्य करेगी। इस लैब के क्रियान्वयन के पहले चरण में छह सतत् विकास लक्ष्यों (SDG)-

  • SDG 5 (लिंग समानता),
  • SDG 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता),
  • SDG 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा),
  • SDG 8 (निर्णय कार्य और आर्थिक विकास),
  • SDG 12 (संवहनीय उपभोग और उत्‍पादन- Sustainable Consumption and Production)
  • और SDG 13 (जलवायु कार्यवाही- Climate Action) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

यह लैब राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक नवाचार चुनौतियों का आयोजन करेगा,जिसमें 18-29 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं को आमंत्रित किया जाएगा और उनके द्वारा प्रस्तावित विचारों तथा समाधानों को प्रदर्शित करने के लिये स्टार्ट-अप का आयोजन किया जाएगा।

  • संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास फ्रेमवर्क(United Nations Sustainable Development Framework- UNSDF) नीति आयोग और संयुक्त राष्ट्र के समन्वय से संचालित एक पहल है। इसका उद्येश्य 2018-2022 के लिए भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के कार्य की रूपरेखा तैयार करना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा सरकार के परामर्श से चिह्नित किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण विकास कार्यों की उपलब्धि हेतु समर्थन सुनिश्चित करना है।

इस प्रकार की प्राथमिकताओं में नीति आयोग की तीन-वर्षीय कार्यसूची (वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक के लिये) और न्यू इंडिया 2022 जैसी पहलें शामिल हैं। UNSDF का संचालन भारत में नीति आयोग के अंतर्गत किया जाता है। UNSDF 2018-22 में सात प्राथमिक क्षेत्र शामिल हैं-

  1. गरीबी और शहरीकरण स्वास्थ्य
  2. जल और स्वच्छता
  3. शिक्षा और रोज़गार
  4. पोषण और खाद्य सुरक्षा
  5. जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा और आपदा तन्यता (Resilience)
  6. कौशल, उद्यमिता और रोज़गार सृजन
  7. लैंगिक समानता और युवा विकास

मोची स्वाभिमान पहल(Mochi Swabhimaan Initiative) केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री ने मोची स्वाभिमान पहल को शुरू करने की घोषणा की।

मोची स्वाभिमान पहल एक राष्ट्रव्यापी प्रयास है जिसके तहत चमड़ा क्षेत्र कौशल परिषद ( Leather Sector Skill Council-LSSC), कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (Corporate Social Responsiblity-CSR) फंड के माध्यम से चमड़ा आधारित सेवाएँ प्रदान करने वाले मोची समुदाय को समर्थन देगी। यह पहल मोची समुदाय के सम्मानजनक तरीके से कार्य करने में सहायक होगी। चमड़ा क्षेत्र कौशल परिषद (Leather Sector Skill Council- LSSC) इसकी स्थापना वर्ष 2012 में की गई थी। चमड़ा क्षेत्र कौशल परिषद भारत में चमड़ा उद्योग में कुशल कार्यबल की मांग को पूरा करने के लिये समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation-NSDC) से स्वीकृति प्राप्त है। अन्य प्रमुख बिंदु चमड़े के वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 13% है। भारत की GDP में चमड़ा उद्योग का योगदान 1% से कम है, जबकि फुटवियर उद्योग भारत के GDP में लगभग 2% योगदान देता है।

गवर्नेंस गोल्ड अवॉर्ड SKOCH आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के फ्लैगशिप अभियान दीनदयाल अंत्‍योदय योजना - राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY- NULM) को प्रतिष्ठित ‘गवर्नेंस गोल्ड अवॉर्ड SKOCH’ से सम्मानित किया गया है।

नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब में हुए एक कार्यक्रम के दौरान DAY-NULM हेतु सस्ता कर्ज़ एवं ब्याज अनुदान पहुँच यानी PAiSA [Portal for Affordable Credit and Interest Subvention Access] पोर्टल को यह पुरस्कार दिया गया है। नवंबर 2018 में शुरू हुआ PAiSA एक केंद्रीकृत आईटी प्लेटफॉर्म है। इस मिशन के तहत ब्याज अनुदान जारी करने को यह सरल एवं सुव्यवस्थित बनाता है। यह बैंकों द्वारा प्रक्रिया शुरू होने यानी प्रोसेसिंग, भुगतान, निगरानी और ब्याज अनुदान के दावों की ट्रैकिंग के लिये मासिक आधार पर शुरू से अंत तक ऑनलाइन समाधान उपलब्ध कराता है। स्वरोज़गार कार्यक्रम के लाभार्थियों से संबंधित अनुदान के दावों को बैंकों द्वारा कोर बैंकिंग समाधान के ज़रिये अपलोड किया जाता है, जो संबंधित ULB और राज्यों द्वारा सत्यापित और मंज़ूर किये जाते हैं। स्वीकृत दावे की राशि DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थी के कर्ज़ खाते में चली जाती है। अनुदान राशि के खाते में पहुँचने की सूचना लाभार्थी को उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजकर भी दी जाती है। इलाहाबाद बैंक द्वारा इस पोर्टल को डिज़ाइन और विकसित किया गया है। अभी तक 28 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश और 21 सरकारी बैंक, 18 प्राइवेट बैंक तथा 35 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों समेत 74 बैंक इस पोर्टल में शामिल किये जा चुके हैं। PAiSA के ज़रिये अब तक लगभग 1.50 लाख लाभार्थियों को लगभग 27 करोड़ रुपए के ब्याज अनुदान का भुगतान किया गया है।

पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजनाNorth-East Rural Livelihood Project (NERLP) पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका मिशन (NERLP) के अंतर्गत चार राज्यों मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाकर उनकी आजीविका में सुधार किया गया है।

इस परियोजना के तहत 11 ज़िलों में 58 विकास खंडों के अंतर्गत 1,645 गाँवों के लगभग 300,000 लोगों को शामिल किया गया। इस परियोजना के तहत कौशल विकास और नियोजन में 10462 युवक-युवतियों को विभिन्न नौकरियों हेतु प्रशिक्षण दिया गया जिनमें से वर्तमान में लगभग 5,494 लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। NERLP विश्व बैंक से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु विकास मंत्रालय के अंतर्गत 683 करोड़ रुपए (144.4 मिलियन अमरिकी डॉलर) की बहु-राज्यीय आजीविका परियोजना है। पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (NERLP) इसकी शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी। इस परियोजना को मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा तथा सिक्किम के 11 ज़िलों में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बेरोज़गार युवकों और वंचितों की आजीविका में सुधार लाना है। इस परियोजना में सामाजिक सशक्तीकरण, आर्थिक सशक्तीकरण, साझेदारी विकास परियोजना प्रबंधन तथा आजीविका एवं मूल्य श्रृंखला विकास पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है।

आंध्र प्रदेश का उद्योग/कारखाना अधिनियम, 2019 इस विधेयक के पारित होने से आंध्र प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहाँ निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। विधेयक के अनुसार, निजी औद्योगिक नौकरियों में आंध्र प्रदेश के स्थानीय युवाओं के लिये 75% कोटा निर्धारित किया गया है। विधेयक में कहा गया है कि यदि किसी औद्योगिक इकाई को कुशल स्थानीय श्रमिक नहीं मिल पाते हैं तो उस औद्योगिक इकाई को राज्य सरकार के सहयोग से स्थानीय लोगों को कार्य के लिये प्रशिक्षित करना होगा। सभी उद्योगों को इस कार्य को पूरा करने के लिये 3 वर्ष का समय दिया गया है।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार, 2019 (National Entrepreneurship Awards, 2019) के चौथे संस्‍करण की घोषणा की। इसके लिये प्रतिभाशाली उद्यमियों की नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी गई है। राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार, 2019 का उद्देश्‍य पहली पीढ़ी के प्रतिभाशाली युवा उद्यमियों एवं उद्यमिता पारिस्थितिकी निर्माताओं को उद्यमिता विकास में उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिये सम्‍मानित करना है। भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार के ज़रिये सर्वाधिक अभिनव, प्रेरणादायक और निपुण छोटे उद्यमियों को अपना व्‍यवसाय बढ़ाने के लिये पुरस्कृत किया जाएगा। इस पुरस्‍कार समारोह का आयोजन 9 नवंबर, 2019 को किया जाएगा। इसके अंतर्गत कुल 45 पुरस्‍कार प्रदान किये जाएंगे, जिनमें उद्यमों के लिये 39 पुरस्‍कार और उद्यमिता पारिस्थितिकी निर्माताओं के लिये 6 पुरस्‍कार शामिल हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा आयोजित भव्‍य पुरस्‍कार समारोह में विजेताओं का अभिनन्‍दन किया जाएगा और उद्यम/व्‍यक्ति को एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र तथा 5 लाख रुपये का नकद पुरस्‍कार एवं संगठन/संस्‍थान को 10 लाख रुपए का नकद पुरस्‍कार दिया जाएगा। पुरस्कार की पात्रता के लिये शर्तें नामित उद्यमी की उम्र 40 वर्ष से कम होनी चाहिये। उन्‍हें प्रथम पीढ़ी का उद्यमी होना चाहिये। नामित उद्यमी के पास अनिवार्य रूप से 51 प्रतिशत अथवा उससे अधिक इक्विटी के साथ-साथ व्‍यवसाय का स्‍वामित्‍व होना चाहिये। महिला उद्यमियों के पास संयुक्‍त रूप से उद्यम की 75 प्रतिशत या उससे अधिक इक्विटी होनी चाहिये।

7 अगस्त, 2019 को 5वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया गया।

भारत के हथकरघा उद्योग पर रोशनी डालने के लिये प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को यह दिवस मनाया जाता है। प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय की शताब्दी के अवसर पर किया था। इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में इसलिये चुना गया, क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिये वर्ष 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था। इसका उद्देश्य देश के सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघे का योगदान और बुनकरों की आमदनी में वृद्धि करना तथा घरेलू उत्पादों एवं उत्पादन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। केंद्रित वस्त्र तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर में किया गया। हथकरघे की समृद्ध परंपरा के कारण भुवनेश्वर को मुख्य आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है। भारत के बुनकरों की 50 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बसती है और इनमें से अधिकांश महिलाएँ हैं। भुवनेश्वर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना है।

Project LIFE-MGNREGA को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015-16 में मनरेगा के तहत शुरू किया गया।

इसके तहत 15 से 35 आयु वर्ग के मज़दूरों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

इसके तहत प्रशिक्षण के दौरान हुई मज़दूरी की भरपाई हेतु वज़ीफे (stipend) का भुगतान नहीं किया जाता है।

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (National Rural Economic Transformation Project- NRETP) को मंज़ूरी दी है।

गौरतलब है कि विश्व बैंक से ऋण सहायता (International Bank for Reconstruction and Development- IBRD Credit) के ज़रिये दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन [Deendayal Antyodaya Yojana- National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)] के तहत ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (National Rural Economic Transformation Project- NRETP)’ को कार्यान्वित किया जाएगा। क्या होंगे लाभ?

राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (NRETP) द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता एवं परियोजना द्वारा सुगम कराए जाने वाले उच्च स्तरीय उपायों से आजीविका संवर्द्धन एवं वित्तीय सुविधा में बढ़ोतरी होगी तथा डिजिटल वित्त एवं आजीविका युक्तियों से संबंधित पहलों को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (NRETP) के तहत वित्तीय समावेशन के वैकल्पिक माध्यमों का मार्गदर्शन करने, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रृंखला सृजित करने से संबंधित पहलों को बढ़ावा देने के लिये नवोन्मेषी परियोजनाएँ आरंभ की जाएंगी।

सन्दर्भ[सम्पादन]