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हिंदी पत्रकारिता/प्रसार भारती

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प्रसार भारती

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प्रसार भारती देश में सार्वजनिक प्रसारण सेवा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन इसके दो घटक है। लोगों को सूचना, शिक्षा तथा मनोरंजन प्रदान करने और रेडियो पर प्रसारण का संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए 23 नवम्बर 1997 को प्रसार भारती का गठन किया गया।प्रसार भारती बिल 1989 ई. में संसद में पेश किया गया। इसे प्रस्तुत करते हुए तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से इलेक्ट्रानिक मीडिया सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो जाएगा तथा सही अर्थों में यह भारत के लोगो का प्रतिनिधित्व स्वर बनेगी।1989 में लाया गया प्रसार भारती बिल मुख्यतः 1978 के वर्गीज कमिटी पर ही आधारित था। वर्गीज कमिटी की रिर्पोट में जोर इस बात पर था कि एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे भविष्य में संचार माध्यमों का दुरूपयोग न हो सके तथा प्रसारण की स्वायत्ता के लिए वैधानिक प्रावधान की बात करता है। प्रसार भारती बिल 1990 में पारित किया गया लेकिन इसे लागू करने से पूर्व ही सरकार गिर गई। जिसके कारण एक लम्बें अन्तराल के बाद 1997 में प्रसार भारती कानून लागू हुआ। प्रसार भारती अधिनियम 1990 में वर्णित प्रसार भारती निगम के प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार है---

  1. देश की एकता एवं अखण्डता को बढ़ावा देना।
  2. संविधान में वर्णित मूल्यों को बनाए रखना।
  3. जनहित के सभी मामलों के बारे में जानकारी प्रदान करना।
  4. शिक्षा एवं सारक्षता का प्रचार-प्रसार करना।
  5. समाज के जरुरतमन्द लोगों के हितों के बारे में जागरूकता पैदा करना।