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हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन)/माई री म्हा नियाँ

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हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन)
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माई री म्हा नियाँ


माई री म्हा लियाँ गोविन्दाँ मोल।।टेक।।

थें कह्याँ छाणे म्हाँ काचोड्डे, लियाँ बजन्ता ढोल।

थें कह्याँ मुँहौधो म्हाँ कह्याँ सुस्तो, लिया री तराजाँ तोल।

तण वाराँ म्हाँ जीवन वाराँ, वाराँ अमोलक मोल।

मीराँ कूँ प्रभु दरसण दीज्याँ, पूरब जणम को कोल।।