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हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन)/माई साँवरे रंग राँची

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हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन)
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माई साँवरे रंग राँची



माई सावरे रंग रांची।।टेक।।

साज सिंगार बांध पग घुंघुर लोकजाल तज णाची।

गया कुमत लया साधा श्याम प्रीत जग सांची।।

गाया गाया हरि गुण निसदिन, काल ब्याल री बांची।

स्याम वीणा जग खारा लागा,जगरी बाता कांची।

मीरा सिरी गिरधर नट नगर भगति रसीली जाची।।