हिंदी पत्रकारिता/आचार संहिता
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प्रेस परिषद् अधिनियम, 1978 की धारा 13.2(ख) द्वारा परिषद् को समाचार कर्मियों की सहायता तथा मार्गदर्शन हेतु उच्च व्ययवसायिक स्तरों के अनुरूप समाचार-पत्रों, समाचार एजेंसियों और पत्रकारों के लिये आचार संहिता बनाने का व्यादेश दिया गया है। पत्रकारों के लिए अपनाई गई आचार संहिता इस प्रकार है -
- पत्रकारिता जनमत के निर्माण के लिए एक प्राथमिक उपकरण है,इसलिए पत्रकारों का यह कर्तव्य है कि वह इसे एक ट्रस्ट या दायित्व समझे और जनहित की सेवा तथा रक्षा के लिए हमेशा तैयार और इच्छुक रहें।
- अपने कर्तव्य का पालन करते समय पत्रकार मानव के मूलभूत और सामाजिक अधिकारों को उचित महत्व देंगे और समाचारों की रिपोर्ट देते समय उन पर टिप्पणी करते समय सद्भाव और न्यायप्रियता का ध्यान रखेंगे।
- समाचारों और तथ्यों को ईमानदारी से संग्रह करने और प्रकाशन करने की स्वाधीनता तथा उचित टिप्पणी और आलोचना करने का अधिकार ऐसी सिद्धांत है, जिन्हें प्रत्येक पत्रकार को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए।
- सभी सूचना और प्रकाशित टिप्पणियों के लिए दायित्व स्वीकार किया जाएगा। यदि दायित्व स्वीकार नहीं किया जा रहा है, तो पहले से ही स्पष्ट रूप से प्रकट कर दिया जाएगा।
- पत्रकार उन समाचारों और टिप्पणियों पर नियंत्रण रखेंगे, जिनसे तनाव बढ़ता है और हिंसा को प्रोत्साहन मिल सकता है।
- पत्रकार अपने पेशेवर आचरण को निजी हितों से प्रभावित नहीं होने देंगे।
- समाचार-पत्रों में निजी विवादों को जारी रखना, जब कोई सार्वजनिक प्रश्न-मुद्दा न हो, पत्रकारिता की परंपरा के विरुद्ध है।