सामान्य अध्ययन २०१९/सरकारी योजनाएँ

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सामान्य अध्ययन २०१९
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अंगीकार' अभियान और ई-कोर्स की शुरुआत केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने 29 अगस्त, 2019 को प्रबंधन परिवर्तन के लिये एक अभियान 'अंगीकार' तथा भारत के अतिसंवेदनशीलता एटलस भारत की अतिसंवेदनशीलता एटलस यानी वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया (Vulnerability Atlas of India) पर ई-कोर्स की शुरुआत की है।

'अंगीकार' अभियान प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिये अंगीकार अभियान शुरू किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) [Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban) PMAY (U)] के तहत बनाए गए घरों को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के लिये जल एवं ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, सफाई एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों पर सामुदायिक लामबंदी और आयात निर्यात कोड (Import Export Code- IEC) गतिविधियों के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया गया है। यह अभियान उपरोक्त विषयों को देखने वाले अन्य मंत्रालयों की योजनाओं एवं मिशनों के साथ मिलकर चलाया जाएगा। इसमें PMAY (U) के लाभार्थियों को गैस कनेक्शन देने के लिये विशेष रूप से उज्ज्वला और स्वास्थ्य बीमा हेतु आयुष्मान भारत पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अंगीकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से मिशन के सभी लाभार्थियों तक पहुँचना है। सभी लक्षित शहरों में यह अभियान प्रारंभिक चरण के बाद महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर, 2019 को शुरू होगा। 10 दिसंबर, 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन किया जाएगा। इस अभियान में डोर-टू-डोर गतिविधियों, वार्ड एवं शहर स्तर के कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा। ई-कोर्स स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning & Architecture- SPA), नई दिल्ली तथा भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन परिषद (Building Materials & Technology Promotion Council- BMTPC) के सहयोग से अतिसंवेदनशीलता एटलस यानी वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया पर ई-कोर्स की शुरुआत की गई है। यह एक अनूठा कोर्स है जो प्राकृतिक खतरों के बारे में जागरूकता एवं समझ प्रदान करता है। यह विभिन्न खतरों (भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, बाढ़ आदि) को देखते हुए अति संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है और मौजूदा आवासों के नुकसान के जोखिम को स्पष्ट रूप से (ज़िलेवार) बताता है। यह ई-कोर्स वास्तुकला अर्थात् आर्किटेक्चर, सिविल इंजीनियरिंग, शहरी एवं क्षेत्रीय योजना, आवास एवं बुनियादी ढाँचा योजना, निर्माण इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन और भवन एवं सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में आपदा शमन तथा प्रबंधन के लिये एक प्रभावी व कुशल साधन हो सकता है।


भवनों के लिये QR कोड हरियाणा सरकार ने राज्य में सभी निर्मित संरचनाओं/घरों के बाहर लगाई गई धातु की प्लेटों पर विशिष्ट संपत्ति पहचान के लिये 18-अंकीय क्विक रेस्पॉन्स (QR) कोड स्थापित करने की महत्त्वाकांक्षी परियोजना को लागू करना सुनिश्चित किया है।

इसका तात्पर्य मकानों के बाहर धातु की प्लेटों पर डिजिटल नंबर स्थापित करना है। इस प्रणाली के परिणामस्वरूप संपत्ति आधारित कर राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा। इस संपत्ति कर संग्रह तंत्र के माध्यम से भविष्य के विकास के लिये शहरी स्थानीय निकायों हेतु धन में वृद्धि होगी। साथ ही यह भवन/संरचना के किसी भी परिवर्तन के मामले में निवासियों को तेज़ी से निर्माण की मंज़ूरी एवं भूमि उपयोग में बदलाव के लिये सक्षम बनाएगा। सरकार ने राज्य में सभी आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, संस्थागत और खाली संपत्तियों का विश्लेषण करने के लिये ड्रोन आधारित भौगोलिक सूचना सर्वेक्षण (GIS) शुरू कर दिया है। राज्य सरकार इस साल के अंत तक QR कोड बनाकर स्थापित करेगी।

QR कोड QR कोड का पूरा नाम क्विक रेस्पॉन्स (Quick Response) कोड होता है। इन्‍हें क्विकली रीड करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक ऐसा कोड है जो मशीन के द्वारा ही पढ़ा जा सकता है। यह कोड काले और सफ़ेद रंग से बने एक डिब्बे के आकर का होता है। QR कोड को 2D बारकोड भी कहा जाता है।


सौभाग्य' (Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana ‘Saubhagya’) योजना केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। सौभाग्य योजना का शुभारंभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया था। हाल ही में 'सौभाग्य' योजना ने अपनी निर्धारित समय-सीमा पूरी कर ली है, परंतु बिजली मंत्रालय के एक अनुमान के मुताब़िक देश में अभी भी 1.5 लाख घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन नहीं है। केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य एक निश्चित समयावधि में देश के सभी घरों तक बिजली पहुँचाना था। सर्वप्रथम सितंबर 2017 में आरंभ इस योजना को दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बाद में इसकी समयावधि को 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया।

30 जून, 2020 तक पूरे देश में ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (One nation-one ration card) योजना लागू करने की घोषणा की गई है।यह योजना केंद्रीय उपभोक्‍ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत लाई गई है।

‘जल शक्ति’ अभियान केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने पानी की कमी से जूझ रहे देश के 255 ज़िलों में वर्षा जल के संचयन और संरक्षण हेतु 1 जुलाई, 2019 से की शुरू करने की घोषणा की है। इस अभियान को दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जबकि उत्तर-पूर्व मानसून से वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 अक्तूबर से 30 नवंबर तक संचालित किया जाएगा। इसके अंतर्गत गंभीर रूप से जल स्तर की कमी वाले 313 ब्लॉक शामिल किये जाएंगे। 1,186 ऐसे ब्लॉक भी शामिल किये जाएंगे जहाँ भूजल का अत्यधिक दोहन हुआ है। साथ ही 94 ज़िले ऐसे हैं जहाँ भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है।


केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (National Rural Economic Transformation Project- NRETP) को मंज़ूरी

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रारंभ इस योजना का उद्येश्य मूल्य-श्रृंखलाओं में महिलाओं के स्वामित्व तथा नेतृत्व वाले कृषि और गैर-कृषि उद्यमों को बढ़ावा देना ।
  • विश्व बैंक से ऋण सहायता (International Bank for Reconstruction and Development- IBRD Credit) के ज़रिये दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यान्वित किया जाएगा।[१]
  • इसके द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता एवं परियोजना द्वारा सुगम कराए जाने वाले उच्च स्तरीय उपायों से आजीविका संवर्द्धन एवं वित्तीय सुविधा में बढ़ोतरी होगी तथा डिजिटल वित्त एवं आजीविका युक्तियों से संबंधित पहलों को बढ़ावा मिलेगा।
  • इसके तहत वित्तीय समावेशन के वैकल्पिक माध्यमों का मार्गदर्शन करने, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रृंखला सृजित करने से संबंधित पहलों को बढ़ावा देने के लिये नवोन्मेषी परियोजनाएँ आरंभ की जाएंगी।
e-Dharti एप[सम्पादन]
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा लॉन्च इस एप में भू-संपत्ति से जुड़े सभी तीन कार्यों-रूपांतरण,प्रतिस्थापन और उत्परिवर्तन (Conversion, Substitution and Mutation) को ऑनलाइन कर दिया गया है।
  • इसके बाद लोग भूमि और विकास कार्यालय (L&DO) की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और उन्हें पुन: सबमिशन के लिये L&DO के कार्यालय में जाने की ज़रुरत नहीं है।
  • भूमि और विकास कार्यालय ( L&DO) में भुगतान प्रणाली को भी डिजिटल कर दिया गया है।
  • स्वदेश निर्मित नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card-NCMC), वन नेशन वन कार्ड (One Nation One Card) लॉन्च किया है।
  • राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति के हिस्से के रूप में परिकल्पित इस कार्ड को अहमदाबाद मेट्रो ट्रेन सेवा के पहले चरण के उद्घाटन के दौरान लॉन्च किया गया।
  • यह कार्ड देश भर में लोगों को मेट्रो सेवाओं और टोल टैक्स समेत कई तरह के परिवहन शुल्कों का भुगतान करने में सक्षम बनाएगा।
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के अंतर्गत।
  • तकनीकी रूप से रुपे कार्ड पर निर्भर इस कार्ड से धारक पैसा भी निकाल सकेंगे।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2019 से आगे के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) चरण- II के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है।
  • PMAY-G चरण- II के तहत सरकार ने 2022 तक 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है।
  • PMAY-G चरण-II 2019-20 तक PMAY-G चरण-l के मौजूदा मानदंडों के अनुसार जारी रहेगा जिसके तहत 60 लाख घरों का लक्ष्य है।
  • 2016 में शुरू की गई PMAY-G योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी बेघर, कच्चे और जीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं से लैश पक्के मकान प्रदान करना है।


प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (Pradhan Mantri Khanij Kshetra Kalyan Yojana-PMKKKY) का क्रियान्वयन ज़िला खनिज फाउंडेशन (District Mineral Foundations-DMF) द्वारा किया जाता है। इस योजना के संचालन के लिये DMF खनिकों से एकत्रित धन का उपयोग करता है। DMF को केंद्रित खनन कानून, खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (MMDR) 1957, जिसमें वर्ष 2015 में संशोधन किया गया था, के तहत मान्यता प्राप्त है। DMF एक गैर-लाभकारी स्वायत्त ट्रस्ट है, जो खनन संबंधी संचालन से प्रभावित प्रत्येक ज़िले के समुदायों के हितों की रक्षा करता है और उन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को लाभ पहुँचाने का कार्य करता है। योजना के तहत 60% धनराशि का उपयोग उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे- पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, शिक्षा, कौशल विकास, महिलाएँ और बाल देखभाल, वृद्ध एवं विकलांग लोगों के कल्याण तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये किया जाएगा। 40% धनराशि का उपयोग अन्य प्राथमिक क्षेत्रों में जैसे - भौतिक अवसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा और वाटरशेड विकास के लिये किया जाएगा।

  • कालिया योजनाओडिशा राज्य द्वारा लागू।

इसके तहत राज्य में गरीबी को कम करने और कृषि क्षेत्र तथा उससे संबंधित गतिविधियों में तेज़ी लाने हेतु तीन वर्षों के दौरान लगभग 10,180 करोड़ रूपए खर्च किये जाएंगे। इस योजना को कृषि ऋण माफी के एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

  • प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना

योजना के तहत सरकार नियोक्ता (employer) के योगदान का पूरा 12 प्रतिशत का भुगतान कर रही है। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund) और कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme) दोनों शामिल हैं। सरकार का यह योगदान उन नए कर्मचारियों के संबंध में तीन वर्षों के लिये है, जिन्हें EPFO में 01 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद पंजीकृत किया गया हो तथा जिनका मासिक वेतन 15 हज़ार रुपए तक है। इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ यह है कि श्रमिकों को भविष्य निधि, पेंशन और डेथ लिंक्ड बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त होता है।

  • गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जी.ई.एम.) के तहत ‘वुमनिया ऑन जी.ई.एम.’ पहल की शुरुआत महिला उद्यमियों और महिला स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न सरकारी मंत्रालयों, विभागों एवं संस्थानों को सीधे हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा, सहायक सामग्री, जूट उत्पाद, घरों के साज-सजावट के सामान तथा ऑफिस कार्यालय के सामानों की बिक्री करने में सहायता पहुँचाने के लिये की गई है।
  • वुमनिया ऑन जी.ई.एम. महिला उद्यमियों के लिये स्थानीय आर्थिक अवसरों को बढ़ाएगा और इससे संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य 5 : ‘लैंगिक समानता हासिल करने और सभी महिला एवं लड़कियों को सशक्त करने’ के लक्ष्य और उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की प्रमुख योजना के रूप में देश में विषयगत सर्किट के विकास हेतु 2014-15 में योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर शुरू की गई।

इस योजना के तहत 15 विषयगत सर्किटों की पहचान की गई है जो इस प्रकार हैं- बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, रेगिस्तानी सर्किट, इको सर्किट, धरोहर सर्किट, हिमालयन सर्किट, कृष्णा सर्किट, उत्तर-पूर्व सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, ट्राइबल सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट

  • सिक्किम सरकार ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income-UBI) को कार्यान्वित करने का प्रस्ताव रखा है।

UBI एक न्यूनतम आधारभूत आय की गारंटी है, जो प्रत्येक नागरिक को बिना किसी न्यूनतम अर्हता के आजीविका के लिये हर माह सरकार द्वारा दी जाएगी। यह बिना किसी शर्त के सभी को प्राप्त अधिकार है तथा इसके लिये व्यक्ति को केवल भारत का नागरिक होना ज़रूरी होगा।

  • नो इंडिया प्रोग्राम (Know India Programs-KIP) भारतीय राज्यों के साथ साझेदारी में विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक 25 दिवसीय उन्मुखीकरण (Orientation) कार्यक्रम है।

इसका उद्देश्य भारत के 18 से 30 वर्ष की आयु के भारतीय प्रवासी लोगों को भारत से जोड़ना है।

  • टाइम बैंक’ योजना के तहत, लोग अपने समय की बचत करते हैं तथा उन बुजुर्गों की मदद के लिये स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते हैं जिन्हें मदद की आवश्यकता होती है।
  • केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत 6 प्रमुखतम योजनाएँ हैं-

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (National Social Assistance Programme) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Program) अनुसूचित जाति के विकास के लिये समग्र योजना (Umbrella Scheme for Development of Scheduled Castes) अनुसूचित जनजाति के विकास के लिये समग्र कार्यक्रम (Umbrella Programme for Development of Scheduled Tribes) अल्पसंख्यकों के विकास के लिये समग्र कार्यक्रम (Umbrella Programme for Development of Scheduled Tribes) अन्य अल्पसंख्यक समूहों के विकास के लिये समग्र कार्यक्रम (Umbrella Programme for Development of Other Vulnerable Groups)

  1. https://projects.worldbank.org/en/projects-operations/project-detail/P166745?lang=en